सेक्स स्लेव पोर्न कहानी में पढ़ें कि लिफ्ट में एक लड़के ने मेरी गांड पर अपना लंड लगा दिया. मैं उत्तेजित हो गयी पर मैंने उसे अपने तरीके से सजा देने की ठान ली.
हैलो रीडर्स,
आपने पिछले महीने मेरी कहानी
स्टाफ बॉय को गुलाम बनाकर मजा किया
पढ़ी और पसंद की, इसके लिए धन्यवाद.
अब सिमरन की एक और गर्म कामुक कहानी पढ़ने के लिए तैयार हो जाइये।
मेरी ये सेक्स स्लेव पोर्न कहानी पढ़कर आपका पानी पैंट में ही निकल पड़ेगा इसलिए बेहतर होगा कि आप पहले से ही अपने लंड को बाहर निकाल लें।
अब मैं वो घटना बताती हूं.
एक शाम को मैं जिम से घर लौट रही थी. मेरे चुस्त जिम वाले कपड़ों में मेरे हिचकोले खाते चूचे और गांड को मर्दों की नजर अच्छे से मसल रही थी.
मर्दों का ध्यान अपनी ओर देखकर मुझे बहुत मजा आ रहा था.
खासकर शादीशुदा मर्दों की ललचायी नजर तो मुझे और भी मजा दे रही थी.
साथ ही उनकी बीवियों की ईर्ष्या भरी नजर तो मुझे और रोमांचित कर रही थी।
सिक्योरिटी गार्ड ने लिफ्ट का दरवाजा मेरे लिये थाम लिया था.
जैसे ही मैं वहां से गुजरी उसने मुझे हैलो किया.
वो रोज मेरी ट्रैक पैंट में उभरी गांड के पहाड़ों को देखकर मजा लेता था. उसे उसकी आज की खुराक मिल गयी थी इसलिए बहुत खुश नजर आ रहा था।
‘एकदम सही सिमरन!’ मेरे लिफ्ट में अंदर आने तक बाकी लोगों को इंतजार करते देख मैंने खुद से ही कहा और खुद को ही शाबाशी दी।
तभी एक 21 साल का शरारती स्वभाव वाला मेरा पड़ोसी लड़का अमन लिफ्ट में मेरे ठीक पीछे आकर खड़ा हो गया.
तभी दो आदमी, जो बहुत बेहूदा से दिखने वाले शरीर के थे, लिफ्ट में आ खड़े हुए और उनमें से एक अपनी पसीने भरी पीठ मेरे सामने करके खड़ा हो गया.
एकदम से मैं एक कदम पीछे सरक गयी क्योंकि उसके पसीने की बदबू से मुझे उल्टी होने को हो गयी थी।
मैं यहां वहां बगलों में देखने लगी ताकि उसकी पसीने की बदबू से खुद को ज्यादा से ज्यादा बचा सकूं.
वो भरी हुई लिफ्ट चलने लगी और पहले तीन तलों पर नहीं रुकने वाली थी.
अमन ने इसी का फायदा उठाया और वो मेरे चूतड़ों पर अपने लंड को लगाकर दबाव बनाने लगा.
मैंने ऊपर नजर उठाकर छत में लगे शीशे में देखा और उसकी करतूतों का मुआयना करने लगी.
मैं देख रही थी कि वो बार बार आगे पीछे होकर अपने लंड को मेरी गांड में लगा रहा था जैसे कि मुझे पीछे की तरफ से चोद रहा हो।
वो और उसका दोस्त दोनों मेरी स्थिति पर मुस्करा रहे थे. मेरा मन कर रहा था कि मैं अमन के टट्टों को अपने हाथ में लेकर जोर से स्ट्रेस बॉल की तरह भींच दूं.
फिर ये सब होने के बाद जैसे ही मैं घर पहुंची तो मैंने अपना जिम बैग फर्श पर फेंका और सोफे पर बैठ गयी.
घर में पूरा सन्नाटा पसरा हुआ था. जिसका मतलब साफ था कि मेरा पति अपने वाहियात दोस्तों के साथ उनको कंपनी देने के लिए गया हुआ है।
मैंने मोबाइल फोन निकाला देखने के लिए कि उसने कहीं कोई मैसेज न छोड़ा हो।
मुझे उसका मैसेज मिला- जान, मैं अपने दोस्तों के साथ आया हुआ हूं. मैं देर से लौटूंगा और मेरा इंतजार मत करना।
‘साला सूअर की औलाद, ठीक से टाइप भी नहीं कर सकता। इसकी मां की …’ कहने के बाद मैं दूसरे मैसेज देखने लगी.
उनमें से एक मैसेज मेरी फ्रेंड प्रिया का आया हुआ था.
उसने एक लाल रंग की अंडरगार्मेटं सेट में अपनी फोटो भेजी हुई थी.
उस पर एक टैग लगा हुआ था:
‘आज हस्बैंड गर्म मूड में लग रहे हैं, मुझे उनकी रात की नींद हराम करनी है!’
जैसे ही मैंने उस टैग को पढ़ा तो मेरा हाथ खुद ही मेरी ट्रैक पैंट में अंदर मेरी चूत पर चला गया.
प्रिया का हस्बैंड एक जंगली मर्द था और वो जानती थी कि मैं उसके पति के बारे में सोचकर कैसे गर्म हो जाती हूं और नीचे से गीली हो जाती हूं.
उस वक्त भी यही हुआ.
अपने हाथ से मैं अपनी चूत को रगड़ने लगी. प्रिया के पति के बारे में सोचने लगी कि कैसे वो मेरी नर्म कोमल गांड पर चपेट मारकर मुझे चोदने की तैयारी कर रहा है.
मैं उठकर अपने बेडरूम में गयी और मैंने अपना कंप्यूटर ऑन कर दिया. मैं अपनी चूत को सहलाते हुए उसकी मांसल और गठीली बॉडी देखना चाहती थी.
इससे पहले कि मैं वाइब्रेटर उठाकर लाती, मेरा ध्यान लिफ्ट वाले लड़के अमन की हरकतों पर चला गया.
‘हां, वो कमीना जरूर मेरे काम आयेगा.’ मैंने सोचा और प्लान करने लगी कि उसको जल्द ही सबक सिखाऊंगी कि कैसे लड़की की इज्जत करनी चाहिए और कैसे उसकी चूत को संतुष्ट करना चाहिए।
मैंने अमन को उसी वक्त फोन किया और उससे कहा- मेरा कंप्यूटर बहुत धीमा हो गया है, क्या तुम आकर ठीक कर सकते हो?
जब उसने सुना कि मैं घर में अकेली हूं तो उसने तुरंत आने के लिए हां कर दी.
हालांकि मैंने जिम में ही शॉवर ले लिया था लेकिन फिर भी मेरे प्राइवेट पार्ट्स में हल्का हल्का पसीना आ चुका था.
मैंने खुद को शीशे में देखा और अपने गदरीले बदन को जांचने लगी.
मेरा मालकिन वाला स्वभाव अपने पूरे चरम पर था और मैं अमन को अपना पालतू गुलाम बनाकर इस पल का फायदा उठाना चाहती थी।
मैंने कंप्यूटर टेबल के पास की ड्राअर से एक नकली चूत का सेक्स टॉय निकाला और उसको ऐसी जगह रखा कि वो कंप्यूटर की कुर्सी पर से सामने साफ दिख सके।
तभी घंटी बजी और मैं अपने विजयी अंदाज में दरवाजा खोलकर अमन का स्वागत करने के लिए बढ़ी.
यह उसके लिए एक आनंददायी मगर साथ ही शोषणकारी रात साबित होने वाली थी।
अमन को मैं अपने बेडरूम में ले आयी.
जैसे ही मैं उसकी तरफ पलटी मैंने देखा कि वो मेरी गांड को घूर रहा था.
तब मैंने उसको वो झूठी समस्याएं बताईं जो मेरे कंप्यूटर में थी ही नहीं।
चूंकि मुझे पसीना आया हुआ था तो वो मेरे गोल गोल चूचों की बाहरी लाइन और जाहिर हो रहे चूचकों को घूर रहा था।
‘तुम इसको देख लो, तब तक मैं नहाकर आती हूं.’ कहकर मैं वहां से चली गयी और अमन वहीं चेयर पर बैठकर उसको देखने लगा.
मैं बाथरूम में गयी और दरवाजा खोलकर वापस से बंद भी कर दिया ताकि अमन को लगे कि मैं सच में ही नहाने गयी हूं.
मगर मैं अंदर न जाकर दबे पांव वापस आ गयी और फिर से रूम में झांकने लगी.
मैं देखना चाहती थी कि अमन की नज़र उस नकली चूत पर जाती है या नहीं।
वो कमीना मेरी इंटरनेट ब्राउजिंग की सारी खोज को चेक कर रहा था कि मैं क्या देखती हूं इसमें!
फिर उसकी नजर उस रबर की चूत पर चली ही गयी. उसने ड्राअर खोला और बाकी का सामान चेक करने लगा.
उसने उस रबर की चूत को अपने हाथ में ले लिया और अपनी उंगली उसमें घुसाने लगा. बिना कुछ चिकनाई युक्त पदार्थ लगाये उसने अपने आधे उठे हुए लंड को बाहर निकाल लिया.
उसने अपना लंड उस रबर की चूत पर रगड़ना शुरू किया और धीरे धीरे उसका लंड तनाव में आने लगा.
मैं अपनी सांस रोके ये सब देख रही थी और उसको रंगे हाथ पकड़ने के सही समय का इंतजार कर रही थी।
बस वो समय आ ही गया था जब सिमरन अब अपनी चाल चलने वाली थी।
‘देखो इस बेसब्र ठरकी हरामखोर को!!’ मेरा हरामी पति इस खिलौने में अपना लंड डालता है जब मैं उसका लंड लेने से मना कर देती हूं. क्या तू भी वैसा ही हरामी है क्या?’
मैं दूर खड़ी हुई अमन पर चिल्लाई. उसको मैंने अहसास कराया कि वो अब फंस गया है।
हड़बड़ाहट में उसने उस रबर की चूत को दूर फेंकेते हुए अपना ट्राउजर ऊपर कर लिया.
वो एकदम से कांप उठा था और रूम से निकलने के लिए उठकर चलने लगा.
मैंने उसके अंडकोषों से उसे पकड़ कर रोक लिया और उसके सामने खड़ी हो गयी.
वो मुझसे लम्बाई में काफी बड़ा था फिर भी उसके चेहरे का डर मुझे उसके सामने और ज्यादा आत्मविश्वास दे रहा था।
‘ओह सॉरी सिमरन आंटी, छोड़ दो मुझे, बहुत दर्द हो रहा है (अंडकोषों में)’
कहते हुए उसने अपनी वकालत सी की और अपने पैरों को यहां वहां सरकाने लगा ताकि मेरे हाथ की पकड़ से छूट सके।
‘साले, तेरी रंडी मां होगी आंटी, मैं नहीं!’ मैंने उसके बालों को खींचते हुए चिल्लाकर कहा।
अब वक्त था उसके साथ खेल खेलने का।
मैंने उसको आंडों पर से अपनी पकड़ ढीली कर दी. मैंने उसको बेड पर बैठने के लिए कहा।
मैं उसके पास जाकर बैठ गयी और उसके लंड और आंडों को सहलाने लगी.
जब मुझे लगने लगा कि उसके लंड में तनाव आ रहा है तो मैंने उसके लोअर में हाथ डाला और लंड को पकड़ लिया.
वो मुझे रोकने लगा- नहीं नहीं … अपने हाथ को निकाल लो.
“मुझे तुम्हारे लंड का साइज़ देखने दो. वैसे भी आज यह मेरी गांड से तो लिफ्ट में पहले ही मिल चुका है.” मैंने नर्म आवाज में उसके कान में कहा।
अमन का जवान लंड तनाव में आकर झटके देने लगा था. उसके लंड की नसों की धमनी मुझे मेरे हाथ पर साफ महसूस हो रही थी और मुझे पूरा पता चल रहा था कि लंड एकदम से पूरे तनाव में आ चुका है।
“क्या तुम्हें मेरी गांड सच में इतनी पसंद है? ईमानदारी से बताओ और सही से कहो कि तुम इसके बारे में कैसा फील करते हो. जितना खुलकर तुम बात करोगे उतना ही तुम्हें आगे मजा आयेगा.” मैंने कहा।
“इसको (तुम्हारी गांड को) सोचकर मैं मुठ मारता हूं.” उसने कहा।
“ये तो स्पष्ट जवाब नहीं दिया तुमने, मुझे कैसे पता लगेगा कि तुम मेरी गांड के बारे में क्या फंतासी रखते हो? तुम बस बचने के लिए ऐसा कह रहे हो।” मैंने उससे फिर पूछा।
अमन ने कुछ देर तक सोचा और तब तक वो मेरे हाथ से लंड की मुट्ठ मरवाने का मजा लेता रहा।
“मैं तुम्हारी गांड की पूजी करूंगा. मैं इसके लिए कुछ भी कर सकता हूं जो तुम कहो।” उसने बहुत ही विश्वास भरे लहजे में कहा।
“क्या तुम मेरी गांड को खुश करने के लिए एक कुत्ता बनने को तैयार हो?” अब हां कहने से पहले मैं तुम्हें साफ कर देती हूं कि अगर तुम मेरी गांड को खुश नहीं कर पाये तो मैं तेरी जिन्दगी को नर्क बना दूंगी.” मैंने उसके चेहरे को देखते हुए गंभीर स्वर में कहा।
अमन ने एक बार फिर से कुछ देर के लिए सोचा और समझा कि मैं क्या कहना चाहती हूं उससे!
मुझे पता था कि वो जरूर तैयार हो जायेगा क्योंकि उसको मेरे हाथ से मुट्ठ मरवाने में बहुत मजा आ रहा था।
“मैं तुम्हारा कुत्ता बनने के लिए तैयार हूं. एक वफादार कुत्ता, जो अपनी खूबसूरत मालकिन की हर बात मानेगा और खुशी खुशी उसकी सजा को भुगतेगा।” ये कहते हुए अमन ने अपना सिर मेरी गोद में रख दिया।
“अपने कपड़े उतारो और मेरे सामने खडे हो जाओ.” मैंने उसको आदेश दिया.
अमन ने वैसा ही किया जैसा मैंने उसे कहा था.
वो मेरे सामने अपने तने हुए लंड के साथ नंगा होकर खड़ा हो गया.
मैंने भी अपनी टीशर्ट और ट्रैक पैंट उतार दी जो पसीने से भीग चुकी थी।
“मुझे थोड़ी ताजा हवा की जरूरत है. मेरे डॉगी, अब तुम मेरे पास आकर मेरी ब्रा और पैंटी को अपने मुंह से ही खोलो। हां मगर आराम से. वर्ना सजा तुम्हें जरूर मिलेगी.” मैंने उसको अगला निर्देश दे दिया.
मैंने अपनी ब्रा की स्ट्रैप उतार दी और अपनी बॉडी को उससे चिपका दिया. मेरी जांघें उसके तने हुए लंड को दबा रही थीं.
अमन ने पसीने में तर मेरी ब्रा को अपने दांतों में थाम लिया और अपने चेहरे को मेरे बूब्स में मसलने लगा. मेरे कठोर हो चुके निप्पल्स को गुदगुदाने लगा.
वो कुत्ता अपने रोल को बहुत इंजॉय कर रहा था।
जब उसने मेरी ब्रा को फर्श पर गिरा दिया तो मैंने उसके आंडों में एक जोर का थप्पड़ मारा और चिल्लायी- वो बहुत महंगी है साले हरामी. ये तेरी रंडी मां की सस्ती ब्रा नहीं है जो वो फुटपाथ से खरीदती है. इसे अपने मुंह से उठाओ और मेज पर रखो.
“होह हां मालकिन, आप सही कह रही हो.”
जैसे ही वो ब्रा को उठाने के लिए फर्श पर लेटा, मैंने उसकी चुस्त गांड पर अपना पैर रख कर दबा दिया. उठाने से पहले मैंने उसको ब्रा को चाटने के लिए कहा.
जब वो वैसा करने लगा तो मैंने फिर से उसकी गांड पर जोर से पैर को रखकर दबाया ताकि उसकी चिल्लाहट मैं दोबारा से सुन सकूं क्योंकि उसके आंड फर्श और उसकी बॉडी के बीच में दब गये थे.
“बहुत अच्छे मेरे कुत्ते, अब आओ और मेरी पैंटी को निकालो.” मैंने उसे अगला आदेश दिया.
मेरे अंडरवियर में मेरी बड़ी सी गांड को देखकर निश्चित उसको उत्तेजना हो रही होगी. वो मेरी चड्डी को निकालने की बजाय अपनी नाक को मेरी गांड की दरार में रगड़ रहा था.
कुछ देर तो मैंने भी इसका मजा लिया मगर फिर मैंने अपनी चूत की फांकों को उसकी नाक पर रगड़ दिया ताकि उसको उसका काम याद आ सके.
अमन ने मेरी पैंटी की स्ट्रैप को अपने मुंह में पकड़ा और खींच दिया.
उसने अपनी नुकीली नाक को मेरी गांड में ऊपर से नीचे तक रगड़ा.
फिर उसने मेरी चड्डी को आगे की ओर से भी निकालने के लिए आगे का रुख किया.
इस दौरान उसने फिर से मेरी क्लीन शेव चूत पर नाक को रगड़ा.
चड्डी निकल कर नीचे गिर गयी और फिर उसने उसको मुंह से उठाकर बेड पर रख दिया.
“बहुत अच्छे, मेरे प्यारे डॉगी. आओ, अब कुछ ताजा हवा का मजा लेते हैं.” मैंने कहा।
मैंने उसके लंड को ऐसे थाम लिया जैसे मैंने रस्सी पक़ड़ी हुई है और मैं उसके सामने जा खड़ी हुई.
“मेरी गांड को हथेली से थाम लो, हम अब सैर पर चलेंगे. ध्यान रहे कि तुम मेरी गांड को टाइट पकड़ से थाम रहो.” मैंने उसको अगला आदेश दिया.
अमन ने अपनी हथेली मेरी गांड पर कस दी और उसको भींच दिया.
मेरी सिसकारी निकल गयी.
जब मेरी धीमी कामुक सिसकारी उसने सुनी तो उसने कुछ और करने का सोचा.
उसने अपनी छोटी उंगली मेरी गांड में डालने की कोशिश की ताकि मुझे और ज्यादा मजा आये.
“हां, ये एक आज्ञाकारी कुत्ता है, आह्ह … करते रहो … हांह!” मैंने उन्माद में उससे कहा।
फिर मैं लिविंग रूम की ओर जाने लगी. मैंने अमन को उसके लंड से पकड़ा हुआ था और उसका लंड पूरे तनाव में था.
वो मेरी गांड को भींच रहा था और अपनी उंगली मेरे छेद में डाल रहा था.
हम बालकनी में पहुंच गये. वहां की ताजी हवा ने मेरे पसीने की बदबू को हटा दिया.
“अब अपने हाथों पर आ जाओ मेरे डॉगी. तुम्हें यहां कोई कुर्सी नहीं दिख रही ना मेरे बैठने के लिए।” मैंने उसको बताते हुए कहा।
वो नीचे कूबड़ निकाल कर बैठ गया ताकि मेरे लिए कुर्सी बन सके।
मैंने अपनी गांड की फाड़ों को खोला और गांड के छेद को उसके चेहरे पर रगड़ने लगी. वो मेरे वजन को अपने सिर पर पूरा संभाल ले रहा था.
मैं अपनी गांड को उसके मुंह पर रगड़ती रही और कुछ समय तक अपना पसीना उसके चेहरे पर लगाती रही.
“अब मुझे नीचे बहुत पसीना आ रहा है, खासकर मेरी गांड की दरार में और छेद में। उसको चाटो और साफ कर दो. ऐसे करना कि मेरी चूत से रस निकलने लगे.” मैंने उसको कठोर शब्दों में आदेश दिया.
अमन मेरे पसीने भरे चूतड़ों को चाटने लगा. फिर वो मेरी गांड की दरार को चाटने लगा.
मेरी गांड के छेद को चाटने के लिए उसने मेरे चूतड़ों को फैला दिया और उसमें जीभ डालकर अंदर तक साफ करने लगा.
उत्तेजना के मारे मेरे पैर कांपने लगे थे. उसकी जीभ मेरी गांड में तूफान मचा रही थी. अपनी सिसकारियों को रोकने के लिए मैंने अपने मुंह पर ही हाथ रख लिया.
“तुम्हें ये गांड पसंद आ रही है न? इसीलिए तुम्हें ये परोस रही हूं मैं कुत्ते. तुझमें किसी सेक्सी औरत को पटाने की हिम्मत तो है नहीं इसलिए मेरे जैसी सेक्सी औरत की गांड तेरे लिए बहुत ही बढिया ऑप्शन है. चाट इसे साले!” मैंने उसकी बेइज्जती करते हुए कहा।
फिर मैं घूम गयी और अमन की तरह ही उसके सामने बैठ गयी. मैंने उसके लंड को पकड़ लिया और उसकी मुठ मारने लगी.
मैं देख रही थी कि उसकी उत्तेजना तेजी से बढ़ने लगी।
“मेरी गांड और चूत पर अपनी उंगलियां फिराओ. उसको सहलाते रहो और बताओ मुझे कि तुम्हारे साथ ऐसा क्यों किया जा रहा है।”
अमन की उंगलियां मेरी चूत और गांड को सहला रही थीं.
अब मैं अपनी सिसकारियों को और नहीं रोक सकती थी.
वो भी बहुत उत्तेजित हो गया और एक अच्छे गुलाम की भाषा बोलने लगा- मैंने लिफ्ट में मौके का फायदा उठाया और आपकी गांड को चूतिये की तरह रगड़ा वहां! मुझे सजा देने के लिए शुक्रिया मालकिन। मैं वाकई में ही किसी भी सेक्सी औरत को पटा नहीं सकता.” उसने निराशा भरे स्वर में कहा।
मैं खड़ी हुई और उसकी पीठ को दीवार के साथ सटा दिया.
फिर मैं घूम कर उसके लंड पर अपने चूतड़ मसलने लगी. उसके लंड से प्रीकम छूट रहा था.
अब मैं अपनी गाडं उसके लंड पर रगड़ने लगी. मैं ये भी ध्यान रख रही थी कि उसको मजा न मिले और उसको उसके ठरकीपन के लिए एक सीख दे सकूं.
अमन उत्तेजित हो गया था और मेरी चूत में अपना लंड डालना चाह रहा था.
मैं भी उसके लंड के स्पर्श में इतनी खो गयी कि पता ही नहीं चला कब वो मेरी चूत को चोदने लगा.
“मैं तेरी मां नहीं हूं जो किसी भी कुत्ते के सामने अपनी चूत फैलाकर खड़ी हो जाती है. तेरे जैसा बुजदिल मेरी चूत चोदने के काबिल नहीं है. अब बैठ जा तू!” मैं चिल्लायी।
अमन नीचे बैठ गया और मैं घूम गयी.
मैं अपनी गांड को उसके चेहरे पर रगड़ने लगी.
उसको अपनी औकात समझ आ गयी और वो मेरी गांड को चाटने लगा.
मैं आगे झुक गयी और उसके लंड की मुठ तेजी से मारने लगी.
वो भी सिसकारते हुए मेरी गांड में जैसे खो गया और उसका मुंह मेरी गांड में पूरा धंस गया था.
कुछ ही मिनट के बाद अमन के लंड से एक तेज पिचकारी छूटी जो सीधी बालकनी के फर्श पर जाकर लगी.
वो शांत हो गया.
फिर मैंने उसे उसके कपड़े लाने के लिए कहा. मैंने अपनी ब्रा और चड्डी भी लाने के लिए कहा.
उसके लंड का माल उसके ही कपड़ों से साफ करने के बाद मैंने उसको मेरी ब्रा और पैंटी पहनने को कहा.
उसने अपने कपड़ों के नीचे मेरी ब्रा और पैंटी पहनी.
“मुझे उम्मीद है कि अब तुम्हें समझ आ गया होगा. अब अगली बार मुझे तक किसी मर्द की भांति पहुंचने की कोशिश करना. क्या पता, मैं तुम्हें मेरी चूत चोदने के लिए भी हां कर दूं. मेरी ब्रा और पैंटी अपने पास ही रख लेना, ये तुम्हें तुम्हारी फंतासी पूरी करने में मदद करेंगे.” मैंने अमन को कहा।
“शुक्रिया मेरी सेक्सी मालकिन, मैं इन सुनहरी यादों को लम्बे समय तक याद रखूंगा. मेरे पास तो कोई मौका ही नहीं था कि मैं आपकी मदमस्त गांड का मजा ले सकूं. अपने इस वफादार गुलाम को आप कभी भी बुला सकती हो. मैं आपकी हर इच्छा पूरी करूंगा.” उसने खुश होते हुए कहा.
जैसे ही अमन घर से बाहर निकला मेरा मालकिन वाला भाव भी कहीं गायब हो गया क्योंकि अब मैं संतुष्ट हो गयी थी.
अमन को भी अपनी सजा में पूरा मजा आया और उसको एक सही उत्तर मिला जो हरकत उसने की थी।
तो आपको मेरा ये कामुक अनुभव कैसा लगा? मैं एक तीखी बी.डी.एस.एम. शौकीन हूं. आपको जवान लड़के के साथ सेक्स की मेरी ये सेक्स स्लेव पोर्न कहानी कैसी लगी अपने कमेंट्स में जरूर बतायें.
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