फ्रेंड सिस्टर सेक्स कहानी मेरे ख़ास दोस्त की हॉट सेक्सी बहन की है. उसके बड़े बड़े चूचे, गदराया बदन और हिरनी सी आंखें थीं. उसकी चुदाई का मजा मुझे कैसे मिला?
दोस्तो, चूत की रानियों और लंड के राजाओं को नमस्ते.
मेरा नाम अर्जुन है, यह बदला हुआ नाम है.
मैं गुजरात से हूँ और 23 साल का हूँ. मेरा जिस्म कसरती है और लंबा, मोटा लंड है.
ये फ्रेंड सिस्टर सेक्स कहानी आज से एक साल पहले की उस समय की है जब मैं पढ़ाई के लिए कॉलेज से अपने एक दोस्त के साथ उसके घर गया था.
मेरे इस दोस्त का नाम राहुल है.
हम दोनों पक्के दोस्त हैं.
जैसे ही हम दोनों उसके घर पहुंचे तो राहुल ने दरवाजे की घंटी बजाई. कुछ पल बाद उसके घर का दरवाजा खुला तो मेरा माथा ठनक गया.
मेरे सामने उसकी बहन चुस्त टी-शर्ट और शॉर्ट्स में क्या मस्त लग रही थी.
मैं आज तक उसे इस तरह के कपड़ों में नहीं देखा था.
आज तक मैंने उसको देख कर अपने मन में कभी कुछ गलत ख्याल नहीं लाया था क्योंकि वो जब भी मुझे दिखती थी तो एक साधारण सा सलवार सूट पहनी हुई दिखाई देती थी.
अभी वो दो साल बाद बाहर अपने मामा के घर रह कर वापस आई थी तो कुछ अलग ही माल बन कर आई थी.
उसके कपड़े पहनना का सलीका भी बदल गया था.
आपको फ्रेंड सिस्टर बारे में बता देता हूँ.
उसका नाम जिनल था, वो एक सांवली सी लड़की थी. उसके बड़े बड़े चूचे, गदराया बदन और हिरनी सी आंखें थीं. उसका फिगर 34-30-36 का हो गया था.
आज मैं कह सकता हूँ कि उसके इस हुस्न को देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा.
उसको देखकर मेरा मन भी किया कि अभी उसके कपड़े फाड़ कर चूचे मुँह में भर लूं और साली को चोद दूँ.
तभी जिनल की आवाज आई. उसने मेरा वेलकम किया और मुझे देख कर मुस्कुरा दी.
उसकी और मेरी आंखें एक दूसरे को ही देख रही थीं.
तभी उसने कहा- कहां खो गए भैया?
मैंने कहा- कुछ नहीं … तुझे काफी दिनों बाद देखा तो बस हैरान हो गया था.
वो हंसती हुई अन्दर चली गई और हम दोनों राहुल के कमरे में पढ़ाई करने आ गए.
मेरे मन में अपने दोस्त की बहन की जवानी घर कर गई थी.
अब मैं हर रोज ऐसे ही कुछ न कुछ बहाने राहुल के घर जाने लगा था और उसकी बड़े चूचे वाली बहन को देख कर उसको आंखों से चोद लेता.
जैसे जैसे समय बीतता गया. हम दोनों में बातें होने लगीं. हम दोनों अब अच्छे दोस्त बन गए. हमारे बीच बातें ज्यादा होने लगी.
धीरे धीरे व्हाट्सएप में हमारी मजाक वाली बातें होने लगीं. हाय हैलो के अलावा मैं उसको गंदे चुटकुले भी भेज देता और उसके जवाब पर चुम्बन के इमोजी भेज देता.
वो भी इस सबका बुरा नहीं मानती और रिप्लाई भी नार्मल दे देती, चुम्बन की इमोजी पर स्माइल कर देती.
मैं हर रोज उसके नाम की मुठ मार लेता उसको देख कर मन करता था कि साली को पकड़ कर रगड़ के चोदूं … टाइट टाइट टी-शर्ट पहन कर मेरे सामने आती और मेरा लंड खड़ा हो जाता.
कभी कभी उसका भी ध्यान मेरे फूले लंड पर जाता था मगर साली इग्नोर कर देती थी.
फिर एक दिन मेरे दोस्त का मैसेज आया- अर्जुन, मुझे तुझसे काम है.
मैं- हां बोलो न, क्या काम है?
राहुल- मेरी बहन का परसों मैथ्स का पेपर है … तू उसकी तैयारी करवा दे. आगे उसके कम्पटीशन भी हैं तो तू उसको रोज पढ़ा दिया कर.
ये सुनकर मेरे मन में तो जैसे लड्डू फूटने लगे थे.
मैंने झट से हां कह दी.
राहुल ने कहा- शनिवार शाम को 7 बजे तू घर आ जाना.
फिर वो दिन आ गया. मैं अच्छे से तैयार होकर गया. मैंने नीचे जानबूझकर अंडरवियर नहीं पहना था ताकि उसे मेरा फूला लंड कुछ ज्यादा समझ आ जाए.
मैं उसकी बहन के लिए अपने साथ चॉकलेट्स लेकर गया था.
मैंने जैसे ही दरवाज़े को नॉक किया तुरन्त उसकी हॉट बहन ने दरवाजा खोला.
साली रंडी क्या मस्त लग रही थी.
एकदम टाइट सफ़ेद टी-शर्ट और शॉट्स पहनी थी.
उसकी सफ़ेद टी-शर्ट में उसके बड़े बड़े चूचे साफ तने हुए दिख रहे थे.
लग रहा था कि साली ने ब्रा ही नहीं पहनी थी.
जिनल- हैलो सर …
एक कातिलाना स्माइल देते हुए उसने मुझे सर कह कर मजाक किया तो बस मेरा मन उफ्फ करके तड़फ गया.
मैंने उसके दूध देखते हुए आंख दबा दी और कहा- हाय माय क्यूट स्टूडेंट!
जिनल- क्या बात है मेरे अर्जुन सर … आज कुछ ज्यादा ही हैंडसम लग रहे हो. किसी को पटाने के इरादा है क्या?
मैं- फिलहाल तो एक ही है … जिसे पढ़ाने आया हूँ
मैंने हॉटी शब्द काटते हुए कहा.
जिनल- अर्जुन जी अन्दर तो आइए … मेरा भी आपसे मिलने का बहुत मन कर रहा था.
फिर हम दोनों अन्दर आ गए.
उसकी मम्मी अन्दर बेडरूम में सो रही थीं और उसका भाई दूसरे रूम में लैपटॉप पर काम कर रहा था.
हम दोनों हॉल में सोफे पर बैठ गए.
जिनल मेरे सामने एक कुर्सी खींच कर बैठ गयी.
साली जैसे ही झुकी … उफ़्फ़ रंडी के आधे चूचे और बीच की दरार वाली लाइन दिख गई.
उसे देखकर लंड ने आन्दोलन शुरू कर दिया.
उसकी दूधिया घाटी देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, ऐसी मस्त दरार थी.
मेरा ध्यान उस जगह पर ही टिक गया.
जिनल- क्या हुआ सर … कहां खो गए?
मैं उसके चूचों पर से नजर हटाते हुए बोला- कहीं नहीं बस ऐसे ही!
तभी जिनल ने एक धमाका किया. मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि वो ऐसा कहेगी.
वो मेरी आंखों में झांकती हुई बोली- डरते क्यों हो, बता ना साले भड़वे … मेरे चूचे देख रहा था ना … बोल ना!
उसके मुँह से ऐसी भाषा सुनकर मैं हैरान रह गया कि साली को पढ़ाई करने का मन नहीं है … कुतिया मेरा लंड लेने के लिए तड़प रही है … पहले से ही साली में गर्मी बढ़ी हुई है.
उसे मुझसे ऐसा कहा और अपनी शर्ट का एक बटन खोल दिया.
आह … मेरे सामने उसके मस्त रसीले दूध क्या दिख रहे थे.
मेरा लंड एकदम टाईट होने लगा था.
मैंने कहा- अरे मेरी जान, तुझे तो पहले दिन से ही रगड़ कर चोदने का दिल कर रहा है. मैं तेरे इन रसीले चुचों को मसल कर चूसना चाहता हूँ.
जिनल- तो साले रंडीबाज़ किसने रोका है … ले पी ले … इसी लिए तो ब्रा नहीं पहनी ताकि तुझे दिखाकर चुसवा सकूं.
बस वो साली इतना कह कर मेरी गोद में आकर बैठ गयी और मेरा मुँह अपने मम्मों के अन्दर दबा दिया.
‘इस्स आंह …’
साली की महक ने मेरा दिन बना दिया था … बहनचोद रंडी कितनी अच्छी खुशबू लगाए हुई थी.
मैं अपनी नाक से उसके मम्मों को रगड़ कर बस सूंघता ही रहा.
फिर पूरी जीभ निकाल कर दूध चाटने लगा.
वो भी कम न थी. साली मादरचोदी ने अपना हाथ मेरे कड़क हो चुके लंड पर रख दिया और पैंट के ऊपर से ही जोर जोर से दबाने लगी.
हम दोनों खो गए … इस हवस की आग में भूल गए थे कि मेरा दोस्त और उसकी मम्मी घर पर ही हैं.
वो मेरी गोदी में बैठी थी और मैं उसके मम्मों को जोर जोर से दबा रहा था. वो भी मेरा लंड मेरी पैंट में से ही दबा रही थी.
जिनल धीरे धीरे बोल रही थी- आंह इस्स आह आ मेरी जान … साले भड़वे मेरे चूचे निकाल कर चूस … बहुत तंग कर रहे हैं इतने बड़े बड़े हो गए हैं और कोई मादरचोद इन्हें चूसने वाला ही नहीं है. आह साले चूस ले आज … मैं तेरी रांड हूँ … खोल के खा ले भोसड़ी के.
ये सुनकर मैंने तुरंत उसकी शर्ट के बटन खोल दिए और उसके नंगे हो चुके दोनों मम्मों को चूसने लगा, जोर जोर से दबाने लगा.
वो भी मेरे लंड को जोर जोर से दबाने लगी.
उस साली के काले निप्पल वाले चूचे कितना मस्त सॉफ्ट मोटे थे … मजा आ गया.
फिर उसने मेरी ज़िप खोली और मेरा काला बड़ा लंड देखकर दंग रह गयी.
जिनल- डार्लिंग, मेरे चोदू तेरा ये लौड़ा मेरी मां चोद देगा … इतना बड़ा लंड कैसे अन्दर जाएगा … मुझे दर्द होगा जान!
मैं- मेरी जान मैं हूँ न … ले चूस पहले अच्छे से इसको … साली छिनाल ले मुँह में … और पूरा अन्दर डाल कर चूस.
साली ने एक मिनट की देर नहीं लगाई.
मेरे लंड चूसने की कहते ही किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह मुँह में लंड लेकर चूसने लगी.
‘गु गु गुंग …’
उसके मुँह में से आवाज निकल रही थी … साली पूरा लंड मुँह में लेकर चूस रही थी.
मैं भी इसके मुँह को चोदे जा रहा था- आहह आह यस यस साली रंडी आह ले भैन की लौड़ी … और अन्दर लेकर चूस साली!
मैं उसके बाल पकड़ कर अन्दर तक चोद रहा था … उसकी आंखें लाल हो गयी थीं. फिर भी मैं उसका मुँह चोदे जा रहा था.
बड़ा मजा आ रहा था … मगर उसी पल साली किस्मत ही गांडू निकली.
उसकी मम्मी की जोर से आवाज़ आयी- जिनल …
आवाज सुनकर हम दोनों डर गए और उसने मेरे लंड को मुँह से निकाल दिया.
झट से कपड़े ठीक करके वो जल्दी से मम्मी के बेडरूम में चली गयी.
मेरा लंड ऐसे ही रह गया बिना पानी निकाले … मुरझा गया.
फिर मैंने घर जाकर उसके नाम की 3 बार मुठ मारी, तब जाकर राहत मिली.
अब ऐसे ही रोज होने लगा था.
ऊपर ऊपर से मैं उसके चूचे चूसता और वो मेरा लंड चूसकर मुझे शांत कर देती.
ऐसे ही हम चैट्स में कॉल्स में एक दूसरे शांत करते पर अब दोनों की हवस इतनी बढ़ गई थी कि बस चुदाई का मौका मिलने की जुगाड़ में थे.
कहते हैं न कि इंतज़ार का फ़ल मीठा होता है.
ऐसे ही एक दिन मेरे दोस्त का फोन आया- सुन यार, मैं 2 दिन के लिए अपनी मम्मी के साथ बाहर जा रहा हूँ. तू मेरी बहन का ध्यान रखना.
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
मैंने तुरंत अपनी जान को कॉल किया और उसे बताया कि तैयार रहना … आज तेरी सुहागरात है.
जिनल- मैं भी कब से तैयार हूं आपके लंड के लिए मेरे राजा … जल्दी आना.
उसी दिन शाम को मेरे दोस्त की ट्रेन थी और मैं ही उसे आंटी के साथ छोड़ने के लिए गया था.
जैसे ही उसे ट्रेन में बिठा कर बाहर आया तो तुरंत एक मेडिकल शॉप पर रुक कर गर्भनिरोधक दवाई ली और अपनी रांड को चोदने उसके घर चला गया.
दरवाजे की घंटी बजाने पर जैसे ही उसने दरवाजा खोला, मेरी आंखें फ़टी की फ़टी रहा गईं.
साली ने जांघों तक आने वाली एक वन पीस वाली नाइटी पहनी थी.
क्या लग रही थी, उसमें भी बाल खुले … डीप क्लीवेज इस्स उफ़्फ़ … बहुत हॉट लग रही थी.
मैं तो उसे देखकर दंग रह गया. उसके हुस्न के जादू में खो सा गया.
उसने मुझे हाथ से पकड़ कर अन्दर खींचा और ये कहकर अन्दर ले गयी- दरवाजे पर ही चोद देगा क्या?
मैंने भी दरवाजा बंद किया और हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े.
उसके कपड़े फाड़ कर उसको दीवार के सहारे टिकाया और उसके हाथ पकड़ कर सब जगह उसको किस करने लगा.
साली रंडी की गर्दन पर बाईट करते हुए मैंने उसकी बगलों से आती मादक महक को सूंघा और चाटना शुरू कर दिया.
आंह … कितना मजा आ रहा था. फिर मैं उसके मम्मों को जोर जोर से दबाकर चूसने लगा, उसके निप्पलों को काटने लगा.
मेरे दोस्त की बहन … आह कितनी सॉफ्ट थी रंडी … मजा आ गया. उसके चूचे इतना सॉफ्ट और बड़े थे कि कोई भी देखकर दबाकर चूसना चाहेगा.
फिर धीरे धीरे उसके पेट के नाभि को किस किया, चाट लिया.
सच में बड़ा मजा आ रहा था.
फिर मैंने उसकी पैंटी को सूंघा, क्या महक थी … मजा आ गया.
साली ने आज अपनी जवानी की महक से भिगो रखा था.
मैं पैंटी के ऊपर से ही लग गया. अपना मुँह उसकी चूत में दबा रहा था और वो पागल हुई जा रही थी.
वो मुझे अपने हाथों से समेटे हुए गंदी गंदी गालियां दिए जा रही थी- आंह भोसड़ी के चोद दे … अब नहीं रहा जा रहा … मादरचोद तेरी मां की चूत पेल दे अपने बड़े लंड को … आआआ!
मैंने उसको गोद में उठाया और उसके बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर धकेल दिया.
फिर उसकी पैंटी फाड़ कर पूरी जीभ चुत में डाल दी और चुत चाटने लगा … चूसने लगा.
वो मेरा सर अपने पैरों के बीच में दबाकर चुत चुसवाने लगी- आंह मेरी जान मेरे भड़वे … चूस ले … आंह बहुत परेशान करती है साली … आज फाड़ दे इसे … तू जो बोलेगा वो करूंगी तेरी रंडी बन जाऊंगी … आह चोद दे मेरे राजा!
मैंने तुरंत 69 में आकर मेरा लंड उसके मुँह में डाल दिया, वो जोर जोर से चूसने लगी.
‘आह चूस रंडी चूस …’
आज मुझको इतना मजा आ रहा था कि मैं सोच भी नहीं सकता था.
फिर वो बेड पर सीधी हो गयी और उसने अपने दोनों पैर खोल दिए.
मैंने उसकी चूत पर लंड सैट किया और धीरे धीरे लंड अन्दर डाला.
लंड लेते ही वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी, मुझे रोकने लगी- छोड़ दे … नहीं चुदवाना मुझे … दर्द हो रहा है … रुक जा कमीने.’
मैं थोड़ा रुक गया.
अब मैं उसके बूब्स चूसने लगा और अपने लंड को वहीं रोक दिया.
मैं धीरे धीरे उसको सहलाने लगा, उसके लिप्स पर किस करने लगा.
आखिर वो शांत हो गई.
जैसे ही वो शांत हुई, मैंने फिर से जोर लगा कर शॉट मारा और अपना पूरा लंड पेल दिया.
लंड उसकी चूत चीरते हुए अन्दर घुस गया.
उसकी चीख कुछ ज़्यादा ही तेज निकल गयी थी. वो रोने लगी थी.
जिनल- साले रंडी की औलाद … फाड़ दी मेरी चूत … मार डाला तूने.
वो बेहोश होने लगी.
मैंने लंड चुत के अन्दर ही रखा और उसको किस करने लगा. उसके मम्मों को चूसा. निप्पलों को चूसा. हल्के हल्के से खींच कर उसे चुत के दर्द से निजात दिलाने की कोशिश की.
कुछ देर बाद वो सामान्य अवस्था में आ गयी.
ऐसे ही उसे प्यार करता हुआ मैं धीरे धीरे फिर से लंड को अन्दर बाहर करता गया.
अब उसको भी मजा आने लगा. ‘उम्म आआह इस्स …’ उसकी आवाज़ आ रही थी.
मैं- कैसा लग रहा है मेरी जान … बोल ना अह?
जिनल- अब मजा आ रहा है चोद दे जोर से चोद आह फ़क मी मेरे भड़वे चोद दे जोर से … बना ले अपनी रखैल आह … इतना मजा कभी नहीं आया … चोद साले बहनचोद!
मैं- आह ये ले … मैं जोर जोर से चोद रहा हूँ
मुझको इतना मजा किसी को चोद कर नहीं आया.
“आह रंडी साली रात दिन चोदूंगा आह … ये ले साली छिनाल आआह.”
जिनल को मैंने घोड़ी बनने के लिए कहा, वो तुरंत कुतिया बन गयी.
उसकी गांड उफ़्फ़ बड़ी और मोटी मेरे सामने हिल रही थी.
मैंने जोर से थप्पड़ मारते हुए उसकी चूत में लंड जोर से डाल दिया.
वो जोर जोर से चुदवाने के लिए चिल्लाने लगी- आह साले पेल दे … मजा आ रहा है … और चोद साले भड़वे चोद दे आज मुझे.
मैं जोर जोर से चोद रहा था.
पूरे रूम में चुदाई की आवाजें आ रही थीं.
ऐसे ही उसको मैंने बीस मिनट तक चोदा.
इस चुदाई में वो दो बार झड़ गई.
मैंने झड़ने के समय उससे पूछा- मैं कहां निकालूं?
उसने कहा- अन्दर ही डाल दे … मुझे महसूस करना है … मां बना दे अपने बच्चे की … आह बहुत मजा आ गया.
फिर दो दिन तक हम दोनों ने दिन रात बस चुदाई की.
फिर जब भी मौका मिलता, हम दोनों एक दूसरे की हवस मिटा लेते.
ये मेरी फ्रेंड सिस्टर सेक्स कहानी आपको कैसी लगी. ये मेरी सच्ची सेक्स कहानी थी.
उसके बाद मैंने उसकी मां को कैसे चोदा, ये मैं अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा.
ईमेल जरूर भेजना.
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