दोस्तो, मेरा नाम समीर है. मैं मुंबई का रहने वाला हूँ. मैं अभी 25 साल का हूँ और मेरी कद काठी बहुत मजबूत, बिल्कुल एक जिमनास्ट की बॉडी जैसी है.
ऊपर से बनाने वाली की कृपा से और पॉर्न मूवीस की बदौलत मेरे लंड की साइज़ भी काफ़ी ठीक है. यह सात इंच का है.
मैं मुंबई में अपने घर में जहां रहता हूँ, वहां हम सात साल पहले आए थे.
यह बात करीब पांच छह साल पुरानी है जब मैं 19-20 साल का था.
उस बिल्डिंग में काफ़ी आंटी रहती थीं, उनमें से मुझे दो आंटी बहुत ज्यादा पसंद थीं. उनमें से एक आंटी थोड़ी मोटी थीं, पर उनका फिगर बड़ा कमाल का लगता था. मेरे ख्याल से उनका फिगर 34-32-36 का रहा होगा. उनकी गांड बहुत मस्त थी पर उन्होंने मुझे कभी मौका नहीं दिया.
मैं अपनी इस देसी सेक्सी कहानी की दूसरी हीरोइन के बारे में बताता हूँ. उनका नाम सीमा है. उनकी उम्र तीस साल की है और उनके दो बच्चे हैं. उनका कद मेरे कद के जितना ही है, इसलिए वो मुझे ज्यादा पसंद हैं. उनका फिगर 32-28-30 का है. वो देखने में बड़ी ही कातिल लगती हैं.
अच्छी बात यह थी कि उनका पति भी चूतिया है, वो कुछ नहीं कर पाता है. मैं जब से इस बिल्डिंग में आया था, मैं उनको किसी ना किसी बहाने से देखता और टच करने की कोशिश करता रहता. ये सब उन्हें भी समझ आ गया था.
मैं समझ गया था कि आंटी मुझसे पक्का चुदवाएंगी तो मैं भी मौका ढूँढने लगा.
एक दिन मैं उनके घर गया था तो मैंने हिम्मत की और उन्हें अकेला पाकर उनके बूब्स दबा दिए. मुझे लगा था कि कुछ न कुछ बवाल होगा, पर उन्होंने भी मेरा कोई विरोध नहीं किया.
मैंने भी उनसे कुछ देर तक बात की और उनके मम्मों को एक दो बार दबा दिए. वो बस मेरी इस हरकत पर हंस कर रह जाती रहीं. फिर ये सब रोज होने लगा और हम दोनों अब किस भी करने लगे.
कुछ ही दिनों में हमारे बीच घमासान चूमा चाटी और मसलने नोंचने की स्थितियां बनने लगी थीं. अब चुदाई तक की स्थिति लगभग बन चुकी थी, पर हमें सेक्स करने के लिए मौका नहीं मिल रहा था. मैं इस बात से बेचैन होने लगा. इसी बीच हमें एक मौका मिला.
एक दिन उन्होंने मुझे सुबह कॉल किया कि आज बच्चे अपने डॅडी के साथ दादी के घर जा रहे हैं और वे रात में लौटेंगे.
मैं इतना सुनते ही खुश हो गया. मैं झट से तैयार हुआ और उनके बताए टाइम पे उनके घर पहुंच गया. उनका घर गुलाब की खुशबू से महक रहा था. मैं घर में घुसा, तो किचन से आवाज़ आई कि कुण्डी लगा दो.
मैंने झट से कुण्डी लगाई और किचन की ओर दौड़ा. वहां देखा तो सीमा आंटी नाइटी में थीं और गैस पर कुछ बना रही थीं. मैं उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया और उनकी कमर में हाथ डालकर खड़ा हो गया. उन्होंने मुझे नीचे से महसूस किया और अपना काम जारी रखा.
फिर मैंने उनकी गर्दन पर किस किया तो उनकी आह निकल गयी. फिर मैं पीछे से आगे की तरफ हाथ डाल कर उनके मम्मों को दबाने लगा और साथ ही उनके गले पे लगातार किस करता जा रहा था.
इससे वो और ज्यादा उत्तेजित होती जा रही थीं. आखिर उन्होंने गैस चूल्हा बंद किया और मेरी तरफ मुँह कर लिया. फिर थोड़ी देर हम दोनों एक दूसरे की आंखों में खोए रहे और एक दूसरे को निहारते रहे.
लगभग पांच मिनट बाद उन्होंने मुझे हिलाया और कहा कि आज भी बस देखते ही रहोगे या कुछ करोगे भी.
मैंने फिर उनको किस करना चालू कर दिया और अपने दोनों हाथों से उनके दोनों मम्मों को दबाने लगा. उनको भी बड़ा मज़ा आ रहा था.
हम दोनों लगभग दस मिनट तक यूं ही किस करते रहे.
फिर मैंने उनकी नाइटी के ऊपर से उनकी योनि को टटोलना शुरू किया. मैंने देखा कि उनकी योनि पानी छोड़ रही थी. तो मैं अपना किस थोड़ा और उनको अपने गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया.
वहां मैंने धीरे धीरे उनके सारे कपड़े उतार दिए और उन्होंने मेरे कपड़े उतार दिए. अब हम दोनों बेड पर नंगे थे.
मैंने उनकी योनि पे अपना मुँह टिकाया और चूत चाटना शुरू कर दिया. वो कसमसाने लगी और बोलने लगीं- ये क्या कर रहे हो.. ये सब मत करो.. ये खराब होता है.
मैंने उनसे कहा- ये खराब नहीं होता, ये ही तो असली मज़ा देता है.
उन्होंने मुझे बड़े प्यार से देखा और मेरे सर पर हाथ फेर कर मुझे फिर से चूत चाटने का इशारा कर दिया.
मैंने फिर से उनकी चूत को चाटना जारी कर दिया.
वो अपनी टांगें फैला कर चूत चटाई का मजा लेने लगीं. वो एकदम ज्यादा उत्तेजित होने लगीं और मेरे सिर को अपनी चुत पर जोर से दबाने लगीं.
इस वक्त वो चिल्ला रही थी- वाह समीर, तुझे तो सब पता है … आह तेरी बीवी तो किस्मत वाली होगी.
उसी बीच वो गांड उठाते हुए झड़ गईं. उन्होंने झड़ते वक्त मेरे सिर को बड़ी ज़ोर से अपनी जाँघों के बीच दबा लिया. मुझे भी उनका चूत रस पीकर बहुत मज़ा आया.
बाद में आंटी ने मुझे बताया कि उनके पति ऐसा कभी नहीं करते, बस अन्दर डाल कर कुछ झटके लगाते हैं और सो जाते हैं. उसमें वो प्यासी रह जाती थीं.
फिर मैंने उनको दुबारा चूमना शुरू किया. कुछ ही देर की चूमाचाटी के बाद वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और मुझे किस करने लगीं.
मैंने उनसे अपना लंड चूसने को कहा, तो उन्होंने मना कर दिया. मैंने उनसे ज़ोर दिया कि आप लंड चूस कर देखो तो बहुत मजा आएगा.
पर वो नहीं मानी और बोलीं- मैंने कभी किया ही नहीं और मुझे अच्छा नहीं लगता.
इससे मैं जरा उदास हो गया.
मेरा उतरा हुआ चेहरा देख कर वो बोलीं- समझो यार … मैंने मुँह से आज तक कभी नहीं किया इसीलिए मना कर रही हूँ. फिर भी मैं तुम्हें प्रॉमिस करती हूँ कि अगली बार कोशिश करूँगी.. पर आज नहीं.
मैं थोड़ा खुश हुआ. मेरा चूमा चाटी और मम्मों से खेलना फिर से शुरू हो गया. अब मैंने उनको पलटी किया और उनकी योनि चाटने लगा.
वो बोलीं- ये सब फिर क्यों कर रहे हो, अब जल्दी से अपना लंड मेरी चुत में डाल दो. मैं बहुत दिनों से नहीं चुदी हूँ. जल्दी से मुझे चोद कर मेरी प्यास बुझा दो. मुझे अब मत तड़पाओ, अपना मूसल मेरे अन्दर डाल दो.
मैंने अपना लंड उनकी योनि पर धीरे से सैट किया और एक झटका मारा. अभी मेरा आधा ही लंड अन्दर घुसा था कि सीमा आंटी दर्द से करहाने लगीं.
मोटे लंड का दर्द उनके चेहरे पर साफ़ नज़र आ रहा था.
उनके मुख से निकला- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मैं रुकने को हुआ पर उन्होंने कहा- रूको मत.. पूरा डाल दो.
मैंने भी एक जोरदार झटके के साथ अपना लंड आंटी की चुत की गहराइयों में उतार दिया और उनके ऊपर लेट गया. अब मैं उनके दर्द के कम होने तक उनको किस करने लगा.
थोड़ी देर बाद वो अपनी गांड उठा उठा के लंड अन्दर बाहर करने लगीं. मैं समझ गया कि आंटी का दर्द ख़त्म हो गया है.
अब मैंने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ाई और ज़ोर ज़ोर से उन्हें चोदने लगा.
मेरे मुँह से गालियां निकलने लगीं- ले साली रांड … बहुत दिनों से इसी दिन का इंतज़ार था मुझे. बड़ी मेहनत के बाद मिली है तू. आज तो तुझे अपनी रांड बना कर ही रहूँगा. सीमा मेरी जान कितनी मस्त चूत है रे तेरी … आह बहुत मज़ा आ रहा है, साली कुतिया ले!
सीमा आंटी मेरे मुँह से ये सब बात सुन कर हैरान थीं. वो कहने लगीं- ये सब क्या बोल रहे हो?
मैंने उनसे कहा- मुझे चोदते वक्त गालियां देना अच्छा लगता है.
अब वो भी ‘ऊह आह आह..’ की आवाजें निकाल रही थीं. मुझे उनकी आवाज़ सुनकर नशा चढ़ने लगा और मैं और जोश के साथ उनको चोदने लगा.
आंटी के मुँह से निकलने लगा- वाह कितना बड़ा लंड है तेरा.. मेरी चुत में अन्दर बच्चेदानी तक जा रहा है. मेरे पति का तो तेरे से आधा है और वो साला तो कुछ कर भी नहीं पाता. तेरा लंड तो मेरी चूत की पूरी खुजली मिटा रहा है आह्ह… पेल दे.. तुझे पता है कि एक स्त्री को कैसे खुश करना है.
यह कहते कहते आंटी ने मुझे जकड़ लिया और झड़ने लगीं.
मैं थोड़ा रुक गया और उन्हें झड़ने दिया.
जब वो शांत हुईं, तो मैंने उन्हें डॉगी पोज़िशन में होने को कहा और वो झट से हो भी गईं.
फिर मैंने पीछे से लंड पेल कर उन्हें चोदना शुरू कर दिया. थोड़ी देर की चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये. हम दोनों लोग थक चुके थे.
थोड़ी देर आराम करने के बाद सीमा आंटी उठने की कोशिश कर रही थीं, पर उनसे उठा ही नहीं जा रहा था. मैंने उन्हें पकड़ कर उठाया और बाथरूम में ले गया. उधर उनको साफ़ करने में मदद की और अपने आप को भी साफ़ किया.
फिर आंटी बोलीं- मुझे किचन में ले चलो.
वहां जाने के बाद उन्होंने बताया कि मुझे पता था कि ये होगा, इसीलिए जब तुम आए तो में बादाम दूध बना रही थी.
आंटी ने बादाम का दूध दो गिलासों में निकाला और हम दोनों ने एक एक ग्लास दूध पी लिया.
आज वो बहुत ही खुश दिख रही थीं. आंटी ने मुझसे कहा- आज मैं पूरी तरह संतुष्ट हुई हूँ. मेरी शादी कम उम्र में ही हो गई थी, पर मेरा कमजोर पति मुझे सुख नहीं दे पाता था.
आंटी ने मुझे किस किया और फिर हम बेडरूम में आ गये. हम दुबारा सेक्स के लिए तैयार हो गए. इस बार चुदाई का खेल लम्बा चला और आंटी ने अपनी चूत की खुजली मिटवा कर ही छोड़ा.
मैं फिर उन्हें किस करके अपने घर चला गया. उस रात उसने मुझे फोन किया और बताया कि अभी भी बहुत दर्द हो रहा है. इसके बाद हमने फोन सेक्स किया. मैंने उनकी गांड मारने की इच्छा भी जाहिर की.
इस पर आंटी ने बोला कि अगली बार तो वो पहले मेरा लंड चूसेगी.. गांड के बारे में फिर कभी सोचेंगे.
उसके बाद में आंटी को रेग्युलरली चोदने लगा. धीरे धीरे आंटी मेरे साथ सेक्स के खेल में हर तरह से मस्त होने लगीं. एक बार मैंने उनकी गांड भी मारी. वो कहानी फिर कभी बताऊंगा. मैं आज भी सीमा आंटी को चोदता हूँ.
मेरी आंटी की चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी, बताइएगा ज़रूर. मैं पहली बार सेक्स कहानी लिख रहा हूँ. अगर कोई ग़लती हो गई हो, तो मुझे माफ़ कर देना. साथियों लंड चुत की देसी सेक्सी कहानी मजा लेने के साथ मुझे मेल भी करते रहना.
आपका अपना समीर
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