पड़ोसन आंटी की भूख और मेरे लौड़े को प्यास

पड़ोसन आंटी की भूख और मेरे लौड़े को प्यास

एनल चुदाई गांड स्टोरी मेरे पड़ोस में रहने वाली एक जवान आंटी की पहली बार गांड मारने की है. मैंने उन की चूत चोद चुका था और अब गांड की बारी थी.

दोस्तो, पिछली कहानी
भूखी भाभी और मेरा प्यासा लौड़ा
में आपने मेरी और मेरी पड़ोसन आंटी की पहली चुदाई के बारे में जाना.

अब आगे एनल चुदाई गांड स्टोरी:

हमारी पहली चुदाई के बाद हम बैठ कर बातें करने लगे.

शिखा- तो तुमने इससे पहले किस–किस को चोदा है।
मैं- मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को एक बार चोदा है लेकिन मुझे उसे चोदने में ज्यादा मजा नहीं आया क्योंकि उसे बहुत दर्द हुआ. और फिर मुझे मुठ मार कर अपने आप को शांत करना पड़ा।

शिखा- मेरा पति भी मुझे कभी ठीक से चोद नहीं पाया और मेरी बेटी भी ऑपरेशन से हुई है तो मेरी चूत अभी कुंवारी जैसी ही है. लेकिन आज तुमने मुझे चुदाई का असली मजा दिया है. अब मैं तुम्हारी पर्सनल रण्डी बन कर रहूंगी।
मैं- अरे तू तो मेरी रानी है और तू हमेशा मेरे लौड़े को खुश रखने वाली राण्ड बन कर रहेगी।

हमारी बातें अभी चालू ही थी कि तभी उनकी बेटी रोने लगी वे उसे गोद में लेकर उसे दूध पिलाने लगी.
उनका एक स्तन उनकी बेटी चूस रही थी।

मुझसे भी रहा नहीं गया और मैं उनका दूसरा उरोज चूसने लगा.
साथ ही मैं अपनी एक उंगली से उनके चूत के दाने को भी कुरेदने लगा।

उनके मुंह से ‘आह्हह आआह्ह … मम्मीईई आह्हह ओओह … बसस्स आंह्ह! रुको ना …’ जैसी आवाजें निकलने लगी.
पर मैं नहीं रुका।

वे जल्दी ही बहुत गर्म हो गई और उन्होंने अपनी बेटी को गोद से उतार के बिस्तर पर लेटा दिया. वे उसके ऊपर घोड़ी जैसे झुक कर उसे दूध पिलाने लगी और मुझसे बोली- मुझे चोद दे!

पर मैं उनके मुंह के पास आकर अपना लण्ड उनके होठों पे छुआने लगा।
वे मेरा इशारा समझ गई और मेरा लौड़ा अपने मुंह में ले लिया।
क्या नजारा था … बेटी मां का थन चूस रही थी और मां मेरा लौड़ा!

अब मुझसे रहा नहीं गया और मैं उनके मुंह से लौड़ा निकाल कर उनके चूत के पास आ गया।

मैंने अभी बस उनको एक ही बार चोदा था इसलिए उनकी चूत अभी भी कसी हुई थी।

फिर मैं उनके चूत को अपनी दो उंगली से खोल कर उसमें अपना लौड़ा फिट किया।
उन्होंने मुझसे कहा- आराम से डाल!

पर मुझे औरतों को दर्द देने में मजा आता है।
मैंने उनकी कमर को पकड़ कर हल्का सा धक्का लगाया और मेरा सुपारा उनकी चूत में घुस गया।
उनके मुंह से ‘आह आआह्ह मम्मीईई आह्हह ओओह … बस आंह्ह मम्मीई … ईईइ ईई मर गई’ की आवाज निकली।

मैंने उनकी कमर को पकड़ कर एक जोर का धक्का मारा.
मेरा पूरा लौड़ा जड़ तक उनकी चूत में समा गया।

इस हमले को वे झेल नहीं पाई और बिस्तर पर गिर गई।
उनकी बेटी उनके नीचे दब सी गई।

आंटी चीखी- मम्मीई ईईई ईई मर गई … आआह बचा लो! आआह … मैं मर जाऊंगी … आह निकाल लो ओ … आह मेरी फट गई आंह।
पर मेरा लौड़ा उनकी चूत में घुसा रहा।

थोड़ी देर बाद वे उठी और आंखों में आंसू लिए फिर से घोड़ी बन गई।

मैंने उनसे माफी मांगी और चुदाई चालू कर दी।

थोड़ी देर बाद उन्हें भी मजा आने लगा।
नीचे उनकी बेटी उनका दूध पी रही थी और पीछे मैं उनकी चूत मार रहा था।

उनके मुंह से ‘आह आआह्ह मम्मी ईई आह्ह ओओह … बस्स आह्ह!’ निकल रहा था.
इस दोहरे मजा को वे ज्यादा देर झेल नहीं पाई और झड़ गई।

अब उनकी बेटी भी सो चुकी थी तो वे उससे अलग होकर बिस्तर पर सीधी लेट गई।

मैं उनकी टांगों के बीच में आ गया और उनकी चूत में लन्ड सेट करके चुदाई करने लगा।
वे भी ‘आआहा आह आह्ह मम्मी ईई उफ्फ आह आआह मम्मीई आह्ह ओओह!’ की आवाज निकल कर मेरा साथ देने लगी।

थोड़ी देर बाद मैं उनके नीचे आ गया और वे मेरे लौड़े पे बैठ कर सवारी करने लगी।
मैंने उन्हें झुका कर उनका एक दूध अपने मुंह में ले लिया।

इसी तरह काफी देर तक मैंने उन्हें अलग अलग आसान में चोदा।
वे इस दौरान कई बार झड़ी।

इसके बाद हम दोनों में ही कोई ताकत भी बची थी।
हम दोनों थक कर पसीने से सराबोर वहीं सो गए।

करीब दो घंटे बाद मेरी नींद खुली।

मैंने देखा कि आंटी टांगें खोल कर सो रही थी।
उनकी चूत सूज गई थी।

उनकी डबल रोटी जैसी सूजी चूत देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना लौड़ा फिट करके उनकी चूत को गहराई में उतार दिया।

इस अचानक हुए हमले से उनकी नींद टूट गई और उनके मुंह से निकला- आआह आआह … मैं मर जाऊंगी … आह निकाल लो ओआह … मेरी फट गई … कैसा जालिम है! आआहा आह मम्मी उफ्फ!

वे मना करती रही मगर मैंने उनकी एक नहीं सुनी और उन्हें देर तक लगातार चोदा।
उनकी चूत से खून और मेरा वीर्य मिक्स होकर निकलने लगा।

उनसे उठा भी नहीं जा रहा था।
मैं उन्हें उठा कर बाथरूम में ले कर गया और उन्हें गर्म पानी से नहलाया।

मैंने उनकी चूत की सिकाई की, फिर उन्हें लाकर बिस्तर पे लिटाया।
उनसे मैंने पूछा कि वे क्या खाएंगी।
मैंने बाहर से खाना ऑर्डर किया।

तब तक मैंने अपने घर पर भी बात कर ली और उन्होंने भी अपने पति से बात की।
फिर हमने साथ में खाना खाया।

उसके बाद मैंने टीवी पर एक रोमांटिक पिक्चर लगा दी।
हम दोनों इस पूरे टाइम नंगे ही थे।

फिर उन्होंने अपनी बेटी को दूध पिला ले सुला दिया।

मैं उन्हें बेडरूम में ले जाने लगा।
तो उन्होंने कहा कि उनकी चूत में बहुत दर्द हो रहा है और वे आज रात चूत नहीं चुदवा पाएंगी।

मैंने उनसे कहा- आप आओ, मैं आपकी सिकाई कर देता हूँ. और उन्हें कहा कि आज मैं उनकी चूत नहीं चोदूंगा।
क्योंकि मेरे दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।

मैं उन्हें बेडरूम में लेकर गया और उनकी चूत की सिकाई करने लगा।

फिर मैं धीरे धीरे अपनी उंगली उनकी चूत में देकर उनके जी प्वाइंट को कुरेदने लगा।
मैं उनके दूध मसलने और पीने लगा।
ऐसे ही मैं धीरे धीरे उन्हें गर्म करने लगा।

फिर मैं उन्हें उल्टा कर के उनकी पीठ चूमने लगा।
ऐसे ही मैं उनके ऊपर लेट गया।

अब वे मेरे नीचे उल्टी लेटी हुई थी और मैं उनकी गर्दन चूमने लगा।
फिर मैं अपना एक हाथ नीचे ले जा कर उनकी गांड की दरार में फंसा दिया और उनकी गांड में उंगली करने लगा।

उन्हें समझ आ गया कि मैं क्या करना चाहता हूँ।
वे मना करने लगी कि जब आगे उन्हें इतना दर्द हुआ तो पीछे तो वे सहन नहीं कर पाएंगी।

मैंने बड़ी मुश्किल से उन्हें समझाया कि चूत से ज्यादा गांड चुदाई में मजा आता है।
बड़ी मिन्नतों के बाद वे मानी।
उन्होंने मुझसे कहा कि अगर उन्हें दर्द हुआ तो वे नहीं करेंगी।
मैंने उनकी बात मान ली.

और मैं फिर से उन्हें गर्म करने लगा।

फिर मैंने उनसे उनकी गांड की दरार खोलने को कहा।
उन्होंने अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ों को फैलाया और मुझे उनका गुलाबी गांड का छेद दिखने लगा।

मैंने उस पर अपना थूक गिराया और अपना लौड़ा सेट करके उनके ऊपर लेट गया।
मैंने उनसे पूछा- डालूं?
तो उन्होंने ‘हाँ’ कह दिया।

मैंने थोड़ा सा जोर लगाया तो थूक की वजह से मेरा सुपारा अंदर फंस गया।
उनके मुंह से ‘आआह बचा लो … आआह … मैं मर जाऊंगी … आह निकाल लो … ओ आह मेरी फट गई … आंह! ‘आआहा मम्मीईई उफ्फ!’ की आवाजें निकलने लगी।

उनकी गांड इतनी ज्यादा टाइट थी कि मेरा सुपारा छिल चुका था और मुझे तेज जलन हो रही थी।
मैं थोड़ी देर रुक गया।

थोड़ी देर बाद जब वे थोड़ी नॉर्मल हुई तो उन्होंने मुझसे धीरे धीरे करने को कहा.
पर मैंने एक जोर का शॉट मारा और मेरा पूरा लौड़ा जड़ तक उनकी गांड में घुस गया।

उसकी आंखें लाल हो गई और वे लगभग बेहोश हो गई.
मगर मैंने कोई दया नहीं दिखाई और अपना लौड़ा आधा बाहर निकल कर फिर से उसे अंदर ठोक दिया।

इस बार के दर्द की वजह से उनमें थोड़ी हलचल हुई और वे रोने लगी और मुझसे बोली- अपना लन्ड बाहर निकाल लो … मैं मर जाऊंगी … आआहा आह आआह्ह उफ्फ!

थोड़ी देर बाद वे जब नॉर्मल हुई तो मैंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी।
उन्हें अब भी दर्द हो रहा था पर वे मेरा साथ देती रही।

उनकी गांड के कसाव को मेरा लौड़ा झेल नहीं पाया और मैं कुछ मिनट में ही झड़ गया.
जब मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाला तो मेरा वीर्य और खून उनकी गांड से रिसने लगा।

थोड़ी देर बाद मैं उन्हें बाथरूम ले कर गया क्योंकि उनसे तो उठा भी नहीं जा रहा था।
फिर हम सो गए।

उस रात मैंने एक बार और उनकी गांड मारी।
दूसरे दिन से हमारे बीच चुदाई का वो खेल शुरू हुआ कि अगले तीन दिनों तक नहीं रुका।

उन 4 दिन हम दोनों ने कोई कपड़ा भी पहना।
लगभग घर के हर हिस्से में चुदाई की … चाहे वो बाथरूम हो या किचन!

हममें से किसी को याद नहीं कि हमने कितनी बार ऐनल चुदाई की।

उसके बाद मैं अपने घर आ गया और उनके भी पति आ गए।

मगर मुझे जब भी मौका मिलता, मैं उनकी चूत और गान्ड चोद देता हूँ।

अब तो वे भी चूत और एनल गांड चुदाई में एक नम्बर की रण्डी बन गई हैं।
वे भी हर समय लौड़ा लेने के लिए बेताब रहती हैं।

यह चुदाई का सिलसिला आज भी चल रहा है।
पर अब मुझे उनमें ज्यादा मजा नहीं आता।
अब मैं कोई नई माल ढूंढ रहा हूँ।
जब कोई मिलेगी तो उसकी कहानी बाद में लिखूंगा।

आपको मेरी एनल चुदाई गांड स्टोरी कैसी लगी?
धन्यवाद.
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