गृह प्रवेश में भाभी की चूत में लंड प्रवेश

गृह प्रवेश में भाभी की चूत में लंड प्रवेश


हॉट भाभी फक कहानी में मैंने बताया है कि मैं शुरू से ही अपनी भाभी की ओर आकर्षित था. मैं उन्हें बहाने से छूता रहता था. भाभी भी मुझे नहीं रोकती थी. आखिर एक दिन मैंने भाभी को चोदा.
प्रिय दोस्तो, आज मैं अपनी पहली सेक्स कहानी लिखने जा रहा हूं.
यह मेरी भाभी और मेरे बीच हुए प्यार की सेक्स भरी कहानी है.
मेरी उम्र 22 वर्ष है और मेरी भाभी की उम्र लगभग 30 साल है.
भाभी मेरी ताऊ के बेटे की पत्नी हैं.
मेरी भाभी शानदार काया की मालकिन हैं. उनका रंग गोरा है और लंबाई 5 फुट 4 इंच है. वे किसी फिल्म की हीरोइन सी लगती हैं.
मुझे उनके शरीर में उनकी गांड और चूचे सबसे शानदार लगते हैं.
मेरी भाभी की गांड काफी उभरी हुई है.
उनकी शादी छह साल पहले हुई थी और उसी समय से मुझे उनकी चुदाई का मन था.
भाभी की शादी के बाद से मैं उन्हें छूने कोई भी मौका नहीं छोड़ता था.

मेरी इन हरकतों के कारण कहें या भाई की व्यस्तता को नाम रखूँ कि भाभी का झुकाव मेरी तरफ होने लगा था.
लेकिन उसी समय मुझे अपनी पढ़ाई के लिए शहर छोड़ कर बाहर जाना पड़ा.
सच में मुझे उस वक्त बहुत बुरा लग रहा था.
जिस दिन मुझे घर छोड़ कर जाना था, उस रात को मैं बहुत दुखी था.
उसी रात शायद भाभी के मन में भी कुछ चल रहा था.
वे रात को मेरे पास आईं.
उस समय मम्मी और मैं बात कर रहे थे.
भाभी को अचानक सामने देख कर मैं इतना ज्यादा खुश हुआ और ऐसा लगा कि शायद भाभी मुझे गले से लगाने आई हैं.
उन्होंने मुझसे कहा- अब जा तो रहे हो पर याद करोगे अपनी भाभी को … या भूल जाओगे?
मेरी आंखों में आंसू आ गए थे और मैं मां की परवाह किए बिना भाभी के गले से लग गया था.
उन्होंने भी मुझे अपनी चूचियों में भींच सा लिया था.
बिना कुछ बोले हम दोनों एक मिनट तक एक दूसरे की धड़कनों को महसूस करते रहे.
फिर मैं दूसरे दिन चला गया.
उसके बाद जब भी घर आता तो भाभी के पास घंटों बैठा रहता और उनसे बातें करता रहता.
मगर एक बार भी इतनी हिम्मत नहीं हुई कि भाभी से अपने दिल की बात कह सकूँ.
बस जब भी मैं घर जाता था तो किसी ना किसी तरह से मैं भाभी के जिस्म का दीदार कर लिया करता था.
बाद में भाई भाभी ने गांव का पुश्तैनी मकान छोड़ दिया और वे दोनों बाहर के कस्बे में चले गए.
भाई जी ने उधर अपना व्यापार सैट कर लिया था.
इधर मैंने अच्छी नौकरी पा ली थी तो पापा मम्मी की स्वीकृति से शहर में मकान बनवा लिया था.
फिर वह अवसर आया जब मैंने अपनी पहली मुहब्बत अपनी भाभी को पा लिया.
हुआ यूं कि आज से 6 महीने पहले हमारे नए घर का गृहप्रवेश का कार्यक्रम था, जिसमें सभी रिश्तेदार आए हुए थे.
उसी में मेरे भाई भाभी भी आए हुए थे.
दोस्तो, अब मेरी हॉट भाभी फक़ कहानी का मजा लीजिए कि किस तरह से भाभी ने मेरे लौड़े के अपनी टांगें खोल दीं.
जब मैंने भाभी को घर पर आया हुआ देखा तो दिल बहुत खुश हुआ कि आज भाभी के जिस्म को ताड़ने का मौका मिलेगा.
अभी तक मैं सिर्फ उनके जिस्म को ताड़ने की बात ही सोच पा रहा था; उन्हें चोदने का ख्याल अपने मन में ला ही नहीं पा रहा था.
पर मुझे क्या पता था कि आज भाभी की चूत चोदने का ही मौका मिल जाएगा.
हुआ यूं कि दोस्तो, गृहप्रवेश का कार्यक्रम समाप्त होने के बाद कुछ लोग तो अपने अपने घर चले गए परन्तु घर पर बहुत से मेहमान रुक भी गए.
मेरे जिस घर का गृहप्रवेश था उसमें सिर्फ दो कमरे, एक बरामदा और एक रसोई और एक बाथरूम है.
रात्रि के समय जब सब लोग भोजन करके सोने की तैयारी करने लगे तो एक कमरे में सभी आदमी लोग नीचे गद्दे डाल कर सोने लगे.
एक कमरे में घर में आई 3 बुआ, दादी, मेरी मम्मी सो रही थीं.
भाभी अपने एक बच्चे के साथ लेटी थीं. उसकी उम्र 4 वर्ष है.
भाई वापस चले गए थे, भाभी कुछ दिन रुकने वाली थीं.
वे बरामदे में एक कोने में बिस्तर डाल कर सो रही थीं.
मैं मौका देखते ही उनके पास सोने चला गया.
भाभी दीवार के किनारे सो रही थीं, उनके बाद उनका लड़का था.
मैं बच्चे को साइड में करके बीच में सो गया.
जनवरी का महीना था तो उस समय बहुत ठंड रहती है.
मैं अब धीरे से अपना पैर उनके कम्बल में डालने लगा.
मेरा पैर उनके पैर तक पहुंच गया.
मुझे अहसास हुआ कि उनकी साड़ी उनके घुटनों तक उठी हुई है.
उनके पैरों का स्पर्श जब मेरे पैरों पर होने लगा तो मेरे अन्दर एक कम्पन सी उठने लगी.
मेरी भाभी गहरी नींद में सो रही थीं. उनको यह अहसास ही नहीं था कि मैं उनके पैर पर अपना पैर रगड़ रहा हूं.
मैंने धीरे धीरे अपना पूरा शरीर उनके कम्बल में कर लिया.
तभी अचानक से भाभी ने अपना चेहरा मेरी तरफ कर लिया और मेरे बिल्कुल करीब सट कर सोने लगीं.
उनके होंठ मेरे होंठों के बिल्कुल पास आ गए थे और उनकी सांसें मुझे महसूस होने लगी थीं.
उनकी गर्म सांसें मेरे अन्दर की आग को और जलाने लगी थीं.
मैं अपना एक हाथ उनकी कमर पर रखते हुए उनकी गांड को टटोलने लगा.
मेरे अन्दर एक डर सा भी लगा हुआ था कि कहीं वे जग ना जाएं.
पर उनके स्पर्श से मेरे लंड में जो तनाव हुआ था, वह कुछ और ही चाह रहा था.
मैंने अपना हाथ आगे बढ़ाया और उनकी गांड से होते हुए उनकी जांघों को सहलाते हुए नीचे जाने लगा.
तब मैंने उनकी साड़ी को उनकी गांड तक ऊपर उठा दिया.
अब मैं कम्बल के अन्दर ही अपने को नीचे करते हुए उनके जांघों पर अपने होंठ से चूमने चाटने लगा.
मेरे हाथ भाभी की गांड पर थे.
तभी अचानक से भाभी ने करवट बदली.
मैं डर के मारे सीधा हुआ और उनसे दूर हो गया.
कुछ समय बाद जब भाभी दुबारा बेसुध सी लगने लगीं तो मैंने अपना हाथ उनकी गदरायी हुई चूची पर रख दिया और धीरे धीरे दबाने लगा.
तभी मुझे थोड़ा अहसास हुआ कि भाभी शायद जगी हुई हैं परन्तु कुछ बोल नहीं रही हैं.
मैंने सोचा कि ऐसा बढ़िया मौका फिर शायद नहीं मिलेगा.
तो मैंने धीरे से उनके ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए.
अब उनकी चूचियां सिर्फ ब्रा में थीं.
मैं उनकी ब्रा को बिना हुक खोले ऊपर करने लगा.
परन्तु उनके चूचे इतने बड़े थे कि ब्रा एकदम टाईट हो रही थी.
मैं अपना हाथ ब्रा के नीचे से उसमें डालने लगा.
मेरा हाथ उनके ब्रा में चला तो गया परन्तु इतना टाईट हो गया कि मेरे हाथ में उनकी चूची पूरी दबी हुई थी.
शायद इस दबाव की वजह से भाभी ने आंखें खोल दीं और मेरा हाथ पकड़ लिया.
अब मेरा हाथ ना तो निकल रहा था, ना ही उनके मम्मों में चल रहा था.
भाभी ने अब अपनी ब्रा का हुक खोला और मेरे हाथ को निकाल दिया.
जैसे ही मेरा हाथ बाहर आया, मैंने समय ना गंवाते हुए सीधे भाभी को अपनी तरफ खींचा और अपने होंठ उनके होंठों पर लगा दिए.
पहले तो वे बचने की कोशिश कर रही थीं, परन्तु मैं अपना हाथ सीधे नीचे ले गया. मैं पैंटी के ऊपर से ही भाभी की चूत रगड़ने लगा.
कुछ 5 मिनट तक ऐसा ही चलता रहा.
फिर मुझे लगा मेरे हाथ में उनकी चूत का पानी लगने लगा है.
भाभी अब शांत होकर मेरा साथ देने लगी थीं.
उन्होंने अपने एक दूध से मेरा मुँह लगा दिया था.
मैं भी उनकी चूची को अपने होंठों में दबा कर खींचने लगा. भाभी की बहुत ही धीमे स्वर में कामुक आवाजें निकल रही थीं.
मैंने भाभी से कहा- भाभी मैं …
उन्होंने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया और हाथ के इशारे से मुझे उनके ऊपर चढ़ जाने का कहा.
मैं कम्बल में ही उनके ऊपर चढ़ गया और उनके चूचों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
इससे भाभी काफी तड़फने लगीं और अपनी दोनों चूचियों को बारी बारी से मेरे मुँह में तेजी से डालने लगीं.
मैं उनके बूब्स को दबाते हुए उनके पेट को चाटते हुए उनकी चूत तक पहुंच गया.
मैंने धीरे से उनकी पैंटी निकाल दी.
उनकी चिकनी चूत मेरे सामने थी.
मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में लगा दी और चाटने लगा.
अब तो मानो जैसे भाभी तड़फ ही उठी थीं.
वे मेरा सिर अपनी चूत में दबाने लगीं और एक हाथ से मेरा 6 इंच का लंड पैंट के ऊपर से ही पकड़ कर सहलाने लगीं.
मैंने अपनी पैंट निकाल दी और भाभी की छाती के दोनों तरफ पैर डाल कर अपना लंड उनके मुँह में डाल दिया.
भाभी बड़े ही प्यार से मेरे लंड को अपने मुँह में चूसने लगी और थोड़ी देर बाद लंड मुख से निकल कर धीरे से बोलीं- तुम्हारा लंड तो काफी मोटा और तगड़ा है.
मैंने कहा- आज इसकी ओपनिंग है. मैं इसे आपसे ही खोलना चाहता था.
वे भी मुझसे चिपक कर बोलीं- मुझे मालूम था कि तुम मेरे साथ सेक्स करना चाहते थे.
उसके बाद मैं भाभी से पूरी से मस्ती से अपने लंड को चुसवाने का मजा लेता रहा.
फिर भाभी बोलीं- चलो अब जल्दी से चूत में डालो, क्या पता कोई जग ना जाए.
मैंने भाभी के दोनों पैरों को उनकी छाती तक मोड़ा और उनकी चिकनी चूत में अपना लंड सटा दिया.
धीरे धीरे मैं भाभी की चूत में लंड डालने लगा.
मेरा लंड अन्दर जाते ही भाभी की आह निकल गई.
मैं अपना लंड उनकी चूत में पेलने लगा.
उनकी चूत काफी टाइट थी; मुझे उनको चोदने में बहुत ही मज़ा आ रहा था.
कुछ देर बाद मैंने उनको डॉगी स्टाइल में घोड़ी बनाया और अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया.
उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.
परन्तु बगल में ही कुछ लोग सो रहे थे इसी वजह से वे खुद को बहुत ही कंट्रोल की हुई थीं.
मैं पीछे से उनके बाल अपने हाथों में पकड़ कर दे दनादन चोदे जा रहा था और उनकी गांड को रगड़े जा रहा था.
मेरा लंड उस वक्त फुल स्पीड में था और मेरा वीर्य अब कुछ ही समय में निकलने वाला था.
जब स्खलन का समय आया तो मैंने अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर सारा वीर्य उनकी गांड के ऊपर निकाल दिया.
भाभी को थोड़ा बुरा लगा.
वे अपने अन्दर मेरे लंड के रस को लेना चाहती थीं.
मैंने कहा- सेकंड राउंड में अन्दर डाल दूंगा.
वे मुस्कुरा दीं.
फिर झड़ने के बाद मैंने उनको वैसे ही पेट के बल नीचे लेटा दिया और सारा वीर्य उनकी गांड और पीठ पर रगड़ दिया.
इसके बाद हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक किए और हाथ पकड़ कर सो गए.
आधी रात को हम दोनों ने एक बार फिर से चुदाई का मजा लिया और इस बार मैंने अपने लंड का बीज भाभी की चूत में बो दिया.
दोस्तो, अब जब भी मैं मौका पाता हूं तो भाभी के घर चला जाता हूं.
भाभी भी खुल कर मेरे लंड से खेलती हैं.
आपको हॉट भाभी फक कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे मेल करें.
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