हाय दोस्तो, हम निशा और विराट एक बार फिर से आप लोगों के लिए माँ की चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हैं. आप हमेशा हमें मेल कीजिएगा और अपने कमेंट्स भेजिए. आप हमें अपनी फंतासी भी बताइएगा कि आप क्या चाहते हैं. मेरी कहानी के लिए आपके कामुक विचारों का स्वागत है.
मेरी पिछली कहानी
मॉम को चोदने की चाहत-2
में मैं निशा अपनी मसाज करवा रही थी. उसी मसाज पार्लर वाली से तैयार होकर मैंने अपनी चूत साफ करवा ली और रेडी हो गई. नामित मेरे लिए कपड़े रख कर गया था. मैंने देखा कि उन कपड़ों में एक छोटी से मिनी स्कर्ट थी. मैंने वो मिनी स्कर्ट पहनी. अन्दर रेड कलर की बिकिनी और ऊपर से एक टॉप पहन लिया था. ये एकदम टाइट कपड़े थे, जो मेरे जिस्म से एकदम चिपके हुए थे. मैं इन कपड़ों में एक हसीन लौंडिया सी लगने लगी थी.
उस मसाज वाली ने मेरा मेकअप किया और वो चली गयी. मुझे कुछ प्यास सी लगी थी, तो फ्रिज खोला और उसमें से एक बियर का कैन लेकर पीने लगी.
बियर कुछ ज्यादा ही तेज थी, जिससे मुझे मजा आने लगा और इस वक्त न जाने क्यों मुझे चुदास सी चढ़ने लगी थी. शायद इस बियर में कुछ स्पेशल था या जो दवाई नेहा(मेरे बेटे विरत के दोस्त नामित की माँ) ने मुझे जाते समय दी थी, शायद ये उसका ही असर था.
मैं अपनी स्कर्ट उठा कर चूत पर हाथ फेरने लगी. इधर घर में नामित भी नहीं था. मैं इस वक्त बिल्कुल अकेली गर्म हुए जा रही थी.
तभी 7 बजे शाम को दरवाजे की बेल बजी तो मैंने दरवाजा खोला. सामने एक 6 फीट का एकदम काला आदमी खड़ा था, जो लगभग 45 साल का था. उसके शरीर का हर भाग एकदम किसी पहलवान जैसा कठोर और कसा हुआ था. उसने शर्ट पैन्ट पहना हुआ था. वो मुझे ऊपर से नीचे तक घूरे जा रहा था.
मैंने उससे पूछा- कौन चाहिए … क्या काम है?
उसने थोड़ी अलग ही भाषा में टूटी फूटी हिंदी में बोला- मुझे नामित ने बुलाया है.
उसने बस इतना कहा और मेरे उत्तर का इन्तजार किये बिना घर में अन्दर घुस आया.
मैं अभी उसे बोल ही रही थी कि नामित यहां नहीं है लेकिन वो अपने लंड पर हाथ फेरता हुआ सोफे पर बैठ गया और मुझे घूरने लगा. मैं भी अन्दर से गर्म तो थी ही, एक तो नेहा ने दवाई जो पिलाई हुई थी. ऊपर से पार्लर वाली ने मालिश करके और मेरी चूत साफ करके मुझे और भी गर्म कर दिया साथ ही बियर का नशा भी मुझे मदमस्त किये जा रहा था.
वो आदमी लगातार मेरे मम्मों को घूर रहा था. चुस्त बिकिनी और टाइट टॉप की वजह से मेरे बूब्स और उछाल मार रहे थे. मैंने उसकी पैन्ट में लंड के पास देखा, तो उधर मुझे लगभग 9 से 10 इंच का कड़ा लंड का उभार नज़र आ रहा था. शायद उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था, ऐसा साफ़ दिख रहा था.
मैं उसकी तरफ देखती रही, तो उसने अपने लंड को सहलाते हुए पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?
मैं अचकचा कर बोली- निशा … और तुम्हारा?
तो उसने बोला- मेरा नाम डेविड है और मैं नामित का बॉस हूँ. मैं अफ्रीकन हूँ.
मैंने उसकी बात सुनकर ओके बोला.
डेविड बोला- जाओ जाकर फ्रिज ने वाइन की बोतल रखी है, वो ले आओ, जब तक मैं गिलास लाता हूँ. आज मैंने नामित को थोड़ा काम के लिए भेजा है, तो उसने मुझे बताया कि तुम घर पर अकेली हो, इसलिए उसने मुझे इधर भेजा है.
मैं उसकी बात सुनकर अन्दर जाकर फ्रिज से वाईन लेकर आ गई. जब तक उसने गिलास लगा लिए थे और टीवी भी चालू करके देख रहा था.
वो मुझसे बोला- आओ मेरे बगल में बैठो.
मैं उसके बाजू में बैठ गई. उसने खुद दो गिलासों में वाइन डाली और मुझे भी एक गिलास थमा दिया. मुझे थोड़ा नशा तो पहले से ही था, अब उसके साथ और चढ़ रहा था.
तभी उसने टीवी में पोर्न चालू कर दिया और देखने लगा. साथ ही उसने अपनी पैन्ट की ज़िप भी खोल दी और लंड को सहलाने लगा. उसका लंड पूरा काला बैगन की तरह बहुत मोटा और तगड़ा था. मुझे भी टीवी पर पोर्न देख कर अब चूत में आग जलनी शुरू हो गयी थी.
तभी उसने मुझसे आंख मारते हुए कहा- ले आ जा … चूस ले इसे!
मैंने उसकी बात नहीं मानी और ना बोल दिया.
उसने लंड को हिलाते हुए कहा- तुम बहुत सुंदर हो और सेक्सी भी हो. मुझे तुम जैसी संस्कारी औरत और इंडियन चूत चोदना बहुत पसंद है. मैंने नामित से तेरे लिए बात की है. तभी तो नामित ने मुझे बताया है कि उसने कैसे तुझे चोद डाला है.
मैं उसकी बात सुनकर गर्म हुए जा रही थी.
उसने आगे बोला- मुझे पता है कि तुमने अब तक सिर्फ अपने पति से और नामित से ही चुदाई करवाई है. मैं आज तुमको चोदने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ. तुम जो बोलोगी, मैं वो करूँगा.
मैं सिर्फ उसको सुन रही थी और अपनी वाइन का मजा ले रही थी.
डेविड बोला- अगर तू बोलेगी तो जितना पैसा मांगेगी, मैं तुमको दे दूंगा.
मैं उससे पैसे की बात से नहीं मानने वाली थी. हां मुझे चुदना तो था, पर अगर वो सीधे मुझ पर चढ़ जाता, तो मैं भी बिछ जाती. लेकिन वो साला ऐसा नहीं कर रहा था. इसलिए मैं भी थोड़ा मजा ले रही थी और खुद को कन्ट्रोल करते हुए कुछ नहीं बोल रही थी.
मैं बस मन ही मन मुस्कुरा रही थी और अपनी स्कर्ट से झांकती टांगें उसको दिखाए जा रही थी. ये सब देख कर उससे कन्ट्रोल नहीं हो रहा था. उसने मुझे गाली देते हुए कहा- बोला- साली अभी चुदवाएगी या नहीं?
मैंने ना में सर हिलाया, तो बोला- साली मेरे को पता है … तेरा बेटा भी आया है. उसे तेरे और नामित की चुदाई के बारे में सब बता दूंगा.
यह सुनते ही मेरी गांड बिना लंड डाले ही फट गयी और मैं डर गई, मैंने उससे ‘नो नो …’ कहा, तो इससे उसकी हिम्मत बढ़ गयी और वो सीधे मेरे मम्मों को अपने हाथों में ले कर मसलने लगा और मेरे गले को अपनी जीभ से चाटने लगा.
मेरी चूत तो पहले ही गर्म थी. उसका हाथ लगते ही चूत पानी छोड़ने लगी. तभी बाहर घंटी बजी तो मैं डर गई कि कहीं विराट और नेहा तो कोई नहीं आ गए. मैं झट से रूम में भाग गई और डेविड ने जाकर दरवाजा खोला.
मैंने अन्दर से झांक कर देखा तो बाहर नामित था. मैं बाहर आई और देखा कि नामित के साथ एक और आदमी था. वो तो नामित से भी छोटा था, करीब 27 साल का रहा होगा. वो नामित जैसा ही एकदम गोरा था.
नामित बोला- ये डेविड का दोस्त है … इसका नाम निक है.
डेविड ने नामित को डांटते हुए बोला- तू बहुत गलत टाइम में आया.
नामित ने बोला- अरे कुछ नहीं सर अभी सब मिलकर मजे करेंगे.
वे सब मुझे घूरने लगे. अब मुझे डर लगने लगा तो नामित ने बोला- कुछ नहीं जान … बस आज तेरी जमकर कुटाई होगी और तुझे कई तरह के मजे मिलेंगे. हम तो तेरी दो साल से ना चुदी हुई चूत की कसर पूरी करेंगे.
तभी डेविड सर ने बोला- सबसे पहले मैं काम करूँगा … आधा तो कर ही चुका हूं और अभी मैं इसकी मदमस्त जवानी को देख कर बहुत गर्म हूँ.
इस पर नामित और निक एक साथ बोले- सर हम भी गर्म हैं, चलो सब साथ ही खेलते हैं.
ऐसे बोलते हुए निक ने मेरी टाइट स्कर्ट से उभरती हुई गांड में एक चपत लगाई और बोला- आह … क्या गांड है इसकी.
अब डेविड ने मुझे पीछे से कसकर मेरे मम्मों को पकड़ लिया और अपने लंड को मेरी गांड के छेद में फिट करते हुए सीधे मुझे उठा लिया. अब मेरी गांड के छेद में मुझे डेविड का दस इंच वाला मूसल लंड चुभता सा महसूस हो रहा था. साथ ही मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ रहा था. डेविड बहुत ही कठोरता से मेरी चूचियों को मसल रहा था. उसने मेरे शरीर को समझो, मेरी चूचियों के दम पर ही पकड़ कर ही उठा रखा था.
मेरे मुँह से ‘छोड़ो मुझे …’ यही आवाज़ निकल रही थी. वो मुझे यूं ही उठाए हुए बेडरूम में ले जाने लगा.
तभी निक बोला- अरे सर हमारी मुर्गी को लेकर कहां चले?
इस पर नामित बोला- अरे सर, उधर कहां जा रहे हो आप?
डेविड- मैं इसे बेडरूम में ले जा रहा हूँ.
नामित बोला- बेडरूम क्यों … यहीं आओ सोफे में, हम भी तो है … हमारे लौड़े में भी तो आग लगी हुई है.
डेविड ने मुझे वहीं बेड पे पटक दिया और मेरी स्कर्ट उठा दी.
मुझे पता था कि मेरी चूत बहुत पानी छोड़ चुकी है. मेरी पेंटी एकदम गीली हो चुकी है. डेविड ने मेरी कच्छी हटा दी और अपनी दो उंगलियां सीधे अन्दर तक घुसेड़ दीं. उसकी मोती उंगली घुसते ही मैं चिहुंक उठी ‘अअअह … ओहह … ऊम्म …’
अब तक निक ने मेरे होंठों को अपने होंठों से लगा दिया था, वो मुझे लंबे चुम्बन देने लगा. उधर नामित मेरे टॉप को निकाल कर मेरे मम्मों को चूस रहा था. नीचे डेविड ने मेरी चुत में अपना मुँह लगा दिया था और वो मेरी चूत चूस रहा था. मेरे हर अंग की चुदाई से मुझे बहुत आनन्द आ रहा था. मैं अपने हाथों से नामित के लंड को सहला रही थी क्योंकि वहां पर एक वही लंड था, जो मुझे अपना सा लग रहा था.
अब मेरे होंठों की लंबी चटाई के बाद निक ने अपना मुँह हटाया और मेरे कपड़े उतारने लगा. उधर डेविड अभी भी लगातार मेरी चूत को चूस रहा था और हाथ से मेरी चूत और मम्मों को सहला रहा था.
अब इस चारों तरफ के मेरी मुँह से सिसकारियां निकल रही थी- अअहह … उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्म्म्म …. उफ़्फ़!
मैंने नामित के लंड को जोर से पकड़ा और स्पीड से हिलाने लगी. नामित भी जोर जोर से मेरे मम्मों को चूसने लगा. इस सबमें लगभग 20 मिनट तक मुझे चुदाई के पहले की धुआंधार गर्म करने के खेल में मेरा पानी छूट गया.
अब मैं उन तीनों के सामने पूरी नंगी सोफे में रंडियों की तरह अपने पैर फैलाये चिकनी चुत दिखाते लस्त पस्त पड़ी थी.
मेरे सामने तीनों मर्द अपने लंड अपने हाथों में लिए मेरे को घेर कर खड़े थे. मेरी आंखें खुल बंद हो रही थीं … क्योंकि मेरे पति ने मुझे कभी न तो मसला था और ना ही मेरी चूत को अपने हाथ या मुँह से छुआ था. मेरे पति तो सिर्फ मेरी साड़ी उठा कर अपना लंड निकाल कर चूत में धक्के मारते, अपनी धार मारते और सो जाते थे. मैं भी चुदाई का यही मतलब समझने लगी थी, यह सब कुछ मजे मैं जानती ही नहीं थी.
अब तो मैं डेविड की दीवानी हो गयी थी. उसका कसा हुआ काला शरीर मुझे बहुत पसंद आ रहा था.
मुझमें अब भी बहुत गर्मी थी, क्योंकि एक तो दवाई का असर था. ऊपर से बियर और वाइन भी पी ली थी. मुझे सच में दो साल के बाद जिंदगी में ऐसा मजा मिला था. मुझे बचपन से ही विदेश और विदेशी बहुत पसंद रहे हैं.
अब तो मैं कब चुदूँ, ऐसा ही लग रहा था.
वो तीनों फिर से शराब पीने लगे और उन तीनों ने सिगरेट सुलगा ली थीं.
निक ने मेरे मुँह को अपने हाथों से खोला और उसमें शराब टपकाने लगा और फिर अपने होंठों से मेरे होंठों को चूसने लगा. इसके बाद उसने मेरे होंठों के बीच सिगरेट फंसा दी मैंने एक लम्बा कश खींचा तो मुझे खांसी आ गई.
निक मेरे दूध सहलाते हुए मेरी खांसी को रोकने का प्रयास करने लगा. मेरी आंख बंद हो चुकी थीं.
अब डेविड ने कहा- मैं इसके पूरे मजे लेना चाहता हूँ … मुझे 2 घंटे के लिए पूरी तरह ये अकेली चाहिए.
निक और नामित ने ‘ठीक है …’ कहा और फुल वॉल्यूम में डिस्को डांस वाला गाना चला दिया. वे दारू पीते हुए मुझे और डेविड को देखने लगे. मैं भी गाने से जोश में आ गयी थी और डेविड ने अपना लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया. उसका दस इंच का मूसल लंड मेरे पूरे मुँह को फाड़ रहा था. हम दोनों बिस्तर पर 69 पोजीशन में थे, तो वो अपनी जीभ और उंगली से मेरी चूत को कुरेद रहा था. साथ ही वो एक हाथ से मेरी गांड को मसल रहा था.
मैं अब स्वर्ग का आनन्द महसूस कर रही थी. मुझे यह सब किसी सपने जैसा लग रहा था. अब उसका लंड मेरे मुँह से निकाल कर मेरी चुत के आसपास घूमने लगा. मेरी वासना अब चरम की तरफ बढ़ने लगी थी. इस वक्त मैं भी अपने कन्ट्रोल से बाहर हो रही थी.
मैंने उसे गाली देना शुरू कर दिया और कहा- आह … मादरचोद मत तड़पा … ऐसे तो सारी जिंदगी तड़पी हूँ … अब नहीं तड़फा …. डाल दे रे भोसड़ी के!
इस वक्त नामित मेरे पेट और मम्मों को अपनी जीभ से चाट रहा था. उन दोनों ने डेविड की बात को भुला दिया था. मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई रुई से शरीर को सहला रहा है. मस्ती में अब मेरी आंख बंद ही चुकी थीं. अचानक डेविड ने एक धक्का मारा तो मेरी चीख के साथ आंख खुल गयी. उसके एक धक्के में उसका लगभग 6 इंच लंड मेरी टाइट चुत को चीरता हुआ अन्दर घुस आया. उसके मूसल लंड के घुसते ही मेरे मुँह से तेज आवाज निकल गई- आह … अअहह … माँआ … मर गई … उफ़्फ़ …
तभी निक ने अपने होंठ मेरे होंठ पे रख दिये और जीभ मेरे मुँह में अन्दर डाल दी. नामित मेरे बूब्स मसलने लगा. मैं सिर्फ छटपटा रही थी. तभी डेविड ने फिर से धक्का मारा और अब उसका 2 इंच लंड और अन्दर घुस गया. मैं चीखी तो डेविड रुक गया.
मुझे उसका लंड अपनी चूत की जड़ में लगता हुआ सा लगने लगा था. तभी डेविड बोला- जान मज़ा तो अब आएगा … आज तक तक तूने 8 इंच से बड़ा लंड नहीं लिया होगा, इसलिए तेरी चूत सिर्फ इतनी ही फटी है, अब अन्दर की सील टूटेगी, तब देखना.
मुझे उसकी ये सब बातें सुनाई तो दे रही थीं, पर मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था … क्योंकि एक तो मैं नशे में थी, ऊपर से निक और नामित मुझे इस तरह चाट और मसल रहे थे कि उनकी वजह से मैं कामवासना में डूबती जा रही थी.
अब डेविड ने थोड़ा सा अपना लंड निकाला और एक जोर का धक्का मार दिया. उसका लंड सीधे मेरी बच्चेदानी को छू रहा था, जो मुझे गड़ता सा महसूस हो रहा था. मैं इस बार के प्रहार से और जोर से चिल्लाने लगी- अअअई मरररर गई रे … साले ने फाड़ दी … आह मार डाला ऊऊफ़्फ़ … अब नहीं अअहह … उहह!
तभी वो उतना ही लंड अन्दर बाहर करने लगा और फच्च फच्च की आवाज़ पूरे घर में गूंजने लगीं. कुछ ही देर में मेरी चूत को मजा आने लगा. हालांकि मुझे दर्द हो रहा था लेकिन नशे के कारण मुझे मीठा मीठा मजा आने लगा था. साथ ही नामित और निक अपनी चटाई और मसलाई करके मेरी वासना को और बढ़ा रहे थे.
मैं ऐसा आनन्द ज़िन्दगी में पहली बार ले रही थी. मुझे बिल्कुल भी होश नहीं था और अब डेविड ने स्पीड बढ़ा दी और चुदाई के कारण मेरी आवाज और तेज हो गयी थी. मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था, इसलिए कमरे में बड़ी तेज आवाज ‘फच्च फच्च फक फक घप घप घचघच …’ गूँज रही थी. मैं भी ‘ऊऊहह अअअहह ओहह … उफ़्फ़ …’ करने लगी.
मेरे मजे का कोई ठिकाना नहीं था. मेरी किसी विदेशी मर्द से चुदने की पुरानी ख्वाहिश आज पूरी हो रही थी. अब मुझे मेरे बेटे का या किसी और का डर नहीं रहा था. इधर डेविड ने मेरी दोनों टांगें अपने कंधों पर रखी और मुझे लगातार पेलता रहा. मैं बिस्तर के किनारे पर पड़ी डेविड के लम्बे लंड से चुदे जा रही थी.
तभी निक ने ज़मीन पर लेट कर मेरी गांड में एक धक्का दिया और अपना 8 इंच का लौड़ा मेरी गांड में पेल दिया. इससे मुझे बहुत तेज दर्द हुआ … क्योंकि इससे पहले ज़िन्दगी में नामित ने कल रात ही मेरी गांड पहली बार मारी थी. कल भी दर्द बहुत हुआ था.
आज तो मेरे दोनों छेदों में लंड घुस जाने से मैं चीखने लगी- ऊफ़्फ़फ़ अअहह … ओहह … नहीं रे … बाहर निकाल ले भोसड़ी के!
पर वो दोनों लगातार धक्के मारे जा रहे थे और मेरे दोनों छेदों को ठोके जा रहे थे.
तभी नामित ने मुझे चिल्लाते देख झट से एक ही बार में अपना पूरा लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया और मेरा मुखचोदन करने लगा. वो मुँह में लंड पेलने के साथ मेरे निप्पलों को भी मसलते हुए सहला रहा था.
अब मैं और डेविड झड़ने वाले थे और फच्च फच्च की आवाज़ बदल कर अब लिक लिक लिक की आवाज आने लगी. मेरा बहुत सारा माल छूटा और तभी डेविड के लंड का माल भी निकल गया. मैं उसके गर्म माल से चूत की परपराहट से स्वर्ग का आनन्द महसूस करके शांत हो गयी थी.
इसके बाद डेविड ने अपना लंड निकाला और मेरी चूत चाटने लगा. पर निक अभी भी लगातार मेरी गांड मार रहा था.
मेरी चूत साफ करने के बाद डेविड उठकर कपड़े पहनने लगा, तो निक ने भी मेरी गांड से अपना लंड निकालकर मेरी चूत में घुसेड़ दिया और धक्के मारने लगा. मैं इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी. इस वक्त मेरी झड़ी हुई चुत में दूसरे लंड के धक्के मुझे अब घायल कर रहे थे. लेकिन निक लगातार चुदाई की स्पीड बढ़ाने लगा. उसने थोड़े ही टाइम में मेरी चूत में ही अपना माल छोड़ दिया और खुद मेरे ऊपर ढेर हो गया.
दो पल बाद निक ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर खींचा तो मेरी चूत भोसड़ा बन चुकी थी. उसने वहां पड़ी वाइन की बोतल मेरी चुत में डाल दी और वाइन को चूत में भर दिया. इसे बाद वो वाइन उगलती मेरी चूत को चाटने लगा.
मैं अपने मुँह से कुछ आवाज़ नहीं निकाल पा रही थी क्योंकि नामित लगतार मेरा मुखचोदन कर रहा था.
मेरी चूत में वाइन डालकर पीने के बाद अब निक भी खड़े होकर तैयार होने लगा.
तभी नामित भी मेरे मुँह में ही अपना माल छोड़ दिया. आज पहली बार मैंने मुँह में किसी का माल पिया था, मुझे इस वक्त थक जाने के कारण भूख लग आई थी. इसलिए नामित के लंड का माल खाना मुझे बहुत अच्छा लगा.
लंड रस खाने के बाद मैं वहीं नंगी चित पड़ी रही. तभी मैंने देखा डेविड ने नामित को कहा- यार बड़ा मस्त माल थी. तेरा प्रमोशन पक्का हो जाएगा … मैं इसे फिर से चोदने आऊँगा, अभी मेरी बीवी मुझे फ़ोन कर रही है, तो जा रहा हूँ.
वो चल पड़ा तो निक ने भी बोला- सच में बे, तेरी माल बड़ी मस्त है … सचमुच चुदाई में मजा आ गया. अब मैं भी चलता हूं … इस रंडी को कभी मेरे को अकेले में देना … साली को दिल से खुश करूँगा. इसको कुतिया बना कर चोदूँगा. आज तो मुझे जाना होगा.
यह कह कर वो भी चल पड़ा. मैं अभी भी वैसी ही नंगी चुदी पिटी पड़ी थी.
उधर नामित भी कपड़े पहनने लगा. वो मुझसे बोला- जाओ डार्लिंग, तुम भी जाकर अपने रूम में सो जाओ. माँ और विराट आने वाले होंगे … तुम कपड़े पहनकर ही सोना. मैं भी अपने रूम में सोने जा रहा हूँ.
मुझमें चलने की हिम्मत नहीं थी, तो मैंने उससे बोला- नामित मुझे सहारा दे … मेरे रूम में मुझे पहुंचा दे.
उसने मुझे गोद में उठाकर रूम में ले जाकर बेड पे पटक दिया और चला गया. मैं कम्बल ओढ़ कर सो गई. पर मुझे ये पता था कि मेरी दवाई का असर खत्म नहीं हुआ है और मेरी आग अभी बुझी नहीं है. मुझे नामित से लंड खाने की उम्मीद थी, पर वो तो जा चुका था.
अब आगे क्या होता है … ये आगे कहानी में पता चलेगी.
मुझे मेल करते रहिएगा.
आपको आपकी निशा का गर्मागर्म चुम्मा ऊऊम्मआह!
विराट और निशा
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