भाभी की नंगी चुत चुदाई की मैंने होटल के कमरे में! वो ऑनलाइन गेम खेलते हुए मुझे मिली थी। उसकी बातों से पता चला कि उसको मर्द मिलन की प्यासी है।
नमस्ते मित्रो, मैं नीरज सिंह आपके लिए अपनी कलम से पहली कहानी लिखने जा रहा हूँ।
भाभी की नंगी चुदाई कहानी बड़ी रोमांचक और रस से भरी है।
दोस्तो, वैसे तो मैं कोई अश्लील कहानियों का लेखक नहीं हूं।
फिर भी मैं एक कोशिश कर रहा हूं कि आप तक अपने साथ घटी एक घटना पहुंचा सकूं।
कुछ गलती हो जाए तो माफ कर देना।
मैं पेशे से लेबर कॉन्ट्रेक्टर हूं। मैं सुबह से लेकर रात तक अपने काम मैं ही व्यस्त रहता हूँ।
अब हम कहानी पर आते हैं। जैसे कि आप सभी ने कहानी का नाम पढ़ा है- खेल खेल मैं चुद गई भाभी … तो कहानी कुछ ऐसी ही है जिसमें खेल खेल में ही भाभी की नंगी चुत चुदाई हो गई।
बात जनवरी महीने की है। सोशल मीडिया पर गेम खेलते हुए एक भाभी से मेरी बात हो गई।
भाभी का नाम रजनी था और उम्र 42 साल थी।
हम दोनों ने कुछ रोज रात में गेम खेले। कभी मैं जीत जाता तो कभी वो जीत जाती।
फिर एक दिन उन्होंने मुझसे ऑनलाइन बात करने की इच्छा जताई और हमने बात की।
भाभी की आवाज में ही कामरस सा घुला हुआ था। इतनी मीठी आवाज थी कि जैसे लगता था कि बोलते समय उसकी चूत टपक रही हो।
मैं तो भाभी की कामुक आवाज का दीवाना हो गया और उनसे रोज बात करने का मन करने लगा।
हम दोनों में अब लगभग रोज ही बात होने लगी थी।
कोई गहरी बात न होते हुए भी मेरा मन कहता था कि भाभी अधूरी है। सेक्स की भूखी है।
मन ही मन मैंने सोचा कि एक बार इनके साथ सेक्स कर लूं तो जिंदगी बन जाए।
फिर एक दिन मैंने उनकी फोटो देखी।
फोटो देखकर मुझे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ।
गोरा रंग, गदराया बदन, चेहरे पर चमक और होंठों पर लाली … जैसे काम की देवी!
उसके चेहरे पर ही मिलन की प्यास दिख रही थी मुझे तो!
मुझे लगा कि यह अधूरेपन के कारण किसी मर्द की तलाश में है।
कई बार वो अब काम की आग को भड़काने वाली बातें कर देती थी।
मैं जान गया था कि ये भी कुछ चाहती है।
भले ही मैं ज्यादा स्मार्ट नहीं दिखता हूं लेकिन ऐसा तो हूं कि किसी महिला या सेक्स की प्यासी लड़की को पसंद आ जाऊं।
भाभी मेरी बेबाकी, निडरता देख मेरा लंड लेने के लिए मुझे उकसाने खातिर मेरे करीब आने लगी।
वो सीधे तौर पर कुछ नहीं कह रही थी।
दोस्तो, आप तो जानते ही हो कि सौ में से कोई एक या दो महिला या लड़की होती है जो खुद से पहल करने की सोचे।
हर बार मर्द को ही पहल करनी पड़ती है।
इसलिए उनका इंतजार कर मुझे ही पहल करनी पड़ी। मैंने उनसे मिलने की इच्छा जताई तो वो पहली ही बार में तैयार भी हो गई।
मैं मन ही मन सोच रहा था कि साली रंडी खुद चुदने के लिए मरी जा रही है लेकिन सब कुछ मेरे से ही कहलवाना चाहती है।
खैर, मैंने सब बातें पीछे छोड़ उनसे मिलने का प्लान बनाया।
हम दोनों के बीच में कॉफी पर मिलने के लिए तय हुआ।
जब मैंने पहली बार उसको अपनी आंखों के सामने देखा तो देखता ही रह गया।
गजब की माल थी वो!
हमने कुछ देर तक बातें कीं और फिर मैंने उसको अपने दिल की बात कह दी।
मैंने भाभी से अपने प्यार का इजहार कर दिया और उनसे कहा कि मैं उनको पसंद करता हूं।
मगर मेरी उम्मीद के उलट उसने मुझे मना कर दिया।
उसने मेरे प्यार को स्वीकार नहीं किया।
मुझे लग रहा था कि उसको प्यार की नहीं बल्कि एक लंड की जरूरत थी।
मैं निराश होकर वहां से लौटने लगा।
चलते चलते पता नहीं उसके मन में क्या आया कि वो जानबूझकर मुझसे टकरा गयी।
उसके 36 के बूब्स मेरे सीने से जा सटे और मेरे बदन में हजारों वोल्ट का झटका लगा।
इतने मुलायम, रसीले चूचे थे कि एक बार की छुअन में ही लंड टनटना गया।
जहां तक मुझे लग रहा था वो मेरी बॉडी को देखकर सोच रही थी कि शायद मैं उसकी प्यास नहीं बुझा पाऊंगा।
मगर मेरा लंड तो उसके सामने ही तन गया और उसने उसे नोटिस भी कर लिया।
उसके बाद हम दोनों वहां से आ गए।
उससे अभी भी दोस्त की तरह बातें होती रहीं।
हम दोनों में फोन सेक्स भी होने लगा।
फिर धीरे धीरे उसने खुद ही अपनी चूचियों और अपनी चूत की फोटो दिखानी शुरू कीं।
वो मेरे भी लंड की फोटो मांगा करती थी।
हम दोनों में कई बार वीडियो कॉल पर भी सेक्स हुआ।
अब मुझे यकीन हो गया था कि अब ये आराम से चुदने के लिए तैयार है।
मैंने उसको बाहर होटल में मिलने के लिए कहा।
पहले वो मना करती रही और जब उसने हां की तो लॉकडाउन लग गया।
इसके बाद हम दोनों ने फैसला किया कि जब भी लॉकडाउन खुलेगा, हम दोनों जरूर मिलेंगे।
किसी तरह से फोन सेक्स करते करते वो तीन चार महीने बीते और फिर जब लॉकडाउन खुला तो हमने मिलने का प्लान किया।
भले ही बीमारी का डर था लेकिन वो भी उतनी ही बेताब थी चुदाई के लिए और मैं भी भाभी की नंगी चुदाई करने के लिए जैसे मरा ही जा रहा था।
हमने रिस्क लेने का सोचा।
हम होटल में मिले।
वो काले सूट में आई थी। उसका गोरा बदन उसमें चमक रहा था।
ऐसी सुंदर काया मैंने कभी किसी औरत की नहीं देखी थी।
उसके बदन को देखकर लग रहा था कि एकदम लाल चूत होगी इसकी!
हम दोनों होटल के रूम में थे और बातें कर रहे थे।
मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं कुछ पहल करूं।
काफी देर हम दोनों में बातें होती रहीं।
फिर मैंने हिम्मत करके उसके हाथ पर हाथ रखा और उसको सहलाने लगा।
उसने भी मेरी जांघ पर हाथ रख दिया और उसको सहलाने लगी।
मेरा लंड खड़ा हो गया।
मैंने उसकी गर्दन को सहलाना शुरू कर दिया।
उसने अपना दुपट्टा नीचे गिरा लिया।
उसकी गोरी गोरी छाती की क्लीवेज उसके डीप कट वाले सूट में काफी गहरी लग रही थी।
गोरी गोरी चूचियों की घाटी देखकर मेरे लंड में उफान आने लगा।
मेरा लंड मेरी पैंट में उछाले मारने लगा और भाभी ने मेरे उफनते लंड पर हाथ रख दिया।
मैं तो बेकाबू हो गया और उसके चेहरे को पकड़कर उसके होंठों को चूसने लगा।
वो भी मेरा साथ देने लगी।
हम दोनों एक दूसरे से लिपटने लगे।
मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए।
उधर से उसने भी मेरी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए।
कुछ ही पल के बाद वो केवल ब्रा-पैंटी में थी और मैं केवल अंडरवियर में था।
मेरा लंड उफन उफन कर मेरा अंडरवियर गीला कर चुका था।
साथ ही मैं हैरान था कि उसकी गुलाबी पैंटी पर भी हल्का गीलापन आ गया था।
शायद उसकी चूत पहले से ही चू रही थी।
हम दोनों फिर से एक दूसरे से लिपटने लगे।
उसके बाद मैंने उसकी ब्रा को उतार दिया और उसे बेड पर गिराकर उसके बूब्स को पीने लगा।
भाभी के बूब्स वाकई में इतने रसीले थे कि मैं तो उनका दूध निकालने पर उतारू हो गया।
उसकी चूचियों को मैंने इतनी जोर से भींच डाला कि उसने गुस्से में मुझे चांटा जड़ दिया।
मेरा मन किया कि साली की गांड में डंडा डाल के चोद दूं लेकिन मैंने खुद को काबू किया और उसको सॉरी कहा।
उसके बाद मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखवा दिया और वो मेरे लंड को मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही दबाने-सहलाने लगी।
मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया और उसकी चूत को सहलाने लगा।
उसकी चूत सच में पहले से ही गीली हो चुकी थी।
क्या मस्त मजा आ रहा था दोस्तो उसकी चूत को सहलाने में!
मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी तो वो उचक गई।
अगले ही पल उसका हाथ मेरे अंडरवियर में था।
वो मेरे लंड को हाथ में लेकर उसकी त्वचा को ऊपर नीचे करने लगी।
मेरा लंड पहले से तप रहा था।
उसके कोमल हाथ में जाते ही और ज्यादा पिघलने लगा।
मैंने तेजी से उसकी चूत में उंगली को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
जब उससे सहा नहीं गया तो उसने कहा कि चाट लो … मेरी चूत को चाट लो … प्लीज … आह्ह … इसे जीभ से चाटो।
मैंने उसको बेड पर लिटाया और उसकी पैंटी खींच दी।
मेरे अनुमान के मुताबिक उसकी चूत काफी गोरी थी।
चूत पर एक भी बाल नहीं था। चूत एकदम से फूल चुकी थी और अंदर का लाल हिस्सा बाहर से ही झलक रहा था।
क्या रसीली चूत थी रजनी भाभी की!
रजनी भाभी की चूत में मैंने जीभ दे दी और उसकी चूत के रस को अपने मुंह में खींचते हुए मैं उसकी चूत में जीभ को अंदर बाहर करने लगा।
मेरी जीभ की स्पीड बहुत तेज थी, लग रहा था जैसे मैं कुत्ते की तरह उसकी चूत को चाट रहा था।
वो मचल रही थी … तड़प रही थी।
उसकी चूचियों के निप्पल तनकर नुकीले हो चुके थे।
मैं बीच बीच में उसके निप्पलों को भींच देता था जिसस वो और पागल हो जाती थी।
एक समय ऐसा आया कि वो मुझे अपने ऊपर खींचने लगी और मेरे लंड को चूत में टिकाकर अपने ऊपर मुझे धकेलने लगी।
मगर मेरे भी कुछ अरमान थे।
मैंने भाभी के मुंह के आगे लंड कर दिया।
उसने बिना कुछ देर किए मेरे लंड को एकदम से मुंह में भर लिया और रंडी की तरह मस्त होकर चूसने लगी।
कभी उसके टोपे पर जीभ फिराती तो कभी मेरी गोटियों को चूसने लगती।
फिर हम 69 की पोजीशन में हो लिए और दोनों एक दूसरे के लंड चूत को चूसने लगे।
अब मैं भी नहीं रुक पा रहा था; मैंने उसको चुदाई के लिए बेड पर सीधी पटक लिया।
मैंने उसकी चूत पर लंड को सेट कर दिया।
वो चेहरे से बहुत प्यासी लग रही थी; बस इंतजार कर रही थी कि कब मेरा लंड उसकी चूत में अंदर घुसे।
उसकी चूत पर लंड को रखकर मैंने एक हल्का धक्का दिया तो मेरा लंड उसकी गीली चुपड़ी चूत में सरक गया और लंड का टोपा उसकी गर्म भट्टी में प्रवेश कर गया।
दोस्तो, ये एक ऐसा छेद है जिसमें असली जन्नत है।
जब लंड इस छेद में जाता है तो ऐसा लगता है कि कहीं स्वर्ग है तो बस वो चूत में ही है।
और भाभी की चूत तो इतनी गुलाबी और फूली हुई थी कि उसको चोदने का कम और खा जाने का ज्यादा मन कर रहा था।
मैंने भाभी की चूत में दूसरा झटका दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में उतर गया।
इतने में ही उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और अपनी टांगों को मेरी गांड पर लपेट कर मेरे लंड को और अंदर ले लिया।
उसको हल्की तकलीफ तो हो रही थी मगर लंड की प्यास ऐसी थी कि वो मेरे से लिपट गई।
मैंने भी उसकी चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिए; हम दोनों एक दूसरे के होंठों को पीने लगे।
हम बेतहाशा एक दूसरे के मुंह से मुंह मिलाकर लार का आदान प्रदान कर रहे थे।
लग रहा था जैसे पता नहीं कितने जन्मों के प्यासे हों।
उसकी गर्म चूत में लौड़ा जाकर जैसे खुशी से फूलता ही जा रहा था।
मेरे लौड़े की गर्मी इतनी बढ़ गई कि उसकी सारी नसें तनकर दिखाई देने लगीं।
मैं ताबड़तोड़ रजनी भाभी की चूत में लंड के धक्के देता रहा।
वो भी गांड उठा उठाकर मेरे लंड को लेती रही।
जब उसकी चूत का पानी निकलने को हुआ तो उसने मुझे कसकर भींच लिया और मेरे लंड पर स्खलित हो गई।
उसकी चूत के रस में भीगकर अब मेरा लंड और ज्यादा चिकना हो गया।
मैं फिर से उसकी चूत में लंड को तेजी से अंदर बाहर करने लगा।
वो भी मेरा साथ देती रही।
उसकी चूत से अब पच-पच की आवाज हो रही थी।
पांच मिनट की और चुदाई के बाद मेरा भी झड़ने का समय आ गया और मैं उसकी चूत में धक्के लगाता हुआ झड़ गया।
मैं जोर जोर से हांफ रहा था लेकिन वो अब तक शांत हो चुकी थी।
हम दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे।
हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं था इसलिए फिर जल्दी ही उठ गए। हमने अपने कपड़े पहने और फिर वहां से निकल आए।
उसके बाद मुझे उस शहर से आना पड़ा।
अब भी भाभी से मेरी बात होती रहती है।
मैं इंतजार में हूं कि कब हम दोनों की मुलाकात फिर से होगी।
भाभी की चुदाई दूसरी मुलाकात में कैसी होगी वो भी मैं आपको बताऊंगा।
आपको भाभी की नंगी चुत चुदाई की ये कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
मैं आपके मैसेज और कमेंट्स का इंतजार करूंगा।
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भाभी की नंगी चूत चुदाई दूसरी मुलाकात में कैसे हुई: खेल खेल में दोस्त बनकर चुद गयी भाभी- 2