पोर्न आंटी सेक्स कहानी में मेरे पड़ोस में रहने वाली मस्त माल की चुदाई है. वो छत पर कपडे सुखाने आती तो मैं उसे देखता था. एक दिन वो मुस्कुरा दी मुझे देख कर!
दोस्तो, मेरा नाम कुणाल है. मेरी उम्र 28 साल है, मैं अजमेर में रहता हूँ. मैं खुद का बिज़नेस करता हूँ.
ये मेरी पहली कहानी है, इसलिए इस पोर्न आंटी सेक्स कहानी में कोई गलती हो जाए तो पहले ही माफ़ी चाहता हूँ.
मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती हैं, वो भरे हुए शरीर की हैं और वो दिखने में एकदम मस्त माल दिखती हैं.
बात ये है कि मेरा कमरा ऊपर की मंजिल पर है.
वो जब भी अपनी छत पर आती हैं तो उनको देख कर मुझे कुछ कुछ होने लगता था.
एक दिन मैं उनको ब्रा और पैंटी सूखने डालते हुए देख रहा था.
उन्होंने मुझे देखते हुए नोटिस कर लिया, तो मैं जल्दी से डर कर अपने कमरे में चला गया.
आंटी का नाम मोनिका (बदला हुआ) है. उनकी उम्र 45 साल की है, पर वो लगती 36 साल की हैं. उनका साइज 36-32-38 का है.
मुझे उनके चूचे और उनकी उठी हुई गांड बहुत मस्त लगती है.
आंटी ने अपने आपको मेन्टेन किया हुआ था.
उनके तीन बच्चे थे, फिर भी वो इतनी मस्त औरत थीं कि उन्हें देख कर मन करता था कि अभी पकड़ कर चोद दूँ.
आंटी से अभी तक मेरी कभी भी बात नहीं हुई थी क्योंकि वो किसी से भी बात नहीं करती थीं.
उस दिन के बाद से मैं अब रोज उनको कपड़े सूखने डालते समय देखने आ जाता था.
उन्होंने भी मुझे रोज उसी समय छत पर खुद को देखते हुए ताड़ लिया था.
जब आंटी ने मुझसे कुछ नहीं कहा, तो मैंने भी उनको हिम्मत करके देखना जारी रखा.
अब कभी कभी वो भी मेरी ओर देखने लगीं.
एक दिन आंटी ने मुझे देख कर स्माइल भी की तो मैंने भी उनको देख कर स्माइल कर दी.
उस दिन आंटी ने टी-शर्ट और पजामा पहना हुआ था. उस टी-शर्ट में उनके चूचे बड़े मस्त लग रहे थे.
शायद आंटी ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी जिस वजह से उनके हिलते हुए चूचे और कड़क निप्पल मुझे कामोत्तेजित कर रहे थे.
उस दिन मेरा लौड़ा भी खड़ा हो गया था, मुझसे कण्ट्रोल ही नहीं हुआ. मेरे लोअर में लंड फूल गया और आंटी ने मेरे लोअर में तम्बू को देख लिया.
वो फिर नीचे चली गईं और मैंने अपने बाथरूम में जाकर उनके मम्मों को सोच कर मुठ मार कर लंड ढीला कर लिया.
मैं सोच रहा था कि आंटी को कब चोदने का मौका मिलेगा.
फिर हुआ कुछ ये कि उनके पति को कोरोना हो गया था, उनके पति ऊपर अलग कमरे में रहने लगे थे.
आंटी ने उस दिन पहली बार मुझसे बात की कि मुझे बाजार से ये सामान ला दो.
मैंने भी सामान लाकर दे दिया.
मैंने उनसे कहा- आंटी, आपको कुछ भी काम हो, तो बोल देना.
वो बोलीं- हां ठीक है.
उन्होंने कहा- तुम मुझे अपना मोबाइल नंबर दे दो, अगर मुझे कोई काम होगा तो मैं बोल दूंगी.
मैंने अन्दर ही अन्दर खुश होते हुए कहा- हां जी आंटी, ठीक है.
अब मैं खुश था कि आंटी ने पहली बार बात तो की.
मैं सोच रहा था कि कब आंटी का कॉल आए और बात आगे हो.
अगले ही दिन उनका कॉल आया कि आप डेरी से दूध ला दो.
मैंने सोचा कि आंटी आपके पास खुद के इतना है तो बाहर से क्या मंगवाना.
मैंने आंटी के लिए दूध लाकर दे दिया और वो स्माइल करके अपने घर के अन्दर चली गईं.
थोड़ी देर बाद उनका व्हाट्सैप पर मैसेज आया- थैंक्यू.
मैंने लिखा- वेलकम.
फिर वो मैसेज से बोलीं- मैं तुमको इतना परेशान कर रही हूँ.
मैंने कहा- मुसीबत के टाइम मैं आपके साथ हूँ. आप मुझे ऐसा कह कर शर्मिंदा मत कीजिए.
फिर ऐसे ही बात होती रही और 5 दिन ऐसे ही निकल गए.
छठे दिन उन्होंने मेरे घर वालों को बताया- मेरे पति की रिपोर्ट अब नेगटिव आ गई है. मगर अभी वो ऊपर ही रूम में 15 दिन तक रहेंगे. आपके बेटे को ही मेरा सामान लाकर देना पड़ेगा.
मेरे घर वालों ने भी कहा- हां ठीक है.
तीसरे दिन आंटी ने मुझसे कहा- तुम दूध लेकर अन्दर ही आ जाना, चाय बनाती हूँ.
मैं दूध लाकर उनके घर में चला गया.
उन्होंने मुझे बैठाया और बोलीं- तुम नहीं होते, तो पता नहीं कौन हेल्प करता.
मैंने कहा- अरे ऐसी कोई बात नहीं है. आप इतनी अच्छी हैं इसी लिए तो मैंने किया.
इस पर वो एकदम से बोलीं- मैं अच्छी कैसे?
मैंने कहा- आप दिखने में अच्छी हैं और बात भी अच्छे से करती हैं.
मैं उस दरमियान उनके चूचों को देखे जा रहा था.
वो बोलीं- क्या देख रहे हो?
मैं एकदम से सकपका गया और बोला- क..क.. कुछ नहीं.
फिर वो मुस्कुरा कर बोलीं- एक बात बताओ, आप मुझे रोज रोज छत पर क्यों देखते हो?
मैंने कहा- नहीं, ऐसा तो कुछ नहीं है.
फिर मैंने एक मिनट रुक कर सोचा कि इनको पता है शायद … और आग दोनों तरफ लगी है.
वो बोलीं- क्या बात है … बोलो न!
मैंने कहा- नहीं, कुछ नहीं है.
मैंने ऐसे ही पूछा- बच्चे कहीं दिख नहीं रहे.
आंटी ने कहा- वो अपने चाचा के घर गए हैं.
मैंने हम्म कहा.
फिर वो मुझसे बोलीं तुम मुझे इतना क्या घूर घूर कर देख रहे हो?
मैंने भी हिम्मत करके बोल दिया- आप मुझे अच्छी लगती हो, इसलिए देखता हूँ.
वो बोलीं- मतलब?
मैं- सच कहूँ तो आप इतनी मस्त हो कि मैं आपको प्यार करना चाहता हूँ.
उनकी तरफ से सिर्फ़ एक स्माइल आई.
मैंने उनको पकड़ लिया और उनको किस करने लगा.
उन्होंने कहा- अरे छोड़ो … ये क्या कर रहे हो.
वो नाटक कर रही थीं.
फिर वो बोलीं- अच्छा एक मिनट तो रुको.
मैं रुक गया.
वो बाहर गईं और दरवाजा बंद करके आ गईं.
उन्होंने आते ही मुझसे पूछा- बोलो, तुम्हें मेरे में क्या अच्छा लगता है?
मैंने कहा- आपके चूचे और आपकी गांड.
इतना बोल कर मैंने उनको पकड़ कर किस कर दिया और उनके खरबूजे के आकार के चूचे दबाने लगा.
उन्होंने कहा- अन्दर कमरे में चलो.
वह कमरे में आकर बोलीं- मैं भी बहुत महीनों से प्यासी हूँ. मेरी प्यास बुझा दो.
मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रखे और चूसने लगा.
उनकी गर्दन पर किस करने से वो गर्म होने लगीं.
आंटी बोलीं- आह कुणाल, अच्छा लग रहा है … और करो.
मैंने उनको कुछ मिनट तक किस किया.
फिर उनके सूट को निकाल दिया और मैं उनके चूचे देख कर दंग रह गया.
क्योंकि आंटी के मक्खन से चूचे काली ब्रा में बड़े मस्त लग रहे थे. वो मेरे दोनों हाथ में नहीं आ रहे थे.
फिर उनके मम्मों को उनकी ब्रा पर से ही चूसने लगा और वो आह उह्ह की आवाज निकालने लगीं.
वो मेरे लंड को मेरे पजामे में हाथ डाल कर पकड़ने लगीं.
आंटी बोलीं- यार, तेरा पप्पू तो बड़ा लम्बा है.
मैंने कहा- नहीं, ये तो सामान्य ही है.
उनके चूचे चूसने के बाद मैंने उनकी सलवार निकाल दी.
वो लाल पैंटी में क्या मस्त माल लग रही थीं.
उनकी पैंटी मेरे किस करने और चूचे चूसने से ही गीली हो गई थी.
उन्होंने मेरे पजामे को निकाल दिया और बोलीं- मुझे तुम्हरा लंड चूसना है.
मैंने कहा- आप ऐसा करो कि 69 में आ जाओ.
वो 69 में आ गईं और मेरा लंड चूसने लगीं.
मैं उनकी चूत को अपनी जीभ से चूसने लगा.
उनको भी मजा आ रहा था.
आंटी भी मुझे पूरी मस्ती से चूस रही थीं.
दस मिनट बाद मेरे लंड का पानी निकलने को हो गया.
जल्दबाजी में मुझसे रुका ही न गया और मैंने उनके मुँह में रस निकाल दिया.
वो भी मस्त रांड निकलीं. लंड का पूरा पानी पी गईं.
मैं उनकी चूत चूस रहा था और एक मिनट बाद वो भी झड़ गईं.
मैंने चूत चाट कर साफ़ कर दी.
हम दोनों ऐसे ही निढाल पड़े रहे.
फिर 5 मिनट बाद मैंने उनको किस किया और उनसे खेलने लगा.
मेरा लंड फिर से टाइट होने लगा.
मैं उनके चूचे चूसने लगा और इस बार मैंने उनके चूचे को आटे की तरह से फैंटना शुरू कर दिया.
वो एकदम से हुए इस प्रहार से चिल्ला दीं.
मैंने उसी समय अपना लंड आंटी के मुँह में दे दिया.
पोर्न आंटी लंड चूसती हुई बोलने लगीं- अब इसे अन्दर डाल भी दो … मेरी प्यास बुझा दो.
मैंने अपने लंड को उनकी गर्म चूत पर रखा और उनको तड़पाने लगा.
वो बोलने लगीं कि अन्दर डाल दो क्यों तरसा रहे हो … जल्दी करो.
मैंने अपने लंड का सुपारा आंटी की चूत पर लगाया और एक झटके में सुपारा अन्दर ठेल दिया.
आंटी कराह उठीं और बोलीं- आंह धीरे करो … बहुत महीनों बाद लंड ले रही हूँ.
मैंने उनकी आंह को अनसुनी करके एक झटका और मारा.
इस बार मेरा आधे से ज्यादा लंड आंटी की चूत में घुस गया था.
आंटी अपनी मुट्ठियां भींचे हुए लंड का दर्द सहन कर रही थीं.
कुछ देर बाद मैंने देखा कि आंटी गांड हिला कर लंड लेने लगी हैं, तो मैंने अपने लंड को थोड़ा बाहर निकाल कर पूरा डाल दिया.
‘आह मर गई …’
मैं लगा रहा तो कुछ ही देर में आंटी की मादक आवाजें निकलने लगीं- आह उह्ह्ह … और तेज और तेज मजा आ रहा है … और करो आज फाड़ दो मेरी चूत!
कुछ देर बाद मैंने आंटी की टांगें हवा में उठा कर हचक कर चोदना शुरू कर दिया.
मैंने पूछा- कैसा लग रहा है?
वो बोलीं- बहुत महीनों बाद ऐसा मजा आया है.
मैंने कुछ झटके मारने के बाद आंटी से कहा- अब डॉगी स्टाइल में आ जाओ, मैं आपको पीछे से चोदूंगा.
वो डॉगी स्टाइल में आ गईं और मैंने उनको पीछे से चोदना चालू कर दिया.
इस पर वो बोलीं- अरे वाह … ऐसे में तो बहुत मजा आ रहा है … और जोर जोर से चोदो.
मैंने हाथ आगे करके उनके चूचे पकड़ लिए और उनको तेज तेज झटके देना शुरू कर दिया.
उसी वक्त आंटी की चूत पानी छोड़ने लगी.
कुछ 8-10 झटके के बाद मेरा रस भी निकलने को हो गया.
मैंने आंटी से पूछा- कहां निकालूं?
आंटी ने कहा- अन्दर ही निकाल दे. मैंने ऑपरेशन कराया हुआ है.
मैंने अपना पानी उनकी चूत में निकाल दिया और उनके ऊपर ही गिर गया.
वो मुझे चूमती हुई बोलीं कि आज तेरे लंड से चुदकर मजा आ गया.
मैंने भी आंटी से कहा- आप भी बहुत मस्त माल हो … आपकी चूत चोदने का मजा आ गया. अब फिर कब दोगी?
वो पोर्न आंटी बोलीं- मुझे तुम्हारे साथ मजा आया है. अब तो मैं तुमसे चुदाई करवाती रहूँगी.
मैंने उनके दूध मसल दिए.
उन्होंने कहा- ये बात अपन दोनों के बीच ही रहनी चाहिए.
मैंने कहा- ठीक है आंटी.
आंटी आज भी मुझसे चुदवाती हैं और हम दोनों का राज अब अन्तर्वासना के पाठकों को मालूम है.
मैंने कैसे आंटी की गांड मारी, वो मैं आपको अगली Xxx कहानी में लिखूंगा.
आप इस पोर्न आंटी सेक्स कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.
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