एक जवान सेक्सी लड़की की दोस्ती मेरे जीजू से थी. जीजू मेरे फोन से उसे फोन करते थे. एक बार मेरी बात उससे हो गयी और हमारी दोस्ती हो गयी.
हिंदी भाषा में देसी सेक्स कहानी की विश्वप्रसिद्ध साईट अन्तर्वासना पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं. मैं इधर प्रकाशित होने वाली हर सेक्स कहानी को बड़े ही चाव से पढ़ता हूँ और लगभग 6 से 7 साल से इस साईट से जुड़ा हुआ हूं.
मैंने कई बार सोचा कि मैं भी अन्तर्वासना पर अपनी सेक्स कहानी शेयर करूं. पर कभी मौका नहीं मिलता, तो कभी संकोच करके रह जाता.
अंतत: आज मैं अपनी जिंदगी की एक जवान सेक्सी लड़की की सच्ची सेक्स कहानी लिखने में सफल हो गया और इसे आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं.
मैं विक्की राजस्थान उदयपुर का रहने वाला हूं. मेरी उम्र 28 वर्ष है और दिखने में आकर्षक हूं. मेरी हाइट 5 फीट 4 इंच है.
मैंने अपनी अब तक की जिंदगी में कई लड़कियों और आंटियों को चोदा है.
आज से चार साल पहले मैं अपने जीजू के भाई की शादी में उनके घर गया हुआ था. मेरे जीजू मेरे साथ बिंदास बातचीत करते हैं. हम दोनों आपस में सेक्स आदि की चर्चा भी खुल कर कर लेते थे.
एक दिन उन्होंने किसी को कॉल करने के लिए मुझसे मेरा फोन मांगा तो मैंने अपना फोन उन्हें दे दिया.
उन्होंने किसी को फोन किया और कुछ देर बात करते रहे.
मुझे लगा कि वह अपने किसी दोस्त से बात कर रहे हैं.
उन्होंने उस दिन तीन-चार बार मुझसे फोन मांगा.
मैंने हर बार उन्हें अपना फोन दे दिया.
फिर अगले दिन भी उन्होंने मुझसे फोन मांग लिया.
उन्होंने बात करने के बाद फोन मुझे लौटा दिया.
जीजू ने जिसे कॉल किया था, कुछ घंटों बाद उसी नंबर से वापिस मुझे कॉल आया.
मैंने फोन अटेंड किया.
क्योंकि वह अननोन नंबर से फोन आया था तो मैंने हैलो बोला.
पर उधर से कोई जवाब नहीं आया.
मैंने फोन काट दिया.
कुछ देर बाद वापस उसी नंबर से कॉल आया.
मैंने वापस हैलो बोला, तो फिर कोई जवाब नहीं आया, मगर कॉल चालू रही.
अबकी बार मैंने बोला कि आपको किससे बात करनी है आप बार-बार फोन क्यों कर रहे हो?
उधर से आवाज आई. ये आवाज किसी लड़की की थी.
उसने मुझसे पूछा कि आप कौन हैं?
मैं बोला- मैं विक्की हूं.
उसने कहा कि इस नंबर से मुझे कॉल आया था.
मैंने सॉरी बोल कर फोन काट दिया.
फिर मैंने जीजू से कहा कि इस नंबर से कॉल आया था … क्या आपके लिए था?
उन्होंने वापस उस नंबर पर कॉल किया और उससे बात करने लगे.
मुझे समझ में आ गया कि दाल में कुछ काला है. मैंने फिर भी इतना ध्यान नहीं दिया.
उसी दिन रात को मेरे मन में मस्ती चढ़ी, तो मैंने उसी नंबर पर वापस कॉल किया.
सामने से उसी लड़की की आवाज आई. उस लड़की की आवाज बहुत ही अच्छी थी.
मैं उससे इधर उधर की बात करने लगा कि आप कौन हैं, कहां रहती हैं, आपने मुझे फोन क्यों किया था … आपने किससे बात की थी वगैरह वगैरह.
उसने मुझे बताया कि मैंने उनको फोन लगाया और उनसे बात कर ली थी. अब मुझे आपसे कोई बात नहीं करनी है.
मैं ओके कह कर फोन काटने लगा.
तभी उसने बोला- एक मिनट रुको. जो मुझे फोन करते हैं, वो आपके कौन हैं? मेरी उनसे बात कराओ.
उसने मुझसे मेरे जीजू के बारे में पूछना चाहा और बात करना चाहा.
मैंने उसको बोला कि वह सो गए हैं और अब रात बहुत हो गई है, उनको जगाना ठीक नहीं है. अब मैं फोन रखता हूं.
ये कह कर मैंने बाय करके फोन काटने लगा.
वो ‘एक मिनट ..’ कह कर चुप हो गई.
तो मैंने भी कह दिया कि अगर कभी टाइम मिलेगा, तो मैं आपको कॉल करूंगा, तब एक मिनट क्या, कई मिनट तक बात कर लेंगे.
इस पर उसने हां कहा और मैंने फोन काट दिया.
फिर मैं सो गया.
अगले दिन उस लड़की का कोई कॉल नहीं आया और मैंने भी कॉल नहीं किया.
शाम को मैं वापस अपने घर आ गया. अब मैं अपने घर से उस लड़की को कभी-कभी फोन लगा लेता था और इधर उधर की बातें करने लगा था.
वो भी मुझसे बात करने लगी थी.
उसके साथ बातचीत होने लगी, तो उसने एक दिन बातों ही बातों में बताया- मेरा नाम आशा (बदला हुआ नाम) है और मैं एक गांव की रहने वाली हूँ. पढ़ने के लिए शहर आई हुई हूँ और इधर मैं जिस कॉलेज में पढ़ती हूँ, उसी के हॉस्टल में रहती हूँ.
मैंने उससे बातचीत जारी रखी और उसके बारे में कुछ और जानने की कोशिश करने लगा.
उसने बताया कि मैं दो या तीन महीने में एक बार अपने घर जाती हूँ.
मैंने उससे पूछा कि तुमने उस आदमी से बातचीत करना कब से शुरू की थी, जो मेरे फोन से तुमसे बात करते थे और तुम्हारी उनसे बातचीत कैसे होना शुरू हुई थी?
तब उसने बताया कि किस तरह उसने मेरे जीजू से बात करना शुरू किया था.
उसके बताए अनुसार जीजू ने उससे प्यार मुहब्बत की बात करनी शुरू की थी.
इतनी सब बातें होने के बाद मैंने उससे पूछा कि तुमको मुझसे बात करके कैसा लगता है?
उसने हंस कर कहा- अच्छा लगता है.
अब हम दोनों कभी-कभी बात करने लगे.
मैंने उसको बताया कि जिस आदमी से तुम पहले बात करती थी, वो आदमी शादीशुदा है.
इस पर उसने कहा- हम दोनों सिर्फ फ्रेंड हैं और हमारे बीच में ऐसा कुछ भी नहीं है.
हमारी बात करते-करते लगभग 20 दिन हो गए थे.
हम दोनों फोन पर अच्छे फ्रेंड हो गए थे जबकि ना ही मैंने उसको देखा था और ना ही उसने मुझको देखा था.
धीरे-धीरे हम दोनों करीब आने लगे. हम दोनों को ही बात करने में एक मस्त सा अहसास होने लगा था.
फिर मालूम ही नहीं हुआ कि कब हम दोनों एक दूसरे से मुहब्बत करने लगे थे. हमारे बीच में अब एक दिन में 6 से 7 घंटे बात होने लगी थी.
एक दिन मैंने मौका पाकर उससे कहा कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूं.
उसने मुझसे भी यही कहा.
मैंने कहा- अगर तुमको मुझसे प्यार है … तो तुम उनसे बात करना छोड़ दो.
उसने कहा- मैंने उनसे पिछले पन्द्रह दिन से बात नहीं की है … क्योंकि मेरे पास अब समय ही नहीं रहता है. मैं सिर्फ आपसे ही बात करती हूं.
कुछ दिन निकल गए और हम अब धीरे-धीरे एक दूसरे से खुलने लगे.
अब तो दिन क्या, रात क्या, हम दोनों को जब भी समय मिलता, हम एक दूसरे को फोन कर लेते और घंटों तक बात करते रहते थे.
एक दिन मैंने उससे कहा कि फोन पर तुम्हारी आवाज कितनी प्यारी लगती है, जब आवाज इतनी मीठी और प्यारी है, तो तुम कितनी खूबसूरत होगी.
वह हंसने लगी और बोलने लगी- क्या मजाक कर रहे हो यार … मैं कोई खूबसूरत नहीं हूं.
जब उसने यार बोल कर मुझसे हंस कर बात की, तो मैं भी उसके साथ फ्लर्ट करने लगा.
हमारे बीचे कुछ सेक्स की बातें भी होने लगी थीं.
एक दिन मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे वो कितने बड़े होंगे?
वो बोली- क्या वो?
मैंने कहा अरे तुम्हारे विचार कितने बड़े होंगे.
मैं उसके साथ डबल मीनिंग में बात कर रहा था.
वो बोली- तुम मुझे उल्लू समझते हो क्या … मैं समझ गई कि तुम मुझसे क्या पूछ रहे थे.
मैंने हंस कर कहा- क्या पूछ रहा था, बताओ?
वो बोली- तुम मेरे वो पूछ रहे थे कि कितने बड़े होंगे.
मैंने कहा- हां मैं वही पूछ रहा था … बताओ न!
वो बोली- मार खाओगे.
मैंने कहा- अरे यार तुम्हारे विचारों के बारे में पूछना क्या कोई गलत बात है?
वो फिर से बोली- हां मुझे समझ आ रहा है कि तुम्हारे पूछने का मतलब क्या था.
मैंने कहा- अरे यार … मैंने क्या गलत पूछा. चलो यही सवाल तुम मुझसे भी तो पूछ सकती हो.
उसने बिना सोचे समझे पूछ लिया- हां बताओ तुम्हारा वो कितना बड़ा है?
मैंने कहा- वो बड़ा है या नहीं … ये तो तुम्हें मेरी संगत करने से ही मालूम पड़ेगा कि मेरे पास कितना बड़ा है.
वो- हट बदमाश … मुझे परेशान मत करो.
मैंने कहा- अरे इसमें क्या परेशान कर दिया. मैंने यही तो कहा है कि मेरी संगत करोगी, तभी तो तुम्हें मेरे विचार का अहसास होगा.
वो हंसने लगी और बोली- तुमसे मैं जीत नहीं सकती.
मैंने कहा- मेरी गारंटी है कि तुम मुझे हरा कर ही मानोगी.
वो फिर से हंस पड़ी- यार, यह सब क्या बोल रहे हो.
मैं उससे फिर से छेड़खानी करने लगा.
तो वो मुझसे बोली- तुम पागल हो.
मैंने भी कह दिया कि हां मैं तुम्हारे प्यार में पागल हो गया हूं.
एक दिन मैंने उससे पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है.
उसने साफ़ मना कर दिया- मैंने अभी तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया है.
मैंने पूछा- क्यों?
उसने कहा- मैंने अभी तक उनके बाद आपसे ही फ्रेंडशिप की है.
मैंने कहा- सिर्फ फ्रेंडशिप!
उसने कहा- नहीं, मैं अब आपसे प्यार करती हूं.
इसी तरह मैंने उससे धीरे धीरे चुदाई की हल्की फुल्की बात करना शुरू कर दीं. वो भी मेरे साथ खुलने लगी. हम दोनों अब रोज ही फोन सेक्स करने लगे.
एक दिन मैंने उससे पूछा- तुम्हारे चुचे कितने बड़े हैं … मुझे साइज बताओ न! क्या तुम्हारे बुब्स मेरी उंगलियों में आ सकते हैं या मेरे पूरे हाथ में आएंगे?
वो हंस कर बोली- मेरे बुब्स छोटे हैं.
मैंने उससे कहा- मैं तुम्हारे मम्मों को दबाना चाहता हूं.
वो- हां, मुझे भी बहुत इच्छा है.
मैंने कहा- मैं तुम्हारी चूत पर किस करना चाहता हूं.
वो- यार गर्म मत करो … मुझे तुम्हारी बहुत याद आने लगती है.
मैं उससे कहा- तुम्हारे शरीर पर कपड़े अच्छे नहीं लग रहे हैं … सारे कपड़े उतार कर बात करो.
उसने पूछा- क्या तुमने उतार रखे हैं?
मैंने कहा- हां, मैं तुमसे बात करते हुए अपना लंड हिला रहा हूँ.
वो बोली- मैं भी अपने कपड़े उतारना चाहती हूँ मगर मैं तुम्हारे हाथ से ही अपने सारे कपड़े उतरवाना चाहती हूं.
मैं- मैं अभी तुम्हारी ब्रा और पैंटी भी उतार दूंगा.
वो- नो यार … मुझे शर्म आती है.
मैंने कहा- देखो, अब मैं धीरे-धीरे तुम्हारी पैंटी भी उतार रहा हूं.
ये सुनकर उसकी सांसें तेज होने लगीं.
मैंने उससे पूछा- तुम्हारे हाथ कहां पर हैं.
वो बोली- तुम बताओ कि तुम्हारे हाथ मेरी पैंटी में क्या कर रहे हैं!
मैंने कहा- मेरा हाथ तुम्हारी मुनिया को प्यार कर रहा है. तुम्हारे हाथ क्या कर रहे हैं?
वह बोली- मैं कुछ भी नहीं कर रही हूँ!
पर उसकी चुदासी आवाज से मैं समझ गया कि वह अपनी चूत को सहला रही है.
मैंने उससे कहा कि मैं तुमसे मिलना चाहता हूं.
उसने कहा- हां मैं भी बहुत तड़प रही हूं … तुम मुझे बहुत तड़पाते हो. मैं तुमसे बहुत जल्द मिलूंगी.
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ … क्यों तड़फ रही हो?
वह बोली- कुछ नहीं … एक तो मुझे गीला कर दिया और पूछ रहे हो कि क्यों तड़फ रही हूँ.
मैं समझ गया कि उसकी चुत ने पानी छोड़ दिया है. इधर मैं भी अपने लंड को सहलाने लगा और मुठ मारने लगा.
कुछ ही देर में मेरे लंड का भी पानी निकल गया.
दोस्तो, अब इस सेक्स कहानी में मुझे उसकी चुदाई होने की उम्मीद जगने लगी थी.
मैं आपको अगले भाग में लिखूंगा कि मेरी जीजू की सैटिंग की कुंवारी चुत को मैंने कैसे चोद दिया.
आपको ये जवान सेक्सी लड़की की सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल करें.
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जवान सेक्सी लड़की की कहानी जारी है.