विलेज चुत गांड चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने रिश्ते में मेरी जवान मौसी को गाँव में चोदा. वो पहले से ही चालू माल थी. मेरी ज़रा सी कोशिश ने मौसी को मेरे नीचे ला दिया.
मेरा नाम कृष्णा है, उम्र 20 साल है और रंग एकदम गोरा है. मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है पर मेरा लंड साढ़े छह इंच लम्बा और मोटाई खीरे जैसी है.
लंबे मोटे लंड के कारण मैं जिसको भी चोदता हूँ, तो वो मेरे लंड की आदी हो जाती है.
मैं कसरत रनिंग आदि रोज करता हूँ, जिसके कारण मेरे अन्दर स्टेमिना भी बहुत ज्यादा है.
मेरा लंड आसानी से झड़ता नहीं है, यह मालिक का दिया हुआ वरदान है, ऐसा सभी लड़कियां बोलती हैं.
मेरा शुरू से ही शादीशुदा औरतों को चोदने का शौक है पर अभी तक किसी शादीशुदा औरत को चोदने का मौका मिला नहीं था.
मेरी मम्मी की चाची की लड़की जो इस कहानी की नायिका है, उसकी उम्र 19 साल थी.
वो रिश्ते में मेरी मौसी लगती थी. उसकी उम्र मेरी उम्र के बराबर ही है.
मेरी इस मौसी का नाम नीलम है और वो मथुरा के पास एक गांव की रहने वाली है.
मौसी का रंग एकदम गोरा है. उनकी शक़्ल जरीन खान से मिलती है. उनका फिगर 28-26-30 का है जो मुझे बाद में उसे नंगी करने पर पता चला.
मेरी इस मौसी का, गांव में ही एक लड़के के साथ शारीरिक संबंध थे, जिसके कारण वह लंड लेती रहती थी तो उसे लंड लेने की आदत थी.
यह विलेज चुत गांड चुदाई कहानी आज से एक महीने पहले की है. मैं अपनी नानी के गांव में गया था.
वहां हर वर्ष मेला लगता है. मैं मेला देखने के लिए ही गया था.
शाम को मैं, मेरी मामी और मौसी हम तीनों लोग ही गए थे.
वहां पर भीड़ बहुत ज्यादा थी; उसके कारण हमें चलने में बहुत दिक्कत हो रही थी.
सबसे आगे मामी, फिर नीलम मौसी और सबसे पीछे मैं चल रहा था.
चलते समय मैंने अपने दोनों हाथ मौसी के कंधे पर रख रखे थे, तो हम ऐसे ही आगे बढ़ते चले जा रहे थे.
वहीं पर एक बहुत खूबसूरत एक औरत आ गयी, जो दिखने में बहुत मस्त लग रही थी.
मैं उसको ही देखता जा रहा था, जिसके कारण मेरा लंड खड़ा हो गया था.
मेरा लम्बा लंड मौसी की गांड में चुभने लगा था, पर मुझे इस बात का कोई ध्यान ही नहीं था कि मेरा लंड मौसी की गांड में चुभ रहा है.
मैं तो बस उस औरत को ही देख रहा था.
नीलम मौसी मेरी तरफ देख देख कर मुस्कुराने लगी.
तब मुझे ध्यान आया कि मेरा लंड मौसी की गांड में चुभ रहा है.
मैं उससे जरा दूर हो गया.
उसके बाद भी मौसी मुस्कुरा रही थी.
तो मुझे लगा कि शायद आज मौसी चुदने के मूड में है.
मैं भी पीछे से लंड गांड में सटाने लगा और मौसी अपनी गांड पीछे की तरफ करती रही.
मैंने अपने हाथों से उसके कंधों को भींचना शुरू कर दिया.
उसने मेरा हाथ कंधों से हटा कर अपनी एक चूची पर रख दिया और भींच दिया.
मुझे बहुत ज्यादा ही मजा आया. विलेज चुत गांड चुदाई का मौक़ा मुझे मिल गया था.
मैंने मौसी से कहा- मौसी, सारा मजा यहीं ले लोगी या फिर घर पर भी चल कर मजा लोगी?
मौसी ने कहा- मजा लूंगी नहीं, तुझे दूंगी.
मैंने कहा- तो घर चलो, मौसी अब रहा नहीं जा रहा है. जल्दी चलो.
मौसी मामी से पेट खराब होने का बहाना बना कर और मुझे अपने साथ लेकर घर आ गई.
वहां पर सब थे तो हमने वहां कुछ नहीं किया.
हम दोनों टीवी देखने के बहाने कमरे में चले गए और हम दोनों वहां लिपट गए.
हम दोनों एक दूसरे को होंठों को चूस रहे थे.
मेरा एक साथ उसकी चूची पर और दूसरा उसके एक चूतड़ पर चल रहा था.
हम दोनों 5 मिनट तक एक दूसरे को चूसते रहे.
फिर मौसी ने कहा- रुक जा थोड़ी देर बाद अंधेरा हो जाएगा तो घर के पीछे वाले प्लाट में चलेंगे.
मैंने कहा- मौसी इस सूट को उतार दो और टी-शर्ट और लोअर पहन लो. उनको प्लाट में जल्दी से उतारने में आसानी होगी.
मौसी ने वही किया.
थोड़ी देर बाद अंधेरा हो गया और मौसी मुझे यह बोल कर चली गई- तू यहां से दस मिनट बाद आना. मैं तुझे प्लाट में ही बैठी मिलूंगी.
मैं वहां 10 मिनट बाद गया और मौसी वहीं मिल गई.
हम एक दूसरे पर बुरी तरह झपट पड़े.
उधर एक तरफ दीवार की आड़ बनी थी और नीचे साफ़ सफाई थी.
मौसी ने कहा- जल्दी से कर ले, आज हमारे पास समय बहुत कम है.
मौसी ने अपना लोवर और टी-शर्ट उतार दी और मेरे भी.
मैंने भी समय की नजाकत को समझा और अपना लंड निकाल कर मौसी के हाथ में दे दिया.
मौसी ने घुटनों के बल बैठ कर उसे चूसना शुरू कर दिया.
मौसी ने तब तक लंड चूसा, जब तक मैं झड़ नहीं गया.
उसके बाद मौसी जमीन पर लेट गई और बोली- अब जल्दी से तू मेरी चूत को चूस और मुझे मजा दे.
मैंने भी मौसी की चूत बहुत देर तक चूसी.
जब वह झड़ गई, तब मैं हटा.
उसके बाद मौसी ने कहा- अब तुझे जो कुछ करना है, जल्दी से कर ले!
मैंने भी अपना लंड मौसी की चूत पर रख दिया और तेज धक्का दे मारा.
पर लंड फिसल गया.
फिर मौसी ने लंड अपनी चूत के मुँह पर रख दिया और बोली- धीरे से डालियो … तेरा बहुत बड़ा है.
पर मैं नहीं माना, मैंने एक ही झटके में आधा लंड डाल दिया, जिसके कारण उसकी चीख निकल गई.
पर मेरे होंठ उसी के होंठों पर रखे थे, जिसके कारण उसकी आवाज निकल ही नहीं पाई.
मैं उसे धीरे-धीरे चोदने लगा.
मौसी ने कहा- जल्दी-जल्दी चोद ले.
मैंने एक और तेज झटका मारा, जिसके कारण मेरा पूरा लंड मौसी की चुत में समा गया और मौसी की आंख में पानी आ गया.
उसके मुँह से गाली निकल गई- आह मादरचोद … चुत का भोसड़ा बनाएगा क्या?
मैंने उसकी गाली पर ध्यान नहीं दिया और पूरी ताकत से चोदने लगा.
मौसी ने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर लगा लिए और मैं धक्का देता रहा.
मौसी एक बार झड़ गई और निढाल होकर लेट गई.
मैं फिर भी उसे चोदता रहा और थोड़ी देर बाद मौसी फिर से गर्म हो गई.
वो बोली- आह और जोर जोर से चोद.
मेरा लंड जल्दी झड़ता नहीं है, बहुत देर तक लगा रहता है.
मुझे तो मौसी की चुत चोदने में मजा आ रहा था और मौसी को जल्दी पड़ी थी.
कुछ देर में वो दोबारा से झड़ गई.
फिर मौसी ने कहा- तू झड़ क्यों नहीं रहा है. मेरी तो जान निकल गई है.
मैंने कहा- बस थोड़ी देर और रुक लो मौसी.
मैं और तेज तेज झटके देने लगा.
फिर 5 मिनट के बाद मेरा भी झड़ने को हुआ.
मैंने पूछा- मौसी रस कहां लोगी?
तो मौसी ने कहा- अन्दर ही गिरा दे.
मेरा झड़ गया और मैं मौसी के ऊपर ही 5 मिनट तक लेटा रहा.
मौसी ने कहा- कृष्णा अब हमें बहुत देर हो गई है, जल्दी चल.
मैंने पूछा- रात में दोगी?
तो मौसी ने कहा- हां जरूर दूंगी, छत पर आ जाना.
छत पर मौसी अकेली ही सोती थी तो मौसी ने मेरा बिस्तर भी छत पर ही लगा लिया.
मौसी तो पहले ही जाकर सो गई थी और मैं काफी देर तक नीचे मामा मामी से बात करता रहा.
फिर 12:00 बजे मैं ऊपर गया और मैंने जाते ही मौसी के हाथ में लंड दे दिया.
मौसी ने कहा- कब से तेरा इंतजार कर रही थी.
हम एक दूसरे से लिपट कर दोबारा प्यार करने लगे और हमने अपने कपड़े निकाल दिए.
मौसी मेरा लंड और मैं मौसी की चूत चूसने लगा.
मैंने कहा- मौसी, अब तक कितने लंड ले चुकी?
मौसी हंस कर बोली- अभी तक लंड तो दो ही लिए हैं, पर तेरा तो मूसल है.
मैंने कहा- अच्छा तो अब तक क्या लुल्ली से मजा लिया था?
मौसी- हां, तेरे लवड़े के सामने तो उन दोनों के लंड लुल्ली ही थे.
मैंने कहा- किस किस के लौड़े लिए मौसी?
मौसी बोली- एक तो गली के बाहर का लड़का ही है और एक उसका दोस्त है. वो कभी कभी शहर से आता है, तब उसका मजा ले लेती हूँ.
मैंने कहा- तो क्या वो दोनों एक साथ चोदते हैं तुझे?
मौसी- नहीं रे … एक एक करके सवारी गांठते हैं.
मैंने कहा- मौसी, पीछे से भी मजा ले चुकी हो क्या?
मौसी बोली- हां, एक बार डलवाया तो था, पर बहुत दर्द हुआ था.
मैंने कहा- वो कोई अनाड़ी रहा होगा. मुझसे लेकर देखो. मजा न आए तो कहना.
मौसी बोली- अभी आगे से ही मजा ले ले … पीछे की बाद में देखूंगी.
मैंने कहा- अरे मौसी सच में एक बार लेकर देख … मजा न आए तो पैसे वापस.
मेरी इस बात पर नीलम मौसी हंस दी और बोली- काहे के पैसे वापस … साले तेरे मोटे लंड से चुद कर तो मेरी गांड ही फट जाएगी, फिर फटी हुई गांड कैसे ठीक करेगा?
मैंने कहा- चलो इस बार मजा देता हूँ … फिर बताना.
मौसी ने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
मेरा लंड फनफनाने लगा.
मौसी की चुत भी मैंने चूस कर गर्म कर दी.
मैंने उनसे कहा- नीलम मेरी जान, इस बार तुम मेरे लंड की सवारी करो.
मौसी मान गई और चुत खोल कर मेरे लंड पर बैठ गई.
मैंने उसकी चुत में लंड सैट करके अन्दर तक पेला और उसको अपनी छाती पर दबा लिया.
नीलम मौसी की चूचियां मेरे सीने से दबी थीं और मैं उसके होंठ चूस रहा था.
उसकी जीभ अपने मुँह में लेकर मजा ले रहा था.
वो मेरे लौड़े पर झूला झूलती हुई बोली- सच में यार … बड़ा मजा आ रहा है.
मैंने उसी समय उसकी गांड में अपनी एक उंगली घुसेड़ दी.
वो चिहुंक उठी और बोली- ये क्या कर रहा है. उंगली निकाल ले.
मैंने कहा- तू तो गांड में लुल्ली तक ले चुकी है, अब उंगली से भी दिक्कत हो रही है क्या?
वो कुछ नहीं बोली.
मैंने धीरे धीरे करके उसकी गांड को अपनी उंगली से ढीला करना चालू कर दिया था.
कुछ देर बाद वो मस्त हो गई.
मैंने दूसरी उंगली भी पहली वाले के साथ गांड के अन्दर डाली.
वो दर्द से कराही और बोली- तेरे इरादे सही नहीं लग रहे हैं.
मैंने कहा- आज तुझे गांड मरवाने का सही मजा मिलेगा मौसी जान. बस जरा सा साथ दे.
वो मुझे चूमने लगी.
इसी तरह से मौसी की गांड में उंगली करके उसे ढीला कर दिया.
उसके बाद मैंने उठ कर उससे घोड़ी बनने का कहा.
वो घोड़ी बन गई.
मैंने उसकी गांड में तेल लगाया, जो मामा जी छत पर खुद की मालिश के लिए रखते थे.
तेल से गांड चिकनी करके मैंने अपना लंड मौसी की गांड में लगा दिया.
इसके बाद धीरे धीरे करके मैंने लंड गांड में पेला और मौसी की गांड हचक कर मारी.
उस दिन मौसी को गांड मराने में बड़ा मजा आया. वो मुझसे काफी खुश थी.
हम दोनों ने उस रात 3 बार चुदाई की.
अब मैं जब भी जाता हूं, तो हम दोनों खूब मजे करते हैं.
आपको मेरी विलेज चुत गांड चुदाई कहानी अच्छी लगी होगी. मुझे मेल जरूर करना.
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