गेस्ट हाउस की मालकिन- 4

गेस्ट हाउस की मालकिन- 4


मोटा लंड से चुदाई कहानी में पढ़ें कि मैं एक मोटे लम्बे अफ्रीकी लौड़े से चुद चुकी थी. लेकिन अगली रात मैंने आगे पीछे दोनों छेदों में अफ्रीकी लंड कैसे लिए?
दोस्तो,
मोटा लंड से चुदाई कहानी के अगले भाग में आप सभी का स्वागत है।
पिछले भाग
देसी चूत में अफ्रीकी लंड घुसा
में अभी तक आपने पढ़ा कि मेरे गेस्ट हाऊस में रुके हुए दो विदेशी पर्यटक में से एक के साथ मैं एक रात भयंकर चुदाई करके मस्त हो चुकी थी।
भले ही उसने रात में मुझे एक बार ही चोदा मगर उसकी चुदाई मेरे लिए तीन चार बार के बराबर थी।
अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा लंड मैंने लिया था।
इस कहानी को लड़की की आवाज में सुनें.

सुबह होते ही मैं अपने काम में लग गई क्योंकि मेरे दोनों नौकर छुट्टी पर थे.
और मौसम इतना खराब था कि उनका आ पाना मुश्किल ही था।
सारा दिन मुझे रात की चुदाई के कारण परेशानी होती रही; मेरी चूत रुक रुक कर दर्द कर रही थी।
सुबह उन दोनों को नाश्ता और फिर दोपहर में उनको खाना देने के बाद मैं चुपचाप अपने कमरे में आराम करती रही।
शाम को जब मेरी नींद खुली तो मैं काफी अच्छा महसूस कर रही थी।

उसके बाद मैंने उनके लिए रात का खाना तैयार किया।
मौसम अभी भी उतना अच्छा नहीं हुआ था रुक रुक कर लगातार बर्फबारी हो रही थी।
सारा दिन वो दोनों अपने कमरे में ही रहे।
रात होते ही मैंने उसके कमरे में खाना पहुंचा दिया।
करीब 10 बजे मैं अपने कमरे में आराम कर रही थी.
पिछली रात को हुई मेरी चुदाई के बारे में ही मैं सोच रही थी बस!
मैं सोच रही थी कि कहीं आज भी तो जॉन्सन मुझे अपने पास नहीं बुला लिया तो?
अगर ऐसा हुआ तो आज तो वो मेरी चूत का कीमा बना देगा।
बिस्तर पर लेटी हुई बस मैं यही बात सोच रही थी कि तभी फोन बजा.
मैं समझ गई कि ये फोन जॉन्सन ने ही किया होगा।
मैंने फोन उठाया तो जॉन्सन ने एक वाइन की बोतल आर्डर की।
मुझे पूरा विश्वास था कि वो आज फिर मेरी चुदाई करेगा क्योंकि उसे मेरी तरफ से छूट मिल चुकी थी।
मैंने जाने से पहले ही अपनी चड्डी और ब्रा निकाल दी।
और वाइन लेकर उसके कमरे में चली गई।
अंदर जा कर मैंने देखा कि डेविस भी वहीं बैठा हुआ था।
मैंने सोचा कि चलो आज इसका मन नहीं है इसलिए डेविड भी उसके साथ ही है।
उनको वाइन दी मैंने और जाने लगी.
मगर जॉन्सन ने फिर से मुझे रोक लिया। वो अपने साथ वाइन पीने के लिए कहने लगा।
मुझे शक हुआ कही इसने डेविड को सारी बातें बता तो नहीं दी और कहीं आज ये दोनों मिलकर तो मेरी चुदाई नहीं करने वाले?
मगर शायद ये मेरा शक भी हो सकता था. इसलिए मैं उनके साथ बैठ गई।
हम लोगों के बीच वाइन पीने का दौर शुरू हुआ और एक एक करते हुए हमने तीन तीन पेग लगा लिया।
वाइन खत्म होने के बाद उन्होंने मुझसे और वाइन लाने के लिए कहा.
और मैं एक और बोतल ले आई।
उसमें से मैंने पीने से मना कर दिया मगर जॉन्सन बस एक और पैग के लिए जोर देने लगा।
चौथा पैग पीने के लिए मैं राजी हो गई और यही मेरी गलती हुई।
मेरे चौथे पैग पीने के बाद उन्होंने पांचवा पैग भी बना दिया।
अब मैंने मना कर दिया.
मगर डेविड जो कि मेरे बगल में ही बैठा हुआ था उसने अपने हाथों से मुझे पांचवा पैग भी पिला दिया।
अब तो जैसे मैं हवा के तैर रही थी।
आज तक मैंने इतनी वाइन कभी भी नहीं पी थी.
हम तीनों को वाइन पीते हुए काफी समय हो गया था और रात के 12 बज रहे थे।
मैं अब वह से जाना चाहती थी. पर जैसे ही मैं उठी, मेरे पैर डगमगा रहे थे।
मेरे बगल में बैठे हुए डेविड ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींचते हुए मुझे अपनी गोद में बिठा लिया।
उसकी इस हरकत से मैं समझ गई थी कि इसको पिछली रात की पूरी बात पता चल गई है. तभी इसने इतनी हिम्मत से मुझे खींच लिया।
मैं भी उसकी गोद में आराम से बैठ गई क्योंकि मन तो मेरा भी होने लगा था।
मैंने उसे अपने आप को सौम्प दिया।
मेरी तरफ से उसे हरी झंडी मिलते ही उसने मेरे होंठ चूमना शुरू कर दिया।
अपने हाथों से मेरा गाऊन ऊपर सरकाते हुए मेरी गोरी जाँघों को सहलाना शुरू कर दिया।
उधर से जॉन्सन ये सब देख रहा था. उसने अपने सारे कपड़े उतार दिये और हमारे पास आ गया।
उसका लंड अभी बिल्कुल शांत था और ढीला पड़ा हुआ था।
कुछ देर मेरे होंठ चूमने के बाद डेविड ने मेरे गाउन को उतार फेका।
अंदर कुछ नहीं पहनने से मैं पूरी तरह नंगी हो गई।
डेविड ने मुझे खड़ा किया और उसने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए।
उसके लंड पर मेरी नजर पड़ी तो उसका लंड भी जॉन्सन के लंड से किसी मामले में कम नहीं था।
मैं समझ गई कि आज ये दोनों मेरी हालत खराब कर देंगे।
कल तो एक लंड ने ही मेरी बुरी हालत कर दी थी आज तो दो दो लंड मिलकर मेरी क्या हालत करेंगे यही सोच रही थी।
बस ऊपर वाले से यही दुआ कर रही थी कि ये दोनों एक साथ मेरी चुदाई न करने लगें।
जॉन्सन ने मेरी बांह पकड़ी और मुझे सोफे पर बैठा दिया।
डेविड मेरे पैरों के पास बैठकर मेरी टांगों को फैला दिया और मेरी चूत को अपनी खुरदुरी जीभ से चाटने लगा।
उधर जॉन्सन अपना एक पैर सोफे पर रखा और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया।
मैं उसका लंड बड़ी मस्ती से चूसने लगी और डेविड मेरी चूत को मलाई की तरह चाटने लगा।
जल्दी ही मेरे चूसने से जॉन्सन का लंड खड़ा हो गया वो मेरे मुंह में ही नहीं समा रहा था।
मैं उसके बड़े से सुपारे को अपनी जीभ से चाट रही थी।
मगर जॉन्सन ने मेरा सर पकड़ा और जोर जोर से लंड अंदर डालने लगा।
उधर डेविड ने अपनी दो उगली मेरी चूत में डाल कर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा।
दोनों अपने अपने हिसाब से पूरा मजा ले रहे थे।
बीच बीच में दोनों ही मेरे दूध को जोर जोर से दबा रहे थे।
काफी देर तक दोनों ऐसे ही खेलते रहे।
फिर जॉन्सन ने अपने लंड का पूरा माल मेरे मुँह में भर दिया।
उसका लंड मेरे मुँह में ही था इसलिए मुझे पूरा पानी पीना पड़ा।
अब दोनों ने अपनी अपनी जगह बदल ली और डेविड ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया।
मैं इस पल का पूरा मजा लेना चाहती थी क्योंकि मैं पहली बार ग्रुप में सेक्स कर रही थी।
मैंने उसका लंड भी पूरी मस्ती से चूसना शुरू कर दिया।
जल्द ही उसका लंड भी तन कर खड़ा हो गया।
जॉन्सन मेरे बगल में बैठकर मेरे दोनों दूध से खेल रहा था।
वो मेरे निप्पलों को बारी बारी से मुँह में लेता कभी उंगली से दबाता तो कभी जोर जोर से दूध को मसलता।
मैं अपने एक हाथ से जॉन्सन के लंड को जोर जोर से हिलाती जा रही थी।
करीब आधे घंटे तक यही सब चलता रहा।
फिर उन्होंने एक बार फिर से अपनी जगह बदली और इस बार उन्होंने मुझे खड़ा किया और डेविड सोफे पर बैठ गया।
मुझे झुका कर डेविड अपना लंड चूसाने लगा.
और जॉन्सन मेरे पीछे आकर मेरी गांड को गोलाइयों को सहलाते हुए अपने होंठों से चूमने लगा।
बीच बीच में अपने दांतों से काट भी रहा था तो कभी जोर से चपत लगा देता।
मेरी गांड को फैला कर अपना मुँह गांड की दरार में लगा दिया फिर गांड और चूत के छेद को बारी बारी से चाटने लगा।
मैं बहुत गर्म हो चुकी थी और अब मुझे लग रहा था कि जल्दी से मेरी चूत में लंड चला जाये।
मगर मैं ये भी जानती थी कि आज ये दोनों मेरी हालत खराब करने वाले हैं।
क्योंकि इन दोनों के लंड किसी भी देशी मर्द से दुगने थे।
बस मैं यही दुआ कर रही थी कि ये मेरी गांड न चोदें।
पीछे से जॉन्सन मेरी गांड चाटते हुए अब खड़ा हो गया और अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा।
मैं समझ गई कि ये अब लंड अंदर डालेगा.
इसलिए मैं उसके लिए तैयार हो गई।
जॉन्सन ने मेरी चूत से निकल रहे पानी से अपने सुपारे को गीला किया और चूत में लंड लगा कर एक बार में ही अंदर तक पेल दिया।
“ऊईई ईईई माआआ आ आआ आओह आआह आराम से!”
मगर उसने मेरी बात न मानते हुए एक बार फिर लंड बाहर निकाल कर फिर से अंदर तक पेल दिया।
“आआआ आहहह हहहह!”
अब उसने मेरी चूतड़ को थाम लिया और दनादन चुदाई चालू कर दी।
इधर डेविड ने मेरे मुँह से निकल चुका उसका लंड फिर से मेरे मुँह में ठूस दिया।
चूत की चुदाई के साथ साथ मैं डेविड का लंड भी मजे से चूसने लगी।
जॉन्सन के धक्के मेरी गांड पर जोर जोर से पड़ रहे थे और वो बिना रुके बुरी तरह से मेरी चुदाई करने लगा।
थोड़ी देर की चुदाई के बाद जॉन्सन ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और मेरी कमर पकड़ कर मुझे उठा कर बिस्तर पर पटक दिया और आकार खुद भी बिस्तर पर लेट गया।
मुझे पकड़ कर उसने अपने ऊपर कर लिया और मैं उसके ऊपर बैठ कर उसके लंड को अपनी चूत में ले लिया और जोर जोर से उसके लंड पर कूदने लगी।
वो ज़ोर ज़ोर से मेरे दोनों दूध को निचोड़ रहा था।
डेविड अभी भी सोफे पर बैठा हम दोनों की चुदाई देख रहा था और अपने हाथों से अपने लंड को सहला रहा था।
जब मैं उसके लंड पर कूदते कूदते थक गई तो जॉन्सन ने मुझे अपने सीने पर झुका कर चिपका लिया और नीचे से धक्के लगाना शुरू कर दिया।
मेरी पोजिशन ऐसी थी कि पीछे बैठे डेविड की तरफ मेरी गांड थी।
अब वो उठा और मेरे पीछे आकर अपने घुटनों के बल बैठ गया।
जॉन्सन मेरी चुदाई किये जा रहा था और डेविड ने अपनी जीभ मेरी गांड के छेद पर लगा दी और उसे चाटने लगा।
अब मैं जान गई कि वो मेरी गांड जरूर चोदेगा।
कुछ देर में वो अपना लंड मेरी गांड में टिका दिया.
मैंने उसको ऐसा करने से मना किया मगर सामने से जॉन्सन ने मुझे जकड़ लिया और डेविड ने अपना लंड मेरी गांड में पेल दिया।
मेरी तो आँख ही बाहर निकलने को आ गई।
कसम से मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
ऐसा लगा किसी ने मूसल मेरी गांड में पेल दिया है।
पहले मैंने बहुत ही कम अपनी गांड चुदवाई थी इसलिए मैं बिल्कुल भी सहन नहीं कर पा रही थी।
मैं बस जॉन्सन के ऊपर लेटी रही और तड़पती रही और दोनों एक के बाद एक करके मुझे चोदते रहे।
जब जॉन्सन रुकता तो डेविड मेरी गांड चोदता और जब डेविड रुकता तो जॉन्सन मेरी चूत चोदता।
और कभी दोनों एक साथ जोरदार तरीके से मुझे चोदने लगते।
मुझे ज़रा भी मजा नहीं आ रहा था मगर मैं बस चुदे जा रही थी।
काफी समय ऐसे ही चोदने के बाद दोनों मुझसे अलग हुए और डेविड ने मुझे बिस्तर से नीचे खींच लिया।
उसने नीचे मुझे खड़ा किया और सामने से मुझसे लिपट गया; मेरे एक पैर को उठाकर पलंग पर रखा और मेरे होंठों को चूमते हुए अपना लंड मेरी चूत पर पेल दिया।
पीछे से जॉन्सन अब मेरी गांड चोदने के लिए अपना लंड मेरी गांड में लगा दिया।
उसने भी एक झटके में पूरा लंड मेरी गांड में पेल दिया।
अब दोनों फिर से मेरी गांड और चूत चोदने में लग गए।
इसी तरह दोनों 15 मिनट तक मुझे चोदते रहे इस दौरान मैं कई बार झड़ चुकी थी, मेरा पानी नीचे फर्स को गीला कर चुका था।
मेरी चूत और गांड पर झाग ही झाग हो गया था।
इस तरह की चुदाई के बारे में तो मैंने कभी सोचा भी नहीं था।
बड़ी मुश्किल से एक एक करके दोनों मेरे अंदर ही झड़ गए।
मैं काफी थक चुकी थी; मैं वहीं बिस्तर पर चुपचाप लेट गई।
डेविड ने अपने कपड़े पहने और अपने कमरे में चला गया।
जॉन्सन मेरे बगल में लेट गया।
करीब एक घंटे बाद जॉन्सन ने मेरी एक बार और चुदाई की।
फिर मैं उस रात उसके साथ ही सो गई।
सुबह उठने पर मेरा पूरा बदन दर्द से टूट रहा था।
रात की कहानी अभी भी मेरी चूत और गांड में साफ साफ दिख रही थी।
मेरी पीठ कमर और दूध पर उनके काटने के निशान साफ साफ दिख रहे थे।
बस किसी तरह से मैंने अपने कपड़े पहने औऱ अपने कमरे में आ गई।
सारा दिन मैं बस सोती ही रही।
अगले दिन मौसम साफ हुआ और दोनों घूमने के लिए गए और अपने 6 दिन पूरे होते ही वो दोनों ने गेस्ट हाउस छोड़ दिया।
ये मेरी पहली चुदाई थी जो कि मैंने किसी विदेशी मर्दो से की थी।
अभी भी मैं अपना गेस्ट हाउस चलाती हूँ।
मैं अपनी जगह का नाम नहीं बता सकती बस!
उम्मीद है कि आप लोगों को मेरी ये दास्तान पसंद आई होगी। मेरी मोटा लंड से चुदाई कहानी पर अपने विचार जरूर भेजें.
धन्यवाद।
[email protected]

Check Also

मेरी सहेली की मम्मी की चुत चुदाइयों की दास्तान-2

मेरी सहेली की मम्मी की चुत चुदाइयों की दास्तान-2

This story is part of a series: keyboard_arrow_left मेरी सहेली की मम्मी की चुत चुदाइयों …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *