गांड के शौकीनों ने मुझे मेल प्रोस्टीटयूट बना दिया- 2

गांड के शौकीनों ने मुझे मेल प्रोस्टीटयूट बना दिया- 2


प्रोस्टीटयूट गर्ल की कहानी में पढ़ें कि कुछ लड़के एक कालगर्ल और एक गांडू लड़के के साथ सेक्स का मजा लूटने गए. कालगर्ल और गांडू लड़के की दोस्ती हो गयी.
एक पुरुष वेश्या की डायरी
मैं संतोष आपको अपनी सेक्स कहानी में स्वागत करता हूँ.
सेक्स कहानी के पहले भाग
मैं पैसे लेकर गांड मरवाने लगा
में आपने पढ़ा था कि मैं एक पुरुष वेश्या का काम करने लगा था.
सुनील, अजय मेरे ग्राहक और दोस्त थे.
मैं, सुनील, अजय और उनके दो दोस्त रवि, राजेंद्र के साथ महाबलेश्वर गया था. हमारे साथ में एक कॉल गर्ल संजना भी थी.
महाबलेश्वर में बिना कंडोम के यौन क्रीड़ा का प्रोग्राम था. सभी को यौन रोग नहीं था, इसकी जांच हो चुकी थी.
अब आगे प्रोस्टीटयूट गर्ल की कहानी:
हम लोग रिसॉर्ट पहुंच गए.
हमारा कॉटेज रिसॉर्ट की मुख्य बिल्डिंग से दूर था. काफी प्राइवेसी थी, उसमें सिर्फ तीन कमरे थे.

मैं और संजना अपने कमरे में गए. दूसरा कमरा रवि, राजेंद्र और तीसरा कमरा सुनील, अजय का था.
फ्रेश होने के बाद, चारों हमारे कमरे में आए.
अजय बोला- मैंने और सुनील ने बहुत दिन से लड़की का स्वाद नहीं चखा. संजना तुम हमारे कमरे में चलो.
ये कहकर वो दोनों संजना को लेकर चले गए.
रवि, राजेंद्र भी ‘लड़के के साथ मजा करना है.’ कहकर मुझे अपने कमरे में ले गए.
कमरे में जाते ही उन्होंने मुझे नंगा कर दिया और रवि, राजेंद्र भी नंगे हो गए.
मेरे चिकने बदन, छोटी सी नवयौवना जैसी चूची देखकर खुश हो गए.
वो मेरी चूची दबाने और चूसने लगे.
उत्तेजना से मेरा 6 इंच का लंड खड़ा हो गया.
रवि ने लंड को ध्यान से देखा. फिर उसने मुझे उन दोनों का लंड चूसने को कहा.
मैं घुटनों पर बैठकर दोनों के लंड बारी बारी से चूसने लगा.
उनका लंड मेरे द्वारा आज तक लिए गए लंड से बड़ा और मोटा था.
मैं बिना कंडोम के लंड चूस रहा था. वह लोग मेरा मुँह चोदने लगे.
जब गले तक लंड जाता, मेरी सांस घुटने लगती.
फिर रवि पलंग के किनारे बैठकर बोला- अब खड़े होकर झुक जा और मेरा लंड चूस!
मैं झुककर रवि का लंड चूसने लगा.
मेरे हाथ पलंग पर थे.
मेरे पीछे आकर राजेंद्र ने कूल्हे पर थप्पड़ मारकर कहा- पैर फैला!
राजेंद्र ने अपने लंड पर तेल लगाया और एक ही झटके में पूरा लंड मेरी गांड में पेल दिया.
मुझे दर्द हुआ, पर चिल्ला नहीं सका क्योंकि मेरे मुँह में रवि का लंड था.
राजेंद्र मेरी गांड जबरदस्त धक्कों से मार रहा था.
थोड़ी देर बाद रवि का लंड फूलने लगा तो उसने मेरा सिर लंड पर दबा कर पकड़ लिया.
उसका वीर्य मेरे गले में गिरा, मुझे मज़बूरी में वीर्य पीना पड़ा.
मैंने पहली बार वीर्य पिया, स्वाद अच्छा नहीं लगा.
फिर राजेंद्र मेरी गांड में झड़ गया, मेरी गांड वीर्य से भर गयी.
गांड में वीर्य भी मेरा पहला अनुभव था; अब तक मैंने कंडोम लगे लंड से गांड मरवाई थी.
वीर्य का गांड में भरना मुझे अच्छा लगा जैसे गर्मी से तपी धरती पर बरसात का पानी हो.
मैं टॉवल लपेटकर, अपने कपड़े हाथ में लेकर अपने कमरे में आकर नहाया, ब्रश किया.
मैं जब बाथरूम से निकला, संजना बाहर खड़ी थी.
उसके चेहरे, मुँह पर वीर्य लगा था.
वह तुरंत बाथरूम में घुस गयी और नहाकर वापस आयी.
संजना- संतोष, तुम्हारा अनुभव कैसा रहा? तुमने कार में बताया था कि तुम आसानी से पीछे अपनी गांड में लंड ले लेते हो? मुझे तो हर बार पीछे लेने में दर्द होता है.
संतोष- मैंने पहली बार बिना कंडोम के सेक्स किया है, वीर्य पहली बार पिया. जहां तक पीछे लंड लेने की बात है, मैं अपने पीछे के छेद को ढीला रखना सीख गया हूँ, इससे दर्द कम होता है और मजा भी आता है.
उसने भी सीखने की इच्छा जाहिर की.
मैंने संजना को गांड को कैसे ढीला रहना है, उसका अभ्यास कराया.
संजना- संतोष, पीछे का छेद कैसे ढीला रखना होता है, ये सिखाने के लिए धन्यवाद. मैं इस काम में एक साल से हूँ, जैसे बाक़ी लोग दूसरा काम करते हैं. मेरे लिए ग्राहक से सेक्स मेरा काम ही है. ग्राहक की जरूरत समझकर, मैं उनकी आशा के अनुरूप व्यवहार करती हूँ. जैसे ग्राहक जब कहता है, मजा आ रहा है, मैं कमर उचकाकर उसे धन्यवाद कहती हूँ. कोई ग्राहक आशा करता है सम्भोग के समय मुझे दर्द हो और कहता है, दुःख रहा है क्या? मैं दर्द का अभिनय करती हूँ, ग्राहक के लंड का साइज जैसा भी हो.
मैं संजना की सभी बातें ध्यान से सुन रहा था, मुझे बहुत कुछ सीखना था.
संजना- संतोष, आज रात उनका शराब पीने का प्रोग्राम है, उसके बाद चारों हम दोनों से बी डी एस एम सेक्स करेंगे. हमें बांधकर पीटा जाएगा, निर्मम चुदाई होगी. जब वह लोग पीटें, तो दर्द हो रहा है ऐसा दिखाना है, नहीं तो और जोर से पीटेंगे, जब तक दर्द न हो. अभी तैयार हो जाओ, उनके साथ बाजार में घूमने जाना है.
मैं और संजना तैयार होकर चारों के साथ महाबलेश्वर के बाजार में घूमने गए.
कार पार्किंग में रखकर रवि बोला- ठीक दो घंटे बाद हम यहीं मिलेंगे, खाना होटल में खा लेना. संजना, तुम और संतोष अलग जा सकते हो.
मैं इस बात से खुश हुआ.
मुझे संजना का साथ अच्छा लग रहा था. हम दोनों ने खाना खाया.
एक दुकान में मुझे एक साड़ी पसंद आ गयी.
मैंने वह साड़ी खरीदकर संजना को भेंट कर दी.
संजना ने एक जर्किन मुझे भेंट की.
हम तय समय पार्किंग में मिले और रिसॉर्ट वापस गए.
शाम को 6 बजे सुनील, रवि, राजेंद्र, अजय हमारे कमरे में बैग लेकर आ गए.
बैग से सामान निकालकर टेबल पर रखा. उसमें हथकड़ी, कुत्ते के गले का पट्टा, पट्टे में लगाने के लिए बेल्ट (जिसे कुत्ते को घुमाने के समय पट्टे में लगाया जाता है), गैग (रस्सी लगी बॉल, मुँह खोलकर बॉल को मुँह में रखकर रस्सी सर के पीछे बांध देते हैं, जिससे आवाज़ न निकले), महाबेलश्वर की स्पेशल छड़ी, जो घोड़े पर इस्तेमाल होती है, ले ली थीं.
यह छड़ी करीब दो फुट लम्बी थीं, उनके सिरे पर चमड़े का टुकड़ा लगा था.
चारों कुर्सी पर लुंगी पहनकर बैठ गए, सबके पास छड़ी रखी थी.
निर्देश अनुसार संजना ने छोटी झीनी नाइटी पहनी थी, उसके गले में कुत्ते का पट्टा था.
मैंने सिर्फ फ्रेंची पहनी थी.
संजना साकी बनी, वह जब किसी को शराब का गिलास देती, वह संजना को अपनी गोद में बिठाता, एक घूंट शराब वह पीता, एक घूंट संजना को पिलाता. उसके चूचे दबाता, जांघ पर हाथ फेरता.
गोद में बिठाकर अजय ने उसकी नाइटी उतार दी, सुनील ने ब्रा, रवि ने पैंटी. वह राजेंद्र की गोद में पूरी नंगी बैठी थी.
मैं कुत्ते की तरह चारों हाथ पांव पर खड़ा था, मेरे गले में पट्टा था और उसमें बेल्ट लगा था.
रवि मुझसे बोला- कुत्ते की तरह चलकर आ, अपना बेल्ट मेरे हाथ में दे और लुंगी के अन्दर मुँह डालकर लंड चूस.
मैं रवि का लंड चूसने लगा.
मेरे गले के पट्टे में लगे बेल्ट को किसी ने जोर से खींचा.
मैं लुंगी से बाहर आ गया, मैंने देखा राजेंद्र मेरा बेल्ट खींच रहा है.
तो मैं उसका लंड चूसने लगा.
बारी बारी सबने अपना लंड चुसवाया.
संजना के साथ उसे पैग देते समय सब संजना के चूचे चूसते, उसके कूल्हों पर थप्पड़ मारते.
चारों अपनी लुंगी उतारकर नंगे हो गए थे.
तब राजेंद्र ने मुझे दो खाली गिलास लाने को कहा.
राजेंद्र और रवि ने गिलास में मूत दिया, उसमें व्हिस्की मिलाई.
एक गिलास संजना को, दूसरा गिलास मुझे देकर कहा कि पी जाओ.
संजना ने मुस्कुराकर गिलास में बर्फ डाला और घूंट घूंट पीने लगी.
संजना के इशारे पर मैं भी बर्फ डालकर पीने लगा.
राजेंद्र ने संजना को पूछा- स्वाद कैसा है?
संजना ने मुस्कुराकर कहा- बहुत अच्छा.
मैंने भी कह दिया- पहली बार पी है, अच्छा लगा.
हमने गिलास की पूरी व्हिस्की पी ली.
सुनील, रवि, राजेंद्र, अजय खड़े हो गए.
उन चारों के हाथ में छड़ी थी.
मुझे और संजना को घुटनों के बल बिठाकर हमारे हाथ पीछे करके उनमें हथकड़ी लगा दी.
हमें उनका लंड चूसने को कहा गया.
जब हम लंड चूस रहे थे तो वे लोग छड़ी से हमारी पीठ, चूचे और चूतड़ पर मारकर कहते कि लंड गले तक लेकर चूसो.
मारते समय छड़ी के सिरे पर लगा चमड़े का टुकड़ा जब बदन पर लगता, तो चटाक की आवाज़ आती और तीव्र जलन और पीड़ा होती.
चारों बारी बारी से हमारे मुँह में झड़ गए.
जब वह झड़ने वाले होते, हमारा सर लंड पर दबाकर पकड़ते, हमें उनका वीर्य पीना पड़ता.
रवि ने हमें पकड़कर खड़ा कर दिया, संजना के हाथ की हथकड़ी निकाल दी.
मेरे बांयी कलाई की हथकड़ी खोलकर संजना के दाहिनी कलाई पर लगा दी.
हम दोनों की दाहिनी की कलाई एक दूसरे से बंधी थी, बीच में सिर्फ एक फुट की चेन थी.
मैं और संजना एक दूसरे से एक फुट की दूरी पर आपस में हथकड़ी से बंधे नंगे खड़े थे.
सुनील ने गिलास में मूतकर कहा- प्यास लगे, तो पी लेना.
वे लोग खाना खाने चले गए.
संजना ने बर्फ रुमाल में लेकर मुझे जहां जहां मार पड़ी थी, वहां लगा दिया जिससे खून जमने से नीले निशान न पड़े.
मुझे काफी आराम मिला.
मैंने भी संजना के बदन पर चोटों वाली जगहों पर बर्फ से सिकाई की.
संजना को शुशु लगी थी, जब वह कमोड पर बैठकर मूत रही थी, हथकड़ी के कारण मुझे झुककर खड़ा होना पड़ा.
मैंने भी शुशु की, हमने एक दूसरे को चूत, लंड, मुँह धोने में मदद की.
एक घंटे बाद सुनील, रवि, राजेंद्र, अजय कमरे में आए.
हमारी हथकड़ी खोलकर मुझे और संजना को पलंग पर पीठ के बल लिटा दिया और हमें अपने पांव छाती की तरफ करके पकड़ने को कहा.
रवि लंड पर तेल लगाकर मेरी गांड मारने लगा.
सुनील संजना की चूत धुंआधार मार रहा था.
राजेंद्र, अजय ने भी हमारी चुदाई की.
वे लोग झड़ने से पहले रुक गए.
मुझे और संजना को कुत्ते की तरह पलंग के किनारे खड़ा करके, चारों बारी बारी फर्श पर खड़े होकर मेरी गांड और संजना की चूत मारने लगे.
बीच बीच में रूककर हम दोनों की कूल्हे पर छड़ी मार रहे थे.
हम मार की दर्द के चीखने लगे, तब उन्होंने हमारे मुँह में गैग लगा दिए.
अब हमारे मुँह से दबी दबी चीख निकल रही थी.
कभी वो लोग संजना की गांड में लंड पेल देते.
रवि मेरी गांड में, सुनील संजना की चूत में झड़ गया.
राजेंद्र, अजय ने हमें बाथरूम में चलने को कहा.
बाथरूम में हमें फर्श पर बिठाकर हमें मुँह खोलने को कहा.
राजेंद्र, अजय मुठ मारने लगे. उन्होंने अपना वीर्य हम दोनों के मुँह और शरीर पर गिरा दिया.
चारों हमारे ऊपर मूतने लगे.
मैं और संजना कुछ मूत्र पी रहे थे, बाक़ी मूत्र हमारे शरीर पर गिर रहा था.
मूतने के बाद चारों अपने कमरे में चले गए.
मैंने और संजना ने एक दूसरे का बदन पौंछा.
हमारा शरीर दुःख रहा था.
मैंने संजना से कहा- मैं तुम्हारी मालिश कर देता हूँ, तुम्हें आराम मिलेगा.
संजना राजी हो गयी, मैंने उसके पूरे शरीर की मालिश की.
उसने भी मेरी मालिश की, गर्म पानी से एक दूसरे को नहलाया.
हमने एक दूसरे की चोटों की बर्फ से सिकाई की, चोटों पर बोरोलीन लगाई.
हम दोनों के कूल्हे पिटाई से लाल हो गए थे.
रात के 9 बजे थे.
रात का खाना हम छहों लोगों ने साथ खाया.
संजना और मैं अपने कमरे में जाकर आपस में बातें करने लगे.
मैं- संजना, अपने बारे में बताओ, तुमने कैसे यह काम शुरू किया?
संजना- मेरे मां बाप नहीं है, मैं एक दूर के रिश्तेदार के घर चॉल में रहती हूँ. मैंने इंग्लिश स्कूल से दसवीं पास किया है. मुझे रवि, राजेंद्र के इवेंट मैनेजमेंट कम्पनी में नौकरी मिली. मैं खाने का काउंटर पर काम करती थी. जब कोई प्रोग्राम होता, तब मुझे बुलाया जाता. थोड़े से पैसे मिलते, वह मैं अपने रिश्तेदार को दे देती. मेरे रिश्तेदार गरीब थे. कम पढ़ाई के कारण कोई अच्छी नौकरी नहीं मिली.
मैंने उसकी बात सुनकर अफ़सोस जताया.
संजना- मैंने रवि, राजेंद्र को कहा मुझे अपनी कमाई बढ़ानी है, क्या करूं? रवि, राजेंद्र कुंवारे हैं और सीधी बात करते हैं. उन्होंने कहा कि हम काउंटर पर खड़े रहने के इससे ज्यादा पैसे नहीं दे सकते. सभी को इतना ही मिलता है. हम लोग अपनी शारीरिक जरूरत पूरी करने के लिए कॉलगर्ल बुलाते हैं, यदि तुम हमारे साथ सेक्स करने को राजी हो, तो हम कॉलगर्ल को जितना देते हैं, तुम्हें भी देंगे. तुम्हें सेक्स का मजा भी मिलेगा. मैं 19 साल की थी, सेक्स के प्रति आकर्षण था. रवि राजेंद्र हैंडसम जवान हैं, मैंने हां कर दी.
मैं उसे सुन रहा था.
संजना आगे बोली- मुझे सेक्स में आनन्द आया. कमाई भी बढ़ी. मेरी और कमाने की इच्छा होने लगी. रवि, राजेंद्र ने बताया कि यदि मैं इवेंट में शराब के काउंटर पर काम करूं, छोटी हाफ पैंट और बिना बांह की टी-शर्ट पहनकर काम करूं, तो तनख्वाह बढ़ सकती है. मैं वह काम करने लगी. ऐसी पार्टी में अमीर लोग आते हैं. जब कुछ मेहमान रवि से पूछते कि क्या वो लड़की मिल सकती है?
तब रवि कह देता कि काम के बाद संजना क्या करती है, हमें मालूम नहीं है. आप खुद उससे बात कर लो. रवि ने यह बात मुझे बताई.
संजना- जब कोई मेहमान मेरा फ़ोन नंबर मांगता, मैं दे देती, फ़ोन पर रेट तय होता. मैं उनके बताये पते पर जाती. मैं हरदम सुरक्षित सेक्स करती. मैंने सीख लिया था कि ग्राहक को क्या चाहिए. यदि उसको दर्द देने की इच्छा है, मैं दर्द का नाटक करती. यदि ग्राहक आशा करता है मुझे भी मजा आए, मैं दिखाती कि मुझे मजा आ रहा है. मैंने स्त्री ग्राहकों के साथ लेस्बियन सेक्स भी किया है. मैं एक साल से यह काम कर रही हूँ. एक और बात, ज्यादातर पुरुष उनके चूचे दबाने और निप्पल चूसने से जोश में आ जाते हैं, स्त्रियों की तरह. संतोष अब तुम अपने बारे में बताओ.
संतोष- मैं भी दसवीं तक इंग्लिश स्कूल में पढ़ा हूँ. मैं मां बाप के साथ चॉल में रहता था. मां बाप गांव चले गए, मैं अकेला रहता हूँ. मैं दुकान में कम तनख्वाह पर काम करता था. चॉल मालिक का लड़का मेरी गांड मारा करता था, मुझे मजा आता था. उसकी शादी हो गयी, उसने मेरी मुलाकात सुनील, अजय से कराई. सुनील, अजय मेरी गांड मारते हैं और मुझे पैसा भी देते हैं.
संजना मुझे सुन रही थी.
मैं- फिर मैंने सोचा कि क्यों ना मैं गांड मरवाना अपना काम बना लूँ. मैंने सुनील की मदद से गे वेब साइट और दूसरी जगह अपना प्रोफाइल पोस्ट किया. मुझे कुछ पुरुष ग्राहक मिले, कमाई होने लगी. मैंने नौकरी छोड़ दी. मैं करीब एक महीने से यह काम कर रहा हूँ.
संजना- इसमें कोई समस्या भी आती है?
मैंने कहा- हां बस एक समस्या है. जब रात को देर से मैं ग्राहक के पास से लौटता हूँ या रात को नहीं घर वापस आता, चॉल के लोग कारण पूछते हैं. अकेला रहने के कारण मुझे अपनी देखभाल खुद ही करनी पड़ती है. पार्लर में मालिश बहुत महँगी पड़ती है.
संजना- मेरी भी यही मुश्किल है, रात को ग्राहक के पास से थककर वापस आती हूँ. चॉल में जगह कम है, सुबह जल्दी उठना पड़ता है. संतोष, क्या हम दोनों किराए का फ्लैट लेकर एक दूसरे का सहारा बनकर साथ रह सकते हैं? मैं रवि, राजेंद्र से बात करूंगी, इवेंट की पार्टी में तुम बार में मेरे साथ काम करोगे? तुम्हारा सुन्दर चेहरा और चिकना बदन पार्टी में आए पुरुषों और स्त्रियों को पसंद आएगा, अमीर ग्राहक मिलेंगे.
मैं तुरंत राजी हो गया.
रात का खाना खाते समय रवि बोला- संजना, तुम दोनों नंगे सोना और अपने कमरे का दरवाज़ा अन्दर से लॉक नहीं करना. किसी को इच्छा हुई तो रात को आएगा.
मैं और संजना एक ही पलंग पर सो रहे थे.
पलंग हिलने से मेरी नींद खुली.
मैंने देखा कि संजना पैर फैलाकर लेटी है और सुनील उसको चोद रहा है.
इतने में रवि अन्दर आ गया.
उसने मुझे पेट के बल लिटाया, मेरे ऊपर लेटकर मेरी गांड मारी.
रात को चारों दो बार आए और हमारी देर रात तक चुदाई हुई.
हमारा बदन दुःख रहा था, पर हमारे धंधे में मना नहीं कर सकते.
दूसरे दिन सुबह संजना ने रवि, राजेंद्र से बात की.
वे लोग मुझको काम देने को राजी हो गए.
उनको संतोष, संजना के साथ रहने का आईडिया अच्छा लगा.
रवि ने स्टेट एजेंट का नंबर दे दिया.
रवि- संतोष, संजना फ्लैट में तुम दोनों को पति पत्नी के परिचय से रहना होगा. सोसाइटी में कोई ग्राहक नहीं बनाना और ग्राहक को फ्लैट में नहीं लाना. हम लोग घूमने जा रहे हैं, तुम लोग आराम करो.
सुबह मैंने और संजना ने एक दूसरे की मालिश की, गर्म पानी से एक दूसरे को नहलाया.
हमारी थकान उतर गयी.
मुझे और संजना को बीस बीस हज़ार रुपये मिले.
पुणे आकर हमने एजेंट से बात की.
मैं और संजना पति पत्नी के परिचय से एक कमरे के फ्लैट में रहने लगे.
अगली बार मैं आपको अपनी और संजना की, एक साथ की सेक्स कहानी लिखूँगा. उसमें मैं, हम दोनों की एक साथ और अलग अलग चुदाई के अलावा हमारी शादी की कहानी भी लिखूंगा.
जिस तरह से सनी लियोनी और उसके पति ने एक दूसरे की जिन्दगी का सच जानते हुए भी शादी की और सेक्स की दुनिया में अपना नाम कमाया, उसी तरह की सेक्स कहानी को लेकर लिखूँगा,
आपको अब तक की यह प्रोस्टीटयूट गर्ल की कहानी कैसी लगी, बताएं.
[email protected] प्रोस्टीटयूट गर्ल की आगे की कहानी: सेक्स वर्कर लड़का लड़की की चुदाई कहानी

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