चाची की Xxx कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपने दोस्त की मदद से उसकी चाची को होटल के कमरे में चोदा. चाची को भी मेरे लंड से चुदकर मजा आया.
दोस्तो, मैं आपको अपने दोस्त राहुल की चाची अनिता की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
चाची की Xxx कहानी के पहले भाग
मेरे दोस्त ने अपनी चाची को चोदा
में अब तक आपने पढ़ा था कि अनीता चाची की लाइव चुदाई देखने के बाद मेरे लंड में तनाव सा बना हुआ था, जिस वजह से मेरा लंड खड़ा था.
चाची मैक्सी पहन कर बाहर आ गई थीं और मेरे लंड की तरफ देख रही थीं.
अब आगे चाची की Xxx कहानी:
मेरा मन कर रहा था कि मैं चाची के साथ अकेले में मजा ले लूं और अपने खड़े लंड का दर्शन चाची को करवा दूँ.
यही सब सोचते हुए मेरे दिमाग में एक बात आई कि यदि मैं राहुल को बियर लेने भी भेज दूँ, तो मुझे कुछ टाइम मिल जाएगा.
मैंने राहुल से कहा- यार, गर्मी बहुत ज्यादा हो रही है बियर पीने का मन कर रहा है.
राहुल भी खुश हो गया कि फ्री की बियर पीने के लिए मिल रही है.
मैंने उसे पैसे दिए और वो बियर लेने चला गया.
उसके जाते ही मुझे मौका मिल गया और मैं चाची के सामने अंगड़ाई लेते हुए बोला- चाची, थोड़ी थकान थकान सी हो रही है … मैं नहा लेता हूँ.
जिस पर चाची बोलीं- हां ठीक है तुम नहा आओ … बाथरूम किचन के साइड में है.
नहाने के लिए मैं वाशरूम में चला गया और जानबूझ कर अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया.
मैं नहाने लगा और नहाने के बाद उधर बाथरूम में कहीं तौलिया नहीं दिखी, जोकि मुझे पहले से ही मालूम था.
उधर तो बस खूंटी चाची की वही पैंटी और एक झीनी सी चुन्नी लटकी थी.
मैंने कुछ सोचा और उसी झीनी सी चुन्नी को तौलिया की तरह लपेट लिया. वो साली इतनी ज्यादा झीनी चुन्नी थी कि उसमें से आरपार का सब देखा जा सकता था.
मैं उसी चुन्नी को लपेट कर देखने लगा. उसमें से मेरा खड़ा लंड साफ साफ दिख रहा था.
ऐसे ही चुन्नी लपेट कर मैं बाहर आ गया.
उसी समय रसोई में काम कर रही चाची की नज़र मुझ पर पड़ी और नीचे खड़े मेरे लंड को देख कर वो चौंक गईं.
मेरा खड़ा लंड चुन्नी में से साफ साफ दिख रहा था.
कुछ सेकेंड के लिए तो चाची का मुँह खुला का खुला रह गया.
चाची ने मुझे देखा और झल्ला कर कहा- तुम्हें कुछ होश भी है कि तुम क्या पहने हो … बाहर ऐसे ही चुन्नी में आ गए हो. तुमको कुछ शर्म भी है या नहीं … नीचे देखो तुम्हारा सब दिख रहा है.
ये कहती हुई चाची ने तुरंत वहीं पड़ा हुआ एक तौलिया मुझे थमा दिया.
मैं बेशर्मी की हद पार करता हुआ कहने लगा- सॉरी, मैं अभी तौलिया लपेट लेता हूँ.
ये कह कर मैंने चाची के सामने ही चुन्नी हटा दी और उनके सामने ही तौलिया लपेटने लगा.
चाची माथे पर हाथ मारती हुई बोलीं- हाय राम … तमीज़ नाम की चीज तो है ही नहीं तुम्हारे अन्दर … कोई ऐसे नंगा होकर किसी के सामने चेंज करता है क्या?
मैंने नादान बनते हुए कहा- चाची, पहली बात तो मैंने आपको बाथरूम से ही आवाज़ दी थी, जो कि शायद आपने सुनी नहीं. मुझे लगा तौलिया शायद बाहर ही रखा होगा, तो मैं ये चुन्नी लपेट कर तौलिया लेने आया ही था कि आपने मुझे देख लिया.
इस पर चाची बोलीं- वो जो है सो है … ऊपर से तुमने मेरी चुन्नी भी खराब कर दी है … और वो बाथरूम में क्या हरकत की थी …. मेरे कपड़ों में क्या लगा दिया था, ज़रा बताओगे मुझे?
मैंने गर्दन नीचे कर ली और चाची से सॉरी कहने लगा.
चाची आगे बोलीं- तुम राहुल के दोस्त हो, इसका मतलब ये नहीं कि तुम ये सब करोगे और मैं कुछ नहीं कहूँगी. आने दो राहुल को, मैं उसे सब बताती हूँ.
मैं चाची से सॉरी कहते हुए उनके पैरों में गिर गया.
तभी मेरा ढीला बंधा हुआ तौलिया एक बार फिर से खुल कर नीचे गिर गया.
मेरा लंड एक बार फिर से चाची के सामने आ गया.
चाची गुस्से से लंड देखती हुई बोलीं- जाओ, पहले अपने कपड़े पहन आओ.
मैं वहां से तौलिया उठा रूम में चला गया और अपने कपड़े पहन कर आ गया.
मुझे पूरी उम्मीद थी कि चाची मेरे मंसूबे समझ चुकी होंगी कि मैं क्या चाहता हूँ.
बाहर आकर मैंने फिर से चाची को सॉरी कहा और उनसे रिक्वेस्ट की कि वो राहुल को कुछ ना बोलें.
थोड़ी देर बाद राहुल बियर लेकर आ गया.
हम दोनों दोस्तों एक एक बियर पीते हुए मजा लेने लगे.
राहुल ने एक मग में चाची को बियर देने लगा.
चाची ने थोड़ी सी नानकुर के बाद मग ले लिया और बियर पीने लगीं.
कुछ देर के बाद हम दोनों ने खाना खाया और घर की तरफ़ रवाना हो गए.
अगले ही दिन चाची ने राहुल को वो सब बता दिया, जिसको ना बताने की मैंने चाची से रिक्वेस्ट की थी.
हालांकि चाची को ये नहीं पता था कि राहुल और में कितने जिगरी लंगोटिया दोस्त हैं. राहुल की वजह से ही मुझे चाची की लाइव चुदाई देख चुका हूँ.
राहुल अगले दिन शाम को मुझसे मिला.
उस समय राहुल ने मेरी खिंचाई करते हुए कहा- साले तू चाची पर ट्राई कर रहा था और बाथरूम में जाकर चाची की पैंटी में ही रस टपका आया.
मैंने हंसते हुए कहा- हां यार, सच में तेरी चाची है ही इतनी मस्त और कांटा माल कि मुझसे रहा ही नहीं गया. ऊपर से तुम दोनों की चुदाई देख कर मैं खुद को संभाल ही नहीं पाया. इसलिए ही बाथरूम में वो सब हो गया था.
राहुल मेरी खिल्ली उड़ाता हुआ बोला- साले, मैं तो तभी समझ गया था, जब तूने बियर पीने के लिए खुद पैसे दिए थे. तू वैसे तो कभी पैसा देता ही नहीं है. फिर ऊपर से तेरा खड़ा लंड पैंट में से साफ़ दिख रहा था.
मैं- हां यार, तुम दोनों की चुदाई देख कर मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था. कुछ कर यार राहुल … एक बार बस चाची की चुत चोदने को मिल जाए.
राहुल- हां साले, जैसे मेरी चाची तेरे लिए चुत खोले हुए लेटी होगी कि आ देव पेल दे मेरी चुत में.
मैं- क्या करूं यार … मेरा लंड मान ही नहीं रहा है.
अब मैं सोचने लगा कि कैसे चाची की चुत मार सकता हूँ, तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.
मैं- राहुल, चाची को अबकी बार होटल में मिलने के लिए शाम को बुलाना.
राहुल- तो उससे क्या होगा?
मैं- वहां होटल में लाइट ऑफ होते ही मैं राहुल बन कर चाची की चुत मार लूंगा.
राहुल- और चाची को पता चल गया तो?
मैं- लाइट ऑफ होने के बाद कुछ पता नहीं चलेगा बे. फिर तू उन्हें चोदने से पहले दारू पिला कर टुन्न भी कर देना. बस यार राहुल एक बार तेरी चाची की चुत चोदने मिल जाए, तो आगे की 5 बार की बियर की पार्टी मेरी तरफ पक्की.
इस बात पर राहुल खुश हो गया और मेरे गले लग गया.
मैंने कहा- अब फोन लगा चाची को.
राहुल ने चाची को कॉल करके अगले हफ्ते के लिए कह दिया और उन्हें पास के होटल मिलने की बात कह दी.
चाची घर के लिए कहने लगीं लेकिन राहुल ने कुछ बहाना मार दिया और उनको होटल आने के लिए राज़ी कर लिया.
कुछ दिन बीतने के बाद वो दिन भी आ गया जिसका मुझे इंतजार था.
राहुल ने चाची को वहीं पास के एक होटल में बुला लिया.
उसने पहले ही होटल के मैनेजर को कुछ एक्सट्रा पैसे देकर पटा लिया था.
तय समय पर राहुल चाची को लेकर होटल के रूम में आ गया.
चाची और राहुल रूम में आते ही एक दूसरे को चूमने लगे.
मैं वहीं रूम में बाल्कनी की साइड में खड़ा था और सब देख रहा था.
कुछ देर बाद राहुल ने व्हिस्की का हाफ निकाला और चाची को दारू पिलाने लगा.
बीस मिनट में चाची ने तीन पैग गटक लिए थे.
वो टुन्न हो गई थीं.
अब राहुल चाची के सूट के ऊपर से ही उनके चुचे दबाने लगा और कुछ ही पलों में उसने चाची का सूट निकाल कर उन्हें ब्रा पैंटी में कर दिया.
फिर चाची की ब्रा खोल कर वो उनके चूचों को दबाने लगा.
चाची ने राहुल की टी-शर्ट और पैंट उतार दिया. राहुल ने चाची की पैंटी उतार कर उनको पूरी तरह नंगी कर दिया और लाइट ऑफ करने लगा.
कमरे में अंधेरा होते ही वो वहीं साइड में टॉयलेट में चला गया और मैं राहुल बन कर अंधेरे में अन्दर आ गया.
मैंने अपनी शर्ट और पैंट पहले ही उतार दी थी.
कमरे के अन्दर मैं अंडरवियर में आ गया और बेड पर आकर चाची पर चढ़ गया.
मैं उन्हें चूमने लगा.
चाची नशे में इस बात से बेखबर थीं कि मैं देव हूँ. वो भी मुझे चूमने लगीं.
मैं चाची के भारी पपीते पकड़ मसलने लगा. चाची ने मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही मेरा खड़ा लंड पकड़ लिया और दबाने लगीं.
चाची मेरे लंड को दबाती हुई बोलीं- ये आज तेरा लंड बड़ा बड़ा सा और मोटा क्यों लग रहा है. अब अंडरवियर भी उतार दे.
ये कह कर चाची ने लंड सहलाना जारी रखा.
मैंने अपना अंडरवियर उतार चाची को अपने ऊपर 69 में लेटा लिया.
चाची की रस भरी चुत मेरे होंठों के सामने आ गई थी और मेरा मोटा लंड चाची के होंठों के पास.
मैं चाची के पैर चौड़े करके उनकी चुत को चाटने लगा.
चाची भी मेरा लंड को पकड़ बुरी तरह चूसने लगीं, साथ में मैं भी पागलों की तरह चाची के पैर फैला कर चुत के अन्दर जीभ पेलकर उन्हें चोदने लगा.
चाची के मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं और कुछ ही पलों में चाची मेरे मुँह पर ही अपनी चुत रगड़ती हुई अपना पानी छोड़ बैठीं.
उनकी चुत से इतना अधिक रस टपका था, जैसे चाची ने मेरे मुँह पर मूत दिया हो.
मैं उनकी चुत का रस चाटता चला गया और चुत को चाटना लगातार जारी रखा.
इससे चाची को फिर से मजा आने लगा.
चाची की चुत चाटते हुए ही उनके पीछे के छेद में अपनी एक उंगली घुसा दी.
चाची के मुँह से ‘आआ … उधर नहीं …’
मैंने उंगली निकाल ली तो उन्होंने झट से अपने चूतड़ भींच लिए.
अब मैं चाची को सीधा लेटा कर उनके ऊपर आ गया और अपना मोटा लंड चाची की चुत की फांकों में रख दिया.
चाची अपनी टांगें चौड़ी करके लंड डालने के लिए कहने लगीं- अब देर न कर राहुल … लंड पेल दे.
उनके कहते ही मैंने चाची की चुत में लंड पेल दिया.
जैसे ही लंड चुत में घुसा कि चाची की तेज ‘आह … मर गई.’
मैंने भी महसूस किया कि चाची की चुत काफ़ी कसी हुई लग रही थी इसलिए मैंने लंड बाहर निकाला और पहले से वहीं रखा तेल उठा कर अपने लंड पर लगा लिया.
अब लंड और चुत काफी चिकने हो गए थे. मैंने फिर से लंड पेला और एक तेज झटके में आधा लंड चाची की कसी हुई चुत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.
इसी के साथ ही चाची की चीख निकल गई- आह मादरचोद धीरे चोद साले … चुत फट जाएगी.
मैं चाची का मुँह दबाते हुए पिला पड़ा रहा.
मैंने चाची के पैर और ज्यादा फैलाते हुए जोर जोर से दो ही झटकों में अपना पूरा लंड चाची की चुत में पेल दिया.
इस वजह से चाची की आंखों से आंसू आ गए और वो कराहने लगीं.
मगर तेल की चिकनाहट की वजह से चाची को जल्द ही आराम पड़ गया.
अब तक मैंने भी चाची की चुत में दस बारह झटके मार चुका था.
मेरा लंड चाची की चुत की गहराई में गुर्रा रहा था और चुत की दीवारों को अपने मुताबिक़ सैट कर रहा था.
फिर जैसे ही चाची की आवाजें थमीं, मैंने चाची के मुँह से हाथ हटा दिया और धीरे धीरे लंड हिलाने लगा.
अब चाची की आवाजें मादक सिसकारियों में बदल गई थीं.
मैं उनके पैर और ज्यादा फैला कर चुत चोदने में लग गया.
चुत चुदवाती हुई चाची बोलीं- साले मादरचोद … आज तू कौन सी गोली खा कर आया है, जो मुझे तेरा ये लंड नहीं झेला जा रहा है. आज तूने मेरी चुत का भोसड़ा बना दिया है.
मैं बिना कुछ कहे चाची को पेले जा रहा था.
चाची भी अब चुदाई में मेरा साथ दे रही थीं.
चुदते चुदते जब भी चाची पूछतीं- ऐसी जोरदार चुदाई तो तुम रूबी की रोज करते होंगे ना!
रूबी राहुल की वाइफ है.
उनकी इस बात पर मैं कुछ बोलता तो पकड़ा जाता, इसलिए मैं चुप ही बना रहा.
कुछ देर बाद चाची झड़ने लगीं और मैं लगा रहा.
झड़ने के बाद चाची फिर से बोल उठीं- बोलो न …. रूबी की भी रोज ऐसी चुदाई करते हो कि नहीं?
अब चुप रहना भी गलत होता और बोलना भी.
मैंने सोचा कि लंड का पानी झाड़ लूं फिर बोलता हूँ.
धकापेल चुदाई करते हुए मैंने अपना रस चाची की चुत में टपका दिया और उनके ऊपर ही ढह गया.
चाची ने मेरी पीठ पर हाथ से सहलाते हुए कहा- बता न?
अब मैंने हिम्मत करके बोल ही दिया- नहीं चाची, रूबी आप जितना मज़ा नहीं देती है.
चाची मेरी आवाज़ सुन कर सकते में आ गईं और अपनी दोनों टांगें भींच कर वहीं बेड पर बैठती हुई उठने लगीं.
इससे मेरा लंड उनकी चुत से बाहर निकल आया और हवा में लहराने लगा.
मुझे भी ये समझते हुए देर नहीं लगी कि अब चाची समझ चुकी हैं कि मैं राहुल नहीं, कोई और हूँ.
चाची ने उठ कर लाइट जला दी और चाची मुझे देख कर गुस्से में आ गईं.
वो मुझे देख कर बोलीं- साले मादरचोद … तू मेरी चुदाई कर रहा था!
ये कह कर चाची सर पकड़कर बेड पर बैठ गईं.
मेरा झड़ा हुआ लंड एकदम से ऐसे लुड़क गया है जैसे भोसड़ी वाला अब कभी खड़ा ही नहीं होगा.
फिर चाची बोलीं- और वो मादरचोद राहुल कहां है?
तभी राहुल पर्दे के पीछे से सामने आ गया और वो प्यार से चाची को समझाने लगा.
चाची राहुल की एक नहीं सुन रही थीं.
वो अपने कपड़े पहनने लगीं. मैंने भी जल्दी जल्दी अपनी पैंट शर्ट पहन लिए कि कहीं कुछ बवाल न हो जाए.
चाची- मादरचोद मैं यहां तेरे लिए आई और तूने मुझे रंडी बना दिया.
राहुल अपनी सफाई देने के लिए बोला ही था कि मैंने राहुल की बात बीच में ही काटते हुए कहा.
मैं- चाची, राहुल की कोई गलती नहीं है. ये सब मेरी वजह से ही हुआ है. मैंने ही राहुल को मनाया था क्योंकि चाची मैं आपसे बहुत प्यार करने लगा हूँ और करता रहूँगा. प्लीज़ चाची राहुल को आप कुछ ना कहिए, सारी गलती मेरी है.
राहुल भी संयत हो गया और मेरी हां में हां मिलाता हुआ बोला- चाची देव बिल्कुल सच कह रहा है, ये साला तुम्हारे लिए सच में पागल हो गया है.
अब चाची बोलीं- तो ये कैसा प्यार है, तुम यहां मुझे चोद रहे हो और मुझे ये पता तक नहीं कि तुम नहीं हो राहुल.
मैं चाची को बोला- सॉरी यार, सारी गलती मेरी है, तुम मुझे कुछ भी सज़ा दो, मुझे मंजूर है. मैं बहुत प्यार करने लगा हूँ … आई लव यू.
मैंने राहुल को वहां से चले जाने के लिए इशारा किया तो राहुल कमरा खोल कर बाहर चला गया.
मैं चाची के पैरों के पास बैठ कर उनके पैरों को अपने सीने से लगा कर उन्हें चुप होने की मिन्नतें करने लगा.
चाची अब थोड़ा नॉर्मल हो गई थीं. वो बोलीं- ठीक है देव, मेरे पांव छोड़ो … अब हमें चलना चाहिए.
मैं- चाची प्लीज़ मुझे माफ कर दो, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ. मुझे आपका साथ जिंदगी भर तक चाहिए.
चाची- ठीक है, मैं सोचूंगी. अब हमें चलना चाहिए.
दस मिनट बाद मैं चाची को लेकर वहां से चल दिया. मैं चाची को उनके घर ड्रॉप करके अपने घर चला आया.
मैं चाची को चोद तो चुका था लेकिन मेरा मन शांत नहीं हुआ था.
वो कहते हैं न कि टाइम से साथ सब ठीक हो जाता है. मैं एक बार फिर राहुल के साथ चाची के घर गया.
तो चाची ने सामान्य व्यवहार किया.
मजाक मजाक में मैंने पूछा- चाची, मेरे साथ मजा आया था ना?
तो उन्होंने शरमा कर मुंह नीचे करके हाँ में गर्दन हिला दी.
अब मुझे मौक़ा मिल गया और मैंने आगे बढ़ कर राहुल के सामने ही उनको बांहों में जकड़ लिया.
चाची ने राहुल को बाहर जाने का इशारा किया और मैंने चाची की चुदाई की.
मैं, राहुल और चाची आज भी एक साथ सेक्स करते हैं.
इसका कारण मेरा मोटा लंड ही है जो चाची को मजा देता है.
तो साथियो, ये मेरी एक सच्ची सेक्स कहानी भर नहीं है, ये मेरी ज़िंदगी का वो सुखद अनुभव था, जो मैंने आपसे अन्तर्वासना के ज़रिए साझा किया.
इस चाची की Xxx कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.
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