हाय दोस्तो, मेरी चुत चुदाई कहानी पिछले साल की है.
मैं आपका प्रिय दोस्त रौनक राजस्थान की एक मिडिल क्लास फैमिली में रहने वाला, बहुत ही गठीले सुडौल बदन वाला हूँ, दूर से देखते ही लड़कियाँ मेरी कद काठी सुंदरता के आकर्षण का शिकार हो जाती हैं.
जब मेरे ताऊजी के लड़के की शादी होने वाली थी, तब हमारा पूरा परिवार उसकी शादी के लिए उसके शहर में गए थे. शादी में भाभी की चाची की बहन जो कि बहुत ही सुंदर, सेक्सी, स्मार्ट, जैसे किसी ने माधुरी दीक्षित की कॉपी ला के खड़ी कर दी हो, जैसी लग रही थी.
शादी के दो दिन के फंक्शन में हमारी मुलाकात की शुरूआत बहुत ही ख़राब हुई, जो भड़काऊ और झगड़ने जैसी थी. उसके नखरे, नाटक ही कुछ ऐसे थे, जो मुझे अपने तरफ खींच रहे थे. उसकी वजह से में उसका दीवाना हो गया था. मेरा मन कर रहा था कि बस वहीं भाई की शादी के साथ साथ उसके साथ अपने फेरे ले लूँ.
धीरे धीरे जैसे जैसे शादी की रस्में होने लगी, हम दोनों में बातें हुई, दोस्ती हो गई और दोस्ती कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला.
शादी के 2 दिन बाद जब पग फेरे की रस्म में हम लोग गए, तो वो गेट पे ही हमारा मतलब मेरा बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी. हम सबने साथ में खाना खाया. लास्ट में उसको पान भी खिलाया जो मैं अपने शहर से लेकर गया था.और उसके साथ उसका मोबाइल नंबर भी ले लिया.
अब हम दोनों फोन पर बातें करने लगे, पहले प्यार भरी बातें, फिर रोमांटिक बातें और उसके बाद सेक्स की बातें भी फोन पर होने लगी. उसकी बातों से मुझे लगा कि वो बहुत गर्म लड़की है. मुझे लगा कि कहनी साली चालू माल ना हो, चुदक्कड़ हो और मेरा इस्तेमाल अपनी कामवासना पूर्ति के लिए कर रही हो.
फिर भी मैंने सोचा कि फ्री की चुत चुदाई मिल गई तो क्या बुराई है.
यही सोच कर पहली बार मिलने जयपुर का प्लान बनाया, वहां पहुँचते ही हमने पहले फ़िल्म देखी, उसके बाद खाना खाया, फिर उसको कार में बिठा के लॉन्ग ड्राइव पे ले गया.
रास्ते में गियर बदलने के बहाने कभी कभी उसके पैरों को छूना, कभी ब्रेक मारना, कभी उसके सीट बेल्ट लगाने के बहाने उसके मम्मों को दबाना, यह सब हरकतें करता रहा. इन सबसे उसको कोई एतराज़ नहीं हुआ बल्कि वो इस सबको महसूस करके मेरा साथ दे रही थी.
फिर मैंने एकांत सड़क देख कर गाड़ी साइड पे लगाई और उसे अपनी बांहों में भर लिया. वो भी बिना किसी आनाकानी के मेरी बांहों में सिमट गई. मैंने उसका चेहरा ऊपर उठाया और उसके होंठों पे अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा. फिर मैंने उसके होंठों को ऐसे चूमने लगा जैसे जैसे पूरा भरा आइसक्रीम कोन चूसते हैं. हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था.
कुछ देर बाद मैं अपनी जीभ निकाल कर उसके होंठों पर फेरना लगा, उसने मेरी जीभ पाने होंठों में पकड़ ली और चूसने लगी. फिर काफी देर हम दोनों एक दूसरे की जीभ को चूसते रहे. मेरी जीभ उसके मुख में खेल घूम रही थी और वो भी बीच बीच में अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा रही थी.
तभी सड़क पर ट्रेफिक आते देख हम अलग अलग हो गए और मैंने गाड़ी आगे बढ़ा दी.
हमने एक लॉरी वाले से 2 गिलास शिकंजी पी. हमने वो बहुत टेस्टी लगी तो मैंने दो गिलास सिकंजी डिस्पोजेबल में ले ली हम वहां से चल दिए. शिकंजी का एक गिलास उसके हाथ में ही था. अचानक सड़क पर स्प्प्द ब्रेकर आने से गाड़ी को झटका लगा और उसकी शिकंजी कपड़ों पर गिर गई और उसके सारे कपड़े खराब हो गए.
पानी के गिरने से उसके टॉप से शरीर का उभार स्पष्ट दिखाई दे रहा था, उसकी ब्रा चमकने लगी थी. मैंने भी ये मौका न गंवाना सही समझा, जल्दी से मैं उसके टॉप को साफ़ करने के बहाने उसके मम्मों को सहलाने लगा. वो भी धीरे धीरे उत्तेजित होने लगी.
फिर मैंने गाड़ी मार्केट की ओर घुमा दी और वहां से उसके लिए एक टॉप खरीद कर लाया, वो गाड़ी में ही बैठी रही. और गाड़ी फिर से हाई वे पे डाल दी, अब भीड़भाड़ से दूर आने पर कहा कि तुम अपना गीला टॉप खोल कर यही बदल सकती हो, मेरे से शर्माने का कोई डर नहीं है.
उसने कहा- मैं लड़की हूँ, तुम लड़के के सामने कैसे कपड़े खोल सकती हूँ.
मैंने कहा- मैं अपनी आँखें बंद कर लेता हूँ, फिर तुम बदल सकती हो.
उसको मालूम था कि मैं बहुत बड़ा रंगीला हूँ, तो उसने भी कपड़े बदलने का नाटक किया और अपने टॉप को खोल कर साइड में रख दिया और कहा- मेरा काम हो गया, अब तुम अपनी आँखें खोल सकते हो.
मेरी आँखें खुलने से मैं हक्का बक्का रह गया. वो सिर्फ ब्रा में थी, उसके गोल मटोल सुडौल चुचे मुझे अपनी ओर बुला रहे थे कि मैं उनको अपने मुँह में दबा लूँ और उनको चूस चूस के पूरा खा जाऊं.
उसने नशीली आँखों से देखते हुए कहा- ऐसे क्या देख रहे हो.. पहले कभी लड़की नहीं देखी क्या?
कटाक्ष में मैंने भी कहा- देखी तो बहुत हैं लेकिन इस हालत में और तुम जैसी माल वाली कभी नहीं देखी.
मैंने इतना क्या कहा कि वो हंसने लगी. मैंने भी शरारत करते हुए उसकी ब्रा ऊपर को सरकायी और उसके निप्पल को दांतों से काट लिया, जिस पर वो ज़ोर से चीखी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्या कर रहे हो यार? आराम से करो ना!
मैंने कहा- क्या हुआ? जोर से काट लिया क्या?
उसने प्यार से गाली देते हुए कहा- तो और क्या? हरामी, घर का माल है.. थोड़ा प्यार से करो न..
अब मैं एक मिनट भी ख़राब न करते हुए उसके मम्मों पे टूट पड़ा. उनको अपने मुँह में ले लिया और एक को अपने हाथ से मसलने लगा.
वो भी कामुक हो कर उसको एन्जॉय कर रही थी और अपना हाथ मेरी पैन्ट के ऊपर से मेरे लंड पर रख दिया. उसके हाथ का स्पर्श लगते ही मेरा लंड काले नाग की तरह फन मारने लगा.
उसने मेरी जींस के चैन खोली और लंड को बाहर निकाला, उसे हाथ में लेते ही वो बोली- ये तो इतना लंबा है रे!
मैं समझ गया था, वो इतना लंबा मूसल लंड सहन नहीं कर पाएगी, मेरा लंड 7 इंच लंबा 3 इंच मोटा था.
मैंने कहा- जान अब तेरे संपर्क में आने से तो यह और तरक्की करेगा.
उसने बिना देरी किए लंड को अपने मुँह में भर लिया.
अब क्या था.. गाड़ी में ‘आह्ह्ह ऊह्ह उईमा..’ जैसी कामुक कामुक सेक्सी आवाजें गूंजने लगीं. मैंने भी बिना समय गंवाये उसकी जींस का हुक खोल कर उसको उतारने के लिए बोला. अब हम दोनों कपड़े उतार कर नंगे हो चुके थे.
उसकी मस्त मखमली चूत जो गुलाबी पैंटी में मचल रही थी, वो थोड़ी उभरी हुई दिख रही थी. उसने वहां पे एक नैपकिन को लगा रखा था.
मैंने पूछा तो बोली बस यूं ही लगा ली थी क्योंकि अब एकाध दिन में ही पीरियड शुरू हो सकते हैं.
मैंने जैसे ही अपने एक हाथ को उसकी पैंटी में डालना चाहा, वो बोली- प्लीज जो भी करो, आराम से करना.
मैंने कहा- क्यों क्या हुआ?
तो बोलने लगी- मैंने सुना है कि लड़की की जब पहली चुदाई होती है, तो बहुत दर्द होता है और मैं भी तो पहली बार आज चुदने वाली हूँ.. सो मेरे पे थोड़ा रहम करना.
मैंने कहा- मेरी जान तुम डरो मत, मैं एकदम धीरे धीरे आराम से करूँगा.
मैंने उसकी पैंटी को नीची करके पैड को हटाया और वहां पे अपनी उंगली को थूक से गीला करके उसको सहलाने लगा.
वो भी अब इसे उत्तेजित होने लगी और कहने लगी- अच्छा लग रहा है और मस्ती करो न मेरे राजा.
मैंने देरी न करते हुए उसकी मस्त गुलाबी चूत को, जो पूरी बालों से घिरी हुई थी, उसको अपने मुँह में डाल ली और आराम से चूसने लगा.
अब वो मेरे सर को पकड़ के धीरे धीरे सहलाने लगी और ‘ऊऊऊईइ माँ.. आहह्ह्ह ऊह्ह्ह स्सस्सीई.. आज तो मज़ा आ गया..’ ऐसे करने लगी.
मैंने चूत पे थूक लगा कर अपनी उंगली की करामात उसकी चूत में दिखाने लगा. अब वो और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगी और पागलों की तरह तड़पने लगी, बोली- आह.. बस करो.
मुझे मालूम था कि वो झड़ने वाली है सो मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. थोड़ी ही देर में उसका रस निकल कर मेरे होंठों पे आ गया और वो ढीली पड़ गई.
मैंने अब उसको थोड़ा आराम दे कर उसके गालों, होंठों और निप्पल पर किस करना चालू किया.
थोड़ी देर ऐसा करने से वो वापिस गरम हो गई और बोली- अब मैं तुम्हें अपने हाथ की कला दिखाती हूँ.
मैं समझ गया था कि अब यह मेरे इस नाग को अपने मुँह में लेकर मुठ मारने वाली है. मैंने पहले ही लंड को आज़ाद कर रखा था. वो भी लंड पर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी. उसने अपने थूक से उसको लंड को गीला किया, फिर ज़ोर शोर से उसके साथ मस्ती करने लगी.
मेरी कामुकता बढ़ता देख, उसने भी मुँह में ही मेरा सारा माल ले लिया और लंड रस पी गई.
उसकी इस तरह की रंडियों वाली हरकतें देख कर मेरा शक यकीन में तबदील होता जा रहा था कि साली चालू चुदक्कड़ रैंड है ये तो!
अब वो बोली- राजा, तुम्हारा जूस तो बहुत ही टेस्टी था.
मैंने पूछा- इससे पहले किसका चखा था?
बोली- वो छोड़.. अब तू मेरी चूत का बाजा बजा दे.
मैंने कहा- चल पीछे से रास्ता दे.
हम दोनों पीछे की सीट पर आ गए. मैंने उसे कुतिया बना कर सीट से चिपका दिया और पीछे से उसकी चुत में लंड लगा दिया.
बोली- पहली बार है राजा.. मेरी जान न निकाल देना.
मैंने मन में कहा कि साली लंड तो ऐसे चूस रही थी जैसे पुरानी चुदक्कड़ हो.. देखता हूँ कि सील पैक है या कोई खेल चुका है.
मैंने लौड़े को चुत के छेद पर ला कर ठाप लगा दी. लंड का सुपारा ही घुसा था कि उसकी चीख निकल गई.
चूँकि कार में ज्यादा जगह नहीं थी सो फंसी सी रह गई. मैंने उसके चीखने की चिंता नहीं की, गाड़ी सुनसान जगह पर थी, सो मैंने बेपरवाह होकर लंड घुसा दिया. एक दो मिनट की तड़फन के बाद लंड ने चूत को चीर दिया. वो भी किसी तरह लंड लील गई और अब हम दोनों की दमादम मस्त चुदाई होने लगी.
दस मिनट तक चुत चुदाई का मजा लेने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
बाद में मैंने अलग हुआ तो हल्का सा खून भी था, मैंने उसे प्यार से चूम लिया.
हम दोनों की प्यार की गाड़ी चल पड़ी थी. उसके बाद तो हम हर महीने इस तरह के चुत चुदाई समारोहों का आयोजन करने लगे थे. खूब चूतड़ उछाल उछाल कर चुदती थी वो… उसे चुत चुदाई की लत लग चुकी थी.
दोस्तो, ये थी मेरी चुत चुदाई कहानी.. आप मेल कीजिएगा.
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