अन्तर्वासना हिंदी सेक्स कहानी के पाठको, मेरी तरफ से आप सबकी कुँवारी चुतों को नमस्कार, मेरा नाम अजय गुप्ता है. आज मैं आपको अपनी एक सच्ची सेक्स स्टोरी बताना चाहता हूँ.
मेरे एक दोस्त कैलाश ने मुझे एक लड़की पटवाई थी, उस लड़की का नाम प्रिया था. हम सब जयपुर राजस्थान से हैं. मैंने उस लड़की से दोस्ती कर ली. पहले तो उस लड़की ने दोस्ती करने से मना कर दिया था, किसी तरह मैंने उससे दोस्ती कर ली. फिर धीरे धीरे प्रिया भी मुझसे जुड़ गयी. इसके बाद धीरे धीरे हम एक दूसरे से काफी क्लोज होते गए और सभी तरह की बात करने लगे. अब तो हमने एक दूसरे के नंबर भी एक्सचेंज कर लिए थे और रात रात भर कॉल पर बात करने लगे थे. इसी तरह कब बात करते करते उसको और मुझे एक दूसरे से प्यार हो गया, हमको पता भी नहीं चला. अब तो स्थिति ये हो गई थी कि जब तक हम दोनों एक दूसरे से बात नहीं कर लेते, तब तक हमको चैन नहीं मिलता था.
फिर एक दिन हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया. उसने कहा कि मैं तुमसे बाहर नहीं मिल सकती हूं. कुछ दिन बाद मेरी माँ अपने गाँव जा रही हैं, फिर हम दोनों मेरे घर पर ही मिल लेंगे.
मैं उसकी बात मान गया और कुछ दिन बाद वो दिन भी आ ही गया.
मैं उसके घर जा पहुँचा, वो मुझे देख कर बहुत खुश हो गयी, उसने मुझे अन्दर आने को बोला, मैं भी उसके पीछे चल दिया.
मैं सोफे पर बैठ गया, वो मुस्कुरा कर बोली कि मैं अभी आपके लिए चाय बना कर लाती हूं. मैंने भी हंस कर हां कह दिया और वो अपनी गांड मटकाते हुए अन्दर चली गयी.
उसकी गांड इतनी मस्त तरीके से ठुमक रही थी कि मैं खुद को रोक ही न सका और मैं भी उसका पीछा करते हुऐ रसोई में आ गया. इस वक्त मेरा लंड भी मेरी पेंट में तंबू के बांस की तरह खड़ा हो गया था. मैंने देर न करते हुए उसको पीछे से पकड़ लिया और किस कर दिया. वो मुझे मना करती रही लेकिन मैं नहीं माना और उसको किस करता रहा. साथ में उसके कूल्हों पर अपने हाथ से सहलाता गया. दो मिनट बाद वो भी मुझे किस करने लगी और गरमा गई. उसको गरम करने के बाद अब वो भी मेरा साथ दे रही थी.
हम दोनों की चुदास भड़क गई थी. वो बोली- रूम में चलो.
मैंने उसको गोद में उठा लिए और कमरे में आ गया. वो मेरे कपड़े खोलने लगी मैंने भी उसको बिस्तर पर धक्का दे दिया और उसके कपड़े खोलने लगा. उसने अन्दर पिंक कलर की जालीदार ब्रा और पैंटी पहनी थी. मैं उसका फिगर देख कर एकदम मस्त हो गया. उसकी कमर 26 और मम्मे 34 हिप्स 36 के थे. इतनी मस्त फिगर को देख कर किसी का भी लंड तन जाए
मैंने अब आगे बढ़ कर उसके कपड़े उतारे और साइड में रख दिये, उसने मेरी तरफ देखा और बाँहें पसार दीं. मैंने उसको चूमा और उसकी ब्रा और पैंटी भी खोल दी. उसकी चुत पर बाल नहीं थे और चुत एकदम क्लीन थी.. उसकी चूत ऐसी लग रही थी.. मानो मक्खन हो. ऊपर उसके तने हुए मम्मे भी मुझे बोल रहे थे कि मुझको खा लो.. उसकी चुत का दाना भी पिंक कलर का था.
तभी उसने मेरी चड्डी खोल दी. मेरा 8 इंच का लंड उसके सामने गुर्राने लगा था.
वो बड़े नशीले अंदाज में लंड को निहारती रही और बोली कि उफ़.. कितना बड़ा और मोटा है.. इसे मैं नहीं ले पाऊँगी.. इतना मोटा कैसे घुसेगा?
मैंने कहा कि कुछ नहीं होगा.. मैं हूँ ना.
वो बोली- फिर भी मुझे दर्द तो होगा ही.
मैंने कहा- जैसा तुम कहो.
मेरी इस बात को सुनकर उसने बस मुझे चूम लिया. फिर मैंने उसको होंठों पर किस किया तो वो भी मेरा साथ देने लगी. मैंने उसके एक बोबे को मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया. उसके मुँह से बस ‘आहा.. आआहह..’ की आवाज आने लगी.
कुछ ही पलों बाद मैं उसकी चुत के दाने को छेड़ने लगा था. वो बस ‘आआहह..’ कर रही थी. अब मैं अपने लंड को उसके मुँह के पास लाया और बोला कि मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसो.
उसने लंड चूसने से मना कर दिया. पर मेरे बार बार बोलने पर उसने लंड चूसा.
मुझे मजा आने लगा. फिर मैं उसका सर पकड़ कर अपना लंड उसके मुँह में अन्दर बाहर करने लगा और कुछ ही देर में मैं झड़ गया. वो भी चुदासी सी मेरा माल पी गयी.
फिर मैं उसकी चुत चाटने लगा और फांकों को चूसते हुए उसके फड़कते दाने को भी काट लेता था. जिससे वो चिल्ला उठती थी.
मैंने जब तक उसकी चूत चाटी, जब तक उसका पानी नहीं निकल गया. जब चुत का पानी निकल गया, तब मैंने अपनी जीभ से उसके चुत रस को चाटा. आह.. क्या बताऊं यार.. क्या मस्त स्वाद था पानी का.
चुत रस को चाटने के बाद तो मुझे और भी ज्यादा मस्ती चढ़ गयी थी.
उसके बाद मैं अपने लंड को उसकी चुत पर रगड़ने लगा. वो इस वक्त बहुत अधिक गर्म हो गयी थी, सो चुत खोल कर लंड का मजा ले रही थी.
वो बोली- अब सहन नहीं होता है.. जल्दी से डाल दो लंड.. मुझे और मत तड़पाओ.
लेकिन मैंने लंड नहीं डाला और चुत पर लंड घिसता रहा.
तभी मैंने एकदम से उसकी चुत में लंड पेल दिया और वो बहुत तेज चिल्लाते हुए बोली कि आह माँ मर गई.. इसको बाहर निकालो.. बहुत तेज दर्द हो रहा है.
लेकिन मैंने उसकी चुत से लंड नहीं निकाला. जब उसको दर्द कम हुआ तो धीरे से लंड को उसकी चुत में अन्दर बाहर करने लगा. चूंकि उसको ज्यादा दर्द हो रहा था तो मैं बीच बीच में रुक जाता. उसको चूमने लगता.. लेकिन मैं उसको चूमते समय भी अपने लंड को उसकी चुत में घुसा रहने देता.
जब उसका दर्द कम हुआ तो उसने नीचे से अपनी गांड ऊपर की तरफ उठाई और मैं समझ गया कि इसको दर्द नहीं हो रहा. अब मैंने उसको चोदना चालू किया और कुछ ही पलों बाद वो बोलने लगी- तेज चोदो..
मैंने पूरी ताकत से चुदाई चालू कर दी. उसके मुँह से ‘आआईई.. मर गयी..’ की आवाजें आ रही थीं. पूरे कमरे में हमारी चुदाई की ‘फच फच..’ की आवाजें आने लगी थीं. धकापेल चुदाई के बीच में वो दो बार झड़ चुकी थी लेकिन मैं अभी तक नहीं झड़ा था इसलिए मैं उसको चोदता रहा.. और वो चुदती रही.
लगभग 25-30 झटकों के बाद मैंने बोला कि मैं आने वाला हूँ.. कहां निकालूं?
वो बोली- मेरे अन्दर ही निकाल दो और मेरी चुत को अपने माल से भर दो.
मैंने कुछ तेज झटकों के बाद अपना सारा माल उसकी चुत में खाली कर दिया. मैं उसके ऊपर गिर गया और वो मुझे किस करने लगी. वो बोली कि तुमने मुझे आज बहुत खुश कर दिया. मेरी सील पैक चुत को सुहागन बना दिया और अपना वीर्य भर कर मुझे भी एक सुहागन औरत बना दिया है. अब ये खेल पूरे हफ्ते होगा क्योंकि मेरी माँ अपने गाँव 7 दिन के लिये गयी हैं.. किस्मत से 7 दिन के लिए मेरे पापा भी इधर नहीं हैं. अब पूरे 7 दिन तक तुम मेरे पति हो, मैं तुम्हारी पत्नी बन कर रहूँगी. हम दोनों 7 दिन तक रोज सुहागरात मनाएंगे.
मैंने भी उसकी चूची चूसते हुए हां कर दी. फिर हम नहाने के लिए उठ गए, लेकिन उससे चला नहीं जा रहा था और बेड़ की चादर पर खून और वीर्य पड़ा था.
मैंने उसको अपनी गोद में उठाया और बाथरूम तक ले कर गया. हम साथ में नहाने लगे. नहाते नहाते फिर एक बार लंड अपना रंग दिखाने लगा.
मैंने प्रिया से बोला कि एक बार और हो जाए.
उसने मेरे लंड को देखा और बोली- लगता है.. अभी इसका मन नहीं भरा मेरी कुँवारी चुत की सील तोड़ कर..
मैंने हंस कर ‘नहीं..’ में अपना सर हिलाया.
वो बोली- ओके, मैं इसे शांत करती हूँ.
मैंने बोला- कैसे?
वो बोली- देखो.
वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी और बोली- ऐसे.
करीब 15 मिनट तक लंड चूसने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा पूरा माल गटक गयी.
फिर मैं रेडी होकर जाने लगा तो वो बोली मत जाओ.
मैंने कहा- मैं रात को आ जाऊंगा.
उसने कहा- ओके..
मैंने जाते जाते उसको गले लगा कर किस किया और बोला कि रात को मैं तुम्हारी गांड मारूँगा और तुमको कुछ गिफ्ट दूँगा.
उसने कहा- जल्दी आना.
मैं वहां से चला गया.. और वापस आकर मैंने उसको एक बहुत अच्छी सी ड्रेस लाकर दी. मैंने उसको बोला कि इसको मेरे सामने पहनो.
उसने कहा कि तुम ही पहना दो.
फिर मैंने उसके कपड़े खोल कर उसको ड्रेस पहना दी और उसको किस करते हुए बेडरूम तक आ गये. वहां पर मैंने उसको बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. अब मैं उसके मम्मों को दबा दबा कर चूस रहा था.
फिर मैंने मेरे लैपटॉप मैं एक सेक्सी मूवी प्ले कर दी और उसका मजा लेने लगे. जैसे जैसे उसमें चुदाई का खेल हुआ, वैसे ही हम लोगों ने भी किया.
फिर से हमारी सुहागरात का खेल चालू हो गया. मैंने उसकी चुत पर लंड रगड़ा और बोबों के बीच में लौड़ा रखकर उसके होंठों पर टकराते हुए बूब फकिंग का मजा लेता रहा. वो भी अपने होंठों क खोलकर मेरे लंड का स्वागत कर रही थी.
उसके बाद मैंने उसकी दोनों टाँगों को फैलाया और अपना लंड उसकी चुत में पेल दिया. जोरों से हमारी चुदाई चलती रही. उसके मुँह से बस ‘आआहह..’ निकल रहा था और वो कहे रही थी- फ़क मी हार्ड.. अजय बेबी.. प्लीज और जोर से चोदो मुझे.. ये साली चुत की गर्मी शांत नहीं होती है.
फिर मैंने उसकी दोनों टाँगों को अपने कंधों पर लेकर उसे दबा कर चोदता रहा. मैंने मम्मे भी दबा दबा कर लाल कर दिए.
वो बोलती रही कि आह.. फाड़ दो इस साली चुत को.. बना दो इसको भोसड़ा.. साली ये चुत तेरे लंड की दीवानी हो गयी है… बस सारी रात मेरी चुदाई करते रहो.
मैं भी उसको मना नहीं कर पाया क्योंकि वो साली थी ही इतनी सेक्सी कि कोई बेवकूफ ही होगा जो उसे चोदने से मना कर देता.
वो इसी बीच में अकड़ गयी और बोली- मेरा होने वाला है.
तब मैंने उसकी चुत से लंड निकाल कर अपनी जीभ को उसकी चुत पर लगा कर जीभ से चोदने लगा.
उसने अपना माल मेरे मुँह में छोड़ दिया और निढाल हो गयी, लेकिन मेरा नहीं हुआ था. उसने कहा कि तुमने ऐसा चोदना कहां से सीखा.. पहले किसी गर्लफ्रेंड के साथ तो नहीं किया ना?
मैंने मना किया और कहा कि तुम्हारे अलावा मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है.
उसको मुझ पर भरोसा हो गया और उसमें भी फिर से एनर्जी आ गयी. मैं भी फिर से लंड पेल कर उसकी चुदाई में लग गया. कुछ देर बाद मैंने उसके मुँह में लंड डाल कर उसका मुख चोदन करने लगा.
तभी मेरी नजर पर्दे पर गयी क्योंकि मुझको वहां पर किसी के खड़े होने की आहट हुई.
मैंने प्रिया से पूछा- वहां पर कौन है?
उसने कहा- कोई नहीं है.. तुम सिर्फ चोदो मुझे बस.
मैंने वैसा ही किया और उसको बहुत देर तक चोदा.
करीब 15 मिनट बाद मैंने कहा कि मैं खाली होने वाला हूँ.
उसने कहा- हो जाओ.
फिर 15-20 झटके लगाने के बाद मैंने अपना सारा पानी उसकी चुत में खाली कर दिया और मैं उस पर गिर गया. लेकिन मैंने उसकी चुत से अपना लंड नहीं निकाला और उसको क़िस करता रहा और बोबों को चूसता रहा.
हम दोनों एक दूसरे के नंगे जिस्म से खेलते रहे. तभी उसने अपनी फ्रेंड को बाहर आने को बोला.
उसकी फ्रेंड परदे के पीछे से निकल कर बाहर आ गई. प्रिया ने कहा कि ये मेरी फ्रेंड सुमन है.. ये शादीशुदा है, इसकी प्रॉब्लम है कि ये माँ नहीं बन पा रही है.
प्रिया ने कहा कि मैंने सुमन को तुम्हारे बारे में सब बता दिया था और वो किसी ऐसे आदमी की तलाश में थी जो विश्वासपात्र हो. मैंने तुम्हारा नाम दिया और कहा कि हमारी चुदाई देख लेना और अच्छी लगे तो तुम भी अजय के साथ सेक्स कर लेना. उसने हां कर दी तो मैंने इसे इधर रहने को बोला था.
तभी सुमन बोली कि मुझे माँ बनने का सुख दे दो अजय.
मैंने ओके बोला.
सुमन का फिगर तो प्रिया से भी ज्यादा अच्छा था. वो एकदम गोरी, उठी हुई गांड, बोबे भी टाइट.. और इतने बड़े कि ऐसा लग रहा हो कि बस ब्लाउज फाड़ कर बाहर निकलने को बेताब हों.
मैंने उसके कपड़े खोलने शुरू किए और उसे बिल्कुल नंगा कर दिया. वो अपने मम्मों को अपने हाथ से छिपा रही थी. प्रिया ने सुमन को बोला- शरमाओ मत!
उसके हाथों को मैंने हटाया और मम्मे दबाते हुए चूसना चालू कर दिए. उसके मुँह से सीत्कार निकलने लगी ‘स्स्सस्सह्ह्ह्..’
उसने मुझे अपने नाखूनों से मेरी पीठ पर नोंच दिया.
फिर मैंने उसके पेट पर क़िस किया, चुत में उंगली की और चुत की खुशबू को सूंघा. उसकी चुत से मनमोहक सुगन्ध आ रही थी और मुझे पागल बना रही थी. मैंने देर ना करते हुए अपना 8 इंच का लंड एक ही बार में पूरा पेल दिया.
वो जोर से चिल्ला उठी और गाली देने लगी- बहनचोद, एक ही बार में पूरा और मोटा लंड क्यों डाल दिया?
मैंने कहा कि तुमको ही तो बेबी चाहिए.. ले चुद अब मेरे लंड से साली कुतिया.. तेरे आदमी में तुमको चोदने का दम नहीं है क्या? उसका लंड इतना मोटा नहीं है क्या?
उसने ‘ना..’ में सर हिलाया और कहा- तब ही तो तुमसे चुद रही हूँ..
मैंने कहा- ले चुद अब.. तेरी चुत को फाड़ न दूँ तो कहना.
उसने बोला- फाड़ दे चुत गांड सब.. मैं तेरी रांड हूँ आज से.. और अभी से.. आह चोद.. जैसे रांड चुदती है वैसे चोद मुझे तू..
“ले मेरी रंडी चुद और तेज लंड डालूँ क्या..?”
सुमन ने फिर हां में सर हिलाया और कुछ देर की मस्त चुदाई के बाद उसने अपना चुत का रस छोड़ दिया.
वो बोलने लगी- आह.. मजा गया.. चाट लो मेरा जवानी का रस.
उसकी चूत का रस चाटने के बाद मैंने भी उसको बोला- ले चूस लौड़ा मेरा.
वो बोली- पहले तुम मेरी चुत को अपने माल से भर कर मुझे माँ बना दो.
मैं उसकी चूत में लंड पेल कर फिर से चुदाई में लग गया. दस मिनट बाद मैं बोला- मैं भी आने को हूँ.
बस 10-15 झटके में मैंने मेरे लंड का माल उसकी चुत में छोड़ दिया और उसके ऊपर गिर गया.
ये खेल हम तीनों ने पूरी रात खेला. उस रात हमने 4 बार चुदाई की और प्रिया ने भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.
सेक्स करते करते सुबह के 5.30 बज गए थे और हम सब आराम करना चाहते थे. इसलिए हम तीनों नंगे ही सो गए.
मेरी जब आँख खुली तब तक दोपहर के 1.30 बज रहे थे. हम सबने साथ में नहा धोकर लंच किया.
सुमन बोली- बाय.. मैं अभी चलती हूं.
उसके जाने के बाद हम दोनों भी कपड़े पहन कर एक दूसरे से जुदा हो गए.
यह थी मेरी अन्तर्वासना सेक्स कहानी. इसके आगे की कहानी फिर कभी. तब तक के लिए नमस्कार.
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