दिल्ली में चाची की चूत का मज़ा- 3

दिल्ली में चाची की चूत का मज़ा- 3


गरम चाची चुदाई कहानी में मेरी चाची मेरे साथ अकेली रह रही थी. हम दोनों आपस में काफी खुल चुके थे. चाची मेरा लंड भी पकड़ चुकी थी. अब चाची की चुदाई की बारी थी.
दोस्तो, मैं राज एक बार फिर से अपनी चाची के साथ हुई चुदाई की कहानी के अगले भाग को लेकर हाजिर हूँ.
कहानी के दूसरे भाग
चाची ने मेरा लंड पकड़ा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने चाची को अपनी चूत में उंगली करते हुए देखा तो मैं सकपका गया और चूंकि यह पहली बार देखा था … तो मैं उन्हें देखते रहने की जगह चिल्लाने लगा.
अब आगे गरम चाची चुदाई कहानी:
मैं एकदम से सॉरी सॉरी चिल्लाया और बाहर निकल आया.
चाची भी एकदम से घबरा गईं और वे सब कुछ छोड़ कर नहाने लगीं.
कुछ देर बाद वे बाहर आ गईं.
मैं- चाची सॉरी!
चाची- अरे कोई बात नहीं.
थोड़ी देर हमारे बीच एकदम शांति छाई रही.
तब थोड़ी देर बाद मैं बोला- चाची, सबकी अपनी अपनी जरूरत होती है.
चाची- हां.
मैं- मुझे आज बहुत अच्छा लगा चाची.
वे मुस्कुरा दीं.
फिर दो दिन बाद मैंने दोबारा हिलाने की सोची और इस बार भी मेरा मन चाची ही हाथ से हिलवाने का कर रहा था.

मैंने हाथ के दर्द का बहाना करते हुए चाची से पूछा.
चाची ने भी तुरंत हां कर दिया और मैं हिलवाने के लिए बैठ गया.
सब कुछ चाची के हाथ से करवाने का मन था तो मैंने इस बार अपनी पैंट वगैरह भी चाची के हाथ से ही निकलवाई.
फिर मेरा लंड चाची अपने हाथ में लेकर सहलाने लगीं.
मैं उनकी चूचियां देखने लगा.
बहुत अच्छा लग रहा था.
चाची बोलीं- बेटा, नीचे के कितने बाल बढ़ गए हैं. शेव क्यों नहीं किए?
मैं- अरे चाची कर लूँगा, ध्यान नहीं दिया.
फिर मैंने मजाक में बोल दिया कि आप ही ट्रिम कर दो न चाची!
ऐसे ही कुछ समय बाद मेरे लंड से माल निकल गया और इस बार भी मैंने अपने लंड का माल चाची के कपड़ों पर ही निकाल दिया.
अगले दिन सुबह चाची अपने आप ही बोलीं- तू कल बोल रहा था न कि तुम्हारे नीचे के बाल ट्रिम करना है. ट्रिमर कहां है?
मैं एकदम से खुश होकर कहा- हां चाची, अभी देता हूं.
मैंने उनको ट्रिमर दे दिया.
अपनी गांड के नीचे एक अखबार बिछाया अच्छे से और अंडरवियर खोल कर बैठ गया.
चाची ने पहले धीरे धीरे कैंची से झांटों को काटा. वे यह सब करती हुई मेरे लंड को भी बार बार पकड़ रही थीं. इसी वजह से मेरा लंड खड़ा हो गया.
चाची- क्या बात है. कल ही तो हिलाया था, फिर भी आज टॉवर पूरा नेटवर्क दे रहा है.
मैंने हँसते हुए कहा- चाची, आपका स्पर्श ही ऐसा है. यह तो दिन में 3-4 बार भी करवा सकता है!
चाची- अच्छा बेटा, आजकल कुछ ज़्यादा ही खुल कर बात करने लगे हो.
मैं- अरे ऐसा कुछ नहीं चाची, सॉरी.
फिर झांटों को ट्रिम करने के बाद लंड खड़ा था.
मैंने चाची से कहा- प्लीज़ एक बार हिला भी दो ना!
चाची ने तुरंत लंड हिलाना चालू कर दिया और मेरा माल निकाल दिया.
सब कुछ साफ़ कर दिया.
चाची ने मुझसे कहा- बेटा वह ट्रिमर मुझे भी दे दो न … मुझे भी अपने बाल साफ करना है.
मैंने दे दिया और मैं अपना मोबाइल चलाने लगा.
तभी मुझे चाची के चिल्लाने की आवाज आई.
मैं एकदम से बाथरूम की तरफ भागा.
जैसे ही अन्दर देखा, तो चाची सिर्फ़ ब्रा में थीं और ट्रिमर नीचे के बालों में अटक कर लटका हुआ था.
चाची की झांटों के बाल ट्रिमर में फंसे हुए थे.
चाची को बहुत दिक्कत हो रही थी.
मैं दरवाज़े पर ही रुक गया था.
चाची- वहां से क्या देख रहा है अन्दर आ जा न … मुझे बहुत तकलीफ हो रही है.
मैं- ठीक है चाची. मुझे लगा कि आपको सही नहीं लगेगा.
मैं अन्दर आ गया और देखा तो चाची की चूत के बाल कुछ इस तरह से ट्रिमर में फंसे थे कि बालों को कैंची से काटना ही पड़ेगा.
मैंने चाची से बोला कि चाची कैंची से काटना पड़ेगा.
चाची- तो रुका क्यों है … जल्दी करो, बहुत दर्द हो रहा है.
मैं- चाची यहां आपको बहुत दिक्कत होगी. आप कमरे में चलिए.
मैं उनको अपने कंधे का सहारा देकर बेडरूम में ले गया और उन्हें मैंने एक स्टूल दे दिया, जिस पर चाची ने अपना एक पैर रख लिया. उनको दीवार से सटा कर खड़ा किया ताकि उनको ज्यादा तकलीफ न हो.
फिर मैंने कैंची ली और धीरे धीरे चूत के पास के बाल काटने लगा.
बाल काटते समय मेरा हाथ उनकी चूत पर भी घूम रहा था.
इससे चाची एकदम गर्म हो रही थीं.
उनकी चूत से सफेद सा रस बाहर आ रहा था.
फिर जैसे ही मैंने ट्रिमर को बालों से अलग किया तो चाची ने एकदम से चूत के बालों पर ऐसे हाथ फेरा कि मैं एकदम मदहोश हो गया और मेरा लंड वापस से खड़ा होकर अकड़ गया.
मैं- चाची, मैं ही अच्छे ट्रिम करके आपके बाल साफ कर देता हूं.
चाची ने पहले तो मना किया, पर थोड़ी देर बाद मेरे कहने पर हां कर दी.
मैंने अपना काम चालू कर दिया.
मैंने चाची की चूत एकदम साफ कर दी और एकदम चिकनी चूत कर दी.
मेरा मन चाची की चिकनी चूत को चूमने का बहुत ज्यादा करने लगा था.
मैं- आपकी चूत बहुत खूबसूरत है. एक बार चूमने का मन कर रहा है, क्या मैं आपको चूत चूम सकता हूं?
चाची ने थोड़ी देर मुझे घूर कर देखा और मुस्कान दे दी.
बस मैंने उनकी मुस्कान को उनकी रजा समझ कर उनकी चूत को चुम्मी कर दी.
चूत से मस्त महक आ रही थी तो अगला चुंबन कुछ ऐसा हुआ कि मैंने होंठों को चाची की चूत से लगा दिया और दो मिनट तक चूमने के बाद मैं उनकी चूत को चूसने भी लगा.
फिर जैसे ही मैं चूत से मुँह हटा कर उठने लगा.
चाची ने मेरे सर को अपनी चूत पर और जोर से दबा दिया और वे मादकता से सिसकारियां लेने लगीं.
चाची- आह थोड़ी देर और चूसो राज … प्लीज़ आह बहुत अच्छा लग रहा है … आह.
मैं वापस मुँह को चूत पर लगा कर चाची की चूत को चूसने लगा.
मैंने अपनी जीभ को चाची की चूत के अन्दर डाल दी और चूसने लगा.
चाची- आह … आआह और जोर से खा ले आह आह.
इसी तरह से वे मेरे सर को अपनी चूत पर दबाती हुई मुझसे अपनी चूत चटवाती रहीं और कुछ समय बाद चाची झड़ गईं.
उनको बहुत मजा आया था.
वे स्माइल देकर मेरी तरफ देख रही थीं और चूसने की वजह से मेरा भी बहुत सारा प्री-कम निकल आया था.
मेरे बॉक्सर के ऊपर से ही गीला होने लगा था.
चाची ने देख लिया तो कहा- अभी तो हिलाया था, फिर दोबारा से खड़ा हो गया?
मैं- चाची ये तो शांत ही था. पर आपकी चूत को देख कर पागल हो गया.
चाची ने बिना देर किए मेरे बॉक्सर को नीचे खींच दिया और अंडरवियर से लंड को बाहर निकाल कर हाथ में लेकर एकदम से अपने मुँह के करीब ले गईं और उस थूक दिया.
चाची- राज, सही में तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है. यह लगभग 7 या 7.5 इंच का होगा. आज मैं तुम्हें हाथ से नहीं, बल्कि किसी और चीज़ से मजा दूँगी.
इतना कहकर चाची ने मेरा लंड सीधा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
आह … मैं तो एकदम से किसी अलग ही दुनिया में चला गया था.
बहुत मज़ा आ रहा था मुझे … अहह बहुत मज़ा आ रहा था.
चाची एकदम लॉलीपॉप की तरह लंड चूसने लगी थीं.
मैं- अह चाची … बहुत मज़ा आ रहा है … आह चाची … मेरा रस निकलने वाला है. आह चाची … मुँह से बाहर निकाल लेने दो प्लीज!
पर चाची ने मुँह से लंड नहीं निकालने दिया और मेरा वीर्य चाची के मुँह में ही निकल गया.
मैं एकदम ढीला पड़ गया और वहीं बेड पर लेट गया.
चाची भी मेरे बगल में लेट गईं.
कुछ समय बाद मुझे नींद आ गयी और हम दोनों वैसे ही सो गए.
जब कुछ समय बाद मैं उठा तो चाची मेरे बगल में सोई हुई थीं.
मैंने उठ कर उन्हें हिलाया और चाची को जगा कर फ्रेश होने के लिए कहा.
चाची उठीं और बाथरूम में चली गईं.
फिर से सब एकदम सामान्य रूप से रोज की तरह चलने लगा था.
आग दोनों तरफ लग चुकी थी.
मैं बस इस इंतजार में था कि चाची खुद कहें कि अब चोद दो.
तीन दिन ऐसे ही गुज़र गए.
चौथे दिन मैं सुबह बाथरूम में नहा रहा था.
उधर मैंने चाची की ब्रा देख ली.
मैं उसी में लंड हिलाने लगा और अपना माल ब्रा में गिरा दिया.
वह ब्रा चाची नहाने के बाद पहनने वाली थीं.
मैं बाहर आ गया और मेरे बाद चाची ने नहाकर उसी ब्रा को पहन लिया.
उनको भी गीला सा लगा.
चाची- लगता है राज, तुमने बाथरूम में हिलाया है.
मैं- जी चाची.
तो चाची बोली- तो साले, अपना माल तो नीचे गिराता … लंड का माल भी मेरी ब्रा में गिरा दिया.
चाची के मुँह से पहली बार गाली सुनने के बाद मैं थोड़ा हैरान हो गया था।
पर बाद में मैंने कहा- सॉरी चाची.
चाची- अभी वह पूरा मेरे मम्मे पर चिपचिपा सा लग रहा है.
मैं- सॉरी चाची, मैं साफ कर देता हूं.
चाची- नहीं, कोई बात नहीं. अब रहने दे.
मैं- प्लीज़ साफ करने दीजिए ना … इसी बहाने मैं भी देख लूँगा.
चाची- अच्छा तुमने देखने के लिए ही किया था क्या … और अभी तक तुमनें मेरे दूध देखे नहीं है क्या?
मैं- नहीं चाची.
चाची- ओके सिर्फ़ एक शर्त पर?
मैं- जी चाची, जो भी शर्त है, वह सब मंजूर है.
चाची- उस दिन जो तुमने मुझे अपने मुँह से मजा दिया था … वह भी आज फिर से देना पड़ेगा!
मैं- अरे चाची नेकी और पूछ पूछ … आप जब कहें तब आपकी सेवा करने के लिए रेडी हूँ.
चाची- ठीक है.
ऐसा कहते हुए चाची ने अपना पल्लू नीचे किया और ब्लाउज खोल दिया.
मैं- चाची, ब्रा मैं निकालूँगा.
चाची- अच्छा बेटा बड़े तेज होते जा रहे हो!
मैंने चाची की ब्रा का हुक निकाला और आज मेरे सामने चाची मुझको जन्नत दिखा रही थीं.
मैंने चिपचिपा वीर्य अपने हाथ से पौंछा और हौले हौले से दूध को दबाना शुरू कर दिया.
मैं- चाची क्या मस्त चूचे हैं आपके … क्या मैं इन्हें एक बार मुँह में ले सकता हूं … प्लीज़!
चाची- हां क्यों नहीं. देख लिए हैं तो दूध पी भी लो.
मैंने एकदम से एक दूध को अपने हाथ से पकड़ कर दबाने लगा और दूसरे को मुँह से चूसने लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने अभी थोड़ी देर पहले ही लंड हिलाया था पर दोबारा से एकदम लोहे का सरिया के जैसा फिर से खड़ा हो गया.
लंड आग बरसाने लगा था और चाची भी अपने हाथ से धीरे धीरे ऊपर से सहला रही थीं.
मैं एकदम से दूध काटने सा लगा.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर बाद मैंने उनको बेड के पास खड़ा किया और उनकी साड़ी खोल दी.
जल्दी ही पेटीकोट भी निकाल दिया और पैंटी नीचे कर दी.
जैसे ही पैंटी नीचे की, चाची ने मेरे मुँह को पकड़ कर अपनी चूत पर दबा लिया और मैं उनकी चूत की क्लिट को दबा कर चाटने और चूसने लगा.
साथ ही मैं अपनी जीभ से उनकी क्लिट को सहलाने भी लगा.
चाची बहुत जोर जोर से सिसकारियां लेने लगीं- आह राज साले चूस ले आह चूत को खा जा आह.
कुछ ही देर में चाची झड़ गईं.
मैंने उनका पूरा रस मुँह में ले लिया और उठकर चाची को किस किया.
चाची ने भी मेरे मुँह को अपने होंठों से जोड़ लिया और मेरे साथ वे 3-4 मिनट तक फ्रेंच किस करती रहीं.
बाद में चाची ने मुझे बेड पर लेटा दिया और कहने लगीं.
चाची- अब रहा नहीं जा रहा है राज, मुझे सेक्स करना है. बहुत समय हो गया किया ही नहीं है.
मैं- ठीक है चाची. मुझे भी आपको बहुत दिन से चोदने का मन कर रहा है. आज आपकी और अपने मन की कर लेता हूँ.
बस चाची ने मेरा लंड बाहर निकाला और उसे चूस कर कड़क कर दिया.
फिर चाची मेरे लंड पर बैठ गईं.
आह … क्या मस्त मजा आने लगा था.
बस एक लफड़ा हो गया.
चाची की चूत में मेरा सुपारा ही घुसा था कि कुछ ही सेकेंड्स में मेरा माल निकल गया.
चाची- साले हरामी, किस बात की जल्दबाजी है तुझे … रूक तो जाता जरा!
मैं- चाची, मेरा पहली बार था … सॉरी.
बाद में कुछ देर उनको किस किया.
उनके बूब्स को चूसा और एक हाथ से उनकी चूत में उंगली करने लगा.
जैसे ही मेरा लंड खड़ा हुआ, चाची वापस से मेरे लंड पर बैठ गईं.
चाची- साले आह … तेरा लंड तो तेरे चाचा से भी बड़ा और मोटा है … आह आह आज तो मजा आ गया.
बस चाची लंड पर झटके देने लगीं.
लगभग 20 मिनट बाद चाची और मैं एक साथ में ही झड़ गए और वैसे ही बेड पर सो गए.
दोपहर में हम दोनों उठे और साथ में ही नहाने आ गए.
हम दोनों बाथरूम में फव्वारे के नीचे खड़े थे.
चाची ने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगीं.
मेरा लंड खड़ा हो गया.
चाची- आह राज साले, तेरा आज दिन तीन बार हुआ है, फिर भी खड़ा हो गया है क्या बात है बेटा, कोई जंग ही लड़नी है क्या इसको?
मैं- चाची आप कोई जन्नत की हूर से कम हैं क्या?
चाची- अच्छा बेटा, इसका मतलब अभी भी दुबारा से चोदने का मन है?
मैंने हां करते हुए चाची को अपने सामने लिया और उन्हें किस करने लगा और उनके बूब्स चूसने लगा.
उसके बाद चाची की एक टांग ऊपर करके वहीं फव्वारे के नीचे खड़े खड़े गरम चाची चुदाई करने लगा.
चाची- आह साले अपना लंड जड़ तक पेल दे … आह!
मैंने चाची को देर तक चोदा और हम दोनों एक साथ नहाने लगे.
अब जब भी हमारा मन करता है, हम दोनों सेक्स कर लेते हैं.
इसके अलावा हम दोनों हर रोज़ एक साथ ही नहाने लगे हैं.
दोस्तो, आपको मेरी गरम चाची चुदाई कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करके जरूर बताइएगा.
आपके मेल मुझे प्रोत्साहित करते हैं.
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