पड़ोसन भाभी की गांड चुदाई का मजा

पड़ोसन भाभी की गांड चुदाई का मजा


सेक्सी गांड में लंड डालने का आनन्द हर कोई नहीं ले पाता. मुझे मेरे सामने रहने वाली भाभी को चोदने का मौक़ा मिला तो मैंने उनकी चूत से पहले गांड मारी.
अन्तर्वासना के सभी दोस्तो को फिर से मेरा नमस्कार!
पिछली कहानी
हॉट गर्लफ्रेंड की कुंवारी बुर की चुदाई का मजा
में अब तक आपने पढ़ा था कि उस रात मैंने टीना की नयी नवेली चूत का भूत उतार तो दिया था लेकिन चूत का स्वाद मेरे लंड को लग गया था.
और यही स्वाद मुझे चूत चोदने की दुनिया में ले गया.
अब आगे सेक्सी गांड में लंड:
सुबह पांच बजे उठते ही मैंने देखा तो सामने नव्या भाभी का गेट बंद था.
मैं तुरंत टीना को घर छोड़ने निकल गया.
मेरे दिमाग़ में अब चुदाई ही चुदाई चल रही थी.
टीना को रात को मैंने बड़ी बेदर्दी से चोदा था तो उसे चलने में थोड़ी दिक्कत थी लेकिन वो किसी तरह से अपने घर चली गयी.
मैं वापस कमरे में आकर लेट गया और सो गया.
फिर किसी ने घर का गेट खटखटाया, तो मेरी नींद खुली.

मैंने दरवाजा खोल कर देखा तो सामने नव्या भाभी ही खड़ी थीं.
भाभी ने पीले रंग की शिफोन की साड़ी पहन रखी थी.
उनकी चुचियां छोटी थीं … मगर भारी छटा बिखेर रही थीं.
चूत तो भाभी के पास भी थी … जो अब मुझे चाहिए थी.
भाभी दरवाजा खुलते ही कमरे में अन्दर आते ही पूछने लगीं- कैसी रही पार्टी, मना लिया बर्थ-डे. टीना कितने बजे घर गई थी?
अब मैं उनको कैसे बोलता कि मैंने तो पार्टी मस्त मना ली और टीना को चोद दिया.
मैंने भाभी से कहा- अरे भाभी बड़ी मस्त पार्टी मनी.
वो मेरे पास, खाने में डालने के लिए कुछ गर्म मसाला लेने आई थीं.
मगर मैं देख रहा था कि उनकी नज़र किचन में कम … और मेरे कमरे में ज़्यादा थी कि यहां पर क्या क्या हुआ है.
भाभी का कामुक फिगर देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा.
मेरा मन हुआ कि भाभी को बोल दूँ कि मुझे आपको चोदना है.
भाभी को शायद पहले से पता था कि मैं क्या चाहता हूँ … मगर वो गर्म मसाला लेकर अपने फ्लैट पर वापस चली गईं.
शाम को उनके ट्यूशन पढ़ाने का टाइम होने वाला था. मगर भैया के आ जाने से कुछ नहीं हो सका.
मैं टीना को चोद कर एकदम चुदक्कड़ हो गया था और मुझे फिर से चूत चाहिए थी.
अगले दो दिन तक टीना मेरे रूम पर नहीं आई मगर मेरा उसको चोदने का मन बन रहा था तो मैंने उसे फोन पर बहुत ज़ोर दिया.
वो भी शायद चुदने के मूड में थी इसलिए मान गई. वो मेरे कमरे पर फिर से आने को तैयार हो गयी.
मैंने दिमाग़ लगाया और सोचा कि टीना ऐसे वक़्त आए, जब भाभी उसे देख लें कि टीना आई है, मगर भाभी ना आ पाएं.
मैंने जब शाम को भाभी की ट्यूशन का टाइम हुआ, तो बच्चों के आने के टाइम पर टीना को अपने फ्लैट में लेकर आ गया.
भाभी ने टीना को देख तो लिया था मगर वो कुछ कह न सकीं.
मैंने कमरे के अन्दर आते ही गेट लॉक करके टीना को पकड़ा और उसकी चुचियां दबाने लगा.
जल्दी ही मैंने उसकी स्कर्ट टॉप, ब्रा उतारकर चुचियां चूसना शुरू कर दिया.
देखते ही देखते टीना भी गर्म होने लगी. टीना दिन पर दिन जवानी की चरम सीमा पार कर रही थी.
टीना के मम्मे दबाते दबाते मेरा चोदने का मन तो हो ही गया था मगर टीना उस दिन की चुदाई से अभी तक डरी हुई थी.
शायद उसकी चुत में सूजन के कारण दर्द भी था.
मगर मुझे तो चूत की तलब टीना ने ही लगाई थी और चुदने का मन टीना को भी था.
उस दिन से उसकी चूत में भी आग लगी हुई थी, वो भी चुदने को बेताब थी.
टीना ने इस बार मेरा लंड बैठ कर बहुत ही प्यार से चूमा और अगले ही पल वो बड़े प्यार से लंड चूसने लगी थी.
आज की उसकी लंड चुसाई से लग रहा था, जैसे उसे कोई टॉफी मिली हो.
उसे और मुझे आज लंड चुसवाने में इतना मज़ा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता.
मैं टीना के सारे कपड़े उतारकर उसकी चूत चाटने लगा तो उसकी ‘आह … आह … इतनी तेज निकल रही थी कि मुझे समझ आ गया था कि आज पक्के में कोई न कोई कांड हो जाएगा.
इसलिए मैंने उसको चुप होने को कहा.
वो चुप हुई तो मैंने खींच खींच कर चूत चूसने लगा.
मैंने टीना को बोला- आजा तेरी चूत का भूत उतारता हूँ.
वो हंसने लगी.
मैंने उसको घोड़ी बनने को बोला और वो तुरंत घोड़ी बनकर बोली- इस घोड़ी की चूत में आग लगी हुई है.
बस मैंने देर ना करते हुए अपने लंड का सुपारा उसकी गुलाबी चुत के सामने रख दिया.
फिर एक हल्का सा धक्का मारा तो लंड का टोपा अन्दर चला गया.
उसकी हल्की सी आह निकल गई.
फिर मैंने एक तेजी से एक और धक्का मारा तो मेरा लंड चुत चीरता हुआ अन्दर तक घुस गया.
पता नहीं उसे क्या होने लगा कि वो चिल्लाने लगी- आह … बहनचोद … जल्दी बाहर निकालो. मैं मरी जा रही हूँ.
मैंने उसे चुप होने को बोलकर, बहुत तेजी से धक्का मार दिया.
अबकी बार में मेरा पूरा लंड चुत में अन्दर घुसा गया.
टीना और जोर से चिल्लाने लगी- मुझे दर्द हो रहा है … बस करो अहह … हय … निकालो अपना लंड.
मैंने बोला कि अभी तो तुम्हारी गांड भी मारूंगा साली … वर्ना चुप हो ज़ा.
वो तुरंत चुप हो गयी.
मेरा मन वाकयी में उसकी गांड मारने का हो गया, मैंने उससे कहा कि अब गांड में लंड डाल रहा हूँ.
वो बोलने लगी- गांड में नहीं प्लीज़ … अभी नहीं.
तभी अचानक किसी ने गेट पर खटखटा दिया.
मैं समझ गया कि ये नव्या भाभी ही होंगी लेकिन टीना इस सबसे अंजान थी.
मैंने चुदाई छोड़कर टीना को संभलने को बोला और गेट के छेद में से देखा तो सामने भाभी ही थीं.
मैंने गेट खोला और वो अन्दर आते ही टीना को खोजने लगीं.
मैं पढ़ने का बहाना बनाकर अभी उन्हें समझा ही रहा था कि तभी उन्होंने टीना को ब्रा में और कपड़े पहनते देख लिया.
वो मुझसे धीमे स्वर में बात करने लगीं- मैंने तुम्हारी ये चुदाई लीला देख ली है और मैंने ट्यूशन वाले बच्चों को छुट्टी दे कर वापस भेज दिया है. तुम्हारे भैया को आज देर रात तक ड्यूटी करना है तो वो दो बजे रात तक घर आएंगे.
मैं उनकी तरफ देख रहा था. भाभी कातिल मुस्कान देने लगीं और मुझे मार्केट का कुछ काम बताकर चली गईं.
भाभी के जाने के बाद मेरा मूड फिर से बना मगर टीना अपने कपड़े पहन कर मेरे कमरे से चली गयी.
मुझे लगा कि टीना की गांड और नव्या भाभी की चूत दोनों हाथ से निकल गईं.
मुझे ये पता लग गया था कि भाभी की चूत तो मेरे लंड ही से चुदने को तरस रही है.
नव्या भाभी ने तो मार्केट का काम बताया था मगर वो उनकी चुदाई का रास्ता था.
मैं बाजार गया और उनके काम से किराने की दुकान पर जाने लगा.
तभी मुझे कुछ समझ आया कि भाभी ने मेरे कमरे में चुदाई के समय ही किराने का काम करने के लिए क्यों बोला था और बच्चों को वापस क्यों भेजा था.
फिर उन्होंने भैया के देर रात तक आने का भी बताया था.
ध्यान से सोचा तो मुझे सब समझ में आ गया कि भाभी का मूड आज ही चुदने का है.
मैंने वापस आकर उनके रूम का गेट खटखटा कर उनको बोला- भाभी, किराने वाला सामान कल देगा.
बाजार से आते वक्त मैं सेक्स की गोली लेते हुए अपने कमरे पर आ गया था.
अब तक रात हो गई थी तो मैंने 2 पैग मारे और भाभी की चूत चुदाई का सपना देखने लगा.
हालांकि उस रात भैया के जल्दी आ जाने से उस रात कुछ नहीं हो सका.
मैंने रात भर बियर पी, मेरी आंखों के सामने नव्या भाभी का मादक फिगर ही घूम रहा था.
मैंने सोच लिया था कि कल तो भाभी को चोदना ही है. कल भाभी की चूत और मेरा लंड एक ही हो जाएंगे.
साली गोली ने मेरे लंड को रात भर खड़ा रखा.
अगला दिन हुआ, तो मैं कॉलेज नहीं गया. सामने अपने कमरे से भैया फैक्ट्री निकल गए और उनका बेटा स्कूल चला गया.
मैंने 11 बजे के इंतज़ार में गोली पहले ही खा ली थी.
जब भैया निकल गए और उनका बेटा चला गया तो मैंने भाभी का गेट खटखटाया.
उनके गेट खोलते ही मैं अन्दर घुस गया.
मेरा लंड उनके घर में घुसते ही खड़ा होने लगा और दो ही मिनट में ही पूरा खड़ा हो गया.
भाभी नाइटी में थीं … एकदम हॉट और चोदने लायक माल लग रही थीं.
मैंने भाभी को मार्केट का सामान दिया तो उनकी नज़र मेरे पैंट पर ही टिक गयी क्योंकि मेरा लंड पैंट फाड़कर बाहर आना चाह रहा था और नव्या भाभी की चूत में जाना चाह रहा था.
मेरा लंड है भी 7 इंच का तो पैंट फाड़ कर बाहर आने को रेडी था.
मैंने भाभी का हाथ पकड़ कर कहा- भाभी, आप सच में बहुत सुंदर और सेक्सी हो. मुझे आप बहुत पसंद हो.
उन्होंने मुझसे कहा- थैंक्यू.
उनकी उठी हुई गांड, नशीला बदन … कुल मिलाकर भाभी चोदने के लिए बनी थीं.
भाभी बोलने लगीं- तुम्हारा वो … पैंट से बाहर आना चाहता है.
उनकी बात सुनकर मैं देर ना करते हुए मज़ाक में बोला कि नव्या भाभी आज मेरा लंड शांत ही नहीं हो रहा है.
खड़े लंड की बात सुन कर अगले ही पल नव्या भाभी नीचे बैठ गईं और मेरा लोअर और चड्डी उतारकर लंड देखने लगी.
फिर एकदम से मेरा लंड अपने हाथ में लेकर लंड को निहारते निहारती हुई बोलीं- आह … इतना लंबा लंड!
मेरा लंड भयानक खड़ा हो रखा था, उस पर गोली का असर था.
उधर लंड देखकर भाभी की चूत में भी आग लग गयी.
भाभी लंड हिलाकर अपनी बात बताने लगीं- तुम्हारे भैया का लंड बहुत छोटा है.
मैंने भाभी को लंड चूसने को बोला, तो वो मना करने लगीं.
भाभी को मैंने बिस्तर पर पटक दिया और उनकी नाइटी उतार दी.
अब भाभी मेरे सामने केवल पैंटी में थीं और उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी.
भाभी की चुचियां गोल गोल, छोटी छोटी थीं मगर मस्त थीं. उनकी कमर के नीचे का शरीर ऐसा मादक था कि किसी भी लड़की को मात दे दे.
मैंने उनकी पैंटी उतारी, उनकी चूत नंगी मेरी आंखों के सामने थी.
भाभी की चूत एकदम साफ और गोरी थी.
चुत देखते ही मेरा लंड फनफनाने लगा.
मैंने सोचा कि भाभी के कुछ बोलने से पहले ही उनको गर्म कर देता हूँ.
मैं अगले पल उनकी चूत चाटने लगा और वो मादक सिसकारियां भरने लगीं- आह … आह!
हम दोनों चुदाई की हवस में अंधे हो गए थे.
मैंने जल्दी ही भाभी की चूत का पानी निकाल दिया.
भाभी एकदम रिलॅक्स होकर निढाल लेट गईं और लम्बी लम्बी सांसें लेने लगीं.
मैं उनको किस करते करते उनकी कमर पर और उनकी गांड पर हाथ फेरने लगा.
फिर मैं बाथरूम से जाकर तेल ले आया. मैंने भाभी को बोला कि आज आपकी गांड एकदम मारने लायक दिख रही है. वहीं से शुरुआत करता हूँ.
तो भाभी बोलने लगीं- नहीं अभी किसी ने भी आज तक मेरी गांड नहीं मारी … और ना ही मैं अपनी गांड मरवाना चाहती हूँ.
मैंने सोचा कि पहले भाभी की चूत को लंड का स्वाद चखाता हूँ, बाद में गांड की बात देखूंगा.
दो मिनट बाद ही मैं अपने लंड का सुपारा उनकी चूत पर घुमाने लगा और उन्हें तड़पाने लगा.
भाभी ने जब खुद ही बोला कि अब बस जल्दी से चोद दो.
मैंने उनकी बात सुनी तो एक ही झटके से अपना आधा लंड उनकी गुलाबी चूत में उतार दिया.
लंड लेते ही भाभी की सांस अटक गयी वो कुछ बोलतीं, इससे पहले मैंने अपना पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया.
मैं उनका दर्द समझता था क्योंकि भैया के छोटे लंड से चुदने की वजह से उनकी चूत एकदम टाइट थी और मेरे लंबे लंड को तो बड़ी जगह चाहिए थी.
दो मिनट बाद जब भाभी का दर्द हल्का हुआ तो वो खुश होकर बोलने लगीं- फाड़ दे … बहन के लौड़े, चोद मुझे … चोद पूरी रफ़्तार से!
मैं भाभी की चुत चोदे जा रहा था और शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा था.
कुछ देर बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनने को बोला और उनकी गांड पर थप्पड़ों की बरसात कर दी.
भाभी बोलीं- अब चोदेगा भी, या चमाट ही लगाता रहेगा?
इतना सुनते ही मेरा लंड उनकी चूत में वापस समा गया.
अब मैं भाभी को तेज तेज चोदने में लग गया.
वो अपनी गांड उठा कर मेरा लंड अन्दर बाहर करवाने लगी थीं और मेरा पूरा साथ देने लगी थीं.
मैं नव्या भाभी की चूत की धज्जियां उड़ाए जा रहा था.
भाभी की चूत चोदते चोदते मैंने उनकी गांड मारने का भी मन बना लिया था.
फिर जैसे ही नव्या भाभी की गांड ऊपर उठी, मैंने मूड बना लिया कि गांड में तो लंड जाकर रहेगा.
मैंने अपना लंड चूत से निकाल लिया, तो भाभी देखने लगीं कि क्या हुआ.
मैं अपने लंड और भाभी की चूत, गांड दोनों पर तेल गिराने लगा.
भाभी कुछ समझ न सकीं.
मैंने अपने लंड पर थूक लगा कर भाभी की गांड के छेद पर भी थूका और अपना लंड उनकी सेक्सी गांड पर सैट करने लगा.
अब भाभी समझ गई थीं कि गांड मरने जा रही है … तो वो ऊपर उठने लगीं.
मैंने भाभी की कमर पकड़कर अपना आधा लंड भाभी की गांड में उतार दिया.
तेल के कारण मेरा आधा लंड आराम से उनकी गांड में उतर गया. उनकी गांड बहुत ही ज्यादा टाइट थी.
वो चिल्लाने लगीं- आंह हरामी … बहनचोद … गांड फाड़ दी है भोसड़ी वाले ने.
मैंने अपने लंड का दबाव गांड पर बनाए रखा और लंड को धीरे धीरे उनकी गांड में उतारता रहा.
वो ‘उह … आह …’ करती रहीं.
मैंने अपनी चुदाई जारी रखी.
जब भाभी को ज्यादा दर्द होता, मैं धीमा हो जाता. भाभी की गांड पर और अपने लंड पर भी तेल गिराकर फिर से अन्दर डाल देता.
भाभी का दर्द कम हो गया था.
मैंने उनकी गांड चूमते हुए, एक थप्पड़ गांड पर मारते हुए अपना पूरा लंड उनकी गांड में उतार दिया और तेज वाली गांड मारनी शुरू कर दी. साथ ही मैं उनकी चुत में भी उंगली कर रहा था.
कम से कम बीस मिनट की चुदाई के बाद भाभी अकड़ने लगीं और बोली- अब बस कर दे.
मैं भी होने ही वाला था, मैंने भी अपनी स्पीड तेज कर दी और हम दोनों एक साथ स्खलित हो गए.
भाभी को अपने ऊपर लेकर मैं लेट गया. भाभी 5-7 मिनट मेरे ऊपर ही लेटी रहीं.
बाद में भाभी उठ कर बाथरूम जाने लगीं. जब भाभी नंगी जा रही थीं तो उनकी नंगी गांड क्या मस्त लग रही थी.
मेरा लंड फिर से खड़ा होकर उनकी गांड मांगने लगा था. मेरा सारा ध्यान उनकी ऊपर नीचे होती हुई गांड पर था.
तभी अचानक भाभी ने मुड़ कर देखा मुझे और मुस्कुराती हुई बाथरूम में चली गईं.
भाभी जब बाथरूम से बाहर निकल कर आईं तो मेरा खड़ा लंड देख कर बोलीं- ये तो फिर से खड़ा हो गया है … अभी तो झड़ कर निकला था. अभी दस मिनट भी नहीं हुए हैं.
मैंने कहा- भाभी, आपकी गोरी नंगी गांड को मटकते देख कर ये फिर से खड़ा हो गया है.
मगर ये तो मुझे मालूम था कि ये सब गोली का असर था.
भाभी बोलीं- मेरी तो कमर दर्द करने लगी है.
मैंने भाभी से कहा- आप लेट जाओ, मैं आपकी कमर पर मसाज कर देता हूँ
भाभी लेट गईं और मैं उनकी कमर पर तेल लगाने लगा.
हल्के से उनका शरीर भी दबाने लगा.
मेरा लंड खड़ा था और मुझको भाभी की फिर से गांड मारनी थी.
कोई दस मिनट तक भाभी का शरीर और कमर दबाने के बाद वापस मैं उनकी गांड पर तेल लगाने लगा और चूत सहलाने लगा.
अब मेरी गांड की मालिश से नव्या भाभी बहुत खुश नज़र आ रही थीं. भाभी भी आज मुझ पर आज बहुत मेहरबान थीं और खुलकर चुद रही थीं.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे भाभी के शरीर में भी पूरी आग लगी है.
मैंने भाभी को बिस्तर पर उल्टा होकर थोड़ा झुकने को बोला.
भाभी लेटी हुई पोजीशन में अपने घुटनों को मोड़ कर हो गईं.
मैं पीछे से उनकी सेक्सी गांड में अपना लंड का सुपारा फिट करने लगा.
इस बार गांड खुली थी तो मेरा लंड आसानी से अन्दर घुस गया.
मैंने फिर से भाभी की गांड मारनी शुरू की और इस बार भाभी गांड मराने में पूरा साथ दे रही थीं.
इस बार मैंने भाभी की गांड बहुत देर तक मारी.
भाभी मुझे मना करने लगीं कि अब बस कर … अब नहीं … बस.
टीना और नव्या भाभी दोनों की चूत पूरी गुलाबी थीं लेकिन टीना की कुंवारी चूत मैंने चोदी थी तो उसकी चूत एकदम गुलाब के फूल की पंखुड़ियों जैसी मुलायम थी.
जबकि भाभी की चूत की पंखुड़ियां पके आम की कलियां जैसी थीं.
साथ ही नव्या भाभी की गांड एकदम मखमली थी. भाभी की गांड मारने का मज़ा अलग ही था.
मैंने समय देखा तो दोपहर के 12.30 हो गए थे. एक घंटा बाद यानि 1.30 भाभी का बेटा स्कूल से आता था.
मैं उनके घर से निकल कर अपने कमरे में आ गया.
उस दिन के बाद से भाभी ने मुझे ही अपना पति मान लिया था और वो तोज ही भैया के जाते ही मुझसे चुदने लगी थीं.
करीब 6 महीने तक, मैं कभी टीना की चुदाई करता, तो कभी नव्या भाभी की.
इन 6 महीनों में मैंने टीना को कम और भाभी को खूब चोदा था.
एक दिन टीना ने मुझे नव्या भाभी की चुदाई करते पकड़ लिया और नाराज़ हो गयी.
फिर बहुत मनाने पर मैंने वो फ्लैट छोड़ दिया और दूसरी जगह रूम ले लिया.
टीना मुझसे मिलने आती रही.
मैंने टीना को चोद चोद कर एकदम माल बना दिया था.
उसकी कामुक फिगर को अब कोई भी देख ले तो चोदना ही चाहेगा.
टीना ने मेरा लंड का ऐसा शुभारंभ किया था कि मैंने उसकी अलावा बहुत लड़कियों और भाभियों की चूत चोदी.
आपको मेरी ये सेक्सी गांड में लंड की कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मेल करके बताएं.
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