मैंने न्यू बुर Xxx चुदाई का मजा अपने ही घर में लिया पड़ोस की एक कुंवारी लड़की की अनछुई चूत मार कर! मैं काफी समय से उसे चोदने की फिराक में था.
दोस्तो, मेरा नाम रंजीत है. मैं बिहार का रहने वाला हूँ.
ये कहानी मेरे पड़ोस की रहने वाली कामिनी की है कि कैसे मैंने न्यू बुर Xxx चुदाई का मजा लिया.
कामिनी एकदम कड़क माल है.
उसको देख कर किसी का भी लंड पानी छोड़ देगा.
वह एकदम दूध जैसी गोरी है और उसका फिगर बड़ा ही कमाल का है.
मैं उसको चोदने के लिए बहुत दिनों से उसके आगे पीछे घूमता रहता था.
उसके घर भी जाता था लेकिन साली कभी भाव ही नहीं देती थी.
कभी कभी वह मेरे घर आया करती थी तो मैं उसको आंख मार दिया करता था.
पर वह वहां से गुस्से से चली जाती थी.
मेरा मन उसको चोदने के लिए बेचैन था पर वह हाथ नहीं लग पा रही थी.
उसकी याद में मैं रोज मुठ मारता था और यही सोचता था कि कब कामिनी को चोद पाऊंगा.
मुझे न तो मौका मिल रहा था और न ही कोई उपाय सूझ रहा था कि मैं उसे अपने लौड़े के नीचे ला सकूँ.
एक दिन मेरे घर के सभी लोग मार्किट गए थे और मम्मी दूसरे कमरे में सोई थीं.
मैं अपने रूम में बैठ कर मोबाइल पर गेम खेल रहा था.
उसी वक्त कामिनी मेरे घर आई.
वह सीधे मेरे घर में अन्दर आ गई और इधर उधर देखने लगी.
पर उसे कोई नहीं दिखा तो वह मेरे पास आ गई.
वह बोली- भैया मेरा मोबाइल खराब हो गया है. इसे ठीक करवा दीजिए.
मैं बोला- ठीक है, करवा दूँगा.
इस पर कामिनी बोली- जो पैसा लगेगा, मैं दे दूंगी.
मैंने मौका देख कर थोड़ा हिम्मत करके उससे कहा- मुझे पैसा नहीं चाहिए, मैं तुम्हारा पैसा अपने पास से दे दूँगा.
वह बोली- भैया, आपका ये अहसान मैं कभी नहीं भूलूंगी.
मैं बोला- इसमें अहसान की कोई बात नहीं है. कभी मेरा भी काम कर देना.
तो वह सहज भाव से बोली- हां ठीक है.
उसके बाद वह चली गयी.
मैं उसका मोबाइल लेकर मार्केट गया और उसका मोबाइल सही करवा कर वापस आ गया.
मैंने उसके मोबाइल को अपने पास छुपा लिया.
करीब एक घंटा बाद कामिनी आयी और बोली- भैया मोबाइल सही हो गया कि नहीं?
तो मैं बोला- नहीं, कारीगर बोला कि उसमे बहुत खर्च है. पैसा ज्यादा लगेगा.
वह बोली कि मेरे पास तो ज्यादा पैसा नहीं है. आप सही करवा दो, मैं आपको बाद में पैसा दे दूँगी.
मैं बोला- कोई बात नहीं, मैं तुम्हारा मोबाईल सही करवा देता हूँ. इसमें कुछ वक्त लगेगा और …
वह बोली- और क्या?
मैंने कहा- और इसके बदले मुझे तुम्हारी बुर चाहिए!
ये सुनकर वह एकदम से सन्न हो गई और बोली- भैया, आप ये क्या बोल रहे हैं. ये सब गलत है. मैं ये नहीं कर सकती हूँ.
इस पर मैं बोला- कुछ गलत नहीं है. तुम्हें कुछ नहीं होगा और किसी को कुछ पता नहीं चलेगा सिवाए तुम्हारे और मेरे … कभी न कभी तो तुम्हें यह सब करना ही पड़ेगा, तो क्यों न तुम मेरे साथ यह सब करके मजा ले लो.
इस पर वह कुछ नहीं बोली.
मैंने हिम्मत करके कामिनी का हाथ पकड़ा और उसको अपने कमरे में खींच लिया.
वह मेरे सीने से आ लगी.
उसकी सांसें तेज चलने लगी थीं और वह किसी ऐसी हिरनी सी सहमी हुई थी जैसे किसी शेर के पंजे में दबी हो.
मैंने लात से दरवाजे को बंद कर दिया.
जैसे ही मैंने दरवाजा बंद किया तो वह डर कर रोने लगी.
मैंने उसको शांत कराया और बोला- कामिनी, तुमको कुछ नहीं होगा, डरती क्यों हो?
वह बोली- मैंने यह सब कभी नहीं की हूँ, तो प्लीज भैया ये सब करने में डर लग रहा है.
मैं तो उसकी चूत का मजा लेने के मूड में था, तो कहां कुछ मानने वाला था.
मैं उसको चूमने लगा तो वह मुझको हटाने लगी.
पर मैं फिर से उसको चूमने लगा और चूमते हुए ही उसको अपने पलंग पर लेटा दिया.
वह चुपचाप लेट गई.
मैंने उसकी टांगों को पलंग के नीचे लटका दिया और उसकी सलवार की डोरी को खोलने लगा.
कामिनी ने मेरे हाथ को पकड़ लिया और बोली- प्लीज भैया ये करने में दर्द होगा ना!
मैं बोला- तुम चिन्ता मत करो, मैं तुमको कुछ नहीं करूँगा, केवल तुम्हारी बुर को देख कर और थोड़ा सहला कर देखूँगा. उसके बाद मैं अपने हाथों से अपने लंड का पानी निकाल लूंगा और तुम चली जाना.
वह बोली- नहीं, आप इतना ही करोगे ना भैया!
मैं बोला- मैं कोई गलत नहीं कर रहा हूँ, इसमें तुमको भी खूब मजा आएगा. सिर्फ एक बार करके तो देखो. फिर तुम अपने भैया को बार बार खोजोगी.
वह चुप हो गई.
फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी सलवार को नीचे गिरा दिया.
इसके बाद मैंने उसकी पैंटी को भी खोल कर बाहर निकाल दिया.
दोस्तो, कामिनी नीचे से पूरी नंगी हो गई थी और उसकी बुर मुझे साफ साफ दिखाई दे रही थी.
उसकी बुर पर बहुत बाल थे, पर उसकी बुर बहुत सुंदर थी.
काले बालों के बीच उसकी गोरी चूत की छटा बड़ी ही प्यारी लग रही थी.
मैंने मुँह को उसकी चूत के करीब किया तो चूत पर पाउडर और पेशाब की मिली-जुली मस्त मादक कर देने वाली महक आ रही थी.
जब मैंने उसकी तरफ देखा तो वह सिर्फ मेरी तरफ ही देख रही थी.
मैंने अपनी आंखों को उसकी आंखों से मिलाए रखा और अपनी जीभ निकाल कर उसकी चूत पर फेर दी.
वह एकदम से चिहुँक गई और मेरे सर को पकड़ कर दूर हटाने लगी.
मैंने सर हटा लिया और उसे देखने लगा.
इतना सब करने के बाद मेरा तो समझो पसीना निकला जा रहा था.
मेरे सामने मासूम बिना चुदी बुर थी और उसकी दोनों फांकें लंड के इंतजार में दिख रही थीं कि जैसे कह रही हों कि लंड आकर उन दोनों फांकों को फाड़ कर अन्दर घुस जाए.
यह सब सोच कर और सामने उसकी मक्खन सी मुलायम बुर देख कर मेरा लंड एकदम कड़क हो चुका था.
अब मैंने अपनी पैन्ट की जिप खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया.
जैसे ही मैंने अपना लंड बाहर निकाला, तो कामिनी ने देख लिया.
वह बोली- भैया, ये क्या कर रहे हैं? आपने तो बोला था कि केवल देख कर छोड़ दूंगा और आपने अपना लंड बाहर निकाल लिया है. मैं इसके आगे कुछ नहीं करने दूंगी.
मैं बोला- तुमको कुछ नहीं होगा, तुम क्यों चिन्ता करती हो. मैं बस अपना लंड हिलाऊंगा और बस जरा तुम्हारी बुर से टच करूंगा.
वह चुप हो गई और लंड को देखने लगी.
मैं अपने एक हाथ से उसकी टाइट बुर को सहलाने लगा.
सहलाते सहलाते वह भी थोड़ा थोड़ा जोश में आने लगी.
मैंने देर ना करते हुए अपना एक हाथ उसके मुँह पर फेरने लगा और दूसरे हाथ से उसकी बुर को सहलाने लगा.
उसकी बुर रोने लगी और उस मैंने न्यू बुर Xxx में से पानी आने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा और एक हाथ से उसके होंठों पर उंगलियां फेरने लगा.
दूसरे हाथ से मैंने अपने लंड को पकड़ कर कामिनी की बुर के छेद के पास ले जाकर सैट कर दिया.
कामिनी वासना से भरे स्वर में बोली- क्या कर रहे हो भैया?
मैं बोला कि तुम्हारी बुर को सहला रहा हूँ … मजा आ रहा है न!
वह कुछ नहीं बोली.
थोड़ी देर बाद मैंने उसके मुँह के ऊपर अपना हाथ रखा और इधर अपना लंड कामिनी के बुर में तेजी से घुसेड़ दिया.
वह चिल्लाने को हुई तो मैंने उसके मुँह को अपने हाथों से कससे दबा कर रखा, जिससे उसकी आवाज बाहर तक ना आ सके.
फिर मैं वैसे ही कुछ देर रूका रहा और दो पल के बाद मैंने दूसरा झटका दे मारा.
इस बार मेरा पूरा लंड कामिनी की बुर में चला गया.
कामिनी दर्द से छटपटाने लगी और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे.
मैं अपना लंड अन्दर बाहर करने लगा और तेजी से कामिनी को चोदने लगा.
कामिनी खूब रो रही थी और खूब छटपटा रही थी.
थोड़ी देर कामिनी को चोदने के बाद वह कुछ शान्त हुई.
मैंने उसके मुँह से अपने हाथ को हटा लिया और कामिनी को खूब तेज गति से चोदने लगा.
थोड़ी देर बाद कामिनी बोली कि भैया ये आपने क्या किया? आपने मुझे बुरी तरह चोद दिया!
मैं बोला- देख अब तो तुम मुझसे चुद चुकी हो. ये बात अभी तो सिर्फ हम और तुम ही जानते हैं. किसी को कानों-कान खबर नहीं होगी. तुमको कुछ भी नहीं होगा. यदि इसके बाद तुमको मेरी जरूरत हो, तो तुम मुझको बेहिचक बोल देना, मैं तुम्हारी हर जरूरत को पूरा करूँगा और किसी को कुछ पता नहीं चलने दूँगा.
वह मुस्कुरा कर बोली कि ठीक है.
उसकी मुस्कान ने मुझे और जोश दिला दिया.
अब मैं पूरी रफ्तार से उसकी बुर को चोदे जा रहा था.
मुझे चूत चोदते चोदते काफी समय हो गया था और मेरा माल निकलने वाला था.
मैंने अपनी स्पीड को और बढ़ा दिया.
कुछ ही पलों बाद मैंने उसकी बुर में ही अपना माल गिरा दिया और उसी के ऊपर लेट गया.
फिर हटा और एक कपड़े से अपना लंड साफ किया.
उसके बाद कामिनी की बुर को भी साफ किया.
मैंने उससे कहा- अब तुम अपनी सलवार को पहन लो.
वह उठी और सलवार को पहनने लगी.
जैसे ही वह अपनी पैंटी पहन रही थी, तो उसकी नजर अपनी बुर पर पड़ी, तो वह फटी हुई चूत देख कर डर गई और रोने लगी.
मैं बोला- क्या हुआ?
वह बोली- इसमें से थोड़ा खून निकल रहा है!
मैं बोला- हां जब पहली बार चुदाई होती है. तब खून तो निकलता ही है. थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा, डरने की कोई बात नहीं है.
तब जाकर वह शान्त हुई और बोली- कुछ होगा तो नहीं न!
तो मैं बोला कि नहीं कुछ नहीं होगा. शाम को मैं एक दवा लाकर दूंगा, तुम याद से जरूर खा लेना. फिर तुम्हें कुछ नहीं होगा!
वह हंस कर बोली- ठीक है, जरा कपड़े से खून साफ कर दो.
मैंने उसी कपड़े से उसकी बुर को साफ कर दिया और वह अपनी पैन्टी को पहन कर खड़ी हो गई.
फिर वह अपनी सलवार पहन कर अपने घर जाने को हुई.
मैं उसे देखने लगा था तो वह एकदम से मेरे करीब आई और मुझे गाल पर चूम कर तेज गति से भागती हुई चली गई.
उसके जाते ही मैं बाजार गया और दवा लेकर अपने घर आ गया.
शाम को मैंने उसको दवा दे दी.
दोस्तो, उस दिन के बाद से मैं उसको जब चाहे चोदने लगा.
वह भी खूब मजा ले ले कर चुदवाने लगी.
मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में आपको बताऊंगा कि कामिनी को पूरी नंगी करके तसल्ली से उसको रात भर चोदा और वह भी मस्त होकर अपने दूध चुसवाती हुई सारी रात चुदी.
इस मैंने न्यू बुर Xxx चुदाई कहानी के लिए आपके मेल मुझे प्रोत्साहित करेंगे.
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