जिम में सैट हुई भाभी की जमकर चूत चुदाई- 1

जिम में सैट हुई भाभी की जमकर चूत चुदाई- 1


देसी भाभी Xx कहानी में पढ़ें कि कैसे ज़िम में मेरी दोस्ती एक युवा भाभी से हुई. मैंने एक बार उसे अन्तर्वासना साईट पढ़ते देखा तो हम आपस में खुल गए. बात आगे बढ़ी.
फ़्रेंड्स,
मेरा नाम पंकज है और मैं गुजरात के वलसाड शहर में रहता हूँ.
हालांकि मैं पिछले दस साल से पुणे में एक सॉफ़्टवेयर कंपनी में सॉफ़्टवेयर इंजीनियर की हैसियत से जॉब करता था.
फिर कोरोना में लॉकडाउन के बाद अभी वर्क फ़्रॉम होम कर रहा हूँ.
अभी मैं अपने होमटाउन वलसाड में 2 साल से रह रहा हूँ.
वलसाड बहुत बड़ा शहर नहीं है, पर बहुत छोटा भी नहीं है.
मेरा परिचय, मेरी उम्र 34 साल की है और मेरी शादी हो चुकी है. मेरी लंबाई 5 फुट 7 इंच की है और मैं अपने लंड की मालिश बहुत पहले से करता रहता था, तो उसकी लंबाई 7 इंच और गोलाई साढ़े पांच इंच की है.
मेरे लंड पर उभरी हुई रगों का आकार साफ दिखाई देता है.
मैं अपनी पहली सेक्स कहानी लिख रहा हूँ.
मुझे आशा है कि आप सबको पसन्द आएगी और आप इस देसी भाभी Xx कहानी को सबके साथ शेयर करेंगे.
इस सेक्स कहानी में मैंने लिखा है कि कैसे मैंने जिम की एक भाभी की धमाक़ेदार चुदाई की है.
मेरी सेक्स लाईफ़ काफ़ी अच्छी चल रही थी.
पर कहते है ना कि एक से किसी का मन नहीं भरता.
खैर … वलसाड में करने के लिए पुणे जितना कुछ है नहीं … पर फिर भी मुझे एक मस्त अनुभव हुआ था.
दरअसल मुझे एक्सरसाइज़ करना काफी अच्छा लगता है.
तो मैंने इधर एक जिम जॉइन कर लिया था.

जिम में मेरे काफ़ी दोस्त बन गए थे और उनसे चर्चा भी खुल कर होने लगी थी.
मैंने उनमें से एक को अन्तर्वासना की कहानी के बारे में बताया था तो वह मुझसे कुछ ज्यादा ही खुल गया था.
धीरे धीरे सबको सेक्स कहानी की बातों में मजा आने लगा था और जिम में सेक्स कहानी के बारे में चर्चा की जाने लगी थी.
हम अडल्ट सोच वाले लौंडों का एक ग्रुप बन गया था.
सब एक दूसरे को चूत दिलाने की सैटिंग की बात करने लगे थे.
तभी उसी दौरान एक लड़की ने जिम जॉइन किया.
उसका फ़िगर आंखों को ठंडक देने वाला था, उसका फ़िगर 36-34-38 का था.
मैंने उसको परख लिया था कि ये एक महीने में और भी ज्यादा कड़क माल बन जाएगी.
उसके दूध बहुत बड़े मस्त गोल आकार के थे और गांड का उभार भी बड़ा मस्त लग रहा था.
एकदम उफ़्फ़ वाली आवाज निकाल देने वाली उसकी गांड बबल बट थी.
उसकी गांड देखते ही मन होने लगता था कि अभी उसके दोनों हाथों को पकड़ कर उसे दीवार से चिपका दूँ और उसकी गांड में लंड पेल दूँ.
वो कहते हैं न कि बिना मेहनत के कुछ नहीं मिलता है, उसी आधार पर मैंने उसको सैट करने की मेहनत चालू कर दी थी.
उसने जिस ट्रेनर के अंडर ट्रेनिंग लेना शुरू की, उसी ट्रेनर के अंडर मैंने भी ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी.
ट्रेनर भी समझ गया कि मैंने कुछ दूसरे इरादे से ही उसे जॉइन किया है.
उसने भी मेरा काम आसान कर दिया. उसने हम दोनों को एक साथ ट्रेनिंग देने का कहा.
मैं उसकी बात से खुश हो गया कि चलो पहली सीढ़ी तो चढ़ ली.
अभी हमारी दोनों की आपस में जिम में सामान्य बातें होना शुरू हो गई थीं.
बातों से ही मुझे उसका नाम पता चला था.
उसका नाम मानसी था. वह 28 साल की शादीशुदा महिला थी और सामान्य हाउस वाइफ़ है.
उसके पति की एक होलसेल अनाज की दुकान है और वे उसी में ही बिजी रहते थे.
मानसी को घूमना फिरना ज्यादा पसंद था पर वह अक्सर फ़ैमिली ट्रिप पर ही जाती थी.
यह उसे उतना अच्छा नहीं लगता था.
वह हमेशा किसी भी चीज को लेकर इतना उत्तेजित नहीं रहती थी.
इन्हीं सब वजहों से उसको अपनी लाईफ़ एकदम फीकी और बिना कोई मसाले वाली लगती थी.
एक दिन उसने जिम में हम सबको अन्तर्वासना की कहानी की बात करते हुए सुन लिया था.
वह अकेले में मुझसे पूछने लगी- तुम सब लड़के किस बात को लेकर इतना डिसकस करते रहते हो … मुझे भी तो बताओ कि ऐसी क्या बात करते रहते हो?
मैं थोड़ा अचकचाते हुए बोला- कुछ नहीं बस लड़कों की बातें … इधर उधर की.
मानसी मुस्कराती हुई बोली- अच्छा, क्या बातें और किसकी बातें करते हैं … कहीं मेरी तो नहीं ना?
मैं थोड़ी हिम्मत दिखाते हुए बोला- नहीं … यह तो अन्तर्वासना की कहानी के बारे में होती हैं.
मानसी- अच्छा … और यह अन्तर्वासना क्या है?
मैं- उसे आप सर्च करेंगी, तो खुद ही सब पता चल जाएगा.
यह कहते हुए मैंने उसे आंख मार दी.
उसने उसी वक्त अपना मोबाइल निकाला और मेरे सामने ही सर्च किया.
पॉर्न साइट देखते ही वह चौंक गई और ग़ुस्सा हो गई.
मानसी- यह सब क्या सर्च करने को कहा … कोई मेरे फ़ोन में देख लेता तो क्या समझता!
उसने फ़ोन बंद कर दिया.
मैं- मैंने पहले ही कहा था कि ये लड़कों की बातें हैं. ठीक है छोड़ो सब … आओ अब वर्कआउट करते हैं.
मैंने बात को टालते हुए स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की.
फिर हम दोनों ने अपनी कसरत करनी शुरू की और मैं उसी कसरत में व्यस्त हो गया.
थोड़ी देर बाद देखा तो मानसी कुछ दूर एक कोने में अकेली खड़ी थी और वह अपने मोबाइल में कुछ बहुत ध्यान से पढ़ रही थी.
उसको पता नहीं था, पर उसकी टाइट हो चुकी चूचियां और अपने दोनों पैरों से चूत को दबाने की वजह से साफ़ पता चल रहा था कि वह कुछ ऐसा देख रही है, जिससे उसकी हवस बढ़ रही है.
मैं समझ गया कि यह सेक्स कहानी का कमाल है.
तब मैं अन्दर ही अन्दर खुश हुआ कि चलो, अब यह चुदाई के लिए जल्दी सैट हो जाएगी.
फिर मैं उसका ध्यान खींचने के लिए जानबूझ कर उसके क़रीब को गया और उसके मोबाइल में झांक कर देखते हुए मैंने कहा- इतना ध्यान से क्या देख रही हो मैडम जी?
यह कहते हुए मैंने उसके मोबाईल को अपने हाथ से पकड़ कर खींचा.
वह मोबाइल को अपनी ओर खींचती हुई और घबराती हुई कहने लगी- क…कुछ नहीं … कुछ नहीं देख रही.
हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और वह वापस एक मशीन पर वर्कआउट करने लगी.
मैंने भी आओनी कसरत पूरी की.
बीच बीच में मैंने जानबूझ कर उसके चूतड़ों और मटके जैसी गांड को घूरना शुरू किया.
उसने काफ़ी बार मुझे घूरते हुए पकड़ा भी, फिर भी उसने कुछ प्रतिकिया नहीं दी.
मैं समझ गया कि यह थोड़ी और मेहनत और अच्छी प्लानिंग से मेरे लंड की दीवानी बन जाएगी.
फिर एक सप्ताह ऐसे ही निकल गया.
अब वह अन्तर्वासना की कहानी को पढ़ पढ़ कर खुल चुकी थी और चुदासी दिख रही थी.
उसकी हवस और कामना साफ़ दिखती थी. उसकी चूचियां हमेशा टाइट दिखने लगी थीं और गांड कुछ ज्यादा ही कसी हुई रहने लगी थी.
ये सब देख कर मुझसे भी रहा नहीं जाता था.
कसरत के बहाने मैं भी अपना लंड उसकी गांड में पीछे से रगड़ देता और वह मुझे अपना लंड रगड़ने भी देती थी.
इस सबसे मुझमें और हिम्मत आ गयी थी.
अब हमारे बीच दोस्ती कुछ और गहरी हो गई थी.
हम दोनों ने एक दूसरे को इंस्टा पर फॉलो कर लिया था और फ़ेसबुक पर फ्रैंड रिक्वेस्ट भेज कर स्वीकार भी कर ली थी.
हमारे फोन नंबर भी आपस में बदल गए थे.
कुछ दिन बाद वह जिम नहीं आयी तो मैंने उसे फ़ोन किया.
मानसी ने कहा- मैं अभी ज्यादा बिजी रहने लगी हूँ. घर के काम काज में और सीज़न की वजह से पति के साथ दुकान पर काम ज्यादा हो गया है.
मैंने ओके कहा और फोन काट दिया.
फिर मौका देख कर मेरे दिमाग़ में तुरन्त ही एक प्लान आया. मैंने उसके घर जाने की सैटिंग शुरू कर दी.
मैंने उसे वापस फोन लगाया और कहा- पर आप घर पर वर्कआउट करते रहना, वर्ना आपकी बॉडी फिर से पहले जैसे हो जाएगी और सब मेहनत पानी में मिल जाएगी.
मानसी- अकेले नहीं कर पा रही हूँ यार, इतनी एनर्जी भी नहीं रहती.
मैं- कोई बात नहीं, आप मुझे बोल देना … मैं आपका साथ देने आ जाऊंगा.
अपने मन में खुश होते हुए मैंने उससे यह बात कही.
मानसी- आप इतना क्यों करोगे मेरे लिए? आप जिम में ही मशीनों के साथ अपनी कसरत करें … मैं अपना देख लूँगी.
मैं- ऐसा कुछ नहीं है यार, मैं जिम में वर्कआउट करके आपके साथ स्ट्रेचिंग कर लूँगा. इससे हम दोनों का काम हो जाएगा.
थोड़ी देर बात करने के बाद और मेरे मनाने समझाने पर मानसी शायद मेरे इरादे को भांप गई थी.
वह मान गई और उसने दो दिन बाद शाम को 6 बजे आने को कहा.
मैं खुश हो गया और सेफ़ साइड चलने के नजरिए से मैंने कंडोम और सेक्स टाइम बढ़ाने की गोली भी ले ली थी कि कहीं ज़रूरत पड़ जाए, तो ये सब काम में आ जाएगा.
दो दिन बाद मैं उसके घर पहुंचा और उसके घर की घंटी को बजा दिया.
मानसी ने दरवाज़ा खोला.
उसने लो-नेक टी-शर्ट और हाफ़ टाइट लैगी पहनी हुई थी.
क्या मस्त नजारा था.
तनी हुई चूचियां और उठी हुई गांड जलवा दिखा रही थी.
मैंने मन में तो सोचा कि काश मैं इसे यहीं पटक कर चोद सकता.
फिर उसने मुझे अन्दर बुलाया.
मैं अन्दर जाते हुए कहने लगा- बहुत दिनों बाद आपको देख कर काफी अच्छा लगा.
मानसी मुस्कराती हुई बोली- हां मुझे भी.
मैं इधर उधर देखते हुए कहने लगा- घर पर कोई नहीं है क्या?
मानसी- हां आज सब शादी में गए हैं … और 2-3 दिन बाद आएंगे.
मैं- अरे … आप क्यों नहीं गईं?
मानसी- नहीं, मेरा मन नहीं था इसलिए मैंने तबियत ठीक नहीं होने का बहाना कर दिया.
मैं समझ गया कि यह सब अन्तर्वासना की कहानी का कमाल है और आज उसकी चुदाई होकर रहेगी.
उसने जल्दी से जमीन पर योगा मैट बिछाई और मैंने भी पानी पीने के बहाने सेक्स की गोली खा ली.
फिर कुछ मिनट की स्ट्रेचिंग के बाद मैंने हिम्मत की और कहा- आप यह लेग स्ट्रेच बराबर नहीं कर पा रही हो. मैं हेल्प कर देता हूँ.
मैंने उसको पीठ के बल सीधा लेटा दिया और उसकी दायीं टांग को पकड़ कर उठा दिया.
फिर मैंने उसकी जांघ पर हाथ फिराना शुरू कर दिया.
उसकी तरफ़ से कोई प्रतिरोध नहीं था.
कुछ देर बाद मैंने दायीं टांग नीचे रखा.
अब बायीं टांग उठाया और सहलाने लगा.
उसने कुछ नहीं कहा.
इससे मेरी हिम्मत और बढ़ी.
मैंने उसे खड़ा कर दिया और कहा कि आप अपने पैर को बिना मोड़े अपने हाथ से पैर के अंगूठे को टच करें.
वह जब झुकी, तो मैं आगे की ओर खड़ा हो गया और उसकी चूचियों को देखने लगा.
उसने ढीला अपर पहना था, जिसकी वजह से मस्त दूध दिख रहे थे और मेरे से रहा नहीं जा रहा था.
वह भी मुझे अपनी चूचियां देखते हुए देख कर समझ गई थी.
मैं- आप जिस तरह से अपने पैर मोड़ रही हो, वैसा नहीं करते!
ऐसा कहते हुए मैं मानसी के पीछे चला गया और उसकी कमर को सहलाते हुए कहा कि और झुको थोड़ा.
इससे उसकी गांड चौड़ी हो गई और चूत बाहर को निकल आई.
मैंने भी अपना मोटा लंड उसकी चूत पर सैट कर दिया.
इस वजह से वह थोड़ी हिचकिचायी और आगे पीछे होने लगी.
मैंने उसको पकड़ कर कहा- हिलो मत … कुछ नहीं होगा.
उससे वह मान गई और लौड़े से सट गयी.
मैंने उसकी चूत पर लंड को सैट करते हुए उठाया और 60 सेकंड्स के लिए फिर से झुका कर अपने पैर के अंगूठे को पकड़ने को कहा.
वह मेरे लौड़े से सट कर झुकी, जिससे मेरा लंड सीधा उसकी चूत के नीचे दोनों टांगों के बीच में फंस सा गया.
चूत के गर्म स्पर्श से मेरा लंड कड़क होने लगा और वह उसकी चूत को भी चुदासा करने लगा.
मैं उसकी गांड को हल्का सा सहलाने लगा.
थोड़ी ही देर में मेरे लंड पर उसकी चूत की गर्मी का अहसास बढ़ गया और देसी भाभी Xx गर्म होने लगी.
मैंने उसी पोज़ीशन में अपने लंड को उसकी गांड में सटाए रखा.
फिर उसको सीधा किया और उसकी पीठ को अपने सीने चिपका कर खड़ी कर दिया.
अब मेरी सांसें उसकी गर्दन पर लग रही थीं.
फिर मैंने उसके दोनों कंधों से सहलाते हुए उसके हाथों को अपने हाथों से पकड़ कर ऊपर उठाया और ऐसे ही रख कर स्ट्रेच करने को कहा.
मैं उसके हाथों को ऊपर से नीचे लेकर कमर तक सहलाने लगा.
वह भी अपनी गांड को टाइट करके जैसे मेरे लंड को खींच रही हो, वैसा करके साथ देने लगी.
मैं इधर उसको दोनों हाथों से कमर से ऊपर तक सहलाने लगा और बीच बीच में उसके मम्मों को छूने लगा.
वह भी पीछे से अपनी गर्दन को मेरे होंठों के पास लाने लगी.
मैं उसकी कमर को सहलाते हुए उसके पेट और नाभि को सहलाने लगा और धीरे धीरे उसके मोटे गोल मम्मे को दोनों हाथों में भर के सहलाने लगा.
हम दोनों सब भूल कर यह सब करते हुए एकदम से मदहोश थे.
मम्मों को सहलाने की वजह से मानसी हल्की हल्की सी कामुक सिसकारियां भी लेने लगी थी.
कुछ मिनट के बाद मैंने उसकी चूत को थोड़ा गीला सा महसूस किया और होश सम्भालते हुए उसे सहलाना बंद कर दिया.
मैं उसे कुछ और तड़पाना चाहता था कि जब तक वह अपने मुँह से मुझे चोदने के लिए नहीं कहे, तब तक उसे उत्तेजित करते रहना चाह रहा था.
मैं- चलो आज के दिन के लिए इतना काफ़ी है … बाकी कल वर्कआउट करेंगे.
मानसी हवस भरी नजरों से भर्राई हुई आवाज में कहने लगी- बाक़ी बॉडी का वर्कआउट कौन कराएगा?
यह कहते हुए उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और अपनी चूत पर रख कर दबा दिया.
उसकी चूत काफ़ी गीली हो गई थी.
मानसी- और न तड़पाओ पंकज, मुझे अपने मोटे लंड से चोद दो … मुझसे रहा नहीं जा रहा. कितने दिनों से मेरी चूत तुम्हारे लंड के लिए तड़प रही है.
मैंने बिना रुके उसको अपनी ओर खींचा और उसके होंठों पर किस कर दिया.
अपने हाथ को उसके हाथ से छुड़ा कर उसकी चूचियां दबाने लगा.
क्या मस्त मस्त सॉफ़्ट मम्मे थे उसके!
वह भी साथ देती हुई मादक सिसकारियां लेने लगी.
मैं वैसे तो शांत स्वभाव का हूँ, पर सेक्स की उत्तेजना में सब भूल जाता हूँ और किसी की नहीं सुनता.
मैंने जल्दी से उसकी टी-शर्ट और लैगी को निकाल दिया और ब्रा भी हटा दी.
उसके जिस्म पर अब सिर्फ़ पैंटी बची थी.
मैंने एक हाथ उसकी कमर के पीछे से डाला और उसकी गांड को जोर से दबाते हुए अपने लंड पर धकेलने लगा.
मैंने एक हाथ से उसके एक मम्मे को जोर से दबाया … जिससे उसकी कामुक सिसकारियां और तेज़ हो गईं.
वह जोर जोर से किस करने लगी.
कुछ मिनट के बाद मैंने उसके बालों को खींच कर उसकी गर्दन पर किस करना शुरू किया और जीभ से उसकी गर्दन को चाटने लगा.
उसके खारे पसीने के स्वाद से मैं भी मदांध हो गया और जोर से उसके बालों को खींच कर उसकी गर्दन को और करीब लेकर इधर उधर चाटने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने उसके बालों को छोड़ दिया और एक दूध को हथेली में भर कर जोर से मसल दिया.
उसकी आह्ह निकल गई.
फिर मैंने उसके मम्मों के आजू-बाजू को जोर जोर से दबाया जिससे उसकी दोनों चूचियां एकदम से बाहर को आ गईं.
मैं फिर से अपने होंठों से उसके एक निप्पल को चूसने लगा.
वह अह्ह अह्ह अह्ह करती हुई जल बिन मछली की तरह तड़पने लगी और मुझे रूम में ले जाने लगी.
उसकी तड़प इतनी बढ़ गई थी कि रूम में जाते ही उसने अपनी पैंटी उतार कर फेंक दी और पूरी नंगी हो गयी.
मैं उसकी कसी हुई चूत से पानी निकल कर जांघों पर बहते हुए देख रहा था.
अब तक मैं समझ गया था कि इसकी चूत 2-3 इंच से बड़े लंड से नहीं चुदी होगी.
उसने अपने चूत की अच्छे से सफ़ाई की हुई थी, जिससे उसकी चूत मस्त चिकनी … और उभरी हुई लग रही थी.
उसकी पकौड़ी सी फूली हुई चूत को देख कर मैं और ज्यादा पागल हो गया.
उतने में ही वह झट से मेरी पास को आई और उसने एक झटके से मेरी टी-शर्ट को निकाल दिया.
वह घुटनों के बल बैठ गई और उसने मेरे लोअर को नीचे करते हुए मेरी टांगों से बाहर निकाल दिया.
मानसी ने मेरे तने हुए लौड़े को देखा, तो वह डर मिश्रित हर्ष से कहने लगी- यह तो कितना लंबा और तगड़ा लंड है.
मैं- अरे कोई नहीं, आज से मैं तुमको भी मोटा लंड लेने लायक़ बना दूंगा.
मानसी- आज के बाद मेरी चूत … चूत कहां रहेगी, उसका तो भोसड़ा बन जाएगा.
उसकी मासूमियत भरी इस बात से मुझे हंसी आ गई और वह भी अपनी बात से खुद ही हंसने लगी.
दोस्तो, सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको मानसी की चूत का भोसड़ा बनाने वाली चुदाई की पूरी घटना सुनाऊंगा.
आप मुझे अपने मेल व कमेंट्स से बताएं कि आपको इस देसी भाभी Xx कहानी में कितना मजा आ रहा है.
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