दौड़ पड़ी मेरी बीवी की चुदाई एक्सप्रेस-1

दौड़ पड़ी मेरी बीवी की चुदाई एक्सप्रेस-1

चुदाई की सच्ची कहानियों में गहरी रुचि रखने वाले मेरे प्रिय पाठको, आइए मैं आपको अपनी स्वीट वाइफ नीना की चुदाई की एक ऐसी घटना बताता हूं जिसके बाद वह मेरी धर्मपत्नी से अधर्मपत्नी बन गई. इसके बाद तो उसकी सेक्स लाइफ में हमेशा-हमेशा के लिए बंसती बयार बहने लगी.

सचमुच उस दिन का मौसम बड़ा ही नशीला था. वास्तव में बीती रात से ही नीना की चूत में बहुत हलचल हो रही थी. अगले दिन दोपहर में मुझे एक हफ्ते के लिए शहर से बाहर जाना था. ऐसे में मैं पूरे हफ्ते भर का कोटा पूरा कर लेने के मूड में था. उधर आखिर नीना भी मुझसे कम नहीं थी.

बहरहाल इधर बच्चे गहरी नींद में सोए और हम दोनों चुदाई में जुट गए. दो राउंड चुदाई के बाद हम दोनों के मन को थोड़ी राहत मिली. इस बीच हम दोनों ने किचन में जाकर जाकर नंगे ही रेडीमेड फूड के साथ चाय बनाई और पेट भर लिया. मगर हम दोनों को अभी भी अपने सेक्स की भूख मिटानी बाकी थी.

उन दिनों हमारे किचन की खिड़की से आंगन का वह भाग दिखता था, जहां से होकर किराएदार प्रशांत का परिवार टॉयलेट के लिए जाया करता थे. इधर किचन में काम करते हुए रह-रहकर मैं नीना की चूचियां भी दबा रहा था, तो कभी निप्पल रगड़ देता, जिससे वह मस्ती में आकर सिसकारी भर उठती. तभी मुझे प्रशांत टॉयलेट की ओर जाता हुआ दिखा.

शायद उसे हमारी चुदाई की मस्ती का एहसास हो चुका था. तभी तो वह ठिठक-ठिठक कर चल रहा था. इधर नीना भी कुछ ज्यादा ही ऊंची आवाज में सिसकारी मारने लगी. शायद उस दिन वह प्रशांत को सुना रही थी, अपनी नीना रानी का असली राज खुलने के बाद मुझे इस बात का एहसास हुआ.

थोड़ी देर बाद ही प्रशांत की बीवी माधुरी आंगन में आकर तार से अपने घर के कपड़े समेटने लगी. मगर कद छोटा होने से उसे उछलना पड़ रहा था. इस उछलकूद में माधुरी से ज्यादा उसकी चूचियां ही उछल रही थीं. यह सीन देखकर मेरा लंड बुरी तरह फनफना उठा.

ऐसे में भला मेरी बीवी नीना कहां शांत बैठने वाली थी. सारा काम छोड़कर उसने मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया और वो लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसते हुए अप-डाउन करने लगी. साथ ही आंगन के सीन का हम दोनों मजा भी लूट रहे थे.

इस बीच प्रशांत टॉयलेट से वापस आया, तो माधुरी की मदद करने को आगे की ओर बढ़ा. मगर न जाने क्या हुआ, पैर उठाकर कपड़े उतारते वक्त प्रशांत का टावेल सरक कर नीचे जा गिरा. साथ ही प्रशांत का मोटा तगड़ा लंड हवा में लहरा गया. दरअसल प्रशांत ने ऊपर बनियान और नीचे एक टॉवेल लपेट रखा था.

यह सीन देखकर माधुरी हंसने लगी तो प्रशांत अपने आप को संभालने की कोशिश करने लगा. फिर भी काफी समय लग गया.

इधर मेरी नीना डार्लिंग को तो जैसे सांप सूंघ गया हो. हम भी आपस में ठहाके लगाने लग गए. इस ठहाके की भनक माधुरी और प्रशांत को भी लग चुकी थी और वे दोनों खिलखिलाते हुए भाग गए. इस बीच हम दोनों भी अपने बेडरूम में आ चुके थे, मगर नीना के दिमाग में प्रशांत के लौड़े का नशा छा गया, जो साइज में मेरे लंड का करीब डेढ़ गुना रहा होगा.

पाठको, आपको राज की एक बात बता दूं. तब तक अपनी नीना को मैं वनमैन लेडी समझता था. मगर इतना जरूर था कि मेरे साथ चुदाई करते वक्त वह पूरी तरह से आजाद ख्याल की घरेलू चुदक्कड़ औरत जैसी ही पेश आती रही, जिसे मैं महज उसकी मस्ती मानता था. जबकि नीना शादी से पहले ही सौ फीसदी खेली-खाई बिंदास चुदैल लड़की रही, इस बात की जानकारी मुझे बाद में हुई.

दरअसल नीना के दिमाग में किराएदार प्रशांत को भगाने की तमन्ना बीते सात-आठ महीने से चल रही थी मगर संकोच और मौका न मिल पाने की वजह से वह उसे लाइन पर नहीं ले सकी थी. इस बीच अचानक प्रशांत के भुतहा लंड का दीदार होने के बाद नीना के दिल में उससे चुदने की ख्वाहिश और भी अधिक तेज हो गई.

अगले राउंड की चुदाई में नीना ने कई बार मुझसे कहा- हाय, बेचारी दुबली पतली माधुरी कैसे चुदती होगी प्रशांत के गधे जैसे लंड से? उसकी तो जान ही निकल जाती होगी.
यह लाइन बार-बार सुनने के बाद मुझे अंत में कहना ही पड़ा- तुम क्यों परेशान हो रही हो. तुमको तो उससे नहीं चुदना है न? प्रशांत से चुदवाना हो, तो बताओ, साले का लंड पकड़कर तुम्हारी चूत में डाल दूं.
इस बात से नीना बनावटी गुस्से में आकर मुझ पर भड़क उठी. थोड़ी देर बाद जब शांत हुई तो मेरे लंड से खेलने लगी. मगर हकीकत में वह तो प्रशांत का लंड खाने के लिए बेचैन हो चुकी थी.

मुझे हफ्ते भर में वापस आना था लेकिन काम लटक जाने से पूरे महीने भर वापस नहीं आ सका. मेरी बेचारी पत्नी नीना मेरा कब तक इंतजार करती? जाहिर है, नीना की चूत में जबरदस्त बेचैनी होने लगी.
मार्च का रोमांटिक गुलाबी महीना और उन दिनों बेमौसम की बरसात तो उसे कुछ अधिक ही तड़पा रही थी. मगर वह बेचारी मजबूर थी. आखिर उसके सामने कोई दूसरा रास्ता भी तो नहीं था.

इस दौरान अपने किचन की खिड़की से ही प्रशांत के साथ उसकी आंखें अक्सर दो-चार हो जाया करती थीं. लिहाजा मेरी धर्म?पत्नी नीना अपनी नशीली आंखों से प्रशांत पर वार कर दिया करती. उन दिनों तो नीना की आंखें बार-बार उधर ही उठ जाती थीं, जो हर बार चोदने के लिए प्रशांत को खुला आमंत्रण दे रही थीं.

प्रशांत के 36 साल कड़ियल जिस्म को 30 साल की जवान खूबसूरत मदमस्त उसकी मकान मालकिन कभी अपनी 34 इंच साइज वाली चूचियां दिखाती, तो कभी अधनंगी टांगें, कभी बिना ब्रा-पैंटी के ही लगभग पारदर्शी मैक्सी में चूचियों के निप्पल से लेकर क्लीन शेव्ड चूत का नजारा पेश कर देती. ऐसे में वह भी बेचारा खुद पर कब तक काबू रख पाता? यह उसके लिए बड़ी समस्या बन गई थी.

आखिरकार वह दिन आ ही गया, जब सती-सावित्री की तरह पेश आने वाली मेरी बिंदास चुदैल ‘धर्मपत्नी’ की मुराद पूरी हो गई. सभी बच्चे स्कूल कब के स्कूल जा चुके थे. प्रशांत की कामकाजी बीवी माधुरी भी अपने आफिस में थी. पीछे आंगन या टॉयलेट की ओर कोई आने वाला था नहीं, शायद यही सोचकर प्रशांत ने घर की ओर अपनी बाइक मोड़ दी.

दोपहर के करीब ग्यारह बजे होंगे. रिमझिम बरसात के बीच नीना घर के काम समेटने में जुटी हुई थी. बच्चों को दो बजे के बाद स्कूल से वापस आना था. लिहाजा वाशिंग मशीन ऑन करके थोड़े कपड़ों की सफाई करने लगी. एक तरह से नीना आधा भीग चुकी थी.

तब तक प्रशांत की बाइक आंगन में रुकी और भाग कर वह अपने फ्लैट में गया. थोड़ी ही देर में कपड़े निकालकर वह केवल बनियान और वी-कट वाले अंडरवियर में होकर पाइप से बाइक की धुलाई करने लगा. इधर अभी तक काम करते-करते मेरी जोरू नीना बरामदे और आंगन के बीच आ-जा रही थी.

प्रशांत को इस तरह देखकर नीना को अब होश कहां रहा? उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा. आंगन में पहले से रखी हुई प्लास्टिक चेयर पर नीना कुछ इस तरह पसर गई, जैसे वह गंभीर रूप से बीमार हो.
प्रशांत तो जैसे उससे बात करने का बहाना ही ढूंढ रहा था, उसने तपाक से पूछा- क्या हुआ मैडम? तबियत तो ठीक है न?

इस पर नीना ने बड़े ही नाटकीय अंदाज में दिल धक-धक करने की समस्या साझा की, तो प्रशांत ने उसके करीब आते हुए मदद करने का ऑफर दिया.
इस बात से बिदकती हुई नीना ने कहा- जिसे मदद करनी होती है, वह खुद आगे आ जाता है, पूछता नहीं है.

प्रशांत तो यही सुनना चाह रहा था. अब वह नीना से महज 5-7 फीट की दूरी पर आ चुका था. वी-कट अंडर वियर से करीब-करीब बाहर झांकते हुए प्रशांत के तगड़े लौड़े पर नीना की नजर अटक गई, मगर आंखों को बंद कर वह एक आंख की कनखी से देख रही थी. साथ ही नीना ऊपर-नीचे सांस छोड़ने लगी जिससे चूचियां भी ज्वार-भाटा की तरह हरकत करने लगीं. प्रशांत तब तक नीना के नखरे का सच समझ गया.

लिहाजा वह बिना देर किए साहस जुटाकर सीधे मुद्दे पर आ गया, बोला- मैडम, मैं भी तो देखूं.. आपका दिल कितना तेज धड़क रहा है?
इतना कहते हुए उसने नीना की बाईं चूची पर अपना हाथ रख दिया और मसाज करने के अंदाज में हथेली गोल-गोल फेरने लगा. फिर एक झटके में उसने ब्रा के भीतर हाथ डाल दिया.

दो बच्चों की मां और इतनी कड़क चूचियां, प्रशांत ने तो सपने में भी नहीं सोचा था. तब तक बारिश की बूंदें तगड़ी होने लगीं. दोनों को आपस में खुलने भर की ही तो देर थी, नीना की चुदाई का प्लेटफार्म उसके सामने था. ऐसे में अब वह प्रशांत की बांहों में लटक जाने को आतुर हो गई. इस बात का एहसास होते ही देर न करते हुए प्रशांत ने उसे अपनी बांहों में लपेट लिया.

अगले कदम पर थोड़ी देर बाद प्रशांत ने नीना को एक झटके से अपनी गोद में लेकर खुशी के मारे आंगन के कई चक्कर काट डाले. जब जमीन पर उतारा, तो दहकते हुए अंगारे जैसे नीना के होंठों पर पप्पी की झड़ी लगा दी. हालांकि उसका साथ देने से नीना भी पीछे नहीं हटी.
फिर तो प्रशांत ने नीना के होंठों का जो रसपान किया, वह या तो मैं करता हूं या फिर हिंदी सिनेमा के परदे पर सीरियल किसर इमरान हाशमी.

दोनों को ही एक दूसरे की चाहत बड़े लंबे समय से थी जो अब जाकर पूरी हुई. भीगी-भीगी इस मस्त समा में प्रशांत का नौ इंच लंबा कड़क लंड भला वी-कट अंडरवियर में कहां छिप पाता. ऐसे में उसका लंड भी मेरी चुदक्कड़ बीवी नीना के हाथों का खिलौना बन चुका था.

अब बारी प्रशांत की थी. नीना की चूत में अपना लंड डालने से पहले वह बहुत कुछ कर लेना चाह रहा था, मगर हमारे बेडरूम में, जहां नीना हर रोज मेरे साथ चुदाई किया करती थी. लिहाजा आंखों के इशारे से परमिशन लेकर प्रशांत ने नीना को गोद में उठाकर सीधे चुदाई के बेड पर पटक दिया.

बारिश की बड़ी-बड़ी बूंदों से दोनों ही भीग चुके थे. फिर तो बदन सुखाना सचमुच जरूरी हो गया था. इस छोटी सी बात को भी प्रशांत ने खास अंदाज में लिया और सामने पड़ी टावेल उठा कर नीना के चेहरे और बालों पर कुछ ऐसे फेरा, जैसे वह उसे रानी बनाकर चोदना चाह रहा हो.

इसके बाद प्रशांत ने नीना के बदन से मैक्सी को निकाल फेंका. फिर ऊपर से नीचे तक नीना के बदन पर टावेल घुमा दिया ताकि गीलापन न रहे. इसके साथ ही उसे नीना के चेहरे पर कातिल मुस्कान दिखाई पड़ी तो उसने एक झटके में ब्रा का हुक खोल दिया, जिससे दोनों आजाद कबूतर हवा में उड़ने लगे.

अब भला प्रशांत कहां रूकने वाला था. उधर नीना की शर्महया भी रफू चक्कर हो चुकी थी क्योंकि उसे तो कब से इस घड़ी का बेसब्री के साथ इंतजार था. इसके बाद उसका हाथ हरकत में आया तो वह प्रशांत का अंडरवियर सरकाने लगी.
इशारा समझकर प्रशांत ने अपना अंडरवियर ही नहीं बल्कि बनियान को भी निकाल फेंका. साथ ही वह नीना की बार्इं चूची पीने लगा और अपनी चुटकी से दार्इं चूची का निप्पल मसलने लगा.

इस बीच नीना की सिसकारियां प्रशांत को बहुत उत्तेजित कर रही थीं. नीना अपनी चूचियां अब तक पूरी तरह से प्रशांत के हवाले कर चुकी थी. दूसरी ओर प्रशांत के गदहलंड को हाथ में लेकर मसले जा रही थी और साथ-साथ अपनी करामाती उंगलियां लंड के टोपे पर फिसलाते हुए करतब करने लगी.

नीना के मुताबिक इस समय दोनों ही एक दूसरे की जवानी का एक-एक बूंद रस निचोड़कर पी जाना चाह रहे थे. कई महीने की अपनी तड़प मिटा लेने को वे दोनों ही बेकरार हो रहे थे. यह सेक्सी अंदाज बेहद मजेदार बन गया क्योंकि तब तक मूसलाधार बारिश होने लगी.

इधर अपने बेडरूम में मेरी बीवी किराएदार प्रशांत के मूसल लंड से चुदने की जबरदस्त तैयारी कर चुकी थी. इस बारिश में किसी के आने-जाने को कोई खतरा नहीं था इसलिए फ्लैट का दरवाजा भी खुला ही रह गया था जिसकी कोई चिंता नहीं रही यानि चुदाई का खुल्लमखुल्ला खेल चरम पर आ गया था.

मेरी चालू बीवी की चूत चुदाई की कहानी जारी रहेगी.
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कहानी का अगला भाग: दौड़ पड़ी मेरी बीवी की चुदाई एक्सप्रेस-2

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