सेक्सी सिस्टर की सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक बार मैंने गलती से अपनी छोटी बहन को नहाती हुई नंगी देख लिया. उस दिन से मैं उसे हवस की नजरों से देखने लगा था.
मेरे कामुक दोस्तो, मैं फिर से आपके लंड और चूत से पानी निकलवाने आ गया हूँ.
आज मैं अपनी और मेरी बहन की चुदाई की कहानी लेकर आया हूँ.
इससे पहले आपने
फेसबुक वाली गर्लफ्रेंड को कमरे में चोदा
को बहुत प्यार दिया और बहुत सारे मेल भी आए, जिससे मुझे ये कहानी लिखने की प्रेरणा मिली.
मैंने सोचा कि क्यों न अपनी सेक्सी सिस्टर की सेक्स कहानी भी आपको बता ही दूँ.
मेरा नाम बंटी है. मैं देखने में उतना ठीक-ठाक हूँ, जितना किसी लड़की को एक लड़के में चाहिए होता है.
लड़कियों के लिए सबसे ख़ास बात ये है कि मेरा लंड बहुत ही धांसू है. जिसे एक बार कोई लड़की देख भर ले, तो मेरा दावा है कि वो मेरे धांसू लंड से चुदे बिना अपने आपको रोक ही नहीं पाएगी.
मेरी बहन तो मुझसे कहीं ज्यादा हॉट है. उसकी तो जितनी तारीफ करूं, कम ही है.
उसका नाम प्रीति है. अभी उसकी उम्र 19 साल की हुई है. अपनी कमसिन जवानी की इस उम्र में वह और भी हॉट लगती है.
उसकी कमर के पीछे मटकते हुए उसके गोल मटोल चूतड़ तो सीने पर बिजली गिरा देते हैं.
उसके गोरे गोरे गाल, बड़े बड़े चुचे तो कलेजे को छलनी कर देते हैं.
उन्हें देख कर किसी भी मर्द का लंड पानी टपकाए बिना रह ही नहीं पाता है.
पहले मेरा कोई इरादा नहीं था कि मैं अपनी बहन को चोदूँ.
पर एक दिन उसे बाथरूम में नंगी देख कर मेरी भी नियत डगमगा गई.
उस दिन वो नहा रही थी और मैं बिना सोचे समझे अन्दर चला गया.
दरअसल हमारे घर के इस बाथरूम के दरवाजे में कुंडी नहीं है, इसलिए दरवाजे के पीछे बाल्टी अड़ा कर नहाना पड़ता है
उस दिन घर में कोई नहीं था, इसलिए वो ऐसे ही बिना बाल्टी अड़ाए नहा रही थी.
पर मैं आ गया और मैंने उसे नंगी हालत में देखा, तो देखता ही रह गया.
वो भी मुझे यूं अनायास आया हुआ देख कर शर्मा गई और अपने आपको ढकने लगी.
पर उसके बड़े बड़े चुचे उसके हाथों से ढकने वाले कहां थे … और वो अपनी गुलाबी बुर को कैसे ढक पाती.
मैंने उस दिन वो सब देख लिया था, जो मुझे नहीं देखना चाहिए था.
और देख भी लिया तो एक्सीडेंट समझ कर मुझे बाहर आ जाना चाहिए था.
लेकिन पता नहीं मुझे क्या हो गया, मैं उसे देखने में इतना खो गया कि मुझे याद ही नहीं रहा कि ये मेरी बहन है.
फिर उसने टोकते हुए कहा- भईया बाहर जाओ न … मैं नहा रही हूं.
तब मुझे होश आया कि ये मेरी बहन है.
मैं बाहर आ गया, पर मेरे जहन में उसकी खूबसूरती घूम घूम कर आ-जा रही थी.
जब भी वो सीन मुझे याद आता, मेरा लंड बेक़ाबू हो कर खड़ा हो जाता.
दरअसल लंड को ये नहीं पता होता है कि कौन बहन है और कौन क्या है.
उस दिन के बाद से मेरी नियत बदल गई.
जिस लड़की को मैं बहन की नजर से देखता था, उसे अब हवस की नजरों से देखने लगा था.
मैं अपनी पढ़ाई के चलते शहर में रहने लगा था और वो गांव में ही रह रही थी.
जब भी मैं गांव आता, तो उसे देखने के बाद खुद को रोक नहीं पाता था.
पता नहीं क्या हो गया था.
अब मैं जब भी भाई बहन की सेक्स कहानी पढ़ता, तो उसके नाम की मुठ मारने लगता था.
अपनी मादक बहन को किस तरह चोदूँ, मैं बस यही सोचता रहता था.
फिर मैंने दूसरे नम्बर से व्हाट्सएप डाउनलोड किया और उससे बात करनी चाही, तो उसने मना कर दिया.
वो बोली- पहले नाम बताओ. मैं अनजान लोगों से बात नहीं करती.
पर मैंने उससे किसी तरह दोस्ती कर ली और थोड़ी थोड़ी बात करने लगा.
कई महीने हो गए थे.
मैं राहुल बन कर उससे बात करता रहा.
अब हम दोनों अच्छे दोस्त बन गए थे.
पर जब भी वह मुझसे पिक भेजने को कहती, मैं उसे यह कह कर चुप करा देता कि एक दिन खुद तुमसे मिलकर सरप्राइज दूंगा.
वो चुप हो जाती.
वो मुझे देखना चाहती थी क्योंकि हम दोनों में काफी कुछ बात होने लगी थी.
मैं उसे एडल्ट जोक्स भी भेजने लगा था, जिसे वो मना नहीं करती पर रिप्लाई भी नहीं करती.
एक दिन मैंने उसे अन्तर्वासना की भी बहन वाली स्टोरी भेज दी, जिसे देख कर उसका पहली बार रिप्लाई आया- छी: इतनी गंदे लोग भी होते हैं?
मैंने कहा- हां ऐसा होता है. जवानी रिश्ते नाते नहीं देखती.
उसके बाद से मैं उसे सभी प्रकार की सेक्स स्टोरी भेजने लगा जिसे देख कर वो कोई रिप्लाई तो नहीं देती पर वाशरूम में चली जाती थी और काफी देर बाद निकल कर वापस जवाब देती थी.
मैं समझ गया कि इसकी भी बुर में खुजली होने लगी है, जिसे मिटाने की बारी आ गई है.
एक दिन मैं गांव में था और उसी को सोच कर अपने लंड को हिला रहा था.
तभी वो अपनी बुक्स लेने मेरे कमरे में आ गई.
दरअसल मैंने जानबूझ कर कमरे का दरवाजा नहीं लगाया था क्योंकि घर में कोई नहीं था. केवल हम दोनों ही थे.
पापा सरपंच जी के यहां गए थे और मम्मी तो दो दिन से मामा के यहां गई हुई थीं.
वो मेरे कमरे में आ गई.
जो मुझे चाहिए था … उसने मुझे नंगे मुठ मारते हुए देख लिया.
वो मेरे लंड को गौर से देख रही थी. मैंने भी मुठ मारना बन्द नहीं किया और कामुक सिसकारियां भरते भरते व उसका नाम लेते हुए मुठ मारता रहा.
वह अपना नाम सुन कर मुझे देखती रही, फिर चली गई.
कुछ देर बाद मैं बाहर निकला और मैंने उससे सॉरी बोला.
उसने कहा- कोई बात नहीं, सब करते हैं, पर आपको मेरे नाम की नहीं मारनी चाहिए. मैं आपकी बहन हूँ.
मैं बोला- सॉरी बहना, अब ये गलती नहीं होगी … दरअसल तुम हो ही इतनी हॉट कि जब से तुम्हें नंगी देखा है, खुद को रोक नहीं पाता. पर सॉरी अब से ये नहीं होगा. तुम किसी को बताना नहीं.
वो बोली- ठीक है नहीं बताऊंगी.
वो पढ़ने लगी.
मैं अपने कमरे में चला गया और सो गया.
शाम को जब मैं उठा, तो उसे देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
दरअसल वो पतले से कपड़े का क्रीम कलर का सलवार समीज पहनी हुई थी, जिससे उसकी कच्छी की कट दिख रही थी. वो देख मेरा लंड खड़ा हो गया था.
ये उसने देख लिया और वहां से चली गई.
शाम को मैंने फिर से भाई बहन वाली स्टोरी उसके नम्बर पर भेजी, जिसे देख कर वो फ़िर से वाशरूम में चली गई.
कुछ देर बाद मैं भी वहां पहुच गया, तो मैंने भी उसे मुठ मारते देख लिया.
वो खुद को रोकने के लिए कुछ कर भी नहीं पा रही थी क्योंकि मेरी सेक्सी सिस्टर की चूत से पानी गिरने वाला था.
वो दस सेकेंड बाद सिसकारियां लेती हुई झड़ गई. वो अपनी चूत को झड़ने से रोक ही नहीं पाई.
मैं वहीं रुका रहा और उसे बुर में उंगली करते देख कर खुद को भी नहीं रोक पाया.
मैं अपने रूम में चला आया और खुद भी मुठ मारने लगा.
अब वो भी बाहर आ गई. मैं भी बाहर आ गया.
वो मुझसे सॉरी बोली.
मैंने भी इट्स ओके बोलते हुए कहा- तुम भी किसी को मत बताना, मैं भी किसी को नहीं बताऊंगा.
वो हां में सर हिलाने लगी.
अब हम दोनों एक दूसरे के राज जानते थे.
रात हुई तो सब सो गए.
आज मुझे नींद कहां आने वाली थी.
मैं उसी के बारे में सोच कर मुठ मारने लगा और लंड झाड़ कर सो गया.
इस बात को 5 दिन हो गए थे.
सब नार्मल हो गया था.
पापा मम्मी को लेने मामा के घर चले गए थे. शाम को बारिश भी बहुत तेज हो रही थी.
मैंने सोचा कि आज मौका अच्छा है, आज ही अपनी बहन को चोद डालता हूँ.
यह सोचकर मैंने अपनी बहन को चार सेक्स कहानी भेज दीं, जिसमें तीन बहन भाई की चुदाई वाली कहानी थीं.
उसने फोन पर सेक्स कहानी पढ़ीं और हमेशा की तरह आज भी वो मुठ मारने बाथरूम में चली गई.
बिना एक पल की देर किए मैं भी अन्दर घुस गया. अब मुझे किसी बात का डर नहीं था.
मैं उसे डांटते हुए बोला- ये रोज क्यों करती रहती हो?
वह भी बिना डरे बोली- आप भी तो करते हो.
मैं बोल पड़ा- तो चलो आज साथ में करते हैं.
इस पर उसने मना कर दिया.
वो बोली- आप बाहर जाओ.
पर मैं भी नंगा हो गया और मुठ मारने लगा.
वो भी मुझे लंड हिलाते हुए देख रही थी.
मैं भी उसे देख रहा था और उसका नाम लेकर मुठ मार रहा था- आह प्रीति आह जोर से … आह आह अच्छे से!
ये सब सुन कर वह रह नहीं पाई और उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.
फिर वो बोली- भैया, हम दोनों ये ठीक नहीं कर रहे हैं.
मैं बोला- सब ठीक है, जवानी रिश्ते नाते नहीं देखती.
यह सुन कर वो समझ गई कि मैं ही राहुल हूँ.
वो बोली- राहुल!
मैं बोला- हां मेरी जान, मैं ही हूँ राहुल.
वो कुछ नहीं बोली मगर उसने मेरा लंड भी नहीं छोड़ा.
मैंने महसूस किया कि उसके हाथ की पकड़ मेरे लंड पर कुछ और कस गई थी.
फिर मैं उसे रूम में ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया.
मैं अपनी बहन की बुर को चाटने लगा.
वह भी मजे के साथ बुर चटवा रही थी- आह उह ओह जोर से चाट ना … चाट चाट कर लाल कर दो जानू!
‘तेरी बुर तो पहले से ही इतनी लाल है … और कितनी लाल करूं?’
‘ये मजाक का टाइम नहीं है भाई … जोर जोर से चाटो.’
मैंने भी स्पीड बढ़ा दी और वो ‘इस्स आंह …’ करके झड़ने लगी.
मैं उसी हालत में उसकी चूत चाटता रहा और उसकी चूत का रस पान करके चूची से खेलने लगा.
उसकी चूची को भी पीना शुरू कर दिया.
बड़ा मजा आ रहा था.
आज पहली बार था जब मैं उसके चुचे चूस रहा था. वो मेरे लंड को सहला रही थी और मैं उसका दूध पी रहा था.
वाकयी उसके दूध इतने बड़े थे कि मेरे मुँह में नहीं आ रहे थे. वो लंड सहलाती हुई सिसकारी ले रही थी.
मेरा बुरा हाल हो रहा था. मेरे लंड में दर्द होने लगा था, तो मैंने उठ कर उसके मुँह में अपना लंड डाल दिया.
वो लंड चाटने लगी.
मैंने पूछा- ये सब तुमने कहां से सीखा?
उसने कहा- ब्लूफिल्म देख देख कर सीख गई हूँ.
वो जोर जोर से लंड चाटने लगी.
‘आह बहन जोर से चूसो उह आह चूस ले प्रीति … आज चूस साली सारा रस खा ले … बहुत दिन से इसी पल का इंतजार था आह …’
ऐसे ही सिसकारियां लेते लेते मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और अपना सारा माल उसके मुँह में ही डाल दिया.
वो वीर्य पी गई.
अब चुदाई की बारी थी.
मैं उसकी बुर को फिर से चाटने लगा.
वो फिर से झड़ गई.
उसके बुर एकदम गीली हो गई थी.
मेरा भी लंड फिर से खड़ा होकर बहन चोदने को तैयार था.
मैंने लंड चूत में थूक लगाया और बुर में घुसाने लगा.
अभी थोड़ा सा ही लंड पेला था कि वो दर्द से चीखने लगी.
‘आह छोड़ दो भाई … बहुत दर्द हो रहा है … प्लीज छोड़ दो.’
‘साली जब उंगली डालती है, तब दर्द नहीं होता नहीं होता है?’
‘आपका लंड बहुत मोटा है ना.’
मैं उससे बोला- थोड़ा दर्द तो होता ही है.
वो बोली- मुझे ये सब नहीं करना है प्लीज इसे बाहर निकालो.
मैं कहां रूकने वाला था, जोश में आकर कुछ झटके जोर से लगा दिए और उसकी बुर को फाड़ डाला.
वो जोर जोर से रोने लगी.
उसकी बुर से खून निकल रहा था.
मैं उसके मुँह को दबाए हुए उसे चोदता रहा.
कुछ देर बाद मेरी बहन को भी मेरे लंड से चुदने में मजा आने लगा क्योंकि बुर गीली हो गई थी जिससे उसे मजे आने लगा था.
अब उसके रोने की आवाज कामुक सिसकारियों में बदल गई थी.
मैं जोर से लंड पेलने लगा.
मेरी सेक्सी सिस्टर भी मजा ले ले कर चुद रही थी.
अपनी बहन की चूत चोदते चोदते मैं उसकी बुर में ही झड़ गया.
इस तरह हम दोनों ने उस रात चार बार चुदाई की और नंगे ही सो गए.
सुबह मैंने उसे दर्द की और गर्भ निरोधक दवा लाकर दे दी और फिर से चोद दिया.
हम दोनों ने तीन दिन तक धकापेल चुदाई की, फिर पापा मम्मी आ गए और सब सामान्य हो गया.
अब जब भी मौका मिलता है, हम दोनों जबदस्त चुदाई कर लेते हैं.
एक दिन मैंने अपने दोस्त से भी उसको चुदवा दिया.
वो मैं अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा कि किस तरह दोस्त से उसको चुदवाया.
अपनी बहन की चूत ले बदले में मैंने भी उसकी मां और बहन को एक साथ में चोदा.
आपको ये सेक्सी सिस्टर की सेक्स कहानी कैसी लगी, ये आप मेल करके बता सकते हैं.
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