देसी गर्ल फक स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने रिश्तेदारी में आयी कमसिन लड़की को सेट करके अपने घर बुलाकर उसकी कुंवारी बुर की सील तोड़ी.
हैलो फ्रेंड्स, मैं सोहन आपको अपनी कहानी में एक गांव की लड़की रीतिका के साथ हुई चुदाई की की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
रिश्तेदारी में आई कमसिन लड़की से दोस्ती
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने रीतिका से गले लगने के लिए कहा, तो वो शर्मा गई.
अब आगे देसी गर्ल फक स्टोरी:
मैंने आगे बढ़ कर उसे अपनी बांहों में ले लिया और वो कसमसाने लगी मगर उसने मेरी बांहों की गिरफ्त से छूटने का जरा सा भी प्रयास नहीं किया.
एक मिनट बाद मैंने उसे वापस सोफे पर बिठा दिया.
अब मैंने उससे पूछा- मेरा साथ कैसा लगा?
उसने सर झुका कर कहा- तुम बहुत स्वीट हो.
मैं खुश हो गया.
अब मैंने उससे आगे कहा- देखो रीतिका, अब सबसे पहले हमें एक दूसरे के निजी अंगों को देखने की जरूरत है. अगर हमें ये पसंद है तो हमें इन हिस्सों को हाथों से छूने और सहलाने की जरूरत है. अंत में तुमको कम से कम एक बार चुदाई करने के लिए सहमत होना होगा.
वो मेरी मुँह से चुदाई शब्द सुनकर मेरी तरफ देखने लगी और फिर हंस कर अपने होंठ काटने लगी.
मैं समझ गया कि लौंडिया चुदने को मरी जा रही है.
अब मैंने उससे आगे कहा- मेरी इन सभी बातों को तुम बहुत ही गंभीरता से लो. अगर तुम सहमत हो तो तुम मेरी रानी बनोगी और विलासितापूर्ण जीवन जियोगी.
मेरे प्रस्ताव को सुनकर रीतिका हंस पड़ी और बोली कि तुम्हारे प्रस्ताव विचित्र और जोखिम भरे हैं.
मैंने उसे आश्वासन दिया कि हालांकि मेरे प्रस्ताव विचित्र हैं, लेकिन जोखिम भरे नहीं हैं. मैं तुम्हें वैसे भी शादी करने की गारंटी देता हूं. तुम मुझ पर विश्वास कर सकती हो. कोई भी व्यक्ति बिना जोखिम उठाए सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है. अब यह तुम पर निर्भर है. मुझे जल्द से जल्द तुम्हारे जवाब का इंतजार रहेगा.
कुछ देर बाद वो मेरी तरफ देखने लगी और बोली- मुझे सोचने के लिए वक्त चाहिए.
मैंने कहा- मुझे कोई दिक्कत नहीं है. मैं भी तुम्हारी सहमति के बिना कुछ भी नहीं करना चाहता हूँ.
वह मेरे घर से जाने के लिए उठी और मेरी तरफ देखने लगी.
मैं भी उठ गया और वो अचानक से मेरे गले से लग गई और मुझे चूम कर चली गई.
उसके इस चुम्बन से मुझे विश्वास हो गया था कि रीतिका सकारात्मक परिणाम के साथ जल्द ही जवाब देगी.
मुझे 7 दिन बाद भी जवाब नहीं मिला, तो मुझे निराशा सी हुई.
लेकिन मैंने नियमित रूप से नदी तट जाना जारी रखा.
दस दिनों के बाद मैंने उसे नदी किनारे देखा.
वह मेरे पास आई और कहा- तुमको जवाब में देर करने के लिए क्षमा चाहती हूँ. वास्तव में यह तय करना मेरे लिए बहुत मुश्किल था, लेकिन आखिरकार मैंने जोखिम लेने का फैसला ले लिया है.
मैंने उसे साहसिक निर्णय लेने के लिए बधाई दी और कहा- कल उसी समय मेरे घर आना. मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा.
कुछ देर की चूमाचाटी के बाद हम दोनों नदी तट से चले गए.
दूसरे दिन रीतिका सही समय पर मेरे घर पहुंची.
मैं उसे अपने कमरे में ले गया, जिसे आज मैंने विशेष रूप से इस अवसर के लिए सजाया था.
रीतिका कमरे को देखकर खुश हुई लेकिन थोड़ी घबराई हुई थी.
नौकर हमारे लिए कॉफ़ी ले आया.
मैंने उसे जाने के लिए कह दिया.
उसके जाते ही मैंने दरवाजा बंद कर दिया.
मैंने रीतिका से कहा- घबरा रही हो क्या?
रीतिका कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा- खुश रहो यार और मुस्कुराती रहो.
उसे अपनी बांहों में लेकर मैंने एक गहरा चुंबन दे दिया.
वो भी मेरे सीने में धड़कते दिल को महसूस करने लगी.
मैंने उसे बिठाकर मिठाई और फल लेने को कहा.
जब उसने केले को छीलना शुरू किया, तो उसने मेरी तरफ देखा.
फिर उसने बड़ी अदा से केला अपने मुँह में लिया और खाने लगी.
मैं ध्यान से देख रहा था.
वो कुछ मुस्कुरा दी.
मैंने कहा- गुड रीतिका. तुमने अच्छी शुरूआत की है.
वो हंस पड़ी.
मैंने कहा- क्या अब हमें एक-एक करके अपने वादे पूरे करना शुरू करना चाहिए?
रीतिका ने हां में जवाब दिया.
मैंने उससे कहा- हम एक दूसरे के कपड़े पूरी तरह से उतार देंगे.
वो जरा शर्माई मगर मैंने एक-एक करके उसके सारे कपड़े निकाल कर उसे नंगी कर दिया.
रीतिका बेहद शर्मा रही थी.
फिर इसी तरह उसने मुझे भी नंगा कर दिया.
हम दोनों बिस्तर पर लेट गए थे.
मैंने उससे कहा- तुम्हारे सभी अंग बहुत आकर्षक लग रहे हैं. ये बड़े स्तन, चिकनी योनि, आकर्षक जांघें और पतली कमर, किसी भी आदमी को पागल बनाने के लिए काफी है.
वो बोली- कैसे?
मैं- वो सब मैं बाद में बताऊंगा, जब मैं उन्हें छूऊंगा और सहलाऊंगा.
वो मेरे लंड को कामुक नजरों से देखने लगी, जो कि अपने पूरे आकार में आ गया था.
मैंने लंड सहलाते हुए पूछा- अब तुम मेरे निजी सामान के बारे में अपनी राय बताओ.
वो फिर से शर्मा गई और मेरे लंड को देखकर मुस्कुराने लगी.
लंड पूरी तरह से खड़ा था.
वह कुछ समय तक इसे बहुत ध्यान से देखती रही.
मैंने कहा- तुम इसे छूकर भी देख सकती हो.
उसने कहा- यह बहुत बड़ा है. तुम्हारे लंड का सुपारा पूरी तरह से खुला है और एकदम लाल है.
मैंने कहा- तुमने आज से पहले ऐसा लंड देखा है?
वो बोली- फिल्म में देखा है. मगर सामने से आज पहली बार देख रही हूँ. मैंने इस तरह के लिंग के बारे में पढ़ा भी है.
मैंने कहा- इस तरह के लिंग से तुम्हारा क्या आशय है?
वो बोली- तुम्हारे लिंग का सुपारा जिस तरह से खुला है न … उसका मतलब है कि तुमने बचपन में अपने लंड का खतना करवाया है. यह बहुत आकर्षक लग रहा है, लेकिन बड़ा गुस्से में लग रहा है.
मैंने कहा- तुमने सही कहा है रीतिका. मुझे तुम्हारे मुँह से ये सब सुनने में बड़ा अच्छा लग रहा है. प्लीज़ कुछ और कहो न!
वो मेरे लंड को ध्यान से देखती हुई बोली- तुम्हारे अंडकोष मध्यम आकार के हैं और खूबसूरती से लटके हुए हैं. तुम्हारा हथियार किसी भी लड़की को संतुष्ट कर सकता है. लेकिन मुझे तुम्हारे बड़े लंड से डर लग रहा है. बाकी मैं आपको इसे छूने और सहलाने के बाद बताऊंगी.
मैंने कहा- तो देर किस बात की है रीतिका. पकड़ लो न मेरा लंड और इसे सहला कर देखो.
दोस्तो, इस तरह से हमारा पहला सत्र समाप्त हो गया था.
अब हम अपने अगले सत्र में छूने और सहलाने शुरू करने वाले थे.
हम दोनों बिस्तर पर एक साथ बैठे और एक दूसरे के यौन अंगों को छूने और सहलाने लगे.
सबसे पहले मैंने उसके स्तन को छुआ और दबाया. मैंने उसकी ब्रा के आकार का अनुमान लगाया.
मैंने कुछ देर तक एक दूध सहलाया.
मम्मे के बाद मैंने उसकी जांघ और नितंब को छुआ. उसकी जांघें केले के तने की तरह चिकनी थीं.
उसका नितम्ब बड़े बड़े और एकदम गोल थे.
मैंने उसके दोनों नितम्बों को सहलाया. फिर मैंने अपना हाथ उसकी योनि पर रख दिया.
उसकी फूली हुई चूत एकदम गोरी और मस्त थी. साथ ही वो अपनी चूत की झांटें साफ़ करके आई थी. चूत से पानी रिसने कगा था जिस वजह से वो चिकनी हो गई थी.
वो मद्धिम स्वर में बोली- मैं कैसी लगी?
मैंने उससे कहा- तुम बेहद खूबसूरत हो रीतिका. तुम्हारे सभी यौन अंग परिपूर्ण और बहुत आकर्षक हैं. ये मस्त हैं.
वो मेरी आंखों में वासना से देखने लगी थी. हमारे होंठ जुड़ गए थे और हम दोनों एक दूसरे को चूमने का मजा लेने लगे थे.
हमारी सांसें तेज तेज चलने लगी थीं.
मैंने कहा- अब हमें अपने अंतिम लेकिन सबसे महत्वपूर्ण काम की ओर बढ़ना चाहिए.
मेरी बात से रितिका डर गई और चुदाई करने के लिए मना करने लगी.
जब मैंने कारण पूछा तो उसने कहा- मैं इतना बड़ा लंड बर्दाश्त नहीं कर सकूंगी. मैं मर जाऊंगी. मेरी सील भी टूट जाएगी. सोहन मैंने तुम्हारी सभी शर्तें पूरी कर ली हैं.
मैंने उसे आश्वस्त किया- रीतिका तुम्हें किसी बात की चिंता नहीं करनी चाहिए. अपनी जिन्दगी में हर बात सुखद होगी. मैं तुम्हारी चिंताओं को समझता हूं. तुम कमाल की लड़की हो. मैंने तुमको अन्य सभी चीजों में नंबर एक दर्जा दिया है. केवल ये अंतिम काम शेष है. मुझे विश्वास है कि तुम इस परीक्षा में भी सुपर साबित होगी, इसलिए साहसी बनो और आगे बढ़ो. संभोग से आज तक किसी लड़की की मृत्यु नहीं हुई है. हां दर्द होता है मगर इसी दर्द के साथ मजा भी आता है.
वो मेरी बातों से उत्साहित हो गई.
मैंने उसे बिस्तर पर लेटने के लिए कहा.
उसने ऐसा ही किया.
मैं उसके पास बैठ गया और उसके स्तन पकड़ कर चूसने लगा.
उसके दोनों बूब्स को चूसने के बाद मैंने कहा- मेरा लंड चूसो.
बिना किसी हिचकिचाहट के उसने मेरा लंड पकड़ लिया और चूसने लगी.
उसने कहा- मुझे तुम्हारे लंड की खुशबू और स्वाद बहुत पसंद आया है. तुम्हारा लंड मस्त है.
मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकाल लिया और उससे कहा कि मैं अब तुम्हारी चूत चाटना चाहता हूँ.
वो चूत चुसवाने के लिए राजी थी.
मैं उसकी दोनों जांघों के बीच बैठ गया और उसकी बुर में अपनी जीभ अन्दर डाल दी. मैं उसकी चूत के दाने को चूसने लगा.
उसे आनन्द मिलने लगा और उसने अपने नितम्बों को ऊपर-नीचे करना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर में उसने मेरा लंड को पकड़ लिया.
तब मुझे लगा कि वह पूरी तरह से उत्तेजित हो गई है.
अब टाइम था देसी गर्ल फक का!
मैंने अपना मुँह उसके बुर से हटा दिया और अपना लंड वहां रख दिया.
उसने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ा और अपनी बुर पर रगड़ने लगी. उसने कहा- तुम्हारे लंड की सुपारी बहुत बड़ी है और बहुत मोटी भी. तुम बहुत धीरे धीरे करना.
“ठीक है मेरी जान, तुम चिंता मत करो, मैं सभी बातों का ध्यान रखूंगा. तुम बस हिम्मती बनो. अब मैं तुम्हें एक धीमा धक्का दूंगा.”
वह बोली- ठीक है.
फिर मैंने धक्का दिया.
उसे दर्द होने लगा था तब भी वह चिल्लाई नहीं.
मैंने कहा- कैसा लग रहा है?
उसने कहा- हां दर्द हो रहा है लेकिन अभी भी सहन कर सकती हूँ.
मैं- बहुत अच्छा मेरी जान. अब मैं तुम्हें जोर का धक्का दूंगा.
ये कहते हुए मैंने एक जोरदार धक्का लगा दिया.
वह बहुत जोर से चिल्लाई और जोर-जोर से रोने लगी.
मैंने धक्का देना बंद कर दिया और उसे सांत्वना देने लगा, उसके दूध चूसने लगा.
जब वह चुप हो गई, तो मैंने फिर से धक्का देना शुरू कर दिया.
अब उसे मजा आने लगा, उसने मुझसे और जोर जोर से धक्का देने के लिए कहना शुरू कर दिया.
जब तक उसने मुझे रोका नहीं, मैंने उसे जोरदार धक्का देना जारी रखा. जब मैं स्खलन करने वाला था, मैंने अपना लंड निकाल लिया और उसके हाथ पर स्खलन कर दिया.
रीतिका ने उठ कर देखा तो हर जगह खून ही खून के दाग लग गए थे.
मैंने उससे कहा- मुझे दुःख है मेरी जान रीतिका, मैंने तुम्हारी सील तोड़ दी है.
जबकि अन्दर से मैं खुशी महसूस कर रहा था क्योंकि मैंने वह हासिल किया था जिसका मुझे लंबे समय से इंतजार था.
यह मेरी एक कुंवारी लड़की की पहली चुदाई थी.
मैंने रीतिका को सांत्वना दी- मैं हर समय तुम्हारे साथ रहूंगा.
वो भी खुश थी.
आखिर एक जवान लड़की भी अपनी चूत में मोटा लंड डलवाना चाहती ही है.
रीतिका मेरे लंड से चुद कर बहुत खुश थी. आप मुझे मेल कर सकते है कि आपको मेरी देसी गर्ल फक स्टोरी कैसी लगी?
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