दीवाली पर भाभी की अतृप्त चुत चुदाई हुई- 1

दीवाली पर भाभी की अतृप्त चुत चुदाई हुई- 1


हॉट भाभी सेक्सी चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैं घर के पास की एक सेक्सी भाभी को देखता था. वो उदास सी रहती थी. एक बार मैंने हिम्मत करके उनसे बात की.
दोस्तो, मैं अजित कुमार हूँ और उम्र 26 साल की है. मैं अभी सूरत शहर में रहता हूं.
मैं जहां रहता हूं, वो मकान मेरे कॉलेज टाइम के एक दोस्त का है. उसके माता-पिता गांव में रहते हैं, तो यहां पर हम चार दोस्त रहते हैं.
लॉकडाउन लगा तो सभी लोग अपने अपने घरों को जाने लगे.
मगर मेरे गांव में कोरोना के कुछ ज्यादा केस आ गए थे, इस वजह से मुझे सूरत में ही रुकना पड़ गया था.
मेरे दूसरे दोस्त आने वाले दीवाली के त्यौहार को मनाने के लिए अपने अपने गांव चले गए थे.
हमारा ये मकान एक सोसायटी में है. इस सोसायटी के बगल की सोसायटी में एक मस्त भाभी रहती हैं.
शाम के टाइम जब मैं दूध लेने एक मिल्क पार्लर पर जाता हूं. उसी पार्लर पर वो हर दूसरे तीसरे दिन मुझे दिख जाती थीं.
बाद में मैंने गौर किया कि वो भाभी भी मुझे देखती हैं.
इस पार्लर से वापस जाते समय पहले उनकी सोसायटी आती है, फिर मेरी.
दूध लेने जाने पर कभी कभी ऐसा होता था कि हम दोनों एक साथ वापस आते थे.
मगर मैं उनके साथ नहीं चलता था. कभी वो आगे, कभी मैं.

ऐसे ही कुछ समय तक चलता रहा था.
मैं उन्हें देखता रहता था, पर मैंने कभी भाभी से बात नहीं की थी.
वो चेहरे से हमेशा उदास ही दिखती थीं.
ऐसे ही इस दीवाली के दूसरे दिन शाम को वो एक चाईनीज़ स्टॉल पर दिखीं, वो नूडल्स खा रही थीं.
यहां सब नीचे फुटपाथ के स्टॉल पर के सामने पड़ी बैंचों पर बैठ कर खाते हैं.
मैं अभी भाभी को वासना भरी नजरों से देख ही रहा था कि उन्होंने मुझे देख लिया.
उस दिन मुझे भाभी की आंखों में दोस्ताना भाव दिखा.
मैं तुरंत ही उस स्टॉल पर चला गया और हिम्मत करके भाभी के नजदीक आ गया.
मैंने न जाने किस तरह से उनसे पूछ लिया कि यहां कोई आपका आने वाला है?
इस पर भाभी बहुत उदास होकर गहरी सांस लेती हुई बोलीं- मेरे साथ आने वाला कोई है ही नहीं, आप ही बैठ जाओ यहां.
ये कह कर भाभी ने सामने की बेंच पर रखे अपने बैग्स अपने पास रख लिए और मेरे लिए जगह बना दी.
मैं वहीं उनके सामने ही बैठ गया.
मैंने थैंक्यू बोलते हुए कहा- मेरे साथ भी आने वाला कोई नहीं है … मेरे लिए आपकी कंपनी अच्छी रहेगी.
मेरी बात सुनकर भाभी मुस्कुरा दीं.
मैंने मंचूरियन ऑर्डर किया.
फिर मैंने कहा- भाभी हैप्पी दीवाली.
उन्होंने भी रिप्लाइ दिया- सेम टू यू. कैसी रही दीवाली … पटाखों का मजा लिया या नहीं.
मैंने मन में सोचा कि भाभी आप जैसी पटाखा मजा लेने के लिए मिल जाए, तो मन फुलझड़ी सा खिल जाए.
मुझे सोचता देख कर भाभी ने फिर से पूछा- आपने बताया नहीं?
मैंने कहा- भाभी, मेरी नीरस सी इस जिन्दगी में अभी किसी पटाखा ने धमक दी ही नहीं.
भाभी हंसने लगीं और बोलीं- अरे यार, मैं उस पटाखे की बात नहीं कर रही हूँ. मैं तो आतिशबाजी वाले पटाखे की बात कर रही हूँ.
इसी तरह हमारे बीच हंसी मजाक शुरू हो गया.
फिर भाभी ने पूछा- आप पीछे वाली सोसायटी में रहते हो ना? आपको मिल्क पार्लर पर बहुत बार देखा है.
मैंने बताया- हां, वहीं पर मेरे दोस्त का घर है, उसी में हम चार दोस्त रहते हैं.
फिर उन्होंने पूछा- आपकी शादी हो गई?
मैंने हंस के बताया- नहीं, अभी तो शादी सगाई के लिए कम से कम 2-3 साल लगेंगे. अभी तो आपको बताया था कि वो पटाखा वाला सीन मेरी जिन्दगी में है ही नहीं.
उन्होंने हंस कर पूछा- अच्छा अच्छा … मुझे याद नहीं रहा. वैसे आप क्या करते हैं और कहां के हैं.
मैंने बताया, तो उसी तरह के सवालात हुए और इन्हीं बातों में पता चला कि भाभी का नाम सृजन है और वो दो साल से यहीं अपने पति के साथ रहती हैं.
अब तक मेरी मंचूरियन की प्लेट आ गई.
मैंने भाभी के साथ थोड़ा सा मंचूरियन शेयर किया.
इस पर उन्होंने भी अपने नूडल्स मेरे साथ शेयर किए.
ऐसे ही हम दोनों मिल कर खाने लगे.
खाना खत्म हुआ तो मैंने स्टॉल वाले को 2000 का नोट दिया.
वो बोला- छुट्टा नहीं है, आप खुले पैसे दीजिए.
इतने में सृजन भाभी ने अपने पर्स से 500 का नोट निकाला और मेरे पैसे भी दे दिए.
मैंने कहा- अरे भाभी इसकी क्या जरूरत थी. मैं कहीं और से चेंज लेकर उसे दे देता.
भाभी ने मस्त स्माइल देते हुए कहा- कोई बात नहीं, आप परेशान नहीं हों. मैं अपने पैसे सूद सहित वापस ले लूंगी.
मैंने कहा- अरे भाभी, आप तो पूरी बिजनेसमैन हैं. सूद भी वसूल लेती हैं.
भाभी हो हो करके हंसने लगीं और बोलीं- क्या तुम्हें सूद चुकाने में कोई दिक्कत है. यदि नहीं दोगे तो मैं ताकत से वसूल कर लूंगी.
ये कहते हुए भाभी ने झुक कर अपनी चूचियां दिखा दीं. मुझे समझ में आ गया कि अब मामला दूसरी तरफ जाने लगा है.
भाभी के मम्मों मैंने को वासना से घूरा और अपने होंठों पर अपनी जीभ फिरा कर उनकी नजरों में देखा.
मैंने पाया कि भाभी की आंखों में भी मस्ती दिख रही थी.
उन्होंने भी उसी वक्त अपने होंठ काटे और मुस्कान बिखेर दी.
मैंने हंस कर कहा- भाभी जी, आपमें जितनी भी ताकत हो, उतना सूद वसूल कर लेना. मैं चुकाने के लिए हमेशा तैयार हूँ.
वो भी इठला कर बोलीं- मुझे जितना चाहिए, उतना आप दे भी पाओगे!
भाभी की बात पर मैं भी कॉन्फिडेंस में आ गया और अपनी छाती पर हाथ ठोक कर बोला- आपका स्वागत है भाभी, आप कभी भी और कहीं भी आजमा लीजिएगा.
भाभी खुश होकर बोलीं- आपसे यही सुनने की उम्मीद थी.
फिर हम दोनों ने अपने अपने मास्क लगाए और वहां से निकल आए.
वहां से हमारे घर लगभग 700 मीटर की दूरी पर थे.
मैं कोई भी जल्दबाजी करने के मूड में नहीं था इसलिए ना मैंने उनका मोबाइल नंबर मांगा, ना ही कोई सोशल आईडी मांगी.
सिर्फ मूवी और खाने-पीने की बातें करते हुए हम दोनों वापस आ रहे थे.
हमारी सोसायटीज नजदीक ही थीं तो भाभी बोली- क्या आपको लैपटॉप की डिस्पले के बारे में कुछ पता है?
मैंने कहा- हां.
भाभी- मेरे लैपटॉप में डिस्पले कभी कभी ब्लैंक आ जाती है, क्या आप देख लेंगे?
मैंने कहां- हां क्यों नहीं, देख लूंगा.
वो बोलीं- मेरा घर यहीं है, आपका ज्यादा टाइम नहीं लूंगी. आप मेरे घर चलिए.
मैंने हां कर दी.
भाभी मुझे अपनी सोसायटी में ले आईं.
रोड की शुरूआत से तीसरे नंबर का घर उन्हीं का था.
पहले दो घर बंद थे शायद दीवाली के लिए गांव गए होंगे.
आगे के घरों के बाहर सब बच्चे पटाखे चला रहे थे.
भाभी का मकान बाहर से एकदम आलीशान लग रहा था.
दरवाजे पर पहुंचते ही भाभी ने सेनेटाइजर निकाला और खुद को, मुझको और साथ लाए हुए सामान को सेनेटाइज किया.
घर के अन्दर जाते ही भाभी बोलीं- आप भी बाहर से आए हो … और मैं भी, यदि हम दोनों पहले बाथ ले लेंगे तो अच्छा रहेगा.
मैं सोच में पड़ गया कि कहीं भाभी साथ में नहा लेने की बात तो नहीं कर रही हैं.
मैं बोला- ठीक है, कोई बात नहीं. नहा लेते हैं.
भाभी ने एक रूम की ओर इशारा करते हुए कहा- आप उस रूम के बाथरूम में जाकर नहा लीजिए, अपने कपड़े सब वाशिंग मशीन में डाल दीजिए और फिर रूम की अल्मारी में मेरे हजबैंड के कपड़े हैं, जो आपको फिट लगें, वो पहन लीजिए.
मुझे पहले तो थोड़ा गुस्सा आया और अपने आप पर हंसी भी आयी.
मैं भाभी के साथ में नहाने का सोच रहा था और ये हुआ.
फिर मैंने सोचा कि सब्र का फल मीठा होता है, जरा वेट कर लेता हूँ.
मैंने भाभी से ओके कहा और नहाने चला गया.
अपने सारे कपड़े मशीन में डाले और नंगा होकर नहाने लगा.
नहाते नहाते मैंने भाभी को याद करके मुठ मारने का बहुत सोचा पर जैसे तैसे मैंने खुद को कंट्रोल कर लिया.
नहाने के बाद तौलिया लपेट कर बाथरूम से बाहर आकर मैंने उस रूम की अल्मारी खोली तो मुझे अपने लायक सिर्फ एक टी-शर्ट और लोअर मिला.
मैंने अंडरवियर तो अभी पहनी नहीं थी तो सीधे ऐसे ही लोअर पहन लिया; ऊपर से टी-शर्ट पहन ली.
अब मैं ड्राइंग रूम में भाभी के सामने आ गया.
उन्होंने मुझे नीचे से ऊपर तक देखा. भाभी की नजरें मेरे लंड के उभार पर थोड़ी सी रुक गईं क्योंकि मैंने अंडरवियर नहीं पहना था तो लंड का पूरा आकार साफ़ दिख रहा था.
वो बोलीं- इस लोअर में आप अच्छे लग रहे हैं.
मैंने कहा- थैंक्यू भाभी जी.
अब उन्होंने मुझे दूसरा कमरा बताया और कहा- आप उस कमरे में जाइए, वहां टेबल पर लैपटॉप पड़ा है. आप उसे चैक कीजिए, तब तक मैं भी नहा लेती हूं. आपका टाइम ज्यादा ले रही हूं, पर सॉरी.
मैंने कहा- कोई बात नहीं, वैसे भी अब रूम पर जाकर मुझे सोने के सिवाए कोई काम नहीं है.
भाभी ने कहा- अच्छा है, फिर तो मैं भी अच्छे से नहा लेती हूं.
मैंने कहा- हां ठीक है.
भाभी ने कहा कि ‘अच्छे से नहा लेती हूँ.’ इस पर कुछ ज्यादा ही जोर दिया था.
मगर अभी कुछ भी साफ़ नहीं था तो मैं कुछ समझ नहीं सका.
भाभी बाथरूम वाले कमरे में चली गईं और जाते जाते अपने लैपटॉप का पासवर्ड भी बता गईं.
मैंने उस कमरे में जाकर लैपटॉप उठाया और चालू किया.
पर लैपटॉप तो एकदम सही था और एकदम लेटेस्ट मॉडल का था.
मुझे कुछ अजीब सा लगा कि लैपटॉप में तो कोई प्रॉब्लम है ही नहीं, फिर भी भाभी ने ऐसा क्यों बोला कि ये बिगड़ा है.
मैं लैपटॉप खोलकर उसकी हर ड्राइव चैक कर रहा था.
मुझे उसमें बहुत सारी मूवीज और गाने मिले.
बहुत ज्यादा सर्च करने पर मुझे एक अलग ही फोल्डर मिला.
मैंने उसे खोला, तो मैं अवाक रह गया.
क्यूंकि उसमें बहुत सारी पोर्न वीडियोज थीं, वो भी फुल एचडी फॉर्मेट में. सभी वीडियोज सारे एक से बढ़ कर एक थीं.
मैंने भी ऐसी नंगी फ़िल्में कभी नहीं देखी थीं, वैसी भी थीं.
अब इतनी सारी वीडियोज देख कर मैंने एक वीडियो चला दी.
जल्द ही मैंने एक वीडियो खत्म कर ली और दूसरी भी चलाने लगा.
वैसे भी भाभी को चोदने का मन तो था ही … और ऊपर से पोर्न वीडियोज देख लीं, तो मेरी कामेच्छा दोगुनी हो गई.
मैं पोर्न देखने में इतना तल्लीन हो गया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब भाभी रूम के अन्दर आ गईं.
उन्होंने मुझे पोर्न देखते हुए पकड़ लिया था.
वो मेरे सामने आईं और मुझे कसके एक थप्पड़ लगा दिया.
मैं हक्का-बक्का रह गया और एकदम से डर गया.
मुझमें कुछ भी सोचने या बोलने की ताकत ही नहीं बची थी.
मैं उठा और सीधा रूम के बाहर की ओर चल दिया.
वो भी मेरे पीछे पीछे आने लगीं.
दोस्तो, आपको लग रहा होगा कि भाभी की चुदाई की कहानी में ये क्या मोड़ आ गया.
मगर आप फ़िक्र न करें … भाभी की चुत जरूर चुदेगी.
हॉट भाभी सेक्सी चुदाई कहानी के अगले भाग में सृजन भाभी मेरे लौड़े से कैसे चुदीं, इसको विस्तार से लिखूंगा.
आप मुझे मेल करना न भूलें.
[email protected] हॉट भाभी सेक्सी चुदाई कहानी का अगला भाग: दीवाली पर भाभी की अतृप्त चुत चुदाई हुई- 2

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