Xxx भाई बहन चोद कहानी में मैंने अपने जन्मदिन की रात को अपनी बड़ी बहन से तोहफे में उनकी चूत मांग ली. पहले तो आपा ने मना कियापर फिर मान गयी और मैंने उनकी सील तोड़ी.
दोस्तो, मेरा नाम रूप मुहम्मद है. पर यह बदला हुआ नाम है.
मैं दिल्ली में अपनी फैमिली के साथ रहता हूँ.
मेरी फैमिली में मैं मेरी आपा और मेरी अम्मी हम तीन ही लोग रहते हैं.
मेरे अब्बू की डेथ आज से कोई दस साल पहले हो गई थी.
तो मेरी अम्मी ने ही हम दोनों भाई बहन को पाल-पोस कर बड़ा किया है.
यह Xxx भाई बहन चोद कहानी मेरे जन्मदिन से एक दिन पहले की है.
मेरा 19वां जन्मदिन था.
उस दिन मैंने अपने सभी दोस्तों को पार्टी दी और घर पर मेरी अम्मी ने मेरी पसंद का खाना बनाया.
हम दोनों भाई बहन ने खूब मज़े किए.
मेरी आपा ने उस दिन लाल रंग का टॉप और नीचे एक ब्लॅक कलर की स्कर्ट पहनी थी.
मैं आपको अपनी आपा के बारे में बता देता हूँ.
वे एक बड़े ही गठीले और मस्त सुंदर शरीर की मालकिन हैं.
आपा मुझे बहुत अच्छी लगती हैं.
मैं और आपा एक ही कमरे में सोते हैं.
पार्टी करके हम दोनों कमरे में आए तो मैंने ऐसे ही मज़े लेने के लिए आपा को बोल दिया- आपा, आपने तो मुझे कोई गिफ्ट ही नहीं दिया?
इस पर आपा बोलीं- बता तुझे क्या चाहिए?
उनकी इस बात पर मैं चुप रहा.
आपा मेरे पास आईं और उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया.
उनके ऐसा करने से मेरा सिर आपा के मम्मों से टकरा गया.
मुझे ना जाने क्यों आज एक अलग सा अहसास हुआ.
फिर आपा मेरा सिर सहलाती हुई बोलीं- बता, क्या चाहिए तुझे?
मेरा तो मन हो रहा था कि मैं आपा को बोल दूँ कि मुझे आपके साथ सेक्स करना है.
मैंने मुँह बनाते हुए बोला- नहीं आपा, आप मना कर दोगी.
वे बोलीं- नहीं करूंगी. तू बता तो सही कि तुझे क्या चाहिए?
मैंने एकदम से बोल दिया- मुझे आज आपके साथ सेक्स करना है.
इस पर वह एकदम से गुस्सा हो गईं और बोलीं- मैं आपा हूँ तेरी … कुछ तो शर्म कर!
मैंने कहा- आपा, आप बस एक बार.
वे मना करती रहीं.
पर मेरे बहुत रिक्वेस्ट करने पर वह राज़ी हो गईं.
मैंने अपना एक हाथ उनकी नंगी गोरी जांघ पर रख दिया और उनकी जांघ को सहलाने लगा.
वह अपने मुँह से ‘आह आह … आह.’ की कामुक आवाजें निकाल रही थीं.
मैंने उनके मुलायम होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
अब तो आपा भी मेरा साथ दे रही थीं.
फिर उन्होंने मुझसे अपने और उनके सारे कपड़े एक एक करके उतारने को बोला.
मैंने ठीक वैसा ही किया.
कुछ ही देर में हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.
मेरी आपा वाकयी में कोई करिश्मा सी लग रही थीं, वे बहुत मस्त माल लग रही थीं.
अब मैं उनकी 36 इंच नाप की चूचियों को मसलने लगा और बारी बारी से मुँह में लेकर चूसने और काटने लगा.
आपा लगातार गर्म हो रही थीं, उनके मुँह से ‘आह … आह भाई पी ले … आह …’ की गर्म आवाजें निकल रही थीं.
कुछ देर बाद मैं आपा की चूत पर आ गया.
उन्होंने बोला- तू जल्दी से मेरी चूत चाट ले.
मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया और अपनी एक उंगली उनकी चूत के अन्दर डाल दी.
उनके मुँह से एकदम से आह निकल गई.
वे बोलीं- भाई थोड़ा धीरे! मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने उनसे पूछा- क्या आपने कभी सेक्स नहीं किया?
तो वे बोलीं- नहीं.
मैंने कुछ नहीं कहा और उनकी चूत को बड़े प्रेम से चूसने लगा.
फिर वे मेरे सर को अपनी चूत पर दबाती हुई बोलीं- तूने किया है क्या कभी?
मैंने आपा को बता दिया- किया है, मेरी एक गर्लफ्रेंड है उसको चोदा है.
आपा ने पूछा- कौन है वह?
मैंने कहा- आपकी बेस्ट फ्रेंड रूबी.
आपा रूबी का नाम सुनकर एकदम से चौंक गईं और मुझे अपनी चूत से हटाती हुई बोलीं- उसने तो आज तक मुझे बताया ही नहीं?
तो मैंने उनकी तरफ देख कर कहा- हां आपा, मैंने ही उसको आपको बताने से रोका था.
आपा अब मेरे पास को आईं और मेरे होंठों में लगे अपनी बुर के रस को चाटने लगीं.
हम दोनों फिर से चूमाचाटी में लग गए.
इस बार आपा मेरी जीभ को चूसने लगी थीं और मैं भी उनकी जीभ से अपनी जीभ को कुचलवाने लगा था.
उनकी लार और मेरी लार के साथ साथ आपा की चूत के रस की महक बड़ा ही स्वादिष्ट रस का मजा दे रही थी.
कुछ देर बाद आपा ने मेरे कच्छे पर अपना हाथ लगाया और मेरे लौड़े को सहलाने लगीं.
मैंने उनकी एक चूची को मसला और लंड को उठाते हुए उनके हाथ से लौड़े को सही से मसलवाने लगा.
मेरा लौड़ा एकदम सख्त लोहे जैसा हुआ पड़ा था.
आपा ने लौड़े को ऊपर से नीचे तक टटोला और उनसे रहा न गया तो वे मेरे मुँह से अपने मुँह को हटा कर लौड़े की तरफ देखने लगीं और हैरत से लंड को पकड़ कर चैक सी करने लगीं कि ये लंड है या कुछ और चीज है.
मैंने कच्छे को एक तरफ से हटा कर लंड को बाहर निकाल कर आपा को दिखाया तो आपा के मुँह से ‘आह मर गई अम्मी रे … ये तेरा लंड है या शैतान का लंड है!’
आपा मेरे लंबे मोटे और काले लंड को देख कर हैरान थीं.
लौड़े ने कच्छे को एकदम से तान रखा था.
मैं उठ कर खड़ा हो गया तो आपा ने एकदम से मेरे अंडरवियर को खींच कर नीचे कर दिया और मेरा काला लंड देख कर डर गईं.
वे बोलीं- भाई, मैं तेरा इतना मोटा और बड़ा लंड कैसे ले पाऊंगी?
मैंने कहा- आपा आप चिंता मत करो, मैं पहली बार में बस उतना ही अन्दर पेलूँगा, जितना आपसे झेला जा सकेगा. बस अब आप अपने भाई के लौड़े को चूस कर प्यार कर दो.
यह सुनकर आपा खुश हो गईं और मेरा लंड चाटने चूसने लगीं.
वे मेरी गोटियों को भी चूसने लगीं.
पूरे कमरे में बस ‘गों गों …’ की और ‘आह … आह …’ की आवाजें आ रही थीं.
कुछ ही देर में मेरे लंड में से लावा निकलने जैसा हो गया.
मैं अभी आपा का मुँह अपने लौड़े से हटा पाता कि लंड में एक पिचकारी छूटी और सारा रस आपा के मुँह में जाने लगा.
आपा ने तब भी अपना मुँह नहीं हटाया और वे मेरे लौड़े के रस को आब की पी गईं.
जिस वक्त आपा मेरे लौड़े से रस चूस रही थीं, सच बता रहा हूँ मुझे मेरी नंगी बहन एकदम बाजारू रांड लग रही थी.
उसे इस तरह से देख कर मेरे लौड़े मे फिर से तनाव आने लगा था और आपा भी लंड को वापस सख्त होते देख कर लौड़े को और जोर जोर से चूसने लगी थीं.
कुछ ही देर में लौड़े में जान आ गई और वह दुबारा से टनटनाने लगा.
अब मैंने देरी ना करते हुए आपा के मुँह में से अपना लंड निकाला और उनकी चूत की फांकों में रख दिया.
आपा ने भी झट से टांगें फैला कर लंड को चूत में घुस जाने के लिए रास्ता दे दिया.
मैंने एक जोर का धक्का दे दिया, तो मेरे लंड का टोपा उनकी चूत में घुसता चला गया.
मैं Xxx भाई बहन चोद बन गया.
केवल लंड के सुपारे के घुसने से उनके मुँह से एकदम से ‘अया … अम्मी …’ की आवाज निकली.
पर मैंने जल्दी से अपना मुँह अपनी आपा के मुँह पर रखा और उनकी आवाज को अपने होंठों से दबा दिया.
उधर मैंने उनका मुँह दबाया, नीचे से लौड़े को दबाते हुए उनके एक चूचे को दबाने लगा.
उनकी आंखों से आंसू आ रहे थे.
टांगें और हाथ बेतरतीब तरीके से छटपटाते हुए मेरी पकड़ से छूटने के लिए तड़फ रहे थे.
आपा बेहद दर्द से गाफिल थीं और किसी भी तरह से छूटने की भरसक कोशिश कर रही थीं.
मगर मैं भी किसी कड़ियल और कामांध मर्द की तरह अपनी आपा के ऊपर छाया हुआ था.
मैं लगा रहा और थोड़ी देर बाद जब वह नॉर्मल सी हुईं तो मैंने एक बार फिर से अपना लंड उनकी सीलपैक चूत को फाड़ने की गर्ज से अन्दर पेल दिया.
वे तो एकदम से ऐसे होने लगीं, जैसे मर गई हों.
उनकी आंखों से लगातार आंसू आ रहे थे और चूत से खून निकल रहा था.
पर मैंने उनकी जरा भी फ़िक्र ना करते हुए चुदाई जारी रखी.
करीब दो मिनट की चुदाई के बाद अब आपा भी मजा लेने लगी थीं और वे अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी थीं.
मैंने यह देखा तो अपने होंठों को उनके होंठों से अलग कर लिए और उनके हाथों को कुछ ढील दे दी.
वे एकदम से फड़क उठीं और उन्होंने मेरे चूतड़ पर एक जोर का चांटा मार दिया.
साथ ही आपा मुझे गंदी गंदी गाली देने लगीं.
वे बोल रही थीं- साले बहनचोद, मैं तेरी बहन हूँ … कोई रंडी नहीं हूँ, जो तू मुझे ऐसे चोद रहा है.
मैं चुप था और उनकी बातों का मजा लेते हुए धकापेल उनकी चूत में लंड अन्दर तक पेल रहा था.
कुछ देर बाद आपा भी मेरे साथ मस्ती से चुदने लगीं और उनकी आवाजें अब वाकयी में किसी प्यासी रांड के जैसे निकलने लगी थीं.
‘आह चोद दे मेरे राजा … आह फाड़ दे मेरी चूत … साले मेरी चूत का भोसड़ा बना दे … आह न जाने कब से तेरे साथ चुदाई की सोच रही थी.’
मैं भी उन्हें चोदते हुए कहे जा रहा था- साली रंडी आपा … बहन की लौड़ी कुतिया … तेरी माँ को चोदूं मादरचोदी … आह ले अपने भाई का लवड़ा … आज तेरी चूत को कचौड़ी बना कर खा जाऊंगा.
इस तरह से करीब 15 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई हुई और मेरे लंड का फव्वारा उनकी चूत में बह निकला.
मैंने आपा की चूत में ही अपने लंड का पूरा माल छोड़ दिया था.
चुदाई के बाद हम दोनों निढाल हो गए थे और हम दोनों नंगे ही एक दूसरे की बांहों में लिपटे पड़े थे.
न जाने कब हम दोनों की आंखें मुँद गईं और हम दोनों गहरी नींद में सो गए.
करीब आधा घंटा बाद मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि आपा की चूत से खून बहकर उनकी जांघों पर और बेड पर गिर कर सूख गया था.
मैंने उनको उठाया और अपनी गोदी में उठा कर बाथरूम में ले गया.
उधर उनकी चूत और जांघ पर साबुन लगाकर खून को साफ किया और उन्हें कमोड पर बिठा दिया.
आपा सूसू करने लगीं और मैं कमरे में से बेड की चादर भी ले आया, उसमें खून लगा था सो उसे धोकर सुखा दी.
आपा मुझे ये सब करती हुई देख रही थीं और मुस्कुरा रही थीं कि कैसे मैं चुदाई के निशान मिटा रहा हूँ.
फिर हम दोनों नहा कर कमरे में नंगे ही आए.
मैंने आपा को बेड पर बैठाया और उनसे पूछा- कैसा लगा?
वे बोलीं- बहुत अच्छा.
मैंने उनको एक किस की और उनसे गांड मरवाने के लिए कहा.
उन्होंने गाली देते हुए एक चांटा मार कर बोलीं- साले बहनचोद, तू आज मुझे बाजारू रंडी समझ कर चोद चुका है और अभी भी रंडी ही समझ रहा है क्या?
मैंने हंस कर कहा- चुदाई के वक्त रंडी बन कर ही चुदाई का सही मजा आता है आपा.
आपा भी हंसती हुई बोलीं- हां ये तो है.
मैंने कहा- तो मैं पीछे से आपकी ले लूँ?
वे हंस कर बोलीं- ले लेना पर अभी नहीं, बाद में फिर कभी.
उन्होंने मेरे गाल पर एक किस की और फिर अपने कपड़े पहनने लगीं.
मैंने उनको एक किस की और कहा- आपा, आज कपड़े मत पहनो, आज मेरा दिल आपके साथ नंगे सोने का है.
वे झट से मान गईं और हम दोनों सारी रात नंगे ही एक दूसरे की बांहों में सोए.
मैंने उस रात अपनी आपा को दो और बार चोदा.
अब तो ये हमारा रोज़ाना का काम हो गया था. हम दोनों लगभग हर रोज़ चुदाई करते हैं और रात को नंगे ही सोते हैं.
दोस्तो, आपको मेरी बहन की चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे कमेंट बॉक्स में बताना मत भूलना.
अगर आप लोगों को ये Xxx भाई बहन चोद कहानी अच्छी लगी हो, तो मैं इस कहानी को आगे भी लिखूँगा जिसमें मैं अपनी आपा की गांड चुदाई की कहानी लिखूँगा.
तब तक के लिए आदाब.
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