चुदासी चूत में मेरे लंड का कमाल

चुदासी चूत में मेरे लंड का कमाल

हैलो मेरे दोस्तो, कैसे हो आप लोग, मैं आशा करता हूँ कि आप लोग ठीक होंगे. मैं आपने सभी पाठकों का अभिवादन करता हूँ. मेरे प्रिय पाठकों आप लोगों अपना जो प्यार प्रेषित करते हैं, वो मेरे लिए एक बड़ा स्पोर्ट है. उसके लिए दिल से पुनः धन्यवाद.

मुझे उम्मीद है कि आप लोग मुझे भूले नहीं होंगे, लेकिन नए पाठकों के लिए मैं अपना परिचय बताना चाहूंगा. मेरा नाम सैफ है, मैं एक मिडल क्लास की फैमिली से बिलोंग करता हूँ और मेरी उम्र 21 साल है. ऊपर वाले के रहमोकरम से मैं एक अच्छे खासे जिस्म का मालिक हूँ. मेरी बॉडी का रंग गोरा है और मेरा शरीर एक पूरा कसा हुआ है.. जिसे मैंने जिम जाके और अधिक मजबूत बनाया है.इसके बाद यदि मैं लंड की बात करता हूँ, तो लड़कियां भाभियां और आंटियां ध्यान से पढ़ लें कि मेरा लंड 7 इंच लंबा और 4 इंच गोलाई में मोटा है. ये किसी भी औरत को चरम सीमा तक पहुंचा कर संतुष्ट कर सकता है.

जो मेरे पाठक हैं, वो अपने लंड को पकड़ लें और जो पाठिकाएं हैं वो अपनी चूत की झांटें आदि साफ़ करके मजा लेने को तैयार कर लें. क्योंकि मेरी इस गरम चुदाई की कहानी को पढ़ कर आप अपने आपको हाथ चलाने से रोक ही नहीं पाओगे.

दोस्तो, आपने तो मेरी पिछली हॉट चुदाई स्टोरी
प्लेबॉय बनने के लिए चुत चुदाई का टेस्ट
पढ़ी थी, जिसमें प्लेबॉय बनने के लिए टेस्ट दिया. उसमें मेरी नेहा मैडम ने अपनी चूत चुदवा कर मेरा टेस्ट लिया था. उस टेस्ट में उन्होंने न केवल मुझे पास कर दिया था, बल्कि अपना फ़ेवरेट चोदू भी बना लिया था. नेहा जी ने अब मुझे एक प्लेबॉय बना दिया था.

इसके कुछ दिन बाद मुझे एक कॉल आया नेहा मैडम का … उन्होंने मुझे एक ऑर्डर दिया जिसके अनुसार मुझे मेरे कस्टमर को सर्विस देनी थी. उन्होंने मुझे कस्टमर का नम्बर दिया और कहा कि पार्टी से बात करके उसके पास पहुंचो.
मैंने कहा ‘ठीक है मैडम..’ कह के फोन रख दिया.

अब मैंने अपने कस्टमर को फ़ोन किया. उन्होंने मेरा फोन उठाया और बात की और अपनी डिटेल मुझे दी. दो दिन बाद की डेट फिक्स हुई. मैं दो दिन बाद मैं दिल्ली पहुंचा और मैंने अपने कस्टमर को कॉल किया. वो मुझे पिक करने आ गईं.

यार मैंने जब उन्हें देखा तो माशाअल्लाह क्या बताऊँ … वो तो बला की खूबसूरत थी. ऊपर वाले ने फुर्सत से बनाया था.
उन्होंने पहुंच कर मुझे कॉल किया और अपने पास अपनी कार में बुला लिया. मैं कार के नजदीक पहुंच कर बोला- हैलो मैडम.
उन्होंने भी सपाट स्वर में बोला- हैलो.
मैंने अपना इंट्रो दिया- मैं सैफ.

मैडम ने पहले कार में बैठने का इशारा किया. मैं जैसे ही बैठा उन्होंने राहत की सांस ली.

अब उन्होंने भी बताया- हैलो … मैं डॉली जॉर्ज.
मैंने बोला- नाइस नेम.. क्या मैं जान सकता हूँ कि आप क्या करती हो?
वो बोली- मैं अपने ऑफिस में काम करती हूँ.
वो किसी कम्पनी की खुद मालिक थी.

मैंने पूछा- आपके पति क्या करते हैं?
वो बोली- वो बाहर टूर पर रहते हैं और कभी कभी आते हैं.
मैंने कहा- ठीक है.

बस ऐसे ही छोटी छोटी बातें होती रहीं और हम उसके फार्म हाउस में पहुंच गए. भाई उसका फार्महाउस तो वाकयी देखने लायक था. उसमें स्वीमिंगपूल था, गॉर्डन था. बहुत ही अच्छा था.

हम दोनों हाउस के बने एक बड़े हॉल में अन्दर आ गए. इसके बाद मैं फ्रेश हुआ. वो भी फ्रेश हुई.

फिर उसने मुझसे बोला- सैफ, नेहा जी ने तो आपकी बहुत तारीफ की है. अब देखते हैं कि आप कितने खरे उतरते हैं.
मैं कहा- ठीक है.. मैडम वो आपको थोड़ी देर में पता चल जाएगा.
मैडम- ठीक है, चलो पहले कुछ खा लेते हैं.

फिर हमने लंच किया और थोड़ी देर रेस्ट किया. मैंने देखा कि डॉली मेरे सामने ही अपनी ड्रेस चेंज कर रही थी. यहाँ पर वो देखने लायक थी. मैंने उसके शरीर की बनावट को देखने लगा. या खुदा क्या फिगर था उसका.. आह 34 इंच के ठोस चूचे.. नीचे 36 इंच की हाहाकारी गांड और 26 इंच की बलखाती कमर, कयामत लग रही थी. मैंने उसकी उम्र 28 साल की थी. मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसकी ओर बढ़ा. मैंने पीछे से उसकी कमर पे हाथ रख दिया और उसे अपने से चिपका लिया.

वो नखरे से कहने लगी- वेट न!
मैंने कहा- जब इतना रसीला माल सामने हो, तो वेट कैसे होगा मैडम.

मैं उसकी कमर को सहलाने लगा और उसकी गर्दन पर किस करने लगा. वो भी मदहोश हो रही थी. मैं भी उसे काफी देर तक चूमता रहा. थोड़ी देर बाद मैंने उसे अपनी ओर घुमाया और उसके रसीले होंठों के जाम पीने लगा. सच में क्या मस्त बंदी थी. उसे चूसते समय मुझे ऐसा लग रहा था कि ये बरसों से लंड की भूखी हो.

वो मुझ पर एकदम से टूट पड़ी और किस करने लगी. काफी देर तक हम एक दूसरे को किस करते रहे. वो ऐसे किस कर रही थी, जैसे कोई प्रोफेशनल पोर्न स्टार हो. मुझे उसके साथ इस वक्त काफी मज़ा आ रहा था.

करीब 20 मिनट के बाद हमने रेस्ट किया और कामुक आहें भर कर हम दोनों ने एक दूसरे की आंखों में खा जाने की वासना भरी नजर से देखा. फिर एक दूसरे को स्माइल पास करते हुए पुनः चिपक गए और किस करने लगे.

मेरा तो मन कर रहा था कि मैं इसको सालम (साबुत) ही खा जाऊँ. फिर हम एक दूसरे से अलग हुए और मैं उसे गोद में उठाकर उसके बेडरूम में ले गया. उसे नर्म बिस्तर पर लिटा कर, मैंने उसके पैरों से उसे किस करना स्टार्ट किया और जांघों से होते हुए कमर पर किस करने लगा. उसकी कमर को चूस करके मैंने लाल कर दिया और फिर धीरे धीरे में उसके चूचों को दबाने लगा. वो बिल्कुल कन्ट्रोल में नहीं थी. बस आहें भरे जा रही थी.

मैं उसके चूचों को दबाता रहा और उसके मुँह से सिसकारियां निकलती रहीं. फिर मैंने उसके ब्लाउज पेटीकोट को उतार दिया और साड़ी भी उतार दी. अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी. मैं उसके पूरे शरीर पर किस करने लगा और उसके चूचों को जोर जोर से दबाने लगा. वो सिसकारियां भरती रही.

मैं किस करते करते उसके होंठों पर पहुंचा और फिर किस करने लगा. थोड़ी देर किस करने के बाद उसने मुझ पर पलटवार किया और मुझे नीचे लेटा कर खुद मेरे ऊपर चढ़ गई और मुझे किस करने लगी. वो पागलों की तरह मुझे इधर उधर चूमने लगी.

फिर थोड़ी देर चूमने के बाद उसने मेरे कपड़े निकाल दिए और मैं अब सिर्फ अंडरवियर में था. मेरा लंड मेरे कच्छे में तंबू बना रहा था. वो मेरे ऊपर बैठ गई और वो अपने दूध मेरे सीने से रगड़ कर मुझे कामवासना का अहसास दिलाने लगी. फिर वो मेरे पैरों से शुरू हुई और किस करने लगी. वो भी एकदम चुदासे मूड में आ गई थी. उसने भी मेरे पूरे शरीर पर किस किया, मेरी छाती मेरी कमर, गर्दन, गाल, होंठों पर खूब चूमा.

फिर किस करने के बाद वो एक शरारती अंदाज में मेरे लंड के पास पहुंची और लंड से खेलने लगी. उसने मेरे अंडरवियर को उतार कर लंड को पकड़ लिया. वो अपने हाथों के बालिश्त से खड़े लंड को नापने लगी और कहने लगी- ह्म्म्म … बड़ा दम है इसमें.

बस इसके बाद वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. मुझे तो मानो लंड चुसाई के अहसास ने ही तरन्नुम में ला दिया था. काफी देर तक लंड चूसने के बाद वो मेरे ऊपर लेट गई.

कुछ पल बाद मैं उसे नीचे लिटा कर उसकी ब्रा उतार कर उसके चूचों को चूसने लगा. एक दूध को चूसता और दूसरे को मसलता. ऐसे ही काफी देर तक करने के बाद मैं रिवर्स पोजीशन में आ गया और किस करते हुए उसकी चूत के पास आ पहुंचा. उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी. मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी चूत पर टूट पड़ा. मैं उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा, कभी कभी दांतों से चूत के मुकुट यानि उसकी क्लिट को हौले से खींच कर काट भी लेता.

वो ‘सीओह..’ करते हुए कराहती, तो मैं झट से अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल कर पूरा घुमा देता. उसको राहत सी मिलने लगती.

ऐसे मैं काफी देर तक उसकी चूत के साथ खेल करता रहा. वो अकड़ती रही, छटपटाती रही, मैं कुछ इस तरह से लगा रहा कि वो जैसे ही झड़ने को होती, मैं अपनी जीभ निकाल कर उसकी जांघों को चूमने लगता. वो इतनी पगला गई थी कि समझो उसका मुझ पर वश नहीं चला, वर्ना वो मुझे कच्चा ही खा जाती.

फिर अंत में जब उससे नहीं रहा गया तो उसने मेरे सर को पकड़ लिया और जोर से अपनी चूत पर दबाने लगी. मैंने भी इस बार उसका साथ दे दिया.

थोड़ी देर में ही वो गांड उठाते हुए तेज कराह के साथ झड़ गई और शांत लेट गई. मैंने उसे दो पल बाद किस किया और पूछा- मैं कैसा लगा?
वो मुस्कराने लगी और मेरे लंड को पकड़ कर बोली- यार, अब इसका दम देखना है.
मैंने कहा- ठीक है.. आ जाओ.

वो मेरे लंड को मुँह में भर के चूसने लगी और लंड खड़ा होते ही वो मेरे लंड पर बैठ कर अपनी चूत में डालने की कोशिश करने लगी. मैंने उसे लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा और उसे फिर से तड़पाने लगा. वो मुझसे चुदाई की रिकवेस्ट करने लगी.

डॉली- प्लीज़ चोदो मुझे.

मैं उसकी बात को अनसुना करता रहा और उसकी चूत पर ऊपर ऊपर से लंड रगड़ने लगा. वो और भी तड़पने लगी.

वो मुझसे कहने- अब चोद भी दो यार.

वो अपने हाथों लंड को पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी. मैं भी उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा.

वो खुश हो गई पर ये ख़ुशी ज्यादा देर की नहीं थी, मैंने लंड को चूत पर सैट करके एक ही झटके में अन्दर डाल दिया. उसके मुँह से जोरदार चीख निकली.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… तो मैं रुक गया. उसकी आंखों से आंसू आ गए थे क्योंकि वो काफी दिन बाद चुद रही थी और इतना बड़ा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ जड़ तक अन्दर चला गया था. मैं रुक गया और उसको किस करने लगा.

फिर उसने मुझे काफी बार लंड बाहर निकालने का बोला, पर मुझ पर उसका कोई फर्क नहीं पड़ा. मैं थोड़ी देर बाद अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और एक जबरदस्त चुदाई शुरू कर दी. अब उसके मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं- अअहहहह ऊम्म्मआह.. मर गई..

मैं उसे डटकर चोदता रहा. चोदते चोदते मैं कभी किस करता, कभी चूचे दबाता, कभी चूसता. ऐसे ही उसकी धकापेल चुदाई करके उसे एकदम मस्त कर दिया. मैंने अलग अलग पोजीशन में उसकी चुदाई की. कभी उसे घोड़ी बनाकर चोदा, कभी लेटा कर उसकी चूत का को लंड का मजा दिया.. कभी उसे अपने खड़े लंड की सवारी करवा के उसकी चूत को रगड़ा. वो दो बार झड़ भी गई थी.

फिर उसकी चूत को अपना सारा माल खिलाकर मैं झड़ गया और उसके ऊपर लेट गया.

उसने मेरे बालों में हाथ फेरे और कहने लगी- यार नेहा ने तुम्हारे बारे में कहा था, वो एकदम सही निकला. मुझे तुम बहुत पसंद आए. अब तुम मुझे रोज चोदोगे.
मैंने कहा- रोज एक ही चूत.. यार मज़ा नहीं आएगा.
उसने कहा- तुम टेंशन मत लो, तुम्हें कई चूत मिलेंगी.

मैं खुश हुआ और फिर दो बार और चुदाई करके डॉली को संतुष्ट किया. फिर हम दोनों शॉवर लेकर फ्रेश हुए और हम ज्यादा थकने की वजह से एक साथ सो गए.

इसके बाद उन्होंने मुझे अपनी कंपनी में जॉब दे दिया. मुझे अपना पर्सनल असिस्टेंट बना लिया. काफी बार मुझे नई नई चूत चोदने को दिलाईं. मैंने उन्हें भी संतुष्ट किया और डॉली को संतुष्ट करना तो मेरी जॉब ही थी.

थैंक्यू दोस्तो कि आपने मेरी कहानी पढ़ी. यह हॉट चुदाई स्टोरी आपको कैसे लगी, मेरी मेल आईडी पर जरूर बताइए.. ताकि मैं आपके लिए और भी नई कहानी लिख सकूँ.
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