हॉट मॅाम फक स्टोरी में मैंने अपनी अम्मी को खेतों में चोदा. मेरे ख़ास दोस्त ने मुझे बताया था कि वह अपनी अम्मी को अकसर चोदता है. तो मेरे मन में भी यही करने का था.
दोस्तो, मैं अल्ताफ आपको अपनी अम्मी की चुदाई की कहानी में पुन: स्वागत करता हूँ.
हॉट मॅाम फक कहानी के पहले भाग
मेरे दोस्त ने अपनी अम्मी को चोदा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरे दोस्त अशफाक ने मुझे अपनी अम्मी की चुदाई की कहानी सुनाई थी.
जिस वजह से मैं भी अपनी मां चोदने को लालायित हो उठा था.
अब आगे हॉट मॅाम फक स्टोरी:
एक दिन मैं मॉम सन पोर्न देख रहा था, सुबह के 8:00 बज रहे थे.
तभी अम्मी ने आवाज लगाई- अल्ताफ बेटा अल्ताफ … इधर आओ!
मैंने कहा- क्या हुआ अम्मी?
अम्मी ने कहा- बेटा, भाई की तबीयत खराब है, अभी खबर मिली है. तेरे पापा शहर जा रहे हैं. उनके खेत का कुछ काम बाकी है … चलो हम दोनों खेत चलते हैं. तेरे पापा को शहर भेज देती हूँ, वे भाई के पास जाकर उसकी तबियत का देख लेंगे.
मैंने कहा- ठीक है अम्मी.
फिर मैं कपड़े पहन कर तैयार हो गया.
अम्मी ने घर को ताला लगाया और हम दोनों खेत में आ गए.
उधर पापा घर से निकल गए थे.
अम्मी और मैं खेत में आकर उधर का कुछ बचा हुआ काम करने लगे.
हमारा खेत जंगल के करीब था और हमारे खेत के करीब कोई अन्य खेत नहीं थे.
खेत से लगा हुआ घना जंगल था.
सुबह से ही हल्की हल्की बारिश हो रही थी तो मिट्टी में पैर धंस रहे थे.
हमारी फसल अच्छी बढ़ गई थी.
हमारे खेत में एक छोटी सी झोपड़ी भी थी, जिसमें पापा रात को आराम करते थे.
उसमें एक खटिया थी, फसल बड़ी होने पर पापा रात भर वहीं सोते थे ताकि जानवर फसल को नुकसान ना पहुंचाएं.
पापा पिछले कुछ दिनों से वहीं सो रहे थे.
काम खत्म करने के बाद मैं और अम्मी उसी झोपड़ी में आ गए.
बारिश थोड़ी तेज हो गई थी. अम्मी और मेरे कपड़े पहले ही गीले हो चुके थे.
जल्दी जल्दी में अम्मी अपने कपड़े साथ लाना भूल गई थीं.
हम दोनों के कपड़े बहुत ज्यादा गीले हो चुके थे.
अम्मी ने कहा- बेटा अल्ताफ, अपने कपड़े उतार दो, वर्ना सर्दी हो जाएगी और सर भी पौंछ लो.
वहां अब्बू का गमछा लटका हुआ था.
मैंने अम्मी से कहा- लेकिन अम्मी मैं अपने कपड़े साथ में नहीं लाया?
अम्मी ने कहा- अरे तो सारे कपड़े उतार दो न … और गमछा से जिस्म पौंछ लो.
मैंने कहा- आप भी तो गीली हो चुकी हैं, आप कैसे करेंगी?
अम्मी ने कहा- मैं भी कपड़े उतार रही हूं बेटा.
यह सुनकर मैं अन्दर ही अन्दर बहुत खुश हुआ.
मैं सोचने लगा कि आज अम्मी का गदराया हुआ शरीर देखने को मिलेगा.
यही सोच कर मेरा लंड टाइट होने लगा; मुझे नशा सा होने लगा.
अम्मी ने कहा- क्या सोच रहा है अल्ताफ … उतार दे ना अपने कपड़े!
मुझे अब अशफाक की तरकीब याद आने लगी.
मैं अपने कपड़े उतारने लगा.
कुछ ही पलों बाद मैं सिर्फ चड्डी में ही रह गया था.
चड्डी में मेरा लंड बिल्कुल अकड़ा हुआ खड़ा था.
उधर अम्मी भी अपने कपड़े उतार रही थीं.
मैं अम्मी को आंखें चुरा कर देख रहा था.
पहले अम्मी ने अपनी साड़ी उतार दी और मुझसे कहा- अल्ताफ यह साड़ी टांग दो.
मेरी चड्डी भी बहुत गीली थी.
अम्मी ने कहा- अल्ताफ बेटा तुम्हारी चड्डी बहुत गीली हो चुकी है, इसे भी उतार दो वर्ना खुजली हो सकती है.
यह सुनते ही मुझे अशफाक की याद आ गई.
तभी अम्मी ने कहा- क्या सोच रहा है … शर्मा मत बेटा, मैं तेरी अम्मी हूं. मेरे सामने कैसी शर्म! उतार दे बेटा अपनी चड्डी!
मैंने हिम्मत करके अपनी चड्डी नीचे खींच दी.
मेरा तना हुआ लंड अम्मी के सामने आ गया लेकिन अम्मी ने कुछ ना कहा.
अम्मी का ब्लाउज और पेटीकोट भी भीगा हुआ था.
मैं नंगा चारपाई पर बैठ गया और अपने लंड को हाथों से छुपाने लगा.
अम्मी ने कहा- मुझे ब्लाउज और पेटीकोट भी उतारना ही पड़ेगा, नहीं तो खुजली हो सकती है. वैसे भी हमारे अलावा यहां कोई नहीं है और बारिश में कोई आएगा भी नहीं … और तू तो मेरा बेटा है, तुझसे कैसी शर्म!
और अम्मी अपना ब्लाउज उतारने लगीं.
मेरा लंड और खड़ा होने लगा.
अम्मी ने अपना ब्लाउज उतारकर मेरी तरफ फेंकते हुए कहा- ले इसे भी लटका दे बेटा!
अब अम्मी ने अपना पेटीकोट भी उतार दिया और मेरी तरफ फेंक दिया.
उनका पेटीकोट बहुत भीगा हुआ था. अम्मी अब सिर्फ ब्रा और पैंटी ही पहनी थीं.
मैं अम्मी का कामुक शरीर घूर रहा था.
अम्मी गोरा बदन मुझे मदहोश कर रहा था.
अब अम्मी ब्रा उतारने की कोशिश कर रही थीं लेकिन हुक नहीं खुल रहा था.
उन्होंने मुझे आवाज लगाई- बेटा जरा मेरी ब्रा खोल दो.
मैं अपना लंड हाथों से छुपाता हुआ चलने लगा.
यह देखकर अम्मी ने कहा- क्यों छुपा रहा है इसे हाथों से … मैं तेरी अम्मी हूं बेटा मुझसे क्या शर्माना. अपने हाथों को हटाओ और जल्दी मेरी ब्रा खोलो.
मेरा लंड बहुत तना हुआ था.
मैं अम्मी की ब्रा खोलने लगा.
मेरा लंड अम्मी की गांड से टच हो रहा था.
मैंने अम्मी की ब्रा खोल दी.
अम्मी की बड़ी-बड़ी चूचियां एकदम से आजाद हो गईं.
तब अम्मी ने मुझसे ब्रा सुखाने के लिए कहा.
अम्मी की चूचियां एकदम टाइट थीं … मेरा मन कर रहा था कि उन्हें मुँह में भर लूं. लेकिन मैं कंट्रोल कर रहा था.
अम्मी ने अपने पूरे बाल खोल दिए.
अब अम्मी सिर्फ पैंटी में ही थी.
पैंटी भी बहुत शॉर्ट थी, जिससे अम्मी की गांड मुझे साफ नजर आ रही थी. उनकी सिर्फ चुत ढकी हुई थी.
अम्मी की गांड भी बहुत गोरी और मोटी थी.
मेरा जी कर रहा था कि मैं अम्मी की गांड पर टूट पड़ूँ.
अम्मी अपना शरीर पौंछने लगीं.
मेरा लंड तो सलामी दे रहा था.
इसी सबमें कब शाम हो गई, हमें पता ही नहीं चला. हम दोनों को साथ में लाया हुआ खाना खाना था और आज की रात खेत में ही सोना था.
बहुत अंधेरा हो चुका था, बारिश भी अच्छी खासी शुरू हो गई थी.
अम्मी ने कहा- बेटा, अपने मोबाइल की टॉर्च तो जला दे.
मैंने टॉर्च लगा दी. अम्मी का नंगा शरीर मुझे नजर आ रहा था.
मैं भी अम्मी को नजर आ रहा था.
फिर हम नंगे बैठकर ही खाना खाने लगे.
हमारे कपड़े अभी तक सूखे नहीं थे.
हम दोनों ने खाना खा लिया.
अम्मी ने कहा- चलो ऐसे ही सो जाते हैं. कपड़े तो सूखेंगे नहीं.
हमारी झोपड़ी में एक ही चारपाई थी.
अम्मी ने कहा- चलो अपन दोनों इसी चारपाई पर सो जाते हैं.
मैंने कहा- अम्मी, मैं नीचे सो जाता हूं.
अम्मी ने कहा- नहीं बेटा, कोई कीड़ा बिच्छू ना काट ले तुम्हें! ऊपर ही सो जाओ मेरे साथ … और यहां रजाई भी एक ही है. ठंडी भी लग रही है. ऊपर से हम दोनों नंगे हैं, बुखार हो जाएगा.
चारपाई थोड़ी बड़ी थी, उस पर दो लोग सो सकते थे.
शायद अब्बू अपनी किसी सैटिंग को खेत में बुला कर उसके साथ चुदाई की मस्ती करते थे.
मैं अम्मी के पास लेट गया.
अम्मी ने मेरे लंड की तरफ देखा और कहा- कब से खड़ा है?
मैंने कुछ नहीं कहा.
अम्मी ने कहा- कोई बात नहीं, तू भी तो एक मर्द है. मुझे नंगी देखकर खड़ा हो गया शायद … तू भी क्या कर सकता है, चल सो जा.
मैं सोने का नाटक करने लगा.
मुझे कहां नींद आने वाली थी.
मेरी अम्मी मेरे साथ में नंगी लेटी थीं और मेरा लंड खड़ा हुआ था.
बाहर हल्की हल्की बारिश हो रही थी. हमारा खेत जंगल में होने के कारण ठंड भी लग रही थी.
कुछ देर बाद अम्मी सो गईं. मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी.
अम्मी की नंगी चूचियां मेरे सामने थीं, मुझे कैसे नींद आती.
फिर मुझे अशफाक और उसकी अम्मी की चुदाई की कहानी याद आने लगी.
मैं तो बेहाल होने लगा; मेरा लंड झटके मारने लगा.
मैंने मोबाइल अपने हाथ में लिया और उसकी टॉर्च से अम्मी के शरीर को देखने लगा.
पहले अम्मी की चूचियों को देखा, फिर नाभि को देखने लगा.
अम्मी की नाभि बहुत गहरी थी. मेरा दिल कर रहा था कि चूम लूं लेकिन डर भी लग रहा था.
फिर मैं अम्मी की जांघों को देखने लगा.
क्या मुलायम जांघें थी मक्खन की तरह सफेद.
मुझसे अब जरा भी कंट्रोल नहीं हो रहा था.
मैंने अपने लंड पर बहुत सारा थूक लगाया. फिर एक हाथ अम्मी के बूब्स पर रखा और सहलाने लगा.
क्या मुलायम अहसास हो रहा था.
फिर मैं अम्मी से चिपक कर सोने लगा. मैंने अम्मी का एक दूध मुँह में ले लिया और पीने लगा.
मैं अब अपना आपा खो चुका था.
मुझे जन्नत का मज़ा आने लगा था.
मैं अपनी अम्मी की चूचियों को पी रहा था.
अम्मी बहुत थकी हुई थीं इसलिए बहुत गहरी नींद में थीं.
मैंने अम्मी के नंगे शरीर से अपना नंगा शरीर चिपका दिया और हिम्मत करके अम्मी की पैंटी में हाथ डाल दिया.
अम्मी की चुत के बाल कटे हुए थे.
मेरा हाथ अम्मी की चुत के दाने को महसूस कर रहा था.
उनकी चुत फूली हुई थी.
मैं अम्मी की चुत सहलाने लगा.
साथ में मैं अम्मी की चूचियां भी चूस रहा था और चुत को सहला रहा था.
अचानक से अम्मी थोड़ा हिलीं, मैं डर गया और चुत से हाथ निकाल दिया.
मैं सोने का नाटक करने लगा.
फिर अम्मी मेरी तरफ पीठ करके सोने लगीं.
मैंने ठान लिया कि आज अम्मी को चोद कर ही रहूंगा चाहे कुछ भी हो जाए.
यह नहीं मौका फिर नहीं मिलेगा.
मैं कुछ देर रुका.
फिर मैं अम्मी की गांड सहलाने लगा.
बहुत मुलायम गांड थी.
मैंने धीरे धीरे अम्मी की पैंटी उतार दी.
अब अम्मी पूरी नंगी हो गई थीं.
अम्मी की बाहर निकली हुई गांड मेरे लंड से टच हो रही थी.
मैंने अम्मी की गांड पर लंड रगड़ना शुरू किया, मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैं उनकी पैंटी सूंघ रहा था, उनकी गांड पर लंड पर रख रहा था.
मैंने अपनी अम्मी की गांड की फांक खोली और टॉर्च से अम्मी की चुत देखने लगा.
मस्त नजारा था.
मुझसे रहा नहीं गया, मैंने अम्मी की चुत पर मुँह रख दिया और चाटने लगा.
अम्मी सिसकारियां लेने लगीं और कहने लगीं- आह नूर और चाटो मेरी चुत को.
नूर मेरे अब्बू का नाम था.
अम्मी नींद में थीं, उन्हें लगा कि अब्बू उनकी चुत चाट रहे हैं.
मैं अम्मी की चुत को कुत्तों की तरह चाटने लगा.
वे कामुक सिसकारियां लेने लगीं.
अम्मी की चुत से रस बहने लगा.
मैंने देर ना करते हुए अपना 6 इंच का लौड़ा अम्मी की फूली हुई चुत पर रख दिया.
अम्मी नींद में बड़बड़ा रही थीं- चोदो मुझे चोदो नूर … बहुत दिनों से मुझे चोदा नहीं तुमने … डाल दो मेरी चुत में अपना लंड.
मैंने अम्मी की चुत में अपना लंड डाल दिया.
अम्मी की चीख निकल गई- आह आराम से डालो नूर … आज तेरे लौड़े को क्या हो गया है!
अम्मी की चुत काफी टाइट थी. मेरा लंड तो मौज कर रहा था.
अम्मी कहने लगीं- नूर मेरी चूचियों को मसल डालो.
मैं अम्मी की चूचियों को मसलने लगा, तो वे मादक सिसकारियां भरने लगीं- आह … आह उम … और जोर से चोदो नूर … मेरी चुत को फाड़ दो.
शायद अम्मी नींद में यह भूल गई थीं कि आज वे मेरे साथ सोई हुई हैं और मैं उन्हें चोद रहा हूं.
फिर मैं दस मिनट के बाद अम्मी की चुत में झड़ गया और मेरे लंड को आराम मिल गया.
अम्मी भी झड़ चुकी थीं.
फिर मैं अम्मी से चिपक कर सो गया.
सुबह जब अम्मी जागीं, तो अम्मी की पैंटी उनकी चुत पर नहीं थी.
अम्मी ने मुझसे पूछा- अल्ताफ क्या रात को तुमने मेरी पैंटी उतारी थी?
मैंने कहा- नहीं अम्मी, मैं भला क्यों उतारूँगा आपकी पैंटी, आप रात में बहुत बड़बड़ा रही थीं.
अम्मी ने कहा- क्या कह रही थी मैं?
मैंने कहा- मैं कह नहीं कर सकता.
अम्मी ने कहा- बताओ बेटा.
मैं कहने लगा- अम्मी, आप गंदी गंदी बातें कह रही थीं.
अम्मी ने कहा- क्या क्या कहा मैंने?
मैं कहने लगा- बता दूँ?
अम्मी बोलीं- हां बताओ.
मैं कहने लगा कि अम्मी आपने पहले अपनी पैंटी उतार कर फेंक दी और पूरी नंगी हो गईं. फिर आपने मेरा लंड पकड़ लिया और उस पर मालिश करने लगीं, जिससे मेरा लंड टाइट हो गया. मैं आपको रोकता, लेकिन मैंने सोचा आप मुझ पर गुस्सा होंगी तो मैंने आपको नहीं रोका.
फिर आपने मेरा लंड अपनी चुत में घुसवा लिया.
फिर मैं भी गर्म हो गया और आपको चोदने लगा.
आपने मेरे हाथों को अपनी चूचियों पर रगड़ा.
हॉट मॅाम फक स्टोरी सुनकर अम्मी परेशान हो गईं और कहने लगीं- बेटा, प्लीज यह बात किसी को मत बताना. चलो अब जल्दी अपने कपड़े पहन लो.
मैंने कहा- अम्मी जब से मैंने आपको चोदा है, मेरा लंड बैठ ही नहीं रहा है. प्लीज एक बार और चोद लेने दो ना! कल रात आपने मुझसे जबरदस्ती चुदवाया था, इसलिए अब मेरा लंड मांग कर रहा है. प्लीज अम्मी एक बार करने दो.
अम्मी नंगी थीं.
उन्होंने कहा- ठीक है बेटा, लेकिन किसी को मत बताना.
अम्मी घोड़ी बन गईं और उन्होंने गांड हिलाते हुए कहा- ले जल्दी से चोद ले मुझे. वैसे तेरे लंड से मुझे रात को भी बड़ा आराम मिला था. तेरे अब्बू से भी बुर चुदवाने में इतना मजा नहीं मिलता है. रात में भी मुझे अहसास था कि मैं तेरे अब्बू से नहीं बल्कि तुझसे ही चुदवा रही हूँ. पर एकदम से कैसे खुल जाती, इसलिए तेरे अब्बू के नाम को लेकर तुझसे चुद रही थी.
मैंने फिर से अम्मी को चोदना शुरू कर दिया.
अम्मी सिसकारियां लेने लगीं- आह्ह्ह आआह … तू तो बड़ा मस्त चोदता है रे बेटा … कहां से सीखा यह सब?
मैंने कहा- मैं कभी-कभी पॉर्न देख लेता हूं अम्मी … वहीं से सीखा है.
फिर मैंने अम्मी की चुत में अपना पानी छोड़ दिया और हम दोनों खेत का काम करने लगे.
हम दोनों जितने दिन खेत में रहे, मैं अम्मी को चोदता रहा.
अब तो दिन में खुले खेत में भी मैं अम्मी की ले लेता था.
आपको मेरी हॉट मॅाम फक स्टोरी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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