बिना बाल की न्यूड पुसी यानि चिकनी चूत चाटने में बहुत मजा आता है. मैंने भाभी की बालों वाली चूत चोदी. पर अब मेरा मन किया कि भाभी की चूत साफ़ करके चाटूं.
कहानी के तीसरे भाग
बार बार चोदा चचेरे भाई की बीवी को
में अभी तक आपने पढ़ा कि मैंने भाभी को रात में पूरे मजे से चोदा, फिर सुबह सुबह भी चोदा.
सुबह की चाय पीते समय हम दोनों पूरी नंगे थे.
मैं भाभी की चूत में हाथ फिरा रहा था.
एक हाथ में गर्म चाय तो दूसरे हाथ से रेनू की गर्म चूत को सहलाने लगा.चूत सहलाते समय उसकी चूत के घने बाल उंगलियों में फंस रहे थे, चूत के बाल एकदम काले और घुंघराले सिल्की थे।
“रेनू आओ आज तुम्हारी चूत को झाड़ियों से मुक्त कर दूँ, मुझे तुम्हारी चिकनी चूत देखनी है!”
“नहीं, मुझे नहीं करवानी है. कहीं कट गयी तो? मैं खुद ही बाद में क्रीम लगा के कर लूँगी. वैसे तो जनाब को झांटों वाली चूत बहुत पसन्द है. बस तुम्हारे लिए ही मैं चूत के बाल साफ़ नहीं करती हूं. वैभव को मेरी चिकनी चूत बहुत पसन्द है!”
अब आगे न्यूड पुसी लिकिंग:
चाय खत्म करके मैंने उसके दोनों स्तनों को अपने हाथों में भर लिया और कत्थई चूचुकों को मसलने लगा।
रेनू सिसियाने लगी.
मैंने पूछा- शेविंग किट कहाँ रखी है।
“प्लीज मान जाओ, मैं खुद से कर लूंगी. शाम को तुम्हारी छोटी रेनू तुमको चिकनी मिलेगी, तब जी भर के देख लेना!”
“अरे घबराओ मत, कुछ नहीं होगा बहुत धीरे से करूंगा!”
उसने बड़ी मुश्किल से वैभव की शेविंग किट लाकर दी.
मैंने उसमें से एक नया रेजर निकाल लिया.
तब मैंने रेनू बेड पर पीठ के बल सीधा लेटने को बोला- रेनू, सीधी लेटकर थोड़ी सी टाँगें चौड़ी कर के घुटने मोड़ लो, बहुत प्यार करूँगा. डरो मत!
उसने मेरी बात मान ली.
उसको इस पोजीशन में देखकर मन कर रहा था कि लण्ड पूरा चूत में उतार दूँ.
मैं रेनू की टांगों के बीच में घुस गया.
थोड़ा-सा टांगों को और चौड़ा कर मैंने उसकी झांटों को पानी से गीला किया फिर काली घनी और सिल्की झांटों को सहला क़े मुलायम करने लगा.
थोड़ी सी क्रीम उसकी झांटों में लगाकर उंगलियों से झाग बना दिया.
क्रीम के झाग के अंदर उसकी चूत कहीं खो सी गई.
रेनू को गुदगुदी हो रही थी, वह अपनी मोटी गांड इधर-उधर मटकाने लगी.
मैंने जैसे ही रेजर उसकी झांटों के ऊपर चलाया, उसके पूरे बदन में एक छुरछुरी सी दौड़ गई, उसने अपनी चूत और गांड को सिकोड़ लिया.
धीरे-धीरे मैंने उसकी चूत के ऊपरी भाग के सारे बाल साफ कर दिए.
अब उसकी छोटी सी चूत के दोनों होठों के बाल साफ करने बाकी थे.
मैंने बहुत सावधानी से उसकी चूत के पास के बाल हटाने शुरू किये और रेनू फिर से चूत को सिकोड़ने लगी.
जैसे-जैसे चूत के बाल साफ होते जा रहे थे, उसकी चूत का सौंदर्य निखरता जा रहा था. मानो काले बादलों के बीच तिकोना चाँद निकल रहा हो.
उसकी साफ होती चूत देखकर मेरा लण्ड अकड़ता जा रहा था.
मैंने उसकी चूत और गांड के छेद तक के सारे बाल साफ कर दिए.
फिर थोड़ा पानी लेकर मैंने उसकी चूत पर लगी क्रीम साफ की और तौलिये से उसकी चूत को साफ किया।
मैंने उसकी चूत पर ऑफ्टर शेव लोशन लगाया.
उसने बिलबिलाते हुए दोनों हाथों में अपनी चूत भर ली,.
लोशन ने उसकी चूत को बर्फ जितना ठंडा कर दिया था.
उसकी छोटी सी कसी हुई चूत एक नई-नवेली दुल्हन सी लग रही थी मानो अभी तक नथ न उतरी हो.
उसकी चूत की दरार के बीच भगनासा की घुण्डी हल्की सी बाहर निकली हुई थी.
मैंने उसकी चूत भगोष्ठ को फैलाया.
अंदर छोटी सी भगनासा, मूत्रद्वार, गुलाबी रंग का छोटा सा योनिद्वार साफ दिख रहा था.
रेनू जैसे ही सांस लेती, चूत के अंदर एक खिंचाव सा होता.
मुझसे नहीं रहा गया और मैंने उसकी चूत मुँह में भर ली और चूसने लगा।
मैं न्यूड पुसी लिकिंग का मजा लेने लगा.
“रेनू तुम्हारी चूत सच में स्वर्ग का द्वार है. चिकनी होकर तो और भी निखार आ गया है. मन कर रहा कि तुम्हारी चूत को खा जाऊं!”
“तुमने तो सच में सारे बाल साफ कर दिए, वैभव से इसे छुपाना पड़ेगा नहीं तो वह शक करेगा कि उसके जाने के बाद क्यों चिकनी की.”
रेनू की बग़लों के बाल भी बढ़ गए थे पर उसकी बगलों के बाल और उसकी बगलों की स्मैल मुझे बहुत उत्तेजित करती है,
“लाओ तुम्हारी बग़लों के बाल भी निकाल दूँ!”
उसने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा दिए.
उसके दोनों बड़े-बड़े स्तन पहाड़ की चोटियों जैसे तन कर मेरे सामने आ गए.
आहिस्ता से उसकी दोनों बगलों के बाल भी साफ कर दी.
अब रति रूपी रेनू ऊपर से नीचे तक चिकनी थी.
मैं उसकी ड्रेसिंग टेबल से बोरोप्लस ले कर आया और चूत के आस-पास, गांड के छेद के अंदर अच्छे से लगा दी ताकि उसको जलन न हो.
कुछ क्रीम अपने लण्ड के लिंगमुंड के अंदर भर ली।
“रेनू 2 – 3 दिन के बाद जब चूत पर फिर से बाल उगेंगे तो बहुत खुजली होगी, मुझे खुजली मिटाने के लिए बुला लेना!”
“मेरे हुजूर चूत के बाहर की खुजली तो मैं संभाल लूंगी लेकिन चूत के अन्दर की खुजली तो बस आपके लन्ड से ही मिटती है. अब आपके लन्ड के बिना नहीं रहा जाता मुझसे!”
“सच में रेनू आज 11 साल हो गए हैं जब तुमको पहली देखा था. लेकिन तुम्हारा नशा आज भी पहली मुलाकात जैसा है!”
“एक बात बताओ आज, तुमको मेरी ब्रा-पैंटी का साइज कैसे पता था?”
“जब तुम मेरे बगल वाले फ्लैट में रहती थी, एक बार जब तुम मार्केट गई थी, मैं तुम्हारे बाथरूम में गया, तुम्हारी ब्रा और पैंटी बाथरूम में सूख रही थी, उस दिन मैंने तुम्हारी पैंटी को सूंघा था, तभी से तुम्हारी चूत की मादक सुगन्ध मेरी रूह में समाई हुई है!”
“रेनू सच बोलूं … मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरे सारे सपने यूं सच होंगे. छोड़ो इन बातों को … देखो छुटकी कितनी सुंदर लग रही है!”
रेनू अपनी चिकनी चूत की सुन्दरता पर इठलाती हुई बोली- अब छोड़ो मुझे, अब नहाने जाना है!
वह उठी और बाथरूम चली गयी.
रेनू पाटे पर बैठकर कपड़े धो रही थी.
छोटे से पाटे से उसके दोनों कूल्हे बाहर लटक रहे थे, कपड़े धोते समय उसके स्तन झूले से हिल रहे थे.
कपड़े धोने के बाद उसने शावर चला दिया और पानी उसके नंगे बदन पर गिरने लगा.
रेनू के नंगे और गदराए बदन से पानी ऐसे गिर रहा था मानो कोई झरना पहाड़ियों के बीच से निकल रहा हो.
उसके तने हुए चूचुकों के ऊपर पानी की बूंदें मोती जैसी लगी रही थीं.
उसकी चूत से टपकता हुआ पानी ऐसे लग रहा था कि मानो रेनू की चूत झरने की स्रोत हो, उसके मांसल और चौड़े नितंबों से बहता हुआ पानी आग लगा रहा था।
मैंने रेनू के बदन पर साबुन लगाना शुरू कर दिया.
उसके चिकने बदन पर साबुन फिसल रहा था.
इतने में रेनू घुटनों के बाल बैठ कर लण्ड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
आज पानी आग लगा रहा था, रेनू भीगती हुई लण्ड को चूस रही थी.
वह मेरे भीगे लण्ड को अपने गले तक ले जा रही थी, दोनों हाथों से अण्डकोषों को दुलार और सहला रही थी.
मैं उसकी चिकनी चूत को चोदने के मूड में आ गया.
मैंने रेनू को खड़ा किया और उसकी टांगों के बीच बैठ के चिकनी चूत को चूसने लगा और उसकी गांड की उंगलियों से चोदना शुरू कर दिया.
गांड के छेद में मौजूद बोरोप्लस लुब्रिकेंट का काम कर रही थी.
उसकी गीली और चिकनी चूत चूसने में अलग ही मज़ा आ रहा था.
मैं उसके हिप्स को कसकर पकड़ के उसकी चूत की उंगलियों से चुदाई करने लगा और बीच-बीच में उसकी चूत को दांतों से काट लेता.
रेनू के मांसल चूतड़ तेजी से झटके मारने लगे और वह हांफने लगी.
उसकी चूत से निकला सारा चूतरस पानी धुल गया.
मैं रेनू को पीछे से पकड़ कर उसके स्तनों को दबाने लगा.
मेरा लण्ड रेनू के बड़े-बड़े चूतड़ों के बीच फंस गया.
रेनू को अब चूत में लन्ड चाहिए था, वह मेरे लन्ड को पकड़ कर चूत में घुसाने की कोशिश करने लगी- मत तड़पाओ अब … डाल दो ना लन्ड अंदर प्लीज! अंदर आग सी लग रही है, फाड़ दो चूत मेरी, चोदो प्लीज़!
मैंने रेनू थोड़ा-सा झुकाया और पीछे से चूत में लण्ड पेल दिया.
उसके मुंह से मादक सीत्कारें ‘आह आह’ निकल रहीं थीं.
मैं जैसे ही धक्का लगाता, मेरे अंडकोश उसकी गांड से टकरा जाते, उसके बड़े-बड़े स्तन चुदाई की स्पीड को हिलते हुए बता रहे थे.
रेनू झुकी – झुकी चुदवाती हुई थक सी गयी.
मैंने रेनू को शावर के नीचे सीधा लिटाया और उसकी टांगों को अपनी कंधों पर रख लिया.
इससे उसकी चूत का मुंह और ज्यादा खुल गया।
उसकी पानी में भीगती हुई चिकनी चूत के छेद पर लण्ड टिकाया और धीरे से अंदर डालना शुरू किया.
लण्ड और पानी दोनों चूत में एक साथ जा रहे थे.
जैसे ही लण्ड रेनू की चूत में जाकर टकराया, रेनू ने हिप्स उठा दिए.
आज सच में रेनू की चूत आग की भट्टी जैसी थी, मुझे ऐसा लगा कि लण्ड कहीं पिघल न जाये.
रेनू की टांगें कंधों पर होने से लण्ड चूत में ज्यादा अंदर तक जा रहा था और उसको मस्ती में ला रहा था.
वह अब हर धक्के पर अपने चूतड़ों को उछाल के ज़बाब दे रही थी, वह पूरा लण्ड चूत में समा लेना चाह रही थी.
जैसे ही धक्का लगता, पानी की वजह से फच-फच की आवाज आ रही थी.
आज बाथरूम की चुदाई नॉर्मल से कुछ ज्यादा ही लम्बी हो गयी.
थककर रेनू की हालत खराब सी होने लगी.
उसकी चूत तीन बार पानी छोड़ चुकी थी।
“बस करो प्लीज़ … कितनी देर और रगडोगे मेरी छुटकी को! अब नहीं झेला जा रहा तुम्हारा लन्ड मुझसे! अब अपना रस पिला दो, मेरी चूत बहुत प्यासी है!”
मैंने और रेनू ने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी.
तभी मैंने चूत से लण्ड निकाल लिया.
वह तड़प उठी और मुझे हसरत से देखने लगी.
मैंने लण्ड उसकी गांड के छेद पर रखा.
वह मचल उठी- गांड में मत डालो प्लीज, देखो मेरी गांड पहले से कितनी ज्यादा चौड़ी हो गई है, अब मुझे तो दोनों हिप्स के बीच गैप सा महसूस सा होने लगा है. जब बेटी को स्कूल छोड़ने जाती हूं तो देखने वाले मेरी गांड को ऐसे देखते हैं मानो वहीँ सड़क पर गांड मार लेंगे. पहले वैभव के साथ कहीं घूमने जाती थी तो जींस पहन लेती थी. तुम विश्वास नहीं करोगे, अब उन जींस में हिप्स इतने टाइट आते हैं कि मानो जींस को फाड़ के बाहर निकल आयेंगे.
मैंने रेनू की एक ना सुनी और कस के धक्का मारा आधा लण्ड गांड में समा गया.
रेनू चीख पड़ी.
उसने बाहर बचा हुआ आधा लण्ड हाथ से पकड़ लिया- तुमने आज मेरी गांड फाड़ने की प्लानिंग कर रखी है क्या? लास्ट टाइम कितने प्यार से किया था, उसी टाइप से करो नहीं तो आधा लण्ड अन्दर नहीं जाने दूँगी!
“सॉरी यार, अब प्यार से करूँगा अब तो छोड़ दो प्लीज!”
बोरोप्लस चुदाई में बहुत मदद कर रही थी.
मैंने पूरा लण्ड उसकी गांड में उतार दिया.
रेनू की गांड जितनी चौड़ी थी, उतनी अन्दर से कसी हुई थी,
क़रीब 5 मिनट तक मैंने उसकी गांड को चोदा, फिर लण्ड को गांड से निकाल कर उसकी चूत की फ़ास्ट चुदाई शुरू कर दी.
वह भी फरपूर साथ दे रही थी.
मेरे मुंह में उसके चूचुक और उसकी चूत में मेरा लण्ड चुदाई का अलग ही मज़ा दे रहे थे.
मैंने उसके स्तनों को कस के दबोच लिया, धक्कों की स्पीड स्वतः बढ़ गई.
एक करारे धक्के के साथ सारा लन्ड महाराज ने गर्म-गर्म लावा उसकी चूत में उगल दिया.
रेनू ने दोनों टांगों को मेरी कमर में लपेट लिया और मेरे मुँह में अपने चूचुक दे दिए.
वह मेरे वीर्य की हर बूंद को अपनी चूत के अंदर समा लेना चाहती थी.
उसके चेहरे पर एक बेहद लम्बी चुदाई के बाद की थकान और संतुष्टि साफ दिख रही थी।
बेहद थका देने वाली चुदाई के बाद हम दोनों ने थोड़ा-सा आराम किया।
दो दिनों तक हमने हर पल को एंजॉय किया, वैभव के वापस आने से पहले अनेक अनगिनत यादों को दिल में बसा के अगली चुदाई का वादा कर मैं रेनू से विदाई लेकर वापस आ गया।
एक दिन रेनू का मेसेज आया कि वह माँ बनने वाली है.
उसने मेरे वापस आने के बाद गर्भ निरोधक गोलियां नहीं लीं थीं.
उसने बताया कि वह लम्बे समय के लिए अपने मायके जा रही है।
रेनू को मैंने मां बनने की बधाई दी।
लेकिन पता नहीं क्यों मन उदास सा हो गया.
अब मुझे भविष्य में रेनू को चोदने का मौक़ा मिलना बहुत मुश्किल दिख रहा था।
लेकिन उम्मीद पर तो दुनिया कायम है.
इसी उम्मीद के साथ अगली चुदाई की नई कहानी के साथ आपको फिर मिलूंगा।
यह न्यूड पुसी लिकिंग कहानी आपको कैसी लगी?
कमेंट्स और मेल में जरूर बताएं.
कसम.
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