मेरे एक दोस्त की शादी हुई. मैंने उसकी नयी नवेली दुल्हन को चोदा. यानि कुंवारी भाभी को चोदा. यह कैसे सम्भव हुआ? मेरी सेक्सी कहानी पढ़ कर पता लगाएं.
बात लगभग 10 वर्ष पूर्व की है, वैसे तो मेरा परिवार इंदौर का रहने वाला है. पर तब मुझे मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एक कंपनी में दवा प्रतिनिधि की नई नौकरी मिली थी. इसलिए मैं वहाँ पर एक किराए का घर लेकर रहता था और अपनी कम्पनी के ऑफिशियल टूर में हर माह 4 दिन बालाघाट और 3 दिन सिवनी जाया करता था.
चूंकि तब कम्पनी से होटल में रुकने का पैसा बहुत ज्यादा नहीं मिलता था इसलिए मैं एक दूसरी कंपनी के दवा प्रतिनिधि दोस्त मुकेश कुमार जो कि दरभंगा बिहार से बालाघाट में नियुक्त था, के साथ उनके घर में रुकता था और जब वो छिंदवाड़ा आता तो मेरे घर ही रुका करता था. हम दोनों साथ में एक ही बाइक पर काम भी करते थे, इससे हम दोनों को ही कम ख़र्च में काम चल जाता था.
इसी तरह साल भर गुज़र गया.
फिर एक दिन उसने कहा कि अब उसकी शादी होने वाली है उसे इसलिए एक बड़ा फ्लैट किराए लेना होगा, क्योंकि इस घर में बाथरूम व टायलेट सब कॉमन थे.
इसलिए उसने एक बुजुर्ग परिवार जिनके सभी बेंगलुरु में रहने लगे थे, उनका घर किराये से ले लिया.
मुकेश कुमार की शादी में मुझे भी बुलाया था. पर दरभंगा बहुत दूर था और मेरी कंपनी की मीटिंग के कारण मैं उसकी शादी में नहीं जा पाया. खैर वो 15 दिन की छुट्टी में शादी व हनीमून निपटाकर वापस अपनी पत्नी के साथ बालघाट आ गया. मैं अपने अगले टूर पर जब बालाघाट गया तो एक होटल में रुका और शाम को मुकेश के घर गया.
उसकी बीवी निशा एकदम सुंदर गोरी लगभग 34-24-34 का फ़िगर था, यानि कि कोई भी आदमी पहली नज़र में ही घायल हो जाये..
खैर सबसे पहले तो मैंने मुकेश औऱ निशा को शादी में न आने की क्षमा माँगकर उन्हें शादी हेतु उपहार में घड़ी का सेट दिया.
मुकेश ने निशा को बताया कि ये आज पहली बार बालाघाट आकर होटल में रुका है क्योंकि इससे पहले वो हरदम मेरे साथ ही रुकता था.
मैंने भी छूटते ही कहा- हाँ भाभीजी, आपके मुकेश जी आपसे पहले इस नाचीज़ के साथ ही रात गुज़ारा करते थे.
इस पर निशा भाभी एकदम शर्मा कर मुस्कुरा दी.
खैर भाभी ने मुझे रात खाना खाने के लिए रोक लिया और उन दोनों के साथ हँसी खुशी डिनर करने के बाद जब मैं होटल वापस जाने लगा तो मुकेश मुझे अपनी बाइक से होटल छोड़ने आया और होटल में साथ रूम तक आया.
तो मुझे उसके चेहरे से लगा कि वो कुछ कहना चाहता है.
इसलिए हम दोनों रूम में बैठकर बात करने लगे.
मुकेश ने बहुत झिझकते हुए कहा- यार शादी को 15 दिन से ज्यादा हो गए हैं और मैं निशा के साथ अब तक सेक्स नहीं कर पाया.
मैंने उससे चौंककर पूछा- भाभी को देखकर तो मुझे ऐसा कुछ लगा नहीं? और मुझे नहीं लगता कि तेरे में कोई प्रॉब्लम हो!
क्योंकि मुकेश एकदम हट्टा कट्टा शरीर वाला था.
इस पर मुकेश ने दुखी होकर कहा- दोस्त प्रॉब्लम मेरे में ही है, मेरा पेनिस पूरी तरह शिथिल हो गया है, इसलिए वो खड़ा ही नहीं हो सकता.
इस पर मैंने उसे कहा- भाई निराश मत हो, मार्केट में इसके लिए दवाई मिलती है.
मुकेश ने कहा- मेरा दवाई से भी कुछ नहीं हुआ था. इसलिए पिछले हफ्ते ही मैंने पटना के बड़े डॉक्टर को दिखाया था. पर डॉक्टर ने साफ कह दिया कि तुम्हारे स्पर्म से तुम पिता तो बन सकते हो पर बीवी को सेक्स का सुख नहीं दे सकते.
फिर मैंने मेरे दोस्त की फेवरट व्हिस्की मंगाई और कहा- यार, अब पीकर कुछ गम हल्का कर लेते हैं.
दो पैग के बाद भी मुकेश बहुत दुखी था और वैसे तो वो 3 से ज्यादा पैग नहीं पीता था.
पर उस दिन 5 पैग पी गया.
इस बीच वो दुखी होकर मुझे बोला- यार अजय, इस मामले में तू ही मेरी मदद कर सकता है.
मैंने चकरा कर कहा- यार, मैं कोई डॉक्टर थोड़ी ही हूं.
तो वो बोला- अबे पहले यह बता कि तुझे निशा कैसी लगती है?
मैंने कहा- एकदम सुंदर है.
तो वो हँसकर बोला- क्यों माल नहीं दिखती तुझे वो?
तो मैंने कहा- भाई तू ज्यादा पी कर बहक रहा है.
इस पर मुकेश बोला- अगर इसे बहकना बोलते हैं तो बहक जाने दे! पर मेरी बात सुन … तू तो मेरा काफी बातों में राजदार ही था, इस बात को भी तू ही राज बना कर रखना. अगर तू निशा के साथ सेक्स कर लेगा तो उसकी सेक्स की भूख कम हो जाएगी. और रहा सवाल बच्चे का तो मैं अपने स्पर्म से टेस्ट ट्यूब विधि से बाप भी बन जाऊंगा. इस तरह किसी को पता भी नहीं चलेगा, और हाँ तेरे साथ सेक्स करने के बाद निशा कोर्ट में मुझे ‘नामर्द’ साबित कर खुद को चरित्रहीन कहलवाने की हिम्मत नहीं करेगी. इसलिए मैंने बहुत सोचने के बाद ही तुझे ऐसा करने को बोला है.
इस पर मैंने कहा- अगर निशा भाभी मेरे साथ सेक्स करने को तैयार नहीं हुई तो?
मुकेश ने कहा- यार कोशिश तो कर! जब मैं तेरे साथ हूँ तो क्यों डर रहा है? आज तुझे उसकी गर्मी निकलनी ही है … आज ही उसकी सुहागरात मनाएंगे.
ऐसा कहकर मुकेश ने दो पैग और पी लिए.
अब सच में मुकेश अपनी बाइक चलाकर घर जाने की हालत में नहीं था. इसलिए मैं उसे पीछे बैठाकर उसके घर तक छोड़ने गया.
निशा भाभी ने दरवाजा खोला. वो उस समय 2 पीस गाउन में थी और बहुत ही सेक्सी लग रही थी.
मैंने उन्हें कहा- भाभी, मुकेश ने ज्यादा पी ली है इसलिए इसको यहा दुबारा छोड़ने आना पड़ा. आप इसे सम्हालिये.
तो निशा भाभी बोली- प्लीज इन्हें बेड तक छोड़ दीजिए … ये मुझसे नहीं सम्हलने वाले!
अब मैं मुकेश को लेकर उसके बेडरूम तक छोड़ने गया. मुकेश एकदम निढाल होकर सो गया.
निशा भाभी ने ही उसके जूते और कपड़े निकाल कर चेंज कराये. इस समय वो एकदम समर्पित बीवी की तरह लग रही ही थी.
इसके बाद मैं दूसरे कमरे में आ गया. जब उनसे होटल वापस जाने के लिए मुकेश की बाइक की चाबी वापस लेने के लिए बेडरूम गया तो देखा कि निशा भाभी मुकेश के पेनिस को हाथ से पकड़ कर हिला रही थी.
मैंने पीछे से आकर कहा- भाभी अब इसका कुछ नहीं हो सकता. मुकेश ने मुझे सारी बात बता दी है, आप चाहो तो मैं आपकी मदद कर सकता हूं.
इस पर निशा भाभी घबराहट में बोली- अरे नहीं, इन्हें पता चला तो ये मुझे तलाक दे देंगे.
तो मैंने कहा- मुकेश ने ही मुझे आपके साथ सेक्स करने को कहा है. पर मैं हिम्मत नहीं कर पा रहा था, आप चाहो तो मुकेश को उठाकर पूछ सकती हो. तब तक मैं बाहर के रूम में इन्जार कर लूंगा.
भाभी बाहर आकर डोर लॉक करने लगी और मुझे कहा- हमारे यहाँ एक ही बेड है. आप मुकेश जी के उस तरफ सो जाना और मैं इस तरफ़! सुबह जब वो उठेंगे तो उनसे पूछकर आगे की सोचेंगे.
अब हम तीनों एक बेड पर सो गये.
थोड़ी देर में निशा भाभी लाइट बंद करके सो गई और मैं मुकेश के दूसरी और से लेटकर उसके उठने के इंतजार में जगा पड़ा था. खिड़की से आती चाँद की रोशनी में निशा भाभी का शरीर किसी सेक्सी हेरोइन से कम नहीं लग रहा था.
मेरा पेनिस यह सोचकर खड़ा हो गया था कि जल्द ही ये जवानी मुझे एन्जॉय करनी है.
तभी निशा भाभी ने करवट ली जिससे उनकी जामुनी ब्रा साफ दिखाई देने लगी.
अब मेरे धैर्य की सीमा जा रही थी, मैं मुकेश को किनारे कर खुद बीच में आ गया और धीरे धीरे एक हाथ से ब्रा के अंदर की गोलाई नापने लगा.
भाभी के बेहद मुलायम स्तन सख्त होने लगे थे. मैंने धीरे से निशा भाभी का गाउन ऊपर करना चालू किया तो देखा कि उन्होंने जामुनी रंग की ही सेक्सी पेंटी पहनी है.
अब तक धीरे धीरे मैंने उनकी पेंटी के अंदर भी किनारे से उंगलियों को डालना चालू कर दिया तो महसूस हुआ कि उनकी योनि में एक भी बाल नहीं है.
मेरी हिम्मत कोई प्रतिरोध न देख कर बढ़ती जा रही थी. मैंने भाभी की योनि अंदर दो उंगलियों को डालकर अंदर बाहर करना चालू कर दिया तो उनकी योनि से पानी भी निकल आया था और ऊपर दूसरे हाथ से ब्रा के बाहर स्तन निकाल कर चूसना भी चालू कर दिया था.
अब तक मैं समझ गया था कि निशा भाभी जाग चुकी ही और जानबूझकर सोने का नाटक कर रही है.
फिर मैंने उनके एक हाथ को अपनी अंडवियर के अंदर डलवाकर अपने 8 इंची खड़े पेनिस का स्पर्श करवा दिया.
अब मैंने वक्त न गंवाकर तुरंत भाभी की पेंटी उतार दी.
उस अंधेरी चाँद की रोशनी में भी उनकी चिकनी योनि बहुत गोरी लग रही थी. मैंने अपनी जीभ से योनि को चाटना चालू कर दिया और दोनों हाथों से भाभी के स्तन मसलना चालू कर दिया.
भाभी अब तक सी-सी करके मादक रूप से कराहने लगी थी.
अब मैं अपने पूरे कपड़े उतार कर भाभी के ओंठों को किस करने लगा. भाभी का गाउन और ब्रा भी निकाल दिया. अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो गए थे.
पर भाभी अभी भी सोने का दिखावा कर रही थी. उनके ओंठों को किस करते हुए मैंने उन्हें अपने ऊपर लिटा लिया और दोनों हाथों से उनकी पीठ, और कूल्हे सहलाने लगा. ओंठों के अलावा गर्दन और स्तन पर भी चुम्बन लेना चालू कर दिया.
अब तक निशा भाभी पूरी तरह से गर्म हो गयी थी, उन्होंने भी मुझे ओंठों और छाती पर चूमते हुए मेरे पेनिस को भी मुँह में ले लिया.
फिर खुद ही आंखें खोल कर बोली- अरे ये तो आप हैं? वही मैंने कहा कि मुकेश जी का इतना बड़ा कैसे हो गया?
मुकेश अभी भी बेसुध टाइप बगल में ही सो रहा था.
मैंने भाभी से कहा- जी मैं ही हूँ भाभी. अभी भी मुकेश की परमिशन चाहिए या हम सेक्स करें?
भाभी हँसकर बोली- मुझे आपके इरादे पता चल गए थे इसलिए आपको इनके साथ में बेड सोने बोला. लड़की हूँ तो सीधा सीधा निमंत्रण तो नहीं दे सकती न!
मैंने कहा- हाँ भाभी … पर अब आपका लड़की से औरत बनने का वक्त आ गया है.
यह कह कर एक बार फिर से उनकी योनि चूसने लगा और धीरे से अपना पेनिस उनकी योनि में डालने लगा.
जैसे जैसे मेरा पेनिस भाभी की योनि के अंदर जा रहा था, भाभी को दर्द बढ़ता जा रहा था. सचमुच अब तक वो एक कुँवारी लड़की थी.
फिर मैंने एक झटके से पेनिस अंदर डाल दिया और भाभी की चीख सी निकल आयी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
उनकी योनि से भी खून निकल रहा था.
वो बहुत घबरा गई थी.
पांच मिनट इसी पोजीशन में पड़े रहकर, फिर से दुबारा धीरे धीरे उनके साथ सेक्स करना चालू कर दिया और अगले 10 मिनटों में उनकी योनि मेरे वीर्य से भर चुकी थी.
अब भाभी बाथरूम में जाकर अपनी योनि धोने लगी और तब तक मैं वहीं लेट गया था.
भाभी वापस आकर मुझसे चिपक कर सो गई. एक घंटे बाद हम दोनों ने दुबारा सेक्स किया और इस बार भाभी को पहले से ज्यादा मज़ा आया.
अब इसी हालत में हम फिर सो गए.
सुबह जब उठे तो देखा कि मुकेश हम दोनों के लिए चाय लेकर आया और निशा की ओर देख कर बोला- अब तो खुश हो न, लड़कियों का एक पति होता है, तुम्हें दो- दो पति मिल गए हैं.
निशा जो अब तक आत्मग्लानि से भरी थी, खुश होकर बोली- सच में … मेरे कितने अच्छे अच्छे पति हैं.
कहकर वो हम दोनों से लिपट गयी.
इसके बाद मैं जब भी बालाघाट जाता तो फिर से मुकेश के घर ही रुकता था. और अब छिंदवाड़ा में निशा भी मुकेश के साथ टूर पर आने लगी थी।
दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी थी. अगर बोरिंग लगे तो माफ़ करियेगा और अच्छी लगे तो मुझे रिप्लाई दिजियेगा जिससे मैं दुबारा कहानी लिखने की हिम्मत जुटा पाऊँ.
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