पहला ऐस फक़ एक्स्पीरिएंस मैंने अपने पड़ोसी भैया से ही लिया जिन्होंने मेरी बुर में अपना लंड घुसाकर मुझे कलि से फूल बनाया था.
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कहानी के द्वीतीय अंश
मेरी बुर की चूत बना दी पड़ोसी भैया ने
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं अपने बाजू वाले समीर भैया से चुद गई थी.
अब आगे ऐस फक़ एक्स्पीरिएंस:
कुछ देर बाद भैया मेरे ऊपर से उठे और अपने कपड़े पहनते हुए बोले- गर्म पानी से अपनी चूत की सिकाई कर लेना, सूजन और दर्द दोनों से निजात मिल जाएगी.
मैंने ‘ठीक है भैया …’ कह कर अपनी चूत पर अपना हाथ फेरा.
भैया बोले- आज रात को छत से मेरे पास आ जाना. हम दोनों फिर से मजा करेंगे.
मैंने ओके कह दिया.
भैया मुझे स्मूच देकर बाहर चले गए.
उनके जाने के बाद मैंने खुद को साफ किया और कमरे को व्यवस्थित करके अपनी सिकाई करने बाथरूम में घुस गई.
मैंने एक पेन किलर खा ली, जिसके बाद मुझे आराम पड़ गया.
दोपहर में मम्मी आ गईं.
मैं खाने के बाद कुछ देर सो गई.
आज दिन भर साधारण तरीके से बीतने के बाद शाम को मैंने रात का खाना 9 बजे खा लिया और 10 बजे तक मैं अपने कमरे में भी चली आयी.
कमरे में आकर मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतारे और नंगी ही अपनी छत पार करके भैया की छत से होकर उनके कमरे में चली गयी.
वहां मैं टीवी चला कर एक ब्लू फिल्म देखने लगी.
करीब आधा घंटा बाद समीर भैया अपने कमरे में आए तो मुझे नंगी देख कर चौंक गए.
उन्होंने दरवाज़ा बंद करते हुए अपने सारे कपड़े निकाले और वो मुझे अपने नीचे लेकर चूमने लगे.
मैं भी गर्म थी तो अपने भैया से लिपट कर चूमाचाटी करने लगी.
काफी देर हमारी चुम्मा चाटी चलती रही जिसमें हम दोनों ने एक दूसरे के मुँह और होंठों को चूमा, चाटा और चूसा.
उसके बाद भैया ने मेरी चूचियों पर धावा बोल दिया.
आज वो एकदम जंगलियों की तरह मेरी चूचियों को दबा दबा कर चूसने में लगे थे.
मुझे मीठा मीठा दर्द हो रहा था और मजा भी आ रहा था.
उन्होंने मेरे निप्पलों को भी खूब रगड़ा, जिसके कारण मेरी दोनों चूचियां एकदम लाल पड़ गईं.
फिर समीर भैया ने मुझे सीधी लिटा दिया और खुद मेरी चूचियों पर लंड लगा कर चढ़ गए.
भैया मेरी दोनों चूचियों के बीच अपने मोटे लौड़े को ऐसे रगड़ने लगे थे, मानो वो मेरे मम्मों को चोदने लगे हों.
मेरे मम्मों के बीच भैया का मोटा और लम्बा लंड आगे पीछे हो रहा था, जिस वजह से उनका लौड़ा मेरे मुँह के पास आकर मेरे होंठों से टकरा रहा था.
मुझे उनके लंड की चोट से बड़ा मजा आ रहा था.
मैंने मुँह खोल दिया जिससे उनका लंड मेरे मुँह में घुसने लगा था.
मैं जीभ से उनके लंड के सुपारे को चाटने लगी थी.
ये देख कर भैया ने मेरे मम्मों के बीच से लंड आगे पीछे करते हुए मेरे मुँह में लंड पेलना शुरू कर दिया था.
इससे भैया का लंड मेरे थूक से गीला हो जा रहा था और थूक की चिकनाई से मेरी चूचियां मस्त चुदने लगी थीं.
कुछ देर बाद भैया उठ खड़े हुए और सामने अलमारी पर रखी सिर में लगाने वाले तेल की शीशी उठा लाए.
तेल की शीशी को देख कर मैंने समीर भैया से पूछा- इससे क्या करोगे आप?
भैया बोले- आज मैं तुमको पूरी तरह से औरत बना दूंगा.
मैं सवालिया नजरों से पूछा कि वो कैसे?
भैया बोले- तुम्हारी गांड भी इतनी मस्त है और अगर उसकी सील मैंने न तोड़ी … और इसका मज़ा तुमने ना लिया, तो हमेशा तुम चुदाई में अधूरी रहोगी. तुम चरम सुख की प्राप्ति कभी नहीं ले पाओगी.
मैं- लेकिन भैया, मैंने ऐस फक़ वीडियो में देखा कि जब पहली बार गांड फटती है, तब बहुत ज़्यादा दर्द होता है.
भैया- जिस तरह तुम्हारी चूत भी पहली बार फटी थी तो दर्द हुआ था. मगर फिर मजा आने लगा था. इसी तरह से तुम्हारी गांड भी मजा लेना सीख लेगी.
मैं भय से भैया को देख रही थी.
मुझे यूं देख कर भैया ने कहा- तुम बस मुझ पे भरोसा रखो. तुम्हें हल्का ही दर्द होगा, जिसको तुम बर्दाश्त कर लेना. उसके बाद मज़ा ही मज़ा आने वाला है.
अब मैं मान गई.
मेरी सहमति के बाद भैया ने मुझे एक तगड़ा स्मूच दिया और मुझे चित लिटा कर मेरी चूत के नीचे तकिया लगा दिया.
मेरी गांड का छेद एकदम ऊपर को उठ गया.
उसके बाद उन्होंने पहले मेरी गांड को खूब अच्छे से चाटा, जिसमें उन्होंने मेरी गांड को एकदम गीला कर दिया था.
बाद में भैया ने पहली बार अपनी जीभ मेरी गांड के छेद में घुसा दी.
मुझे बड़ा ही गर्म अहसास होने लगा था.
जब भैया की जीभ बड़ी आराम से मेरी गांड में अन्दर बाहर पर लगी तो उन्होंने एक उंगली में थूक लगाया और मेरी गांड में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
मुझे भैया की उंगली अपनी गांड में चलती हुई बड़ी लज्जत दे रही थी.
कुछ देर बाद समीर भैया ने मेरी गांड में अपनी दो उंगलियां डाल दीं.
मुझे हल्का सा दर्द हुआ लेकिन उनके इस तरीके से दर्द बहुत ज़्यादा मालूम नहीं चला.
अब बारी थी भैया के हथियार को अपनी गांड में लेने की.
उन्होंने अपने लंड में पहले तेल से भिगोया और खूब सारा तेल मेरी गांड पर डाल दिया.
तेल की चिकनाई मेरी गांड के छेद से होते हुए अन्दर तक भी पहुंचने लगी थी.
फिर उन्होंने अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर सैट किया और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों कूल्हों को खींचते हुए अपना लंड धीरे धीरे मेरी गांड में प्रवेश कराने लगे.
जैसे जैसे भैया का लंड मेरी गांड के अन्दर घुस रहा था, वैसे वैसे मेरा दर्द बढ़ता जा रहा था.
समीर भैया का अभी आधा लंड गांड में चला गया था.
लेकिन मुझे दर्द के साथ बड़ी तेज़ जलन होने लगी जिसकी वजह से मैंने भैया को थोड़ा रुकने को बोला.
वो रुक गए और मेरी पीठ को चूमने लगे; मुझे शांत करने के लिए मुझे सहलाने लगे.
कुछ मिनट बाद मैंने समीर भैया को ऐस फक़ एक्स्पीरिएंस लेने के लिए हरी झंडी दिखा दी जिसके बाद उन्होंने अपने दोनों हाथों को बेड पर टिकाया और एक बार में अपने शरीर का पूरा वज़न लगा कर एक ही झटके में अपना लंड मेरी गांड में ठूंस दिया.
लंड के अन्दर जाते ही मेरी गांड में से एक पक्क की आवाज़ आयी और दर्द और जलन के कारण मेरी आवाज निकलने लगी.
मैंने वहीं पड़े तकिए ने अपना मुँह घुसा कर दबा लिया और चीख को बाहर निकलने से रोका.
उसके बाद हम दोनों हांफते हुए कुछ देर के लिए शांत हो गए.
फिर जब मुझे आराम हुआ, तब मेरे जीवन का असली संभोग सुख मिलना शुरू हुआ.
अब भैया दे दनादन मेरी गांड चोद रहे थे और पूरे कमरे में फट फट की आवाज़ गूंज रही थी.
मैं मस्ती में सिसकारियां ले रही थी.
काफी देर तक उसी पोज़ में चोदने के बाद भैया खुद नीचे लेट गए और मैं अपनी गांड उनके लंड पर फंसा कर खुद से चुदने लगी.
काफी देर की गांड चुदाई के बाद भैया ने अपना माल मेरी गांड में भर दिया.
उस रात भैया ने मेरी चूत भी मारी और मैं वहीं उनके साथ नंगी उनका लंड अपनी चूत में लिए लिए सो गई.
सुबह 6 बजे उठ कर मैं छत से अपने कमरे में आकर सो गई.
मेरी आंख खुली तो 10 बज गए थे. मेरी नींद भी जब खुली जब दरवाज़े पर कोई आवाज दे रहा था.
उस आवाज़ से मैं उठी और मैंने नाइटी डाल कर दरवाज़ा खोला.
मैंने देखा कि रोहण सामने खड़ा था.
आपको मैंने बताया था कि रोहण मेरे भाई का खास दोस्त है. इसको मैंने शनिवार को फ़ोटो शूट करवाने के लिए स्कूल से गोला मार कर मेरे घर आने को बोला था.
रोहण अपने तय समय के हिसाब से मेरे सामने खड़ा था.
मैंने रोहण को अन्दर बुलाया और उसको कमरे में बिठा कर मैं नहाने घुस गई.
नहाने के बाद मैं बस एक टॉवल बांध कर बाहर आई और रोहण को अपने मदमस्त जिस्म का नजारा देती हुई नीचे किचन में आ गई.
मैंने रोहण को नीचे आने का कह दिया था.
वो भी मेरे पीछे पीछे आ गया और उसने मेरी गांड का नजारा ले लिया.
किचन से कुछ नाश्ता बना कर मैं बाहर आयी और रोहण के साथ बैठ कर दोनों ने नाश्ता किया.
इसके बाद मैं अन्दर चेंज करने गई और मैंने फ़ोटो शूट के लिए रेड ब्रा सिलेक्ट की.
ये ब्रा बड़ी फैंसी थी और बहुत छोटी सी थी. ये ब्रा जालीदार थी, जिसमें से मेरे निप्पल्स साफ दिखाई दे रहे थे.
मैंने उसे पहन लिया और शार्ट पेटीकोट पर एकदम झीनी सी रेड साड़ी को बांध लिया.
उस पर मैंने काफी गहरा मेकअप किया और खुद को मिरर में देखा.
अपने इस रूप में मैं कोई आइटम गर्ल लग रही थी क्योंकि ब्रा पर साड़ी पहन कर रेडी होना … आप सोच ही सकते हैं कि मैं उस वक्त कितनी सेक्सी और खुली हुई लग रही होऊंगी.
अब जब मैं बाहर वाले कमरे में रोहण के पास गई, तो मुझे देख कर रोहण को मुँह खुला का खुला रह गया.
मैंने उससे पूछा- कैसी लग रही हूँ?
रोहण ने बोला- एकदम सेक्सी माल.
मैं हंस दी.
वो आगे बोला- दीदी यहां इस कमरे में लाइट नहीं है, कोई और जगह बताओ जहां बढ़िया लाइट हो!
मैंने उसको छत पर चलने को बोला, जहां उसने काफी देर मेरी खूब सेक्सी सेक्सी पोज़ में फ़ोटो निकालीं.
उसके बाद हम दोनों नीचे आ गए और रोहण सोफे पर बैठ गया.
मैं जाकर उसकी गोद में बैठ कर उसके कैमरे से फ़ोटो देखने लगी.
वो भी एकदम मुझसे चिपक कर मुझे फ़ोटो दिखाने में लगा था जिसके कारण उसका लंड मेरी गांड में चुभने लगा था.
मैं उसे गर्म करने के बाद अन्दर चली गयी और अपनी साड़ी निकाल दी.
अब मैं सिर्फ रेड ब्रा और पेटीकोट में फिर से बाहर आई और जाकर रोहण की गोद में बैठ गयी.
मैं अन्दर से अपने साथ एक बोतल कोल्डड्रिंक की लेकर आई थी.
मैंने रोहण के मुँह में बोतल लगा दी.
वो पीने लगा.
उसके बाद मैं भी बोतल में मुँह लगा कर कोल्डड्रिंक पी.
इस तरह से हम दोनों बारी बारी से बोतल में मुँह लगा कर पी रहे थे.
कुछ देर और उसकी गोद में बैठने के बाद मैंने रोहण से कहा- कल संडे है, कल चलो कहीं बाहर चलकर फ़ोटो शूट करते हैं.
उसने कहा- हां ठीक है, सुबह 10 बजे आप तैयार रहना. मैं आपको लेने आ जाऊंगा.
वो कुछ देर में चला गया और मैंने फिर से नाइटी पहन ली.
आधा घंटा बाद मम्मी भी घर आ गईं.
उसके बाद सामन्य दिन गुज़रा.
आज रात को मैं अपने कमरे में ही नंगी लेटी थी तो करीब 12 बजे रात को समीर भैया मेरे कमरे में आ गए और मेरे साथ लग गए.
आज फिर से भैया ने दो घंटे तक मेरी गांड और चूत की रगड़ कर चुदाई की.
अगले दिन मैं नहा कर और कुछ हल्का नाश्ता करके रेडी हो गई.
मैंने कुछ कपड़े पैक कर लिए थे.
आज मैंने एक शार्ट स्कर्ट विद रेड पैंटी और सामने से एक टॉप पहना था जिसके ऊपर एक स्लीवलेस चैन वाली हुडी डाल लिया.
करीब साढ़े 10 बजे रोहण ने मुझे कॉल किया तो मैं बाहर आ गयी और उसके साथ बाइक पर बैठ गई.
उस दिन मैं उसके साथ खूब घूमी और जगह जगह मैंने अपना हॉट शूट करवाया.
इस सबके बाद शाम करीब 7 बजे हम दोनों एक गार्डन में पहुंचे जो संडे को 5 बजे बन्द हो गया था लेकिन मुझे मालूम था कि आज रोहण मेरी चूत ज़रूर लेगा, इसी लिए वो गार्डन मुझे सही जगह लगी.
गार्डन बंद होने के बाद भी हम दोनों एक पीछे के रास्ते से कूद कर उसमें अन्दर आ गए.
अन्दर आने के बाद मैंने अपनी हुडी निकाल दी और रोहण से छेड़खानी करने लगी. वो मुझे पकड़ने लगा और हम दोनों मस्ती करने लगे.
मेरी चूत में आग लग चुकी थी और किसी न किसी तरह से रोहण के लंड को अपनी चूत में लेने का मेरा मन बन चुका था.
मैं आपको अपनी चूत चुदाई कहानी के अगले भाग में लिखूँगी कि मैंने रोहण को अपनी चूत का शिकार किस तरह से बनाया.
आप मुझे मेल से बताएं कि आपको मेरे ऐस फक़ एक्स्पीरिएंस में मजा आया?
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ऐस फक़ एक्स्पीरिएंस का अगला भाग: चढ़ती जवानी में सेक्स की चाह- 4