वाइफ चीटिंग Xxx कहानी में पढ़ें कि एक हसीं सेक्सी लड़की अपने अमीर पति की सेक्स की कमी को नजरअंदाज कर रही थी. लेकिन जैसे ही उसे मौक़ा मिला तो …
दोस्तो, मेरी कहानियों को पसंद करने के लिए और आपसे मिलने वाली मेल्स के लिए शुक्रिया.
आपने मेरी पिछली कहानी
हीर की सेक्स फैंटेसी
को काफी सराहा, उसके लिए भी शुक्रिया.
आज की वाइफ चीटिंग Xxx कहानी अनिल, प्रिया और सुमित की है.
प्रिया की शादी सात साल पहले आयकर विभाग में उच्च अधिकारी के रूप में तैनात अनिल से हुई थी.
अनिल और प्रिया दोनों ही रंगीन स्वभाव के थे.
प्रिया अपने जमाने की कॉलेज की ब्यूटी क्वीन थी.
उसकी सुंदरता पर लट्टू होकर अनिल के घर वालों ने उसे मांग लिया था.
अनिल ऐसे विभाग में था, जहां पैसा बरसता था और अनिल था भी रिश्वतखोर, तो पैसे की तो जैसे बाढ़ आई हुई थी.
प्रिया को अच्छे से मालूम था कि अनिल को अपनी उंगली पर नचाने का रास्ता उसकी ब्रा और पैंटी से होकर जाता है.
बस ज़िंदगी के जितने ऐशो आराम पैसे से खरीदे जा सकते थे, वो सब उसकी झोली में थे.
पर हर समय के सेक्स ने उसे भी सेक्स का भस्सी यानि लंडखोर बना दिया था.
प्रिया के दिमाग में हर समय खुराफात, ऐश और चुदाई चलती.
शादी के दूसरे ही साल उसकी सास ने पीछे पड़कर उससे बेटा पैदा करवा लिया था और दो साल बाद ही वो उस नन्ही सी जान को अपने साथ ले गयी थी.
अब प्रिया ने भी कॉपर-टी लगवा ली थी क्योंकि अनिल न तो समय देखता, न जगह; बस जब और जहां मन किया, वो चालू हो जाता.
पिछले तीन-चार सालों में उन्होंने देश-विदेश में भरपूर मस्ती की.
प्रिया ने अपने को अच्छे से मेंटेन किया हुआ था. घर पर ही जिम बनाया हुआ था, जहां एक इंस्ट्रक्टर हरीश की निगरानी में दोनों सुबह वर्जिश करते.
अनिल बहुत दबंग अधिकारी था. हरीश उससे डरता था और अपनी लिमिट में रहकर बहुत चौकस होकर प्रिया के नजदीक जाता था.
वर्ना तो प्रिया की हरकतें ऐसी थीं कि कोई और आदमी हो, तो उसे दबोच ही लेता.
प्रिया को भी पराए मर्द को तड़फाने में मजा आता था.
पर वो भी जानती थी कि मस्ती तक तो ठीक है, पर अगर उसकी कोई हरकत अनिल को नाराज कर गयी तो सारे ऐशो आराम फुर्र हो जाएंगे.
अनिल को प्रिया का मखमली जिस्म पसंद था तो प्रिया के पूरे जिस्म पर कहीं कोई बाल का रेशा नहीं मिलता.
प्रिया हर हफ्ते पार्लर जाती, कभी किसी बहाने, कभी किसी बहाने!
प्रिया लंबी और तराशे हुए जिस्म की मालकिन थी.
उसके नुकीले मम्मे किसी को भी पागल कर देते.
अनिल तो उसके मम्मों और मखमली चूत का दीवाना था.
वो हर दिन ऊपर नीचे जम कर चूमता.
प्रिया बेड पर अनिल पर भारी ही पड़ती.
कई बार अनिल उसकी तड़प पूरी नहीं मिटा पाता था पर प्रिया ने उसे इसका अहसास कभी होने नहीं दिया.
क्योंकि इसके ऐवज़ में जो ऐशोआराम वो भोग रही थी, उसकी कीमत वो जानती थी.
अब प्रिया की भी हालत ये हो गयी थी कि बेड पर आने के कुछ देर में ही वो टांगें चौड़ी करके अनिल का सिर नीचे खींच लेती कि पहले इसे चूसो.
दोनों 69 हो जाते.
अनिल का औज़ार छोटा पर मजबूत था, प्रिया तो उसे चूस कर अनिल को निहाल कर देती.
हां, इतना जरूर था कि प्रिया चाहती थी कि अनिल उसकी चूत देर तक और गहराई तक चूसे … और वो इतनी ही देर अनिल का लंड भी चूसती रहे!
पर अनिल इतनी देर नहीं चुसवा पाता था.
उसे लगता था कि अब अगर प्रिया ने और ज्यादा चूसा तो वो उसके मुँह में ही खाली हो जाएगा.
इसीलिए वो प्रिया से अपने को छुटाकर फटाफट उसकी चूत में घुस जाता और जल्दी जल्दी चोद कर निढाल होकर पड़ जाता.
प्रिया उसके सामने तो यही दिखाती कि चुदाई से वो पूरी संतुष्ट हो गयी है पर वो अपनी हवस वाइब्रेटर या उंगली से पूरी करती.
अब प्रिया ने परिस्थियों को स्वीकार कर लिया था और वो खुश थी.
उनकी इस खुशहाल ज़िंदगी को किसी की नजर लग गयी और किसी मामले में अनिल की जांच बैठ गयी.
अनिल को जेल निश्चित थी पर उसने पैसा पानी की तरह बहाया और जांच कमेटी की रिपोर्ट पर उसे संदेह का लाभ मिल तो गया, पर उसका तबादला सुदूर आसाम में कर दिया गया.
उसे जो जगह मिली, वहां कोई भी अधिकारी सुरक्षा की दृष्टि से अपने परिवार को अपने साथ नहीं लाता था.
सही बात तो यह थी कि उसका यह तबादला, काले पानी की सज़ा जैसा था जिसमें सज़ा तो नहीं थी पर ज़िंदगी में कुछ भी मज़ा नहीं था.
गुरुग्राम में अनिल की बड़ी कोठी थी और उधर रहने वाली अकेली प्रिया.
अनिल के मां-बाप ने काफी कहा कि प्रिया उनके पास भोपाल आ जाए, पर वहां प्रिया के ऐशो-आराम और मस्ती को आजादी नहीं मिलती.
फिर इधर अनिल के भी कुछ अधूरे काम भी थे जो प्रिया को निबटाने थे; तो प्रिया ने ‘तीन चार महीने बाद आऊंगी.’ कह कर टाल दिया.
वैसे भी प्रिया पिछले महीने ही अपने बेटे के पास 5-6 दिनों के लिए होकर आई थी.
अनिल ने कुछ दिन पहले ही किराए की आमदनी दिखाने के उद्देश्य से और सुरक्षा के नजरिए से कोठी के ऊपर का पोर्शन सुमित को किराये पर दिया था जो एक मल्टी नेशनल कंपनी में मोटे वेतन पर काम करता था.
सुमित की शादी को भी तीन साल हो गए थे पर उसकी पत्नी शुभि किसी विदेशी असाइनमेंट पर अगले छह महीने के लिए दुबई गयी थी.
सुमित बहुत सलीकेदार, लंबा, गोरा-चिट्टा, बांका गबरू जवान था.
वो अब तक केवल एक बार ही चाय पर प्रिया और अनिल के पास नीचे आया था.
उसे भी जिम का शौक था पर वो अनिल के लाख कहने पर भी बाहर जिम में ही जाता. सुबह का एक घंटा पूरा अपने जिस्म को देता.
सुमित सुबह ब्रेकफ़ास्ट में तो केवल फल और दूध लेता, दोपहर को लंच ऑफिस में ही करता पर रात का डिनर वो खुद बनाता.
उसे अच्छा खाना खाने और बनाने का शौक था.
अनिल ने जाने से पहले सुमित को आग्रह करके डिनर पर बुलाया और उस पर विश्वास करते हुए अपनी सारी परेशानी उसे बताईं और ये वादा लिया कि उसके पीछे वो प्रिया का ख्याल रखेगा.
सुमित ने भी बहुत संजीदगी से इस ज़िम्मेदारी को स्वीकारते हुए प्रिया से कहा कि उसे जब भी किसी मदद की अवश्यकता हो तो वो नि:संकोच उसे कह दे.
अनिल ने एक बार पुनः सुमित से आग्रह किया कि वो बजाए बाहर जिम जाने के यहीं पर कर लिया करे क्योंकि अकेले प्रिया के लिए ट्रेनर का आना सेफ भी नहीं था.
हालांकि सुमित को इसमें उलझन थी क्योंकि जिम में कई मशीनें होती हैं. यहां केवल एक-दो थीं.
पर जब प्रिया ने भी आग्रह किया तो वो मना नहीं कर पाया.
दो दिन बाद अनिल चला गया.
एक दो हफ्ते ऐसे ही निकल गए.
सुमित भी अब सहज हो चला था.
वो रोज जाते समय प्रिया को बाय कह कर … और कोई काम तो नहीं है, ये पूछ कर जाता.
हां, उसके ऑफिस से आने पर प्रिया जिद करके चाय उसे अपने साथ ही पिलाती.
दो दिन बाद फ्राइडे सुमित ने दिन में एक बार प्रिया को फोन करके पूछ लिया था कि कोई चीज़ चाहिए हो तो बता दे, क्योंकि शाम को उसको ग्रोसरी स्टोर जाना था.
प्रिया ने उससे कहा कि वो पहले घर आ जाए, फिर चाय पीकर दोनों साथ चलेंगे.
अब सुमित क्या कहता.
खैर … वो शाम को थोड़ा जल्दी ही आ गया.
प्रिया और वो, चाय पीकर स्टोर चले गए.
अब चूंकि स्टोर में देर हो गयी और डिनर बनाना भी था तो सुमित ने प्रिया को बाहर ही डिनर लेने का ऑफर दिया.
जिसे प्रिया ने खुश होते हुए मान लिया.
अब तक वो और प्रिया काफी खुल भी गए थे. प्रिया और उसके बीच हंसी मज़ाक अब नॉनवेज लेवल का भी होने लगा था.
प्रिया जितनी बहुत बातूनी और चंचल थी, सुमित उतना ही संजीदा, पर उसका भी सैन्स ऑफ ह्यूमर जबरदस्त था.
हालांकि सुमित रोमांटिक और रंगीन भी कम नहीं था पर वो प्रिया के साथ अभी उतना खुला नहीं था.
गर्मी का मौसम था.
प्रिया ने एक बॉक्स बियर केन का ले लिया.
उसने सुमित से पूछा कि क्या उसके लिए भी ले ले?
तो सुमित ने कहा कि उसे बियर स्ट्रॉंग पसंद है और वो बॉटल में ही लेता है … और फिलहाल उसके पास फ्रिज में काफी स्टॉक है.
डिनर लेकर लौटते में उन दोनों को 11 बज गए.
गाड़ी में सिगरेट रखी थी.
प्रिया ने सुमित से पूछा- क्या तुम सिगरेट पीते हो, क्योंकि मैंने कभी फ्लैट में तुम्हें पीते नहीं देखा!
सुमित ने कहा- मैं केवल गाड़ी में या ऑफिस में पीता हूँ. क्योंकि एक बार अनिल ने मुझे बताया था कि सिगरेट के धुएं से उसे एलर्जी है, तो मैंने घर पर कभी नहीं पी. ज्यादा मन करता तो कभी कभी मैं बाल्कनी में जाकर पी लेता हूँ.
प्रिया को सुमित की ये बात बहुत अच्छी लगी कि वो कितना संवेदनशील है.
और प्रिया ने हंसते हुए एक सिगरेट सुलगा ली.
सुमित चौंका- अरे तुम भी पीती हो?
प्रिया बोली- शादी से पहले हॉस्टल में पीती थी. अनिल को वो मालूम है. पर शादी तय होने पर जब अनिल ने बताया कि उसे धुएं से एलर्जी है तो मैंने सिगरेट पीना छोड़ दिया.
घर आकर प्रिया ने सुमित से कहा- मेरा मन कॉफी पीने का है, अगर तुम्हें भी पीनी हो तो बताओ?
सुमित बोला- मन तो है, पर पहले वाइफ़ से बात कर लेता हूँ और कपड़े चेंज करके आता हूँ.
प्रिया बोली- तुम नहीं आओ, मैं चेंज करके कॉफी लेकर ऊपर आती हूँ.
प्रिया कपड़ों में बहुत बेतकल्लुफ़ थी और अब तो उसे कोई रोकने-टोकने वाला नहीं था.
इन तीन चार दिनों में वो और सुमित भी खुल गए थे.
प्रिया ने शॉर्ट्स और स्लीवलेस टॉप डाला, नीचे ब्रा नहीं थी तो उसके नुकीले उभार साफ नजर आ रहे थे.
वो कॉफी और नमकीन काजू लेकर ऊपर पहुंची और बिना आवाज दिए सीधे सुमित के कमरे में घुस गयी.
सुमित अभी वाशरूम से नहाकर निकला ही था और केवल शॉर्ट्स पहने था, कंधे पर उसने टॉवल लटकाया हुआ था.
उसे इस हालत में देख प्रिया खिलखिला कर हंस पड़ी और सॉरी बोली.
सुमित भी अचकचा गया और बोला- बस टी-शर्ट ढूंढ रहा हूँ, अभी पहनता हूँ.
प्रिया बोली- न भी पहनो तो क्या फर्क पड़ता है, ऐसे ही स्मार्ट लग रहे हो.
प्रिया ने सुमित का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर बैठा लिया.
सुमित ने हल्का म्यूजिक चला दिया और दोनों कॉफी पीते हुए अपनी हॉस्टल लाइफ के किस्से सुनाने लगे.
प्रिया ने सुमित से पूछा- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड थी?
सुमित शर्माते हुए बोला- कॉलेज लाइफ में तो नहीं, हां एमबीए करते समय मुझे एक क्लास मेट से प्यार हो गया था. पर किन्हीं परिस्थितियों की वजह से हमें अलग होना पड़ा.
प्रिया ने उसे कुरेदते हुए पूछा- क्या तुम दोनों फिजिकल भी हुए थे?
सुमित ने निसंकोच बता दिया- हां हम लोग एक साल लिव इन रिलेशन में रहे, पर उसके कैरियर को लेकर ख्वाब ज्यादा थे और वो आगे पढ़ाई के लिए विदेश चली गयी. फिर वहीं उसने शादी कर ली.
अब सुमित ने प्रिया से पूछा- तुम्हारी क्या स्टोरी थी?
तो प्रिया बोली- यार तुम पहले आदमी होगे, जिससे मैं ये सब कहने जा रही हूँ कि हां मैं भी शादी से पहले रिलेशन में थी और भरपूर सेक्स करती थी. पर मेरा वो दोस्त दगाबाज निकला. वो तो नसीब से और सुंदरता के बलबूते मुझे अनिल मिल गया.
प्रिया ने ये बताने के बाद सुमित का हाथ थामते हुए कहा- मैंने ये बात तुम्हें एक अच्छा दोस्त मानते हुए बताई है.
सुमित बोला- निश्चिंत रहो, मेरे मुँह से कभी भी ये बात नहीं निकलेगी.
फिर दोनों इस बात पर बात करने लगे कि बिना पार्टनर्स के रात कटती ही नहीं है.
प्रिया ने सुमित के कंधे पर सिर रख लिया और रूआंसी सी होकर बोली- मेरे और अनिल के प्यार को किसी की नजर लग गयी. अब ये छह महीने की जुदाई तो मुझे मार ही देगी.
वो रोने लगी.
सुमित ने उसके दोनों गालों को सहला कर कहने लगा- ऐसे दिल नहीं छोटा करते. हम लोग अच्छे दोस्तों की तरह एक दूसरे का ध्यान रखेंगे.
उस वक्त रात के 12 बज रहे थे और नींद दोनों की आंखों से कोसों दूर थी.
प्रिया सुमित का हाथ पकड़ कर बैठी थी.
सुमित को लग रहा था कि उनके बीच कुछ गलत होने वाला है क्योंकि उसका न तो दिल काबू में था और न लंड.
प्रिया की गर्म सांसें उसे कमजोर कर रही थीं.
उसने प्रिया के चेहरे को आहिस्ता से ऊपर किया और कहा- जाओ अब सो जाओ.
प्रिया ने उसे एक नजर देखा और फिर उससे ज़ोर से चिपट गयी.
दोनों के थरथराते होंठ मिल गए. दोनों एक दूसरे में समा जाने को बेताब हो गए.
सुमित ने एक बार कहा भी- प्रिया संभालो अपने आपको, ये गलत है.
पर वासना का सैलाब अब सारे बांध तोड़ चुका था.
दोनों के कसमसाते जिस्म सूखी बेल की तरह आपस में लिपट गए थे.
सुमित के मुँह में प्रिया की जीभ उसके हलक में उतरने को तड़फ रही थी.
सुमित के फनफनाते लंड का जायजा प्रिया ले चुकी थी, उसने एक बार उसे मसल भी दिया था.
इस धकापेल में प्रिया का टॉप ऊपर हो गया था और उसके नुकील मम्मे बाहर आकर सुमित की छाती से टकरा रहे थे.
एक हाथ ऊपर करके सुमित ने उन्हें सहलाया, तो प्रिया का हाथ सीधे उसके बरमूदा के अन्दर जाकर उसके लंड से लिपट गया.
सुमित के लंड की मोटाई और गर्मी ने प्रिया को बेचैन कर दिया.
वो उसे चूमने को बेकरार हो रही थी.
सुमित ने एक झटके में उसका टॉप उतार दिया और उसके दूध से चमकते मम्मों में से एक को मुँह में ले लिया.
प्रिया ने वाकयी अपने को जबरदस्त मेंटेन कर रखा था.
उसका रेशमी जिस्म, उसे उसकी उम्र से काफी छोटा दिखाता था.
ऐसे ही सुमित का कसरती बदन प्रिया को अपने बलिष्ठ घेरे में लपेटे था.
सुमित ने नीचे होकर प्रिया के पैर की उंगलियों को चूमते हुए ऊपर सरकना शुरू किया, उसकी जीभ और होंठ प्रिया के टखनों से होते हुए पिंडलियों और घुटने को चूमते हुए उसकी जांघों पर पहुंच गए.
प्रिया लगातार कसमसा रही थी.
सुमित ने आहिस्ता से उसकी शॉर्ट्स को एक ओर सरकाया और अपनी जीभ प्रिया की मखमली फांकों के बीच घुसा दी.
प्रिया ने उसके बाल कसके पकड़ लिए.
वो कांप रही थी.
सुमित ने अपनी जीभ पूरी प्रिया की चूत में घुसा दी और मस्ती से चूसने लगा.
उसने एक हाथ से प्रिया के मांसल मम्मे भी दबोचे हुए थे.
सुमित ने प्रिया की गुलाबी चूत को चूस चूस कर उसे बेहाल कर दिया.
प्रिया ने तो उसके मुँह में ही पानी छोड़ दिया.
फिर प्रिया ने अपने को छुड़ाया और अपना और सुमित का शॉर्ट्स उतार फेंका.
वो नीचे होकर सुमित का फनफनाता लंड अपने मुँह में लेने की कोशिश करने लगी.
सुमित का लंड अनिल के मुक़ाबले काफी मोटा और मजबूत था.
प्रिया तो गों गों करने लगी, पर उसे अपने कॉलेज वाले दोस्त का लंड याद आ गया.
पूरे जोश में प्रिया सुमित का लंड चूसने लगी.
उसने लंड की गोटियां तक अपने थूक से सराबोर कर अपने हाथों में लंड को नचाना शुरू कर दिया.
सुमित भी बेकाबू होने लगा.
उसे लगा कि कहीं वो प्रिया के हाथों में ही खाली न हो जाए.
उधर प्रिया की चूत भी अपने यार से मिलने को बेकरार थी.
सुमित ने प्रिया को नीचे लिटाया और उसकी गांड के नीचे दोनों तकिए लगा कर उसकी टांगें ऊपर की ओर करके चौड़ा दीं और अपना 7 इंच लंबा औज़ार पेल दिया.
प्रिया की रेशमी चूत चिर सी गई- आह … मर गई!
सुमित धकापेल करने लगा.
उसे भी इतने दिनों बाद चूत चोदने को मिल रही थी.
यही हाल प्रिया का था.
उसने तो आज दोपहर को ही वाइब्रेटर से मसाज की थी, पर उसमें ये मजा कहां.
प्रिया भी नीचे से उछल रही थी.
सुमित ने मसल मसल कर उसके मम्मे लाल कर दिए थे.
असली मर्द की चुदाई तो प्रिया की आज हो रही थी.
सुमित की चुदाई जंगली स्टाइल में थी और यही प्रिया को पसंद था.
अनिल बहुत नफासत से चोदता था. अब चुदाई में लखनवी अंदाज़ थोड़े ही चलता है.
जल्द ही सुमित ने प्रिया को घोड़ी बना दिया और उसकी गांड में लंड घुसेड़ने की कोशिश करने लगा.
प्रिया ने मना कर दिया- तुम्हारा लंड बहुत मोटा है, मेरी गांड फट जाएगी.
और प्रिया ने हाथ पीछे करके लंड को वापिस चूत में ही सैट कर लिया.
सुमित ने आगे हाथ बढ़ाकर उसके दोनों मम्मे जकड़ लिए और धक्के देने लगा.
प्रिया ने मुँह पीछे किया तो सुमित ने उसके होंठ से होंठ भिड़ा दिए.
वाइफ चीटिंग Xxx से अब वासना की आग पूरी भड़क चुकी थी. पूरा कमरा वासनामयी सीत्कारों से गूंज रहा था.
प्रिया तो पूरी चुदासी हो चुकी थी.
शादी के बाद आज पहली बार उसकी चुदाई की हसरतें पूरी हो रही थीं.
प्रिया की चुदाई मजे में चलने लगी.
सेक्स कहानी के अगले हिस्से में आपको प्रिया की चुदाई का आगे का हाल पढ़ने को मिलेगा और साथ ही उसके पति अनिल की अय्याशी की दास्तान भी पढ़ने को मिलेगी.
आपको वाइफ चीटिंग Xxx कहानी कैसी लग रही है, प्लीज़ मेल और कमेंट्स से बताएं.
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वाइफ चीटिंग Xxx कहानी का अगला भाग: चुदाई की अगन- 2