हॉर्नी भाभी फक़ स्टोरी में मैंने अपने सहकर्मी की पत्नी को चोद दिया. मैं ऑफिस के काम से उसके घर पहली बार गया था और उसकी सेक्सी बीवी को देख कर …
नमस्कार, मेरा नाम रमेश है, यह मेरी पहली कहानी है।
मैं 30 साल का हूँ।
मेरी लम्बाई 5 फुट और 9 इंच है। मेरे लन्ड की लंबाई 7 इंच है और मैं दिखने में बहुत कम सुंदर नहीं लगता हूं।
मैं एक कंपनी में काम करता हूं।
यह हॉर्नी भाभी फक़ स्टोरी उस दिन की है जब मुझे ऑफिस की एक फाइल देने अपने सहकर्मी के घर जाना था।
पर रास्ते में जाते टाइम उसने बताया कि वो जरूरी काम से बाहर जा रहा है।
उसने बोला कि यह फाइल मैं जाकर उसकी पत्नी को दे आऊं।
मैंने उसके घर पहुंच कर जैसे ही घर की बेल बजाई, तभी उसकी पत्नी ने दरवाजा खोला।
उसकी बीवी को तो मैं देखता ही रह गया. उसने लाल साड़ी पहनी हुई थी और सफेद रंग का ब्लाऊज पहना हुआ था।
उस छोटे ब्लाऊज की वजह से उसकी चूचियां साफ़–साफ़ दिख रही थी जिसकी वजह से एक लकीर सी उसके सीने पर दिख रही थी।
उसकी कमर के टायर भी दिख रहे थे।
ऐसी सेक्सी औरत को देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया था पर हाथ में फाइल होने की वजह से वह दिख नहीं रहा था।
उसे देख कर मेरे अंदर उसके प्रति गंदे विचार आने लगे.
मैंने सोचा कि आज उसके पति के घर में न होने का फायदा उठाया जाए. और सोचा कि आज मैं अपने लन्ड को कुछ मजा देकर ही रहूंगा।
फिर उसने मुझे अंदर बुलाया और सोफा पर बैठने को कहा।
वो चाय लेकर आई और बोली- आज मेरे पति को किसी काम से बाहर जाना पड़ गया है और इस वजह से ही वो फाइल नहीं ले पाए आप से!
मैंने कहा उससे- कोई बात नहीं।
फिर मैंने कहा- आज मैंने आपको पहली बार देखा है भाभी जी!
उसने कहा- अब तो आपका आना-जाना रोज ही लगा रहेगा।
और हम दोनों हंस पड़े।
मैंने उसको फाइल देने के बहाने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे फाइल देने लगा पर उसकी तरफ से कोई रिएक्शन न मिला।
फिर मैंने सोचा कि लगता आज मैं उसको नहीं चोद पाऊंगा।
जब मैं लौटने लगा तभी मैंने बाहर देखा तो बाहर बारिश हो रही थी।
उसने मुझे कहा- आप थोड़ी देर और रुक जाएं।
मैंने सोचा कि अभी मेरे पास एक और मौका है।
मैं रुक गया.
फिर वो बालकनी में डले कपड़े उतारने चली गई।
तभी उसने मुझे बालकनी में बुलाया और कहा कि मैं उसकी कपड़े उतारने में मदद करूं क्योंकि बारिश की वजह से कपड़े गीले हो रहे थे।
घर में अंदर आने पर हम दोनों लोग भीग गए।
उसके गीले बालों की वजह से वो बहुत कमाल लग रही थीं।
गीली साड़ी की वजह से उसका शरीर मुझे बहुत अच्छे से दिख रहा था।
उसके भीगे ब्लाऊज की वजह से उसके मम्मे दबाने का मन बहुत कर रहा था।
पर मैंने अपने आप को रोका और सही समय का इंतज़ार किया।
उसके बाद वो कपड़े रखने लगी।
फिर वो अपनी गीली साड़ी बदलने चली गई और यही वो सही मौका था।
मैंने जब दरवाजे खोल के अंदर देखा तो वह अपनी साड़ी उतार रही थी।
मैं जानबूझकर अंदर चला गया।
उसने मुझे देख कर तुरंत ही अपने सीने को साड़ी के पल्लू से छुपा लिया और बोली- आप अंदर कैसे आ गये?
मैं बोला- मैंने सोचा आपकी साड़ी उतारने में मदद कर दूं।
वो गुस्से में आकर बोली- तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई।
फिर मैंने जाकर उसे पकड़ लिया और बोला- गुस्से में तुम और भी खूबसूरत दिखती हो।
और वो शर्मा गई और अपने आप को मुझसे छुड़ाने की कोशिश करने लगी।
पर मैं कहाँ उसे छोड़ने वाला था और अपना सख्त लन्ड उसके पीछे टच करा दिया।
वो थोड़ा झटपटायी और बोली- कुछ छू रहा है तेरा!
मैं बोला- अभी तो बस छुआ है, फिर दर्द देगा।
वो मेरा इशारा समझ गई और समझ गई यह मेरी आज लेकर ही रहेगा।
मैंने फिर आगे का कार्यकम शुरू किया, उसे अपनी तरफ खींचा और अपने हाथ से उसका मुंह उठाया और किस करने लगा
करीब दस मिनट तक हमने एक दूसरे को किस किया.
फिर मैंने उसके मम्मे दबाये.
जोर से दबाने से दर्द होने से वह सिसकारियां भरने लगी- आह … आ … क्या कर रहे हो?
फिर उसकी कमर पर मैंने एक चुटकी काट ली।
वो चिल्लायी- उफ … आउच!
मैं बोला- आज तुझे मैं जन्नत की सैर कराऊंगा जो तुम्हें तुम्हारे पति ने भी न कराई होगी।
वो बोली- मेरे पति का लिंग बहुत छोटा है और मुझे बिल्कुल मजा नहीं आता है।
मैं उसकी साड़ी उतारने लगा और वो झूले की तरह घूमने लगी।
वो अब ब्लाउज और पेटीकोट में आ गई थी और अब मैं उसके जिस्म को पागलों की तरह चाटने के लिए इंतजार नहीं कर सकता था।
मैंने उसकी ब्लाऊज की डोरी खोली और उसका पेटीकोट भी खोल दिया।
और एक जोर का हाथ उसके कमर के नीचे मारा।
वह चिल्लाई – आह … क्या कर रहे हो?
फिर मैंने उसे पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और भूखे शेर की तरह उसे चूमने लगा.
और वो सिसकारियां भरने लगी।
फिर मैंने उसकी एक चूची मसलना शुरू कर दिया जिसकी वजह से उसे दर्द होने लगा।
जब मैं उसकी ब्रा खोलने लगा तभी वो मना करने लगी और बोली- क्या कर रहे हो?
मैं बोला- आज तो मैं तुझे चोद कर ही दम लूंगा।
उसकी ब्रा मैंने अलग की और उसकी दोनों चूचियों दबाना और चूसना चालू कर दिया।
उसके बाद मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए।
मेरी चड्डी के अंदर मेरा लन्ड खड़ा दिख रहा था जिसे देख कर वो शर्मा गई।
फिर मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और अपना लन्ड चड्डी के बाहर निकाला और उसके अंदर घुसाने लगा।
पहली बार में एक जोर का धक्का मारा और मेरा लन्ड करीब दो इंच अंदर घुसा चला गया।
वो बोली- आह … आ … इतना बड़ा है तेरा!
फिर एक और बार घुसाने पर मेरा लन्ड पूरा अंदर चला गया और उसे चोदना शुरू कर दिया।
“आह … आ … ओह … धीरे करो न!” पूरे कमरे में उसकी चिल्लाने की आवाज आने लगी।
बेड हिल रहा था और वो दर्द में आहें भर रही थी.
और मैं रुकने का नाम नहीं ले रहा था।
उसके बाद मैंने उसे पोजिशन बदलने को कहा.
उसे मैंने घोड़ी बना दिया और उसके बाल पकड़े और हॉर्नी भाभी फक़ चालू रखा।
घोड़ी चुदाई के बाद अब मैं झड़ने वाला था और इसी वजह से मैंने अपना सारा वीर्य उसके चेहरे पर फेंक दिया।
मेरा वीर्य चख लेने के बाद तो जैसे उसके अंदर जोश सा आ गया हों।
वो खड़ी हुई और मुझे बेड पर बैठा दिया और अपने हाथों से मेरे लन्ड को पकड़ कर हिलाने लगी और चूसने लगी।
मैंने भी उसके बाल पकड़ लिए और अपना लन्ड उसे चुसाने लगा और वो बस गु … गु ही चिल्ला रही थी।
लन्ड चूसने के बाद उसने सारा पानी मेरा पी लिया।
हम दोनों ने फिर ऐसे ही पूरी रात ताबड़तोड़ चुदाई करी।
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