चचेरी बहन की चूत की गर्मी शांत की

चचेरी बहन की चूत की गर्मी शांत की

कजिन सिस्टर सेक्स कहानी मेरे चाचा की जवान बेटी की चुदाई की है. मैं उसकी चुदाई के अलावा सबकुछ कर चुका था. एक बार उसने खुद मुझे फोन करके बुलाया.

नमस्ते, मैं रवि राजपूत
मेरी पिछली कहानी थी: चलती बस में साली की चूत की चुदाई

आज फिर एक नई सेक्स कहानी के साथ वापस आया हूं.

ये कजिन सिस्टर सेक्स कहानी असली है, बस नाम और जगह बदल रहा हूं. ये गोपनीयता की बात है.

हमारे समाज में अभी तक यह बात मानी नहीं है कि कोई भाई बहन आपस में चुदाई करें.
वो बात अलग है कि पर्दे के पीछे ज्यादातर लोग अपने रिश्तों में चुदाई करते हैं और बहुत सारे रिश्तों में चुदाई की चाह भी रखते हैं.

चलो जो भी है लेकिन मैं तो काफी पहले से रिश्तों में चुदाई करता आया हूं.
जिसमें मैंने मामा की लड़कियां चोदीं, हम उम्र बुआ को और मुंह बोली बहन आदि की चुदाई कर चुका हूं.
जिसका जिक्र मैंने अन्तर्वासना पर भी किया है. वो किसी और नाम से लिखी सेक्स कहानियां हैं.

आज की बात उस बहन की चुदाई की बात है जिसके मैं शादी से पहले ही ऊपर ऊपर से मजे ले चुका हूं लेकिन उसकी चुदाई का मौका नहीं मिला.

शादी से एक दिन पहले अंधेरे में उसे किस भी किया लेकिन उसकी चुदाई बाकी थी.

मेरी शादी हो गई और शादी के बाद तो आप जानते ही हो कि क्या होता है. घरवाली की जम कर चुदाई … और क्या.

लेकिन इंसान की फितरत है कि कुछ समय गुजरने के बाद उसे कुछ नया चाहिए. वो चाहे कोई भी चीज हो.

वैसा ही हुआ, मेरा मन अब नयी चूत मांग रहा था.
मुझे डर था कि मेरी घरवाली को इसका पता ना चल जाए.

मैं अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता हूं, वो भी मेरे साथ बिस्तर में बड़ी मस्ती से चुदाई करवाती थी.
लेकिन मेरे हरामी लंड को दूसरी चूत का रस चाहिए था.

मैं कोशिश कर रहा था कि किसी तरह कोई नई चूत मिल जाए.

जहां मैं जॉब करता था, वहां भी कोशिश की.
कुछ दूसरी लड़कियों पर भी कोशिश की लेकिन बात चूत और लंड के मिलन तक नहीं पहुंची.

एक लड़की कमरे तक भी आयी लेकिन साली की चूत चोदने नहीं मिली.
उसके चक्कर में मकान मालिक ने 10 बातें सुना दीं, वो अलग. उसने रूम खाली करने तक का बोल दिया.
मतलब खाया पिया कुछ नहीं ग्लास तोड़ा बारह आना.

हां इस दौरान ये भी समझ आया कि ज्यादातर लड़कियां चूत के बदले खर्चा बहुत करवाती हैं और उसके बाद कोई गारंटी नहीं है कि चूत दे ही दें.
ये उनके मूड पर निर्भर होता है.
साली रंडियों से भी चार कदम आगे होती हैं.
कम से कम रंडी पैसे लेकर चूत तो दे देती है मगर ये कमीनी पैसा भी खर्च करवा लेती हैं और लंड भी नहीं लेती हैं.

हुआ कुछ ऐसा कि मैं ऑफिस के काम से 2-3 महीनों के लिए कंपनी के ब्रांच ऑफिस में दूसरे शहर में गया था.

वहां मेरे अंकल की फैमिली रहती थी.
लेकिन मैं उनके घर नहीं रहना चाहता था इसलिए मैंने एक किराए में कमरा ले लिया था.

अगले दिन से ऑफिस का सिलसिला शुरू हुआ.
ऑफिस में एक लड़की से बात आगे बढ़ी. उसके पीछे कुछ खर्चा भी करना पड़ा, उसके बाद वो कमरे तक आई.

कुछ देर तक हम दोनों बात करते रहे.
फिर मैंने उसे हाथ लगाया तो वो नानुकुर करने लगी.

मैंने उससे कहा- क्या पहली बार है?
वो बोली- नहीं पहली बार तो नहीं है मगर आज मूड नहीं है.

मन में मैंने सोचा तो क्या यहां मां चुदवाने आई है.
मैंने उसे बहुत सहलाया मगर साली ने चुत नहीं दी.
साली का ना जाने क्या मूड हुआ, कुतिया ने चुदने से मना कर दिया.

इसी बात का जिक्र ऊपर मैंने किया है.

मतलब उसने खड़े लंड पर चोट मार दी थी.
वो भी हाथ से निकल गई.

अब मेरे ऐसे ही दिन कट रहे थे.

एक दिन मेरी चाची का फोन आया.

चाची बोलीं- तू यहां आया हुआ है और घर नहीं आया!
मैंने कहा- अभी तो टाइम नहीं है चाची … लेकिन टाइम मिला तो जरूर आऊंगा.

बात ऐसी थी कि मेरे पापा नहीं चाहते थे कि मैं वहां जाऊं इसलिए मैं उनके घर नहीं जाता हूँ.
माना कि वहां पर चूत मिल सकती थी लेकिन फिर भी मैं नहीं जा सकता था.

अगली बार चाची के नंबर से ही उनकी लड़की, जिसका नाम विनी है, उसका कॉल आया.

ये वो ही विनी है, जिसको मैंने बहुत मजे करवाए हैं, बस चोदा नहीं है.

विनी ने मुझसे इधर उधर की बातें की.

पहले तो नॉर्मल बातें ही हुईं लेकिन बाद में वो किसी ना किसी काम के बहाने पैसे मांगने लगी.
मैंने सोचा- ये भी साली पैसे की जुगाड़ में है.

पहले तो सोचा कि नहीं दूँ, फिर सोचा क्या पता इसकी चूत चोदने मिल जाए.

पहली बार उसे मुझसे कुछ 1000 रुपए मांगे, मैंने दे दिए.
वो मुझे बस थैंक्यू बोल रही थी.

मैंने कहा- इससे काम नहीं चलेगा. इसके साथ कुछ और भी चाहिए.
उसने कहा- क्या?

मैंने कहा- थैंक्यू किस.
विनी शर्माती हुई हंसी और बोली- क्या चाहिए?

मैंने कहा- थैंक्यू किस के साथ देना.
इस बार उसने कहा- ठीक है लेकिन अभी नहीं.

उसके बाद भी छोटे मोटे काम के लिए वो मुझसे पैसे मांगने लगी.
लेकिन साली चूत लंड के मिलन की बात नहीं हो रही थी.

फिर मैंने सोचा कि चूत के चक्कर में पैसा ज्यादा खर्च हो रहा है इसलिए अब नहीं दूंगा.

कुछ दिन गुजर गए.
मैंने उसे ना कॉल किया … ना मैसेज.

फिर एक दिन उसका कॉल आया. वो बोली- बिज़ी हो क्या?
मैंने कहा- नहीं … बोलो!

उसने कहा- मुझे मिलना है, आप अभी आ जाओ.
मुझे लगा कि साली को फिर से पैसे चाहिए होंगे.
मैंने मना कर दिया.

थोड़ी देर बाद उसका मैसेज आया- थैंक्यू किस चाहिए … तो जल्दी आओ.
मैंने सोचा, चलो किस से ही काम चला लेते हैं.

मैं तैयार होकर उससे मिलने चला गया.
उसके पास गया, तो बोली- चलो घूमने चलते हैं.

मैंने कहा- किधर?
वो- आपकी मर्जी जिधर ही उधर ले चलो.

ये शायद चुदाई का इशारा था.
लेकिन इस बार मैं उसे अपने रूम पर नहीं ले जा सकता था.

इसलिए मैंने एक दोस्त को कॉल लगाया जो उसी शहर में रहता था.

मैंने उससे कहा- भाई रूम का जुगाड़ कर अभी!
उस दोस्त ने भी मुझे गालियां दीं और बोला- भोसड़ी के अचानक से तेरे लिए रूम कहां से लाऊं?

मैंने कहा- अबे मादरचोद … कमरे का इंतजाम जरूरी है. लौंडिया लंड के लिए तड़फ रही है और तू मना कर रहा है.
वो हंस दिया और बोला- साले परोपकारी लंड के … मर मत, रुक जरा अभी बताता हूँ.

सच है दोस्त तो दोस्त होते हैं.
उसने एक होटल वाले का नंबर दिया जो उसके पहचान का था.

मैंने होटल वाले से बात की.

उसने बोला कि आ जाओ. मेरी बात हो गई. मैं मैनेजर से कहे देता हूँ.
हम दोनों वहां आ गए.

मैं पहली बार किसी लड़की को लेकर होटल गया था तो मुझे डर लग रहा था.
वहां जाकर मैंने एक कमरा बुक करवाया और कमरे के अन्दर जाकर कमरा बन्द कर लिया.

अब मैंने उसको गले से लगा लिया.
वहीं दीवार के सहारे लगा कर उसको किस करना चालू कर दिया.

उसने कहा- अरे रुको तो सही, इसी के लिए तो मिलने आई हूं. इतनी जल्दी क्या है.

फिर हम दोनों बेड पर लेट गए और वो पुरानी बातें करने लगी.

आखिरी बार जब मिले थे, वो उस वक्त की बात करने लगी.
शादी में मिले थे, जहां छुप कर अंधेरे में तुमने मेरा किस लिया था.

वो ऐसे ही उन सबको याद करने लगी, जो हमने पहले मजे लिए थे.

मैंने कहा- जो बीत गया, उसको भूल जाओ. आज कुछ आगे बढ़ते हैं.

ये बोल कर मैंने फिर से उसे कसके पकड़ा और चुम्बन करने लगा.

वो मेरा साथ देने लगी.
मैंने उससे पूछा- ओपनिंग हो गई.
वो हंस कर बोली- हां कई बार.

मैंने कहा- साली ओपनिंग तो एक ही बार होती है. बाद में तो नेशनल हाईवे बनती है.
वो हंस दी और बोली- अभी भी टाईट है साले. एक ही चढ़ा है सिर्फ.

मैं बता दूँ कि विनी मुझसे 6 साल छोटी है. वो अभी 23 साल की है.

आखिरी बार जब उसकी चूत से मैंने खेला था, तब वो कुंवारी थी.
लेकिन अब तो चुदाई का अनुभव ले चुकी थी.

धीरे धीरे मैंने उसके कपड़े खोल दिए.
उसके होंठों को मैं बड़े प्यार से चूसने लगा.
वो भी साथ देने लगी.

धीरे धीरे उसकी कामुक सिसकारियां चालू हो गईं, मैं समझ गया कि वो गर्म हो रही है.

मैंने भी अपने कपड़े निकाल दिए और उसके ऊपर चढ़ गया.

उसकी चूत में मैंने उंगली करना शुरू कर दिया.
वो पूरी गीली हो गई थी, मेरा भी लंड तन गया था.

मैंने उसकी चूत पर लंड टिकाया और धक्का दे दिया लेकिन चुत टाईट होने के कारण लंड फिसल गया.

फिर से मैंने लंड टिकाया और उसको कसके पकड़ कर एक जोरदार धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.

उसकी चूत बहुत कसी हुई थी.
वो दर्द से कराह रही थी.

मैंने समझ लिया कि जरूर उसके ब्वॉयफ्रेंड का लंड छोटा होगा, इसी वजह से इतनी टाइट चूत है.

मैंने अब धीरे धीरे हरकत करना शुरू कर दी.
बहुत जल्दी ही वो संभल गई.

अब वो भी लपक कर लंड लेने लगी, साथ ही मादक सिसकारियां भरने लगी.

मैंने भी 4 साल बाद इतनी टाइट चूत में लंड डाला था तो मज़ा आ गया.

मैंने अलग अलग पोजीशन में कजिन सिस्टर सेक्स का मजा लिया जिसमें से एक दो पोजीशन उससे नहीं हो पा रही थीं.

उसको सैट कर करके मैंने चुदाई की.
वो भी सिसकारियां ले लेकर खूब चुदी.

मैंने इस दौरान उससे पूछा- तुम्हारे ब्वॉयफ्रेंड का लंड छोटा है क्या?
उसने कहा- उस साले से तो कब का ब्रेकअप हो गया. इसी वजह से बहुत टाइम से मेरी चुदाई नहीं हुई है.

मैंने समझ लिया कि इसे चुत में कीड़ा काट रहा था, तभी अपने भाई से चुत चुदवाने आ गई.

खैर … जो भी हो, मुझे तो अपनी बहन को चोदने में बहुत मज़ा आया.

अब तक उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था.
मैंने भी जोर जोर से 8-10 धक्के मारे और अपना पानी निकाल दिया.

उसके बाद हम दोनों ने एक बार और चुदाई का मजा लिया और तैयार होकर वापस आ गए.

हमने बाहर एक रेस्टोरेंट में खाना खाया. उसके बाद मैं उसको उसके घर से थोड़ा दूर छोड़ आया.
मैं उसके घर नहीं जाना चाहता था.

इस तरह मैंने शादी के बाद पहली बार पत्नी के अलावा दूसरी चूत चोदी थी जो कि मेरी चचेरी बहन की थी.

एक बात तो है, टाइट चूत चोदने में ज्यादा मजा आता है.

इस तरह मैंने अपनी एक और कजिन की चुदाई की थी.
वो मैं अगली बार लिखूंगा.

इस सेक्स कहानी को पढ़ने वालों से मैं जानना चाहूँगा कि कितने लोग रिश्तों में चुदाई करते हैं और कितने करना चाहते हैं. प्लीज़ मेल करके बताएं.

मैंने कजिन सिस्टर सेक्स कहानी में ज्यादा मिर्च मसाला नहीं लगाया है, क्योंकि मेरा मकसद सिर्फ अपना अनुभव आप लोगो तक पहुंचाना मात्र था.
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