नंगी भाभी बेंगाली सेक्स कहानी मेरे घर के सामने रहने वाली भाभी की चुदाई की है. एक दिन मैंने उसे चूत में खीरा डालते देखा खिड़की से! तो मैं भी अपने कपडे उतार कर खिड़की के सामने बैठ गया.
आज मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने पड़ोस की भाभी को चोदा.
लेकिन उससे पहले में आपको अपने बारे में कुछ बताना चाहता हूँ.
मेरा नाम राहुल बोस है. मेरी हाईट 6 फुट 4 इंच की है और रंग एकदम गोरा है.
मैं हमेशा से ऐसा नहीं था. पहले मेरा आत्मविश्वास बिलकुल शून्य था क्योंकि मेरे लंड का साइज सामान्य से भी छोटा था.
इससे मुझे बहुत तकलीफ होती थी.
मेरे दोस्तों के लंड 6 से 7 इंच के थे.
एक दिन मैंने एक लड़की के साथ चुदाई की.
वह मेरा लंड देख कर बेमन से चुदवाने लगी.
अगले दिन जब में कॉलेज में गया तो देखा उसने मेरे दोस्त अजय को बॉयफ्रेंड बना लिया था.
जब मैंने उससे ये बात पूछी तो उसने ही मुझे बताया कि वो लड़की मेरे बारे में क्या बोली थी.
वह बोली कि अजय का लंड 7 इंच का है और मुझे बड़े लंड से चुदवाना बहुत पसंद है. जब मैंने अजय का लंड देखा तो मुझे बहुत निराशा हुई.
दो तीन दिन बाद जब मैं अजय के घर गया तो मैंने अन्दर से आवाज आती हुई सुनी- आह आह ओह … बहुत मजा आ रहा है और जोर से पेलो मुझे … आह हां ऐसे ही चूत को चोदो … अह आह … आह … और जोर जोर से चोदो मुझे … आह मैं झड़ने वाली हूँ!
मैंने खिड़की से झांक कर देखा कि अजय उसी लड़की पर चढ़ा हुआ था और जम कर उसकी चूत चोद रहा था.
वह भी जम कर चुदवा रही थी.
मैं वहां से सीधा एक डॉक्टर के पास गया.
वह डॉक्टर मेरा बहुत अच्छा दोस्त है.
मैंने उसे अपनी पूरी बात बताई.
उसने मुझे टिप्स दिए.
मैं घर आ गया और उसके दिए टिप्स को इस्तेमाल करने लगा.
एक हफ्ते बाद मैंने अपने लंड में काफी बढ़ोतरी देखी.
मैं काफी खुश था और अपने लौड़े की लंबाई बढ़ता देख कर आत्म विश्वास से भर उठा.
डॉक्टर की सलाह पर मैं पूरे दो महीने तक अमल करता रहा.
अब मेरा लंड अविश्वसनीय लंबाई और मोटाई वाला लंड हो चुका था.
कुछ दिन बाद मेरे बगल वाले मकान में दो जन रहने के लिए आए.
वे दोनों पति-पत्नी थे, बेंगाली थे.
मेरे पड़ोस में रहने की वजह से मेरी उनके साथ बात होने लगी.
भाभी मुझसे कहती थीं कि उनके पति काम के सिलसिले में घर से बाहर ज्यादा रहते हैं, जिस वजह से घर मैं अकेली पड़ जाती हूँ.
वे अपना अकेलापन दूर करने मेरे पास आ जाती थीं और मैं उनसे बात करके उनका जी बहलाता था.
कुछ ही दिनों में मैं भाभी की बातों से समझ गया था कि वे लंड की काफी ज्यादा प्यासी हैं.
एक रात को करीब साढ़े आठ बजे मैंने देखा कि भाभी अपनी चूत में खीरा डाल रही हैं.
मैं खिड़की से उनको देख रहा था.
यह मस्त नजारा देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
कुछ ही देर में पूरा लौड़ा तन कर खड़ा हो गया.
भाभी की गोरी गोरी चूचियां और उनकी गुलाबी चूत देख कर मैं भाभी की तरफ आकर्षित होने लगा.
फिर वे अपनी चूत में खीरा डाल कर नंगी ही सो गईं.
वे खिड़की के सामने मुँह करके लेटी हुई थीं.
मैं उनकी चूत में खीरा फंसा देख कर लंड हिलाने लगा था.
अब मैं किसी भी हालत में भाभी को चोदकर नंगी भाभी बेंगाली सेक्स कहानी बनाना चाहता था.
मैंने एक तरकीब निकाली.
चूंकि भाभी के कमरे के पास मेरी खिड़की थी, उस खिड़की के पास मेरे कमरे का सोफा था.
मैंने खिड़की खोली और अपने कपड़े उतार दिए.
मैं नंगा होकर सोफे पर बैठ गया. मैं अपने लंड को जोर जोर से हिलाने लगा और जोर जोर से सिसकारियां भरने लगा.
मैं चाहता था कि भाभी मुझे लंड हिलाते हुए देखें और मेरे साथ चुदाई करने को मचल उठें.
मेरी कामुक सिसकारियों की आवाज सुनकर भाभी उठ गईं.
मैंने अपने फोन को सोफे के एक कोने पर रख दिया था और भाभी की वीडियो बनाने की व्यवस्था कर दी थी.
मैं भाभी को फोन में से देख रहा था कि क्या वो मुझे देख भी रही हैं या नहीं और उनकी प्रतिक्रिया क्या है.
मैंने फोन में देखा कि भाभी अपने चूचे दबा रही थीं और चूत को सहला रही थीं.
वे भी कामुक सिसकारियां ले रही थीं.
जब मैंने उनकी तरफ देखा तो वह भी मेरी तरफ देखने लगीं.
मैं अपने लंड को छुपाने की एक्टिंग करने लगा ताकि उन्हें ये लगे कि मुझे शर्म आ रही है.
उन्होंने मुझे आवाज लगाई- अरे राहुल, तुम … तुम … ये क्या कर रहे हो?
मैं- वो … भाभी … वो वो … मैं!
उन्होंने अपने मम्मे दबाते हुए मुझसे कहा- क्या तुम मेरी चूत की प्यास बुझाना चाहोगे … क्योंकि मेरी चूत में आग लगी हुई है. मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ.
मैं- हां भाभी मैं तुम्हारी चूत को तो क्या … तुम्हारी गांड भी मारूंगा.
भाभी- तो आ जा मेरे घर में … और फाड़ दे मेरी इस कमीनी चूत को!
मेरे लिए इतना काफी था.
मैं तुरंत उनके घर में चला गया और घर में घुसते ही भाभी ने मुझे चूमना शुरू कर दिया.
मैंने भी उनके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
मैं उनको किस करते हुए अन्दर को ले गया और उन्हें बिस्तर पर बिठा दिया.
मेरा लंड तब तक बैठ गया था.
मैं प्यार से भाभी को रानी बुलाने लगा था.
वे मुझसे सट कर मुझे किस कर रही थीं.
रानी की चूचियों को में महसूस कर पा रहा था.
मैंने रानी के होंठों पर, गाल पर, गर्दन पर खूब किस किए.
वह पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं.
मेरी रानी भाभी ने अपने चूचे मसलते हुए एक दूध मेरे मुँह में दे दिया.
मैं भी रानी भाभी की दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा और मसलने लगा.
भाभी मादक सिसकारियां ले रही थीं.
फिर उन्होंने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और पैंट के ऊपर से मेरे लंड को हिलाने लगीं.
मैंने रानी को गोद में उठाया और उनकी चूचियों को चाटने लगा, उनको चूमने लगा.
थोड़ी ही देर बाद मेरे मुँह की लार उनके मुँह में जाने लगी थी और उनकी लार मेरे मुँह में जाने लगी.
मेरा लंड एकदम तन कर लोहे की रॉड की तरह खड़ा हो गया था और सख्त हो गया था.
मेरा लंड पैंट में खड़ा हो गया था जिस वजह से मेरा पैंट बिल्कुल तंबू की तरह दिख रहा था.
लंड उछल उछल कर बाहर आने का सिग्नल दे रहा था.
वे भी मुझसे लिपट कर ऐसे चूस रही थीं जैसे खुद को मेरे अन्दर समा देना चाह रही हों.
मैं उनके मम्मों को चूस रहा था और मसल भी रहा था.
भाभी ने उसी समय मेरे लंड को पकड़ लिया.
मेरा लंड पहले से सख्त था.
वे मेरे लंड को तेज तेज हिलाने लगीं.
मेरा लंड मानो तो फटने वाला था.
रानी भाभी ने अब मेरा पैंट खींच कर उतार दिया और मैं बस एक कच्छे में रह गया.
मेरा लंड किसी ज्वालामुखी के लावा की तरह गर्म था.
यह रानी भाभी ने भी महसूस किया और वो मेरे कच्छे के ऊपर से ही लंड की गर्मी को महसूस करने लगीं.
भाभी खुद अपने हाथ से मेरे लंड को नापने लगीं, उसे दबाने लगीं, हिलाने लगीं और मुट्ठी में भींच कर मेरे लंड को दबा रही थीं.
मेरा लंड का साइज काफी बड़ा का हो गया था और इसकी मोटाई भी ज्यादा हो गई थी.
मुझे पता चल गया था कि रानी ने बहुत दिनों से लंड को छुआ नहीं था और इतने बड़े से लंड को भी देखा नहीं था.
रानी ने अपना हाथ मेरे कच्छे के अन्दर डाल दिया और मेरे बड़े से लंड को छूकर महसूस करने लगी.
अब रानी से रहा नहीं गया और उन्होंने मेरे कच्छे को उतार दिया.
कच्छा क्या उतरा, समझो भाभी ने मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया.
मेरा लंड बहुत फूल गया था.
नंगा होते ही वो उछल कर बाहर आ गया और सीधे रानी के चेहरे के ऊपर जा लगा.
जब भाभी ने मेरे लंड को देखा तो उनकी गांड फट गई, उनकी आंखें भी फटी की फटी रह गईं.
उन्होंने मेरी तरफ देखा.
मैंने भाभी को आंख मार दी.
भाभी भी बिल्कुल नंगी थीं.
अब रानी भाभी ने मेरा लंड पकड़ लिया और अपने कोमल हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर बहुत तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया.
फिर अचानक से रानी भाभी मेरे लंड के ऊपर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ीं और हमला कर दिया.
भाभी ने मेरा पूरा लंड अपने मुँह के अन्दर ले लिया और चूसने लगीं.
ज्वालामुखी के लावा जैसा गर्म लंड अपने मुँह के अन्दर लेकर भाभी लपर लपर चूसने लगीं.
आह क्या मस्त चूस रही थीं.
वो मेरे लंड को हिला हिला कर चूसने में लगी थीं, उसे अपने मुँह के अन्दर-बाहर अन्दर-बाहर करके चूस रही थीं.
रानी भाभी का मुँह भी गर्म था और ऊपर से मेरा लावा जैसा गर्म लंड.
मेरे मुँह से सिसकारियां निकल रही थीं- आह आह … हां बस ऐसे ही चूसती रहो … हां चूसो चूसो और तेज़ी से चूसो मेरे लंड को … आह आह बहुत अच्छा लग रहा है.
मैं तो जन्नत की सैर कर रहा था.
ऐसा लग रहा था मानो मैं हवा में उड़ रहा हूँ. मुझे बहुत मजा आ रहा था.
वैसे भी मुझे लंड चटवाना बहुत पसंद है.
मेरी आवाजें सुनकर उन्होंने और भी तेजी से मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.
कभी वे मेरे लंड के टोपे को चूसती थीं तो कभी पूरे लंड को मुँह के अन्दर लेकर चूसने लगती थीं.
कभी मेरे टट्टों को चूसती हुई टट्टे की गोली को अपने मुँह के अन्दर ले लेती थीं.
वे मेरे लंड को दस मिनट तक चूसती रहीं.
मैंने रानी का मुँह पकड़ा और अपने लंड को उनके मुँह के अन्दर तक घुसाने लगा था.
ऐसा करके मैं उनको मेरे लंड का स्वाद चखा रहा था … और वे भी बड़े मजे से लंड का स्वाद ले रही थीं.
मैं उनके गले में अपना तनतनाता हुआ लंड अन्दर तक घुसा कर बड़ी तेज़ी से उनसे अपना लंड चुसवा रहा था.
उनके मुँह से ‘गूं … गूं …’ की आवाज आ रही थी.
बीच बीच में रानी मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाल लेतीं; एक बार सांस लेतीं और फिर से लंड को गले तक उतार कर चूसने लगतीं.
कुछ कुछ देर में वो मुँह से लंड निकाल कर कहने लगतीं- आह …. कितना बड़ा मोटा और रसीला लंड है तेरा … आज तो मजा आ गया.
वह मेरे लंड को इस तरह से चूस रही थी मानो वो लंड नहीं बल्कि कोई लॉलीपॉप हो.
रानी की लंड की प्यास जैसे खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी.
मैं भी रानी के सिर को पकड़ कर तेज़ी से उनको लंड चुसवाने में लगा था.
भाभी के मुँह से फिर से ‘गूं … गूं …’ की आवाज आने लगी.
मैंने जैसे ही अपना लंड रानी भाभी के मुँह से निकाला, उनके मुँह से ‘वुह …’ करके आवाज निकली.
मैंने फिर से भाभी के मुँह में लंड दिया और निकाला, तो वह फुछ फ़ुछ करके आवाज निकालने लगीं.
ऐसा मैंने काफी बार किया और भाभी के मुँह के अन्दर ही झड़ गया.
वो मेरे लौड़े के रस को किसी मदहोश के जैसे चूसती चली गईं और लंड को चाट कर उसे साफ कर दिया.
मैंने भाभी के मुँह से लंड को निकाल लिया और वो खड़ी हो गईं.
दोस्तो, पड़ोसन रानी भाभी की चुत चुदाई का समय आ गया था. उनकी चुदाई की कहानी को अगले भाग में पूरा लिखूँगा.
आपको नंगी भाभी बेंगाली सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
धन्यवाद.
[email protected]
नंगी भाभी बेंगाली सेक्स कहानी का अगला भाग: पड़ोस वाली भाभी को जम कर चोदा- 2