मैं दिनेश, मेरी शादी बेगूसराय के एक गांव में हुई है. मेरी साली ममता गोरी चिट्टी 5 फीट 6 इंच लंबी, स्पोर्ट में अव्वल रहने वाली, पर अति क्रोधी है. शायद भगवान उसे फुर्सत के क्षणों में बनाया था.
एक बार जाड़े के मौसम में मैं ससुराल में था. सुबह के समय सभी रजाई में दुबके हुए थे. ममता भी नाईटी पहने रजाई में थी, उसके पैर बाहर निकले हुए थे. उसकी नाईटी सरक कर ऊपर चढ़ गई थी.. जिससे उसकी काले रंग की पैन्टी मुझे साफ दिख रही थी.
मैंने भी मौका देखा और उसके साथ रजाई में घुस गया. मेरे लंड ने सीधे उसकी गांड पर धक्का दिया. फिर क्या था, उसने पूरा घर अपने सर उठा लिया था. किसी तरह मामला शांत हुआ.. मेरी तो जान हलक में आ गई थी.
एक दिन मैं जाड़े का धूप सेंकने छत पर टहल रहा था, नीचे सभी औरतें आंगन में नहा रही थीं.
एकाएक साली की तेज आवाज सुनाई दी- दीदी, ज़रा ऊपर तो देखना, कहीं जीजा जी देख नहीं रहे हैं न?
मेरी बीवी ने कहा- नहीं देख रहे हैं.. बिंदास नहाओ.
मैंने थोड़ा इंतजार किया, जब पानी गिरने की आवाज आई तो मैं बैठे-बैठे पंजों पर सरकते हुए दीवार की ओट से देखने लगा.
उफ्फ भगवान ने क्या बॉडी दी थी. उसकी 34 इंच की उठी हुई गठीली चूचियां और उनके ऊपर काले-काले चूचक हल्का स्लोप लिए हुए पेट में गहरी नाभि, आज साली लाल पैंटी में गजब सुंदर लग रही थी. उसके दोनों नंगे पैर एकदम सुडौल, केले के तने की तरह चिकने और नर्म लग रहे थे.
रात में बीवी को दो बार चोदने के बाद भी लंड खड़ा हो गया. मैं वहीं पर मुठ मारने लगा. ममता भी कनखियों से देख रही थी. मेरा लंड स्खलित होने के साथ ही फिर उसने हल्ला मचा दिया.
खैर किसी तरह से यह मामला भी शांत हुआ, बीवी सुगंधा की डांट खाई, सो अलग.
कुछ महीने के बाद मेरी साली और सास मेरे यहाँ रेणुकूट आईं. सुबह में सासू माँ सुबह-शाम घंटों पूजा किया करती थीं. मैं अपनी साली ममता के लिए स्टार मूवी की फिल्म लगा दिया करता था. उस समय रात की मूवी पर बहुत ज्यादा पाबंदी नहीं थी, चुम्मा चाटी वाले सीन काफी हुआ करते थे.
कभी कभी रशियन फिल्म रात में लगा कर मैं दूसरे रूम में सोने का नाटक किया करता था. इन फिल्मों में चोदा चोदी का हरकतें कपड़े के ऊपर से दिखाई जाती थीं. मैंने देखा कि इस दौरान साली का एक हाथ पैंटी के अन्दर चला जाया करता था.
मैं समझ गया कि साली अब गरम होना शुरू हो गई है, बस मौके की तलाश में था. संयोग से मौका भी जल्दी आ गया.
सासू माँ को बेगूसराय जाना पड़ा. मैं जानबूझ कर वीडियो प्लेयर खरीद कर ले आया. बीवी सुगंधा के बिगड़ने पर कहा कि दोपहर में तुम किचन क्लासेस में चली जाती हो, मैं फैक्ट्री चला जाता हूँ.. बच्चे स्कूल चले जाते हैं.. बेचारी ममता बोर हो जाती होगी, कहो तो लौटा दूँ.
भला बहन कैसे मना कर सकती थी.
शुरु में हिन्दी और अंग्रेजी फिल्म ला कर दिया करता था. एक दिन जानबूझ कर मैंने चायनीज फिल्म लाकर दे दी, जिसमें नंगा करके चोदना छोड़कर सभी कुछ दिखाते हैं. ये तो मैं जान गया था कि स्टार मूवी की ए श्रेणी की फिल्म देखने वाली साली अब हल्ला नहीं करेगी, पर अपनी गांड फटी हुई थी.
शाम को साली ने केवल ये पूछी कि आप ये फिल्म देखे हैं?
मैंने सरल सा मुँह बना कर कहा- फुर्सत कहाँ है वीडियो फिल्म देखने की.
इस पर मेरी ममता ने एक संतोष भरी साँस ली. फिर कुछ दिन बाद एक क्सक्सक्स ब्लू फिल्म के साथ हिन्दी फिल्म की वीडियो लाकर दे दी. शाम को फिर धड़कते दिल से घर गया. घर का माहौल एक दम शांत था. मैंने गहरी साँस ली समझ गया था बेगूसराय वाली ममता को अब लौड़ा पक्के में चाहिए.
अब तो मैं अक्सर क्सक्सक्स फिल्म लाकर दे दिया करता था. एक दिन सुगंधा अपनी किचन क्लास चली गई थी, बच्चे सब स्कूल में थे. मैं ऑफिस जाने के बहाने से घर से निकला और सबके जाने के बाद मैं वापस घर कर तरफ मुड़ गया. साथ में मैंने एक बाम की शीशी खरीद ली. घर पहुँचते ही उल्टी करने का नाटक करने लगा. ममता भी पीछे पीछे बाथरूम आ गई, मैं देख चुका था कि वह ब्लू फिल्म देख रही थी.. इस वक्त गरम थी और अब उस मौके को भुनाने का वक्त था.
मैंने जानबूझ कर ऐसा नाटक किया कि वो आलिंगनबद्ध हो गई, मैं उसके कंधे पर सर रखते हुए कहा कि सर में बहुत दर्द हो रहा है, बाम लगा दो.
उसी तरह बेडरूम में चला गया. बेड के पास आकर ममता को लिए बेड पर गिर गया. इसी क्रम में उसकी नाइटी उठ गई और मेरा हाथ सीधे उसकी चूत पर चला गया.
ममता थोड़ा कसमसाई पर कहीं कुछ नहीं हुआ. मैं धीरे धीरे उसकी चूत को सहलाने लगा. ऊपर चढ़ते हुए उसकी चूची के पास पहुँच गया.
अरे ये क्या.. ममता तो ब्रा भी नहीं पहनी थी. मैं उसकी नाइटी उठा कर चूची पीने लगा, मैं जीभ उसकी चूची के चारों तरफ फिरा रहा था. उस वक्त ममता भी ‘आह उह..’ कर रही थी. मैं एक हाथ से चूची मसल रहा था, दूसरा हाथ उसकी चूत पर रख कर सहला रहा था. बुर के चारों तरफ उग आई सुनहरी मखमली झाँटों को सहलाने का अपना ही मजा है.
मैं अपनी जीभ को धीरे धीरे नीचे लाते हुए उसकी गहरी नाभि को नापने लगा. ममता का सिसकारियां बढ़ने लगी थीं. साथ ही साली के चूतड़ भी तेजी से ऊपर नीचे हो रहे थे. वो अपने निचले होंठ को कस कर दांतों से भींचे हुए थी. मैं जीभ को नीचे लाते हुए उसकी चूत की भग को चूसने लगा.
ममता की ‘उह आह..’ की सिसकारियां घर में गूँजने लगी थीं.
अंत में ममता इतना ही बोल सकी- जीजा जी अब सहन नहीं होता.. कुछ करो.. मेरी जान निकली जा रही है.
मैंने भी बिना देर किए लौड़े को उसकी बुर के छेद पर रखा, एक हल्का धक्का दे मारा. मेरा लंड आधे रास्ते पर जा कर अटक गया.. और एक तेज चीख ममता के मुँह से निकल पड़ी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई…’
वो केवल इतना बोली- नहीं जीजा जी… नहीं…
उसकी आँखों के किनारे से आँसू निकल रहे थे. सील बंद साली की चूत की झिल्ली फट गई थी. छोटी बुर अब बढ़ कर चूत बनने के तैयारी कर रही थी. एक कली खिल कर फूल बन रही थी.
थोड़ी देर के बाद फिर एक धक्का और लगा और मेरा लंड पूरा अन्दर चला गया. अब ममता की सीत्कार और चूत की ‘फच्च फच्च..’ पूरे रूम में गूँज रही थी.
अब ममता बोलने लगी थी- आह.. और जोर से और जोर से.. साला क्या खा कर पैदा किया है कि एक लड़की को खुश नहीं कर पा रहा है.. दिदिया तो प्यासी ही रह जाती होगी.
दो मिनट बाद दोनों एक साथ स्खलित हुए थे.
मैं उठ कर अलग हुआ तो देख कर मेरा खून ही सूख गया. पूरी चादर खून से सना हुआ था. कोई भी औरत समझ जाती कि यहाँ पर किसी लड़की का शीलभंग हुआ है.
ममता तुरंत बोली- आप जल्दी ऑफिस जाइए, मैं संभाल लूँगी.
बाद में ममता ने कहा कि दिदिया को शक हो गया था, वो पूछ रही थी कि जीजा जी भी आए थे. मैंने कही, तो घुमा कर पूछी कि चादर क्यों धो कर रही हो.. चादर तो बाई धोती है, तो मैंने कह दिया कि मन नहीं लग रहा था तो सोचा कि कुछ काम वगैरह ही कर दूँ.
बहन को शक न हो, ममता बात बात पर मुझ पर इस लिए क्रोध किया करती थी. अब मैं समझ गया था वो क्रोधित क्यों होती है.
तो भाई लोगों. कैसी लगी.. मेरी पहली आप बीती सेक्सी कहानी.. जल्दी मेल कीजिएगा.
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कहानी का अगला भाग: क्सक्सक्स फिल्म दिखा कर साली को मनाया चुदाई के लिये-2