हैलो.. मेरी चुदाई की कहानी को पढ़ कर चुदक्कड़ भाभियों और जवानी के मज़े लूटने को बेताब कमसिन लड़कियों, चलो अब सबको मेरी इस चुदाई की कहानी में आगे मजा लेते हैं।
हम दोनों दोपहर को उठे, वो नहाने चली गई थी। मैं भी उठ कर शीशे में उसके दिखते बिम्ब को निहार रहा था।
दिव्या- अमित शीशे में से ऐसे मत देखो, अजीब लग रहा है।
तभी मैंने उसका तौलिया खींचा और उसके पीछे से चिपक कर उसका कंधा चूमा और बोबे थाम कर कहा- यू आर सो हॉट एंड ब्यूटिफुल डार्लिंग।
दिव्या कहती- काश मेरा हज़्बेंड मेरी कदर करता, कभी-कभी लगता है कि क्या साली लाइफ हो गई है।
मैं- ऐसा क्यों सोचती हो.. लाइफ में आगे बढ़ो। यह बता तुझे अच्छा लगता है तू अपने मन की कर रही है ना.. एकदम आज़ाद भी है।
दिव्या- हाँ अमित, लेकिन कभी लगता है कि सेटल होती तो अच्छा रहता ना, दुनिया की नज़र में मेरा इस नाजायज़ तरीके से रहना..
मैं उसकी बात काटते हुए बोला- चुप.. ऐसा नहीं बोलते और ये तो अच्छे वाले दिन हैं।
उसने कहा- हाँ.. पर थोड़ी मोटी लग रही हूँ ना?
मैंने उससे कहा- आज भी तू कहीं से मोटी नहीं लगती, कुंवारों से पूछ.. कितनी पर्फेक्ट लगती है.. तू आज भी कॉलेज में चली जा.. कितने लड़के बाथरूम में अपना माल भर दें।
दिव्या शर्मा के बोली- हट बेशरम, वैसे आई नो आई एम हॉट!
फिर वो हंसते हुए बोली- आज मैं वन पीस पहनूंगी विद नो इनर!
मैं- उफ आग लगाने का प्लान है क्या?
दिव्या- शायद..
फिर वो तैयार हुई.. उसने एक मस्त वन पीस ड्रेस घटनों तक वाला पहना।
मैंने उसे देखते ही लिपटा लिया।
कहती- चलो घूमने चलते हैं।
मैंने कहा- थोड़ा रुक तो।
बोली- नो अमित.. चलो।
फिर हम घूमने निकले, मस्ती करते हुए वो खुश थी। वहाँ एक हिलपॉइंट पर आए उधर मस्त ठंड थी, तो वो मुझसे लिपट कर चल रही थी। मैंने वहाँ मूड बनाते हुए उसकी गांड में उंगली की तो पता चला कि उसने कच्छी भी नहीं पहनी थी।
वो कातिल स्माइल देते हुए बोली- यू नो, आई एम टू हॉट..!
दोस्तो फिर हम कोने में जाकर चूमने और बोबे दबाने का कार्यक्रम करते रहे लेकिन चुदाई नहीं की।
वहाँ ऊटी में बहुत अच्छी वादियां.. वादियों में ठंडा मौसम और इतनी गरम भाभी मेरे साथ, वाउ दोस्तो समझ सकते हो कि मेरी क्या हालत हो रही होगी।
वहाँ मैंने उसको एक गोल्ड चैन गिफ्ट की, वो बहुत खुश हुई।
रात को हमने रिज़ॉर्ट पर आकर रेस्टोरेंट में दारू पी.. फिर हल्का सा नशा हुआ तो डांस भी किया।
मैंने डांस करते हुए उसकी ड्रेस उठा ली और पिछाड़ी सहलानी शुरू कर दी। वो मुझे कातिल नज़रों से देख रही थी।
लोग उसको देख कर पागल हो रहे थे। फिर हम रूम पर आने को निकले, रास्ते में उसको बहुत चढ़ गई थी। फिर वो अपना ड्रेस उतार कर फेंकने को हुई और मुझे चूमने लगी।
मुझे लगा कि अब यह आउट ऑफ कंट्रोल हो गई है। मैं उसको जल्दी रूम पर लेकर आया और उसको लिटा कर उसकी ड्रेस निकाल दी। वो मेरे सामने बोबे मसलने लगी जैसे मुझे टीज़ कर रही हो।
मैंने फिर माहौल और गरमाने को उसे रोल प्ले शुरू किया, मैंने उसको एक कॉलगर्ल का रोल दिया और मैं एक कस्टमर बना।
उसने खेल शुरू किया, पहले आँख मारी।
होंठ दबा कर बोली- राजा ठंड बहुत है ऊटी में, आजा थोड़ा मजा ले ले।
मैंने लंड सहला कर कहा- हाँ ठंड तो बहुत है.. मजा लेने को कुछ दिखा तो पहले!
उसने अपने एक बोबा पकड़ा और कहती कि तरबूज़ के रस से भरी पड़ी मेरी चुची तेरे मुँह में आने को टाइट हो रही है राजा.. आजा चूस ले।
उसने मेरा हाथ अपनी चुची पर रखा तो मैंने मसल दी।
उसने कहा- आउच आराम से दबा राजा!
मैंने चुची की घुंडी मरोड़ी तो सिसिया दी- उफ़फ्फ़ आउच.. राजा तू बहुत सितम करता है।
मेरी हंसी निकल गई।
फिर उसने कहा- देख ना राजा.. चुत कितनी गरम हो रही.. भट्टी की तरह.. तेरा रॉड लेने को लपलप कर रही है।
मैंने हाथ से चूत सहलाई.. फिर एक उंगली अन्दर डाल दी।
मैंने कहा- कितना लेगी?
कहती- बस 10000..
मैंने कहा- बहुत ज़्यादा हैं।
कहती- माल भी तो देखो ना राजा..
‘इसमें क्या स्पेशल है..?’
उसने अपनी गांड दिखाई और बोबे एक साथ पकड़ कर बोली- देख माल है।
मैंने कहा- ठीक है.. तू उतार मेरे कपड़े और शुरू हो जा..
उसने शुरू किया.. पहले ही लंड पकड़ कर बोली- राजा बड़ा टाइट रॉड है, आराम से करना।
मैंने कहा- मुझे जंगली खेल पसंद है।
कहती- मतलब फाड़ देगा मेरी तू..
फिर उसने चूमते-चूमते मेरी शर्ट उतारी और छाती पर हाथ फेर कर कहती- बड़ा मस्त मर्द है तू.. तेरी छाती बताती है।
मैंने उसका बोबा पकड़ कर कहा- मस्त तो तेरे ये हैं.. खूब दूध भरा है इनमें..
फिर उसने मेरा लंड मुँह में लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरू किया। मैं उसके बोबे दबा रहा था।
फिर मैंने उसको अचानक से खड़ा किया और कहा- देख आज थोड़ा वाइल्ड गेम रहेगा.. मैं बहुत गर्म हूँ।
उसने कहा- शौक से चोद लो राजा।
फिर मैंने लंड पेल दिया और उसकी एक चुची मुँह में लेकर चूसता रहा.. काटता रहा।
मैंने खड़े-खड़े ही उसका दो बार पानी निकाल दिया।
फिर शाम को हम बार में बैठे थे। वो लौंडे ताड़ कर कहती कि यार ऊटी की ठंड में कितने गर्म लंड घूम रहे हैं।
मैंने कहा- और क्या.. देख पहाड़ी गोरियां भी क्या मस्त फिगर वाली हैं।
उसने मुझसे कहा- अमित मुझे एक तलब हो रही है.. मुझे सैंडविच गेम करना है।
मैं हैरान था, मैंने कहा- अब एक और लंड कहाँ से लाऊँ.. तू ही देख ले कहीं प्राब्लम ना हो जाए।
कहती- कुछ भी कर ना अमित..!
मैंने कहा- कोई बात नहीं.. मैं ढूँढ कर पकड़ के डलवाता हूँ तेरे छेद में..!
वो खुशी से उछली और मुझसे चिपक कर मेरे होंठों पर पप्पी करती हुई बोली- लव यू राजा, तेरी फैंटेसी जो भी हो.. आई विल फुलफिल.. माय चोदू सांड।
फिर मैंने एक बंदा देखा.. उसको समझाया फिर हम एक कॉर्नर में आ गए.. उधर आड़ थी।
मैंने दिव्या को बुलाया और ऐसे नाटक किया कि वो नहीं मुझे थ्री सम की चुल्ल है।
फिर वो आई.. वन पीस ड्रेस पहले थी। मैंने उसको पीछे से पकड़ा और उसकी ड्रेस गांड से ऊपर उठा दी।
वो लौंडा शराब पिए हुए था.. दिव्या के करीब आया और दिव्या का बोबा पकड़ कर दबाने लगा। मैंने दिव्या को इशारा किया तो उसने उस लौंडे की पेंट खोल दी।
अचानक उस लौंडे की पेंट गिरी तो शराबी ने अपना लंड पकड़ कर हिलाया और दिव्या की चुत को हाथ से सहलाने लगा।
दिव्या को मजा आने लगा.. फिर अचानक शराबी ने उसको नीचे करके अपना लंड चुसवाया।
मैंने दिव्या को उस शराबी को राइड करने कहा और खुद पीछे से लंड डाल के हिलाने लगा।
वो उस पर चढ़ कर कूद रही थी, मेरे से होंठ चिपका कर बोली- अमित यह बहुत नशीली रात है.. आ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… अमित.. ज़ोर से.. एम्म्म.. आहह.. मजा आ रहा है।
कुछ मिनट के बाद हम सब झड़ गए और वहाँ से निकल गए। फिर होटल पहुँचने तक के रास्ते भर मस्ती करते हुए आए। फिर होटल पहुँच कर कपड़े उतार कर सो गए।
अगले दिन सुबह वापिस आए और तैयार होकर ऑफिस आ गए।
निधि वहाँ मिली.. थोड़ी उदास थी, कहती- अमित कहाँ था तू, मैंने बहुत कॉल किया।
फिर निधि को 5 दिन के लिए जाना था सो घर चली गई थी।
इधर दिव्या को उसके पति ने सुलह करने को हैदराबाद बुलाया था।
तो वो हफ़्ता मेरा बिना चुत और गांड चोदे हुए निकला।
दोस्तो, इस हफ्ते बहुत सी भाभियों ने अपने विचार लिखे और अपने एक्सपीरियेन्स बताए और वो क्या चाहती हैं.. उन्होंने लिखा.. उनके मेल पढ़कर अच्छा लगा।
आप सभी मेरी चुदाई की कहानी पर अपने विचार लिखते रहें, आपका चोदू सांड अमित
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