Xxx बस सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक दिन मुझे सूझा कि मैं लोकल बस में सफर करके अपने जिस्म से मर्दों को ललचाऊँगी. टॉप स्कर्ट पहनकर मैं लोकल स्टॉप पर आ गयी.
यह कहानी सुनें.
आप सबने मेल के जरिये अपना बहुत सारा प्यार मुझे दिया इसके लिए आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद।
आप सभी मेरे बारे में जानते तो हैं ही … मगर अपने नये पाठकों के लिए मैं फिर से अपना परिचय दे देती हूँ।
मेरा नाम फेहमिना इक़बाल है, मैं 28 साल की एक खूबसूरत लड़की हूँ।
मेरा फिगर 34B 28 36″ है।
तो दोस्तो, मेरी पिछली कहानी
कोरोना काल में सामूहिक चुदाई
में आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने अपने पड़ोसी धीरू अंकल और उनके दोस्तों के साथ सेक्स किया था और अपनी चूत और गांड की आग शांत की थी.
जिसने मेरी पुरानी कहानी नहीं पढ़ी है वो ऊपर दिए लिंक पर क्लिक कर मेरी सारी कहानियां पढ़ सकते हैं।
तो आज आप सब के लिए मैं Xxx बस सेक्स कहानी लायी हूँ.
लेकिन उससे पहले आप सभी से मैं एक बात कह देना चाहती हूं कि मेरी सभी कहानियां सच्ची होती हैं अपनी काल्पनिक कहानियों के शुरुआत में ही मैं उसे काल्पनिक कहानी बता देती हूं.
तो कृपया मुझसे हर बार यह सवाल ना करें कि मेरी कहानी सच्ची है या झूठी!
और लड़कों से खासतौर पर एक निवेदन है कि कृपया अपने लंड को थोड़ा सा काबू में रखें, मुझे चोदने के सिर्फ सपने देखें क्यूंकि हकीकत में ऐसा होना बहुत मुश्किल है।
तो आइए Xxx बस सेक्स कहानी की शुरुआत करते हैं.
जैसा कि आप सब लोग जानते ही हैं कि मुझे सेक्स करने कि कितनी ज्यादा आग लगी रहती है.
मैंने अंतर्वासना पर भी काफी सारी स्टोरी पढ़ी हैं. उसमें मैंने एक स्टोरी पढ़ी थी जिसमें एक लड़की बस में अकेले सफ़र करती है. वहां कुछ लड़के उसकी चूचियां और चूत में उंगली करके उसको गर्म कर देते हैं फिर बाहर ले जाकर चोद देते हैं.
पहले तो मुझे लगा कि ये सब बकवास है ऐसे कोई लड़की कैसे चुदवा सकती है?
फिर मुझे लगा कि हवस के आगे तो सब हार जाते हैं तो शायद वो लड़की भी हार गयी होगी.
तो मैंने भी सोचा कि क्यों ना ऐसा कुछ ट्राई किया जाए!
क्योंकि मुझे अपनी लाइफ में हमेशा कुछ नया करने का चस्का लगा रहता है.
इसीलिए मैंने एक दिन तय किया कि मैं आज ऑफिस अपनी कार से ना जाकर बस से जाऊंगी.
मैंने इस सब के लिए अपने आप को पूरा तैयार कर लिया था.
उस दिन मैंने एक ढीला सा ब्लैक टॉप पहना और लेकिन मैंने उसके अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और फिर मैंने एक छोटी सी ग्रे स्कर्ट पहनी लेकिन मैंने उसके अंदर पेंटी पहन ली थी क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि सड़क पर मेरी स्कर्ट उड़े और लोगों को मेरी चूत के दर्शन फ्री में हो जायें.
मैंने अंदर एक ब्लू कलर की पैंटी पहनी थी. मैंने जो स्कर्ट पहनी थी वो मेरे घुटनों तक बड़ी मुश्किल से पहुंच रही थी.
यह पब्लिक सेक्स जैसा कुछ मैं पहली बार कर रही थी तो मुझे यह करते हुए बहुत अजीब सा लग रहा था.
लेकिन मन में बहुत रोमांच भी हो रहा था कि आज मेरी अच्छे से चूत चुसाई होने वाली है।
अगले दिन मैं रोज के टाइम से पहले ही घर से निकल गयी क्यूंकि आज मुझे बस से जाना था तो उसमे टाइम ज्यादा लगता है.
उस दिन मैं सुबह 8.15 पर घर से निकल गयी.
थोड़ी दूर चलते ही मेरा बस स्टॉप आ गया जहाँ से मुझे बस पकड़नी थी.
मैंने देखा वहां पर बहुत से लड़के लड़की थे. उनमें ज्यादातर कॉलेज के स्टूडेंट्स थे.
तभी मैंने नोटिस किया कि काफी लड़के तो मुझे घूर ही रहे थे. साथ ही कुछ लड़कियां भी मुझे देखकर आपस में खुसुर पुसुर कर रही थी.
फिर मुझे यह समझते देर न लगी कि ये लोग मुझे देखकर ऐसे क्यों कर रहे हैं. क्यूंकि मेरी टॉप में से मेरे बूब्स के निप्पल साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे.
मगर आज मुझे उन सबका ऐसे घूरना उत्तेजित कर रहा था।
काफी देर तक वे लोग मुझे ऐसे ही घूर के हंसते रहे और मुझे भी आज उनके हंसने से मजा आने लगा था.
थोड़ी देर इंतजार करने के बाद वहां पर बस आ गई. लेकिन मैंने देखा कि उस बस में बहुत ज्यादा भीड़ थी.
मेरे साथ जो कुछ लड़कियां और लड़के खड़े थे, वो उस बस में चढ़ गए.
लेकिन उस बस की भीड़ देखकर मेरी हिम्मत ना हो पाई तो मैं वहीं पर रुक गई.
वह बस चली गयी.
तब मैंने देखा कि बाकी सब लोग तो जा चुके थे लेकिन 4 लड़कों का एक ग्रुप वहीं पर रुका हुआ था.
वे मुझे देखकर आपस में कुछ बात कर रहे थे।
तब मैंने सोचा कि मुझे आज मेरा शिकार मिल गया है.
उन लड़कों की उम्र 21 या 22 साल के आस पास रही होगी.
मैंने सोचा कि चलो हमारे देश के नौजवानों की शक्ति का परीक्षण किया जाये.
मैं भी उन लोगों को देखकर मुस्कुराती रही. लेकिन इन चारों लड़कों में से किसी की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि आकर मुझसे कुछ बात कर पाते.
लगभग 15 मिनट बाद 1 बस और आ गयी, वह बस थोड़ी खाली थी तो मैं उस बस में चढ़ गई.
मैं आगे वाले गेट से चढ़ी थी. मैंने देखा कि वे चारों लड़के पीछे वाले गेट से बस के अंदर आ गए थे.
हालांकि बस खाली दिख रही थी लेकिन फिर भी उसमें बैठने के लिए जगह नहीं थी तो मैं जाकर अंदर खड़ी हो गई.
मैंने देखा कि वे चारों लड़के भी धीरे-धीरे करके मेरे पास ही आ रहे थे.
मेरी चूत में भी खुजली होनी शुरू हो गई थी क्योंकि मुझे पता था कि अब आगे क्या होने वाला है।
लगभग 10 मिनट बाद मैंने देखा उनमें से एक लड़का मेरे बराबर में आकर खड़ा हो गया और धीरे-धीरे मुझे अपने हाथों से छूने लगा.
मैं उसकी हरकतों को समझ चुकी थी लेकिन मैं ऐसे ही दिखा रहा थी जैसे यह सब बस के धक्के लगने की वजह से हो रहा है.
क्योंकि मजा तो मुझे भी लेना था इसलिए मैं उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा दी उस लड़के की तो जैसे लॉटरी ही लग गई.
उसने इशारा करके अपने तीनों और दोस्तों को बुला लिया.
इतने में बस का दूसरा स्टाप आ गया था और बस में और ज्यादा भीड़ हो गई थी.
अब चारों लड़कों ने मुझे आगे पीछे तीनों तरफ से घेर लिया था.
मैं एक सीट की तरफ मुंह करके खड़ी हुई थी दो लड़के मेरे पीछे आ गए थे और एक लड़का मेरे दाएं और एक बायें आ गया.
मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मैं कोई सेलिब्रिटी हूं और ये मेरे बॉडीगार्ड थे जिन्होंने मुझे चारों तरफ से सिक्योरिटी दे रखी है.
शायद वे लोग नहीं चाहते थे उनके अलावा मेरे साथ और कोई मजा ले.
मैंने देखा बस में बहुत ज्यादा भीड़ हो गई थी और वे चारों पूरी तरीके से मुझसे चिपक चुके थे.
उत्तेजना से मेरी चूत पानी बहा रहा थी और अब धीरे धीरे मेरी पैंटी भी गीली होनी शुरू हो गई थी क्योंकि मुझे पता था कि अब मेरे साथ क्या होने वाला है.
मैंने देखा कि आगे सीट पर दो बुजुर्ग लोग बैठे हुए थे जो नींद में थे. इसीलिए मुझे कोई बहुत ज्यादा डर भी नहीं लग रहा था.
फिर लगभग 10 मिनट बाद उस लड़के ने, जो सबसे पहले मेरे पास आया था, मेरी कमर में उंगली चलाना शुरु कर दिया.
मैंने उसकी तरफ गुस्से से देखा क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि वह मुझे कुछ चालू माल समझे.
वह मेरे गुस्से से देखने से थोड़ा सा सहम गया और उसने अपना हाथ हटा लिया.
लेकिन तभी मैंने महसूस किया कि मेरे पीछे खड़ा एक लड़का मेरी गांड में उंगली चला रहा है और स्कर्ट के उसके ऊपर से ही वह मेरी गांड को छू रहा था.
उसका स्पर्श पाते ही मैं एकदम सहम गयी.
तभी थोड़ी देर बाद दूसरे वाले लड़के ने भी मेरी दूसरी गांड पर हाथ रख दिया.
अब दोनों पीछे खड़े लड़के दोनों हाथों से मेरी गांड पर हाथ चला रहे थे और अपने एक हाथ से मेरी कमर को भी सहला रहे थे.
तभी पीछे खड़े एक लड़के ने मेरी टॉप के अंदर हाथ डाल कर मेरी नंगी कमर को जैसे ही छुआ मेरे शरीर में बहुत जोर से सनसनी होनी शुरू हो गई।
अब पीछे वाले दूसरे लड़के ने भी मेरी टीशर्ट में हाथ डालकर मेरी कमर और मेरा पेट सहलाना शुरू कर दिया.
मुझे कहीं न कहीं डर भी लग रहा था कि कोई मुझे ऐसे देख न ले … मगर मेरे डर पर मेरी वासना हावी होती जा रही थी, मैंने सोच लिया था कि चाहे जो भी हो जाये मगर मैं आज पूरे मज़े लूंगी।
इधर मेरे बगल वाले लड़के ने हिम्मत करके अपनी कोहनी मेरे बूब्स पर सहलानी शुरू कर दी.
मेरी तरफ से कोई रुकावट न देखकर उसकी हिम्मत बढ़ गयी और उसने एक झटके में अपना पूरा हाथ मेरे बूब्स पर रख दिया.
उसके ऐसे करने से मैं एकदम हैरान रह गयी.
तभी मुझे लगा कि कोई ऐसे देख लेगा तो मैंने उसका हाथ झटक दिया.
थोड़ी देर बाद वो फिर से बूब्स दबाने के लिए हाथ आगे लाया तो मैंने उसका हाथ रास्ते में ही रोक दिया और उसकी तरफ झुककर उसको बोली- ऐसे कोई देख लेगा.
यह सुनकर वो स्माइल करने लगा.
फिर उसने मुझसे कहा कि मैं अपना बैग आगे की तरफ कर लूँ.
तो मैंने उसकी तरफ देखकर स्माइल करते हुए अपना बैग आगे कर लिया.
अब मेरे बूब्स मेरे बैग से ढके हुए थे जिससे अगर वो मेरे बूब्स दबाता तो किसी को दिखाई नहीं देता.
मेरे बैग आगे करते ही उसने सीधा वार मेरे बूब्स पर कर दिया.
पहले तो वो आराम से मेरे बूब्स दबा रहा था मगर थोड़ी देर बाद वो मेरे बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा जिससे मुझे तकलीफ होने लगी तो मैंने उससे धीरे धीरे करने को कहा.
तो उसने धीरे धीरे मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए.
जो लड़का मेरे बायीं और खड़ा था, उसने भी अपना 1 हाथ मेरे दूसरे बूब पर रख दिया.
अब मेरी हालत ऐसी थी कि 2 लड़के मेरे बूब्स दबा रहे थे और पीछे वाले 2 लड़के मेरी गांड सहला कम दबा ज्यादा रहे थे.
तभी पीछे वाले लड़के ने मेरे कान के पास आकर कहा- साली रंडी, कितने रूपए लेगी चूत देने के?
यह सुनकर मुझे बहुत तेज गुस्सा आया.
मैंने अपने हाथ पीछे ले जाकर उसके टट्टे पकड़कर दबा दिए जिससे उसकी हल्की चीख निकल गयी.
अब चूँकि हम बस में थे वो ज्यादा जोर से चीख नहीं पाया.
मैंने उसको कहा- अपनी बहन को रंडी कहना मादरचोद, मैं यहाँ बस मज़े लेने आई हूँ!
तभी उसके बराबर वाला बोला- सॉरी, ये तो चुतिया है. इसे अक्ल नहीं है बात करने की! आप नाराज़ मत होइए!
और तभी वो लड़का धीरे धीरे मेरी चूत के पास अपना हाथ लाया और मेरी चूत को सहलाने लगा.
अब मुझे सच में कण्ट्रोल करना बहुत मुश्किल हो रहा था तो मैंने उन चारों को रोक दिया और उनसे कहा- देखो तुम लोग अब रुक जाओ. नहीं तो मेरा पानी यहीं सबके सामने निकल जायेगा और मेरी ड्रेस गन्दी हो जाएगी!
मेरी बात सुनकर वो चारों रुक गए.
मगर उनमें से 1 लड़का मेरे कान में बोला- मैम, हम चारों आपके साथ सेक्स करना चाहते हैं अगर आपकी अपनी मर्ज़ी हो तो!
मैंने कहा- मैं भी सेक्स करना चाहती हूं … लेकिन यहां पर मुमकिन नहीं है.
वे चारों खुश हो गए और उनमें से एक लड़का बोला- मैम आप चाहें तो आप हमारे रूम पर आ सकती हैं. वहां पर आपको कोई परेशानी नहीं होगी.
लेकिन मैं ऐसे किसी अनजान के रूम में नहीं जाना चाहती थी क्योंकि वहां पर ज्यादा खतरा हो सकता था इसीलिए मैंने उनको रूम में जाने से मना कर दिया.
वह लड़का बोला- आप कहां पर उतरेंगी?
मैंने उन्हें अपना स्टॉप बता दिया.
फिर मैंने उनसे कहा- मैं तुम्हें एक एड्रेस देती हूं, शाम को वहां पर आ जाना.
मैंने उसका नम्बर पूछ कर उन्हें अपने दूसरे नंबर से SMS करके अपने घर का एड्रेस दे दिया.
घर का पता पाते ही वो लड़के खुश हो गए.
फिर मैंने उनसे कहा- कोई पंगा मत करना … वर्ना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा.
तो वो इस बात पर ‘हां जी … हां जी …’ कहकर मुस्कुराने लगे.
तभी मेरा स्टाप आ गया और मैं उतरने लगी.
जाते जाते मैंने उनको देखकर आंख मारी और उनकी तरफ स्माइल करके उतर गई.
फिर मैं अपने ऑफिस चली गई.
दोस्तो, आपको मेरी Xxx बस सेक्स कहानी कैसी लगी? आप अपने विचार मुझे मिल करके जरूर बताइएगा.
आगे की कहानी भी मैं जल्द ही लिखूंगी जिसमें और भी मजा आएगा आप लोगों को!
यह मेरा वादा है.
आप अपने विचार [email protected] पर मेल कर सकते हैं.
और साथ ही आप लोग मुझसे फेसबुक पर fehmina.iqbal.143 का प्रयोग करके भी जुड़ सकते हैं.
धन्यवाद
Xxx बस सेक्स कहानी जारी का अगला भाग: जवान लड़कों से चूत गांड फटवायी- 2