गर्लफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशनशिप

गर्लफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशनशिप

दोस्तो … मेरा नाम शैलेश है और में भोपाल से हूँ. मेरी उम्र 20 साल है, हाइट 5.10 है। मैं जिम करने वाला शख्स हूं तो मेरा शरीर बहुत गठीला है।

जैसा कि मैंने अपनी पहली कहानी
प्यार में पहले सेक्स का मजा
में बताया था कि मैं अपनी स्टडी के लिए लखनऊ में रूम लेकर अकेला रह रहा था और अब मेरे साथ मेरे ही रूम में नित्या (19 साल) भी लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी थी। जिसका फिगर 32 28 34 है। हम दोनों रोज नए नए तरीके से सेक्स करते थे और बहुत खुश थे। हम दोनों ने मिल कर किराए पर 2 रूम का एक फ्लैट ले लिया था।

अब आगे:

एक दिन हम दोनों रात में सेक्स कर रहे थे। तभी नित्या के पास उसकी फ्रेंड निधि का कॉल आया। ये वही निधि है जिसके साथ नित्या पहले रूम में रहती थी.

हम दोनों सेक्स में इस क़दर डूबे हुए कि नित्या की सिसकारियों के आगे कुछ सुनाई नहीं दे रहा था तो नित्या को कॉल नहीं पता चला।
कई बार कॉल आने पर नित्या ने कॉल उठाया।

निधि- कहां है तू ?
नित्या सिसकारियां लेते हुए और थोड़ा गुस्से में- बोलो क्या है?
निधि- तू किसी का कॉल क्यों नहीं उठा रही? अंकल मुझे बार बार कॉल कर रहे हैं। तू अपने पापा से बात कर ले बहुत जरूरी बात करनी है उनको।
नित्या- ओके, कर लूंगी।
निधि- अभी कर, नहीं तो अंकल फिर से मुझे कॉल करेंगे।
नित्या- ठीक है करती हूं।

हम दोनों की चुदाई भी खत्म हो गई। नित्या ने नंगी मेरे ऊपर लेटे लेटे ही अपने पापा को कॉल की।

20 मिनट पापा से बात करने के बाद वो मेरे पास आई. वो थोड़ा परेशान सी थी, मुंह उतरा हुआ था.

मैं- क्या बात हुई?
नित्या- कल मुझे घर जाना है। मम्मी की तबियत बहुत खराब है।
मैं- क्यों? क्या हुआ है?
नित्या- ज्यादा मुझे कुछ नहीं पता। सिर्फ इतनी बात पता चली कि मम्मी अस्पताल में भर्ती है। हालत बहुत बुरी है।
मैं- तो ठीक है चली जाओ। फिर कब तक आओगी?
नित्या- पता नहीं … मम्मी के ठीक होने के बाद ही आऊंगी।
मैं- इतने सारे दिन तुम्हारे बिना कैसे काटूंगा?
नित्या- जानू मुझे आज इतना प्यार करो कि जितने दिन तुमसे दूर रहूँ … तुम्हारी याद में ही रहूँ।
मैं- ठीक है.

फिर मैंने नित्या की बूब्स को बहुत जोर जोर से दबाने लगा, किस करने लगा तो नित्या के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं और बोली- धीरे धीरे दबाओ.
मैं- नहीं बेबी, तुम्हें आज कुछ निशानियां दूंगा जो तुम्हें रोज मेरी याद दिलायेंगी।
नित्या- दे दो, जो देना चाहते हो। तुम्हारी याद के लिए आज सब बर्दाश्त करूंगी।

मैंने बूब्स के दोनों निप्पल को दांतों से काटा जिससे बूब्स पे मेरे मेरे दांतों के निशान के साथ लाल पड़ गए थे।
हम फिर 69 पोजिशन में आ गए।

मैंने अपना लन्ड नित्या के मुंह में पूरा डाल दिया और मैं चूत में जीभ डाल कर तो कभी उंगली डाल कर चूत के दाने रगड़ने लगा।

नित्या बेकाबू होकर अपनी चूत जोर जोर से मेरे मुंह में रगड़ने लगी। मैं लंड को नित्या के मुंह में डाल कर चोदने लगा। हम इसी तरह फोरप्ले करने लगे कि तभी नित्या की चूत ने पानी छोड़ दिया, सारा पानी मेरे मुंह में आ गया।

तभी मैंने जोर से चांटा नित्या की गांड पे मारा ‘चट्ट’
नित्या सिसकारियां भरने लगी।

मैं भी और जोर जोर से लंड मुंह में डाल कर चोदने लगा। मैंने भी अपना वीर्य नित्या के मुंह में भर दिया। नित्या मेरे लन्ड का पानी बिना थूके पूरा पी गई।

और फिर मेरे लंड को चूसते हुए बोलने लगी- जल्दी से मुझे चोद दो, मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा।
तो मैं उठ कर रसोई में चला गया तो नित्या बोली- क्या हुआ, कहां जा रहे हो?
मैं- 2 मिनट रुको, मैं आ रहा हूं।

थोड़ी देर में रसोई से मोटा सा गाजर और तेल उठा लाया।
वापस आकर मैंने देखा तो वो तड़प रही थी. वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थी और बोल रही थी- प्लीज़ फॅक मी यार … इतना मत तड़पाओ, नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
फिर मेरे हाथ में गाजर देख कर बोली- इसका क्या करोगे?
मैं- देखती जाओ।

मैंने नित्या को उठाया किस करने लगा। नित्या को लंड चूस कर खड़ा करने को बोला।
नित्या ने मेरे लंड को चूस चूस कर खड़ा कर दिया।

मैंने नित्या को तेल की शीशी दी और कहा- तेल को मेरे लंड पे अच्छे से लगाओ.

लंड पे तेल लगाने के बाद मैं नित्या को डॉगी स्टाइल में लाया। ढेर सारा तेल नित्या की चूत और गान्ड दोनों में डाल दिया और मालिश किया। फिर अपना लन्ड में तेल लगाया। फिर अपना लन्ड उसकी चूत में डाल दिया और जोर जोर से झटके मारने लगा।

नित्या से सिसकारियां निकलने लगी। फिर मैंने अपना लंड निकाल कर नित्या की गांड में लगाया और जोर से झटका मारा।
मेरा लन्ड मेरी गर्लफ्रेंड की गांड चीरता हुआ अंदर चला गया तो नित्या जोर से रोने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मार डाला रे!
मैं एक हाथ से मुंह और दूसरे हाथ से बूब्स को दबाने लगा ताकि आवाज ना निकले.

नित्या के आंसू नहीं रुक रहे थे। थोड़ी देर में मेरी गर्लफ्रेंड की गांड दर्द कम हुआ तो धीरे धीरे झटके मारने लगा।
फिर मैंने गाजर को अचानक से उसकी चूत में डाल दिया।

नित्या को बहुत तेज़ दर्द हुआ- अःह्ह अहह आह्ह्ह ह्ह अहह आह ह्ह … जान लेकर मानोगे क्या? इसको क्यों डाल दिया मेरी चूत में? डालना था तो आराम से डालते।
मैं- कुछ मत बोलो, सिर्फ मज़े लो।

जैसे जैसे गांड में मैं लन्ड से झटके मार रहा था वैसे ही गाजर से चूत में झटके मार रहा था। एक साथ गांड और चूत में झटके के साथ चुदाई कर रहा था।
पूरा कमरा नित्या की चीख और सिसकारियों से गूंज रहा था।
नित्या- अःह्ह अहह आह्ह … तेज़ अःह्हह अःह्ह अहह … और तेज़ अःह्ह आह्ह!

करीब 25 मिनट तक हमने सेक्स किया। इस बीच नित्या 2 बार झड़ चुकी थी। जब मैं भी झड़ गया तो मैंने पूरा वीर्य नित्या की गांड में भर दिया।

नित्या- आज बहुत ही ज्यादा मज़ा आया। तुमने मेरी गान्ड और चूत दोनों की एक साथ चोद कर मुझे जन्नत की सैर करा दी। इस तरह की चूत गान्ड चुदाई मुझे जिंदगी भर याद रहेगी।

उस रात नित्या को 2 बार और चोदा।

नित्या को चलने में दिक्कत हो रही थी। रात में गर्म पानी से चूत और गान्ड की सिकाई की।

फिर सुबह उठ कर उसे मैंने फैजाबाद की एसी वाली बस में बैठा दिया.
जाते हुए उसने मुझे किस की और मिस यूं बोली।
और वो सोती हुई फैजाबाद चली गई।

वहां पहुंच कर नित्या ने रात में मुझे कॉल किया तो मैंने हालचाल पूछा- मम्मी कैसी है?
नित्या- ठीक है , मम्मी घर आ गई है। जानू बहुत याद आ रही है तुम्हारी, आई मिस यू।
मैं- मुझे भी, मिस यू टू!

नित्या- जानू सेक्स करने का मन कर रहा है।
मैं- मेरा भी।
फिर हम दोनों फोन पे ही सेक्स की बात करते हुए हस्तमैथुन किया फिर हम दोनों शांत हो गए।

मैं- कब आ रही हो?
नित्या- 5 दिन बाद।
मैं- जल्दी आ जाओ!
नित्या- कोशिश करती हूं। और सुनो, निधि की रीजनिंग की बुक मेरे पास है अगर निधि आए तो दे देना नहीं तो मैं आऊंगी तो दे दूंगी।
मैं- ठीक है।

3 दिन बाद दोपहर में 4 बजे नित्या ने मुझे कॉल किया- निधि आ रही है, उसे बुक दे देना।
मैं- ओके, लेकिन …
तब तक कॉल कट गया था.

फिर मैंने रूम की साफ सफाई की।

शाम 5 बजे मेरे फ्लैट में किसी ने डोर बेल बजाई। मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि निधि थी।
निधि सलवार सूट में बहुत खूबसूरत दिख रही थी। नित्या और निधि दोनों की खूबसूरती एक से बढ़कर एक है।

निधि- हेल्लो, कैसे हो?
मैं- अच्छा हूं, आओ अन्दर आओ, बैठो!

मैं रसोई में जाकर 2 कॉफी बना लाया।
हम दोनों कॉफी पीने लगे।
निधि- मैं बुक लेने आयी हूं।
मैं- बुक तो नहीं मिल रही ढूढनी पड़ेगी।
निधि- कोई बात नहीं ढूंढ लो.

काफी देर हो जाने पर बुक नहीं मिली तो निधि भी आ गई बोली- मैं भी हेल्प कर देती हूं.

निधि ने भी बहुत ढूँढी लेकिन बुक नहीं मिली।

किताब ढूढते ढूंढते निधि को कंडोम का पैकेट दिख गया। निधि तुरंत उसे छुपा लिया और मैंने भी उसे अपने कपड़ों में छुपाते हुए देख लिया था। मैं उससे वो मांग भी नहीं सकता था।

बुक ढूंढते ढूंढते रात के 7 बज गए। हम दोनों थोड़ा आराम करने लगे।

थोड़ी देर बाद निधि बोली- जिंदगी कैसी चल रही है?
मैं- मस्त!
निधि मुझे छेड़ते हुए- वो तो अब चलेगी ही, नित्या जो तुम्हारे साथ रह रही है।
मैं- हम्म!
हम दोनों हंसने लगे।

निधि थोड़ा खुलते हुए- तुम दोनों के बीच सब कुछ हो गया है ना जीजा जी?
मैं- नहीं तो!
निधि ब्रा के अंदर से कंडोम निकाल कर दिखाते हुए- इससे सांप सीढ़ी खेलते हो क्या?
मैंने कंडोम को झटके से छीन लिया और जेब में रख लिया।
निधि- शरमाओ मत। मैं सब जानती हूं।

मैं- ये सब छोड़ो आप ये बताइए कि आप और नित्या इतना झगड़ा क्यों करती थी कि नित्या ने रूम छोड़ दिया।
निधि गुस्सा होकर- ये सवाल मुझसे पूछ कर मेरे जख्म हरे कर दिए।
मैं- जख्म हरे कर दिए से क्या मतलब है? मर्जी आपकी है चाहे तो मत बताइए।

निधि- जब जख्म हरे कर ही दिए हो तो सुनो … ये सब झगड़ा आपकी वजह से हुआ है.
मैं- आप दोनों के झगड़े के बीच मैं कहां से आ गया?
निधि- जिस दिन आपने मुझे और नित्या को देखा था उसी दिन आप मुझे पसंद आ गए थे। उसी दिन मैं तुमसे बात करना चाहती थी।
मैं- ओहह

निधि- हम्म! लेकिन जब तुम हमारी तरफ आ रहे थे तभी आपको आता देख नित्या वहां से मुझे जबदस्ती लेकर चली गई। मैंने नित्या को बताया कि आप मुझे पसंद आए। लेकिन नित्या बोली कि आपसे भी अच्छे लड़के है पसंद करने के लिए।
मैं- जब मैं उसको पसंद नहीं था तो फिर नित्या ने मुझसे बात क्यों की?
निधि- असल में वो भी आपको पसंद करने लगी थी।
मैं- ओके.

निधि- लेकिन जब से हम दोनों पार्क घूम कर आए थे उसके बाद नित्या रोज किसी से घंटों बात करती थी। एक दिन आपको और नित्या को हजरतगंज में देखा तो उसी रात मैंने उससे पूछ लिया कि वो आपके साथ क्या कर रही थी? नित्या झूठ बोलने लगी कि वो आपसे कभी नहीं मिली।
मै–ओह, फिर?
निधि- फिर क्या … हमारी लड़ाई हो गई. अगले दिन वो रूम छोड़ कर चली गयी।

मैं- इतनी छोटी सी बात?
निधि- ये आपको छोटी सी बात लगती है? अगर मुझे कोई भी चीज पसंद आ जाए और उसको भी, तो पहले उसकी बुराई करेगी फिर चुपके से उसको अपने लिए ले आएगी। वो हमेशा ऐसा करती है।
इतना बोल कर निधि बिल्कुल उदास हो गई जैसे रोने वाली हो.
मैं उसे रुमाल देते हुए- कोई बात नहीं, वो आपकी सहेली है.
निधि अपने आंसू पौंछती हुई- हम्म!

तभी निधि मुझे प्यार भारी नजर से देखने लगी और झट से मेरे ऊपर आकर जोर से मुझे किस करने लगी।
मैं खुद को संभाले की कोशिश करने लगा कहीं मैं जमीन पर ना गिर जाऊं।

5 मिनट मुझे किस करने के बाद उसने मुझे छोड़ा- सॉरी, मुझसे रहा नहीं गया।
मैं- इट्स ओके!

तभी दरवाजा खुला तो देखा नित्या भी आ गई।

हम दोनों को साथ देख कर वो थोड़ा नाखुश लग रही थी।
मैं उसे गले लगाते हुए बोला- तुम आ रही हो बताया क्यों नहीं?
नित्या गाल पे किस करते हुए बोली- मैंने सोचा कि तुम्हें सरप्राइज दूँ।
मैं- वाह, क्या बात है।

निधि और नित्या ने एक दूसरे से हाय हेल्लो की।
फिर निधि नित्या से कहने लगी- मैं बुक लेने आई थी लेकिन मिली ही नहीं। ढूँढते ढूँढते रात हो गई।
नित्या- ठीक है, मैं ढूढती हूं।

निधि- अच्छा मैं चलती हूं, कल आ कर ले लूंगी।
मैं- अरे यार, रुको खाना खा लो, फिर जाना!

नित्या- हाँ रुक ना, बहुत दिनों बाद तो मिले हैं। आज ड्रिंक करते हैं.
निधि- ओके।
मैं- मैं बियर ले आता हूं।

नित्या ने नॉनवेज खाना (चिकन) ऑर्डर किया। मैं बियर लेने चला गया।

6 बियर लेकर वापस आया तो देखा कि निधि और नित्या कुछ बातें कर रही थी। मेरे आते ही दोनों शांत हो गई।
खाना आ चुका था। 11:30 बजे तक सबने ड्रिंक किया और फिर खाना खाया.

अब नित्या बोली- यार निधि, 12 बजने वाले हैं, ऐसा करो यहीं सो जाओ। कल बुक लेकर चली जाना।
नित्या के काफी बोलने पर निधि तैयार हो गई- ओके।

ठंड थी तो हम तीनों लोग एक बेड में आ गए। निधि और मैं किनारे लेट गए और नित्या बीच में।

फिर हम सब नशे की हालत में ही बातें करने लगे।

नित्या निधि से बात करते हुए मेरे लंड को पकड़ रही थी और मैं नित्या की निक्कर में हाथ डाल कर चूत में उंगली कर रहा था और बूब्स दबा रहा था.
मुझे इतना भी ध्यान नहीं रहा कि दोनों के बीच क्या बात हो रही हैं।

तभी नित्या बोली- आज जब मैं रूम में आई तो तुम दोनों क्या कर रहे थे?
निधि सकपकाती हुई- कुछ नहीं!
नित्या ने मेरा जोर से मेरा लन्ड दबाया फिर छोड़ दिया।

मैं सिसियाते हुए- क्या हुआ?
नित्या गुस्से में- कुछ पूछ रही हूं? मेरे आने से पहले तुम दोनों क्या कर रहे थे?
निधि और मैंने एक दूसरे देखा और फिर एक साथ बोले- कुछ नहीं।

नित्या- मैं सब कुछ देख चुकी हूं कि तुम दोनों किस कर रहे थे और मुझसे झूठ भी बोल रहे हो?
निधि- सॉरी!
मैं- सॉरी बेबी, मुझसे गलती हो गई। मैं ही खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया।
ना चाहते हुए भी मैंने निधि की गलती अपने सर ले ली क्योंकि निधि और नित्या 12 साल से दोस्त थी। मैं नहीं चाहता था कि इनकी दोस्ती में मेरी वजह से और दरार आए.

नित्या- मैं जानती हूं कि कौन किसे किस कर रहा था या कर रही थी।
निधि गुस्से से- हां तो … अगर तू मुझे उस दिन बात करने से मना नहीं करती और झूठ नहीं बोलती तो ये आज मेरे साथ होता तेरे साथ नहीं।
नित्या- हां मैं जानती हूं। लेकिन मुझे भी ये पसंद था और तुझे भी। अगर मैं झूठ नहीं बोलती तो क्या करती?
निधि गुस्से में दूसरे रूम में चली गई.

कहानी जारी रहेगी.
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