टीचर सेक्स स्टोरी: मैडम की चुदाई

टीचर सेक्स स्टोरी: मैडम की चुदाई

मेरा नाम रोहित है। मैं लखनऊ उत्तर प्रदेश से हूँ और मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ।

दोस्‍तो, मेरी यह कहानी आज से दो साल पहले की है जो मैं आपको भेज रहा हूँ। बात उस समय की है जब मैं नया नया अपने कॉलेज में गया था। वहाँ मेरी मुलाकात एक मैडम से हुई जिनका नाम शोभा था।

मैंने जानबूझ कर मैडम का नाम बदल दिया है। शोभा मैडम मेरी क्लास में भी पढ़ाती थीं। उस रोज वे दिखने में बहुत सेक्सी लग रही थीं। शोभा मैडम के हुस्न के बारे में जो कुछ भी कहा जाए वो कम है। एकदम गोरी चिट्टी, हसीन और कामुक एकदम। उनका फिगर 34-32-38; कुल मिला कर उनकी खूबसूरती किसी को भी अपने रूपपाश में जकड़ सकती थी।

वो मुझे पहले ही नजर में भा गयी थीं। मैं उनकी क्लास रोज अटेंड करता था। क्‍लास में बैठे बैठे कभी कभी मैं शोभा मैडम की खूबसूरती को एकटक निहारा करता था। मेरा ध्‍यान पढ़ाई से हट कर उनके बदन की एक एक कटाव पर चला जाता था।

एक रोज की बात है मैडम ने मुझे ताड़ लिया। उस रोज उन्‍होंने मुझे कई बार उनको घूरते हुए पकड़ा। वह क्‍लास में तो कुछ नहीं बोलीं, बस हँस कर रह गयीं।

दूसरे रोज फिर मुझे घूरते पकड़ कर उन्‍होंने मुझसे मेरा नम्‍बर मॉंगा। मैं तो एकदम से घबरा गया था; मैंने सोचा पता नहीं क्‍या बात हो गयी; मैंने डरते डरते मैडम को अपना नम्‍बर दे दिया।
दिन भर तो कुछ नहीं हुआ मगर रात को करीब 11 बजे मेरी मोबाइल पर एक नम्‍बर से कॉल आयी। मैंने फोन उठाया। उधर से मैडम बोल रही थीं। पहले तो उन्‍होंने मुझे बहुत टीज़ किया। मेरी हरकतों के लिए मुझे डांट पिलायी।

फिर उन्‍होंने पूछा- तुम मुझे कब से क्‍लास में घूरते हो?
मैं बोला- जब से मैं आपकी क्‍लास में आया हूँ। तभी से आपको देखे बिना मुझे चैन नहीं पड़ता। आपको देखते ही मैं सबकुछ भूल जाता हूँ।
फिर वह हँस कर बोलीं- अच्‍छा।
उसके बाद उन्‍होंने फोन काट दिया।

उस रात मैडम से बात होने के बाद मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।

अगले दिन मैं क्‍लास में गया। उस रोज जब शोभा मैडम की क्‍लास आयी तो पढ़ाते पढ़ाते वो मुझे बार बार देखती थीं। फिर हँसते हुए चेहरा घुमा लेती थीं। मैं भी इस तरह उनको जवाब देने लगा। इस प्रकार करीब 20 दिन तक सिलसिला चला।

एक रोज फिर रात को करीब 11 बजे उनका फोन आया। थोड़ी देर तक वो मुझसे बातें करती रहीं इधर उधर की।

अचानक उन्‍होंने पूछा- तुम्‍हारी कोई कॉलेज में गर्लफ्रेण्‍ड है क्‍या?
मैंने कहा- नहीं।
इस पर उनको एकदम विश्‍वास नहीं हुआ।

उन्‍होंने कहा- बातें मत बनाओ। तुम इतने स्‍मार्ट हो और तुम्‍हारी कोई गर्लफ्रैण्‍ड नहीं है। यह मैं मान नहीं सकती।
फिर उन्‍होंने थोड़ा रुक कर कहा- मुझे अपना गर्लफ्रैण्‍ड बनाओगे?
मैं तो एकदम सन्‍न रह गया, मैं बोला- सोचता हूँ।
इसके बाद कुछ बातें करके उन्‍होंने फोन रख दिया।

फिर अगले दिन जब मैं क्‍लास में पहुँचा तो मैडम का अन्‍दाज बिल्‍कुल अलग था। वह मुझ से एकदम अलग तरीके से व्‍यवहार कर रही थीं।

इण्‍टरवल में जब मैं क्‍लास से बाहर निकला तो उन्‍होंने मुझे अपने आफिस में बुलाया। मैं थोड़ा अन्‍यमनस्‍क सा था। कमरे में पहुँचने पर मैडम ने थोड़ी देर इधर उधर की बात की।
फिर एकदम से पूछा- तुमने कल रात के बारे में क्‍या सोचा?
मैंने अचकचा कर कह दिया- हाँ।
मैडम चहक कर बोली- आई लव यू, रोहित।

उसके बाद मैडम ने आफिस में ही मुझे अपने बाँहों में भर कर किस किया। मैं तो एकदम सन्‍न रह गया। मुझे लगा कि कहीं कोई आ न जाए क्‍योंकि परदा उठा कर कोई भी व्‍यक्ति कमरे में आ सकता था। मैंने अपने आप को आहिस्‍ते से मैडम की बांहों से अलग किया और कमरे से बाहर निकल गया।

फिर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा। शोभा मैडम कॉलेज में मुझे जब तब किसी न किसी बहाने से अपने कमरे में बुला लेती थी और हम लोग आपस में बात किया करते थे।

एक रोज रात को करीब 11:30 बजे मैं सोने की तैयारी कर रहा था, तभी मैडम का फोन आया।
“मेरे रोहित, क्‍या कर रहे हो?”
“कुछ नहीं, बस सोने की तैयारी कर रहा हूँ।”
“आओ, मेरे पास सो जाओ.” मैडम के मुँह से यह बात सुन कर मैं एकदम पागल हो गया।

मैडम ने फिर पूछा- आज तक कभी सेक्‍स किए हो?
मैंने कहा- नहीं!
मैडम ने कहा- मैं तुम्‍हें सेक्‍स करना सिखाऊँगी। कैसे करते हैं सब सिखाऊँगी।

मैं तो अवाक सा रह गया। मगर मैडम बिना संकोच सबकुछ बोलती जा रही थी। पहले तो मैडम जैसे जैसे कहती जा रही थी, मैं वैसे वैसे करता जा रहा था। फिर बाद में मैं भी खुल गया। मैडम उत्‍तेजित होकर अजीब अजीब सी आवाज निकाल रही थी जो मुझे मोबाइल पर सुनाई पड़ रही थी। मेरी भी उत्‍तेजना बढ़ती जा रही थी। मैंने भी बिना कुछ लिहाज किए मैडम को फोन पर उनकी तरह से ही जवाब देना शुरू कर दिया।
करीब 40 मिनट तक फोन सेक्‍स के बाद मैडम ने अगले दिन स्‍कूल में मिलने का वायदा करके फोन काट दिया।
फिर तो रोज राज को मेरे और मैडम के बीच फोन सेक्‍स चैट का सिलसिला चालू हो गया। करीब दो महीने तक ऐसे ही चलता रहा।

एक रोज मैडम ने मुझे अपने घर खाने पर बुलाया। मैं समझ गया कि आज तो कुछ होने वाला है इसलिए मैं भी पूरी तैयारी के साथ 2 डिब्बी कंडोम का खरीद कर साथ में लेकर गया। रात को करीब 9 बजे मैं शोभा मैडम के घर पहुँचा। घर के बाहर लगी डोर बेल बजाने पर मैडम घर के बाहर निकली। मैडम के हुस्न को देख कर मैं तो एकदम पागल हो गया। मेरा मन हो रहा था कि उसी समय मैडम को पेल दूँ। उन्‍होंने उस समय ब्लैक कलर की नेट वाली नाइटी पहनी थी। मैडम कपड़ों में एकदम हीरोइन लग रही थीं।

मैडम ने मुझे घर के अन्‍दर बुलाया। मैडम के पीछे पीछे उनके घर के अंदर मैं ऐसे जा रहा था जैसे मैं मैडम को कोई बहुत खास मेहमान हूँ।

थोड़ी देर बात करने के बाद अंदर डाइनिंग टेबल पर हम खाना खाने बैठे। वो मेरे लिए मटन बनाई थी। मैंने पहले मैडम को खिलाया। हम दोनों ने साथ मे ही खाना खाया। उसके बाद हम कुछ देर टीवी देखने लगे। उसके बाद मैडम मुझे अपने बेडरूम में ले गयीं। उनका बेड रूम बहुत आलीशान था।

मुझे बेड रूम में बिठा मैडम ने कहा- तुम यहीं बैठो, फिर वो मुझे कही बैठो, मैं 10 मिनट में नहा कर आती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है।

मैडम के बेडरूम में दस मिनट मैंने टीवी का चैनल बदलते हुए बिताये। दस मिनट बाद मैडम जब बेडरूम में वापस आयी तो वे केवल तौलिये में थी। मैडम को देख कर मेरे तो होश ही उड़ गये। वो मुझे देख कर मुस्‍कुराई और अपने बेड पर उन्‍होंने मुझे बुलाया।

बेड पर जाते ही मैं खुद को रोक नहीं सका और मैडम को ताबड़तोड़ किस करना शुरू किया। करीब 10 मिनट तक लगातार किसिंग के बाद वह एक एक कर मेरे कपड़े उतारने लगी। मेरे बदन पर सिर्फ अण्‍डरवियर रह गया था।

मैंने मैडम के दोनों बूब्‍स दबाना और पीना शुरू कर दिया। बारी बारी मैडम के दोनों बूब्‍स को मैंने खूब चूसा।

उसके बाद मैं नीचे आ गया।
मैंने जब मैडम की चूत से तौलिया हटाया तो अंदर का नजारा देख कर एकदम दंग रह गया। मैंने मैडम की चूत को हाथ लगाया। मैडम ने आज ही चूत साफ की थी इसलिए मैडम की चूत एकदम चिकनी लग रही थी।
गुलाबी पंखुड़ी जैसी एकदम मस्‍त चूत देख कर मैंने देर न करते हुए सीधे उनकी चूत में अपना मुँह डाल कर चाटना शुरू किया।

शोभा मैडम के मुँह से अजीब अजीब सी आवाज निकल रही थी.. आ आह उई मर गई…
इससे मेरा जोश दुगुना होता जा रहा था।

फिर उसके बाद हम दोनों 69 पोजीशन में आ गये। मेरा लम्‍बा और मोटा लण्‍ड मैडम के मुँह में था और मैडम की चूत में मेरी जीभ हलचल मचा रही थी। मैडम पूरा मजा ले रही थी। उसके बाद हम दोनों अलग हुए।

मैं देर न करते हुए अपने लंड पे कंडोम लगा कर मैडम की चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा। वे एकदम तड़प रही थी, मैडम कह रही थी- जल्दी से पेलो, अब बर्दाश्त नहीं होता है।
मैंने एक धक्‍के के साथ मैडम की चूत में अपना आधा लंड पेल दिया। वो दर्द से एकदम चिल्ला उठी, मैडम कहने लगी- रोहित अपना लंड निकालो।

मगर मैं रुका नहीं। मैंने धीरे धीरे धक्‍का लगाना चालू रखा। फिर अचानक एक जोरदार धक्‍के के साथ मैंने अपना पूरा लंड मैडम की चूत में डाल दिया। इस बार वो बर्दाश्‍त के बाहर एकदम दर्द से चिल्ला रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… रोहित, अपना लंड निकालो! तुम्‍हारा लंड बहुत बड़ा है। आज तक इतना बड़ा मैं नहीं ली हूँ।

मगर मैं रुका नहीं और चूत में धक्का लगाता ही रहा। वो आह आह… उईईईईई मर गई आह आह करती रही और तरह तरह की आवाज निकालती रही। कुछ देर बाद जब उसको मजा आने लगा तो वो भी अपनी गांड उठा उठा कर साथ देने लगी।

कुछ मिनट के बाद जब मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है तो मैंने मैडम से पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो वो बोली- मेरे मुँह में!
मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल कर उंसके मुँह में पेल दिया। दो चार धक्‍का लगाने के बाद मेरा गर्म गर्म माल उसके मुँह में भर गया। वो मेरा पूरा माल गटक गयी।

फिर हम बेड पे पड़े रहे। करीब 20 मिनट बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। मैडम ने मेरे लंड में हरकत देखते ही उसके अपने मुँह में ले लिया। मैं सोच रहा था कि मैडम की चूत इतनी मस्त है तो गांड कैसी होगी। मैंने सोचा कि मैडम की गांड का भी मज़ा चखा जाये।
मैंने मैडम से कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है।
तो उन्होंने मुझे मना कर दिया, बोली- मैं आज तक किसी से मरवाई नहीं हूँ। बहुत दर्द होता है। मैं नहीं दे सकती।

मैंने जब ज्‍यादा जिद की तो वो मान गयी। मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा, वो घोड़ी बन गयी। मैंने वहीं पास में रखी क्रीम उसकी गांड में खूब सारी लगा ड़ी और अपने लंड पर भी चुपड़ ली।
फिर मैंने अपने लंड का सुपारा मैडम की गांड के छेद पर लगाया पर मेरा लंड अंदर नहीं जा रहा था। वो उधर खूब चिल्ला रही थी।

बहुत मेहनत के बाद मेरा लंड मैडम की गांड में चला गया। वो दर्द से एकदम चिल्ला रही थी। और कुछ देर बाद जब मेरा पूरा लंड उसकी गांड में गया तो उसकी गांड से खून आने लगा।
मैं एकदम घबरा गया लेकिन मुझे विश्वास हो गया कि मैडम ने आज तक कभी गांड नहीं मरवायी थी।

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया। मैंने अपना पानी मैडम की गांड में ही छोड़ दिया।

कुछ देर बाद हम उठे, फिर साथ में नहाए और एक बार बाथरूम में भी चुदाई की। ऐसे ही उस रात मैंने मैडम को 6 बार अलग अलग स्टाइल में चोदा।
यह सिलसिला चलता रहा।
फिर मैडम ने अपने कई सहेलियों को बाद में मुझसे चुदवाया।

मेरी यह कहानी आपके पसन्द आयी या नहीं, अपना जवाब जरूर भेजें।
धन्यवाद।
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