भाभी की चूत चुदाई कहानी के पिछले भाग
पड़ोसन भाभी के साथ सेक्स एंड लव-2
में आपने पढ़ा था कि मैंने नैना को एक बार चोद दिया था और वो मेरे बाजू में लेटी हुई थी. उसकी आंखों में अभी भी खुमारी थी. उसने मेरे लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसे हिलाने लगी.
अब आगे:
मैंने पूछा- क्यों तुम्हारा हस्बैंड तुम्हारे साथ सेक्स नहीं करता?
वो बोली- करता है पर मुझे मज़ा नहीं आता.
मैंने फिर पूछा- क्या उसका लंड साइज में छोटा है या वो जल्दी डिस्चार्ज हो जाता है?
वो बोली- नहीं ऐसा भी नहीं है, उसका लंड काफी बड़ा और मोटा है. उसकी चुदाई से तो मेरी जान निकल जाती है. जब वो अपना मेरी चूत में डालता है और चोदना शुरू करता है, तो कम से कम मुझे एक बार में 20 मिनट तक चोदता है. मेरा पूरा शरीर दुखने लगता है.
मैंने बोला- फिर मज़ा ना आने की क्या वजह है और मेरे साथ क्यों मज़ा आया?
वो बोली- क्योंकि वो सिर्फ चुदाई करता है प्यार नहीं, कभी उसकी इच्छा की परवाह नहीं करता, कभी उसकी तारीफ भी नहीं करता, कभी उसके बूब्स को प्यार नहीं किया, चुसाई नहीं की. वो मुझे बेड पे भी वो रेस्पेक्ट नहीं देता, बस वो मुझे एक खिलौना समझ कर रौंद कर सो जाता है. मैं चमोत्कर्ष पे पहुंची या नहीं, मुझे मज़ा आया या नहीं … इन बातों का उसका कोई लेना देना नहीं है. बस अपना डिस्चार्ज करके सो जाता है. चुदाई के बाद उसने मुझे कभी किस तक भी नहीं किया.
मैंने उससे पूछा- जैसे मैंने तुम्हारी पुसी के साथ ओरल किया, क्या वो नहीं करता?
वो बोली- न कभी नहीं … ये तो मुझे ज़िदगी में पहली बार मज़ा मिला है, यहाँ तक की मेरा हस्बैंड तो मुझसे बोलता है जल्दी से लोअर खोल, तेरे को चोदना है. बस लोअर भी मैं खुद ही खोलती हूँ और वो मुझे पेल कर पानी निकाल कर सो जाता है. तुमने तो मेरा एक एक कपड़ा अपने हाथों से खोला है.
मैंने उसे चुम्बन किया.
नैना बोली- यू आर सो गुड इन लव. तुम्हारा मेरे हर अंग को चूमना चाटना मुझे बहुत अच्छा लगा.
यही सब बातें करते करते मेरा लंड फिर से टाइट हो गया था. वो देख के हंसने लगी, तो मैं उसके ऊपर आ गया.
नैना बोली- अभी नहीं थोड़ी देर रुको पहले चाय पीते हैं फिर.
मैं साइड हुआ तो वो बेड से नीचे उतर के कपड़े ढूंढने लगी.
मैंने कहा- ऐसे ही जाओ न चाय बनाने.
वो आंख मारके बोली- बहुत बदमाश हो आप.
मैं बोला- अच्छा सिर्फ कुरता पहन लो.
उसने ऐसा ही किया. नैना ने केवल कुरता पहन लिया. क्या मस्त लग रही थी वो … कुर्ते के नीचे उसकी नंगी गोरी गोरी जांघें बहुत सेक्सी लग रही थीं. वो किचन में चली गयी. मैं भी अपनी जॉकी और जीन्स पहन के उसके पीछे पीछे किचन में चला गया. मैंने पीछे से जा के उसे अपनी बांहों में भर ले लिया.
वो बोली- बाबू तुम चलो, मैं बस चाय ले के आयी.
हम दोनों चाय के कप ले के बेड पे आ गए. पहले चाय खत्म की, फिर एक दूसरे की बांहों में आ गए.
नैना मुझे किस करते हुए बोली- तुम लिप्स पे बहुत अच्छी तरह किस करते हो. मेरा पति तो उसका मुँह ही बंद कर देता है, सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है और कई बार तो दारू पी के किस करता है, तो मुझे उलटी आने को हो जाती है. पर तुम इतनी सॉफ़्टली करते हो कि मज़ा आता है.
मेरे हाथ नैना के चूतड़ों पे चल रहे थे, मैं उन्हें सहला रहा था, बीच में हाथों में भर के दबा भी देता.
नैना गर्म हो रही थी, वो बोली- अब मेरी बारी है तुम्हें मज़ा देने की.
नैना मेरी कमर के दोनों तरफ पैर करके मेरे ऊपर बैठ गयी और मेरी छाती पे हाथ फिराने लगी. फिर धीरे धीरे मेरे सीने की घुंडियों पे अपनी उंगलियां फिराने लगी. फिर वो नीचे झुक कर मेरे निप्पलों पे अपनी जीभ फिराने लगी. कभी मुझे दांतों से काटने लगी. मेरे मुँह से आह निकलने लगी.
तभी वो मेरे पेट को चूमते हुए नीचे की तरफ बढ़ने लगी. उसने मेरी जीन्स का बटन खोला और नीचे सरकाने लगी. मैंने भी उसका साथ दिया, तो उसने जीन्स मेरी टांगों से अलग कर दी. फिर नीचे की ओर हो कर उसने मेरे जॉकी के ऊपर से ही मेरे लंड पे चुम्बन लिया, फिर मेरा जॉकी खोलने लगी. नैना ने मेरी कमर पे किस करते हुए मेरे जॉकी को नीचे कर दिया, जिसमें से टाइट हो चुका मेरा लंड बाहर आ गया. उसने लंड को हाथ में पकड़ लिया और ऊपर नीचे करने लगी. फिर उसने अपना कुरता उतार के नीचे फ़ेंक दिया और झुक के उसने मेरे लंड को चूम लिया.
अब नैना मेरे लंड पे नीचे से ऊपर तक किस करने लगी. पहले उसने मेरे लंड के सुपारे को किस किया, फिर मुँह में लंड भर लिया. वो लंड को नीचे तक मुँह में लेती, फिर सुपारे को चूसती. नैना मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. मैं सातवें आसमान में उड़ रहा था. मेरे मुँह से ‘उफ़ आह हम्म..’ की आवाजें निकल रही थीं.
उसने मेरा लंड मुँह बाहर निकाला और बोली- क्यों पता लगा … तड़फ कैसी होती है?
उसने हंसते हुए फिर से मेरे लंड को मुँह में ले लिया.
मैंने हाथ बढ़ा कर उसके बूब्स पकड़ लिए, उसकी घुंडियों को मसलने लगा. उसने मेरे लंड को छोड़ा और ऊपर होकर अपनी चूत को मेरे लंड पे सैट कर दिया. वो मेरे लंड पे बैठने लगी. उसने पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया और आगे पीछे होने लगी. उसकी आंखें बंद थीं और मैं उसके मम्मों को पकड़े हुए था.
फिर वो और नीचे झुक अपने मम्मों को मेरे होंठों पे रगड़ने लगी. मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में ले लिया और चूसने लगा. मैं बारी बारी उसके चूचे को चूसता.
कुछ देर बाद ऊपर से धक्के लगाती हुई नैना अब थकने लगी थी, तो मैंने भी नीचे से धक्के लगाने शुरू कर दिए. मैं दोनों हाथों से उसके चूतड़ दबा रहा था और कभी कभी उसके चूतड़ों पे थपकी भी मार देता था.
वो हर धक्के पे उह आह कर रही थी. अब नैना पूरी तरह से थक चुकी थी, नीचे से धक्के लगाते हुए मैं भी. मैंने नैना को पोज़ बदलने के लिए बोला. अब मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को बोला, तो वो अपने घुटनों के बल आ गयी. मैं उसके पीछे आ गया, तो मैंने अपना लंड पीछे से उसकी चूत में डाला और चोदने लगा. साथ साथ मैंने उसकी पीठ पे गर्दन पे कई चुम्बन लिए. अब मैं स्पीड बढ़ाने लगा. जब मेरी जांघें उसके चूतड़ों से टकराती तो बहुत मज़ा आता.
नैना फिर से गर्म हो चुकी थी तो उसने भी अपनी कमर आगे पीछे हिलानी शुरू कर दी. मैं उसकी कमर को पकड़ के तेज़ी से उसे चोदने लगा.
वो बोली- रमित, मेरा होने वाला है.
मैंने तभी अपना लंड बाहर निकाल लिया, तो वो बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने उसे सीधा लेटने को बोला. वो झट से सीधी हुई, तो मैं उसके ऊपर आ गया और फिर से उसे चोदना शुरू कर दिया.
मैंने बोला- डिस्चार्ज होने का मज़ा तो इसी पोज़ में आता है.
वो बोली- करेक्ट जान.
नैना मेरे होंठ चूसने लगी. फिर हम बारी बारी एक दूसरे की जीभ चूसने लगे. दोनों हो आह आह करते साथ में झड़ गए.
मैंने नैना को ज़ोर से पकड़ लिया और अपना सारा माल उसकी चूत के अन्दर छोड़ दिया.
दो बार की चुदाई से हम थक चुके थे और एक दूसरे की बांहों में सो गए.
कोई दो बजे के आस पास नैना का फोन बजने लगा, तो उसकी नींद टूटी. नैना ने फ़ोन उठाया तो सुरभि का कॉल था. उसने नैना को बर्थडे विश किया और सुबह उसका जन्म दिन भूलने के लिए माफ़ी मांगी.
नैना फ़ोन सुन रही थी, तो मैंने अपना मुँह उसके बूब्स में छिपा लिया. नैना ने भी मुझे अपने साथ चिपका लिया.
नैना ने फ़ोन काटा और मुझसे बोली- रमित …
वो कुछ कहने ही वाली थी कि फ़ोन दोबारा बजने लगा, नैना ने फ़ोन उठाया तो बोली- ओह शिट …
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो बोली- हस्बैंड का फ़ोन है.
मैंने बोला- पिक करो.
उसने ओके बोला और मुझसे चिपक गयी और बोली- तुम मेरे बूब से खेलो, बस मेरी आह मत निकलने देना.
मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में ले लिया और वो अपने हस्बैंड से बात करने लगी.
जब उसकी बात हो गयी तो मैंने पूछा- क्या बोल रहे थे?
तो नैना ने बताया कि उनकी कोई ड्यूटी लग गयी है, तो वो आज नहीं आ पाएंगे. वो बोल रहे थे कि सुरभि को घर जाने से मना कर देना.
मैंने पूछा- तुमने बताया क्यों नहीं कि वो जा चुकी है.
नैना बोली- अरे जाने दो न … तुम हो न मेरे पास … आज हम साथ में रहेंगे क्या पता फिर ऐसा मौका मिले न मिले.
इतना बोल कर वो मुझसे चिपट गयी.
फिर वो बिस्तर से उठी और कपड़े पहन के बोली- मैं लंच बनाती हूँ.
उसने जल्दी से लंच रेडी किया, हमने साथ बातें करते हुए लंच किया.
शाम को मैं जाकर केक ले के आया, तो देखा नैना ने वही ड्रेस पहनी थी, जो मैंने उसे दिलवाई थी. उसमें वो बहुत सुन्दर और सेक्सी लग रही थी. नैना बहुत खुश थी कि किसी ने तो उसका बर्थडे सेलिब्रेट किया.
मैं शैम्पेन भी लाया था, हमने शैम्पेन पीते हुए डिनर किया और फिर बेड पे आ गए. नैना बहुत खुश थी, वो बोली- आज का दिन मेरे लिए हमेशा मेमोरेबल रहेगा, इससे पहले कभी भी इतना प्यार, ऐसा सेक्स नहीं मिला और ऐसे बर्थडे सेलिब्रेट नहीं किया. इट्स माय बेस्ट बर्थ डे..
यह कहते हुए नैना मुझसे चिपट गयी.
मैं उससे बोला- नैना ये सब ठीक नहीं है तुम्हारी अपनी गृहस्थी है, मेरी अपनी है. हम अपनों को यूँ चीट नहीं कर सकते.
वो बोली- तुम बताओ मैं क्या करूं, हस्बैंड घर में भी पुलिसिया रौब में रहते हैं.
मैंने उसे समझाया- तुम उन्हें प्यार से समझाओ, अपनी पसंद नापसंद बताओ यहाँ तक कि सेक्स करते हुए तुम्हें क्या अच्छा लगता है, क्या नहीं … खुल के बताओ. मैंने उसे समझाया कई मर्द अपनी बीवी से प्यार तो करते हैं, पर वो एक्सप्रेस नहीं कर पाते. शायद तुम्हारे पति भी ऐसे हों.
वो बोली- ठीक है मैं उनसे खुल के बात करूंगी.
मैंने बोला- तुम अपनी बात उनसे बिन डरे रखो, तुम्हारा कॉन्फिडेंस तुम्हारा प्यार देख कर वो समझ जाएंगे और तुम्हें भरपूर प्यार देंगे.
तभी नैना बोली- तुम्हारी ये बातें सुन के मुझे तुम पे और भी प्यार आ रहा है.
वो मुझे किस करने लगी, हमने फिर से सेक्स किया और एक दूसरे की बांहों में सो गए.
सुबह नींद खुली तो हमने चाय पी फिर मैं अपने फ्लैट पे आ गया.
इसके बाद भी मेरे और नैना के बीच में कई बार सेक्स हुआ, पर मैं उसे हमेशा उसके पति के करीब जाने के लिए मोटीवेट करता और वो भी कोशिश कर रही थी.
एक दिन ऐसे ही नैना के हस्बैंड यानी दिवेश जी आये हुए थे, तो वे रात को मुझे एक पब में ले गए और बोले- तुमसे एक जरूरी बात करनी है.
मैं भी चला गया, उनके साथ जाने में मुझे डर भी रहा था कि इन्हें कहीं कुछ शक तो नहीं हो गया.
बार में जा के उन्होंने मुझसे पूछा, तो मैंने उनके और अपने लिए वोडका का आर्डर दिया.
दिवेश जी बोले- यार तुम्हारी एक सलाह चाहिए.
मैंने कहा- आप बेहिचक हो कर बोलें?
तो वो बोले- मेरी नौकरी के बारे में तो तुम जानते ही हो, इस कारण मैं घर में भी वही पुलिसिया रौब में रहता हूँ, मैं बीवी से खुल के नहीं बोल पाता कि मैं कितना प्यार करता हूँ, नैना, सुरभि और राहुल मेरे सामने बहुत सहमे से रहते हैं. तुम मुझे कुछ सलाह दो, मैं क्या करूँ?
मैं बोला- पहले तो आप अपने काम और अपनी पर्सनल लाइफ को अलग रखिये, आपका काम आपकी ज़िन्दगी का एक हिस्सा है, ज़िन्दगी नहीं. दूसरा आप भाभी को रेस्पेक्ट दें, उनकी थोड़ी तारीफ करें, उनके साथ कुछ टाइम अकेले में स्पेंड करें, उनकी पसंद और न पसंद जानने की कोशिश करें. राहुल और सुरभि के साथ भी टाइम स्पेंड करें, उनके स्कूल, कॉलेज और फ्रेंड्स के बारे में उनसे बात करें … धीरे धीरे सब नार्मल हो जाएगा, आप टेंशन मत लें.
वो मेरी बात सुनते रहे.
मैं बोला- आप कुछ दिनों की छुट्टी के ले फैमिली के संग कहीं वेकेशन पे जाएं, आप और बाकी सब अच्छा महसूस करेंगे.
उस दिन के बाद दिवेश में काफी चेंज आया, जो नैना ने भी मुझे बताया.
एक दिन उसने बताया कि अब उसके पति मुझे बहुत प्यार करने लगे हैं, बिस्तर पे भी अब वो बहुत रोमांटिक होते हैं और मेरे साथ प्यार से ही सेक्स करते हैं. मेरी संतुष्टि के बारे में भी पूछते हैं.
दोस्तो, इससे एक बात तो समझ में आ गयी थी कि औरत केवल सेक्स ही नहीं चाहती, वो चाहती है प्यार, इज्जत, वो चाहती है कि उसका पार्टनर उसकी इच्छा, उसकी पसंद और नपसंद का ख्याल रखे. अगर आप सेक्स के बाद उस से प्यार से ट्रीट करते हैं, उसे अपनी बांहों में सुलाते हैं, तो अगर उसका डिस्चार्ज नहीं भी हुआ है, तो भी वो संतुष्टि महसूस करती है और अपने पार्टनर के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार रहती है.
अब नैना बहुत खुश थी. उसके पति का भी वापिस ट्रांसफर उसी शहर में हो गया था और उसने अब पुलिस हेड क्वार्टर में अपनी ड्यूटी लगवा ली थी. वो 9 से 5 की ड्यूटी करते हुए टाइम से घर आते और अपने फैमिली में ही टाइम बिताते.
मैंने भी जॉब चेंज कर ली और वो फ्लैट छोड़ दिया. जिस दिन मैं वापिस आ रहा था, तो नैना मेरे पास आयी. मुझसे चिपट के रोने लगी.
मैं बोला- नैना अपनी लाइफ में आगे बढ़ो … भूल जाओ हमारे बीच क्या हुआ.
उसने मुझे थैंक्स बोला और फ़ोन पे कांटेक्ट बनाये रखने के लिए बोला.
पर मैंने उसके बाद उसे कभी कॉल नहीं किया. क्योंकि मैंने जो किया मुझे उस पे बहुत आत्मग्लानि महसूस हुई. सो मैं भी सब कुछ के भूल के आगे बढ़ना चाहता था. पर ये इतना आसान नहीं था.
मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि क्या मेरे और नैना के बीच जो हुआ, वो ठीक हुआ या गलत, क्या रिश्ता था मेरा नैना से दोस्ती का … या सिर्फ जिस्म की भूख मिटाने का?
प्लीज मुझे मेल करके अपने विचार बताएं और साथ ये भी कि आपको कहानी कैसी लगी.
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