पड़ोस के सलीम भाईजान-2

पड़ोस के सलीम भाईजान-2

इस कहानी के पहले भाग
पड़ोस के सलीम भाईजान-1
में आपने पढ़ा कि कैसे नीतू की नई नई शादी के बाद उसका पति अमेरिका चला गया. नीतू के घर में एक किरायेदार जोड़ा किराये पर रहने लगा और किरायेदार की कामुक नजर नीतू के सेक्सी जिस्म पर थी.

नीतू अब ऐसे आदमी के सामने खड़ी थी जो हमेशा से उसको कामुकता भारी नजरों से देखता था।

सलीम आगे बढ़ा और अपना हाथ नीतू के नंगे कंधों पर रखा- तुम्हारी स्किन कितनी सॉफ्ट है… काश मेरी सलमा की स्किन भी इतनी सॉफ्ट होती तो मजा आ जाता।

नीतू अब सलीम से दूर जाने लगी।
पर अचानक से सलीम ने उसको कस कर बांहों में जकड़ लिया; नीतू अब उसके चंगुल से छूटने की कोशिश करने लगी, उसके बड़े बड़े स्तन सलीम की चौड़ी छाती पर रगड़ खा रहे थे।
“आज मैं तुमको अपनी बनाऊंगा नीतू… ऐसा मौका मैं नहीं छोड़ सकता… प्लीज मेरा साथ देना… क्योंकि कुछ भी हुआ तो मैं आज तुमको अपना बना…” सलीम बड़बड़ाने लगा।

सलीम उसको खींच कर बैडरूम में लेकर आ गया और उसको बैड पर लिटा दिया, उसने नीतू पे कूदते हुए अपने वजन से नीतू को दबोच लिया। वो अब अपने खुरदरे होठों से नीतू के चेहरे पे किस करने लगा। बीच में वह अपनी जीभ नीतू के मुख में घुसाने की कोशिश करने लगता।

सलीम ने अभी गिफ्ट की हुई नाइटी की गांठ खोली और खींच कर नाइटी नीतू की बदन से अलग कर दी। नीतू अब उसके सामने सफेद ब्रा और पैंटी में बेड पर लेटी हुई थी। सलीम अब घुटनों पर बैठ कर उसकी सुंदरता का आँखों से रसपान करने लगा; सपनों में देखी हुई सुंदरी को आज भोगने को मिलेगा इस ख़याल से ही खुश हो रहा था।

वह झट से नीतू के ऊपर जा बैठा और नीतू के सुडौल स्तन ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा। नीतू को यह अहसास हो गया था कि यह सब होने ही वाला है तो वो इसके लिए मानसिक रूप से तैयार थी… उसे जरूरत भी थी इसकी क्योंकि उसके पति से अलग हुए कई महीने हो गये थे.

सलीम अभी भी उसके स्तनों को ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था, चूस रहा था, मसल रहा था। बीच बीच में वह उसके होठों को चूम रहा था। उसका दूसरा हाथ नीतू के पूरे बदन पर घूम रहा था, गले से लेकर पेट तक और चूत तक। जो कुछ हो रहा है, उस सुख से वंचित उसके शरीर ने अब बगावत करनी शुरू कर दी थी। नीतू को भी यह अहसास होने लगा था.

सलीम भी नीतू की चुत पे गीलापन महसूस कर रहा था, वह झट से खड़ा हो गया। उसने नीतू की पैंटी पे वह गीला धब्बा देखा और उसको समझ में आ गया कि यह परी अब तैयार हो गई है।

सलीम ने अब नीतू की पैंटी में उंगली घुसा दी और नीचे खींचने लगा। नीतू ने भी अनजाने में अपनी कमर उठा कर उसको पैंटी उतारने में मदद की। सलीम धीरे से पैंटी उतार रहा था तब नीतू सलीम को देख रही थी।
पैंटी घुटनो तक आने के बाद सलीम ने एक झटके में उसको पैरों से उतार दी और बैडरूम के किसी कोने में फेंक दी।

नीतू को अब आश्चर्य हो रहा था कि कितनी आसानी से उसने सलीम को अपनी पैंटी उतारने दी। वह एक आदर्श पत्नी थी, एक आदर्श बहू थी, सलीम तो उसे बिल्कुल पसंद नहीं था। फिर भी उस आदमी को अपनी मर्जी के बगैर वह सब कुछ करने दे रही थी जो सिर्फ उसने अपने पति को करने दिया था।

पैंटी उतरने के बाद नीतू ने अपने पैर जोर से भींच लिए ताकि उसकी चुत सलीम को ना दिखे। पर सलीम ने ताकत लगा के नीतू के पैर खोल दिये, उसकी ताकत नीतू से कही अधिक थी। अपने सामने के दृश्य से सलीम आश्यर्य चकित हो गया; गोरी गोरी टाइट चुत उसके सामने थी; उसकी चुत पर बहुत ही कम बाल थे, उन काले बालों में उसकी गुलाबी पंखुड़ियों का दीदार हो रहा था। नितिन को भी उसकी बालों वाली चुत अच्छी लगती थी।

सलीम अब बेड से नीचे उतरा, नीतू के पैरों को पकड़ा और खींचते हुए उसको बेड के कोने तक ले आया। वह जमीन पर अपने घुटनों के बल नीतू के टाँगों के बीच बैठा और अपना सिर उसकी चुत पे ले आया।
नीतू अपने दोनों हाथो से उसको अपने पैरों से दूर धकेलने लगी।

अपने दोनों हाथों से उसकी जांघें सहलाते हुए सलीम ने नीतू की चुत के इर्द गिर्द अपने बड़े होठों से चूमने लगा, चाटने लगा। चुत के आस पास चाटते चाटते उसने नीतू के नीचे के खड़े होठों की तरफ जाने लगा। अपनी नाक उसके छेद पे घिसते हुए एक लंबी सांस लेते हुए एक जवान चुत की खुशबू अपने फेफड़ों में भरी। उस खुशबू से उसको नशा होने लगा था। उसने अपनी खुरदरी जीभ बाहर निकाली और उसकी गुलाबी चुत में हल्के से घुसा दी।

जो कुछ भी हो रहा था वो उसके लिए बिल्कुल नया था। उसने पहले कभी यह अनुभव नहीं लिया था। सलीम ने अपनी जीभ से नीतू की चुत को छेड़ते हुए अपनी जीभ को ऊपर नीचे घुमाना चालू कर दिया फिर उसकी चुत के दाने को अपने मुंह में पकड़ कर चूसने लगा।

नीतू की चुत का नमकीन स्वीट टेस्ट बहुत मादक था। सलीम ने अपनी जीभ और अंदर घुसाकर नीतू को जीभ से चोदना शुरु किया। नीतू की सांसें अब तेज होने लगी, अब वह सब कुछ भूल गयी थी, धीरे धीरे वो स्वर्ग में पहुँचने लगी, उसके मुँह से मादक सिसकारियाँ निकलने लगी आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह…
उसके हाथ अब सलीम को दूर धकेलने के बजाय उसके बालों को पकड़ कर जांघों के बीच दबाने लगे। सलीम की जीभ उसको वो सभी अनुभव दे रही थी जो उसने अपने जीवन में कभी अनुभव नहीं किया था।

नीतू ने कभी भी ओरल सेक्स का अनुभव नहीं लिया था। शादी के बाद नितिन से जो भी सेक्स हुआ था उसमें उन्होंने कभी भी ओरल सेक्स का प्रयास नहीं किया था। नीतू अब यह सोच रही थी कि नितिन के साथ उसने यह सब ट्राय क्यों नहीं किया, पर अभी… अपने से दोगुने उम्र का आदमी उसके टाँगों के बीच बैठ कर उसको स्वर्गिक सुख दे रहा था।

उसको अब ऐसे बैठना मुश्किल हो रहा था, उसने अपना हाथ सलीम के कंधों पर से हटा दिया और धीरे धीरे पीछे लेट गयी। उसके पेट में अब खलबली मच गई थी। एक तेज लहर उसके पेट से बाहर निकलने को मचल रही थी। उसे समझ में आ गया था कि वो अब झड़ने वाली है।

सलीम ने फिर से उसके दाने को दाँतों में पकड़कर हल्के से काटा, नीतू ने हल्के से सिसकी भरी फिर कमर उठाकर अपने बदन को धनुष के आकार में लाते हुए सलीम के चेहरे को अपनी चुत के काम रस से भिगोने लगी।
सलीम ने भी पूरा रस लपालप चाट लिया और नीतू के शांत होने की राह देखने लगा। नीतू को हर पल एक साल की तरह लग रहा था, अपनी जिंदगी के कामसुख के परम बिंदु को छू के वह वापस लौटी थी।

आंखे बंद करके उस सुख की अनुभूति करती नीतू सोच रही थी… ‘यह आदमी बिल्कुल राक्षस की तरह लगता है, मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है। फिर भी उसने आज मैंने कभी सोचा भी न हो इतना असीमित कामसुख दिया है।’

नीतू के मुख से कामुकता भरी सिसकारियाँ सुनकर सलीम को यह भरोसा हो गया था कि यह सोनपरी अब उसके वश में आ गयी है। अब वो उसको अपनी जिंदगी का सबसे बढ़िया चोदन सुख देने को तैयार था।
सलीम अब नीतू की टांगों के बीच में से उठा और उसके पास बैठ गया; नीतू भी उठ कर बैठ गई थी।
नीतू की आंखों में उसके प्रति प्यार देख कर वह अपनी उंगलियाँ उसके होठों पर घूमाने लगा। उसी वक्त उसने अपना दायाँ हाथ कमर से ले जाते हुए उसकी पीठ तक पहुँचाया। उसने बड़ी सफाई से नीतू की ब्रा खोल दी और आगे से कंधों पर से अलग कर दी।

नीतू के स्तन अब खुली सांस ले रहे थे, 34सी होते हुए भी गोरे सीने पर तन कर खड़े थे… उसकी हर सांस के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे।

सलीम अब उसके दोनों मम्मों को हाथों से पकड़कर मसलने लगा।
नीतू के मम्मे सच में बहुत बड़े थे। सलीम के बड़े बड़े हाथों में भी मुश्किल से समा रहे थे।

सलीम ने अब अपनी जीभ बाहर निकाली और नीतू के बायें मम्मे पे चलाने लगा। उस ठंडे स्पर्श से नीतू थरथरा उठी। सलीम उसके ऐरोला के आस पास चाटने लगा, फिर धीरे धीरे पूरा मम्मा चाट, चूस कर पूरा गीला कर दिया। वह जान बूझ कर ऐरोला और निप्पल को छू नहीं रहा था, उसको तरसा रहा था।

नीतू को यह अब सहन करने के परे था, उसने अपने दोनों हाथों से सलीम के सिर को पकड़ा और अपने निप्पल की तरफ खींचा। सलीम को नीतू का इशारा समझ में आ गया, उसने झट से उसके निप्पल पर हमला किया, उसके निप्पल को अपने दाँतों से पकड़ कर काटने लगा।
वह बेरहमी से उसके निप्पल को चूसने, काटने लगा तो नीतू और भी सिसकने और तड़पने लगी। सलीम उसके निप्पल को मुँह में पकड़ कर ज़ोरों से खींचता, वह उसके दोनों निप्पल्स को अपनी जीभ से गीला करता और उस पे फूंक मरता। उस ठंडे स्पर्श से उसके निप्पल्स और भी कड़े हो गए थे।

सलीम ने नीतू के स्तनों पर इस तरह हमला किया था कि सिर्फ उसी उत्तेजना से वह फिर से अपनी कामोत्तेजना के शिखर पर पहुँची।
बहुत दिन से सेक्स से दूर रही नवविवाहिता के लिए यह कुछ ज्यादा ही था, कामरस से नीतू की चुत पूरी भर चुकी थी, जहां वह बैठी थी,वह चादर भी अब गीली हो गई थी।

सलीम ने नीतू की निप्पल्स को अपने होठों से पकड़ कर चूस काट कर उसके निप्पल्स से दूर हुआ। वह अब बेड से नीचे उतरा और अपने कपड़े उतारने लगा। वह एक एक कपड़ा अपने बलशाली शरीर से उतारने लगा, नीतू मोहित होकर उसको देख रही थी।

उसने अपना आखिरी कपड़ा अपनी अंडरवीयर उतारी तो उसका बड़ा सा अजगर उछल कर बाहर निकला और उसके पेट पे टकराया।

उसका बड़ा मूसल देख कर नीतू को शॉक ही लगा, वो उसकी तुलना अपने पति के लंड से करने लगी। नितिन का लंड भी लंबा मोटा था लेकिन सलीम का लंड मानो अजगर ही था। अपनी जिंदगी का दूसरा लंड देख रही थी।

नीतू का यहाँ से वापस लौटना अब नामुमकिन था, उसके शरीर ने बगावत कर दी थी, वासना ने उसके मन पर कब्जा कर लिया था।

देसी इंडियन भाभी की चोदन कहानी जारी रहेगी.
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कहानी का अगला भाग: पड़ोस के सलीम भाईजान-3

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