हाय दोस्तो, मेरा नाम महेश है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ।
आपकी तरह मैं भी अन्तर्वासना का पाठक हूँ और ढेर सारी कहानियाँ पढ़ने के बाद मुझे भी ऐसा लगा कि मैं भी अपने साथ घटी घटना को आपके साथ शेयर करूँ।
यह बात उन दिनों की है, जब मैं अपनी पढ़ाई के अंतिम वर्ष में था, मेरे मम्मी-पापा साथ में रहते थे।
तो मैं एक दिन पार्क में गया था, पार्क में खूब घूमा।
उस वक़्त एक लड़की मुझे बार बार देख रही थी, मैं भी उसे देख रहा था फिर मैं वहाँ से घर जाने के लिए निकल आया।
मैं शाम के 5.00 बजे घर को लौट रहा था। इतने में देखा वो लड़की सामने किसी का वेट कर रही थी, जैसे ही मैं उसके पास से गुजरा
तो उसने पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?
मैंने कहा- महेश!
फिर मैंने उससे पूछा- आपका नाम क्या है?
उसने अपना नाम शीला बताया।
वो सांवले रंग की थी, उसकी फेस कटिंग अच्छी थी, दिखने में खूबसूरत लग रही थी।
मैंने उससे पूछा- आप अकेले पार्क में आई थी, क्या आपका बॉयफ्रेंड नहीं है?
उसने कहा- नहीं।
फिर उसने मुझसे पूछा- आप क्यों अकेले आये थे? आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?
तो मैंने कहा- नहीं।
फिर मैंने उससे पूछा- आप रहती कहाँ हो?
उसने बताया कि मैं आपके घर के बगल में रूम लेकर रहती हूँ।
मैं तो सन्न रह गया क्योंकि मैंने उसको घर के आसपास आज तक नहीं देखा था।
मैंने उससे पूछा- आप अकेली रहती हो या फ्रेंड के साथ?
तो उसने बताया- अकेली।
फिर हम बात करते करते घर की तरफ निकल दिए और उसने मुझे अपने रूम पर चलने के लिए कहा।
मैंने बोला- आज टाइम नहीं है, मैं आपसे कल मिलता हूँ।
हम दोनों ने अपना नंबर एक्सचेंज किया।
हमने रात में 2.00 बजे तक बात की और उसने मुझे अगली सुबह 11.00 बजे बुलाया, मैंने कहा- ठीक है।
मैं सुबह जब उसके रूम पर गया तो वह किचन में ब्रेकफास्ट बना रही थी।
मैंने बैल बजाई तो दरवाजा खुला… मैं उसको देखता ही रह गया, वो हॉट एंड सेक्सी लग रही थी।
उसने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- आज तुम बहुत सेक्सी लग रही हो।
तो उसने कहा- थैंक्स… एंड बाहर ही रहोगे या अंदर आओगे?
अन्दर जाते ही उसने बोला- मैं ब्रेकफास्ट लाती हूँ।
हम दोनों ने साथ में ब्रेकफास्ट किया।
वो अन्दर किचन साफ़ कर रही थी, मैंने मौका न गँवाते उसको पीछे से पकड़ लिया, उसके हाथों पर हाथ फेर दिया और उसके गाल पर चुम्बन किया।
वो अचानक घूम गई, इससे पहले कि वो कुछ कहे, मैंने उसको चूमना चालू कर दिया, वो भी मेरा साथ देने लगी।
फिर उसने कहा- अभी नहीं!
मैंने उसकी बात न सुनी और चूमना चालू रखा।
थोड़ी देर बाद उसने मुझे धकेला और कहा- आप बहुत नटखट हो।
वो अन्दर कमरे में चली गई और मैं उसके पीछे पीछे… कमरे के अन्दर जाते ही उसने मुझे धक्का मारा और मैं बिस्तर पर गिर गया।
फिर मैंने अपनी शर्ट उतारी और उसको अपने ऊपर लेटा दिया और उसके कपड़े उतार दिये। वो गुलाबी ब्रा और पेंटी में थी।
मैंने उसकी ब्रा खोल दी, एकदम से उसके गुलाबी निप्पल वाले मम्मे बाहर आ गए।
मैंने उसके मम्मों को स्पर्श किया बहुत ही मुलायम थे। थोड़ी देर मसलने के बाद उसके एक मम्मे को अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगा।
उसकी सिसकारियाँ निकलने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह… उसके मुँह से ‘आह..’ की आवाजें आने लगी।
वो धीरे धीरे मदहोश हो गई थी।
मैंने उसकी पेंटी खिसका दी, मैंने उसकी चूत को जी भर कर चूसा, वो 10 मिनट में झड़ गई।
क्या नमकीन स्वाद था उसके जूस का!
उसने मुझे एक तरफ धकेला और मेरे ऊपर आ गई। मेरी अंडरवियर निकाली और 7 इंच का लौड़ा हाथों में लेकर चूसने लगी।
मैं इतना गर्म हो चुका था कि मैं भी 3 मिनट में ही झड़ गया।
उसके बाद मैंने उसको चुम्बन किया और उसने मेरा लौड़ा फिर से कड़क कर दिया।
मैंने अपने लौड़े को उसकी चूत के ऊपर रख कर धक्का मारा, वो चिल्लाई और लंड निकालने को कहा।
मैंने उसकी न सुनते हुए थोड़ी देर बाद एक और प्रहार किया.. और फिर एक और.. इस तरह से कुछ ही धक्कों में अपना पूरा लौड़ा उसकी चूत में पेल दिया।
कुछ देर बाद मैंने देखा कि उसकी चूत में से खून आने लगा।
मैंने धीरे धीरे लंड अन्दर-बाहर करना शुरू किया, वो दर्द के मारे बोलने लगी- प्लीज बाहर निकाल लो!
मैं उसकी बात ना सुनते हुए धीरे धीरे डालने लगा।
थोड़ी देर बाद जब खून बंद हुआ तो मैं मैंने चूत की पूरी गहराई में लंड पेल दिया और वो नीचे से कमर उठा कर साथ देने लगी।
पूरे 15 मिनट तक मैंने उसे चोदा और बाद में उसके अन्दर ही झड़ गया।
मैंने उससे कहा- मैं शाम को गोली दे दूंगा।
मैं शाम 5.00 बजे उसके रूम से अपने घर आया। मैंने उसकी कई बार चुदाई की थी।
उसके बाद साल 2012 में वह रूम को छोड़ कर घर चली गई, तब भी हम दोनों फ़ोन पर बात करते थे।
फिर एक दिन उसने बताया कि अब उसकी शादी हो गई है।
अब उससे मेरी बात नहीं होती है लेकिन मैं उसको बहुत याद करता हूँ।
दोस्तो, मेरी कहानी कैसी लगी?
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