चूत गांड सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी ख़ास सहेली मेरे भाई से अपनी चूत चुदवा चुकी थी. पर अब मेरा चचेरा भाई मेरी सहेली की गांड मारने को उतारू था.
आप सभी अन्तर्वासना के पाठकों ने मेरी सेक्स कहानी के दो भाग पढ़े, उम्मीद करती हूं आपको पसंद आये होंगे.
जैसा कि आपने दूसरे भाग
मेरी सहेली ने मेरे भाई से चूत मरवाई
में पढ़ा अनिल ने रिया की जबरदस्त चुदाई की.
हम सभी ने थोड़ी ड्रिंक की हुई थी इसीलिए हमें थोड़ा नशा भी था.
अब आगे चूत गांड सेक्स कहानी:
अब तक रात के नौ बज चुके थे.
हम तीनों अभी नंगे ही थे.
हमने थोड़ा आराम करने के बाद घर पर ही खाना खाने का फैसला किया.
रिया और मैं नंगी ही खाना लगाने के लिए किचन में गईं.
मैं ओवन में खाना गर्म कर रही थी, तो वहां रिया ने मुझे पीछे से हग करते हुए पूछा- मोना, जब मैं तुम्हारे भाई से चुदवा रही थी, तब तुम्हें गुस्सा तो नहीं आ रहा था न?
मैंने उससे कहा- जब अनिल का लंड तुम्हारी चूत के अन्दर बाहर हो रहा था तो मुझे देखने में बहुत मज़ा आया. ऐसा लग रहा था जैसे लंड तुम्हारी नहीं मेरी चूत के अन्दर बाहर हो रहा है.
यह सुनकर रिया खुश हो गयी और मुझे कसकर हग करती हुई बोली- थैंक्यू मेरी जान.
फिर थोड़ा रुककर वो आगे बोली- मोना, अगर तुम्हें कोई दिक्कत ना हो, तो क्या आज सिर्फ मैं अनिल से चुदवा लूँ. क्योंकि तुम तो उससे कभी भी चुदवा सकती हो!
मैंने कहा- हां क्यों नहीं.
वो और खुश हो गयी.
फिर हम दोनों ने खाना लगाया और सब मिलकर नंगे ही रह कर खाना खाने लगे.
खाना खाने के बाद हम लोग हल्के कपड़े पहन कर आइसक्रीम खाने बाहर गए.
एक घंटा बाहर घूमने के बाद मुझे ठंड लगने लगी तो मैंने घर चलने का कहा.
घर आने के बाद रिया और अनिल बाहर घर की पार्किंग में ही शुरू हो गए.
अनिल ने रिया को पकड़कर वहीं नीचे बिठा दिया और वो अपना लंड निकालकर उसके मुँह में डालने लगा.
रिया लंड को हाथ में लेकर बोली- अनिल, गर्म करने की जरूरत तो तुम्हारी बहन को है. उसी को ठंड लग रही है, मुझमें तो अभी बहुत गर्मी है.
ये सुनकर अनिल रिया से बोला- ठीक है मेरी रंडी, आज तेरी गर्मी यहीं बाहर खुले में निकालूँगा.
उसने मुझे पकड़कर अपनी बांहों में ले लिया.
अनिल मुझे बांहों में लेकर मेरे होंठ चूसने लगा.
हम दोनों के होंठ आपस में बंद होकर एक दूसरे को चूस रहे थे.
वो बीच बीच में मेरी जीभ चूस रहा था और उसके दोनों हाथ मेरे मम्मों से खेल रहे थे.
तभी अनिल मेरी जींस के ऊपर से मेरे चूतड़ों को सहलाने लगा.
मैं उसका हाथ पकड़ कर अपनी जींस के बटन पर ले गयी.
इससे अनिल समझ गया और उसने बटन खोलकर मेरी जींस नीचे सरका दी.
मैंने उसे अपनी टांगों से खींच कर उतार दिया.
अनिल मेरे दोनों बूब्स पकड़ कर मेरे निप्पल चूसने लगा.
रिया पास में खड़ी हमें देख रही थी.
वो मेरा एक खड़ा निप्पल पकड़ कर बोली- अनिल, देखो तुम्हारी बहन भी गर्म हो गयी.
वो अनिल का लंड पकड़ कर मुँह में लेती हुई बोली- आज तुम्हें अपने इस मूसल से हम दोनों की गर्मी निकालनी पड़ेगी.
अनिल ने लंड उसके मुँह में डालते हुए कहा- तुम्हारे जैसी दस कुतियों को ये एक साथ चोद सकता है.
थोड़ी देर में अनिल ने अपना लंड रिया के मुँह से निकाला और मेरी पैंटी एक साइड करके लंड को मेरी चूत के होंठों पर लगा कर आगे पीछे करने लगा.
मेरी चूत गीली हो चुकी थी.
उसका लंड हिलते हिलते मेरी चूत के छेद में जाकर फंस गया तो उसी समय अनिल ने एक झटका मारा और उसका लंड अपना रास्ता ढूंढते हुए अन्दर चला गया.
इस तेज झटके से उसका आधा लंड चूत में घुस गया.
इससे मेरी एक आह निकल गई.
अनिल वहीं खड़े खड़े मुझे चोदने लगा.
ऐसे खड़े होकर चुदवाने से लंड मेरी चूत के अन्दर बहुत टाइट जा रहा था.
रिया ने मेरे बूब्स पकड़ रखे थे.
थोड़ी देर ऐसे चुदवाने के बाद मेरी चूत ने फड़क कर अपना रस फेंक दिया.
ऐसा लग रहा था कि मेरी चूत का सारा दबाब एक झटके से बाहर निकल गया हो.
जब मैं सम्भली तो अनिल ने लंड निकाल कर रिया के मुँह में डाल दिया.
अनिल का अभी तक नहीं हुआ था.
मैं वहां पास में ही बैठ गयी.
रिया अनिल का लंड पकड़ कर ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी.
मुझे ठंड लगने लगी तो मैंने उन दोनों से कहा- चलो अन्दर चलते हैं.
अनिल बोला- नहीं मोना, तुम अन्दर जाओ … मैं आज इस रंडी को यहीं कुतिया बनाकर चोदूंगा.
मैंने खड़ी होकर अनिल को चूमते हुए कहा- नहीं, मुझे आप दोनों को चुदाई करते हुए देखना है.
रिया झट से बोली- अनिल मान लो ना अपनी बहन की बात!
अनिल ने कहा- ठीक है, तुझे खुले में फिर कभी चोदूंगा रंडी … आज अन्दर ही सही.
हम तीनों मेरे कमरे में आ गए.
कमरे में आकर अनिल शॉर्ट्स पहनने लगा, तो रिया ने उसका लंड पकड़ कर कहा- क्या हुआ … ये थक गया क्या?
अनिल ने उसका हाथ हटाते हुए जबाब दिया- नहीं, अभी ये बहुत गर्म है. अगर इसको अभी काम लगा दिया तो ये जल्दी पानी छोड़ देगा. मैं चाहता हूं कि ये आज अच्छे से तुम्हारी गांड और चूत की सर्विस करे.
रिया ये सुनकर अपनी आंखें घुमाकर चुप हो गयी.
अनिल ने शॉर्ट्स पहनते हुए मुझसे ठंडा पानी लाने का कहा.
मैं पानी लेकर आयी तो अनिल ने एक गोली निकाल कर पानी के साथ खा ली.
मैंने पूछा- ये क्या है?
अनिल ने बताया- इस गोली को खाकर मैं लगातार कितनी बार भी चोद सकता हूँ.
उसके बाद वो हम दोनों को कमरे में छोड़कर बाहर चला गया.
हम दोनों नंगी बैठ कर टेलीविज़न पर पोर्न देखने लगीं.
मेरी चूत चुदवाने की इच्छा अब और नहीं थी इसीलिए मैं रज़ाई में घुसकर पोर्न देख रही थी.
पर रिया को चुदास चढ़ी हुई थी इसलिए वो नंगी अपनी टांगें खोलकर लेटी हुई थी.
वो पोर्न देखते हुए बीच बीच में अपनी चूत को सहला रही थी.
पोर्न मूवी में एक गोरी लड़की एक काले नीग्रो को लिटा कर उसके सारे बदन पर तेल लगा कर उसकी मसाज कर रही थी.
रिया मुझसे बोली- क्यों ना हम दोनों भी तेरे भाई की ऐसे ही मसाज करें … उसकी थकावट भी उतर जाएगी और वो मुझे सारी रात चोद सकेगा.
ये कहकर वो हंसने लगी.
मैंने कहा- हां, आईडिया तो अच्छा है. पर ये सब तुम ही करो, मैं सिर्फ देखूंगी.
रिया ने कहा- ठीक है मेरी जान … आने दो उसको!
वो टेलीविजन बन्द करके तेल की बोतल निकालने लगी.
तभी दस मिनट बाद अनिल कमरे में आ गया.
वो अभी भी नंगा ही था.
उसका ढीला हो चुका लंड उसकी टांगों में झूल रहा था.
अनिल हमारे पास बेड पर आकर टांगें नीचे करके बैठ गया.
रिया ने उसको पीछे से हग करते हुए कहा- चलो, तुम्हें आज कुछ स्पेशल देती हूं.
अनिल ने उसके सिर को पकड़ कर उसके होंठों पर चूमते हुए कहा- मेरी रंडी, क्या स्पेशल देने वाली है तू?
रिया ने उठ कर दो टॉवल लिए और उन्हें बेड पर बिछाते हुए कहा- तुम इस पर लेट जाओ.
अनिल के लेटते ही रिया ने तेल लेकर उसके कंधों पर डाला और टांगें अनिल की कमर के ऊपर से करते हुए हाथों से उसके कंधों की मसाज करने लगी.
अनिल के कंधों की मसाज करते रिया ने बहुत सारा तेल अनिल की पीठ कमर पर डाल दिया और उधर भी मसाज करने लगी.
फिर उसने तेल की बोतल से अपने बूब्स पर तेल डाला और बूब्स को अनिल के कंधों पीठ और उसके चूतड़ों पर रगड़ने लगी.
शायद अनिल को उसके नर्म नर्म बूब्स से बहुत मज़ा आ रहा होगा इसलिए उसने अपनी कमर उठा कर अपना सख्त लंड सही किया.
रिया ने ऐसे मसाज करते हुए अनिल की कमर को पकड़ कर उसे डॉगी स्टाइल में कर लिया, फिर उसकी गांड पर तेल डालकर अपने एक बूब को पकड़कर निप्पल को उसकी गांड के छेद को रगड़ने लगी.
रिया दूसरे हाथ से अनिल का लंड पकड़ कर हिला रही थी.
ये सीन देख कर मुझे बड़ा मजा आ रहा था.
फिर रिया अनिल की गांड और उसकी बॉल्स पर जीभ घुमाने लगी.
मैं पास बैठी देख रही थी, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये अनिल के साथ क्या करने वाली है.
अनिल का भारी लंड पूरा सख्त होने लगा था और नीचे लटक रहा था जो मुझे बहुत सुंदर लग रहा था.
मेरा दिल किया कि क्यों ना मैं उसके लंड को अपने मुँह में भर लूँ.
पर मैं यूं ही देखती रही.
तभी रिया ने अनिल को सीधा किया और उसके मुँह पर अपनी चूत रख दी.
वो चूत को मुँह पर घिसते हुए उसकी छाती और पेट पर तेल डालकर हाथों से मसाज करने लगी.
अनिल उसके चूतड़ पकड़ कर कुत्ते की तरह उसकी चूत चाट रहा था.
रिया मसाज करते करते थोड़ा नीचे खिसक कर चूत को उसकी छाती पर रगड़ रही थी.
ऐसे अपनी चूत को अनिल के सारे बदन पर रगड़ते हुए रिया ने लंड पर बहुत सारा तेल डाला और खुद पलट कर लंड को अनिल की नाभि की साइड करके अपनी चूत उस पर रख दी और आगे पीछे होते हुए लंड की अपनी चूत से मसाज करने लगी.
अनिल और रिया मज़े से सिसकार रहे थे.
इतना गर्म सीन देखकर मेरी चूत भी मचल उठी.
मैं खिसककर थोड़ा सा अनिल के पास हो गयी तो उसने मुझे खींच लिया.
उसने मेरे एक बूब को पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
मैं पूरा उठ कर अपने दोनों बूब्स पकड़ कर बारी बारी से उसके मुँह में डालकर उससे अपने दूध चुसवाने लगी.
तभी अनिल को पता नहीं क्या हुआ, उसने मेरे बूब को कसकर पकड़ा और अपने मुँह से वैक्यूम बनाकर बहुत सारा अपने मुँह में खींच लिया और दांत से इतनी ज़ोर से काटा कि मेरी चीख निकल गयी.
मुझे बहुत दर्द हो रहा था पर अनिल ने मेरा बूब नहीं छोड़ा.
वो मेरे बूब को मुँह में रखते हुए ही मेरे दूध पर अपनी गर्म जीभ चलाने लगा जिससे मुझे आराम मिल रहा था.
जब दर्द खत्म हो गया तो उसने मेरा बूब मुँह से निकाला और मुझे अपने मुँह पर बिठा लिया.
मैं अपनी चूत को उसकी नाक और होंठों पर रगड़ने लगी.
उधर रिया अपनी कोमल चूत को उसके खूंखार लंड पर रगड़ रही थी.
तभी अनिल ने मेरे दोनों चूतड़ अपने हाथों से खोलकर अपने दोनों हाथों के अंगूठे मेरी गांड में डाल दिए और मेरी चूत पर ज़ोर ज़ोर से जीभ चलाने लगा.
कुछ देर ऐसे चूत चटवाने से मैं झड़ने लगी.
उधर रिया भी तेज़ सांसें लेती हुई अनिल के लंड पर अपना पानी छोड़ रही थी.
हम दोनों की चूत ने लगभग एक साथ पानी छोड़ा था. हम दोनों की चूत तो एक बार ठंडी हो चुकी थीं पर अनिल का लंड अभी भी फुंफकार रहा था.
अनिल ने उठकर लंड मेरे मुँह में डाल दिया, जिसे मैं आगे पीछे करते हुए चूसने लगी.
उधर अनिल ने रिया के चूतड़ों पर थप्पड़ मारते हुए कहा- चल मेरी रंडी, कुतिया बन जा. अब ये लंड तेरी गांड की गर्मी निकालेगा.
रिया चुपचाप कुतिया बनकर झुक गयी. रिया की चूत से अभी भी सफेद पानी निकल रहा था.
अनिल ने मेरे मुँह से लंड निकाल कर रिया की गांड के छेद पर फिराया और मुझे इशारे से उसकी गांड चाटने का कहा.
मैं रिया की गांड पर जीभ फिराने लगी. अनिल ने रिया की गांड में अपनी दो उंगलियां पेल कर लंड मेरे मुँह में दे दीं.
अनिल ने अपनी दोनों उंगलियां निकाल कर रिया के छेद को अपने थूक से भर दिया. फिर मेरे थूक से चुपड़ा हुआ लंड रिया की गांड के छेद पर रखकर हल्का सा धक्का दे मारा.
रिया ने कसमसा कर अपने चूतड़ हिलाए तो अनिल ने उसकी कमर पकड़ कर एक धक्का और लगा दिया.
इससे आधा लंड उसकी गांड में घुस गया.
रिया लंड घुसवाते ही कराह कर बोली- ओह मम्मी … मारोगे क्या?
अनिल ने कहा- लंड से कोई मरती होती तो तुम्हारी मम्मी का क्या होता. वो तो तुमसे बड़ी चुदक्कड़ रांड रही होंगी, जिनके छेद से तुम निकली हो. अब मम्मी मम्मी बोलने से वो आने से रहीं. अगर आ भी गईं तो तुम दोनों मां बेटी को एक साथ चोदूंगा.
यह बोलकर अनिल ने फिर एक झटका मारा और पूरा लंड रिया की गांड में पेल कर रुक गया.
रिया कराहती हुई बोली- ओह अनिल, मार दिया … काश ये सच हो कि तुम मुझे अपने बड़े लंड से मेरी मम्मी के सामने चोदो. उन्हें भी तो पता चले कि जिसे वो मासूम कहती हैं, वो कितनी बड़ी चुदक्कड़ रांड बन गई है.
यह कहकर रिया अपने आप आगे पीछे होने लगी.
अनिल का लंड फंस फंस कर रिया की गांड में अन्दर बाहर हो रहा था.
अनिल ने मुझसे तेल की बोतल मांगी और लंड बाहर निकाल कर उसका छेद तेल से भरकर फिर से एक झटके में पूरा लंड रिया की गांड में पेल दिया.
लंड घुसा तो अनिल ने उसके कूल्हे पकड़े और कस कसकर झटके मारने लगा.
अनिल रिया की गांड मारते टाइम बोल रहा था- ओह रिया … क्या मस्त गांड है तेरी … आह इतनी टाइट. कब से मैं तेरी इस गांड मारने के सपने देख देख कर मुठ मारता रहा, पर आज तेरी गांड मारने को मिली है.
उधर रिया भी मस्त होकर अपनी गांड मरवा रही थी.
अनिल उसकी गांड मारते समय बहुत हब्शी हो गया था.
वो रिया के चूतड़ों पर ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ भी मार रहा था.
उसने रिया की कमर को अपने से सटाया और उसको थोड़ा ऊपर उठा दिया.
फिर उसके दोनों बूब्स पकड़ कर चोदने लगा.
रिया भी बहुत मज़े से चुदवा रही थी.
वो अपनी गांड चुदवाते हुए अपनी मम्मी के बारे में गंदा बोलने लगी- आह अनिल … अगर अभी मेरी मम्मी यहां आ जाएं, तो तुम क्या करोगे?
अनिल दूध मसलते हुए बोला- उनके सामने तुम्हें चोदूंगा!
रिया बोली- कितना मज़ा आए, अगर मेरी मम्मी तुम्हारा लंड अपने हाथ से पकड़ कर मेरी चूत में डाले.
ये कहती हुई रिया अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ रही थी.
मैंने आगे बढ़ कर रिया की चूत में दो उंगलियां डाल दीं.
रिया की गांड में अनिल का लंड आगे पीछे हो रहा था और उसकी चूत में मेरी उंगलियां चल रही थीं.
कुछ ही देर में रिया की चूत ने पानी छोड़ दिया और अनिल ने भी बहुत तेज़ धक्के मारते हुए उसकी गांड में पानी छोड़ दिया.
वो रिया को ऐसे ही उल्टी लिटाते हुए उस पर लेट गया.
कुछ पल बाद अनिल का लंड थोड़ा सिकुड़ कर फच की आवाज़ से बाहर आ गया.
रिया की गांड लंड के सफेद पानी से भरी हुई थी, रस बहकर बिस्तर पर टपकने लगा.
कुछ टाइम बाद हमने उठ कर खुद को साफ किया और बेड की चादर सही करके चूत गांड सेक्स की बातें करते हुए लेट गए.
अनिल हम दोनों के बीच में था.
अनिल ने रिया से पूछा कि वो चुदवाते टाइम अपनी मम्मी के बारे में क्यों बोल रही थी?
रिया ने बताया कि उसकी फंतासी है कि कोई उसकी मम्मी के सामने उसकी चुदाई करे.
पाठको, अब रिया की फंतासी और बाकी की सेक्स कहानी आपको अगले भाग में बताऊंगी.
तब तक आप मेरी चूत गांड सेक्स कहानी पर अपने विचार लिख कर मुझे बताएं.
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