चूतों का मेला मेरा लंड अकेला

चूतों का मेला मेरा लंड अकेला


फॅमिली Xxx चुदाई कहानी में पढ़ें कैसे मैंने मैंने अपनी बहनों को लेस्बियन सेक्स करते देखा। पता चला कि मेरी पांचों बहनें लंड की प्यासी हैं। तो मैंने क्या किया?
दोस्तो, मेरा नाम अजय है। मेरी हाइट 5.5 फीट है। मेरा शरीर सामान्य है और चेहरे से देखने में मैं बहुत हैंडसम हूं। मेरा लंड सात इंच लंबा और काफी मोटा है।
यह कहानी मेरी बहनों के साथ मेरी चुदाई की है कि कैसे मैंने अपनी पांच बहनों की चूत की खुजली को अपने लंड से शांत किया।
अब देर न करते हुए फॅमिली Xxx चुदाई कहानी की शुरुआत करते हैं।
मेरा घर झारखंड में है।
पर मैं मुम्बई में रहता हूं और यहाँ जॉब करता हूं।
एक दिन मुझे माँ का कॉल आया और वो मुझे घर आने के लिए ज़िद कर रही थी।
मां के बार बार ज़िद करने पर मैंने माँ से कहा कि ठीक है अगले महीने आ रहा हूं।
देखते देखते एक महीना बीत गया और मेरा घर जाने का समय आ गया।
सुबह मेरी ट्रेन थी।
मैंने सारी पैकिंग करके पहले से रख ली थी।

आगे बढ़ने से पहले मैं आपको आपको अपनी पांच बहनों के बारे में बता देता हूं।
सोनी मेरी सबसे छोटी बहन है जो 21 साल की है। वो बहुत सुंदर है और उसका फ़िगर 32-30-36 है।
दूसरी बहन मोनी है जो सोनी से बड़ी है। मोनी 23 साल की है। मगर वो भी देखने में सोनी से कम नहीं है। उसका फिगर 32-26-36 का है।
जया मेरी तीसरे नम्बर की बहन है। उसका फ़िगर 34-32-40 का है। उसका रंग बिल्कुल दूध के जैसा गोरा है।
मेरी बहन जया के बदन में जो सबसे आकर्षक चीज है वो है उसकी गांड। वो किसी के भी लंड का पानी निकाल सकती है। उसकी गांड को देखकर अच्छे अच्छे लंड पानी छोड़ देते हैं।
जया के बाद मैं सबसे बड़ा हूं।
उसके बाद मेरी बहन काजल है। वो उम्र में मुझसे बड़ी है। उसकी सुंदरता उसकी चूचियों से बहुत खिलती है। उसका फिगर 36-34-36 का है और बहुत ही सुंदर दिखती है।
मेरी पांचवें नम्बर की बहन रानी है जो हम सबमें सबसे बड़ी है। वो कामुकता की देवी है। उसका फिगर 34-28-38 है।
उसके सेक्सी फिगर को देखकर किसी के भी लंड से पानी निकल जाए।
तो दोस्तो, मेरी पांच बहनों में सोनी, मोनी और जया मुझसे छोटी हैं जबकि काजल और रानी मुझसे बड़ी हैं।
अब मैं उस बात पर वापस आता हूं।
घर आते आते मुझे शाम हो गयी थी। घर पहुँच कर सबसे मिलने के बाद मैं नहाने चला गया।
तब तक रात हो चुकी थी।
मैं थक भी गया था तो खाना खाकर सीधा सोने चला गया।
अचानक रात में मेरी आँख खुली।
मुझे प्यास लगी थी, मैं उठा और पानी पीने किचन में गया।
पानी पीकर जब मैं वापस अपने रूम में जा रहा था तो मुझे कुछ अजीब तरह की आवाज़ सुनाई दी तो मैंने उसे ध्यान से सुना तो आवाज़ सोनी के रूम से आ रही थी।
मैं रूम के नजदीक गया तो दरवाज़ा अंदर से बंद था।
वो आवाज़ मुझे अजीब सी लग रही थी तो मैं अंदर देखना चाह रहा था।
तभी मेरी नज़र खिड़की पर गई जो थोड़ी खुली थी।
वहाँ से जब मैंने अंदर देखा तो अंदर का नज़ारा हैरान कर देने वाला था।
अंदर सोनी और मेरी बड़ी दीदी रानी, जो बिल्कुल नंगी थीं, 69 पोजीशन में एक दूसरी की चूत चाट रही थीं।
मैं तो आंखों पर यकीन नहीं कर पा रहा था।
मगर फिर उनका ये खेल मैं वहीं खड़ा होकर देखने लगा और मुझे भी मजा आने लगा।
मेरा लंड भी अब तनाव में आ गया था।
फिर मुझे ध्यान आया कि ये तो मेरी बहनें हैं, मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए।
कुछ देर देखने के बाद मैं अपने रूम में चला गया।
मैं अपना लंड हिलाकर सो गया।
अगले दिन मैंने फिर से वही आवाज सुनी और मैं रात को वहीं पर देखने गया।
मगर आज सोनी तो थी लेकिन मेरी सबसे बड़ी बहन रानी नहीं थी।
बल्कि उसकी जगह काजल थी।
उस दिन मैंने काजल को नंगी देखा।
फिर मैं अपने रूम में गया और मुठ मारकर सो गया।
इस तरह से अगले दिन फिर मैंने सोनी के साथ जया और फिर मोनी को भी देखा।
अब मैं जान गया कि मेरी बहनें सेक्स की प्यासी हैं और वो लेस्बियन सेक्स करने अपनी चूत की प्यास को बुझाने की कोशिश करती रहती हैं।
मुझे भी अब रोज उनको नंगी देखने की आदत हो चुकी थी।
एक दिन तो मैंने उन पांचों को ही एक साथ नंगी देखा। सब की सब एक दूसरी की चूत को चाट रही थीं, चूचियों को दबा रही थीं।
तो अब मैं उनका ये लेस्बियन सेक्स देखकर बहुत उत्तेजित हो जाता था।
मैं ये नजारा देखकर बहुत गर्म हो गया। फिर मैंने रूम में जाकर लंड हिलाया और माल निकाला।
उसके बाद मुझे कब नींद आई मुझे पता नहीं चला।
सुबह का नाश्ता हम लोगों ने साथ में किया।
मैं खाना खाने से ज्यादा अपनी बहनों को देख रहा था।
सबकी चूचियों को देख रहा था जो पपीतों की तरह लटकी हुई थीं। उनके निप्पल भी पता चल रहे थे। ये सब देख मेरा लंड मेरी पैंट में फनफना उठा था।
फिर उस दिन माँ-पापा और मेरी चारों बहनों को कहीं जाना था तो वो सब चले गए।
घर में सिर्फ मैं और सोनी थे।
सोनी बैठ कर कुछ सोच रही थी।
तभी मैं वहां आकर बैठ गया और सोनी से बात करने लगा।
मैंने सोचा कि ये अच्छा मौका है सोनी से पूछने का।
मैंने उससे बातों ही बातों में पूछा- तुम रात को बिना कपड़ों के क्या कर रही थी?
ये सुनते ही वो डर गई। ऐसा लगा कि उसके शरीर से जान निकाल ली हो किसी ने!
तभी मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखते हुए कहा- डरो मत, इस उम्र में सब करते हैं।
उसकी जाँघ को छूते ही इधर मेरा लंड खड़ा हो गया।
मैं उस समय शॉर्ट पैंट में था।
मेरा खड़ा लंड सोनी को साफ दिख रहा था और उसकी नज़र मेरे लंड से हट नहीं रही थी।
मैं उसकी जाँघ को सहलाता जा रहा था।
तभी मैंने सोनी से पूछा- क्या देख रही हो?
वो बोली- कुछ नहीं … कुछ नहीं।
मैं तो समझ गया था कि वो मेरा लंड देख रही थी।
मेरा मन उसको चोदने का कर रहा था और उसके शरीर की हलचल को देख कर लगा कि वो भी चुदने के लिए पगला रही है।
मैं बिना शर्म किये बोला- तुम मेरा खड़ा लंड देख रही हो! मैं जानता हूं।
फिर वो हँसने लगी।
अब मैंने आगे बढ़ते हुए उसके चेहरे को अपने पास किया और उसके होंठों को किस करने लगा।
वो भी मेरा साथ देने लगी।
हम दोनों जीभ से जीभ मिलाकर एक दूसरे के होंठों को चूसे जा रहे थे।
कुछ देर किस करने के बाद मैंने उसके टॉप को खोल दिया।
उसने ब्रा नहीं पहनी थी। उसकी दोनों चूची मेरे आंखों के सामने थीं।
मैं एक एक करके उसकी चूचियों को चूसने लगा।
नीचे मेरे लंड में आग लगी थी।
मैं उसकी चूची चूसते हुए उसकी चूत को कपड़े के ऊपर से सहलाने लगा।
दो मिनट बाद मैं अपने सारे कपड़े खोल सिर्फ अंडरवियर में आ गया।
सोनी की आंखे बंद थीं। तभी मैंने उसकी जीन्स को खोलकर फेंक दिया।
अब वो सिर्फ पैंटी में थी।
मैं उसकी जांघ को किस करने लगा।
उसके मुंह से निकलती सिसकारियां अब मुझे पागल कर रही थीं।
फिर मैंने उसकी पैंटी को उतार दिया।
मेरी बहन की चूत बिल्कुल गुलाबी थी।
उसे देखते ही मैं अपना मुंह उस पर लगा कर चूसने लगा।
चूसने के दौरान सोनी ने दो बार पानी छोड़ा और मैं उसकी चूत के पानी को पी गया।
बहन की चूत का वो पानी किसी अमृत से कम नहीं था।
उसके बाद मैं भी पूरा नंगा हो गया।
मेरा लंड पूरा खड़ा था।
मैंने सोनी को उठाकर अपना लंड उसके मुंह के पास कर दिया मगर वो दूर हट गई।
वो बोली- भैया, आपका तो बहुत बड़ा है। मैं तो मर जाऊंगी अगर ये अंदर गया तो। मेरा छेद बहुत छोटा है।
मैं बोला- तुम्हारी चूत से इतना बड़ा बच्चा निकल जाता है तो ये तो बहुत छोटा है उसके मुकाबले!
फिर मैंने उसको अपने पास कर लिया और उसके मुंह में लंड देकर चुसवाने लगा।
उसको गले में लंड लगने लगा और सांस रुकने लगी।
मगर मुझे उसको लंड चुसवाने में बहुत मजा आ रहा था।
फिर हम दोबारा से 69 की पोजीशन में हो लिए।
हम दोनों एक दूसरे के लंड और चूत को चूस-चाट रहे थे कि तभी दरवाजे की बेल बज गई।
मगर उसी वक्त मेरा वीर्य भी निकल गया जिसे सोनी पी गई।
फिर हम लोग जल्दी से हड़बड़ाहट में उठे।
जब मैं बाहर आया तो मेरी चारों बहन आ चुकी थीं लेकिन उनके साथ माँ-पापा नहीं थे।
पूछने पर पता चला कि वो लोग मामा के यहां निकल गए और तीन दिन बाद आएंगे।
उस दिन कुछ खास नहीं हुआ।
रात को मैं अपने रूम में सो रहा था अचानक से मेरी नींद खुल गई।
मैंने देखा तो सोनी मेरा लंड चूस रही थी।
उसे इस तरह से लंड चूसते देख मैं भी गर्म हो गया और उसको मजे से लौड़ा चुसवाने लगा।
कुछ देर के बाद मेरा माल निकल गया जिसे वो पी गई।
फिर वो बोली- भैया, मैं आपको एक सरप्राइज देना चाहती हूं।
मैं बोला- क्या?
फिर वो कुछ नहीं बोली और उसने मेरी आंखों पर पट्टी बांध दी।
फिर दो मिनट के बाद मेरी आंखों की पट्टी उसने खोली और सामने का नजारा देखकर मुझे मेरी आंखों पर भरोसा नहीं हुआ।
मेरी पांचों बहनें मेरे सामने नंगी खड़ी हुई थीं।
पांचों का नंगा बदन एक से बढ़ कर एक था।
यह देख कर मेरा लंड झटका खा गया, वो फिर से तनाव में आने लगा।
मोनी आकर सीधा मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी।
ये देख कर जया भी मेरे दोनों पैरों के बीच बैठ कर मेरे लंड के नीचे लटक रहे दोनों आंडों को चूसने लगी।
इतने में ही मेरी सबसे बड़ी बहन रानी मेरे पास आई और अपनी चूत मेरे मुंह पर लगा दी और अपनी चूत चटवाने लगी।
तभी काजल दीदी आकर मेरे पूरे शरीर को चूमने लगी और सोनी मेरी गांड में उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगी।
मैं पांचों बहनों के बीच में पागल सा होने लगा था।
मेरे पूरे बदन पर उन्होंने कब्जा कर रखा था।
कुछ देर बाद ही मेरे मुंह पर गर्म गर्म पदार्थ निकल कर बहने लगा।
रानी की चूत का पानी मेरे मुंह पर निकल आया था।
मैंने रानी दीदी की चूत को चाट चाटकर साफ कर दिया।
उधर मोनी और जया मेरे लंड और आंडों को चूसे जा रही थीं।
उन्हें देख कर ऐसा लग रहा था कि दोनों मुझे खाकर ही दम लेंगी।
तब तक काजल मेरे मुँह पर अपनी चूत रख चुकी थी। ऐसे एक एक करके मैंने अपनी सारी बहनों की चूत को चूसा और सब मेरे मुँह में ही झड़ रही थीं।
तब तक मैं भी दो बार झड़ चुका था।
हम सब एक दूसरे का रस पीकर बेड पर लेट गए।
मेरे बगल में पांच नंगी चूत थीं।
उनकी गर्मी से मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया।
सोनी बोली- भैया का लंड हमारी चूतों में जाने के लिए रेडी है।
मैं बोला- तो पहले कौन लेना चाहेगी?
सोनी बोली- रानी दीदी से शुरू कीजिए, वो सबसे बड़ी हैं और आपका लंड भी बहुत बड़ा है।
रानी को मैंने अपनी ओर खींचा और किस करने लगा।
तभी काजल मेरा लंड चूसने लगी। मेरा लौड़ा पूरा तन गया।
मैंने रानी को बेड पर लिटाकर उसके दोनों पैरों को फैलाकर उसकी चूत पर मुंह रख दिया और चाटने लगा।
मैंने जया को इशारा किया कि अपने दोनों पैरों के घुटनों से इसकी दोनों हथेली दबाकर इसके मुंह पर चूत रखे।
उसने वैसा ही किया, उसने रानी के मुंह पर चूत रख दी।
अब मैंने काजल के मुंह से लंड निकाला और रानी की चूत पर रख दिया। मैंने धक्का दिया तो उसकी चीख जया की चूत में निकली। जया ने उसके मुंह पर चूत को कस दिया और गांड आगे पीछे करके उसको चूत चटवाने लगी।
काजल रानी के दोनों पंजों पर लेट गयी और नीचे से मेरे आंडों को चूसने लगी।
सोनी ने बेड पर आकर मेरे मुंह पर चूत लगा दी।
अब रानी पूरी तरह से नीचे दबी हुई थी।
मैंने सोनी के चूतड़ों को पकड़ा और रानी की चूत में लंड का धक्का दे दिया।
उसकी चूत में मेरा मोटा लंड घुस गया और उसकी चूत से खून की धार निकल पड़ी।
कुछ देर मैंने लंड को चूत में ऐसे ही रखा।
फिर मैंने अपनी बहन की चूत में धक्के लगाना शुरू किया।
अब धीरे धीरे वो चुदाई का मजा लेने लगी; वो जया की चूत में जीभ से चाट रही थी।
कुछ देर की चुदाई में ही वो झड़ गई और जया की चूत का रस भी रानी के मुंह में निकल गया।
फिर दो मिनट के बाद मैं भी उसकी चूत में स्खलित हो गया।
नीचे काजल मेरे आंडों को चूसते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी और वो भी अब झड़ गई।
फिर मैंने अपना लंड रानी की चूत से निकाल नीचे बैठी काजल के मुंह में डाल दिया।
वहाँ रानी की चूत से मेरा माल बाहर निकल रहा था जहाँ पर मोनी ने अपना मुँह लगा दिया और चाटकर उसकी चूत को साफ करने लगी।
फिर हम सब झड़ने के कारण नंगे ही चिपक कर लेट गए।
उन सबकी चूत के गर्मी से मेरा लंड आधे घंटे बाद फिर से फनफनाने लगा।
इस बार मेरी दूसरी दीदी काजल की चुदाई होने वाली थी।
खड़ा लंड देख कर रानी दीदी ने कान में कहा- इसकी भी मेरी जैसी चुदाई करो, फाड़ दो इसकी चूत को भी!
तब तक जया मेरा लंड चूसने लगी।
मैंने काजल को नीचे लिटाया और उसकी चूत मारी।
जैसे रानी की चूत फाड़ी थी वैसे ही मैंने एक एक करके अपनी सारी बहनों की चूत फाड़ दी।
रात भर हम भाई-बहनों की चुदाई का सिलसिला चलता रहा।
अगले दिन उनकी गांड चुदाई की बारी थी।
सबसे मस्त गांड जया की थी इसलिए रानी, काजल, सोनी मिलकर जया को गर्म करने लगीं।
मोनी मेरा लंड चूसने लगी।
मैंने कहा- रानी, काजल, जया तीनों घोड़ी बन जाओ। पहले जया, फिर काजल और रानी ऐसे लाइन में घोड़ी बनो।
मेरे कहने पर वो तीनों घोड़ी बन गयीं।
अब मैंने सोनी को बोला कि वो जया और काजल के बीच में और मोनी को बोला कि वो काजल और रानी के बीच में उल्टी घोड़ी बने।
यानि जिधर जया, रानी और काजल की गांड है उधर तुम दोनों अपना मुँह करो और जिधर इन तीनों का मुँह है उधर अपनी गांड करो।
सब वैसे ही हो गयीं।
मैं अपना लंड लिए जया की गांड के पास था। मैं अपना लंड सोनी के मुँह में डाल कर उसका मुँह चोदने लगा।
इधर जया की गांड में क्रीम लगाकर मैं उसको चोदने लायक बना रहा था।
जया सोनी की चूत में उंगली किये जा रही थी तो रानी मोनी की चूत में।
दूसरी साइड मोनी रानी की चूत और गांड में उंगली किये जा रही थी, और सोनी का एक एक हाथ काजल और जया की चूत में था।
मैंने सोनी के मुंह से लंड निकाला और जया की गांड के छेद पर अपना लंड का टोपा रख दिया।
उसकी कमर को पकड़ कर जोर से धक्का दिया जिससे मेरा लंड जया की गांड में पूरी तरह से अंदर चला गया।
जया के मुँह से जोरदार चीख निकली जिससे पूरा रूम गूंज उठा।
वो चीखने लगी।
उसका दर्द देख मैंने कुछ देर लंड को गांड में ही रखा।
फिर मैं लंड को आगे पीछे करने लगा।
जया को भी मज़ा आने लगा।
मैंने लंड की रफ़्तार को बहुत तेज़ कर दिया।
जया के मुँह से जोर जोर से सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह .. भैया … आह्ह … ऊईई … आह्ह … मर गई … आह्ह ओह्ह … आराम से भैया!
इस तरह से पांच मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना लंड जया की गांड से निकाल कर काजल की गांड में डाल दिया।
कुछ देर काजल की चुदाई की।
फिर उसकी गांड से लंड निकाल कर मोनी के मुँह में डाल दिया।
कुछ देर मुँह चोदने के बाद लंड को मैंने रानी की गांड में डाल दिया।
थोड़ा ही लंड अंदर गया था कि वो पेट के बल बेड पर गिर गई।
उसके गिरते ही मैं भी उसके साथ गिरा जिससे लंड पूरी तरह से गांड में समा गया।
बिना रुके मैंने उसकी गांड की चुदाई शुरू कर दी।
सोनी, मोनी, काजल और जया एक दूसरे की गांड और चूत में उँगली किये जा रही थीं।
थोड़ी देर बाद मैंने लंड रानी की गांड से निकाला और दूसरी तरफ जाकर मोनी की गांड में पेल दिया और चोदने लगा।
मोनी की गांड के दोनों साइड रानी और काजल का मुँह था इसलिए मोनी की गांड के साथ दोनों के मुँह की चुदाई भी करने लगा।
कुछ देर बाद मैंने लंड को सोनी की गांड में डाल दिया।
अब सोनी की गांड के साथ काजल जया के मुँह चुदाई भी की।
मैंने देखा कि पांचों बहन झड़ने के बाद अपनी चूत से निकला पानी एक गिलास में जमा कर रही थीं।
मेरी सारी बहनें झड़ चुकी थीं और सब का झड़ा पानी गिलास में था। अब मैं भी झड़ने वाला था तो सोनी को बोला कि मैं तुम्हारी गांड में झड़ जाता हूं।
मगर रानी बोली- अजय, तुम मेरे मुंह में अपना माल गिराओ।
फिर मैंने सोनी की गांड से लंड को निकाला और रानी के मुंह में लंड दे दिया।
उसके मुंह में धक्के देते हुए मैं झड़ गया।
रानी दीदी का पूरा मुँह मेरे माल से भर गया।
फिर रानी दीदी ने सारा माल काजल दीदी के मुँह में उगल दिया। फिर काजल ने जया के मुंह में, जया ने मोनी के मुंह में, मोनी ने सोनी के मुंह में माल निकाल दिया।
अब सारा माल सोनी के मुँह में था और रानी, काजल, जया, मोनी अपना मुँह खोल कर लेट गईं।
फिर सोनी ने थोड़ा थोड़ा माल सबके मुँह में गिरा दिया और थोड़ा अपने मुँह में रख लिया।
अब पांचो के मुंह में थोड़ा-थोड़ा माल था। सब एक साथ मुँह में रखे माल को गटक गईं और गिलास में जो चूत से झड़ा हुआ उन लोगों का पानी था उसे मैं पी गया।
इस तरह से मैंने अपनी सभी बहनों की चुदाई की प्यास को बुझाया। आप लोगों को मेरी बहनों की चुदाई की ये फॅमिली Xxx चुदाई कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
मेरा ईमेल आईडी है [email protected]

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