वर्जिन देसी गर्ल Xxx कहानी में पढ़ें कि मैं जवान हुई तो मेरी जवानी भी सेक्स के लिए मचलने लगी. मैं भी किसी सख्त जिस्म से अपने को मसलवाना देना चाहती थी.
दोस्तो, मैं आपको अपनी पहली चुदाई की कहानी का मजा लिख रही थी.
कहानी के द्वितीय भाग
कुंवारी बुर की सील तुड़वाने की तैयारी
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने राकेश के मुँह को चूम लिया था और वो अचानक से ऐसा होने पर चौंक गया था. हालांकि अगले पल से ही वो मेरा साथ देने लगा था.
अब आगे वर्जिन देसी गर्ल Xxx कहानी:
वो लगातार मेरा साथ देने लगा.
मैं उससे सटी हुई खड़ी थी तो मुझे उसकी पैंट में उभार महसूस होने लगा था और वो उभार बढ़ता ही जा रहा था.
किस करते करते राकेश के हाथ मेरी पीठ पर घूमने लगे.
मैं तो जैसे सातवें आसमान में घूमने लगी.
मुझे ये सब इतना अच्छा लग रहा था कि मैं किसी और दूसरी बात को सोचना भी नहीं चाहती थी.
धीरे धीरे उसका एक हाथ मेरे दूध को टी-शर्ट के ऊपर से मसलने लगा.
मैं बस पूरी तरह से खो गई थी.
राकेश ने मेरे बूब्स को ऊपर से ही जोर से दबा दिया था.
मेरे निप्पल कड़े हो गए थे, तो दबाने से उनमें दर्द होने लगा था.
एक बूब में पहले से दर्द हो रहा था लेकिन आज मैं रुकना नहीं चाहती थी.
राकेश ने एक हाथ को मेरी कमर पर लगाया और अपने औजार को मुझ पर दबाने लगा.
वो एक हाथ से मेरे सिर को पकड़ कर किस कर रहा था और अपना कमर वाला हाथ धीरे धीरे टी-शर्ट के अन्दर ऊपर उठाने लगा था.
मेरी टी-शर्ट टाइट थी, तो उसे हाथ ऊपर ले जाने में दिक्कत हो रही थी.
उसने टी-शर्ट को खोलने के लिए ऊपर उठाया, लेकिन मैंने मना कर दिया क्योंकि दोनों में से किसी के घर से कोई भी ऊपर आ सकता था.
मैंने अपनी टी-शर्ट को बिंदास तरीके से बूब्स तक ऊपर कर दिया और अपने दोनों मम्मों को आजाद कर दिया.
मैंने आज पहले से सब कुछ प्लान कर रखा था तो अन्दर ब्रा और पैंटी नहीं पहनी थी.
राकेश के हाथ सीधे मेरे बूब्स पर चले गए, वो मेरे दोनों मम्मों को मसलने लगा.
इस सबसे मेरे शरीर में बहुत ज्यादा सनसनाहट पैदा होने लगी.
ऊपर वो मेरे होंठों को किस कर रहा था और एक हाथ से मेरे बूब्स दबा रहा था.
नीचे उसका औजार खड़ा हो गया था और मुझे छू रहा था.
मेरे चूचुक बहुत ज्यादा टाइट हो गए थे. मुझे लग रहा था कि बस अभी मेरे चूचे फट जाएंगे.
उसने धीरे धीरे अपने औजार को मुझसे रगड़ना शुरू कर दिया.
रगड़ से उसमें भी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ गई.
अब वो मुझे और गहरा किस करने लगा और अपने हाथों से मेरे बूब्स को और जोर से दबाने लग गया.
साथ ही वो मेरे निप्पलों को भी दबाने में लग गया.
फिर उसने अपना मुँह मेरे होंठों से हटा कर मेरे एक दूध पर रख दिया और उसे चूसने लगा.
आज समझ सकती हूं कि वो इस काम के लिए एकदम नया था लेकिन उस समय तो वो ही मेरे लिए जॉनी सीन्स था.
वो जो कुछ भी कर रहा था, जहां भी छू रहा था, मेरे शरीर में उत्तेजना पैदा हो रही थी.
ऐसे में उसने मेरे दोनों बूब्स को हाथ में ले लिया और दोनों को बारी बारी से चूसने लगा.
मेरे शरीर की हालत पूरी तरह से बिगड़ गई थी.
मेरी सांसें उखड़ गई थीं, धड़कन तेज हो गई थीं, गला सूख गया था.
तभी उसका एक हाथ धीरे धीरे नीचे मेरी लैगी की ओर जाने लगा.
मैं अपने होश खो बैठी थी.
ये सब कुछ इस तरीके से हो रहा था कि मैं अपने बस में नहीं थी.
उसने अपना एक हाथ मेरी लैगी के अन्दर डालना शुरू कर दिया.
मुझे पता नहीं, कुछ कुछ होने लग गया था … तो मैंने उसके हाथ को पकड़कर खींचने की असफल कोशिश की.
उसने अपना हाथ अन्दर डाल दिया और ज्यों ही उसकी उंगली अन्दर मेरी चूत ले दाने तक पहुंची, मेरे मुँह से एक तेज आवाज के साथ मादक सिसकार निकली.
उसी पल मुझे एक भयंकर झटका सा लगा और मैं वहीं पर खड़ी खड़ी झड़ने लगी.
मुझे कुछ भी पता नहीं चल रहा था.
कुछ पल के लिए जैसे मेरे लिए सब कुछ थम सा गया था.
यही जन्नत थी मेरे लिए!
इससे पहले मैंने कभी कभार उंगली से भी अपने आपको शांत किया था.
लेकिन ये जो अहसास अब हो रहा था, उसका कोई विवरण नहीं था.
मैं वहीं खड़ी खड़ी कांपने लगी और मेरी चूत से पानी बाहर आने लगा.
मैंने अपने शरीर को पूरी तरह से राकेश की बांहों में छोड़ दिया था, उसने जैसे तैसे करके मुझे संभाला.
मेरी चूत से पानी निकलने लगा था, जो मेरी टांगों के साथ नीचे आने लगा.
आज से पहले मेरी चूत ने इतना पानी कभी नहीं छोड़ा था, मैं बस सब कुछ भूल कर उसी पल में रहना चाहती थी.
लेकिन राकेश ने मुझे नीचे बिठा दिया और लिटा दिया.
मैं समझ गई थी कि अब मेरी चूत फटने की बारी है.
मैंने राकेश को कुछ देर रुकने को कहा क्योंकि मुझमें अब ताकत ही नहीं बची थी.
राकेश मुझे किस करने लगा और मेरे मम्मों को फिर से दबाने लगा.
अब राकेश ने अपना मुँह मेरे निप्पल पर रख दिया और उसे चूसने लगा.
मेरे निप्पल बहुत ज्यादा कड़े हो चुके थे.
वो उसे किसी बच्चे की तरह चूस रहा था और अपने हाथों को मेरे शरीर पर घुमा रहा था.
मैंने उसको अपनी बांहों में दबा कर भर लिया था और उसकी पीठ को मसलने लगी थी.
धीरे धीरे उसका हाथ मेरी जांघों पर आ गया था और वो हल्के हाथों से सहला रहा था.
इस सबसे मेरी चूत फिर से तैयार होने लगी थी.
धीरे धीरे उसने अपने हाथ को ऊपर उठाना शुरू कर दिया और मेरी चूत के चारों ओर घुमाने लगा.
मैं अब उत्तेजित हो चुकी थी.
मेरी चूत तो पहले से बहुत गीली थी.
उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत के ऊपर रख दी और उसे चूत के दोनों होंठों के बीच घुमाने लगा.
मैं अब पूरी तरह से तैयार थी तो उसकी उंगली को मेरी चूत में लेने के लिए मैंने अपनी गांड को ऊपर उठा दिया.
लेकिन राकेश ने पहले ही अपनी उंगली हटा ली.
उसका प्लान कुछ और था.
उसे पता चल गया था कि मैं अब तैयार हूं और वो मौका गंवाना नहीं चाहता था.
वो ऊपर हुआ और सीधे अपनी पैंट और अंडरवियर नीचे घुटनों तब खोल दिया.
मैंने पहली बार किसी लड़के का लंड देखा था, वो फिल्मों वाले लंड से बहुत छोटा था.
उसका लंड करीब 5 इंच का रहा होगा और वो ज्यादा मोटा भी नहीं था.
राकेश का लंड इस समय सीधा खड़ा था और वो इस समय अपने घुटनों पर खड़ा हुआ था.
मैं उसके नीचे अपने पैरों को चौड़ा करके लेटी हुई उसके लंड को अन्दर डालने का इंतजार कर रही थी.
वर्जिन देसी गर्ल Xxx चुदाई के लिए एकदम तैयार थी लेकिन वो थोड़ा हिचकिचा रहा था.
फिर उसने अपने लंड को मेरी चूत पर सैट किया और धक्का देने लगा.
उसने मेरी चूत के ऊपरी हिस्से पर लंड को सैट किया था, जो धक्का देने से फिसल गया था.
तब मैं पूरी तरह से समझ गई थी कि इसको पता नहीं है कि लंड कहां डालना होता है.
मैं भी नहीं चाहती थी कि वो अपने आपको बेइज्जत महसूस करे.
मैंने उसके लंड को पकड़ लिया.
जिंदगी में पहली बार मैंने लंड को अपने हाथ में पकड़ा था तो जोश जोश में थोड़ा दबा दिया.
उसके मुँह से दर्द भरी आवाज निकल गई- आह उई!
फिर मैंने उसके लंड के सुपाड़े को मेरी चूत पर सैट किया और उससे धक्का लगाने को बोला.
उसने धक्का लगाया तो चूत गीली होने से उसके लंड का सुपारा मेरी चूत में आसानी से घुस गया.
पहली बार कोई असली वाला लंड मेरी चूत में गया था, मुझे दर्द भी बहुत हुआ तो मैंने राकेश को वहीं रुकने का इशारा किया.
लेकिन मैंने सुना था कि पहली बार में बहुत दर्द होता है.
वो ही हुआ.
हालांकि वो दर्द कुछ समय में ही कम हो गया.
अब मैं निश्चिंत हो गई थी कि अब बस मजा ही आने वाला है, दर्द तो हो चुका है.
मैं झिल्ली फटने की बात को भूल गई थी तो जोश जोश में मैंने राकेश को धक्का लगाने को बोल दिया.
राकेश ने मेरा इशारा पाते ही अपने लंड को जोर से अन्दर धकेला.
राकेश का लंड भी पतला था और वो धक्का इतना तेज था कि मेरी झिल्ली को तोड़ते हुए पूरा अन्दर चला गया.
झिल्ली फटने के दर्द से मेरे मुँह से जोर से चीख निकल गई.
राकेश ने मेरे मुँह को जल्दी से अपने हाथ से दबाया.
दर्द के मारे मेरी आंखों में से आंसू आने लगे.
राकेश ने अपना हाथ हटा कर मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और लगभग आधा मिनट लंड को वैसे ही पेले रखा.
मेरा भी दर्द कम हो रहा था और मैं भी अपने होश में आने लगी थी.
राकेश ने बिल्कुल धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर ही आगे पीछे किया जिससे मुझे दर्द भी नहीं हुआ और मैं वापस उत्तेजित होने लगी.
एक दो मिनट बाद ही राकेश मुझे तेज तेज चोदने लगा.
मैं भी अपनी गांड उठा कर उसका साथ देने लगी.
मेरे हाथ राकेश की पीठ पर घूमने लगे और मैंने दोनों पैरों से राकेश को बांध लिया था.
राकेश अब बहुत ज्यादा हांफ रहा था और मुझे किस करते हुए धकापेल चोद रहा था.
हम दोनों के मुँह से आह आह की आवाज आ रही थी.
ये सब कुछ मेरे लिए जन्नत सी थी.
मैं बस जिंदगी भर यूं ही चुदना चाहती थी.
बस मन कह रहा था कि ये चुदाई कभी पूरी ही न हो.
राकेश का भी ये मौका पहला था और मैं भी गांड उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी.
कुछ देर बाद राकेश बोला- मेरा होने वाला है, कहां निकालूं?
मैं इसके लिए तैयार नहीं थी और मुझे पता था कि इसको अन्दर डालने से मैं प्रेगनेंट हो सकती हूँ.
तो मैंने उसको बाहर निकालने को बोला.
उसने आनन-फानन में झट से अपने लंड को चूत से बाहर निकाल दिया और एक तेज पिचकारी के साथ उसका सामान झटकों के साथ अपने माल को मेरे ऊपर डालने लगा.
उसकी पिचकारी मेरे चेहरे से भी आगे तक जाकर गिरी.
मेरा चेहरा भी उसके माल से भीग गया और मेरी टी-शर्ट पर भी उसका माल लग गया.
राकेश का माल निकलते ही वो मेरे पास में निढाल होकर गिर गया और जोर जोर से हांफने लगा.
फिर जैसे ही उसने मेरी तरफ देखा, तो मैं पहले से ही उसे देख रही थी.
उसने उखड़ी हुई आवाज में मुझसे कहा- ये मेरी जिंदगी की सबसे बढ़िया वाली गिफ्ट है, जिसे में कभी भूल नहीं सकता.
ऐसा बोल कर उसने मुझे किस कर लिया.
फिर हम कुछ टाइम वैसे ही लेटे रहे.
तभी मेरी मम्मी ने मुझको पुकारा तो हम दोनों को होश आया और हम दोनों ने जल्दी जल्दी कपड़े ठीक किए.
मैंने टी-शर्ट से अपने चेहरे को भी साफ किया.
टी-शर्ट अन्दर से गंदी हुई थी क्योंकि वो ऊपर पलटी हुई थी तो टी-शर्ट को नीचे कर लिया.
मेरे खड़े होते ही राकेश को मेरे नीचे खून दिखा, वो कुछ बूंदें ही थीं, तो उसे कुछ डर लगा.
उसने मुझे बताया तो डर मुझे भी लगा लेकिन मैं उसके सामने खुद को कमजोर नहीं बताना चाहती थी और पता भी था कि पहली बार में ये सब हो सकता है.
मैंने उसे समझाया और वो सामान्य हो गया.
फिर हम दोनों ने एक जोरदार किस की और एक दूसरे को कस कर बांहों में भर लिया.
फिर मैं ज्यों ही चलने लगी तो दर्द के मारे मेरे पैर उखड़ने लगे.
मैंने दीवार का सहारा लिया.
राकेश तब तक जा चुका था.
मैं कैसे भी करके नीचे पहुंची.
नीचे दीदी सीढ़ियों के पास मेरा इंतजार कर रही थी.
मां सोने चली गई थीं.
मैंने पैरों को अच्छे से रखने की कोशिश की लेकिन थोड़ा बहुत बदलाव रहता ही है और मैं जैसे तैसे कमरे तक पहुंच गई.
मेरी दीदी ने मुझसे कहा- पहली बार में ये सब होता है, छुपाने से नहीं छुपता ये!
इतना सुनते ही मैं चौंक गई और समझ गई कि दीदी को आज की घटना के बारे में पता चल गया.
मैंने अनजान बनते हुए कहा- क्या पहली बार … किस बारे में बात कर रही हो तुम?
दीदी ने कहा- बड़ी हूं तेरे से और तेरे से ज्यादा एक्सपीरियंस है मुझे … अब चल तुझे सुसु करवा लाऊं, तुझसे तो चला नहीं जाएगा.
ऐसा बोल कर दीदी ने मुझे पकड़ा और सुसु करवाने ले गई.
वापस आकर दीदी ने मेरे को एक गोली दी.
मैंने बिना कुछ बोले वो गोली ले ली और हम दोनों सो गए.
दोस्तो इस प्रकार से पहली बार मैंने किसी से चुदाई की थी.
मैंने बाद में कई बार और भी राकेश के साथ सेक्स किया था.
वो कहानियां और मेरी बहन की चुदाई की कहानी बाद में बताऊंगी.
आपको ये वर्जिन देसी गर्ल Xxx कहानी कैसी लगी, मेरी मेल आईडी पर इसके लिए अपने विचार जरूर भेजें और कमेंट करके भी जरूर बताएं.
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