हॉट भाभी गुजराती सेक्स कहानी में मैंने पड़ोस की एक भाभी को तालाबंदी के दिनों में चोदा. वे मेरी दूकान पर आती थी तो उनसे दोस्ती हो गयी, सेक्सी बातें होने लगी.
नमस्कार दोस्तो, मैं सूरत (गुजरात) से राज जैन.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है जो बिल्कुल सच्ची है.
ये हॉट भाभी गुजराती सेक्स कहानी तालाबंदी के समय की है.
उस लॉकडाउन में मेरी बहुत बुरी हालत हुई थी.
मगर उस खराब वक्त ने भी मेरी जिंदगी को बदल दिया था.
दोस्तो, मेरी मोबाइल की दुकान है. मेरी दुकान पर काफी ग्राहक आते हैं, जिनमें भाभी लड़कियां भी आती हैं.
उन्हीं ग्राहकों में से एक रिंकू भाभी थीं.
उनका यह नाम बदला हुआ है.
पहली बार वह मेरे पास अपने मोबाइल से डेटा ट्रांसफर करवाने के लिए आई थीं.
उसके पहले कि मैं आगे बढ़ूँ, आपको रिंकू भाभी के बारे में बता देता हूँ.
भाभी 25 साल की थीं और उनकी साइज 32-28-36 का था.
आप यह साइज़ देख कर खुद ही समझ सकते हैं कि वह क्या माल होगी.
सच बता रहा हूँ दोस्तों कि वह देखने में बड़ी ही सेक्सी भाभी लगती थीं.
उनका दूध जैसा गोरा रंग बड़ा ही मनमोहक था.
भाभी की आंखें तो ऐसी नशीली थीं कि उनमें डूब कर मर जाने का जी करे.
जब भाभी हँसती थीं तो मानो फूल झरने लगते थे.
मैंने इन्हीं रिंकू भाभी को पटा कर उनके साथ में सेक्स किया था जिसे मैं इस सेक्स कहानी में बता रहा हूँ.
उस दिन मैंने उनका काम करके मोबाइल दे दिया.
भाभी ने मुझसे मेरा नंबर मांगा- लॉकडाउन चल रहा है, तो ज्यादा निकलना नहीं हो पाता है. आपसे फोन पर बात करके फोन में आई किसी कमी दूर कर लूँगी.
मैंने अपना नंबर उनके मोबाइल में फ़ीड कर दिया और घंटी करके उन्हें बता भी दिया कि यह मेरा नंबर है.
अपना नाम न लिख कर उसमें मैंने ‘फोन वाला’ के नाम से नंबर सेव कर दिया था कि कहीं कोई लफड़ा हो तो मैं बच सकूँ.
उस दिन के बाद से हम दोनों में व्हाट्सएप पर बात होने लगी थी.
धीरे धीरे हमारी बातें खुलने लगीं और नॉनवेज बातें भी होने लगी थीं.
लॉकडाउन का समय था.
दुकान खुलने का समय सीमित था.
एक दिन रिंकू भाभी दुकान पर आईं और मेरे साथ बात करने लगीं.
उन्होंने मुझसे कहीं घुमाने ले जाने के लिए कहा.
मैं पहली बार रिंकू भाभी को बाहर लेकर गया था.
हम दोनों ने शहर से बाहर जाकर एक गुमटी पर चाय पी और हम दोनों बात करने लगे.
भाभी चाय की चुस्की लेती हुई मुझे देख कर मुस्कुरा रही थीं.
मैंने कहा- क्या हुआ?
वे कहने लगीं- कुछ नहीं, बस तुम्हें देख कर अच्छा लग रहा है.
मैंने कहा- मतलब आपको मुझे देख कर ही अच्छा लग रहा है और अगर मैंने कुछ कर दिया तो शायद अच्छा न लगे?
वे बोलीं- तुम कुछ कर ही नहीं सकते हो!
मैंने कहा- आपको कैसे मालूम?
भाभी- बस मुझे मालूम है.
मैंने मन में सोचा कि किसी दिन मैंने लंड पेल दिया तो बस आप आह आह करती रहोगी.
वे मुझे चुप देख कर कहने लगीं कि क्या हुआ … चुप क्यों हो गए?
मैंने कहा- मैं चुप नहीं हूँ भाभी, बस सोच रहा था कि बिना जाने समझे आपने यह कैसे कह दिया कि मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा!
वे हंसने लगीं और बोलीं- अरे यार, तुम तो सैंटी हो गए.
इसी तरह से कुछ देर बात करने के बाद हम लोग वापस चल दिए.
वापसी में बाइक तक आने पर मैंने भाभी की कमर में हाथ डाला, तो रिंकू भाभी ने कुछ नहीं कहा.
अब मैं भी समझ गया कि भाभी मेरे साथ मस्ती करना चाहती हैं.
मैंने उन्हें अपनी तरफ खींचा और कहा- भाभी, मेरा कुछ करने का मन हो रहा है!
वे बोलीं- तो जाओ सड़क के किनारे कर लो.
वे मेरे साथ हंसी मजाक में मुझसे पेशाब करने के लिए कह रही थीं कि सड़क के किनारे कर लो.
मैंने कहा- नहीं ऐसे खुले में करना अच्छा नहीं लगता है. मैं तो कमरे में करूंगा.
वे बोलीं- अच्छा … कमरे में करोगे?
मैंने कहा- हां उधर पूरा खुल कर करूंगा न!
भाभी और मैं दो-अर्थी बातों के साथ चुदाई की बातें करने लगे थे.
हम दोनों की रजामंदी हो गई थी पर एकदम जल्दी से कुछ कर भी नहीं सकते थे.
कुछ देर बाद हम दोनों घर आ गए.
दो दिन बाद भाभी फिर से मेरे साथ घूमने गईं.
उस दिन भाभी ने बाइक पर मेरी कमर पर हाथ डाल दिया था.
कुछ देर बाद मैंने उनकी चूचियों से अपनी पीठ को रगड़ा और कहा- बड़ा अच्छा लग रहा है भाभी.
वे खुद अपनी चूचियां रगड़ती हुई बोलीं- अच्छा लग रहा है, तो मजा लेते रहो.
मैंने उनके हाथ को पकड़ कर अपने लौड़े पर रख दिया.
वे मेरे लंड को सहलाने लगीं.
मैंने बाइक चलाते हुए ही उनकी तरफ मुँह किया और उन्हें चुम्मी कर लिया.
वे भी मेरी गर्दन में किस करने लगीं और अपनी गर्म सांसें छोड़ने लगीं.
मैंने कहा- भाभी, अब तो लेने का मन कर रहा है.
वे बोलीं- क्या खुले में ही लेने का मन कर रहा है?
मैंने कहा- हां भाभी.
वे हंस कर चुटकी लेती हुई बोलीं- उस दिन तो कह रहे थे कि खुले में अच्छा नहीं लगता है, कमरे में करने का जी करता है?
मैंने कहा- आप राजी हों तो कमरे में कर लेंगे.
वे मेरे कान की लौ को अपने दांतों से चुभलाती हुई बोलीं- मैं तो कब से राजी हूँ मेरे देवर जी. बस अपनी भाभी को जल्दी से कुचल कर रख दो!
मैंने कहा- कुचलने का काम जब होगा तब होगा मेरी जान … अभी कुछ बोहनी हो जाए.
हम दोनों ने उधर एकांत देखा और बाइक एक तरफ लगा कर मैं भाभी को किस करने लगा.
पेड़ के पीछे इतना ही किया जा सकता था.
हम दोनों करीब दस मिनट तक एक दूसरे को चूमते रहे.
मैंने भाभी के दूध भी दबाए और उन्होंने भी मेरे लौड़े को मसला.
तभी कुछ वाहन निकले तो हम दोनों वापस आ गए.
अब हम दोनों को जब भी मन करता हम दोनों फोन सेक्स करने लगे.
थोड़े दिन बाद एक दिन रिंकू भाभी ने बताया कि दो दिन बाद उनके घर में सब लोग शादी में जा रहे हैं और वे ही घर में अकेली रहेंगी.
यह बात सुन कर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा.
मैं तो समझो पागल हुए जा रहा था.
बस ऐसा लग रहा था कि कब हम दोनों के शरीर एक हो जाएं.
वो कहते हैं न कि सब्र का फल मीठा होता है.
दो दिन बाद रिंकू भाभी का फोन आया- तुम दोपहर में दो बजे तक घर आ जाना.
उस वक्त गर्मी में सुनसान रहता है. आस-पास में रहने वाले सब लोग अपने घरों में सो रहे होंगे.
मुझे अन्दर से काफी ज्यादा खुशी थी क्योंकि आज मेरी और भाभी की चुदाई की इच्छा पूरी हो जाने वाली थी.
उस दिन जैसे ही दो बजे, मैं उनके घर आ गया.
रिंकू भाभी ने पहले से ही गेट खोल कर रखे थे.
मैं बड़ी सावधानी से इधर उधर देखता हुआ उनके घर में अन्दर गया.
मेरे अन्दर आते ही उन्होंने दरवाजा बंद करके कुंडी लगा दी.
उसके बाद मैं उन्हें देखने लगा.
भाभी ने घर पर पहनने वाली एक जालीदार नाइट ड्रेस पहनी हुई थी जिसमें उनके दोनों स्तन ब्रा के साथ दिखाई दे रहे थे.
रिंकू भाभी इठलाती हुई मुझे अपने शयन कक्ष में लेकर आ गईं.
फिर उन्होंने किचन में जाकर मेरे लिए चाय बनाई.
हम दोनों ने चाय पीकर खत्म की.
भाभी चाय के कप लेकर किचन में गईं तो मैं भी उनके पीछे पीछे चला गया.
मैंने किचन में जाकर उनको पीछे से अपनी बांहों में पकड़ा और गले से लगा लिया.
उनकी गांड पर मेरा लंड गड़ने लगा.
मेरा लंड अब तक अपनी औकात आ गया था. मेरे साढ़े छह इंच के मोटे लंड ने भाभी की गांड में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, तो भाभी चिहुँक गईं.
मैंने रिंकू भाभी को अपने लंड की नोक पर उठाया और उन्हें अपनी बांहों की रस्सी में बांध कर उनके बेडरूम में ले आया.
कमरे में आते ही मैंने भाभी को बिस्तर पर गिरा दिया और वे भी अपनी टांगें फैला कर चित लेट गईं.
सच में दोस्तो … क्या नजारा था.
मैं भाभी को चुदने के लिए रेडी देख कर तो पागल हुआ जा रहा था.
मैंने उनके ऊपर चढ़ कर अपने होंठ उनके होंठों से लगा दिए और लिपकिस करना शुरू कर दिया.
रिंकू भाभी भी मेरा साथ दे रही थीं.
दस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों के साथ चूमाचाटी करते रहे.
मुँह से मुँह लगा हुआ था तो जीभ भी आपस में लड़ने लगी थीं.
मैंने कुछ ही पलों में उनकी नाइट ड्रेस को निकाल दिया.
नाइट ड्रेस के अन्दर भाभी ने लाल रंग की ब्रा और लाल पैंटी ही पहनी हुई थी.
वे किसी जन्नत की हूर नजर आ रही थीं.
मैं उनके मम्मों पर टूट पड़ा.
एक दूध को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा, दूसरे दूध को हाथ से दबा रहा था.
कुछ मिनट तक भाभी के दोनों मम्मों से खेलने के बाद मैंने उनके चूचे लाल कर दिए थे.
रिंकू भाभी भी इतनी ज्यादा गर्म हो गई थीं कि उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा कर मेरे कपड़े निकाल दिए थे और मेरे लंड को किस करने लगी थीं.
वे ज्यों ही मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी तो मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं आसमान की सैर कर रहा हूँ.
कुछ देर में रिंकू भाभी से अब सहना मुश्किल हो गया तो वे बोलीं- राज अब जल्दी से डाल दो अपने लंड को … मेरे से अब सहा नहीं जाता.
मैंने उनको चित लेटाया और उनकी पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को चाटने लगा.
भाभी के मुँह से ‘ऊह आह राज … अब बस करो और मुझे पेल दो … आह.’ की आवाज आने लगी.
मैंने उनकी गीली हो चुकी पैंटी को निकाल दिया और चूत को चाटना शुरू कर दिया.
इससे हुआ यह कि रिंकू भाभी की चूत झड़ने लगी.
उन्होंने मेरे मुँह के अन्दर ही अपनी चूत का पानी छोड़ दिया.
उनकी चूत का पानी का स्वाद इतना अच्छा लगा मुझे कि क्या ही कहूँ.
यह इतना अच्छा लगा था कि समझो मैंने उसी दिन से चूत को चाटना सबसे ज्यादा अच्छा लगने लगा था.
अब रिंकू भाभी झड़ चुकी थीं, तो एकदम से निढाल होकर लेट गईं.
मैंने उन्हें दुबारा से गर्म करने के लिए कोशिशें शुरू कर दीं.
मैं अब उनके बाजू में लेट गया और उनके मम्मों के साथ खेलने लगा.
एक हाथ से उनकी चूत में उंगली करने लगा.
भाभी दुबारा गर्म हो गईं.
अब मैंने अपने लंड को उनकी चूत पर लगा कर सैट किया और एक ही शॉट में अन्दर पेल दिया.
लंड अन्दर गया ही था कि भाभी के मुँह से जोर की चीख निकल गई.
दो ही मिनट में उनको आराम मिल गया और मैं उन्हें किस करते हुए लंड हिलाने लगा.
जब उनका दर्द कम हुआ तो भाभी ने अपनी गांड आगे पीछे करके मुझे इशारा कर दिया कि अब चोदो.
मैंने उनको चोदना शुरू कर दिया.
हॉट भाभी गुजराती सेक्स का मजा लेने लगी.
उनके मुँह से मादक आहें निकलने लगीं- आह ऊह बेबी … डालो … और जोर से पेलो … आह तुम बहुत अच्छे से चोद रहे हो … आह मजा आ गया!
धकापेल चुदाई होने लगी.
बीस मिनट तक हमारा सेक्स चलता रहा.
अब तक भाभी दो बार झड़ चुकी थीं.
फिर मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया और उनके ऊपर ही निढाल होकर गिर गया.
आगे की सेक्स कहानी में मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने और रिंकू भाभी ने ड्रिंक करके होटल में सेक्स किया था.
दोस्तो, मैं जानता हूँ कि मैंने अपनी पहली सेक्स कहानी में काफी गलतियां की होंगी.
पर मुझे यह भी पता है कि आप सब मुझे माफ कर देंगे.
अगली सेक्स कहानी में मैं आपकी सलाहों का ध्यान रखूंगा.
मुझे मेल करके हॉट भाभी गुजराती सेक्स कहानी पर अपनी सलाह भेजें.
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