फ्रेंड वाइफ Xxx कहानी में पढ़ें कि कैसे मैं अपने दोस्त की बीवी के साथ सेक्स करना चाहता था. वो भी यही चाहती थी. हम दोनों को मौक़ा मिल ही गया.
सेक्सी कहानी के पहले भाग
दोस्त की खूबसूरत सेक्सी वाइफ का चुम्बन
में आपने पढ़ा कि मैं अपने दोस्त जो मेरे घर के पास ही रहता था, उसकी बीवी को चाहता था. उसके साथ मेरी सेटिंग जमने भी लगी थी. हम दोनों किसिंग वगैरा कर चुके थे.
अब आगे फ्रेंड वाइफ Xxx कहानी:
कुछ दिनों बाद मेरी वाइफ को मायके जाना पड़ा.
मैं अपने घर पर अकेला था लेकिन क्षिति मुझसे अकेली मिलने नहीं आ सकती थी.
क्षिति ने मुझसे फोन पर एक दो बार कहा था कि बहुत जल्दी मैं आपको एक सरप्राइज दूँगी.
पर मैं कभी उसकी इस बात को समझ ना पाया.
कुछ दिन बाद की बात है हमारे शहर से कुछ दूर मेरे एक मित्र की शादी थी. मैं अकेला निकल गया.
शाम के 6:00 बजे वहां पहुंचकर देखा तो मुकेश और क्षिति भी वहां आए हुए थे.
इस बात का मुझे पता नहीं था.
मैं मुकेश और क्षिति से मिला.
उस समय उसने एक लाल बनारसी साड़ी और एक हॉट सा लाल बैकलेस ब्लाउज पहना था जिसमें उसकी पीठ पूरी दिख रही थी.
उसने बालों का जूड़ा बनाया हुआ था और जिस पर गजरा लगा हुआ था और होंठों पर लाल लिपस्टिक!
और बालों की कुछ लटें सामने की ओर खुली छोड़ी थी.
ब्लाउज सामने से हल्का गहरे गले का था.
उसे देखते ही मैंने उसे आंख मार दी … जिसका उसने मुस्कुरा कर मुझे भी जवाब दे दिया था.
मैंने क्षिति से एक दूरी बना कर रखी हुई थी ताकि मुकेश को किसी प्रकार का कोई शक ना हो.
बीच-बीच में क्षिति और मैं दोनों एक दूसरे की ओर देखते और मुस्कुरा देते थे लेकिन हमने ज्यादा बात नहीं की थी.
हम लोग जिस पार्टी में गए थे उस पार्टी में हमें पहचानने वाले कोई भी ना था, केवल हमारा एक दोस्त जिसकी शादी थी.
मुकेश और क्षिति भी मेरे पास ही बैठकर खाना खा रहे थे.
तभी मुकेश ने मुझसे कहा- राज, मुझे रात के 11:00 बजे स्टेशन छोड़ देना. मुझे किसी जरूरी काम से दिल्ली जाना है. और हां राज, कल सुबह शादी का प्रोग्राम खत्म होने के बाद अपनी भाभी को लेकर वापस चले जाना.
मैं उसकी इन बातों को सुनकर काफी खुश हुआ.
लेकिन अपनी खुशी को मैं व्यक्त नहीं कर सकता था तो मैं नॉर्मल रहा.
क्षिति का भी यही हाल था.
आखिर रात 11:00 बजे मैं मुकेश को लेकर स्टेशन चला गया.
उसकी ट्रेन लेट थी लेकिन मैं उसे ट्रेन में बैठाकर ही पार्टी में वापिस आया.
पार्टी में आते ही मैं क्षिति को ढूंढने लगा.
वह कुछ महिलाओं के साथ बातचीत कर रही थी.
तभी मैं पहुंचा, क्षिति ने मुझे देखकर अपने पास बुलाया और उन लेडीज़ से मेरा परिचय कराया और कहा- मीट माय हस्बैंड!
मैं भौचक्का रह गया.
लेकिन मैंने उसकी बात को काटा नहीं … और उन लेडीज़ के साथ बातचीत करने लगा.
बाद में क्षिति ने मुझे बताया कि वह उन्हें जानती नहीं थी, बस ऐसे ही बातचीत कर रही थी.
रात काफी हो चुकी थी, 1 बज चुका था.
हम दोनों अकेले खड़े होकर बातचीत करने लगे और हंसी मजाक करने लगे.
अब मैं जब उसका हस्बैंड बन ही गया था तो मैं उसे अपनी वाइफ की तरह ट्रीट करने लगा और उसका हाथ अपने हाथों में पकड़ कर बातचीत करने लगा.
उसने हाथों में काफी अच्छी मेहंदी लगाई थी.
बात करते करते क्षिति और मैं एक किनारे चले गए.
जहां कोई ना था और हल्का अंधेरा भी था.
मैंने समय की नजाकत को देखते हुए क्षिति की कमर पर हाथ रखा और उसे अपनी तरफ मोड़ कर उसके गालों पर एक किस की.
क्षिति से मैंने पूछा- अब क्या करना है? सुबह तक रुकोगी या अभी चलें घर वापिस?
इस पर क्षिति ने कहा- यहाँ तो सारा कार्यक्रम हो चुका है. अब यहां रुक कर क्या करना … चलो हम घर चलते हैं.
हम आकर कार में बैठ गए और घर की और निकल पड़े.
रास्ते में मैंने बहुत बार क्षिति को तंग किया ऊपर से … जैसे कभी मैं उसके गालों पर हाथ फेर देता, कभी मैं उसकी कमर पर चुटकी ले लेता, कभी मैं उसके कंधे पर हाथ रख देता.
हम लोग कार में ही एक दूसरे से काफी खुल गए.
लेकिन मैं कार चला रहा था तो ज्यादा कुछ नहीं कर रहा था.
लेकिन क्षिति मुझे बोल रही थी- पहले घर चलो!
हम लोग रात करीब बजे क्षिति के घर पहुँच गए.
मैंने कार पार्क की, क्षिति उतरने लगी.
तो मैंने उसे रोका, फिर मैंने जाकर उसकी तरफ का दरवाजा खोला.
रात के वक्त हमें कोई देख तो सकता नहीं था, क्षिति ने आंखें मटका कर अपना बायाँ हाथ बाहर निकाला.
मैंने हाथ पकड़ा, फिर वो बाहर उतरी.
और हम उसके फ्लैट की ओर चल दिए.
फ्लैट पर पहुंच कर उसने दरवाज़ा खोला, वो अंदर गई और मैं उसके पीछे!
मैं देख रहा था कि उसकी साड़ी एकदम उसके जिस्म से चिपकी थी.
मैंने अंदर जाकर दरवाजा बंद किया और वो और मैं हॉल में थे.
उसने अपनी साड़ी की पिन निकाली आईने के सामने खड़े होकर!
उसकी साड़ी हल्की ढीली हुई.
मैं सोफे पर बैठ कर देख रहा था, मैं उठा और उसके पास जाकर उसका पल्लू खींच लिया.
वो मेरे इस हमले के लिए तैयार ना थी, जब तक क्षिति कुछ सोचती तब तक उसका सारी का पल्लू मेरे हाथों में था.
क्षिति मेरी ओर मुंह करके खड़ी थी, हल्की सी मुस्कान और हल्के गुस्से के साथ मुझे देखते हुए बोली- यह क्या कर दिया?
अब मैं उसके बूब्स की बीच में बने घाटी को अच्छी तरीके से देख रहा था जिस पर उसका ध्यान नहीं था.
लेकिन जैसे ही उसका ध्यान गया कि उसके बूब्स को मैं देख रहा हूं, उसने तुरंत अपने बूब्स को अपने दोनों हाथों से ढक लिया और उन्हें छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी.
अब मेरी उत्तेजना और बढ़ने लगी, मैंने उसकी साड़ी को हल्के हल्के खींचना शुरू कर दिया.
लेकिन क्षिति मेरी और ना आकर वहीं पर घूमने लगी जिससे उसकी साड़ी उसके शरीर से धीरे-धीरे उतर रही थी.
मैं अपनी जगह पर खड़े होकर उसकी साड़ी खींच रहा था, वो बड़े ही मोहक अंदाज़ में गोल गोल घूम घूम अपनी साड़ी उतरवा रही थी.
धीरे-धीरे उसकी पूरी साड़ी मैंने खींच ली.
साड़ी खींचते वक्त जब वह घूम रही थी तब उसके पूरे शरीर को मैं देख रहा था.
ब्लाउज उसने बैकलेस पहना था उससे उसकी पीठ मुझे साफ तौर पर दिख रही थी.
और सामने से उसके बूब्स की घाटी जिसे उसने अपने हाथों से ढक रखा था.
उसकी चिकनी कमर नंगी दिख रही थी.
टाइट पेटीकोट उसके कूल्हों और जाँघों को ढक रहा था.
यह सब दृश्य मेरे सामने मुझे बड़ा ही मनमोहक लग रहा था.
जब मैंने उसकी साड़ी पूरी तरह खींच ली तो वह अपने बूब्स को छुपाते हुए आईने के सामने पलट गई और शीशे की तरफ देखने लगी.
मैंने इस मौके का फायदा उठाया, मैंने उसके पास जाकर पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा और अपना हाथ कंधे से नीचे सरकाते हुए उसके हाथों पर से चलाते हुए उसकी कमर पर रख दिया.
अब वह पीछे मेरी ओर हल्की झुक गई.
उसकी पीठ मेरे सीने से लगी थी और मेरा चेहरा उसके गर्दन के पास था.
मैंने उसके गले पर एक हल्की सी किस की और उसके कान में ‘आई लव यू’ कहा और फिर से उसके गले पर किस किया.
किस के बाद वह जल्दी से घूमकर मेरी ओर पलटी और मेरे सीने से लग गई.
मैं उसकी पीठ पर हाथ रखकर सोचने लगा उस लम्हे के बारे में!
कुछ क्षण हम लोग ऐसे ही रहे … फिर मैंने अपने आपको उससे दूर किया और उसकी ओर देखने लगा.
वह भी अपने हाथों को अपने बूब्स पर रखे थी.
अब मैंने नीचे से हाथ डालकर उसके पेटीकोट के ऊपर से और एक हाथ उसकी कमर में डाल कर उसे अपने गोदी में उठा लिया और उसे बेडरूम की तरफ ले जाने लगा.
हम लोग बेडरूम में पहुंच गए.
मैंने उसे बेड पर बैठाया और अपनी शर्ट और बनियान उतार दी.
वह मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में अपने पैरों को घुटने को मोड़ कर बैठी थी.
अभी भी उसका मंगलसूत्र उसके गले में था, कानों में बड़े से झुमके झूल रहे थे, बालों में गजरा लगा था.
उसने बालों की कुछ लटें उसके चेहरे के सामने आ गई थी वो क्षिति की खूबसूरतीको दोगुणा कर रही थी, वो बहुत सेक्सी लग रही थी.
मैं बेड पर चढ़कर कर उसके साथ बैठ गया.
मैंने उसके दोनों हाथों को जो उसके बूब्स को ढके हुए थे, उन्हें हटा दिया.
अब उसके क्लीवेज की घाटी मेरे सामने थी.
मैंने उसके हाथों को चूमा और उसे अपनी ओर खींचा.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए.
मेरे दोनों हाथ उसकी पीठ, कमर और उसकी गर्दन को सहला रहे थे और उसके हाथ भी मेरी पीठ पर आ चुके थे.
हम दोनों एक दूसरे को प्यार कर रहे थे.
तब मैंने उसके चेहरे पर किस करना शुरू किया.
मेरे चुम्बनों की बौछार से वह अपने आप को थोड़ा बचाने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं करता ही रहा.
धीरे-धीरे मैं उसके होंठों पर आ गया और उसके होंठों को चूमने लगा.
जल्दी ही मैं अपनी जीभ उसके मुंह में डाल कर चूसने लगा.
हम दोनों के बीच यह प्रगाढ़ चुम्बन 10 मिनट चला होगा.
फिर हम अलग हुए.
अब मैं उसके पीछे जाकर बैठ गया, पीछे से उसकी पीठ पर किस करने लगा.
धीरे-धीरे मैं उसकी कमर पर आ गया और फिर से उसकी गर्दन पर चुम्बन करने लगा.
मैंने उसके गजरे को खोल दिया.
लेकिन गजरा अभी भी क्षिति के बालों में लटका हुआ था.
तब मैं अपने हाथों को आगे करके उसके ब्लाउज के हुक खोलने लगा.
वह हल्का सा विरोध कर रही थी लेकिन उसकी भी रजामंदी थी इसमें!
जब उसके ब्लाउज के सारे बटन खुल गए तो मैंने पीछे से ही उसके ब्लाउज को सरकाकर अलग कर दिया.
उसने लाल रंग की जालीदार ब्रा पहनी थी.
अब मैंने उसके बालों का जूड़ा भी खोल दिया तो उसके बाल पीछे बिखर गए.
मैंने बालों को एक साइड करते हुए उसकी पीठ पर किस किया.
फिर मैं आगे आकर बैठ गया.
उसके पैर उसने अभी भी मोड़ रखे थे एक दुल्हन की तरह!
मैं उसके पैरों पर हाथ रखते हुए अपना हाथ ऊपर की ओर ले जाने लगा.
मेरे हाथ उसके घुटनों तक आ गए और उसका पेटीकोट ऊपर हो गया जिससे क्षिति को शर्म आ गई और उसने अपने पैर सीधे कर लिए.
वह पीठ के बल लेट गई.
इससे पहले मैं अपनी पैंट खोल चुका था, मैं सिर्फ उसके सामने चड्डी में था.
मैं उसके ऊपर आ गया.
अब मेरा सीना उसके बूब्स के ऊपर था.
मैं उसके गालों पर चुम्बन करते हुए उसके बूब्स के ऊपर किस करने लगा और उन्हें दबाने भी लगा.
अब उसकी अन्तर्वासना छलक पड़ी और उसने अपना हाथ मेरी पीठ पर डाल लिया.
हम दोनों बिस्तर पर ही एक दूसरे के ऊपर झूमने लगे; मतलब हम बिस्तर पर लेते लेटे एक दूसरे के ऊपर कलाबाजियां खा रहे थे.
कुछ देर बाद मैंने हाथ नीचे करते हुए उसके पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया और अपने हाथों और पैरों की मदद से उसको क्षिति की टांगों से अलग कर दिया.
अब वह लाल ब्रा और पेंटी में मेरे सामने थी.
मैंने ज्यादा देर न करते हुए उसकी ब्रा का हुक पीछे हाथ डालकर खोल दिया.
हम दोनों बेड पर एक दूसरे के ऊपर झूम रहे थे.
उस दौरान मैंने उसकी ब्रा को भी उसके शरीर से अलग कर दिया.
अब क्षिति के बूब्स मेरे सामने नंगे थे. मैं क्षिति के बूब्स को चूसने लगा और दबा भी रहा था.
क्षिति अपना हाथ मेरे सर पर रखकर अपने वक्ष पर दबा रही थी और वह वासना भरी सिसकारियां ले रही थी.
मित्रो, आपको यह फ्रेंड वाइफ Xxx कहानी पढ़ कर मजा तो आ रहा होगा? मेल और कमेंट्स में अवश्य बताएं.
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