वर्जिन चूत गर्ल सेक्स का मजा मुझे मेरे पड़ोस की एक लड़की ने दिया. वह एकदम कुंवारी थी. हालांकि उसकी सहेली मेरी गर्लफ्रेंड थी, फिर भी वह वासना वश मुझसे चुद गयी.
दोस्तो, मेरा नाम राजू है और मैं महाराष्ट्र से हूँ.
मैं मुंबई में रह कर पढ़ाई और चुदाई दोनों काम करता हूँ.
मेरी उम्र 23 साल है और मैं 2 साल से सेक्स स्टोरी पढ़ता आ रहा हूं.
यह मेरी पहली और सच्ची सेक्स कहानी है वर्जिन चूत गर्ल सेक्स की.
इस सेक्स कहानी की नायिका मेरी गर्ल फ्रेंड की सहेली है.
वह मुझसे एक साल छोटी है. उसका नाम दिव्या है.
उसका रंग एकदम गोरा और भरा हुआ बदन है.
वह ऐसी मस्त माल है कि जो भी उसे एक बार देख भर ले, उसका लंड सलामी देने लग जाएगा.
मैं और दिव्या काफी अच्छे दोस्त हैं.
उससे मेरी दोस्ती मेरी गर्लफ्रेंड के बन जाने से भी पहले से है.
मेरे मन में दिव्या को लेकर अब तक कभी कोई भी गलत इरादा नहीं बना था.
पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था.
हुआ यूं कि जब लॉकडाउन लग गया था, तब मेरा और मेरी गर्लफ्रेंड का मिलना बंद हो गया था. लॉक डाउन के कारण में उससे मिल नहीं सकता था.
इधर मेरी चुदास बढ़ती जा रही थी.
काफी दिनों से मुझे हाथ से ही काम चलाना पड़ रहा था.
उन्हीं दिनों लॉकडाउन में थोड़ी छूट मिलना शुरू हो गई.
किसी कारण से दिव्या को अपनी फैमिली के साथ मेरे मुहल्ले में शिफ्ट होना पड़ गया.
दिव्या को मेरे घर वाले पहचानते थे और उसके घर वाले भी मुझे पहचानते थे.
अब दिव्या हर रोज मेरे साथ आकर टाइम पास करने लगी थी.
उसी दौरान हमारे मोहल्ले में कोरोना के मरीजों की तादाद बढ़ गई, जिसके कारण दिव्या के पूरे परिवार को कोविड सेंटर जाना पड़ा.
इधर मेरे गांव वाले दादा जी की तबियत भी खराब हो गई, जिसके कारण मां और पापा को गांव जाना पड़ा.
लॉक डाउन के कारण मुझे जाने का पास नहीं मिल सका था तो मैं घर पर अकेला ही रह गया.
अब इधर दिव्या भी घर में अकेली थी.
मैंने उससे कहा- तू पूरा दिन मेरे साथ ही रहा कर और रात को सोने के लिए अपने घर चली जाया कर.
उसने भी हामी भर दी.
दो दिन में सब सामान्य चलने लगा.
उसे भी मेरे घर में रहना अच्छा लगने लगा.
दिव्या हम दोनों के लिए खाना बनाती और हम दोनों दिन भर मजाक मस्ती करते.
रात को वह अपने घर सोने चली जाती.
कुछ दिन यूं ही चला.
एक दिन वह सुबह सुबह अपने घर से तैयार होकर आई तो मेरी नजरें उस पर टिक कर रह गईं.
वह बड़ी ही खूबसूरत लग रही थी.
उसने काले रंग का सलवार कमीज पहना था. उसमें से उसके वक्ष की गली साफ दिखाई दे रही थी और उसके गुलाबी होंठ कुछ ज्यादा ही चमक रहे थे.
मैं बस उसे देखते ही कहीं खो गया.
उसने मेरे पास आकर चुटकी बजाई, मुझे होश में लाई और पूछा- ऐसे क्या देख रहा है?
तो मेरे मुँह से निकल गया- तुम आज कयामत दिख रही हो यार!
इस पर वह इठलाती हुई बोली- अच्छा जी … आपको आज मैं कयामत लग रही हूँ. इतने दिनों से आपको अपनी वाली के सिवा कोई और नजर नहीं आती थी क्या?
पर मैंने उससे बोल दिया- सच में आज बहुत खूबसूरत दिख रही हो.
कुछ देर के बाद वह बोली- अच्छा ठीक है. अब चलो, मैं नाश्ता बनाती हूं.
फिर उसने नाश्ता बनाया.
मैं किचन में उसके पीछे खड़ा होकर उसे ही देखे जा रहा था.
उसकी 32-28-34 की फिगर मेरे दिमाग में उथल-पुथल मचा रही थी.
मेरा 6 इंच का लंड मेरी लोअर में टेंट की तरह बिल्कुल खड़ा हो चुका था, जिसको दिव्या ने भी तिरछी नज़र से देख लिया था.
लौड़े को देखते देखते उसने कब नाश्ता बना डाला पता ही नहीं चला.
उसके बाद हम लोग नाश्ता करने लगे.
उस वक्त वह जब झुक रही थी तो मुझे उसके बड़े बड़े बूब्स नजर आ जाते, जिन्हें मैं बड़े गौर से देखता.
उसने मुझे ऐसे देखते हुई देख लिया पर कुछ बोली नहीं.
नाश्ता होने के बाद हम दोनों सोफे बैठ कर बात करने लगे.
उसने मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछा कि कितने दिनों से तुम लोग नहीं मिले हो?
मैंने कहा- मिलना तो छोड़ो यार … उससे बात भी नहीं हो पा रही है.
वह बोली- क्यों?
मैंने बताया कि उसकी जॉइन्ट फैमिली होने के कारण हमारी बात बहुत कम हो पा रही थी.
बातों ही बातों में मैंने उसे यह भी बताया कि उधर वह भी चुदाई के लिए मरी जा रही थी और इधर मेरा भी बुरा हाल था.
इतनी बात सुनने के बाद दिव्या कुछ नहीं बोली.
मैंने दिव्या से कहा- क्या यार, तू भी कैसे हम दोनों की बेबसी के मजे ले रही है. जबकि तुझे सब पता है.
वह बोली- हां मैंने ऐसे ही पूछ लिया … शायद तुम्हारा कुछ पर्सनल मुझे पता ना हो.
यह कह कर उसने आंख दबा दी.
मैंने कहा- क्या पर्सनल यार … हाथ से काम चलाना पड़ रहा है.
इस पर वह जोर जोर से हंसने लगी.
वह बोली- अब बोरियत हो रही है, चल मूवी देखते हैं.
मैंने उससे कहा- यार टीवी में सब वही बकवास मूवीज चल रही हैं.
वह बोली- चल, फिर लूडो खेलते हैं.
उसने अपने मोबाइल में लूडो लगा दिया.
वह मेरे सामने आकर बैठ गई.
अब खेलते खेलते मुझे फिर से उस के आम दिखने लगे और मैं भी उन्हें देखने लगा.
वह भी यह नोटिस कर रही थी पर कुछ नहीं बोली.
हमारा एक गेम खत्म होने पर मैंने उससे कहा- मैं वाशरूम जाकर आता हूँ.
मैं फट से बाथरूम में आकर उसके नाम की मुठ मारने लगा.
क्योंकि इतनी सेक्सी लड़की सामने बैठी हो और उसमें भी 4 महीने से आपके लंड को किसी बुर में जाने का मौका ना मिला हो तो तूफान तो उठने वाला ही है.
मैं दिव्या की फिगर और उसके बूब्स को याद कर रहा था और मुठ मारे जा रहा था.
तभी मेरा वीर्य निकला और मैं शांत होकर बाहर आ गया.
दिव्या मेरी तरफ पीठ कर सोफे पर बैठी हुई थी और मोबाइल में कुछ देख रही थी.
मेरी तरफ उसका ध्यान नहीं था.
मैं उसके पीछे जाकर खड़ा हुआ तो मैंने देखा कि वह एक ब्लू फ़िल्म देख रही थी और अपने होंठ दबा कर बड़े ही मस्त से अपनी चूत रगड़ रही थी.
तभी उसको मेरी आहट लग गई और उसने जल्दी से मोबाइल बंद कर दिया.
वह नीचे देखने लगी.
तो मैं उसके पास गया और बोला- अरे क्या हुआ, मुझे भी दिखाओ!
तो वह बोली- क्या?
मैं बोला- वही, जो तुम अभी देख रही थी?
वह बोली- मुझे शर्म आती है.
मैंने कहा- अबे इसमें शर्म कैसी! ये तो सब देखते हैं.
उसने मोबाइल दे दिया और मैं वीडियो देखने लगा.
वह भी मेरे पीछे से चुदाई देखने लगी.
थोड़ी देर बाद मैंने वीडियो बंद कर दी और खुल कर उससे पूछा- तुम्हें भी यह करने का मन होता है?
उसने हां बोल दी.
पर वह बोली- तुम्हें तो पता है कि मेरा कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं है और मैं अब तक कुंवारी हूँ.
यह सुन कर तो मैं पागल हो गया और अन्दर ही अन्दर ठान ली कि आज कुछ भी करके इसके कुंवारी चूत के मजे लेकर ही रहूंगा.
मैंने उससे कहा- तुम उंगली तो डालती हो होगी?
उसने कहा- नहीं, मुझे डर लगता है. चलो तुम वीडियो चलाओ. उसी से मन भरते हैं.
उसके कहने पर मैंने वीडियो फिर से लगा दिया.
वह मुझसे बिल्कुल सट कर बैठी थी.
वीडियो देखते देखते हम दोनों गर्म हो गए.
मुझे लगा कि आज कुछ नहीं किया तो ऐसे ही रह जाएगा. इसलिए मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगा.
उस पर वह कुछ नहीं बोली.
उसकी सांसें भी भारी होने लगीं.
मैं उसके कान के लौ के पास अपनी गर्म सांस छोड़ने लगा.
इससे वह और भी ज्यादा तड़प उठी और उसने जल्दी ही मुझे अपनी बांहों में भर लिया.
अब वह भूखी शेरनी की तरह मुझ पर टूट पड़ी और बड़बड़ाने लगी- राजू चोद दो मुझे … अब नहीं रहा जाता. मैं काफी दिनों से तुझसे चुदना चाहती थी … प्लीज राजू आज मेरी आग बुझा दे.
उसके मुँह से ये सब सुनते ही मैं तो बिल्कुल पागल हो गया और मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.
मैं एक एक करके उसके दोनों होंठों को चूसने लगा.
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
कभी वह मेरा ऊपर वाला लिप्स सक करती, तो कभी नीचे वाला.
एक हाथ से उसने मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया जिससे मेरा लौड़ा लोवर को फाड़ कर बाहर आने के लिए बेताब हो गया और फूल कर रॉड की तरह ही गया.
मैंने उसे उठाया और अपने बेडरूम में ले जाकर पटक दिया.
खुद उसके ऊपर चढ़ कर फिर से उसके होंठों को चूसने लगा.
कुछ मिनट तक मैंने उसके होंठों को चूमा और फिर उसके मस्तक पर एक प्यारी सी किस दी.
दोस्तो, कभी भी सेक्स और प्यार करते वक्त आप अगर लड़की को माथे पर किस करोगे, तो इससे लड़की को आप पर यकीन भी होगा और वह अपने आप को सेफ भी महसूस करेगी.
मस्तक को किस करते करते मैंने उसे पलटा दिया और उसकी गर्दन के पीछे किस करने लगा.
इससे वह तड़प उठी.
फिर मैं उसके कान की लौ की चूसने लगा, जिससे उसकी आह निकल गई.
कान से होते हुए मैं उसके पीठ पर आ गया. उसकी पीठ को चूमते चूमते मैं उसकी कमर तक आया और उसे फिर से सीधा कर दिया.
अब उसने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मेरा लोवर भी निकाल दिया.
मैंने भी उसकी सलवार कमीज उतार दी.
अब वह मेरे सामने रेड कलर की ब्रा और पैंटी में पड़ी थी.
वाह क्या फिगर थी उसकी … मक्खन जैसा गोरा और चिकना बदन!
उसके सख्त बूब्स मेरे सामने एकदम पत्थर लग रहे थे.
शायद उन्हें आज तक किसी ने छुआ भी नहीं था.
मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला और उसके मम्मों के ऊपर टूट पड़ा.
मैं उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा. मैं उसके एक दूध को चूसता और दूसरे को दबाता.
कभी मैं निप्पल को मसल देता तो कभी निप्पल को होंठों में दबा कर खींच देता.
इस सबसे वह पागल हो गई.
वह ‘उह आह उह आह … फक मी फक …’ कहने लगी.
मेरे बालों में अपनी उंगलियां घुमाती हुई मेरे मुँह में अपनी चूचियाँ देती हुई कहने लगी- आह चूसो इन्हें … और चूसो … पी जाओ.
मैं और जोर जोर से उसके दूध चूसने लगा.
काफी देर तक मम्मों को चूसने के बाद अब मैं उसके पेट पर आकर किस करने लगा.
मैंने उसकी नाभि में जीभ डाली तो उसकी आह निकल गई.
शायद ये उसका हॉट-स्पॉट था.
मैंने लगातार जीभ की नोक से उसकी नाभि को कुरेदा तो वह एकदम पागल सी हो गई.
अब मैंने उसकी पैंटी उतार दी.
उसने भी अपनी दोनों टांगें हवा में उठा दीं और मैंने उसकी पैंटी को बाहर निकाल कर सूंघा.
पैंटी उसकी चूत के कामरस से भीग चुकी थी और बड़ी ही मादक खुशबू आ रही थी.
फिर मैंने जैसे ही उसकी चूत देखी तो समझो पागल ही हो गया. उसकी बुर पर एक भी बाल नहीं था. ऐसा लग रहा था जैसे वह आज ही बुर की झांटों को साफ करके आई हो.
मैंने उसकी तरफ वासना से देख कर इशारे से पूछा तो उसने मुस्कुरा कर कहा- हां मैंने आज ही शेविंग की है … और मुझे कुछ भी करके तुमसे बुर चुदवानी थी, इसलिए मैं घर पर अकेली बुर साफ करती रही.
मैंने कहा- चलो जान, आज तुम्हारी मनोकामना पूरी कर देता हूँ.
मैं उसकी जांघों को किस करने लगा.
वह कामातुर होकर ‘उह आह उह …’ करे जा रही थी.
उसकी दोनों जांघों को किस करने के बाद मैं उसकी चूत पर आ गया; उसकी गुलाबी चूत के मखमली होंठों को अलग किया और दोनों पुत्तियों को एक एक करके चूसने लगा.
वह बिन पानी की मछली की तरह तड़प उठी और मेरा सिर जोर से अपनी चूत में दबाने लगी.
मैं अन्दर तक अपनी जीभ डाल कर उसकी चूत को चोद रहा था.
कुछ ही पलों में उसने अपनी दोनों टांगों से और हाथों से मेरा सर अपनी चूत में दबा दिया और अपना पानी छोड़ दिया.
मैं उसका सारा नमकीन पानी पी गया.
आप अंदाजा लगा सकते हैं कि एक कुंवारी लड़की का पानी कितना मजेदार लगता होगा.
मैं लगातार उसकी चूत चूसता रहा.
वह फिर से गर्मा गई.
अब मैं उठा तो उसने झट से मेरा अंडरवियर निकाल दिया.
जैसे ही मेरा 6 इंच लम्बा और तीन इंच मोटा लंड उसके सामने आया, वह हैरत से लंड को देखने लगी.
फिर धीरे से बोली- इतना बड़ा कैसे जाएगा मेरी चूत में?
मैंने कहा- जान तुम टेंशन मत लो, मैं तुम्हें दर्द नहीं होने दूंगा. पहली बार थोड़ा दर्द सबको होता है बस वो सहन कर लेना. अब पहले तुम इस लंड को प्यार करो.
यह सुन कर उसने एक प्यारी सी स्माइल दे दी और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैं तो जैसे जन्नत में था.
क्योंकि मेरी गर्लफ्रेंड को लंड चूसना पसंद नहीं था.
मैं भी उसे फोर्स नहीं करता था.
पर आज दिव्या मेरे लौड़े को किसी पोर्न स्टार की तरह चूस रही थी.
मैं स्वर्ग में था.
मैंने उसके मुँह की चुदाई चालू कर दी वह गप गप करके मेरा लंड को ले रही थी.
तभी मेरा वीर्य निकलने को आया और मैंने सारा माल उसके मुँह में ही छोड़ दिया.
वह भी माल पी गई और उसके बाद भी लंड को चूसती रही.
जिसकी वजह से मेरा लंड फिर से जोश में आकर खड़ा हो गया.
वह जब लंड चूस रही थी तो मैं एक हाथ से उसके मम्मों को दबाता और एक हाथ की उंगली उसकी चूत में डालकर उसे चोदता.
वह भी काफी गर्म हो गई और बोली- अब डाल दो इसे!
मैंने उसे लेटा दिया और एक तकिया उसकी कमर के नीचे लगा दिया.
उसने अपने पैर खोल दिए और मुझे चुदाई का निमंत्रण दिया.
मैंने उसके दोनों पैर हवा में उठाए और उसकी चूत के मुँह पर लंड सैट कर दिया.
लंड सैट करने के बाद मैंने एक बार उसकी तरफ देखा तो उसने मस्ती से अपनी कमर उठा कर इशारा दे दिया.
उसी पल मैंने धक्का दे दिया.
मेरा लंड पहले तो फिसल गया, उसकी चूत काफी टाइट थी.
मैंने उंगली डाल कर उसे थोड़ा चोदा, तो दिव्या आंखें बंद करके उह आह करती रही.
फिर मैंने छेद ढीला देख कर लंड का टोपा उसकी चूत में सैट करके जल्दी से अन्दर डाल दिया.
वह छटपटाने लगी.
मैंने अपने होंठों से उसकी आवाज दबा दी, उसकी आंखों में से आंसू आने लगे.
मैं रुक गया और उसके माथे पर चूमने लगा.
इससे वह दर्द भूल कर सामान्य हो गई.
मैंने और एक धक्का लगा दिया.
मेरा आधा लंड उसकी चूत की सील तोड़ता हुआ अन्दर चला गया.
वह तेज स्वर में चिल्ला उठी. मैंने झट से उसका मुँह हाथ से बंद किया.
फिर देखा तो मुझे नीचे उसका रक्त दिखाई दिया, पर मैंने उसे बताया नहीं.
मैं इसके पहले भी दो सील तोड़ चुका था.
मैंने और एक धक्का लगाया.
अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था.
मैंने थोड़ी देर रुक कर उसको शांत होने दिया.
कुछ देर बाद वह खुद अपनी कमर उठा कर आगे पीछे करने लगी.
तब मैं समझ गया कि लड़की अब तैयार है.
मैं भी ऊपर से उस पर टूट पड़ा और जोर जोर से उसे चोदने लगा.
कुछ ही देर में मस्ती का आलम सर चढ़ कर बोल रहा था और वह बोल रही थी- आह फक मी … उह आह फक मी!
उसकी कामुक आवाजें पूरे रूम में गूंज रही थीं.
मैं उसे लगातार चोदे जा रहा था.
तभी वह एक बार झड़ गई और शांत हो गई.
अब मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा.
वह झट से घोड़ी बन गई और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड सैट कर दिया.
फिर लौड़ा पेल कर चोदने लगा.
वह फिर से गर्म हो गई.
मैंने उसे इसी तरह दस मिनट चोदा.
मैं जल्दी झड़ने वाला नहीं था क्योंकि मैंने मुठ मारी थी.
अब मैंने उसे दीवार से सट कर खड़ा होने को बोला.
वह हो गई.
मैंने उसका एक पैर बेड पर रखवा दिया और लंड पेल कर उसे दबादब चोदने लगा.
मैं उसे चोदे जा रहा था और वह बोल रही थी कि राजू मुझे पता नहीं था कि मेरी पहले चुदाई इतने अच्छे से होगी. आज से मैं तुम्हारी ही हो गई हूँ राजू. तुम जब चाहो मुझे चोद देना.
यह सुन कर मैंने भी जोश में आकर उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया और उसे चोदने लगा.
अब मेरा पानी आने वाला था, तो मैंने उसे बेड पर लेटा दिया और झटके लगाने लगा.
थोड़ी देर मैं वह तीसरी बार झड़ गई.
मैंने भी लंड निकाल कर उसके पेट पर अपना माल गिरा दिया.
उसने अपनी ब्रा से लंड की मलाई को साफ कर दिया.
वर्जिन चूत गर्ल सेक्स के पश्चात मैंने उसे अपनी बांहों में भर लिया.
मैं हमेशा चुदाई के बाद लड़की को अपनी बांहों में लेकर उसे प्यार करता हूं, इससे लड़की को काफी सुकून मिलता है.
दोस्तो, फिर जब तक दिव्या की फैमिली कोविड सेंटर से वापिस नहीं आ गई, तब तक मैंने उसे हर रोज हर रात चोदा.
मैंने उसकी गांड भी मारी.
वह सेक्स कहानी कभी और लिखूंगा.
दिव्या ने मुझे कैसे अपनी और सहेलियों से मिलाया, मुहल्ले की एक भाभी को भी चुदवाया और उसने मुझे एक प्लेबॉय बना दिया.
तो दोस्तो, आपको मेरी वर्जिन चूत गर्ल सेक्स कहानी कैसी लगी, कृपया बताएं.
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