ससुर बहू Xxx कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी बीवी की यौन इच्छा पूर्ति के लिए उसे अपने पापा से ही चुदवा दिया. दोनों ने सेक्स का भरपूर मजा लिया और मैं देखता रहा.
मैं सुधीर … मेरी पहली दो कहानी
बीवी की मेरे दोस्त से चुदने की चाहत
आप लोगों ने पढ़ी जिसमें मैंने अपने दोस्त से अपनी चुदासी पत्नी सोनम को चुदवाया था.
उसके बाद कहानी को आगे लिखने में काफी टाईम हो गया इसलिए क्षमा चाहता हूँ.
किन्तु तब मुझे जो करने का विचार था, मैंने कर लिया था. बस आपको नहीं बता पाया था.
आज फिर से कहानी लिखने का मन हुआ तो उसी सेक्स कहानी को आगे लिखना शुरू कर रहा हूँ.
मेरी बीवी की चुदाई के बाद मेरे दोस्त ने मेरी पत्नी को कई बार चोदा.
यह सिलसिला लगभग 8 महीने तक चला.
वह रात में आता और सुबह होने से पहले निकल जाता.
इस दौरान मेरी पत्नी की दोस्त से घंटों फोन पर बात होने लगी थी तथा व्हाट्सैप मैसेज से भी उसकी बात होती रहती थी.
और इस वजह से दोस्त की पत्नी को उस पर शक होने लगा.
समय की नजाकत को समझते हुए दोस्त ने और मेरी पत्नी ने सब बन्द कर दिया.
उस सेक्स कहानी को में आगे अलग अलग तरीकों से किस तरह से चुदाई हुई, वो सब मैं आप लोगों के बीच लेकर बाद में आऊंगा.
पर अभी दोस्त से चुदाई का क्रम जारी था कि अचानक एक दिन बैंक से आते समय मेरे पापा का एक्सीडेन्ट हो गया.
उनकी कमर में चोट आई थी जिस कारण से उनको 2 महीने के लम्बे समय तक बेड रेस्ट करना पड़ा.
यह ससुर बहू Xxx कहानी है.
अब घर में अकेली सोनम थी. जो अभी तक पापा के सामने घूंघट में रह कर बात करती थी.
सोनम अब पापा की कमर में मालिश करने लगी.
उसे पापा की मालिश आधा आधा घंटा तक 6 बार करनी होती थी.
सोनम ने अपने ससुर की खूब सेवा की.
इस दौरान सोनम ने पापा की गांड पर बैठ कर उनकी कमर की मालिश भी की थी.
इससे सोनम पापा से काफी खुल गई थी.
इसी दौरान उसने पापा से साड़ी की जगह सलवार सूट पहनने की परमीशन ले ली थी.
पापा ने परमीशन के साथ साथ उसे 50 हजार रूपये भी दिए, जिससे वह अपने लिए नए कपड़े खरीद सके.
पापा ने लैगी कुर्ती सबके लिए बोल दिया था तथा ये भी कहा था कि कम से कम खाने और पहनने की आजादी तो सबको होना चाहिए.
इसके बाद जब सोनम सलवार सूट में पापा के सामने जाती तो किसी कुंवारी कली से कम नहीं लगती थी.
कुछ दिनों बाद मैंने नोटिस किया कि पापा अपने रूम में सोनम का नाम लेकर मुठ मारते हैं.
यह बात मैंने सोनम को बताई तो वो मुस्कुरा कर बोली- हां मुझे पता है, उनका लंड तो मालिश करते समय खड़ा भी हो जाता है.
मैंने कहा- तो सहला दिया कर ना … हो सकता है, वो तुझसे ज्यादा खुश हो जाएं और तू उनकी पूरी सैलरी की मालकिन बन जाए. वैसे भी मुझसे तो उतना हो नहीं पाता, जितना तेरी चूत की भूख है.
वो हंस कर चली गई.
वो जल्दी राजी नहीं हो रही थी पर मैं उसकी कामाग्नि भड़काता रहा.
उसे मेरे दोस्त का लंड मिल नहीं रहा था और पापा के लंड से उसकी चूत की आग भड़क उठी थी.
लगभग 15 दिन की मशक्कत के बाद सोनम ने पापा को लाईन देने के लिए हामी भरते हुए कहा- अगर हुआ तो चुद भी जाऊंगी. तुम एक बार फिर से सोच लो, नहीं तो बाद में कहने लगो कि मेरे बाप से भी चुदने लगी.
मैं हंस दिया.
मैंने कहा- तुम कोशिश करके देख लो … हो सकता है, वो कुछ न करें.
सोनम- पापा का लंड खड़ा हो जाता है, इसका मतलब क्या समझा जाए! ये बात अच्छे से समझ लो कि अगर उनका खड़ा हो गया और अगर वहीं मालिश करते समय ही उन्होंने मुझे पकड़ कर चोद दिया, तो फिर बाद में न कहना कि बताया नहीं.
मैंने कहा- हां हां, कह तो दिया है कि वहीं नंगी होकर मेरे पापा के लंड से चुद लेना … उनके साथ रंडी की तरह खुल कर हमबिस्तर हो जाना. वैसे पापा को भी तो जरूरत है ही!
पाठको, आपकी जानकारी के लिए एक बात बता दूँ कि मुझे यह इसलिए भी जरूरी लगा क्योंकि मम्मी की डैथ के बाद पापा बाहर रंडियां चोदने में अपनी सैलरी खर्च करने लगे थे. क्योंकि वो नई लड़कियों को चोदने के बड़े शौकीन हैं. मेरी बीवी के साथ चुदाई से उनका वो भी इन्तजाम होने वाला था. इसलिए मैंने सोनम को उकसाया था.
करीब दो महीने में सोनम ने अपने जलवे पापा को दिखाए.
एक रात जब सोनम पापा को उल्टा लिटा कर सलवार और शार्ट कुर्ती में उनके दोनों तरफ एक एक पैर डाल कर उनकी कमर की मालिश कर रही थी.
उस समय पापा बोले- बहू तुमने मेरी कितनी सेवा की. अब मैं बिल्कुल ठीक हो गया हूँ. एक्सीडेंट हुए 8 महीने हो गए हैं, पर फिर भी तुम मेरी मालिश उतनी ही लगन से करती हो. तुम्हें क्या चाहिए बेटा बताओ.
सोनम ने कहा- पापा, सब कुछ आप ही तो करते हो. घर में किसी चीज की कमी नहीं है, बस मम्मी नहीं हैं … जिससे आपकी खुशियां खत्म सी हो गई हैं और आपके बेटे की वजह से मेरी …
इतना कह कर सोनम ने मुँह बंद कर लिया.
पापा बोले- क्या कहा … मैं समझा नहीं बेटा.
वो बोली- कुछ नहीं पापा, मुझे कुछ नहीं चाहिए.
पर बाप तो बाप होता है.
उन्होंने समझ लिया और सीधे लेट कर सोनम को अपने ऊपर खींच लिया.
पापा ने उसके सीने पर हाथ फेर कर उसके हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया और बोले- बेटा ये चाहिए तुमको … ले लो. बहू अगर हम दोनों एक दूसरे की खुशी बन जाएं, तो घर की बात घर में रहेगी. जो तुम बोलोगी, मैं करूंगा.
सोनम ने पापा का लंड दबा दिया और बोली- पापा एक बात कहूँ … आपके इसमें तो बहुत दम दिख रहा है. मेरा तो बुरा हाल है, आज तक ढंग से ये मुझे मिला ही नहीं.
पापा बोले- अब चिन्ता न करो बहू … तुम्हें मैं हर तरह की ख़ुशी दूंगा. पर अभी जाओ बेटा … सुधीर दुकान से आने वाला होगा. जब वो सो जाए तो रात को आ जाना. मैं तुम्हारा इन्तजार करूंगा.
ये कह कर पापा ने सोनम को चूम लिया.
सोनम ससुर से शर्मा कर भाग गई.
पर पापा की यादों में वो अपनी जवानी की खुशबू छोड़ गई.
कुछ देर में मैं घर पर पहुंचा तो सोनम बाथरूम में थी.
उसने अपनी झांटें साफ की और नहा ली.
वो मुझसे बोली- आज रात मैं तुम्हारी मम्मी बन जाऊंगी.
मैंने कहा- क्यों क्या हुआ … बात बन गई क्या?
उसने मुझे उपरोक्त घटना बताई और बोली- आज रात मेरी सुहागरात है.
मैंने कहा- सुहागरात तो मैं करवाऊंगा तुम दोनों की अपने हिसाब से.
वो बोली- क्या मतलब?
मैंने कहा- बेबी, जब पापा को ये बात पता चल जाएगी कि मुझे सब पता है और मेरा ही प्लान है, तो उसके बाद में पापा से तुम्हारी निछावर लेकर तुम दोनों को रूम में भेजूँगा. जिस तरह भाई की शादी में बहन रूम में जाने से पहले गेट पर गिफ्ट लेती है. वैसे ही मैं अपनी बीवी के लिए अपने पापा से इनाम लूंगा.
हम दोनों हंसने लगे.
अब तक 9 बज चुके थे.
तो सोनम ने पापा को अवाज लगाई- पापा जी भोजन लगा दूँ. आज ये कह रहे हैं कि उन्हें सोना है, ज्यादा थक गए हैं.
पापा ने कहा- बेटा, सोना तो मैं भी चाहता हूँ, खाना लगा दो. मैं नहा कर आता हूँ. आज गर्मी भी कुछ ज्यादा है.
ये कह कर पापा नहाने चले गए.
इसके बाद सोनम ने सिर पर दुपट्टा डाल कर हम दोनों के लिए मेज पर खाना लगाया.
पापा सोनम से बोले- बेटा, तुम भी साथ में ही खा लिया करो.
सोनम बोली- पापा मैं आपके सामने कैसे?
पापा बोले- अरे बेटा घर में हम लोग ही तो हैं. अगर तुम्हारी सास होती तो वो तुम्हारे साथ खाना खाने के लिए रूकती. अब तुम साथ में ही खाना खा लिया करो. हां जब कोई बाहरी व्यक्ति या रिश्तेदार घर पर हो, तो अलग बात है.
सोनम ने मेरी तरफ देखा और आंख मार दी.
मैंने कहा- हां सोनम, पापा ठीक ही तो कह रहे हैं. आओ बैठ जाओ ना!
सोनम खाना खाने बैठ गई. इसके बाद पापा अपने कमरे में चले गए.
मैंने सोनम की किचन में मदद कराते हुए बर्तन आदि समेट कर बर्तन साफ होने के स्थान पर रखवाए और मैं सोनम के साथ रूम में चला गया.
सोनम ने एक मस्त नाईटी पहनी और मेरे पास बैठ गई.
मैंने कहा- चली जाओ.
वो बोली- अभी 30 मिनट बाद जाऊंगी. पापा को भी लगना चाहिए कि तुम सो गए होगे.
वो मुझसे बातें करने लगी.
तब तक 10 बज चुके थे.
मैंने उसके साथ उठते हुए कहा- चलो.
सोनम बोली- तुम यहीं रूको.
मैंने कहा- मुझे देखना है.
सोनम बोली- मैं बालकनी की खिड़की खोल दूँगी.
मैंने हामी भर दी.
वो चली गई.
सोनम 10 बज कर 10 मिनट पर पापा के रूम में पहुंची, जहां उसका वे बसब्री से इन्तजार कर रहे थे.
जैसे ही सोनम रूम में पहुंची तो सिर पर दुपट्टा डाल लिया, जैसा कि वो अक्सर ससुर के सामने डालती थी.
वो बोली- पापा आप क्या बोल रहे थे?
ये कहती हुई उसने कमरे का गेट बन्द कर दिया और खिड़की का पल्ला थोड़ा सा खोल दिया.
पापा लंड सहलाते हुए बोले- बेटा, अब कहने को रह क्या गया है. सब तो जानती हो तुम … जब से तुम्हारी सास गई है, मैं अकेला हो गया हूँ. आज भी मुझमें वही भूख जिन्दा है, जो जवानी में थी.
सोनम इठला कर बोली- मुझे क्या पता जवानी में क्या भूख थी. मुझे तो ऐसा पति मिला है कि बस उसका तो दिल ही नहीं करता.
सोनम ने अभी इतना कहा ही था कि पापा ने उसका हाथ पकड़ कर अपनी गोद में खींच लिया.
वह पापा की गोद में गिर गई.
पापा नाईटी के ऊपर से ही उसके सीने पर हाथ फेरकर बोले- बहू, अगर तुम चाहो तो आज से तुम को यह समस्या नहीं रहेगी. जब तक मैं जिन्दा हूँ, तब तक सुख मिलता रहेगा.
सोनम ने थोड़ नानुकुर करके अपने आपको पापा को सौंप दिया.
उससे बात करके धीरे धीरे पापा ने उसकी उसकी नाईटी के अन्दर हाथ डाल दिया. पापा अपनी बहू नाजुक दूध सहलाने लगे.
पापा सोनम का दूध मसलते हुए बोले- बेटा, तुम्हारे मम्मों को तो मादरचोद ने छुआ ही नहीं क्या … ये बिल्कुल वैसे ही कसे हुए हैं, जैसे शादी के टाईम तुम्हारी सास के थे.
वो बोली- अब पापा आप ही अन्दाज लगाओ कि शादी के इतने साल मैंने कैसे काटे होंगे. आपके बेटे से कुछ बनता ही नहीं.
इतने में पापा ने उसकी नाईटी की कमर के ऊपर वाली रिबन खोल दी, जिससे उसकी सैट वाली डोरी वाली पैंटी और रिबन की ब्रा दिखने लगी.
मतलब वो अधनंगी हो गई थी और पापा के सीने के बालों पर अपने हाथ घुमाने लगी.
पापा ने अपनी बहू की गांड को सहलाया तथा नाईटी को हाथों से निकाल कर अलग रख दिया.
अब सोनम पापा की गोद में रिबन ब्रा पैंटी में थी.
पापा ने पूछा- सुधीर सो गया था क्या?
सोनम बोली- उनका क्या है. सोना ही तो है.
पापा बोले- कहीं जाग न जाए?
सोनम बोली- नहीं जागेगा, आज मैंने आपकी एक नींद की गोली उसको दूध में दे दी … सही किया ना!
पापा बोले- किया तो सही है बहू … लेकिन ये पति के साथ धोखा है.
सोनम बोली- अरे पापा सब ठीक हो जाएगा. आज मेरा पहला अवसर था, इसलिए ऐसा किया.
पापा ने ब्रा की रिबन खोली और सोनम की चूचियां अनावृत हो गईं. पापा सोनम की एक चूची की घुंडी को सहलाने लगे.
सोनम ने भी अब पापा के अंडरवियर में हाथ डाल दिया और उनका अजगर छूकर हाथ बाहर खींच लिया.
आपको बता दूँ कि सोनम बहुत लौड़ों का स्वाद ले चुकी है, पर सती सावित्री बनना तो लड़कियों का स्वभाव होता है.
पापा ने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं पापा … ये तो बहुत बड़ा है.
पापा उसके हाथ में अपना लंड पकड़ाते हुए बोले- तू भी तो आज से बड़ी हो गई है.
फिर सोनम की चूत पर हाथ फेरते हुए पापा ने सोनम के शरीर से बची हुई रिबन पैन्टी भी अलग कर दी और सोनम को नंगी करके अपनी गोद में लिटा लिया.
सोनम पापा की गोद में मचल रही थी. सोनम की चूत पर पापा की उगलियों की रगड़ उसे और अधिक मदहोश कर रही थीं.
वहीं दूसरी ओर सोनम अपने हाथ से पापा का लंड सहला रही थी.
वो पापा को कामसुख दे रही थी.
इधर मैं भी खिड़की से उन दोनों की चुदाई देख कर अपने लंड को हाथ में लिए सहला रहा था.
सोनम की चूत पानी छोड़ रही थी और सोनम की तड़फ बढ़ती जा रही थी.
पापा सोनम के सीने पर हाथ फेरते हुए बोले- सुधीर ने कुछ किया ही नहीं क्या … बहू आज भी तुम अनछुई सी लग रही हो.
सोनम बोली- आपके बेटे से कुछ बनता ही नहीं है पापा. मैं हर रात तड़फती रहती हूँ.
पापा बोले- बेटा अब तुम्हारी तड़फने की रातें खत्म हुईं.
ये कह कर पापा ने एक उंगली सोनम की फुद्दी में घुसा दी.
सोनम बिदक सी गई और पापा से लिपट गई.
पापा ने उसे चूमते हुए कहा- कहां थी तुम अब तक … आ जाओ मेरी जान!
उन्होंने उसके होंठों से अपने होंठ लगा दिए और दोनों एक दूसरे का रस पान करने लगे.
करीब दस मिनट बाद पापा ने सोनम के होंठों को छोड़ कर अपना सुपारा उसके होंठों से लगा दिया तो सोनम बेशर्मी से ससुर के लंड को चूसने लगी.
पापा मस्त सिसकारियां भरने लगे तथा कहने लगे- आंह बहू, यह सुख तुम्हारी सास ने कभी नहीं दिया … आज मेरी सच की सुहागरात मनी है.
कुछ ही देर में दोनों 69 की पोजीशन में आ गए तथा पापा सोनम की चूत चाटने लगे.
लगभग 5 मिनट में की सोनम की चूत ने पानी छोड़ दिया और वह सिसकारियों के साथ झड़ने का मजा लेने लगी.
सोनम ने इसके बाद शर्म को एक तरफ फैंका और पापा को सीधा लिटा दिया.
वो एक पेशेवर रंडी की तरह पापा के लंड पर अपनी चूत टिकाने लगी.
पापा जब तक कुछ समझ पाते, उसने एक पल में ही पापा के लंड को अपनी चूत में समा लिया और आंह आंह मर गई करती हुई ऐसा जताने लगी जैसे इतना मोटा पहली बार लिया हो.
कुछ ही देर में सोनम पापा के लंड पर हिचकोलें लेने लगी तथा पापा उसे अपने लंड का मजा देने लगे.
सोनम मजे से ससुर का लंड अपनी चूत में लेकर चुद रही थी.
पापा भी उसे हचक कर चोदे जा रहे थे.
वो अपनी बहू के दूध मसलते हुए कह रहे थे- मस्त रंडी है बहू तू … मैं बेकार में यहां वहां दिमाग लगा रहा था. तेरे सामने तो रंडी भी शर्मा जाए, ऐसी छिनाल है तू बहू.
ऐसे ही पापा पोजीशन बदल बदल कर बहू चोदते रहे और आखिरी में सोनम को नीचे लिटा कर चुदाई करने लगे.
वो सोनम को चरम पर ले गए, जहां सोनम ने अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया और पापा से लिपट गई.
पापा ने पूछा- बहू रस कहां निकालूँ?
सोनम बोली- पापा भर दो अन्दर ही … मैंने दवा ले ली है.
पापा बोले- बेटा उसकी जरूरत नहीं, मुझे भी ये याद नहीं रहा कि मैंने भी नसबंदी कराई हुई है. तुम्हें मुझसे कोई डर नहीं है. बस तुम तो बिंदास मजा देती रहो.
और पापा ने अपना माल अन्दर ही निकाल दिया.
सोनम कुछ देर पापा से लिपटी रही.
फिर सोनम बोली- पापा मैं एक बार इनको देख कर आती हूं. उसके बाद पापा मैं एक राउंड और लेना चाहती हूँ.
पापा बोले- बिल्कुल बेटा, क्यों नहीं.
सोनम नंगी ही गेट खोलने लगी और सोनम के आने से पहले में अपने कमरे में आकर बैठ गया.
सोनम को शाबाशी देकर मैंने फिर से उसे पापा के पास भेजा.
अपनी बीवी की अपने पापा से चुदाई की कहानी में अगली बार आपकी सेवा में प्रस्तुत करूंगा.
ससुर बहू Xxx कहानी पर आपके मेल के इन्तजार में मैं आपका सुधीर.
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