मैंने कैसे एक आंटी की गांड मारी? इस कहानी में पढ़ें कि मैं आंटी को चोद चुका था पर वो ना लंड चूसती थी ना गांड मरवाती थी. मैंने ये सब कैसे किया?
दोस्तो, कैसे है आप सब!
आप सभी ने मेरे पिछली कहानी
समीना की अधूरी प्यास
को इतना ज्यादा प्यार दिया, उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद. अब तो ऐसे लगने लगा है कि मैं खुद आपके सबके लौड़े हिलवा दूंगा और लड़कियों की चूत में तो खुद ही आकर उंगली कर दूंगा.
कई लोगों ने मुझसे समीना का नंबर मांगा जो कि गलत है. समीना की दुविधा का समाधान अभी भी नहीं हुआ है, जिसके बारे में मैंने आपको पिछली सेक्स कहानी में बताया था.
खैर … जैसा कि मैंने आपसे वादा किया था कि मैं आपको आगे की सेक्स कहानी जरूर बताऊंगा.
तो आज मैं आपको बता रहा हूँ कि समीना को मैंने ब्लोजॉब और अनाल सेक्स के लिए कैसे मनाया.
बहुत से लड़के सेक्स के दौरान जबरदस्ती अपनी पार्टनर की गांड में या मुँह में अपना लंड ठूंस देते हैं … जो बहुत ही गलत होता है.
मेरे और समीना के बीच एक बार ऐसा ही अवसर आया.
उस दिन हम दोनों चुदाई में मग्न थे. एक बार सेक्स करने के बाद मैं समीना के साथ बिस्तर में लेटा हुआ था.
मैंने धीरे से समीना का हाथ अपने लौड़े पर रख दिए. उसके स्पर्श से मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा था और दो ही मिनट में एकदम टनटना उठा.
चूंकि मैं समीना की चूत बहुत बार मार चुका था … इसलिए आज मेरा उसकी चूत चोदने का मन नहीं था.
मुझे उसकी गांड में लंड पेलने का मन हो रहा था.
पर समीना ने आज तक अपनी ज़िन्दगी में सिर्फ वैजिनल सेक्स ही किया था. लौड़ा मुँह में लेने में या गांड में लेने के मज़े से वह अब तक अनजान थी.
जबकि मैं औरत के इन तीनों छेदों में लौड़े का वीर्य न गिरा दूँ, तब तक सेक्स को पूरा ही नहीं मानता हूँ.
समीना को लंड चूसने के लिए मनाना टेड़ी खीर जैसा था.
मैंने उससे कई बार बोला था, पर उसे लौड़ा मुँह में लेना अच्छा नहीं लगता था और गांड में लेने में उससे डर लगता था.
मगर मैं भी पूरा ज़िद्दी था. मुझे पता था कि समीना को चॉकलेट बहुत पसंद है. चॉकलेट उसकी कमज़ोरी है.
उस दिन मैं पहले से ही न्यूट्रेलाइट की लिक्विड चॉकलेट की बड़ा वाला पैक लाया था.
मैंने उससे आंख बंद करने को कहा और उसने हामी भर दी.
इसके बाद मैंने समीना की आंखों पर पट्टी बांध दी.
फिर अपने पूरे लौड़े पर और गोलियों पर चॉकलेट अच्छे से लगा दी. आप यूं समझो मैंने अपने गुप्त अंगों को चॉकलेट में डुबो ही दिया था.
अब चॉकलेट से सना हुआ अपना लौड़ा मैं उसके मुँह के पास ले गया.
चॉकलेट की सुगंध से समीना पागल हो गयी और मेरे लौड़े को पकड़े बिना ही चूसने में लग गई.
उसे थोड़ी देर बाद समझ आया कि वह मेरा लौड़ा चूस रही थी. पर चॉकलेट की वजह से वह लंड चूसती रही.
मैं भी पूरा मदहोश होकर उससे अपना लौड़ा चुसवा रहा था.
मेरे जिन दोस्तों ने अपना लौड़ा चुसवाया है, वह जानते ही होंगे कि लंड चुसवाने से बड़ी जन्नत किसी को नहीं मिल सकती.
समीना को वीर्य पीना पसंद नहीं था … उसने कभी लौड़ा ही नहीं चूसा था तो वीर्य पीने का सवाल ही नहीं था.
पर आज वह जिस तरह से लंड चूस रही थी … उससे मेरा वीर्य जल्दी ही निकलने को हो गया.
मगर मैंने सोचा आज अगर मैं वीर्य बाहर निकाल देता हूँ, तो समीना मेरा वीर्य कभी नहीं पिएगी.
मैंने आह करते हुए अपने लौड़े का रस उसके मुँह में ही निकालना शुरू कर दिया.
चार पांच पिचकारियों में मैंने अपना गर्म गर्म वीर्य समीना के मुँह में ही निकाल दिया.
वह भी चॉकलेट के साथ मेरा वीर्य भी पी गई.
जब तक उसे समझ में आया, तब तक देर हो चुकी थी.
समीना खांसने लगी पर मैंने उसे पानी पिलाया और कहा- कोई बात नहीं … बस हो गया.
समीना ने मुझे चार गालियां बक दीं और हंसने लगी.
बस उस दिन के बाद से जब भी मेरा मन ब्लोजॉब का करता था, मैं चॉकलेट को लौड़े पर लगा कर समीना से लंड चुसवा लेता था.
धीरे धीरे मैंने चॉकलेट लगाना कम कर दिया था और समीना ऐसे ही मेरा लौड़ा चूस देती थी.
मैं हर बार नयी नयी चीजें लगा कर उससे लौड़ा चुसवाता था. जब जब वह मेरा लौड़ा चूसती थी, तो मैं उसके मुँह को पकड़ कर गले तक धक्के मार कर उसके मुँह में ही अपना वीर्य गिरा देता था. अब समीना को भी मेरा वीर्य पिए बिना नींद नहीं आती थी.
हमारी सेक्स जोड़ी अच्छी चल रही थी.
अब बस मुझसे समीना की कुंवारी गांड मारना ही बचा था.
मैंने उससे कई बार उसकी गांड मारने की इच्छा ज़ाहिर की थी … पर वो हर बार मना कर देती थी.
एक दिन समीना की सहेली रीता उससे मिलने आई थी.
जब मैं उसके घर से निकल ही रहा था तभी रीता ने मुझे देख लिया था.
रीता मुझे वासना भरी नज़रों से देख रही थी क्योंकि वह भी अधेड़ उम्र की ही थी.
हालांकि उसका फिगर समीना से अच्छा था, पर समीना पूरी गोरी थी और रीता सांवली थी.
खैर … अगली बार जब मैं समीना को डॉगी स्टाइल में चोद रहा था … तो समीना ने मुझसे पूछा- क्या तुम मेरी गांड मारना पसंद करोगे?
मैंने अचानक से ये सुना तो रुक गया और मैंने उसकी चूत में धक्का देना बंद कर दिया.
मुझे लगा कि समीना मुझसे मज़ाक कर रही है.
मैंने उससे पूछा- आज पश्चिम से सूरज कैसे उग रहा है?
उसने हंस कर कहा- मैं तुम्हें अपनी गांड मारने दूंगी … पर बदले में तुम्हें मेरी सहली रीता की चूत चोदनी पड़ेगी.
इस बात का मतलब ये था कि उस दिन रीता ने मुझे देख कर मुझसे चुदने का फैसला कर लिया था.
हालांकि मैं सिर्फ गोरी औरतों की ही चूत चोदना पसंद करता हूँ, पर समीना की गांड मारने की उम्मीद में मैंने उसकी सहेली की चुत चुदाई के लिए हां कर दी.
रीता की सांवली चूत मैंने कैसे मारी, वो मैं आपको इस सेक्स कहानी में आगे थोड़ा सा बताऊंगा. आज तो समीना की गांड चुदाई का मजा लीजिएगा.
मैंने जल्दी जल्दी समीना की चूत में अपना वीर्य निकाला और अगली बार उसकी गांड मारने का वादा लेकर चला गया.
अगली बार मैं पूरी तैयारी से आया था. मैं अपने साथ ऑलिव आयल की पूरी शीशी लाया था.
फ्रेंड्स, जिस किसी को भी औरत की गांड मारनी हो … वह ऑलिव आयल ही ख़रीदे, यह सबसे बढ़िया लुब्रीकेंट है.
फोरप्ले की बाद मैंने समीना की चूत एक बार मिशनरी में चुत मारी.
फिर उसे पलटा कर उसकी गांड में खूब सारा ऑलिव आयल गिरा दिया. फिर अपनी उंगली को गांड के छेद में अन्दर बाहर से किया.
समीना की आह निकलना शुरू हो चुकी थीं. उसे कहां अंदाज़ा था कि गांड मारने में उसे दिन में तारे दिखने वाले हैं.
मैंने अपने लौड़े पर खूब सारा तेल गिराया … और ‘जय हो चूत चमेली की …’ बोल कर उसकी गांड में धीरे धीरे लंड डालना शुरू कर दिया.
अभी थोड़ा सा ही लौड़ा गांड में गया था कि समीना चीखने लगी- आह निकालो … बहुत दर्द कर रहा है.
मैंने लौड़ा निकाल दिया और उससे उसकी कसम के बारे में याद दिलाया. मैंने उसे कामवर्धक गोली और पैन किलर दे दी … ताकि उसे दर्द कम हो और वह मूड में आ सके.
फिर थोड़ी देर उसके बड़े बड़े स्तनों को चूसकर, उसकी गर्दन को चूम कर, उसकी क्लाइटोरिस को रगड़ कर उसे गर्म किया.
जब वो तैयार हो गई तो इस बार मैंने उसे जोर से पकड़ा और आधा लौड़ा उसकी गांड में पेल दिया. लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर किया.
वह लंड घुसते ही चीखी तो सही, पर अब उसे भी अपनी गांड मरवानी थी तो उसने लौड़ा झेल लिया.
मैंने उसे चूमते हुए लंड अन्दर बाहर करना चालू रखा.
बहुत से लौंडे जोश में एक बार में ही गांड में लौड़ा ठूंस देते हैं. इससे लड़कियों को दर्द होता है क्यूंकि उनकी गांड फट जाती है और खून भी आता है.
पर मैंने ऐसा कुछ नहीं किया था. धीरे धीरे लंड गांड में अन्दर बाहर करते करते अब मेरा तीन चौथाई लौड़ा अन्दर जा चुका था.
समीना को भी दर्द कम हो गया था और उसे मज़ा आने लगा था.
मैंने थोड़ी देर ऐसे ही संयम बनाए रखा और धीरे धीरे अपना पूरा लौड़ा उसकी गांड में डाल दिया.
लड़कियों को मैं यह बताना चाहूंगा कि वो अपनी जिंदगी में एक बार गांड ज़रूर मरवाएं.
आपको जितना मज़ा चूत मरवाने में आएगा, उससे ज्यादा गांड मरवाने में आएगा.
मैं इसलिए बोल रहा हूँ कि उसके बाद समीना ने मुझसे अपनी गांड कई बार मरवाई.
कई कई बार तो मैं समीना की मुँह और गांड की ही चुदाई करता था.
चूंकि समीना अब 40 साल की हो चली थी इसलिए उसकी चूत अब बहुत जल्दी सूख जाती थी. मुझे चाट चाट कर या लुब्रीकेंट लगा कर ही उसकी चुत को चोदना पड़ता था.
समीना की एक नौकरानी भी थी, जो कई बार मुझे समीना को चोदते हुए देख चुकी थी.
मैंने उसे भी चुदाई देख कर अपनी चूत में उंगली करते देखा था.
एक बार जब समीना चुदाई के बाद सो गई थी, तो मैंने नीचे जाकर उस नौकरानी को भी चोद दिया था.
पहले तो उसने मना किया था, पर मैंने फिर उसे कहा- तुमको मैंने चुत में उंगली करते देखा है और तुम्हारी ये बात मैं तुम्हारी मालकिन को बता दूंगा कि तुम हमारी चुदाई देख कर अपनी चूत में उंगली करती हो.
वह समीना से काफी जवान थी, इसलिए मैं उसे हर हाल में चोदना चाहता था.
मेरी बात सुनकर वो चुदने के लिए राजी हो गई.
मैंने उसे जमीन में लिटाया और उसकी साड़ी ऊपर करके बिना फोरप्ले किए अपना लौड़ा उसकी चूत में उतार दिया.
हम दोनों को जल्दी थी कि कहीं समीना जग न जाए … वरना हम दोनों की ही चुद जाती.
उसकी चूत पहले से ही गीली थी. मैंने उसके छोटे छोटे स्तनों को ब्लाउज की ऊपर से ही जोर जोर से पकड़ कर दबाया और अपना लौड़ा अन्दर बाहर करता रहा.
वह आह निकाल रही थी … पर मैंने उसका मुँह दबा दिया … ताकि समीना तक ऊपर आवाज़ न चली जाए.
वह भी अपनी चूत उठा कर बराबर मेरा साथ दे रही थी.
दस मिनट धकापेल चुदाई के बाद मैंने उसकी चूत में ही अपना माल गिरा दिया.
एक दिन पहले ही उसका मासिक हुआ था, इसलिए कोई डर नहीं था. ऐसा उसने मुझे बताया था.
ऐसे ही अब मैं समीना की गांड और मुँह में अपना लौड़ा डाल कर उसे चोद देता था. अब उसकी नौकरानी की चूत में अपने लौड़े से चुदाई करने लगा था.
समीना इस बात से अनजान थी कि मैं उसकी नौकरानी की चूत भी मार रहा हूँ. हालांकि उसे मेरे कभी ना ख़त्म होने वाली वासना का अंदाजा था.
अपनी शर्त की अनुसार समीना की गांड के बदले मुझे उस सांवली रीता की भी चुदाई करनी थी.
एक बार समीना मुझे बिना बताए रीता को अपने घर बुला लाई.
समीना की ख्वाहिश थी कि मैं रीता को उसके सामने ही चोदूं.
वह मुझे दूसरी औरत को चोदते हुए देखना चाहती थी.
उधर रीता तो बस मेरे लंड से चुदने का इंतज़ार ही कर रही थी.
जैसे ही समीना ने इशारा किया, वह खुद ही मेरे ऊपर झपट पड़ी. उसने सीधे मेरी पैंट में हाथ डाल दिया और मेरे लौड़े को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया.
मैं कुछ करता, इससे पहले ही उसने मेरी पैंट को नीचे करके मेरे लौड़े को मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
मुझे ऐसा लगा कि वह सालों से लंड की प्यासी थी.
उसे लौड़े की बेहद भूख थी. पर समाज के डर की वजह से वो बेचारी किसी लंड को सैट ही न कर पाई थी.
मेरा वीर्य पीने के बाद मैंने भी उसके स्तनों से बहुत खेला.
मैं उसकी काली चूत चाटना नहीं चाहता था और शायद वह और इंतज़ार भी नहीं करना चाहती थी.
मैंने सीधे एक ही झटके में रीता की चूत में अपना लौड़ा उतार दिया.
रीता जोर से चीख पड़ी. वह बोली- धीरे चोद मादरचोद … पांच साल से इस चूत में बस गाजर मूली ही गया है … लौड़ा नहीं.
मुझे उसका गाली देना अच्छा नहीं लगा, पर समीना को किया वायदा निभाना भी था. इसलिए मैं लौड़ा उसकी चूत में अन्दर बाहर करके उसके स्तनों को दबाता रहा.
समीना भी चुदाई का ये रंगीन नज़ारा देख कर अपनी चूत में उंगली कर रही थी. समीना इस समय एकदम नंगी होकर अपनी चुत का पानी निकालने की कोशिश कर रही थी.
मेरा तो 15 मिनट बाद रीता की चूत में ही माल निकल गया था. पर रीता की प्यास नहीं बुझी थी.
उसने फिर से गाली देना शुरू कर दिया- भोसड़ी वाले, समीना क्या क्या बोलती थी तेरे बारे में … और तू इतनी जल्दी बह गया मादरचोद … अपनी बहन को घर से चोद कर आया था क्या … जो बह गया.
मैं उसे कैसे बताता कि मैं उसकी तरफ आकर्षित ही नहीं हुआ था. मुझे तो गोरी औरतें चोदना ही पसंद है.
पर इस तरह उसने मेरे मर्दानगी को गाली दी, तो मैंने लंड चुसवा कर दुबारा से उसे कुतिया बना दिया और बहुत जोर जोर से चोदा. उसकी चूत फाड़ने की कोशिश की.
शायद उसको भी यही चाहिए था. वो बोली- हां बेटीचोद … ऐसे ही चोद … आह फाड़ दे मेरी चूत को. साली ने पांच साल तक गांड में डंडा कर रखा है. असली लौड़े से चुदने का मज़ा ही कुछ और है. पहले कहां गांड मरा रहा था तू मादरचोद.
मैं कुछ न बोलते हुए उसकी चूत की धज्जियां उड़ाने में ही लगा रहा.
इसके बाद वह मेरे ऊपर चढ़ गई और खुद ही लंड चुत में फंसा कर गांड ऊपर नीचे करने लगी. उसे काबू करना बड़ा मुश्किल काम लग रहा था.
लेकिन कुछ ही देर में मेरा पानी भी निकल गया और समीना का भी निकल गया, पर इस भैन की लवड़ी काली भैंस रीता का पानी नहीं निकला.
मैं भी तब तक उसे चोदता रहा … तब तक उसके भोसड़े का पानी नहीं निकल गया.
रीता अब थक कर निढाल होकर लेट गई.
समीना ने मुझे चूमा.
मैंने बाद में एक बार रीता की गांड भी मारी. रीता ने मुझसे अपनी कई सहेलियों को चुदवाया. वो सब बीस पच्चीस साल की जवान लड़कियां तो थी नहीं. साली सब तीस से पैंतालीस साल की अधेड़ उम्र की औरतें थीं.
हालांकि आज भी मेरी ख्वाइश है कि मैं किसी जवान लड़की की चूत को भी एक बार ज़रूर चोदूं. मगर अब तक कोई गदर माल मिला ही नहीं.
यह सारी सेक्स कहानी समीना की बेटी को हमारी चुदाई देखने की पहले की है. समीना आज भी दुखी है कि उसकी बेटी उससे बात नहीं कर रही.
मैंने उसकी बेटी को पटाने की कई बार कोशिश की है, पर उसने मुझे अपनी मां को चोदते हुए देख लिया था, तो वह मुझसे तो नहीं ही चुदेगी.
आप लोगों के पास इस समस्या का कोई इलाज हो, तो मुझे कृपया मेल करके बताएं.
आपका समीर
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