हॉट सेक्स इन ग्रुप कहानी चार लड़कों और 3 लड़कियों की एक साथ मिलकर चुदाई की है. ये सब लोग प्रोग्राम बना कर एक गेस्ट हाउस में आये और अदल बदल कर की चूत चुदाई का मजा लिया.
उस दिन मैं बेड पर अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगी लेटी हुई थी और मेरी टांगों के बीच विशाल घुस कर मेरी चूत चाट रहा था।
साथ ही साथ वह अपने दोनों हाथों से मेरे निप्पल भी हौले हौले मसल रहा था।
मैं मस्ती में अपनी आँखें बंद किये हुए इसका मज़ा भी ले रही थी और सिसिया भी रही थी।
इतने में अचानक किसी में मेरे होंठों पर अपना गर्म गर्म लंड रख दिया।
मेरी आँख खुली तो मैं लंड का सुपारा देख कर मस्त हो गई।
मेरे बदन में एक बार फिर करंट लग गया।
अब मेरी गिरफ्त में दो दो लंड आ गए थे।
उसके लंड का सुपारा ही लगभग 3″ का था।
मैं भी मस्ती से जबान निकाल कर बिना यह जाने हुए कि यह लंड किसका है, लंड का सुपारा चाटने लगी।
मुझे दोहरा मज़ा आने लगा।
फिर अचानक जब मैंने लंड वाले की शक्ल देखी तो बोल पड़ी- अरे भोसड़ी के … रोहण तू? तू मादरचोद कब आ गया? तेरा लंड इतना बड़ा हो गया है? इतना मोटा हो गया है भोसड़ी का तेरा लंड? तूने कभी बताया नहीं कि तेरा लंड इतना बड़ा है. अगर बताया होता तो मैं अब तक जाने कितनी बार तुझसे चुदवा चुकी होती. मुझे तो इसी तरह का लंड पसंद है।
मैं रोहण का लंड मुंह में डाल कर मजे से चूसने लगी; उसके पेल्हड़ सहला सहला कर चूमने लगी।
तब तक विशाल भी घूम गया तो उसका लंड भी मेरे हाथ में आ गया।
विशाल का लंड भी जबरदस्त था।
मेरे मन में था कि आज मैं सब लड़कों के लंड का मज़ा लूंगी।
मैं दो लड़कियों के अपने साथ लेकर आयी थी, एक थी जैशना और दूसरी थी अधीरा।
जैशना सोच रही थी कि आज 3/4 लड़कों से खुल कर चुदवाने का मौक़ा मिलेगा तो कितना मज़ा आएगा.
उसने इतने लंड एक साथ नंगे कभी नहीं देखे थे.
अधीरा मन में कह रही थी कि आज सही मायने में जवानी का पूरा मज़ा मिलेगा।
कविता बहुत बोल्ड, सेक्सी और मस्त लड़की है।
वह आज सबकी चूत में लंड जरूर पेलेगी।
कुछ बहुत बढ़िया होने वाला है।
मेरे बगल में नंगी लेटी हुई मेनका चूत चोदी सूरज के लंड का सुपारा बार बार मुंह से निकाल कर आम की गुठली की तरह चूस रही थी।
मुझे उसका लंड चूसने का तरीका बड़ा अच्छा लगा।
मेनका की चूत रोहित नंगा चूस रहा था।
मेनका भी माँ की लौड़ी डबल मज़ा ले रही थी।
मुझे यह देख कर बड़ा मज़ा आया कि रोहित का लंड मेरी नंगी सहेली जैशना बड़े प्यार से चाट रही है।
मेरा नाम कविता है दोस्तो,
मैं 22 साल एक खूबसूरत, चंचल और बोल्ड लड़की हूँ, एक कॉलेज में पढ़ती हूँ।
मेरे कई दोस्त हैं लड़कियां भी और लड़के भी!
मैं सबसे बड़े प्यार से बातें करती हूँ, हंसी मजाक करती हूँ और एक दूसरे की माँ बहन चोदती हूँ, लंड से नहीं, जबान से चोदती हूँ।
मतलब यह कि खूब मस्त मस्त गालियां देती हूँ।
हमारे सभी दोस्तों को लंड, बुर, चूत, भोसड़ा बोल बोल कर मादर चोद, बहन चोद, भोसड़ी वालों जैसी गालियां सुना सुना कर बातें करने में बड़ा मज़ा आता है।
हॉट सेक्स इन ग्रुप कहानी का मजा लो अब!
ग्रुप में मैं कविता, मेनका और जैशना थीं और लड़कों में विशाल, रोहण, सूरज और रोहित थे।
एक दिन जैशना बोली- यार, हम लोग बस लंड चूत चूत की बातें ही करती रहेंगी या कभी एक दूसरे का लंड एक दूसरे की चूत और चूत में घुसा घुसा कर देखेंगे भी? लंड पकड़ने की, लंड चूसने की बातें करना और हकीकत में लंड पकड़ना और लंड चूसने में बड़ा फर्क होता है यार! चुदाई की बातें करना मजेदार होता है पर असली मज़ा तो चुदाई करने और करवाने में ही आता है। जब तक हम लोग लंड एक दूसरे की चूत में नहीं पेलेंगी, सबके लंड मुंह में नहीं लेंगी और लड़कों को नंगा करके उनके आगे हम सब नंगी नहीं नाचेंगी, तब तक जवानी का असली मज़ा नहीं आएगा.
जैशना ने तो हम सबकी आँखें खोल दीं।
मेरे भी मन में आया कि मैंने भी कभी इन लड़कों के लंड नहीं देखा।
कभी मेनका और जैशना को नंगी नहीं देखा।
मैंने कभी कोई लण्ड अपनी चूत में नहीं पेला.
तो क्यों न अब पेला जाए?
क्यों न अब सबके साथ लंड पेला पेली का खेल खेला जाए? क्यों न सबके साथ चुदाई की जाए?
सब लोग सबकी चूत चोदें।
लड़कियां सब लड़कों से चुदवायें, सबके लंड का मज़ा लें।
फिर मैंने एक गेस्ट हाउस बुक करा लिया और सबको बुला लिया।
सब लोग सही टाइम पर आ भी गए।
सबने राहत की सांस ली और अपना अपना सामान जमा लिया।
फिर एकाएक जाने क्या हुआ कि सब लोग अपने कपड़े उतारने लगे।
न किसी को कोई शर्म और न किसी को कोई डर!
सबको मालूम था कि हम लोग किसलिए इकट्ठा हुए हैं.
शायद सबको एक दूसरे को नंगा नंगी देखने की बड़ी जल्दी थी।
हम तीनों लड़कियां एकदम से नंगी हो गईं और लड़के भी साले सब के सब नंगे हो गए।
हम लोग एक दूसरे को नंगा नंगी देखने लगे।
एक बात समझ में आई कि किसी भी लंड पर एक भी झांट नहीं थी।
लंड सारे के सारे एकदम चिकने थे.
जबकि जैशना और मेनका की चूत पर छोटी छोटी झांटें थीं।
वो झांटें बहुत सेक्सी लग रहीं थीं।
पर मेरी चूत तो एकदम चिकनी थी।
सबको बड़ा अच्छा लग रहा था।
हम सबने अभी तक अपने आप को ही नंगा देखा था किसी और को नहीं।
आज सबको नंगी नंगा देख रही थी तो सबको मज़ा आ रहा था।
मेरी नज़र तो लड़कों के लंड से हट ही नहीं रही थी और मैं साथ ही साथ लड़कियों की चूत और उनकी चूचियां भी देख रही थी।
यही हाल सबका था।
लड़के तो लड़कियों की बड़ी बड़ी चूचियाँ, बड़े बड़े चूतड़, मस्तानी चूत और सेक्सी गांड देखने का मज़ा लेने में जुटे थे और लड़कियां सब लड़कों के लण्ड देखने में!
मैंने कहा- जैशना भोसड़ी वाली, तू बिल्कुल सही कह रही थी। आज पहली बार हम सब एक दूसरे को नंगा नंगी देख कर कितना मज़ा ले रहे हैं. कितना अच्छा लग रहा है सबको. बड़ा सुख मिल रहा है यार सबको नंगा नंगी देखने में! बड़ा लाज़बाब है आज का यह नजारा! भगवान् करे ऐसा आगे भी होता रहे!
इतने में विशाल मुझे लिटा कर मेरी चूत चाटने लगा, रोहण ने लंड मेरे होंठों पर रख दिया.
मेनका सूरज के लंड का सुपारा चूसने लगी, रोहित मेनका की चूत चाटने लगा और जैशना रोहित का लंड चाटने लगी.
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा।
अचानक रोहण को पेशाब लगी तो वह मूतने चला गया।
तब तक इधर विशाल ने मुझे अपने बदन से चिपका लिया, मेरी चुम्मियाँ लेने लगा, मेरे बूब्स दबाने लगा, मेरे होंठ चूमने लगा।
उसका लंड मेरी जाँघों में रगड़ खाने लगा, मेरी चूत से बार बार टकराने लगा।
वह बोला- तू साली बहुत हरामी चीज है कविता. तेरी माँ का भोसड़ा … तूने मुझे तड़पाया है। मैंने जाने कितनी बार तेरे नाम का मुठ मारा है। तेरी फोटो रख कर मुठ मारा है। एक साल से तुझे चोदने के लिए तड़प रहा हूँ। आज मौक़ा मिला है. आज मैं तेरी चूत फाड़ डालूँगा, चीर डालूँगा तेरी बुर, तेरे मुंह में घुसा दूंगा लंड!
ऐसा बोल कर उसने सच में पूरा लंड ही पेल दिया मेरी चूत में!
लंड घुसा तो मुझे भी मज़ा आया।
एक बात बता दूँ दोस्तो कि मैं पहले से ही चुदी हुई थी तो मुझे दर्द तो कुछ हुआ नहीं बल्कि मैं और ज्यादा जोश से चुदवाने लगी।
मैंने कहा- भोसड़ी के विशाल, अब तू अपनी गांड से जोर लगा के फाड़ डाल मेरी चूत! धज्जियाँ उड़ा दे मेरी चूत की! हाय रे बड़ा मज़ा आ रहा है। तेरा लंड बड़ा दमदार है यार! मुझे अपनी बीवी समझ कर चोद, रंडी की तरह चोद मेरी चूत।
तब तक रोहण आ गया।
उसने देखा कि मेरी तो चूत चुद रही है लेकिन जैशना की चूत खाली पड़ी हुई है क्योंकि वह रोहित का लंड चूस रही थी।
बस रोहण ने मौका देखा और लंड जैशना की चूत में पेल दिया।
जैशना चीख पड़ी- हाय रे फट गयी मेरी बुर! बड़ा मोटा है तेरा लंड भोसड़ी के रोहण … आहिस्ते आहिस्ते चोदने में तेरी गांड फटती है क्या? ज़रा प्यार से चोद … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।
रोहण ने रफ़्तार धीमी की और लंड पूरा पेल कर सटासट चोदने लगा।
जैशना रोहित का लंड चूसते हुए मस्ती से चुदवाने लगी।
उसे दो दो लंड का मज़ा एक साथ मिलने लगा।
तब तक सूरज ने अधीरा की चूत में लौड़ा पेल दिया।
अधीरा भी चुदी हुई थी तो वह रंडी की तरह उचक उचक कर चुदवाने लगी, बोली- हाय सूरज, तेरा लौड़ा लोहे की तरह मजबूत है, बड़ा मज़ा आ रहा है यार! मुझे खूब चोद। मुझे जैशना और कविता के सामने चुदवाने में बहुत मज़ा आ रहा है। मैं तो सीख भी रही हूँ इन दोनों भोसड़ी वालियों से कि कैसे भचर भचर खुल्लम खुल्ला चुदवाई जाती है चूत! कविता ने आज की चुदाई पार्टी रख कर बड़ा अच्छा किया। मैंने तो सोच लिया कि अब मैं इसी तरह अपनी शादी के बाद फाड़ूंगी अपनी सास का भोसड़ा और चोदूँगी अपनी ननद की चूत!
पूरा कमरा साला चुदाई के आवाज़ से गूंजने लगा और चुदाई से महकने लगा।
सामूहिक चुदाई की महक हम सबको बड़ी अच्छी लग रही थी।
कुछ देर में अधीरा सूरज का लंड अपनी चूत से निकाल कर मुंह में घुसेड़ लिया और चूसने लगी।
उधर रोहित की निगाह अधीरा की चूत पर पड़ी।
चूत एकदम खाली पड़ी थी तो रोहित ने लंड गच्च से उसमें पेल दिया।
अधीरा बोली- हाय दईया रोहित, तू भोसड़ी का बड़ा हरामजादा है. बिना मेरे पूछे ही लौड़ा घुसेड़ दिया मेरी चूत में? मेरी चूत क्या तेरे बाप की जागीर है माँ के लौड़े?
रोहित बोला- तू चुप रह चूत चोदी रंडी कहीं की! रंडियों की चूत सबकी जागीर होती है. तेरी चूत भी मेरी जागीर है। अब मैं जी भर के चोदूंगा तेरी चूत समझ में आया बहन चोद?
अधीरा भी मस्ती से दो दो लंड का मज़ा लेने लगी।
सूरज का लंड मुंह में और रोहित का लंड चूत में!
अधीरा बोली- मैं चुदवाने में न जैशना से कम हूँ और न कविता से कम हूँ। मैं ऊपर से बड़ी भोली भाली लड़की नज़र आती हूँ पर अंदर से मैं मादरचोद बहुत बड़ी अय्याश हरामजादी चुदक्कड़ लड़की हूँ। बेहद बदचलन, बेहद बेशर्म और छिनार हूँ मैं! छोटा हो बड़ा, मैं मौक़ा पाकर सबके लंड अपनी चूत में पेलवा लेती हूँ और किसी को भी कानों कान खबर नहीं होती। अभी पिछले हफ्ते अपने मोहल्ले के एक अंकल का लंड अपनी चूत में पेलवाया था। उसने भी मुझे खूब मस्ती से चोदा था और कल मैं कल जीजू से चुदवाकर आई थी। किसी को कुछ नहीं मालूम! मेरी दीदी को क्या पता कि उसकी बहन चूत चोदी जीजा का लंड गपागप पेलवाती है अपनी चूत में! कुछ भी हो मुझे अपनी चूत पर गुमान है।
अधीरा की बातों से माहौल बहुत ज्यादा गर्मा गया।
सबने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और लड़कियां भी बड़े जोश में आकर झमाझम चुदवाने लगीं।
मैं विशाल के लंड पर बैठ कर चुदवाने लगी.
जैशना घोड़ी बनी हुई पीछे से रोहण से चुदवाने लगी।
अधीरा एकदम चित लेटी हुई रोहित से चुदवाने लगी और सूरज का लंड मुंह में डाल कर चूसने लगी।
क्या मस्त नजारा था हम सबकी सामूहिक चुदाई का!
कमरा बिल्कुल रंडीखाना बन चुका था।
हर तरफ से धच्च धच्च भच्च भच्च फच्च फच्च की आवाज़ें आने लगीं।
सबके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं- हाय रे … हूँ … हो हो … ओ … हाय फाड़ डाला मेरी चूत … वाओ मज़ा आ रहा है … चोदो और चोदो हां हूँ ओ … हो हां … आह … आ हो … हीं … ऊँ ऊँ … पूरा पेल दे … भोसड़ी का … माँ का लौड़ा … मादर चोद … क्या मस्त लौड़ा है … फाड़ डाल बुर … आ हो … ऊ ऊँ … हां हां!
इतने एक एक करके चूत सबकी ढीली होने लगी, चूत ने छोड़ दिया पानी।
लंड भी सभी मुकाम पर पहुँच गए और सबके मुंह में ही झड़ने लगे।
मैं सूरज का झड़ता हुआ लंड चाटने लगी.
जैशना विशाल और रोहित के झड़ता हुआ लंड और अधीरा रोहण का झड़ता हुआ लंड चाटने लगी।
फिर हम सब बाथरूम चले गए।
लड़कियों ने साबुन लगाकर लड़कों के लंड धोये और लड़कों ने लड़कियों की चूत और चूचियाँ साबुन लगा कर धोई।
फिर सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और जमकर हंसी मजाक की।
जैशना बोली- यार, मैंने अभी तक किसी लंड का मुठ नहीं मारा. आज मैं किसी लड़के का मुठ मार कर उसका लंड पीना चाहती हूँ।
अधीरा ने कहा- यार जैशना, तूने मेरे दिल की बात कह दी। मैंने भी कभी किसी लंड का मुठ नहीं मारा; आज मारना चाहती हूँ। बिल्कुल उसी तरह मारूंगी जैसे पोर्न में एक लड़की नंगी लंड का मुठ मारती है।
मैंने कहा- तो फिर आज मौक़ा है न! आज खुल्लम खुल्ला मारो सटासट लंड का मुठ। अपने अपने मन की तमन्ना पूरी कर लो न भोसड़ी वालियो, मजे ले लो।
तुरंत मैंने हर एक लड़के के नाम की पर्ची बना ली और कहा- अब तुम सब लड़कियां एक एक पर्ची उठाओ। पर्ची में जिस लड़के का नाम लिखा होगा तुम उस लड़के के लंड का मुठ मरोगी।
अधीरा ने पर्ची उठाई उसमें विशाल का नाम लिखा था।
जैशना की पर्ची पर रोहण का नाम लिखा था और मेरी पर्ची पर रोहित का नाम.
आखिर में सूरज के नाम की पर्ची बच गयी।
तब मैंने कहा- अब जो लड़की सबसे पहले लंड खलास कर देगी वह लड़की सूरज के लंड का भी मुठ मारेगी।
मुठ मारने को सड़का मारना भी कहते हैं और इसे हस्तमैथुन करना भी कहा जाता है।
लड़कियों से सड़का मरवाना लड़कों को बहुत अच्छा लगता है।
लड़कियां भी चूतचोदी लंड मुट्ठी में लेकर सड़का मारने का मज़ा लेती हैं।
आज सबको इसी का मज़ा मिलने वाला था.
फिर क्या … सबने अपने अपने लंड को अपने अपने कब्जे में लिया।
तीनों लड़के दीवार के सहारे नंगे खड़े हो गए और हम तीनों लड़कियां उनके सामने कुर्सी पर बैठ गयीं।
सबके लंड हमारे ठीक मुंह के सामने हो गए।
अधीरा ने विशाल का लंड पकड़ा और दनादन मुठ मारने लगी।
जैशना मुस्कराते हुए रोहण के लंड का मुठ मारने लगी और मेरे सामने रोहित का लंड था।
मैंने एक हाथ से उसके पेल्हड़ थामे और दूसरे हाथ से सटासट मारने लगी सड़का!
सड़का मारने की आवाज़ तीनों लंड से आने लगी और पूरा माहौल मस्ती का हो गया।
जैशना बोली- हाय मेरे लंड राजा, जल्दी से उगल दे अपना रस मेरे मुंह में। मैं बड़े प्यार से लंड रस पीना चाहती हूँ।
उसने मुठ मारने की स्पीड बढ़ा दी।
वह लंड के आगे मुंह खोले हुए जल्दी जल्दी लंड आगे पीछे करने लगी, ऊपर नीचे करने लगी।
तभी अचानक लंड ने उगल दिया वीर्य उसके मुंह में जिसे जैशना गटक गयी और सुपारा चाटने लगी।
रोहण का लंड झड़ा तो वह बाथरूम चला गया।
तभी उसकी जगह सूरज आ गया।
जैशना ने सूरज का खड़ा लंड पकड़ लिया और ख़ुशी ख़ुशी मुठ मारने लगी।
फिर विशाल का लंड झड़ गया और रोहित का लंड भी।
मुझे रोहित का लंड बड़ा स्वादिष्ट लगा।
सबसे बाद में सूरज के लंड ने जैशना के मुंह में मार दी पिचकारी।
जैशना ने उसके लंड का रस बड़े प्यार से चूसा और चाटा।
इस तरह सबने सड़का मारने और मरवाने का मज़ा लूटा।
फिर शाम को कुछ देर के लिया हम सब कार में बैठ कर घूमने निकल गए।
घूम-घाम कर लगभग 7 बजे अपने गेस्ट हाउस वापस आ गए।
थोड़ी देर आराम करने के बाद मैंने मस्ती में मोबाइल पर एक मस्त रोमांटिक गाना लगा दिया।
गाना बजने लगा तो सबके हाथ पाँव थिरकने लगे।
सब नाचने के मूड में आ गए।
मैं भी नाचने लगी।
मुझे शरारत सूझी तो मैंने अपने कपड़े उतार दिये।
मैं मादरचोद एकदम नंगी होकर नाचने लगी।
मुझे देख कर सब लोग नंगे हो गए.
तीनों लड़कियां नंगी और चारों लड़के नंगे।
होने लगा न्यूड डांस और छाने लगा अय्याशी का नशा।
धीरे धीरे वासना भी अपना पैर पसारने लगी।
लड़के लड़कियों की चूचियाँ पकड़ पकड़ कर नाचने लगे; उनकी गांड पर थप्पड़ मार मार नाचने लगे.
तो लड़कियां भी लंड पकड़ पकड़ कर, लंड पर थप्पड़ मार मार कर उछलने लगीं.
सबको खूब मज़ा आने लगा।
इतने में सूरज ने मुझे अपने बदन से चिपका लिया।
जैशना भोसड़ी वाली विशाल से चिपक गयी.
फिर सूरज मुझे सोफा पर लिटा कर मेरी चूत चोदने लगा।
विशाल ने जैशना को बेड पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ कर उसकी चूत में लंड पेल दिया।
उधर रोहित और रोहण दोनों मिलकर अधीरा की चूचियाँ दबाने लगे तो वह भी उन दोनों के लंड से खेलने लगी।
रोहण और रोहित दोनों ने मिलकर अधीरा को ज़मीन पर लिटा दिया। रोहण ने उसकी चूत में पेला लंड तो रोहित ने उसके मुंह में लंड घुसा दिया।
वह रोहित का लंड चूसते हुए रोहण से चुदवाने लगी और चुदाई का दोहरा मज़ा लेने लगी।
फिर रात भर हम तीनों ने सबके लंड पेलवा पेलवा कर खूब मस्ती से चुदवाया और एन्जॉय किया।
मुझे आज भी वह मस्त सामूहिक चुदाई याद है।
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